Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सुदर्शिनी टीका अ० १ सू० १ पञ्चमसंवरद्वारनामानि
५५३ विमोक्षणार्थाय 'जह' यथा-यद्रूपाणि भणितानि, तथैव वक्ष्यामि ॥१॥ पंच संवर द्वाराणि वक्ष्यामीति प्रतिज्ञाय तन्नामान्याह-'पढम होइ अहिंसा' इत्यादि। पञ्चसंवर द्वारेषु ' पढमं ' प्रथममहिंसा संवरद्वारं भवति, द्वितीयं सत्यवचननामकं, तृतीयं दत्तानुज्ञातग्रहणलक्षणं, चतुर्थ ब्रह्मचर्य, च=पुनः पश्चममपरिग्रहत्वं संवरद्वारम् ॥२॥ पञ्च संवरद्वारनामान्युक्तानि, संपति प्रथममहिंसासंवरद्वारं वर्णयितुमाह-' तत्थ पढम अहिंसा' इत्यादि
'तत्थ' तत्र संवरपञ्चकमध्ये प्रथमं संवरद्वारमहिंसा भवति, सा हि 'तसथावरसयभूयखेमकरी' सस्थावरसर्वभूतक्षेभकरी-सस्थावरादि सर्व लिये (जह) जिस रूप से इनका (भाणियाणी ) प्ररूपण किया है उसी तरह से मैं इनका प्रख्हण-वर्णन करूँगा ॥१॥
अब वे पांच संवर द्वार कौन २ से हैं ? सूत्रकार उनका क्रमशः नामनिर्देश करने के लिये कहते हैं-'पढम होइ अहिंसा' इत्यादि।
उन पांच संवर द्वारों में से (पढ़मं ) सब से पहिला संवर द्वार ( अहिंसा होइ) अहिंसा है। (वितियं) दुसरा संवर द्वार (सच्चवयणं ) सत्यवचन है (दत्तमणुम्नाय ) तीसरा संवर द्वार दत्तानुज्ञातग्रहण है । चौथा संवर द्वार (बंभचेरं ) ब्रह्मचर्य है। और पांचवा संवर द्वार ( अपरिग्गहत्तं ) अपरिग्रहत्व है ॥२॥ इस प्रकार पांच संवर द्वारों के नाम कह कर अब सूत्रकार सर्वप्रथम अहिंसा रूप संवर द्वार को वर्णन करने के विये तीसरी गाथा कहते हैं-( तत्थ ) इन पांच संवर द्वारों के बीच में ( पढमं ) पहिला संवरद्वार ( अहिंसा ) अहिंसा भाटे “ जह" ने शते तेनु “भाणियाणि " ५३५९ श्यु छ. मे. शेते हु તેનું પ્રરૂપણ-વર્ણન કરીશ. છે ૧ છે
હવે તે પાંચ સંવરદ્વાર કયાં ક્યાં છે? તેને અનુક્રમે નામ નિર્દેશ ४२वाने भाटे सूत्र१२ ४९ छ-" पढम होइ अहिंसा " त्यादि
ते पांय सहारामा " " पढम" सौथी पडे सव२द्वा२ " अहिंसा होइ मडिसा छ, “ बितियं " भी सवा२ "सच्चवयणं" सत्य क्यन " दत्तमणुन्नाय " त्री सव२वार हत्तानुबड छे, याथु सव२६।२ " बंभचेर" ब्रह्मयय छ, भने पायभु सव२६॥२ " अपरिग्गहत " अपरिहत्व छ ॥२॥
આ પ્રમાણે પાંચ સંવરદ્વારનાં નામ કહીને હવે સૂત્રકાર સૌથી પહેલાં सव२६।२ मडिसार्नु न ४२वाने भाट त्रील गाथा . छे. “ तत्थ " से पांय सवारीमा “ पढमं” पउखु १२२ " अहिंसा" मासा छे.
શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર