Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रश्रव्याकरणसूत्रे
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तदेव स्पष्टयति- ' देवकुल सभा - पवा-वसह - रुक्खमूल - आरामकंदराऽऽगरगिरिगुहा - कम्मंतु-ज्जाण - जाणसाला - कुवियसाला - मंडव - सुन्नघर -- सुसाण - लेण आवणे ' देवकुलसभामपाऽऽवसथवृक्ष मूलारामकन्दराऽऽकरगिरिगुहाकमन्तोद्यानयानशाला कुप्यशालामण्डप शून्य गृहश्मशानलयनापणे - तत्र - देवकुलम् = व्यन्तरादि देवगृहम्, सभा सभागृहं यत्र समये समये मन्त्रणार्थं जना आगत्य संमिलन्ति तत्, मपा=पानीयशाला, आवसथः = परिव्राजकगृहम् वृक्षमूलं प्रसिद्धम्, आरामः माधवीलतादिपरिमण्डितोरमणीयो वनविशेषः, कन्दरा = दरी, आकरो = लौहाद्युत्पत्तिस्थानम् गिरिगुहा - प्रतीता, कर्मान्तः = लौहाकारादिशाला ' कारखाना ' 'मील ' ' जीण' इत्यादि नाम्ना प्रसिद्धं स्थानम् । उद्यानम् = उपवनम् यान
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अदत्तादान विरमण व्रत की परिरक्षा के निमित्त कही गई हैं ( पढमं ) उनमें प्रथम भावना इस प्रकार है - इस प्रथम भावना का नाम विविक्तवसतिवास है ! इसमें साधुओं को कहां निवास करना चाहिये यह प्रकद किया गया है, (देवकुलसभा - प्पवा-वसह - रुक्खमूल - आराम-कंदरागारगिरिगुहा- कम्मंतु जाण - जाणसाला - कुवियसाला- मंडव - सुन्नघर-सुसा ण - लेण - आवणे ) देवकुल में- व्यन्तर आदि देवों के स्थान में, सभा में-जहां पर मंत्रणा के लिये आकर समय २ पर मनुष्य एकत्रित होते हैं ऐसे स्थान में, प्रपा में - पानीयशाला में, आवसथ में परिव्राजकों के घरों में, वृक्षमूल में - तरु के नीचे में, आराम में - माधवीलता आदि से परिमंडित रम्यवन में, कन्दरा में गुफा में आकर में - लोहादिक धातुओं के उत्पत्ति स्थान में, गिरिगुहा में- पर्वत की गुफा में, कर्मान्त मेंलोहकार आदि की शाला में, कारखाना -मील - इत्यादि नाम से प्रसिद्ध
हान विरभणु व्रतनी परिरक्षाने भाटे मताववामां आयी छे. " पढमं " तेभांनी પહેલી ભાવનાનું નામ ‘વિવિકતવસતિવાસ ’તેમાં સાધુઓએ કયાં વાસ કરવા ते ताव्यु ं छे. “ देवकुल सभा - पवा - वसह - रुक्खमूल - आराम-कंदरागार - गिरिगुहा- कम्मरंतु - जाण - जाणसाला - कुवियसाला - मंडव - सुन्नघर - सुसाण-लेण-आवणे" દેવકુલમાં-યન્તર આદિ દેવાનાં સ્થાનમાં, સભામાં જ્યાં મંત્રણાને માટે આવીને વખતાવખત માણસો એકઠા થાય છે એવા સ્થાનમાં, પ્રામાં-પાનીયશાળમાં, भावसथभां-परिश्राननां धशमां, वृक्षभूणभां-आडनी नीथे, भाराभभां-भाधवी લતા આદિથી આચ્છાદિત રમ્યવનમાં, કન્દરામાં ગુફામાં, આકરમાં હું આદિ ધાતુઓની ખાણમાં, ગિરિગુહામાં પર્વતની ગુફામાં. કર્માન્તમાં લુહાર આદિની शासामां, अरमाना-भीस माहि नाभे प्रसिद्ध स्थानामा, उद्यानमां- आजमां,
શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર