Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 978
________________ ९२० प्रश्रव्याकरणसूत्रे गंधाणि' गन्धान ' अग्याइय' आघ्राय 'किं ते' काँस्तान् कथंभूताँस्तान् गन्धानाघ्राय ? इत्याह- 'अहिमड-अस्समड-हत्थिमड- गोमड-विग-मुणगसियाल-मणुय-मज्जार- सी ह- दीवियमयकुहियविणट्ठकिमिणबहुदुरभिगंधाई। अहिमृताश्वमृतहस्तिमृतगोमृतकशुनक-शगाल-मनुज-मार्जार-सिंह द्वीपिकमृतकुथितविनिष्टकृमिवेदबहुदुरभिगन्धान्तत्र-अहिमृतानि=अहीनां सर्पाणां मृतानि =मृतशरीराणि, अश्वमृतानि-अश्वानां मृतशरीराणि, हस्तिमृतानि हस्तिनां मृतशरीराणि, गोमृतानि गवां मृतशरीराणि, तथा-वृकस्य ईहामृगस्य ' कोक ईहामृगो वृकः' इत्यमरः, शुनकस्य कुक्कुरस्य' शृगालस्य ' गीदड ' इतिप्रसिद्धस्य, मनुजस्य-मनुष्यस्य, मार्जारस्य–विडालस्य, सिंहस्य केशरिणः, द्वीपिकस्य-चित्रकस्य च यानि मृतानि-मृतशरीराणि, कथम्भूतानीमानि ? कुथितानि-शटितानि, अतएव-विनिष्टानि=विनष्टाकृतिकानि, कृमिवन्ति-कृमिसंकुलानि, तेषां बहुदुरसे (अमणुण्ण पावगाइं ) अमनोज्ञ अशुभ (गंधाणि ) गंध-दुर्गन्ध को ( अग्घाइय ) सुंघकर के साधु को उसमें द्वेष-अरुचि परिणाम-अरति वृत्ति नहीं करनी चाहिये । (किं ते ?) दुर्गन्ध के विषयभूत पदार्थ कौनर से हैं इस प्रश्न का उत्तर देने के लिये सूत्रकार उन पदार्थों में से कित नेक पदार्थों को प्रकट कटते हैं-जैसे-(अहिमड-अरस्समड-हत्थिमडगोमड-विग सुणग-सियाल-मणुय-मज्जार-सीह-दीविय-मय -कुहिय विण? किमिण बहुदुरभिगंधाइं) अहिमृतक, सर्पका मृतकलेवर, घोड़े का मृतकलेवर, हस्ती का मृतकलेवर, गाय का मृतकलेवर, वृक का मृतकलेवर, कुत्ते का मृतकलेवर, शृगाल का मृतकलेवर, मनुष्य का मृतकलेवर, विडाल का मृतकलेवर, सिंह का मृतकलेवर चित्रक-चीते का मृतकलेवर, ये सब जब कुथित-सड़ जाते हैं, तब इनमें कीडे पड़ न्द्रियथा “ अमणुण्णपावगाई " अमनोज्ञ पशुम " गंधाणि " - धने “ अग्घाइय" सूधाने साधुसे तेना प्रत्ये द्वेष-भरुथिनी भाव-अतिवृत्ति ४२१। न नडी. " किं ते' दुध युत पहा. ४या या छ तेना ઉત્તર આપતા સૂત્રકાર તે પદાર્થોમાંથી કેટલાંક પદાર્થોનો ઉલ્લેખ કરે છે. જેમ है " अहिमड-अस्समड-हत्थिमड-गोमड-विग सुणग-सियाल-मणुय - मज्जारसींह-दीविय-मय -कुहिय-विण?- किमिण-बहुदुरभिगंधाइ " 24डिभृत-भरेसा સાપનું શરીર, ઘડાનું મૃતશરીર; હાથીનું મૃતશરીર, વરૂનું મૃતશરીર; સિંહનું મૃત શરીર, કૂતરાનું મૃત શરીર શિયાળનુ મૃત શરીર, માણસનું મડદુ, ચિત્તાનું મૃત શરીર, એ બધાં જ્યારે સડે છે ત્યારે તેમાં કીડા પડે છે અને શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર

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