Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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सुदर्शिनी टीका अ०१ सू० ३प्रथमसंवरद्वारनिरूपणम् स्थानम् ४१, “संवरो य' संवरश्च-कर्मागमकारणसंवरणात् ४२, 'गुत्ती' गुप्तिः =जीवस्याशुभप्रवृत्तिनिरोधकत्वात् ४४, ' ववसाओ' व्यवसाय:-वि-विशिष्टोऽवसाय: अध्यवसाय: आत्मपरिणामः ४४,'उस्सओय ' उच्यछ्यश्च-द्रव्यभावोनतिहेतुत्वात् ४५, 'जण्णो' यज्ञः-स्वर्गादिसद्गतिदायकखात् ४६, 'आयतणं' आयतनम्-गुणानामाश्रयः ४७, 'जयणं' यत्नः-निरवद्यानुष्ठानत्वात् ४८, ' अप्पमाओ' अप्रमादः प्रमादवर्जनम् ४९, 'अस्साओ' आश्वास:-परतृप्तिहेतु(सीलघरो) शीलगृह है ४१। कमोंके आगमन भूत कारणों का वह निरोध कर देती है इसलिये इसका काम (संवरो) संवर है ४२ । इसके आचरण करने से जीवों की अशुभ प्रवृत्ति रुक जाती है इसलिये इसका नाम (गुत्ति) गुप्ति है ४३ । यह आत्मा का विशिष्ट प्रकार का एक परिणाम है इसलिये इसका नाम ( ववसाओ) व्यवसाय-वि-अवसाय अध्यवसाय है ४४ । यह द्रव्य और भाव इन दोनों की उन्नति कराने वाली होती है इसलिये इसका नाम (उस्सओ य) उच्छय है ४५ । स्वर्ग आदि सद्दति की प्राप्ति जीवों को इसके सेवन करने से होती है इसलिये इसका नाम (जण्णो ) यज्ञ है ४६ । सभी सद्गुणों का यही एक आश्रयस्थानभूत है इसलिये इसका नाम (आयतणं) आयतन है ४७ । यह निरवद्य अनुष्ठानरूप है इसलिये इसका नाम (जयणं) यत्न है ४८ । इस प्रमाद असावधानताका परित्याग होजाताहै इसलिये इसका नाम(अप्पमाओ)अ. શીલંગૃહ છે. (૪૧) કર્મના આગમન રૂ૫ કારણોને તે નિરોધ કરી નાખે છે. तेथी तेनुं नाम " संवरो" सव२ छ. (४२) तेने मायवाथी वानी अशुभ प्रवृत्ति 42ी लय छे तेथी तेनु नाम “ गुत्ति " गुप्ति छे. (४३) ते मात्भानु विशिष्ट प्रा२नु मे परिणाम छे, तेथी तेनु नाम “ववसाओ" व्यवसायवि. अवसाय-अध्यवसाय छे. (४४) ते द्रव्य अने भाव, से मन्नेनी उन्नति ४२नारी छ तेथी तेनु नाम “ उप्सओय " उच्छ्रय छे. (४५) तेना सेवनथी
वोने स्वा माह सातिनी प्राप्ति थाय छे, तेथी तेनु नाम “जण्णो" યજ્ઞ છે. (૪૬) સઘળા સદ્ગુણોનું તેજ એક આશ્રયસ્થાન છે, તેથી તેનું નામ " आयतणं " मायतन छ (४७) ते निश्वयं मनुहान३५ छे. तथी तेनु नाम “जयणं" यत्न छे. (४८) तमा प्रभाह-मसावधानताने। परित्याग तय छ, तथा तेनु नाम “ अप्पमाओ" मप्रभा छे. (४८) ५२ प्राणायाने ते तृसिना ॥२९५३५ डाय छ, तेथी तेनु नाम “ अस्साओ" यावास छ. (५०)
શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર