Book Title: Jain Kavyaprakash Part 01
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
Catalog link: https://jainqq.org/explore/003689/1

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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ी नैनमव्यप्रासः लाग पहेलो. तेमां पृथङ् पृथङ् पंडित विरचित प्राकृत लाषायां स्तवनाहिडोनी समुायः तेने स्वप्रज्ञानुसार संशोधन डरीने शा. लीमसिंह भाएाडाज्य श्रावडें श्री भुंजापुरी मध्ये नगीश्वर प्रेसमां छपावी प्रगट इश्योछे. Jain Educationa International संवत् १८५३८१. श्रावण शुध्य १. For Personal and Private Use Only Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - % GGAROO Sarswayawasesanused जा + | D खान की १० १0 हसि Raathore .५७ ocialB . नीलवत निषेध ARE RSSISTAN SM - Ram महाविएयंत्र Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रस्तावना. चैत्यपानायायो,स्तवनो, सळायो,प्रत्नातीनां,वसंत,होरी,द्रुपद्य ज्याय,टप्पा,डुमरीमोहीमो,जारभासा,भारतीयो,भंगल,तेभर घालू घराणोभांशवातांपो,तथाजीन, पंचमी,मष्टभी, जनेनेहाशी वगेरेनां महोट महोस्तवनो,त्यानिने प्रहारना प्राप्त उविताभांश्येसा थोजें उरी मापुस्तुसमाप्त उत्युंछे, पिता रयेवाग्रंथोने वांयवालगवानो रिवाल परंपराधीन थाना योभायेलोछे,पराभाधुनिलयीभने भने शास्त्रावलोऽन उरनारासपुर षोघीने मेस्तवनाटिओनी श्यनाउरेछे, भाटे मेसर्वग्नीने अत्यंतरी पयोगीथायछारराडेसेसळायाहिभांपए जोडओ स्थलें मेवा मेचा अपूर्व विषयोआवेछे, ते विषयो महोटा मोटाशास्त्रोना चन ता तथा श्रोताने पए नएवाभांनभाज्यालोय, तेथील भावजेसळाया रिजोनामल्यासीसग्नो पराटपाजे भहतग्रंथोना विषयोने न्नपी राछे. ___ उविताभांउरेखां प्रउरएडिओ,वांथनाराजीने चांयतां,तथाशीजना रामाने शीजतां स्वल्पप्रयासें त्वरित उंहाथायछे.तेभत्वपी पैत्याधि गलभस्थानओने विषेश्रीग्नि प्रतिभाघिसन्मुजस्तुति उरतीचजतें चियि राणोभांतयारसिङदेशीयोभांगायन उवाथी परमेश्वरनीलत्तिमा नसीनताथवाथी प्रलुनाशुएगोमां भेजता भने प्रत्नुनावपमांतन्मन यनाथायछ, तथा वषी डेटसांभेसळायाहिजेतोवां वैराश्यगर होयछे, वाचनार तथासाललनारने ओजपूर्व वैराश्यनोमंदर त्पन्न उरेछे, तेथीतेचांपनारलव्यने संसार विरस्त थवानी रविणत्पन न्नथायछे, भाटे नेतादृशस्तवनाहिसे पराजमाघहिडोने महापड़ा, रीछे,मेवानघणा विवेही सपनोने भनुलवासिध्यछे. से पद्यामाग्योनाशनीमपूर्व श्यना तथाभासवणेरेनी || हनिन्नेवाथी मुध्धि मानोने चित्तयिभमृतिथायछेतथा प्रतिनि वांयवा Jbl Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibralborg Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - लएवानो जील्लास वृध्यि पामेछे,तेथीज्ञानवृष्पिथायछे,त्याभिने प्रहारनाखालस्तवनाहिस्थी भलेछ. तेथीन महान्योनी श्यनाजी रनारा पंडितोपए प्रसंणागतमवाशसभयें स्तवनादिनी रचना पराज रता गयाछ, परंतुजे पध्यतिने रोयें अंशीर उत्याविना पड़ती भो तीनथी. ॥ यती महोटा महोटाग्रंथोरवांयो,परंतुरास,सल्लाय,तथास्तवत नाटिओभांशुंचांयवानुंछे महीने स्तवनाटिओने दूषएनभापता,न्ने वीरीतें भहोगग्रंथोपांचवा,लगवा,साललवातेवीरीतेशसाहिने प एरिचिपूर्व चांयचा,लगवा,साललया, परंपराथीपालती भावेलीरीत छ,ते योग्य छे.मेथी पए घणालयलगोजोघजीत्नी सामग्रीपामा तामाव्याछे.तथा सायाहिनाभायखेनारनीषुध्यि सिध्यांतर हिजो सालवामा प्रवेशश्याने शतिभान थायछे, भाटे जापासला यारिगेनोजनाहरनउतांनी गत्तभताजेपर सारीरीतें सक्षमापी जात्यने जीतेग्नभापधु, व्यती पूर्व विद्वानोनाउरेलामपूर्व अपूर्वा स्तवनाधिोनो संग्रहीनेभा पुस्तनोनेवोभाप्रथभलागहुंजाहेर पाडूंछु,तेवीरीतेंतेवाजील शलाशजाहेरपाडवानी भहारीजलिसा पाछे,ते पूर्ण थाय,जेब महारासन्न साधर्भिडलानोने हुंप्रार्थना रडूं. अस्तु. । वर्तमान श्रीवर्यभान स्वाभीना शासनभां परामनेड पंडितो स्तवन नाधिोनी श्यनारीगयाछतेभांपएा विक्रमान्ति पछी माशो वर्ष सुन धीमांतोषगुंडीने भागधी, तथा संस्कृतलाषाभांल पद्यश्यनाघ ग्निस्तोत्राहिहीडामांसावेछे.तेवार पछीसंस्कृतभने भागधीलाषाभां पएाभज्ञ मनुष्योगपर पारीने उटवाने विद्यानो0 भर शानि शोनीलाषाने भसतारोडोशमोवापरीने शुर्जरलाषाडूपें स्तवना, समायो,शसो,वगेरेजनाववाडीपर सक्षमापेसुंन्नेवाभांबावेछे,तेप एवसी अखानुक्रमें भलेम पश्चात् पश्चात् विद्वानो नवा नवाऽविताडूपें| Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्तवनादिशेनी रचनाउरी,देशोदेश विहार उरवासागा,तेमतेमतेतेपंडितो|| नारयेसांस्तवनाधिोनीतेते शोभांतेसमयमांप्रसिध्यिथवाथी पूर्व पूर्ववि हानोनी उचितानेलएगावांयवानी प्रसिध्धिस्वल्पयती थाली,भेपी प्रवृत्ति-|| जानपर्यंत पालनी भाषेतीघोडामां जावेछे. परराडेशुरलाषाभांव यीन पिभोनारयेसांभनेऽसन्दायाधि प्ररणोभान वर्तमान समयन भां वियभानछतां पए परीने मर्यायीन विद्वानोनी र पेलीउवितासोने| भापएानलाईनोलएवापांथपानाजोपयोगभांसीजेछेते रीतीने मनुसरीने में परा हासनावांयनारलाशोने सनुस पडे तेवी, रीतें नारी नथी सुमारे वधुभांवघुत्रएशोवर्ष पूर्व थर्षगयेसा पंडितोनारपेतान्हाना महोटाजध्यामती सुमारेलसोपहिरो घजप उरीनेभापुस्तउनु नाम नैन अयप्राश भाप्युंछे. तेभलजीन्न सुमारे रूपोस्तवनाधिोनोन समावेशी ध्वनगरी सीपिभमुरित रेसुं न प्रजोघ नाभपुस्त पराभवां थोडा विसपरजाहेरपाऽथुछ. आरएडे डेटलाडलानी सोने गुन्शनीषीपियांपवाभांसवस पडेछ, जने डेटलाग्ने शास्त्रीजी पिपायवाभांजीपयोगी पडेथे तेथीजे पुस्तमन्नूदीन्लूपीसीपिभां छाना प्याछे. परंतु स्तवनाघिरे घघुउरीने परस्पर जीन्नथीलूांना प्रत्येऊ पुस्तभांघजसउरेखांछे. लावणीमो मुंजेडपुस्ता,तेभनगहूसीवपर्नु मेऊ पुस्त, रीतें भेजे पुस्तमप्रथभथी न्यूयं पागयांफतेने सीधेसावएीनो तथागतीमोनोलाण,भा पुस्तभांसीघोनथी. तेभन पुस्तऊ महोईन थयानालयने सीधे जीलपएउटसाने अवश्य जरा उश्यायोग्य यो मुरित उरवाने रहीगयेलाछे,ते द्वितीयाडिलाणभांघजसरीश ॥ मापुस्तऽनावांचनार भतिभान सनोने हुंसविनय प्रार्थना ई.धुंडे, मापुस्तम्भनेने स्तवनाहियो राजस उश्यांछतेमांनी ओ| मेऊनीतोजील प्रत महारा हाथभानहोवाने सीधे तथाटलांगे| तो परंपरायें जवामान जशुध्यथर्शगयेलांने सीधे तया भने पोताने - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ data - परारसांने जारगोने सीधेनाप्रथमलागनीतपासपी उरवासा रघगोस्वप्पजत भत्योछेतेने सीधे,तथा शिक्षा प्रेसणेपर मा पुस्ता छाप्यु, तेथीजीलवजत यूठ सुधारवानी अगवडने तीघे,रुस्चना हीर्घ,गनी,मात्रा,अनुस्वार वगेरेनी यूओ तो प्रत्यक्षपएील थयेसीधी भांजाचशे, ते सर्वसुन्नी सुधारीवांयशे- वसीवरेभा पेय मध्ये सीढीजोतेहेरो जालीघानतथाअढीहीपते हो। एहरिद्वीपमें) मेवा पाहलूलथी खजागयेताछे,त्याफिजीलपण जेवाप्रहारनी यूटोणपरतजेला मरणोथी तथा शिशीषथीतथा मना हारी भोछीसभएनी प्रजतताथीथयेखीन्नेवाभांबावशे.तेम ध्य छापवारूप मपरापने शर्छ महाराथीथयस हीडामाभावे,ते मना हारी पर पापूर्वउ भने भंभतिन्नएीने मे अपराध क्षमाश्यो,या नेवा प्राश्ना अशुध्यताना शेषयी निवृत्तथवानेहुंभहारा मन, वयन,मने आयायें, घिउरए शुध्ये जीजे पुष्कृतने समस्तवांचनार साइजोनी समक्ष, पुनः पुन: मिथ्याई . डिंबहुनारिखेजनेन. RMALAR - - RANT TAMI Jain Educationa International ताभसीतापस शानस्थयुंतेनुचित्र. . Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रथम चैत्यबंहनो९०. ૧ श्रीसीमंधर पीतरागः २ सीमंधर परमातमा. 13 श्रीसीमंधर नगघएगी. चंदु निनबर विहरमान 4 खाँनमो विश्वनाथाय. दे जनुक्रमणिडा. पृष्ठ. २७ पहेले परिहंतनमुं ૧ २८ पोषीश पंरपीस्तालीशनुं. ११ ૧ २७ दुविधधर्भनेएगेंडीपट्टेश्यो . ११ ७. त्रिगनेठा वीर नि. २ ૧૩ २ ३१ महाशुहि साहमने हिने १२ २. | ३२ शासननायडवीरन्न. २. 33 शांतिनभिभसि भेष छे. ૧૩ ૧૩ ॐ रोहिणी तपसाराधियें: ૧૪ ४५ गौतमाहिजणीश्नार गएाधरनांगीआर चैत्यवंनो. १४ ५४ अरिहंताहिङ नव पहनांनवर्थे १७ ९ न्यन्ग्यनालिनरिंनं. ७ न्यत्याहिभतीर्थेश. - अरिहंतनभी लगवंत नमो. श्रीवाहिनाथ नगन्नाथ. १० सुवएविएं गन्शन गामिनंः 19 सरवारथ सिध्धेंथडी. 3 Jain Educationa International 3 F य 9 મ ५ १२ साहिब जलवेसर. १७ न्यन्यशांतिनिएह हेव. १४ अद्यालवं सरलतानयन ५ १५ प्राभाभिसहा प्रलुपार्श्वनिनं ९ १९ पुरिसाहाणी पास नाह. ९ १७ श्रीपार्श्वनाथनभस्तुल्यं. १८ न्थ चिंतामणि पार्श्वनाथ. ११ समुद्रविन्य सहनंह १० ) १ २ 3 १ ९ ७ १० २० ५५ सडल कुशलवल्ली पुष्टुरा० २० ५५ श्रीशत्रुनय सिध्यक्षेत्र. ५७ पद्मप्रलने वासुपूज्य - ५८ गएाघर थोराशी उद्या. ५०० परमेसर परभातमा. ९० निनरूपें न्निनाथडे. जय थोयोज. सीमंधर स्वामी निर्भला. ૧૨ श्री सीमंधर सेवितसुश्वर. २२ २० जावीशभा श्रीनेमनाथ. २१ वर्ध्यमान निवरघणी. ८ २२ विभस डेवलज्ञानम्भला. ८ • महाविदेह जेथें सीमंधरस्वा० २३ श्रीसीमंधर मुन्नेवाला. ૨૩ ' 94 साहिनिनवरराया. ૨૪ जति सुधर सुंदर. २३ सीमंधर प्रभुजनभुं २४ प्रथमतीर्थेऽरताड़ना. २५ खान व नरिहंतनमुं २५ जार गुएाग्नरिहंत हेच. पृष्ठ १० २० For Personal and Private Use Only ૨૧ ૨૧ ૨૧૧ २४ श्रीशत्रुन्य गिरितीरथसार २५ ८ शत्रुन्ग्यमंडए। जाहिद्देव. २५ Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - 11. भागें पूरखंवारनवाएं. २९/१८ गुरगएपनि गांण मेशोतभा १० शांति लिएरोसर समरिथे. २७ हिमगीमार गएराघरोनी मणी|११ सससुजाउर प्रएमितनागर. २७ लार थीयो. |१२ गनपुर भवतारा विश्वसेनर २८॥ ५७ पथिज्ञाननी पायथोयो. ४ |१७ शांनिउर शांतिनिन. २८५४ पुंडरगिरी महिमा. ५ १ जरग्निाथ सुसाधुसुरेसुरा. २५|| ५५ श्रीसीभंघर निनवर. ५ |१५ गिरनार शिरीवर चंहिथें. २०७४ अषमाहि योवीशतीर्थरनी । १९ सुरमसुरयि पायपंडल. २८ चोवीशथोयो. ५ १७ श्रीगिरनारें नेगुएनीसो. ३.८० ऋषनयंशननचंनीने. ५० [१८ नेभिग्नेिसरप्रलपरमेसर. ३०८१ दिनसत भनोहर. ५१ १४ श्रीग्नि नेभिल्नेिसर० ३१||८२ श्रावण शुहिदिन पंयभीमें. ५१ २० नेभीसरने श्रीनारायणा. २८३ मंगलारीनसभागल.५२ २१ श्रीनेभीसर सुरपतिभागस. ३२/८४ मेघशी अति एमडी. ५२ २२ न्यानलबनभांहे. 33||८५ संसार धयानपघानीरं. ५३| |२७ प्रएनित्यपास पितानाए. 300९ मरिहंत नभोवती ५३ २४ उत्याराडार पुजनिवार. 37||८७ नालेयान्तिवासुपूल्य. ५४ |२५ शंजेश्वर पासल पूलयें. ३५ || ८८ जौहीसवेशमाभायङदीधुंजे २९ चीरनिनेसर लुबन हिरोसर ३५ अध्यालयोय अर्थसहितछे.५० |२७ पुएयनुं पोषरापापमुंशीषए. ३५ ८८ श्रीतीर्थरवीरनिएं. ५७ २८ सत्तरलेही निनपूल रथीने. ३९८० पहेले पहम्पीयें अरिहंत. ५८ २० ग्निशामन पंछित. ७ || ८१ उनसभ शरीरं. ५० ७० प्रहपीडी चंसिध्ययक्रसहाय. ३०||८२ गिरनार विलूषण. ५५ ३१ पर्चपलूसण पुए पाभी. ७७ ||८०३ पर्व पलूसणपुएथे पाभी. ५५ ७२ पर्व पन्नूसएसईसनम्. ७८॥ 63 श्रीशत्रुत्य भुज्यतीर्थ तिलडं. 30 जथछंह 37 लबालवा पुएयने पाया . ३०१ सेयोपासशंजेश्वरो भन्नशु. ९० ३५ मलूति अनुपमएलस्या. ४० | २ मुख्याएराषिसहनायनमो. ९१ ३९ पूछे गौतमवीर निएं. ००७ सेवीवीरने चित्तभां नित्यपाल ९१ / ||७ नक्षत्ररोहिणीने हिनभाये. १ || वीर ग्नेिसरडेरो शिष्य. १७/ - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 69 ५ पंछित पूरे विविधपरें. ९ महिनाथ जाहेनिनवरवंधी ९५ ९७ ७ शिवं शुष्यजुष्यं परं विश्वनाथं ९७ १ - वंही हेव वामेय हेवाधिधेयं ९८ २ ९१ ३ 4. जेटीसें विसुध्यो लुग्भोजाप० १० लीडलंग्नलुलीउलंग्न ७० ११ नयोन्योगीतभणएाघार. ७० ५ Jain Educationa International ૭૭ १२. सुजारएालविषएा. ७१ ९ १३ सससारसुरतन्गलणं. ७२७ १४ घवल विंग गोडी पएगी. ૭૧ १५ अहडीडी मामे पार्श्वभु. ७३ १९ श्रीसुभति हाय दुरित घाय5. ७४ १७ सम्स भूरतिश्रीपासती. ७५ १८ स्मरशांतिग्निं निनशांतिङरं ७९ १७ थोपीशे निननां सुजद्वार. २० प्रलुपायसागी उई सेवताहारी. ७८ १ २१ प्राभाभि सहा अनुपार्श्वग्निं ७८ २ २२ प्रलुन्योति हीपेशशी सूरकंपे ७७ 3 २३ सुज संपत्तिहराय हेवसहा. ८०४ २४ वरहायड भाय ससाभरी ८१ ५ २५ वंहीनरनारी समद्धेतुधारी. ८२ ९ २९ सोरहमें सोहाभएांतीरथ ८३ २७ नगन्नाथ नगहीशनगजंधुने ८४ २८ जसजश्नणोथर नसरूप ८९ १ २७ सम्ससुरासुरवंयं ८७ २ 30 सुगो संलवस्वामी नरहास. भोरी. . ४ ) २८० ૨૮ ૩૧૩ श्रीवीर मलुलविन्ननेग्जेम० २८० सेवोलवियां सिध्ययकनेल. २८३ सिध्धधकने ललयेंगे. श्रीसिध्ययक नाराघीयें. - जसजेसानी लेबी वाटडीरे. 3५७ " नवप ध्यानघरोरेलविन्न० १९९६ १० जसिहारी नवपः ध्यानडी ३८५ हॉटेलवा चतुर सुन्नए ११ ४०७ जयसिध्धचक्रलनां स्तवनी ११. समरी सारह भाय. ७७ अवसर पाभीनेरे, डीजें नव० १२० जोलविप्राएणीरे, सेवो. अथ हवालीनांस्तवनो ९. नयनिनवर नगहितडारीरे १०१ भारणहेश मोक्षनोरे. ૧૩૧ रमती गमती हुने सहेली. १४५ सुरसुजलोगवी त्रिशला २८१ महारे हीवासीरे धर्धरज्ञान. २८२ धन्य धन्य मंगल मेरे सहस० २८२ श्रीशत्रुनयनांस्तवनो१७. आजडीयेंरे में ग्जान शत्रुनय० ७१ विभसापस नित्य वंहीयें . ७२ सिध्यगिरि घ्यावोलविडा, सि० ८१२ 3 . • जावो गिरि सिध्याय नयें १४७ ५. श्री सिध्याथलमंडला स्वाभीरे. १४८ ९ नत्रानवाएं उरीयें विभसगिरि २७७ For Personal and Private Use Only www.jainelibran org Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - || सिध्यगिरिराग्नेलेटीयें ल भाल्सइसनिणगीयोहों २ | विन्न २५|| तीस्थतीरयशुंनोरे रसीया २४५|| ८ याषोने प्रीतमलप्यारा. २८७ ५ सभेत शिजर यायोग्य. ३०० ५ डुंगरप्यारोरे में भोती बघा. २००९ डूंगर जताई पाहाडीयां. १ १० तेहिनध्यारेभावशे. ___3300 शिजर परशक्तवीश निनंह००३|| ११ महाई भन भोयुरे, श्रीसिध्या । यरे. 33१|| छूटडतीर्थोनांस्तवनोप. १२. भोरातभराम पाहिनः 33२१ शव॒ते ऋपनसभोसस्या. ५१ १३ न्य येशबुरे याषी. ३०५२ श्रीशएऽपुर रसीयाभएरे. ७७ १४ श्रीरे सिध्यायसलेटया. ७७७|| ७ तारंगानीढूंडे भूउंभानगुभान 3०८ १५ भारमाथावोसैयां. १०|| 7 लवितु बंधेरे सुभतिनेउना १९ थालीसजी सिध्यायपरमेथे ४१५/५ भारिप्रेमाहिमेनाहि. ४८|| १७ सिध्यायष गिरिलेट्यारे धन ०१९|| भहोटांस्तवनो २३. माजुलनांस्तवनो. सभडेतनुंभात ढासन. १०७ ||१मादिग्नेिसर पूल्तां. ०५२ पुएयप्राशनुभाइ ढालनु. १०८ २. भावी नापोने रात्रीमणुह ८९ 3 ज्ञानपंचमीनु छदालतुं. ११५ भाजुभपतरसीमाभगोरे. २७० - बीर तिथिy. १५ मष्टमीमुंजेठाखनु. || अष्टपहलनांस्तपनोर९ भेडाशीनुं चार लालचं. १२८ || यमाशघेयीयेल. ०५/७ सिध्यन्यिक्रतुंचारतात,. १७५// ॥२ तीरथ मरापनित्यनभीयें. १२२ . रोहिएीतपर्नुछ ढाल,. १७३|| 3. श्रीजापपरे, नएी. २००८ माहिग्निाविनति. १७७|| अशापर मरिहंतल महारा० २०९१० निश्चयव्यवहारनुंछठालन. १४० | ११ पांथसरणतुंछदालतुं. १०५ श्रीसमेत शिजरछनां ||१२. मेकाशीनुंत्रए टालनु. १५७|| । स्तवनो७. ||१७ ज्ञानाहिनयालित चीर लिन || सभेत शिजरनिनीयें. ३ मुंभाठाखy. २२१|| २. न पूलेलाल सभेत शिज. ४३||१r श्रीमहावीर स्वामीनां पांथ. - - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - मुख्याएउनुं शढालनु. २२० मरिहंतनगे १५ अष्टभीनुंजेढालन. २५०/५ अपराउरतीभारती. ७९ १९ भाटिनिन विनति. २५१/५ पहेली भारती प्रथमारिएंघ. ना ||१७ महावीर स्वामीना सत्तावीश - पहेलीरे भारती प्रथभ० ७५|| | लवर्नुपांच दालचं. २५७/८ भारती जीने पासभरडी. १७७|| १८ नेभलनी नवरसो. २५७/८० नयनयभारतीशांतितुभारी. १७६// १८० महावीर स्वामीना सत्तावीश १० डीवीरे धीवोभंगविधीचो. ४७५|| लपर्नुछ दासमुंश्रीवीर पि- ११ निननवमंशपूनना होहा. . ४७७ न्यलत. |२० भौन भेडाशीना घोढसो उ- गएघरलनांस्तवनोह. || || प्यापिउनुंजारढासमुं. १९९१ मेघशगएपनांनाभ. १७५|| ||२१ षट् महानुनवटासमुं. ३५८/२ भात पृथिवीसुत प्रात. १०|| २२. सिध्यडिडानुपायढासन. ३९३||3 गौतभनाभनपो परत्लातें. ७७५ - हेममूति ताहाराशुए. १९ बिहरभानश्रीसीभंघराहितीर्थरोनां स्तवनोद , थडेसरीभातानांस्तपनो २/ १ सुपोयाल सीभंघर परमात० ८.१ हारेभायझेसरी सिध्या. २८ २ भनईते भाहारंभोऽसे माहारा १२२ २. मसाजेसीरे गड्डेसरीभात. २० 3 सीमंघरठे सभोसरन- ३७५ श्या पाभीभतीडूडी. १२३|| श्रीयशोविग्यलणपाच्या ५. श्रीयुशभंघरचीनमुरे १३ यस्तवीशविहरभानगि९ साहेजाश्रीसीभंघरचाहना ४२१|ननांचीशस्तवनो. ||१ पुष्टुवर्णविन्येन्योरे,सीभंमारतीतथा भंगसहीः ॥ घर निननुं. १९१|| पड वगेरे ११. ॥२ श्रीयुगभंधर साहिजारे,गुग- || १ सिध्याश्यलूपति मोहे जत्रिय ९९|| भंघर निननु. .. १९२|| डीने भंगस्चार मान धरे.. २८३|| 3 साहेलणाहुन्नेिसरचीन . १९२/ यारो भंगत पार भानः २७| स्वाभीसुजासुएंडई. १९२ ||र पहेलुंजे भंग भनघरोत्री ॥५ सायो स्वाभीसुन्नत. १९७|| Jail Educationa International For Personal and Private Use Only Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । - - - ( १२ । ९ स्वामी स्वयंप्रल सुंदरे. १९७|| ८ घुपए हुँतुभ भन नविभावूरे १७५|| • श्रीऋषलानन शुएनितो. १९०|| १० श्रीशीतल निनलेटीये १७५ - हिमभघुउरभनभासतीरे. १९०११ तु जेड भित्रीरेसाहेजा. १७९|| - सूरभलु लिनवर घातली. १९५/ १२ स्वाभीतु संर्घ अभएडीपुं. १७६ |१० घातली जंडे होडे पश्चिममH ||१७ सेरोलरिया विभस निनेसर. १७७|| | ललो. १९५/१४ श्रीअनंत ग्निउई. १७७| ११ शंजलंछनचलंघर स्वाभी. १९९१५ थाशुप्रेमजन्योछेरान. १७८ १२ नसीनापति विनयेन्यजारी. १९९१९ घननिसा धन पडीतेह. १७० ||१७ चानघ्ननरिनोरे, ग्निरंक- १७ साहेसांउंथु ग्नेिसरवः १७५/ | नालाय. १९७||१८ श्रीअरनिनलपरसोतार १७५१|| १r लुयंगवलायेंलन्ने. १९८॥१८ तुर मुनग्नी रीर. १८० १५ पासेनशोघ भात. १९८||२० मुनिसुव्रत ग्निपंतां. १८०॥ १५ पुष्पवर पूरवमयघवाने. १९४२१ श्रीनभि निनीसेवाऊतां. १८१ १७ पाश्चिम मर्म पुष्पश्चरें. १९५५२२ तोरणभावीरथरेनीगयारेहा १८१ १८ देवशयनी नं. १७०२७ याभानंन ग्निचर मुनि भांहे |१४ चयशानिनशलमो, भन. वहोरे. १८२|| मोहन भेरे. १७०|| २४ गिरनारे शुए तुभतए. १८२|| ||२. ही पुज्नरवर पछिमध्ये १७१|| श्रीभानपिन्यलपाध्या श्रीरशोविग्यपाघ्या , यस्तयोगीशग्निनांस्त यस्तयोगीशग्निनांस्तव० | वनो. ग्गलवन ब्णपालो. ११/१ ऋषन गिांधापनधि - १८३ २ मनित निएंघ्युप्रीतही. १७२२ अग्तिाग्नेिसर परणनीसेचा.१८७ | संलग्निवर चीनति. १७२|७ साहेजसालचीनति. १८ना || ीही होप्रलसीडीलगशुईतुर.१७३ र प्रलुभुन्टरिशन भाषियोमा १८० ५ सुभतिनाथशुएशुभतील. १७७|| ५ पअनूप निहालीसुभतिलि ६ पमान प्रलुनजलगावश्या. १७४ नताहारं हो साख. १८५|| - श्रीसुपास ग्निरान. १७९ श्रीपमप्रलनानाभनें , हुंन्नः । 1- स्प्रलग्निसाहेबारे. १७५// अंजलिहार. - . १८६ - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryllo Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • निरनी निरजीतुरजिंषने. १८९|| ५ सेवोसुभनि रिनेश्नरसाहिलो. १०ना द ही साहिजारे भन भान्या. १८७|| ५ पमप्रलण्यानभासाहेण्डी०१७-८|| - तुरसेवासारीरे, शिव सुजनी ॥ सातभोसगलयवारवा. १८५|| . त्यारीरे. . १८७८ श्रीयंस्प्रलग्निशयन,ग्नि ॥ ||१० तुरभुज सन्मुजानिरजता. १८४॥ चरब्यारी.. . १४५|| |११ श्रीश्रेयांस लिए पना पन - सुविधि ग्निपति सेवी,मन। | गह गह्योरे. १८८॥ भोइन मेरे. २०० ||१५ वासुपूल्यतुंसाहेजसायो. १८५/१० शीतलनाथ सुहंटई. २०० ||१७ हो विभत लिनेसश्सुइसाला १८० ११ छच्चीशसहस्सलज्ज छाशक २०१ | ज्ञानभनतुताहरेरे, परिशन १२ पासवस्तिपंछियरे. २०१ | तारे अनंत. १८०|| १3 विमलनाथ तेरभालविपंधे. २०२|| ||१५ श्रीधर्भलिएांच्यातल,धर्म १० अनंतारिनेसर पिणमाळ, ॥ || तपोधता १५१|| आपो थारमनंत. २०२. १९ श्रीशांतिग्नेिसर साहेजा. १५१/१५ घर्भनिएघश्न पएीरे. २०७ १७ उंयुग्नेिसर न्नान्नेरे... १८११५ शानिदिनेसर शोखभा स्यामीरे २०३ १८ श्रीभरनाथ जोपासना. १०२.१७ उथुनिनेसर परभपाटी. २०१० १८ महिमा भास्ति निगरानी. १५३/१८ भनिनलिनेसर बंद्यो. २०७ २० भुनिसुव्रतहीने मयारे. १०/१५ लछो भातिग्नेिसर मनहरे. २०१ २१ श्रीनभिनाय निएंडनेरे १५७ २० मुनिसुव्रत निग्न मेहेर अरीने. २०५/ २२. नेभि लिए निरंन्नी. १८४|| २१ नभि ग्निवर मेचीशभोहोय २०५// २७ श्रीपासल प्रशर प्रलावी. १८५२२ नेभि गिनेसरनभीथेनेहशुं. २०९ २४ शासननायसाहेजसायो.१८५|| २३ पासप्रनुत्रेचीशभारे. २०५|| | २४ श्भलिएहयोवीराभो. २०७|| श्रीपाविन्यलतयो वीशन्निनांस्तवनो. ॥ श्रीराभविग्यलतयो |१ व्यथितामणिगणुर. १४९ वीशग्निनांस्तवनो. २ श्रीजानितग्नेिसरपंटियें . १५९१ मोसंगडीतेचाहिनाथनीन्ने. २०७| संलय ग्निचर सुनहर. १८०२ अतिग्नेिसर साहेबारेखो. २०० - सुंघरमलिनंहनाग्निराल्नी. १०७७ भने संलग्निशुंप्रीत,मपि - - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - । १४ ) - हडसाणीरे. २००|| २० सेबोलविल्न निनत्रेवीशभा २२०|| • श्रीमानिनन निनस्वामीनेरे २०८० || २४ यरएनभी निनशनारे. २२१ ५ पंयम सुमतिग्नेिसर साभीडे. २१० | ५ श्रीपापनाग्नि सेवीयरे. २१०॥ श्रीजाहिनाथलनांस्तवन ७ सेवन्नेरे स्वामी सुपास गिने- १ मारिलिए मरिहतळ. १२० सर्रे लाल. २११ || २ ऋषत्नान्शुिंचीनति . २०२|| ८ निल चम्मल अवधारोडे. २१२|| ३ जाहीसर रगतीसरे. २४७ | सुविधि ग्नेिसरन्नशतो, पण पाउरोने भासर जावा. २७८ | भोइनस्याभी २१२५ हारे वासोभारो रिपनहेच. २८९ १० श्रीलहिलपुरनावासीरे, राहे ६ निगडेजेसी सना हेता. २०० || मभाऐशरे. २१७ || घिधुरेशल रहेछन्नेतान्नेता २०० ११ तारऊनिरसुएगीजरी,हुंभा- ८ मनडु मोधुरे माहारी. २८० | चीजलो घरजार. २१३|| ५ नगीनो नायरे महारोन. २८५| १२. श्रीवासुपून्य नरिंना. २१०|| १० भनुप्यारा भनुप्यारा. २५५// १७ दिनविभप वहन रखियाभएणु. २१५/ ११ ऋषल लिनसाहेबातोरा. ७०१ १४ सुसानंहन ब्ण नंहननाथं २१५/ १२ नैनासोतल में निराज्या० ३०१ १५ घर्भग्नेिसर सेवीय रे.. २१९, १७ घूसेवागढजीय तोरो० ३०२ १९ सुंधशांतिनिएंटनी, छजी ||१४ ताहारीतोष्णीन्यारी लागे० ७०२|| छाने छे. २१९ १५ नानिशन्न परन्नसनभि० ३१० ||१७ रसीयाउँथुनिनेसरडेशर- १९ अयन्नेउतभायासभन. 3१२|| लीनी हेहडीरेसो. २१७/१७ सांवराणुएगाणरे. १७ १८ शायन्नेरे घरीणसास,मरनि १८ प्रनुल भेरे नैनन जसरी. 3१५// नवर गधीसरे. २१७||१८ मुनेवालोलाछेळ शरी०३१९ १५ मिथिलानयरी रेभवतत्या. २१८ ॥ २० लसामान तेरारिशनपा० ३१७ २० मावीमायोरे सजी हेहरे - २१८ || २१ घेच भेश होऋषलव भेगाहो. 3१८ २१ चिनयनरेसरनंनसास, २२. उशरीयासें सागोभेरो ध्यानरे. ३२० | विधासुत भन भोहेछ. २१८, २३ बृपत्नसंख्न प्रलुऋषन० १. २२. रान्नुलाई प्रियानभन्छ ,शुए ॥२ आरितुंही भाटिनिन. में लएो छोउनां २२०||२५ साथिोरे सीएोरनोश्चाभी. Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra' Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १५ ३४१ | १२ ३४४१ ३४७ २ 34४ 3 30 श्रीऋषलवर सोपवासी. 32 मानतोवधार्धशन्ननालि० ३६६ ४ ७२ बीडतेरो भुजहेजुंनालि, ३७० ५ ३७० ५ २५ महेवी माताऋषलङ्कं - २७ सिंहासन पद्मासन जैहे. २८ शेभुंन्ननोवासी प्यारोसाणे. २७१ लतल उड़े सुएगो भावडी 33 पीठत प्रलातनाभनिन. ३४ पून्तुं धरणार जिंहनालि 34 न्यनयऋषल घ्यानिधि - ३५१ ७ 33 303 - Ja Educationa International अथ जनिताहि बिननां स्तवनो 33 ३७४७ ३७४१० जनित निनो ध्यान घर भनः ७७८ ज्ञानाहि गुएा संपाने. ૧૧ साहेज सांलषीरे संलव. હ रिहा नन्म समये. हारे हुतो भोझोरे सास. तेरे नैनोडी में जविहारी ० ३५ प्रथम निहन्तुहारीयें. ३७ आनसहस मंगल मिले. ३७५ ११ घन हिनखानको परम · ३८ सानीध्य घरसंपा. 36 जानऋषल घरे जावे. ૪૧૨ द्रप्रलुभुजधं सजी ० सुविधिनाथनी पूलसार- १२१ ro ३५७ ३८१|| १२ हेप्यो हरिसन श्रीमहारानहो. ३८४ १३ ४१ मानरे वषार्ध पाने के. ४२ तीशुंभेोन्नवसयी है. ४3 गनवरों पढाीरे सेहरी. ४४ लग्भन नालिनंदनः ४५ हेरी मार्च ऋषलडी मेरे ० ४५ सान समे निनचंही. ३७५ ૩૫૧ ३५७ ४७ ३३५ ३८७ १४ सुविधिनिनंद मेरेभनवसे. 334 ३८ १५ मुन्शसाहेजभुनरा० 33) १५ प्रलुन्नेतुमतारङ० उरु५ १७ गुनअनंतपार प्रलुतेरे. उ ३७७ १८ प्रलुशीतसनाथ प्रलात. उल्स ११ स्वस्तिश्री परिरंल निर्ल● धूजेवरानगर महिऋषल ४०१ २० जनंतंप्रलुसें नाशडी. ४८ होऋषल जिहारीताहारी. ४०२ २१ सुरसुजतलघरी नेह. नालिनंदनशुं लगी सव ४०४ २२ सेमरीयेंरे नेहेडी जेम० ४.१८ 4. थायोसजीवंदनन्नर्धयेंनालि ४०६ २३ शांति बिनेसर साहेजारे. २.४२ ५१ ऋषलनिनेसर प्रीतममाहरीरे ४१३ २४ शांतिनिनेसर साहजारे. ३१५ ५२ शत्रुन्नगठनाबासीरे . ४१ज २५ सूरत श्रीन्निशांतिडी. 43 तमेंश्यात भराभछीस्वामीरे ४२० २५ वित्त याहुत सेवा परननही. ३४० ५४ ऋषल हेच मनुप्यारारे. ४२५/२७ शांतिनाथ ध्यानिधिरे रसीया ३४३ . २७० ३३५ ૨૩૦૦ ૩૦૧ ३२५ सन्ननी भोरी सुमति० ૨૩૭૨૩ निरज जहन सुज पायो. ૩૮૧ पद्मप्रलु निनताहरो० ३७५ खान में हेज्योरी भुजया ३८४ ૩૮૧ For Personal and Private Use Only Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । २८ श्रीशांतिग्नेिसर हीडोरे. ३५२.| २१ राख्नुस पोगरेनेभपिया. ३२२ २८ मथिशनघ्ननारेखो. ३५९ २१ जीसेनडीखाली सली२० 13. भेरे नैनातेरे नैनटेजीसुज० 3८-७ २७ बघामाल हेद्दारापुरमें ७७८ ३१ मंगनपश्योरी हमारे. 3८० | २० तारएनपराउहावतहोन्युं. ७८० ७२: मोये डेसे ताशेणे टीनध्यात. ३८२/२५ नेभी पूषाथारी बाटडी राणी ३८४ 33 मरन मरिहंतणलर. २१९२९ जसिनईयेने भनिएंछी. ३८५/ २७ नएीथाठीप्रीत प्रलुल . ३८५ अथश्रीनेभीश्वरलगया २८ भंती गिरनारणढलेटए० ३८१|| ननां स्तवनो७७ ||२. छोएनभिभारनिभे ३५ १ राख्नुसणलीभातीयें | गोरी जिनजयशुन डिभणेरी.०००|| २ नैने रहेन्ले महारावालालरे १२००१ निपटहिडिन डोर हेरी० ००१ - सुशोसनीसाग्ननादिसरे . १४५, १२. नेमभिलेती जातांडीये. ४०१ र शामतीयालापतोरए० १४७33 रेजोरी मेवनीनेभाभार ००५|| ५ परणीपणारीरे वाला. २४५/3 भाई मेरे ग्निल थुप्रीतउरी.००५|| ५ तोरपाथीरथी थाल्या. २७ ३५ यातारीर उई पीयानेभल १०५ ७ छारे डीने जाएभेरास्वाभी- २७७९ घरेमाचीनेने भवरणाणीयारे ४१७|| ८ स्थिरेइंशक. २८५३७ नाहीयेंरे नेडीनारीये. १७|| - घरेमाचोनीनेभवर० २१ १० रहीरहोरेयाध्वोपीयां. २०७ अयनेमलनाजारभासह ११ गिरनारीन्न रहेरे. २८०. सजी तोरामात. २०| १२. हमसें नेहनिवारी नेभ. २००२ पायए भासं स्वाभी. २३९|| १७ जिहानीभानन भेरी नेभ० ३००७ भागसर भासे भोहीयो .. २३० १४ लताल भेरोने भयल्यो | सजीनमीयतेनेभाग्निशन. 14/ १५ राल्नुपमहेनाथशथेसाथ. 3०८| १५ हारे हरियातोडूंगर प्याशे० ७१०॥ श्रीपार्श्वनाथनांस्तचनो.५५ |१७ खेतानोरे शामलीया० ३१११ सहेन्ननंही शीतलसुजलोशी ७० ||१८ भनेतुमसेंयारी जीनी- ३११२ सग्नीभोरी पास ग्नेिसर० १०० | पीथा शिरथलेशयेरे. ३१८|| 3 अंतरन्नभी सुगनखवेसर. १०० ।। ||२. ऐजतहीं वित्त पोरतीयोहै . ३१५|| र सुगरे सनी मुग्नाहतो. २७५|| - - - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - 1/4 सुंदर मोहन माहेजसेवो. २०७|| 3 अराउल्याए पास जास. ३१८| ६ सरस सुभंणत साधनसत. २०९/७५ प्रलुरेगोडीथापासला ७२ • शंजेश्वर पास निनवंो. २४८||३५ श्रीपासडे यश्न नित्य. 33 ८ घ्यानघरी प्रलु पहेलेचिो . २४८||३७ प्रलुगुरा पारावारनोपाभे• 33५. - अतुल भांडसणाम भोन्नर. २००४८ साल संपरपसनने. ३९ १• हरे महारे मारनी घडी. ' २०६|31 होलभसुस्तरी सरसे. ७७७ ११ श्रावोभावोपासल भुरळ २८७||४० नगोरेजज्ञानीलचो ४० १२. घरणिंघाउने सेवनाप्रनु० २८४०-४१ जन्जजनी हे सूरत दिन. 3. १७ पास संजेश्वरासार र सेव । २०४२ पारसनाथनाधार प्रलु. ४०|| ||१४ पासप्रलुलडे परनामसाजि०२५ ४३ सारउर सार उर स्वामी शं. ३५० १५ में मुजरेप्योगोडीपारसडो. ३०३ | ४४ मोहन भावहीजेतेरे यंगे० ३५१ १९ मेनो पारसनाथमाधारः ३०५५ सूरत सुंघरपासनी रेलो. ३५७|| १७ भिलावनां भिसायनां भि. २०६||४९ सजीजारपीसेछे घीवावी. ३५५|| १८ लन्से भनवाणोडी पारसहूं. 3०९/४७ स्मरचाभातनयं भर० ५६|| १५० भान्जीगीरणनी. ७०८|| ४८ श्रीोने भोरामातभरामः ३९५|| २० न्नुवोभोरी सैरोहीपेगोडी० ३०८१/४५ यामानंहन पाउरीन्ने. ७०० २१ हुई सातामभागहर्ष हैयामां 3१० | ५० सासरातुभारासेजः ७७२. २२. प्रलुलो हरिशनपायोनीठ 3११||५१ वंएं बिनध्व पार्षः ३७२, 23 नगीअनुलवप्रीत सोहागन. ३१२||५२ भेरेर्थतनो याहिये नित्यः ३०९ २० पासप्रलुग्निरायागोहिल० 3१० | ५3 मेरे साहिजतुभहीं हो भन्नु. ३७७ २५ श्रीग्निपास घ्यालखणा 3१० | ५४ घरिशन हीन्लेल पास ग्निं० ३८२ २९ शीणत थाशे भोरी हीनानाथ. १०||५५ छोछजी तेरीसुहावनलाणी- ३८3 २७ सहस पारे भोशासाहेजा० ३१७|| ५९ गोडीगायें मनरंग. ३५१ २८ सुजपरे सुजाघोपा० ३२०५७ उरोजेसीजक्षीसप्रलुभोना २८ तारानैनारे प्याराप्रेमना ल० ३१७|| ५८ चेतन येतननासंलार. ना 3० प्रलुपासथिताभन भेरो. ३२१|| ५४ योहित लाया भेशसां. १०२|| ३१ मुग्रोभानीने ली होगोजी. ३२२|| ९० पाउरोगोडी पास गिनेसर. ४०६|| ३२ साचो पारसनाथउहावे. ३१०|| ९१ भोयो भोझोरीभाई पास ४००|| 33 पंथीग पंथ चलेगो. ०२५|| १२ छजीतेरीसुहावनसामी १११|| - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ५३ नगीअनुलवप्रीतसोहागन. ०१२|| २० मारतो अभारे लाणवीर ३५६|| ९४ पाभी ननुलनापायमाएन० ०१५५/२१ सिध्यारथनारेनंहनगीन११८ ९५ ताहारी भूरतिनुनहीं भूतरे ४२० ॥२२. त्रिशलानंदनबंधीयेंरेखही ०२४ ५९ वावारे याभानंहन स्वाभीली. उलंग्नरे. २५/ अथतीर्यशनिांनाम विना साधारपाश्रीजरिएंअथ श्रीमहावीर स्वा- ताउिनीस्तुतिनांस्तव भीनांस्तवनो२२. नोतथावैरागादिविष||१ मेचारयच्छदेशमाचन्ने लि. ८५ घितथाअध्यात्मादिवि सेपंधीसंथी घेरीयां. १०२. पयिउपियित्र प्रारना || शिरमारेशुपतुभता . १०७ न्यूझन्धारागोभांगाता | भाता त्रिशलानंभार. १८५|| पहिडोनीअनुक्रमणि भाता त्रिशखायें पुत्ररत्नन्न । सन्तेतेस्तवनाहियोगेंत्र यो पालाएं. १५७|| यमपटपध्ने नधान्नूध ६ भाता विशालाभूलावे पुत्रपा, अक्षरोनावणेउरीमनु रए हालरियु. १५५|| ऋमें उरीयें छोट०. • अखिहारीलणंचारी महावीर २७८|| १ जैसी ज्ञान विद्यारीजनपुं० २०६|| ८ शिवमारन्तुं धुरसारएनएर २०१|| ३ ओरनगरनोजवतोन्याय. २०९ | भुतपुरणहे रहेरे. १५८७ अंतर भेषभेट्योनहीं भनओ.२०७ १० रलोड एर्षलयोघंटणाने. ११ र मेनिनडे पायवागरे. ५ ११ थानोने प्रीतमलप्यारा . 33१ | ५ माजसोल हिलजाग.. ३०७ १२. ताहारे चयो भनउंचीच्युरे 3५९ मायरह्मी हिसजागनें. ३०७ 13 भावनदेखीने थावे वेहेपी.3४८७ मग्न पग्निलगे. - 3०७|| १r पाचापुर महावीर लिनेसर. ३९८|| ८ मन्जन्योति भेरे, निनडी. ३०८|| ५. तुभयुणधार निरंग्नप्यारे. ३९५४/५ जनुलपन्योतिरेनगाणे. १२|| १५ चीरप्रलुचिलुवन पगारी. ३७१ | १० भरल शिकारीमापो,सेव० ३१३) १७ चित्त सेवाभनुपरनी. ३७९, ११ मा प्रत्नुतीरी धरिशनपायो 3१५|| १८ सनदुःजटालोगे महावीर. ३८०||१२ अनमें सथ्योसाहेजपायो. ७२० १५५ भाप भेरो भनतेरीनहाएरे. . ३०१/23 सोग्निघासन्नूडीरेन्नूहो. 3११/ Un Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - १५ |१४ अट नेयुंटील नियरएां. ३२७||१७ निशुननयोरेणघासी. ७८५|| ||१५ मन हुभीनी ज्ञानसयरीः ३२७४४ उमभिसे जीपगारीवेश्रीशु ४०० ||१९ भानचित्त घेतीप्यारे, अल० ३२८॥४५ उरभाएंधी चाललयानन्नयुं • ||१७ मेसेजरिहंतडे गुनशामोरे ७२७|| ४५ जतरा पूरऊरनां श्नां. ३०० १८ भजीयांहरजनवाणीहभारी २०१७ जोयोरे शिवारतें सारोन्म-3८० १७ मागसजीभेरेवालमानिन्- 33८४८ ज्यान जियार नियाग्यान० ३१२ २० मेउवालाश्रीवीतराशः 334/7८ गोडीगजारीपाड. .. ३५२|| २१ मारहमश्रीग्निर्शन पायो.3७७|| ५० ज्ञान पनापन योरी भेरे० ७८१ २१ जेसीजैनषानीभेरेलावंधणे.३८९|| ५१ चैतनसोभुनिखशिववास-२०५ २३ औरनशूरंगन्यारान्यारा. ३८२|५२ चेतनाथीरे भट्टिाघर, ३०५// २१ जायोरे जुटापो.पयरी. १८७|| ५७ थरनसरन पडरी एमपत्नु - ७३| २५ अनित्यं उपायभाया. १०२||५४ थिएनहतेरोहि ज्ञान विचार . ४०७|| २९ जैसे सहेरजियन हिचानः०११||५५ छंजीप्रभाने वेगेंसयरी. २७५ २७ मापे ज्यालजेपता धूसा. ४१२||५६ छजीयांनाथडी भोसें पल३० ३०० २८ सभारणभतन्लयरेनर. 33८५७ छोडभायान्नसरे भनतुं ७१७ २१ मभने पशले पधारो रार २०७/५८ छोटीसीन्ननगरासाभपरु ४०२|| 3० राउरेल्लखाण - २७०/५५ उछपल्यन ग्निरान. २७२|| 3१ ज्यालरोसातनामजपुर २०६ ९० नगनगरेनगलोरल २५५/ ३२ उमताएं पूर उरो भोहेसुभता ३०१,५१ नेषनान्नेरल मोरी० ३०१|| 33 भति डुटिससे संशतरमन- 3१७|| ५१. न्नेजनांन्नेरलयोनसेन ७०२.// 37 R.२११ र उरअरनी० ३१८|| ५७ जिनसे प्रीतपाणी भोरी० ७०५|| ७५. ज्यातनभांगणारे माजरभट्टी:००७||९ रिनल सें भारी लगनपणी 3०७|| ३९ ओणानभायेरे पुनियां 33८||९५. रिनतेरे चश्नही शरनहुँ १५|| ३७ ओनाडिसीओ भित्तगत ३२०॥ ९९ बिननामस्मरखेयाजज • ७२ना ७८ सहारे अज्ञानीलपहूंश ३७९५७ ग्नितेरीजानी मादेशः ३३९|| 37 हे सोयित भतिलारीरे. ३८२|| ५८ गतऍरयनासुपनाः १|| ४० औनजनरपेभोरीरेतुभवि ३८४|| ९५ लेगारंलडोभारगवांडोरे. ३८|| १ सोसासहोवैसास सो० 36. रैनधर्म पायो पहिलो |२. साध्यानघच्याहेनेगी. 30८७१ नगशील हे परधान | । - JalfEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૨૦ ว ७२ मैनधर्म पासोरे प्राणी० 3 नैनधर्म नहीं डीनाहीनर. ७४ लगेसोनिलम्त उहावे. ३८८||१०१ नेएांहोग्नेहीस्वलाच परा है ३८८१ ४०० १०२ नहिंजेसोजन्य पारंवार ४०.४ ४११ १०३ नैनांसरस लई तिनहरि० ४०९ ७५ टूड हिसडी यस्म जोस. ४०७ ૪ ७५ तुरंगमांहे टीवी ही प्रलुल १०७ १०५ पंथमीतपतुमें उशेरेप्राएगी. १२५ ७७ नुन जिना जोरनन्नयुं. ३१८ १०५ पाएगीमें मीन प्यासीरे २१८ ૩૧૬ ७८ तने हसी हसी ने सभन्नपुंरे- ३२९ १०७ पवनडोडरे तोस. ७५ तेरोशन पारपायोडोर्घनहींरे. ३२७ १०८ पश्मगुरे नैन उहो ङिभ होये 3917 ३४१||१०७ प्यारे तेरे भुजङमलडीशोला ३२७३५८ ११० प्रीत पेयारे साडी मेरे ० तें प्रलुभेरा में तेरा · १ तुही निरंजन तुंडी निरंजन० ८२ तुमनिनंदनगतपतिनाय -3 तेरे हरिशन डालें अनें C | १०४ नपारे नगरमा लेटीयें. ३७२ १११ पंचपरमेसरा परम जसके० ३३४ ३७८ ११२ प्रएाभुं निनहेवसहारा० १९९ - तेरानाहुम्जीतान्माराजे ३८७ ११७ मातलयोस्मर हेच पुण्य० ३९७ ८५ तेसजन हग जायारी० ३८८ ११४ प्रातलयो लग प्यारे. ३७१ Ja Educationa International ८५ तेरेड़ी हरजार जजतोडुंना. 3 तुमारे हर्श हेजती हुरज <८ तेरे घटभेंड़े सवाह. ८७ 114 प्रलुतेरी रूप जन्योराछोनी० ४०० ४०५ ११५ रसे निनशन जानन० 300 ४०८ ११७ जंहा ज्युलूसे श्रीनिन, 300 धें पीयाकभत पालो याने० ३१५ ११८ जहरी सगाहे ज्ञानी जहरी。 303 ७० घारी डीपहेशभाने रूडी सागे. ४०५ ११७१ जिसरभत नाम निहालडी. ७० ८ ७१ हेजोरी निनंदा प्यारा. ७०४ १२० जेरजेरनहींभावेश्वसर. 323 ७२ घ्वान्न छोटारे निम्स्या० ३१५ १२१ जन्यो हमारे या घडीमें रंग. 360 13 दु:जहानीरे यारो दु:जहानी- ३२५ १२२ लसें भुजहेज्यो श्रीनिनतेये ३७७ ४. दुनियां भतसजमीगरल ७२८ १२७ भूरत मोहनणारी निनंदघ० २७८ ५ हेहरेनपुं हिलमां घरतां. ३४८ १२४ महोटी बहूश्नें मनणभतुं डीधुं २७ २ ७६ नानीबहूने पर घर रमपाठ २७२ १२५ मेंती तोरी जान हीं महीमा ३०७ ७७ निरंजन सांध्यांरे सांभेरा २७७ १२५ मेरी जरन सुनी पण डायरे. ३३८ ७८ नाहान पीयाल हो जासुडी. ३२३ १२७ मेरोभनजसडीयोरेनिजं ४३ ७ निरंग्नयारपोरे तो. ३२७ ||१२८ मनमांसावन्नेरेनाथ. 349 १० नित्यमतें नामनपन्गतना• ३४२ १२७ मनरेतुं छोडमामान्नस . 34 For Personal and Private Use Only Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । २१ । १७० महभीही सरापपंजराण ४०७ || १५८५ सुभति पयंपेसुनोभेरेसाठ: 333 | १३१ भानोभीनहभारीतासभर ४२५/ १९० श्रीनिनशल्छे सतर शिजर० ७७ १७२ यारसनारसतागोभा ४० १९१ श्रीनिननामसाधारलपिनि०3०७ १७७ यातनापीभाटीगहेशः ३४२ १९२ सभडेत श्रायरामायोरी भे०३८3 १०० यायो सिसहर जियौन• 3८११/१९७ समन सभालयाज्ञानवि० ३८२// १७५ यापुशपाध्यापिसवासा. ३८०११९ समन सोचा विचार रेलया. ७०५|| २३९ रनेनापता प्रनुमाणे ३०३ १९५ सरनतेरी यायो भेत्रलुछ. 3८८|| १७७ राजपाजाने छे. ३१० ||१९९ शीयसलविधारोरेन्ननी. ३५०|| |१७८ रेलयाग्निघर्भडीलयः ३०५||१५७ सनस्वारथ भित्र,रो. १० १७० रेतुंपणन्नभनुयाभेशरेतुं० ३८२||१५८ कुंतोलूपीशयोमरिहंतनेने २७७ १०० रेतुंग्या मानल्या नेराः ७८८१/१५१ हीरांना सासुने पीरां० २७७ | १४१ रेलवोनसयानपाडीना. ००||१७० हांरेअरिहंतसुंनाघरभाड्या. २०५|| १२ वाणीतेरे रशनीजुभारीयां 3०९/१७१ हुभ भगनलये मनुध्यान . २८५// १४३ लजखहरेखजलहोरे. ३२८||१७२.सारे गित्तभंधारोरे प्यारे पित्त३०४ |१४ लोऽचौडे पार कीनारे ३९८||१७3 छारे प्रलुलनसेभेराशीलरा० ३०५ १४५ शन्नहोण्यनिनयरएा १०/१७४ हारे तुंतोननर महर धरन००५ १९ विषयडीसंशभतलमोरे. १२९१७५ हो प्रीतभन्न प्रीतीरीत३२१ १४७ वीतराशनामसभरवीत. ३९५/१७९ होलसिडे पधारो. . ७७ १०८ पांडेगढ शेर पढी हेचाने ३८८१७७ होलहोरिएमा डिस. १८२ १४ भुनिरोगाभियवेहोतपर ३८८||१७८ एभोजपने भौनशु. ८५|| १५० वीत सारीरैनपाएीडा. ४०७||१७४१ हारे भेरे भित्त नियिंतहा || १५१ चाहिनीरउछु सोचतेरे० ४०० तुंसोवेरे . . ७८५|| १५२. सिध्यनी शोलारे शीज्डं. १०७||१८० होप्रलुप्यारा भहारी गुण्य ॥ १५. सोवे सोये सारी रेनशुभारी. २५ सेन्लेल. १५ सुभति परन्नरहेरे. २८८ १५५ समन पडी भोसभन पडी. 3.४|| जथसळाजो २५. ५९ शीयप नित्यपाषी प्राएी.. 3१५ || १ - नरलवनयर सोहानपुं. ४२५|| १५७ स्वारथडीसनहेरे सश्यम्. ३२९ २ सुएसोहागरले डिसीजात.४२६॥ ५८ अपनलयेसतिराल भारे..७२५/७ मापस्वलावभारे मनघु. ४२७|| - ३८७|| JHEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrardaig Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - | सहन्ननंहीरे जातभार ४२७|| २ महोहोहोरीथलोसजीने ४८ ५ घेतनमणउछुपेनीयें. १२५ ३ राऋतुजेसनडीमणमा न ६ होसुगमातभाभत पड. ४३८|| रोप्योभाभलुने ऐनी.. rull ७ सालतसयएणसाचीसुएा ७२५|| ५ नेमलच्याए भनावनइंडो- | ८ पुण्यसंयोगेनरलयपाधो. ४७०६ पासलडे घरजार यादो०- १५०|| in न्नेजनीयांनीभोन्नरोन्न- 73|| नेभनन्नऐभोरी पीर पीरः ४५० १० निशमउरलेडोनी पारडीरे-४७१/८ जेलतनेमभारम्नेसें. ५१|| ११ सुरासुएउतारे सीनसोहा ४३२|| छोरी जेलोरेलविमानः ४५१ १२. जनोपमशिजाभएजरी०३७||१०. चानतरंगजघानगर ५१|| १७ घोजीडातुं धोने भननु०७५|११ महाशपीयालनीचातरेहुं. १५२ १४ महेनीजीले होजाडजल १३९१२. सांतुलसाजेसंजेसर १५३ १५ ढंढएऋषिलने पंनाडु १७९/१७ नहींननंदुळ भेंतोनहीं. १५२/ १५ श्रीमभंता मुनिवरन्नुडी ४३/१४ चारपोजोवारीयांजो. ५२|| १७ यंपानगरीमतिलली हुं० ४७७||१५ सत्तरमांत्रीकुंथुनिनेसर. २५७ १८ भोहनशारी मनोरभात . ४७८||१५ पाएी ग्निपरतएीलाणे भोई.५० ५ डचां इसछेझोपना. १७ नयन निहारोपीयाप्रीतजी० ०५३|| २० रेलव भाननीलयें. ३८१८ शगजेसत सजागभे हो.५० २१ सभडेतनुं भूपन्नएी|ल. १3८||१८ थालोसजी सिध्याचलर पना २२ तु लक्षणलेन्सोलनारे. ४३८४२० . मानणती शुसानही जाणां पन २० श्रावतुंणडे परलात. rolan गिरिराय भारी नारे. ५५|| २ शुलणुरचरयों नानी शीश. १७२||२२ सात पांच सजीयनडीटोपी५५|| २५. सालसले सल्पननरनारी. ४२/२७ प्रलुसुरतपणे भोहे प्यारी. १५९ |२९ रानतणाणतिटोलीया. १४५/२८ नरेनतुंअभतिजएी. १५९ २७ प्रएमुंतुनाशपाय प्रसन्नपं०५/२५ मघुजनमें घून भन्थी रंग. १५४|| २८ मापार्भानाहारनपीने. १४९२९ ने जोसो पास लिनेसाडी. ४५९|| २८१ पूल ध्वरसेवाए. ||२७ सिलर घरिशन पाणरे ५७|| === |२८ महारासामसीथानीवातरे ५७|| अथोरीवसंत गाष्टि२/२७ शांतिल परनार चासोले ५७|| 12 जायोपलोमलजेले. 3. 'नयरीपएारसीलएीय होना - । Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryserg Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - |३१ चीर चिनापापीओएसुगावे. ४५८॥५५ साभरो मुनान्निडीवी० ४९९ १२ मनितालिए\थारीरे. ५० ५० पासल मज सरएतुभाशे. १९९ 33 मेरे सील पासजस्यो है. ५०|| ९१ निनराव सानयूहारी. 3 ऐजनीभोयेनेभशुभानी. १५८|| ९२ मत निरजोनारी पीमारी. १९८|| 3५ सिध्यागिरिलीघरिशन उरले.०९०|| ९७ भोई मैसोलेहजतायो. १९० ०९ भोईपने रंगशुंजेरंगहे. १५०||९४ सरोवर तीरे घूम भन्याछ.. १९० ३७ मेरो पैतनजेले होरीरे. १९०|| ९५. मजरेवसंतऋतुभाई. १९० ८ घनसार शरणपोषी. १६०५५ सजीरी मेंतोन्नणंगीगढ • ४९५१ 37 अनंताजनंत प्रत्युन्छनीपाए। १९१६७ ज्युंजेलेरंगहोरीहीयेतन. १९५५ ४० मेरो भनी जशउरखीनो. १९१||५८ महाशरतेरे मंदिर मेंजरसे०४९० ४१ चीरसायपाशीभने भाया. ४९१||५१ यसमजेले होरीजेपीयें.४७०|| |४२ भन भोहन पासप्रनुणपणारी १९१|७० भेतो तोरी पनैयारहुंगीरे . ४७० ४१ उरेमोरच सुरपति सार. १९२७१ नेभन्लयरथतोरएसें विरा०४७० |r शुलूखेरेलवतुंशाएो. १९२||७२ पीयाजिनारेसेंजेझुंहोरी:०७० ४५ सिध्यगिरि सेयोलसेलावे. १९२/७३ गन्नुस सुंघरनार शाम संग || ४९ घेरमाचो मनाना थोर. १९३७ भावनटेरेसाहोरी. ७|| १७ प्रलुजान मानतुंहीयें९/७५ होती जेसावतानध्या. ७१|| |४८ साजेएी पूलनेहरचावे. १९७७९ मेसने घनशामठीसुंध १७२|| १७ ननुलसेंपायरे भोरी. ४९३७. ऐरीवाभासुतध्यान घरो. ४७२// ५० डीन संगजेसुंभे होरी. नर सुभति सघसुजघर्षको जे. ४७२|| |५१ जीनसंगजेतुं में होरीरे मेरो यसोयेतनाग्निसेंजेसहोरी || . पीयुंब्रह्मपारी. .. हरितलनांसघवीभतीरे. २०३ ५२. नेम निरंतन घ्यायोरे. १९८१ गोपीञ्चालन होरीनेमा ४७० ५७ जैसी निघतुभ पारे. १९८२ अनुलक भित्तभिखायो भो ५ न्नध्यनेमभाररे पालो ५ ५५ रंगभग्यो निनहाररे थालो ९५ होलीना चिसोभांगाषा: ५५ मधुजनमें सीघूनभाया ४९५ नांपोडेटसामेऽमाग ५७ नेमलसें उहीओ भोरी. १९ भावीणयांतेन्एाछ१५ ५० सैयां भेनेशीजीनी पोरी. १९६१ पंधतुंग्युलूसे श्रीग्निपर 3.0 । - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryaorg Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जतरापूर उरना पूरऊरना. 3०० || ११ नेभाभिसेतोजातांजीनिये. ४०१ तुंजिनापौरनन्नयुरिए[० 3१८ ||१७ घूसेपानगर भाई ऋपल० ४०१ हेजतही चित्तचोरतीयोहे. ३१८/१४ वोटिसनायाभेशशां. १०२ I/4 पंथीडा पंथपिगोप्रलु. ७२५||१५ छोरीसी न्नन नरासाभपर. ४०२|| जैसे मरिहंतडेशुनणारा ३२७ ||१९ पाउरोगोडी पासानिनेश्वर १०५ - उसरीयासें खाणो भेरोज्यान. ३२७/१७ नेरे घर में हे सजाशं. ०००| ८. मेरो भनजसडीयोरे निनश 373 |१८ चाघ्निडीरउसोच. ०11 - स्मश्वाभा तनयं. ७५९|| १५ चाहसुनो शील हुभारी. १२५|| | १० नैन धर्म नहीं जीना फोनर + १०० १ प्रस्ताविजोहान्द. ७ ||११ निपटही उनिहोर. ४०१ भएिजसमाता ॥ - TTTTTTES CIA TU /1/IMIN . . . . . . " LIVE A . - - . . . VIR पायअनुत्तर विभाननो चित्र. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मथ यैत्यवंटनाघिजार प्रारंभः॥ ॥मथ सीमंघरग्नियैत्यवंन॥ ॥ श्रीसीमंघरचीतराग, मिलुवनणपणारी एश्रीश्रेयांस पिता खें,जशोलातुमारीपाघन्य घन्यमानासत्यजी ऐनयोग यधारीतषलखंछनेंजिराग्भान,पंटेनरनारीशानुषपायन शेरेडीमे,सोहीजेंसोवनवानामतिविन्यणवडायनो, पिनया घरेतुमध्यान जाति ॥मय सीमंघरग्नियैत्यवंटन। सीभंघरपरमातभा, शिवसुननाघतापपुज्जवर पिण्ये ग्यो,सर्वलवना तातापापूर्वपिटेरू पुंडरी गिणी,नयरीने सोही श्रीश्रेयांस रानतिहां, लधियानां मन भी शायौसुपन निना भलपही, सत्यजीराएीभाताउँथे भरग्निांतरें,सीभंघरग्निमतानामनुग्रमें प्रत्लुग्नमिया,वसी यौवनभागभातपिता हर उरी, रज्मएीपरएावाचालोगवीसुजसंसारनां, संयम भनपावरमुनिसुव्रतनभिनंतरे,दीक्षाभनुपावापाघाती भनोक्षयरी, पान्या उचल नागादृषलखंछनते शोलता,सर्व लायना लगायायोरासीप्रमुगराघरा मुनिवर मेऽशोजेडीए पालुपन नेयतां,नहीं महनीनेडीएगाशलाज उयाले यसी,प्रत्लुन्छनो परिवारााऊसभयत्रए अखनालसपि पारााटाणध्यपेढालाग्निांतरें मे, थारो स्निपर सिध्यानशपि यगुरप्रगमतां,शुलपंछित जाषिध्याति सभघरग्निपैत्यनाशा - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૨. ) ॥ अथ सीमंधर ग्नि चैत्यवंदन ॥ ॥ श्रीसीमंधर नगघेएगी, खा भरतें खाचो ।। एलावंत ऊईला उरी, हमने चंहावो ॥ सम्स लज्त तुभो घेएगी, ले होवे जमनाथा लबोलव हुं हुं ताहरो, नहीं भेतुं हवे साथ ॥शा सयल संग छंडीङमेरी, चारित्र वर्धा पाय तुभारा सेविने, शिव रभएगी सजा जेसले भुन्ग्नेघोने, पूरी सीमंधर देव ।। हां थडी हुंबीनपुं अवधारो भुञ सेवान्ना पार्धति॥आ ॥ जय सीमंधर न्नि चैत्यवंदन ॥ ॥ चंदु ग्निवर बिहर भान, सीमंधर स्वामी ॥ डेवल उमला अंत हांत, उरैएारस घामी ॥शाम्यनगिरि सम हेह अंत, वृषखांछन पा यायीराशी सज पूर्व आाय, सेवित सुररायाशा छठ्ठलत्त संयमती योग्जे, पुंडरिणिएगी लाए । प्रलुद्यो हरिसएा संपा,डारए। परम उल्याए। ।। आ पर्छति॥ना ॥ जय नेमिनाथ चैत्यवंघ्न ॥ ॥ जनभो विश्वनाथाथ, जन्मतो व्ययारिएो । उर्भवल्ली वनश्छेह, नभयेऽरिष्टनेमये ॥ थायदुवंशसमुद्रदु, उर्मम्क्षहुताश नत्राजरिष्टनेभिर्लगवान्, लूयाहोड रिष्टनाशनः शासनं तपरमानंह, पूधाम व्यवस्थितः ॥ लवंतं लवता साक्षी, प श्यतीह निनो जिल॥आस्तुवंत स्ताव जिंज, मन्यथा उथमीरशा मोहातिशयश्वित्ते, मयते लुवनातिना पतिप ॥ अथ ऋषलग्नि चैत्यवंदन ॥ ॥ न्यन्ग्यनालि नरिह नंह, सिध्यायेस मंडए। ॥न्यन्यम भनिएहिउंह, लवदुःज बिहंडए। ॥शान्ग्य न्य सांषु सुरिंदरंध, ||हिन परमेसशान्य लय एगहानंद मुंह, श्रीऋषल निनेसराश। Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । . मृतसमाग्निघनोभे, स्यामांनएतुम्पटपंडननित्यन निशानिनमत ल्याए मातिापा ॥अथ माटिग्नियैत्यवंध्न । ॥ग्यत्याहिमतीर्थेश, बिटोही भंगलनुभःश्रेयषं सतो यथायोडादुपासतेधाश्रीभन्नानिहुलाहित्य,भइ व्यंगप्रकोप संसाराधिमहापोत,न्यत्वंषलवर शानभल्गानंह,भो|| क्षमार्गविधायमानेरविहिताशेष,लावस्त लावनायजा सायाशेषसंस्कार, विस्तार परमेश्वशानभसेवाज्यथातीत, त्रिलोज नरशेजर राजालपाधिपतितानंत, सत्त्वसंसारतारापोरसंस्प रस्तारसार्थवाहनमोस्तुतपा पतिपणा ॥ अथ माहिरिनपैत्यवंन । ॥श्रीयंचलीना रासमांथी॥ एमरिहतनभोलगवंतनभो, परभेसर ग्निराग्नभोमिथमन ग्नेिसर प्रेमें पेजत, सिध्यांसघदांजगनमोजगाशाप्रमुपारंग तपरम भहोत्या अविनाशीमाशंउनमोजिगरमभर मत अति शय निधि,प्रपयनसधिमयंऊनभोजनाशातियएएलपियए निएभएपंछिय, पूरण देवरसालनमोपलाषिषतिपायनलायें उरनेडीने बिठासनभोगभगागासिध्याध्यतुंग्णग्नसन नयनानंनदेवनभोगासउपसुरासुरनरवरनाय,सारेसह निन शसेवनभोलिगामातुंतीर्थरसुजहरसाहिलातुंनिगरानी घुनभोशिरणागतलपिने हितवत्सल,तुंहिपारस सिंघुनभोग सगापाडेवलज्ञानाश घर्शित,पोषोउसमावनभोगनाशित सडपसंदुषगए, पुरितपस्वलापनभोवामगावागायताभषि लगशुरन्गहिनासरसल्यग्ननाथनभोगधोरमपारत्नपोधि| - - JITEducationa International . For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.in Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २ तारएा, तुं शिवपुरनो साथनमोपागाणाश्शरा शरएानीराण निरंन्न, निश्पाधिहन्ग्गहीश नभो ॥जोधिहीग्नी अनुपम हानेसर, ज्ञानविभल सूरीश नमो ॥मनाला वर्धति॥ना ॥ जय श्री महिनाथ चैत्यवंदन ॥ ॥ अनुष्टुप् वृत्तम्॥ श्रीश्राहिनाथ नगन्नाथ, विमलायस मंड नान्य नालिकुसाडाश, प्रेङाशन हिबाउर शशातव हेव पहांलो, सेवापि दुलालयेत् ॥ ५एयसंभार हीनानां, उत्पवल्लीच हेहिनाम्शाते धन्या मानवा हेवा, येष्णमन्तवशासनं वहनीयावि लातोये, बंहंते लवतः पौ ॥ ॥ प्रखंड भमराणाहि, रिपु संततिघा नगाश्रीयुगाहि निनाधीशं देवं वहे भुत सघनाश्रीशत्रुग्यो टीर, हृतं राज्यवियाविलो ॥सर्वाधनाशनं भेस्तु, शासनंतेलबेल बेचापाताले यानि जिंजानि, यानि जिंजानि लूतते ॥ स्वर्गेपि - यानि मिंजानि, तानि चंधे निरंतरम् ॥५॥ ॥रार्धति ॥जा ॥ अथ श्रीग्जाहिनाथ चैत्यवंदन ॥ ।। सुवएविएं गन्नगामिनं, प्रसंजजाएं सुविशाल सोयनं नराभरें हैः स्तुतपापंडनं, नमामि लस्त्या वृषलं निनोत्तभाषा जाहिमं पृथिवीनाथं, माहिमं निःपरिग्रहं ॥ आहिमं तीर्थनाथंयि वृषलस्वामिनं स्तुमः ॥शान्य्यति उनडावात, दृष्टान्टाभु कुटमंडितो वृषलः क्ष्विाकुवंशतिलङ, स्त्रिलुवन पूडामशिल गवान् आशार्दूलविक्रीडितंवृत्तम्॥ हेवोऽनेनवार्च्छितीति तमहापापही मानसो, हेवः सिद्धिवधूविशामहृघ्यावंडारहारोप माहेवोशहशोषसिंधुरघानिर्ले पंचाननो, लव्यानां विधान तुवांछित श्रीवीतरागोनिः ॥ ॥ना Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ जय श्रीनाहिरिन पैत्यवंटन। ॥सरवारथ सिध्ये थरी थपिया माहिरिनंहाप्रथभरायपि नितावसे,भानवगए सुजउंदापालेनिनसारिएंध्ने,हायन मेहुन्नराभौनातीतेंउचली,वड हे निरयाशाशाणत्तराषाढाय न्मछेने,धनरासीमरिहताशसहस परिवारशू, पीरउशि |चत जाति पार ॥ जय श्रीमादिग्नि यैत्यवंटन। माध्विजसस विनितानोरायानानिराया असमंज गोमटेवाभायाापांयरों घनुपनी रेडी,मनुपरभक्ष्यालायो राशी पजपूर्व-सायुविशाषाशावृषलपंछन निषष रमे,त्तमगुएभाए जाए तसपपद्मसेवन थती,सहिये वियत हाए। राजा तिाशा - ॥अथ श्रीशांतिग्नि यैत्यवंटन। ल्यग्यशांतिरिएंटेचाहथियापुरसामी विश्वसेना वयंडसम,प्रत्लुमंतरन्नमीपामयिराणरसरएंस म्भि,ग्नि परल्याणामारीरोगनिवार,डीर्ति विस्तारी शाशोषमागि नवर प्रएभीयेंगे,नितडीनाभीसीसासुरनरलूपप्रसन्ना भन,नमतांचाघेणीशा तिापा - ॥ अथ श्रीग्निपैत्यवंटन॥ ॥जयात्मवत्सलतानयनद्यस्य ववधीय परणांपुरवीक्षणेनाभयनिषोऽतिषउंप्रतिलासते मे, संसार चारिधिरन यंयालुओभाएमापाउलेवयंरस्यउघउभुता,मुन्नावलीया श्शुराप्रपन्नागत्रयास्यानिभाना,नेश्वरी उपलतेवभू -- Jadducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.40 Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तशाघन्योइं इतपुएयोइंग निस्तीपोहेलपाचाताननादित लयांतारे,दृष्टीयेनश्रुतोभयाआअयप्रक्षाषितंणावं,नेत्रेय विभलिष्ते एभुतोहं सर्वपापेल्यो, ग्नेितिवर्शनातानाश नातदुरितध्वंस: वंध्नात्वंछित्तप्रापूग्नात् पुषश्री,नि निःसाक्षात्सुरनुभः॥ पातिापता ॥अथ श्रीपाच लिन यैत्यवंटन। ॥प्रएभाभिसधपत्नपार्श्वग्निं निनायडघायसुजघन घनयाई महोत्तमाघरोघरएीपति नित्य सुसेवापाउ पारसरंचितलव्यशी, इणि सप्तसुशोनित भौषिमाणामणि चनपत्रिोटि घटं, घटितासुर डिनर पार्श्वतटाशातटिनीप निघोषणभार स्वरं वरनार अश्वसुसेननशानरनारिनमस्त तानित्यमुधापमावतीगावतीगीतसमाजासहनेंद्रियगोप यथा महं, महासुरवारा भुतहुडंगाहहहेषितमतांतजवं,षषघामधुरंधर पंडवानापन्ध्ययपत्र प्रलानयनं,नयनंहित लव्यनरेशमनं भनभन्मय भहीर पन्हिसमं, समताभयरनउरंपरभंगाापरमार्थविचारसघशवं, उशखंभेग्निनाथ असामखिनीनसिनी नपिनीलतनु, तनुताप्रलुपार्चग्निंसु घनादुराधनधान्यरंज्यापरभं, परभामृत सिध्यिमहासुन रंगसुजाय नाय संतन,लवलत्प्रनुपाग्निं शिवाय ॥अथ श्रीपारिन त्यचंदन। ॥पुरिसाणी पासनानभायें मनरंगानीलवरए अपसे ननं, निरभल निस्संगापाजाभितशयल्पसाज,चामासुत सारााश्रीगवडीपुर स्वाभनाभ,पियें निरघाशाशा चिलुचना पतित्रेवीसभोगेन्नसअजंडितमागामेडभनेणाराघतांना Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ad Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - सहिये ओडल्याए ॥ तिर ॥जय श्रीपार्श्वग्नियैत्यचंन॥ ॥श्रीपार्श्वनाथनमस्तुल्यं, विघ्नविध्वंसारिएानिर्भपंस मिलानंहे, परमानंघायिनोपाजश्चसेनावनीपाखसयूडामना एलोवाभासूनोनमस्तुल्यं श्रीभसाग्नेिश्वशाक्षिण निभंऽसमुकुट धार्मिनिटं विश्वप्रटं याश्मिटोलचरेएसभी ल्पनिधितीरंसुरगिरिधीरंजनीशील्गत्रयशरएंपुर्मतिहर रांडारपरणंसुजउरएश्रीपार्श्वग्नेिट्रेनतनागें,नमतमा रिडतलाउमा घरोंटेय, स्वोचितं च॑तीराप्रमोन |स्तुष्य मनोवृत्तिः, पार्घनाथः श्रियेऽस्तुवा पतिपणा ॥ अथ श्रीपार्चग्नियैत्यवंध्न॥ "पल्यचिंतामणि पार्श्वनाथ, न्याबिनुवनस्वामीनिष्ट रिपुलतीने, पंयमगति पाभी पत्नुनामें लानंउंसुजसंपत्ति सहीयें। प्रत्नुनाभेलवनयतयां,पानउसजघड़ियाँछौं वर्ण डीडरीमे,पीयें पारसनाभाविषअमृतथपरणभे,पायेमरियमहामाईति एटा । - - - - ॥ जयश्रीनेभिग्नियैत्यहन॥ ॥समुचिन्यतयंटनंह, शिवाचीन्यायाचवंशन लोमणि सौरीपुर मयाजापथडी जलपर्य घर,गतभारप्रया रालोजानिन मामिगुए,त्यागीसंसाराानिमाराल्ग चनोभेमाशानो पिसराभाडीनध्यात शिरोमणि, पूरएसुर तराभएपशुमांपुरसुगीजरी,शंजीगृहवासातक्षा संया मनारी,उरीभनीनासाडेचसश्रीपाभीजरी,पहोता मुण m Un Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar THE Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - तिभोठारान्मभरालय राबवाग्यानसघसुजगशाशाप ॥अथ श्रीनेभिन्नियैत्यवंध्न॥ ॥जाचीशभाश्रीनेमनाथ, नित्यजीतीचंधेगा समुद्रपिल्यस| तलानुसभालचिन्न सुजांघसघनश्याम तिरेहनी,घ्या धनुष्यशरीराभितजतियावधएी,लांरेलवतीशारागि मतीरभरीतन्य,ब्रह्मयर्य घरधीशाशिवरभएीसुजापि ससता,लूपन घरीघीरा पतिका ॥जय श्रीवर्धमानग्नियैत्यचंन॥ ॥वर्धमान निवरचणी,पए नित्यमेव सिध्यारया उपयो, सुरनिर्मितसेवा त्रिसपायर साइंससम,प्रणा योसुजउंघाउसरी खंछन रिभलतनु,उंयनभयरंधाभावीप रग्गभांवडोने,पाचापरिनिर्वाणासुरनरलूपनमे सघापामे मवियसहायतिशा । ॥अथ श्रीसिध्यायलच्यैत्यवंध्न॥ ॥विमलचसज्ञानउमला,सितपिलुवन हितासुसरान संस्तुतन्यरएपंउगानभोमाटिग्नेिश्वरापाविमलगिरिवर गमंडरा, प्रवरगुणगएलपगासुरजसुरडिन्नरोडिसेपित एनभोगाशाउरतिनाटउडिन्नरीगणु,गायग्निशुए मनहरा निरा वतीनभेनहोनिशानभोगाडारिरुगएपति सिन्हा | साधिजोडिपणामुनि भनहगाश्रीविभशिरिचर अंगसिद्धा नभोगाचानिरसाध्यसाधनसुरमुनिवर जोडिनंतगिरिचरं समुन्तिरमएीवस्यारंगगनभोगापापाताप नरसुरषोउभान ही, विमलागिरिवरतो परं नहिं अधिउत्तीरथ तीर्थपति - Il Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - नमोगाशानेभ पिभषगिरिवर शिजरमंडए पुजविहंडए ध्याच यो निन्शुध्यसत्ता साधनारथ, परमज्योतिने पायोणानि तमोह ओह विछोह निश,परमपस्थितन्यशागिरिराब सेवा उरएतत्पर, पद्मविग्यसुहितगाटा तिराशा ॥ अथ सल्निनु चैत्यन॥ ॥सीभघर प्रभुजन पिहरभान ग्निचीशाऋषलाधिपती बंधीयें, संपर्णग्नियोगीशापासिध्याय गिरनारमानुजष्टप पहचपीसारासमेतशिजरमे पंचतीरथ, पंयमगतिघताराश्य गिर्घषोउँ ग्निहरनभुत्तेपोरासीलाजासहससत्ताएरंगपरें वीशन्निवरलांजाडाजेशोजावनजेडवली,खाजयोराएर साराासहसयुमालीशसातशें,शाहग्नि पडिभाणधाराचाजी घोषो निलपन नभु सातडजहोंतेर खाजातेशेओडने ज्यासी ओड,शाहलाज चित्तराजपाब्यंतरब्योतिषीभांवती, अग्नित्नुवन अपारपतेलपि नितबंध्नरो,न्भपाभोलवपा रारातीर्छ पोशाश्वतां श्रीग्नि लुचन विशाल राजवीशेने ओगएशाह,चंदुथईन्भाष राजावाजत्रएयाएंसहसा राशेचीश भनोहाराग्निपडिभानेशाचती, नित्य नित्यनु हाराटात्रएलुवनभां वदीओ,नाभाऊिग्निसाराासिध्यमा नंताचंटिग, महोप्यपहघातारका पतिका ॥अथ श्रीयोवीशग्निनासमतलपगएरातीनुं ॥ .. ।यैत्यचंन॥ ॥प्रथमतीर्थरताचालवतेरहीगाशांतिता लवजारसारनवलपनेमणहीगावाशिमवपास रिएनए सत्तावीसश्रीपीसशेषतीर्थर बिहुला पाभ्यामवलतीर - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryal Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १० शानिहांथी समडित इरशीवीं से, तिहांथी गणिकमेंतेड़ा धीरवि भल पंडित तो, ज्ञानविमल गुएागे ॥ आ र्धति॥रना ॥ अथ यैत्यवंधन प्रारंभ ॥ ॥ आहेब जरिहंत नर्भु, समतारं नामान्यांन्यां प्रतिभा न्नितंएगी, त्यांत्यां‍ प्रणाम ॥शा शेबुंने श्री आहेिब, नेमनभुं शिरनाराातारंगे श्रीग्जन्तिनाथ, जाजू ऋपल ब्लूहार ॥शासष्टा पह गिरिडीपरें, न्नि पोषीशेन्जेय ॥ मणिमय भूत मानशुं, लय तें लुराबी सोय आसभेत शिजर तीरथ बडू, निहां वीशेनिनपा यावैलार गिरि पीपरें, श्री वीरनिनेश्वररायानामांडवगढ नो रानियो, नामें हेवसुपास ऋषलम्हे निन समस्तां, पहोये मननी जाशाचा छति ॥ ॥ अथ श्रीपंथपरमेष्टि चैत्यवंदन ॥ ॥ जारशुए। अरिहंत देव, प्रएाभिनें लावें ॥ सिद्ध माहगुएास भरतां, दुःज होहुगन्नवे ॥१॥ साधारन शुए। छत्रीश, पथवीशजी बाय । सत्तावीश गुएा साघुना, न्पतां सुजथाय ॥ाशास्त्रष्टोत्त रसय गुए। भषि से, खेम समरोनवारााधीरविभल पंडितत सो, नय प्रएरामे नित साशा पार्धति॥२॥ श्रीवीशस्थानङनामयैत्यवंदन ॥ ॥ अथ ॥ पहेले पह खरिहंत नर्भु, जीने सरख सिद्ध । त्रीने प्रवथन मन घरी, श्रीथे आधारन सिन्द्ध ।शनमो थेराएवं पांयभे, पाउड गुएा छड्डे । नमो लोग्ने सञ्च साहूणं, ने छे गुएा गरिने ।शानभोनाएास्स आहभे, घ्रशन मन लावो ॥ विनयकुरो गुएावंतनो, था रित्र पर घ्यावो ।आनमो जंलवय धारियां, तेरमे डिरियाएानमो Jan Educationa International, For Personal and Private Use Only Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ११ ) तवस्सयौहमे, गोयमनमो लिगाए॥नाचारित्र ज्ञान सुनस्स नेंभे, नभो तिथ्यस्स भएगी॥ग्नि बीत्तम पह पद्मनें, नमतां होय सुज जाएगी॥॥॥र्धतिरजा ॥ अथ वीशस्थान तपना जस्सग्गनुं यैत्यवंन ॥ ॥ थोचीत्रा पन्नर पिस्तालीशनो, छत्रीशनोरियें ॥ घ्श पथ वीश सत्तावीशनो, डाडीस्सरण भन घरिये ॥षा पंथ सडसहि दृश वली, सित्तेर नव परावीश॥जार सडवीश बोगस तएगो, अडीस्सरण घरोगुएलीश ॥शाचीश सत्तर खेडावन्न, द्वाहशने पंथाचे लिपेरें डाडीस्सरण ब्लेडरे, तोन्नये लवसंथ ॥ जनुक्रमें डाडीस मन घरो, गुशि लेने वीशाावीश स्थानङ सेभ न्नशिखें, संक्षे पथी सेशनाभावपरी भनभां घएगो, ले जेङपह आराधन नवीत्तभ पह पद्मने, नमिनिन अर्थ साधे ॥ध॥ पर्छति॥श्ना ॥ जय जीन्नुं चैत्यवंदन ॥ ॥ दुविध धर्मोपदेश्यो, पोथा जलिनंदन ॥जीतें न म्या ते प्रलु, लवदुः। निकुंदन ॥शादुविध घ्यान तुझें परिहरो,आहरो होय घ्याना प्रेम ममश्यं सुमति निनें, ते यवीया जीन हि ब्नाशाहोय जंघन रागद्वेष, तेहुने लवितळयें।। मुन्परें शीतस ग्नि है, जीन हिन शिव ललयें ॥किवा लव पहार्थनुं, अरोनाए। सुन्नए जीनहिनें वासुपूज्य परें, सही डेवल नाएा । मानिश्य यनयव्यवहार होय, जेठांत न ग्रहिझें ॥ग्नरनिन जीन हिनें यवी, प्रेम निज नाणल दुहियें ॥ चावर्त्तमान योगीशी खे, जेमनि नमुल्याग गजीन हिनें देर्ध पाभिया, प्रत्तु नाएा निर्वाए। दु श्भ अनंत धोवीशी में, हुमां जहु टुट्याए। ॥निन जीत्तमप Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary ord Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - MANORI D (१२. ) पाने,नभतां होय सुजजाएगा ईतिारकाप ॥जय ज्ञानपंयभीनुयैत्यवंटन ॥ ॥ बिगडे जेहाचीरग्निालांजेनपिरिनभागेरात्रिरएन यंत्रिइंषोऊन, निसुशोभन राणापामाराहीनषिलांतसें पांयम भलुवापी॥ज्ञानभाराधनाजरग मेल तिथि निहान पीशाज्ञानविना पशुसारिजान्नयोगसंसारााज्ञानमाय घनथील शिवपसुजश्रीपाशाज्ञानरहितक्रियाउदी,उप शउसुमणपमानासोशलोड प्राशर, ज्ञान मेड परघानान ज्ञानीश्वासोच्छासभामरेड नोछेहापूर्वजोडिवरसांखगेम ज्ञानीउरेतेहापादेशमाराध क्रियाउही,सर्वजाराघज्ञान ||ज्ञानतपो भहिमाघणो,जंगपांयभेलगवानादायभास, लघुपंपभी,नपळवणेष्टीायवरसयभासनी,पंयभीड रोशुनदृष्टिाणागवनही पंयनोजे,राणस्मणलोगस्सउरो एमांउरोनावशूटाखेलवाटाजेएीपरेपंयमीमा राहिलं,भागीलावभपारावरत्तशुरामंत्री परें,रंगविल्यन बिहोसाराामा ति उगा ॥ जय अष्टमी-यैत्यवंध्न । माहाशहिमाहमने हिने, विग्यासुतन्नयोातेमशगए राधिमा ,संलप यीभायोपात्रवप्निीसाइभे,ग्नन्या ऋषलानिएघाटीक्षापराओनिपहिलाप्रथममुनियंहाशा माघपशुहिमा महिने,माहर्मयांदूशामलिनंहनयोथाना प्रल पाभ्यासुजलरपूराामागेहीमाभणाली,ग्नभ्यास भति नियंहाजाहन्नति उसशेंगरीन्हवरावेसरहामान|| भ्याटवहिजाडमें मुनिसुव्रतस्वाभीमानेभिभषाठ युधिमा qw.jainelibrary II - . . WAAAA % Je Educationa International For Personal and Private Use Only Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । . - ( १७ मे,मष्टभिगति पाभिरापात्रावावधिनीभाइभे,नमिल्भ्याग गनाएतेभश्रावएशुष्मिा ,पासलनु निरवाएगाला चावहिभाइभाटिनें,यचियास्वाभि सुपासाग्निजत्तमपट पय ने,सेव्याथी शिववासााणा पति ॥मथ भेडाशीनुं चैत्यवंहन॥ ॥शासननायवीरल,प्रमुउचल पायोसिंघयतुर्विध स्था पवा,महसेनवनभायोपमाघवसीताशी,सोमवहिन यज्ञामलूति जाभल्या,मेजशविज्ञाशामेशशेपणा गुणा,तेहनो परिवारावेमर्थअवलोउरे मन मलिमान अपार सामान्लवाछिसंशयहरी,मेशगराधाराावीरेंस्थाप्या वंटिग्निशासनल्याशानामसील्म भरमस्वीपासवर पररा विलासी ऋषनमन्तिसुभतिनभी, भविघनघाति दिन नाशीपापपलुशियवासपासालपलवनांतोडिगाशी दिन भापणी, रिध्यसपतीन्नेडिादायक्षेत्रं पिहुंअपनां,त्राशे उल्याएवरसध्यार शशी,माराघोवरनागाणामगिया रसंगसजावियें,जेशपागपुगए वायविंटएी,भसी गलगाटाजगियार अवतांडवा,वहोपडिभाजच्याशी पजिभा विल्यग्निशासने सरेपउरोमवताराका ईतिराउ ॥अथतीर्थर राशीनुयैत्यवंध्न॥ ॥शांतिनभि भस्सी भेषछे, उंथुआन्ति वृषलातिसंलया अनिनंहनाभिथुन,घर्भउऊसिंहसुभतिउंन्यापमप्रलुनेमा चीर पाससुपासतुषामगाराशि वृश्थिडयन ऋषलव सुविधि शीतपरिनरायाशामरसुव्रतश्रेयांसनेमे,जारमाघर भीना पीलाभिषअनंतमरनामथी सुजियाश्रीशुलवीशासाऽतिराउन AN । Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९ १४ ) ॥ अथ रोहिणी तपनुं चैत्यवंदन ॥ ॥ रोड़िएगी तप जाराधियें, श्री श्रीवासुपूज्य ॥ दुःज होहगहूरें रसे, पूल होखे पून्याशा पहेला डीनें वास क्षेप, हतीहीनेंप्रेम मध्यान्हें डरी घोतियां, मनवाया जैमाशा अष्ट प्रहारनी रवि में, पूल नृत्यवानित्रालावें लावना लावियें, जीनें नग्न्म पवित्रा त्रिकुंडालें सेर्घ धूपट्टीप, मलुखाणसडीनें ॥ न्निवर डेरी लस्तिशुं जविस सुजलीनें ॥नान्निवर पूनन्निस्तवन, निननोडीनेंल पान्निवर पहने घ्यार्धमें, नेभनाचे संतापाचा ओड डोड गुएाई सहिये, बीत्तरोत्तर लेघाभान उहे जे विधङरो, तो होने लवनोछेहादशा आर्धिति॥उना ॥ जथ भेडादृशगएाघर यैत्यवंघ्नानि ॥ तत्र ॥ प्रथम घेरलूतिन्छनुं चैत्यवंदन ॥ ॥ जिरे घरी सर्वज्ञनुं, ग्निपासें जावे ॥ भधुरखयएारांची रब्ठ, गौतम जोसावे॥शापयतूतमा थडी, खेडीपने विएासेप वेहश्जरथ विपरीतथी, ङोडेम लव तरशे ॥श घन घ्या मत्रि पहेंखे, भएो तेहलवा ज्ञानविभस घन जातभा, सुजचैतनासहैव ॥॥ छति॥उपा ॥ अथ अग्निलूतिनुं चैत्यवंदन ॥ ॥ उर्मतशो संशय घरी, निन थरों खावे ॥ जग्निलूतिना भेंडरी, तर ते जोषावे ॥१॥ जेङ सुजी रोड छे दुःजी, जेड डिंडरस्वामी ॥ पुरषोत्तम खेडें डरी, ङिमशक्ति पायी ॥ शार्मतएगा पर लावधी थे, सहस लगत भंडाए ॥ज्ञान विभसथी भणियें, बेघ रथ सुप्रभाए। आर्धतिउद्या Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.dot Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १५ ) ॥अथ वायुसूतिन्छनु चैत्यवंदन ॥ वायुलूतित्रीने ज्यो,तससंशयमेहालव शरीर मेडछे, पणानिन्ननहापामह्मज्ञानतऊरी, मातम निर्भय साहियोउर्मशरीरथी वेगषो मेमवेसद्दहियोगज्ञानविभव शुगघनघणीने,भांभिहोयम्भेडाचीरवयएथीतेषयो, माएीहध्यापियेगाडापति राणा ॥अथव्यज्जलनुयैत्यवंधन॥ पंयनूतनोसंशयी,योयोगएीच्यतासन्नसपरेन्ग सो,तीभितस सतापापृथिवीपाएीचता,भनूतनीस तापराअध्यात्मपित्तने,नहीं तेहनीभभताशामेभ स्याहा मतेउरी भेटायोतस संघहाज्ञान विभल नियरएशं,घर तोअघिउसनेहाडा तिराउदा . ॥अथ सुघर्भालनु चैत्यवंध्न ॥. ॥सोहमस्वामीने भने,छेसंशयस्नेहचोपड़ांहोयेनेह यो,परमतेतेचीपाशाषिथी शामिनीपोपएलिन्नन नथायसुराजेवो निश्ययनथी,भउहेरिनरायाशाणो भययीचीछीहोवेभविससरशपए होयज्ञानविभवा भितिशुऊहे धरथ शुध्यन्नेया पतिराउनप ॥जय मंडितलनु चैत्यवंध्न॥ ॥छटो भंडितजंलगो,जंघमोक्षनभानाच्यापऊ विशुए, मातभारतेभिरहेकनपापरासाचरणाथडीनहीं,उंचसा पिपातेह निरापरणीथये, होमेज्ञान सरूपाशातरणी हिर एभिवाहलेने,होय निस्तेरतेन्गाज्ञानशुऐ संशयहरी,ची) रियरऐ रेहेन्गाय तिगाणा ॥जय मोर्यपुत्रलनु यैत्यवंन । ॥सातभो भोरिय पुत्तले हे ध्वनीसवटपहलांन| % 3D Win Educationa International For Personal and Private Use Only Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । IDE O MARIABAD (१६ ) जिया,तिहां भननची ही सवायज्ञरंतांपाभीयें,स्वर्णभेचे घ्नीवाएीलोपाल पऊि,सत्तातेउभन्नएीशाभसं हि निरामरीजें, वीरचयएथीतेहा ज्ञानविमल गिननेउले, तुम पशनी जेहाना तिराना . ॥अथ जउंपितळहुँदैत्यचंन॥ एमपित द्विसाम्भो,संशयछेतेनानारक होये पर लोमांमिथ्यागननेपाहित्साशनउरे,तसनारक सत्तापघजीवेनविहेभेतुन्जन्मत्ताशाभेरपरेशाप तनहीं झे, प्रायिउभेवीलांजीतेसंशयपूरे उस्यो,ज्ञान विभव ग्निशाजी राजा तिन्हया __॥अथ अन्यखलातलनुंपैत्यवंन॥ ॥जयमल्लातने मन पश्योसंशयमेजोटोप्पुएयपा पिनविटेजीयें,जेजपरिमोटोपापा प्रत्यक्षं हेजीयें,सुज पुजघरोरांगाजीन्ननी परेंघजीमांवेपबहोतेरांसाशास मन्नवीने शिष्यज्योसे,वीरें आएीनेहाज्ञानविभपाभ्या था,गुएराप्रगट्यातस हाउ॥ तच्छा ॥जथ मेतार्यलनुयैत्यवंहन॥ __॥परत्नपनीसंघहछे भेतारगपित्तलांजेप्रलुतवतेहन न,घनीषहुन्नुगतामा विज्ञानघनपातयो मेमर्थ पित्या रापरखोगमनागमे,मन निश्ययघागाशा उही मे,छेद्यो संशयतासाज्ञानविभप प्रनवीरने, परवंथ योतेघसा तिच्या . ॥जय प्रत्लासलनु चैत्यपंन । ॥मेजाशमप्रभासनामा संशय मनधागालवानिरवा एषहेनहीं,लव २ संसारोपामग्निहोत्र नित्ये रे भन्न राभर पाभावेघरथ भिजवी,तस संशयवाभाशावीर - - - - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.om Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यरएनो राजीनोमे,थयोतहतमालान।। जाएगबहे निल्लामायापतितापासनमोनमो ॥अथ नवपक्ष पून्ननां चैत्यवंध्ना , नत्र प्रथम अरिहंत चैत्यवंध्न॥ ॥प्पन्न सन्नाए महोभयाएं,सप्पाडिहेरासए संडिया एगासद्देसणाएं यिसन्ब्याएंनभोनमोहोणभयाल्गिाएं। शानभोनंत संतप्रमोप्रधान प्रधानायलव्यात्मनिलास्वतायप ययाहनाध्यानयीसौष्यत्नान्न,सधा सिध्धयक्रायत्रीपासरान पशास्यांउभर्मयड्यूरन्ग,लवालव्यनवपाध्यानेन ते पाउरी पूग्नालव्यत्मा विजय,सधवासिनोमातभातेए। मायागारि तीर्थराउमणध्ये भरीने,हिये देशनालव्यनेछि नघरीनेएसपना महापाडिहारे सभेता, सुरेशेनरेशेस्तव्या जसपूत कात्यांघातियांऽभयारे असणां नवोपयहिन थारछे वितरगतपय उप्यारा सौज्यपाभे,नभोतेह तीर्थडरा भोक्ष अभएपण तिच्या ॥अथ सिध्ययैत्यचंन॥ __सिध्याराभारांरभाषयाएं,नमोनभो एतयणडयाएं परीभाऊर्भक्षयें पारपाभ्यामभरणालियरोगाम्या एनिरावर्णनामा प्रसिन्हा,थयापारपामीसपासिद्धषुः हापापिलागीनहावगाहात्मसा,रया ज्ञानभयनतवा हिसारासानंत सौज्याश्रितान्योतिरूपा,अनाजाघमनन नवाधिस्वपाशा पति राणा ॥जय सूरिपहचैत्यवंन॥ ॥सूरीश पूरीज्य महापा,नभोनभोमरि समप्पहाएं। - - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८ ว घ्नी वाएगी। जिया, तिहां भन नवी सूरिरान सहा तत्त्वतान्न, निनेाणमप्रौ षट्वर्णवर्णित गुएशोलमाना, पंचाधारनेहि दिसावधाना॥शालवि प्राणिने देशना देशडालें, सहा जप्रभ त्ता यथा सूत्र जाले ॥ निदेशासनाधार हिगृहंति उत्पा, नगें ते भिरंलवन्ने शुध्धन्ल्पा ॥शा तिच्या ॥ जथ पीपाध्याय यैत्यवंदन ॥ ॥ जीपन्नति छंघा सुत्तत्थ वि धारएा तप्पराएं, नमोनभोवा यगडुंन्राएंगलुन्ग्गप्रयात छंघा नहीं सूरि पए। सूरिगुएानेसु हाया, नभुंचाया त्यक्त मह मोह माया ।। चसी दाहशांगाहि सूत्रा र्थ हाने, निडे सावधाने निश्ष्यालिमाने ॥शा घरे पंथने वर्णच ति शुशीधा, प्रवाही द्विपोरछोने तुष्य सिंहा । गली गच्छसं धारणे स्तंललूता, नेपाध्याय ते पंहिसें वित्त मलूता ॥शा ईति ॥ अथ साधु चैत्यवंदन ॥ ।। बीपन्नति छंघा साहूए। संसाहिय संन्माएां, नभोन भो शुध्ध घ्या घ्माएां ॥लुरंगप्रयात धंधा करे सेवनारिवाय गणएगीनी, उरें बना तेहनी शी भुगीनी ।। समेता सहा पंथस मिति भिगुप्ता, त्रिशुप्ते नहींअम लोगेषु सिता । शावली जाह्य जल्यंतर ग्रंथि टाली, हो ये मुक्तिने योग्य चारित्र पासी॥शुलाष्टां गन्तेणें रमे चित्तवासी, नमुं साधुने नेह नि पाप टाली ॥शार्धतिय ॥ अथ दर्शन चैत्यवंधन ॥ ॥ पीपन्नति छंघ नियुत्त तत्ते ३ बज्जएास्स, नभोनमोनि लहंसएस्सलुनंगप्रयात छंघा विपर्यास हुडवासना रूप मिय्या, रसेने जनाहि जछे ले जपध्या । निनोति होर्घ सहनथी अ इधानं, उहिये दर्शनं नेह परमं निधानं॥ाशा विना नेहुथी ज्ञानमज्ञा नरूपं, परित्रं विचित्र नपारएय भूपं ॥ मृति सातने पीपशम क्षयें नेह होये, तिहां ष्याप ूपें सहा आपलेवे ॥ ताशा Educationa International For Personal and Private Use Only Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( १५ । ॥ मथनाए पैत्यचंध्न । तर णिपन्नति धंधा मनाए सम्मोहतमोहरस्स,नमोनमो नाए विायरस्साालुगप्रयात छंहाहोये हुथी ज्ञानशुष्मा प्रिलो,यथावानासेवियित्रावजोगतिरोनाएचस्तषा च्यलावा,नहोयवितथवानिशस्वलावावा पंयमत्या हिसुज्ञानले,गुडूपास्तिथीयोग्यतातेहवेधावषीज्ञेययणपाए ध्यप, सहेयित्तभाभघ्वांत महीपाशाईतिरापशा . ॥जथयारित्र पैत्यचंन॥ __णपन्नति छंधाआराहियंजंडियचडियस्स,नमोनमी संभवीरियस्सालुन्गप्रयातछंदावषी ज्ञान व पररा परि सुरंगे,निराशंसता द्वारोपप्रसंगालवांनोघिसंतारणेयानतु व्यं,घरतेहयारित्रमप्राप्तभुष्याशाहोर्यन्नस महिमापी सन्न वदीवाशांगीलएीहोयतानाचतीपापपोपि निःपा पिथाने,थसिद्धतेउभने पारनाशातिरापा ॥जथतपपहयैत्यवंटन ॥ .. पन्नति छाउम्भह मुन्मूलराउंडरस्स,नमोनमो तिब्बतचोलरस्सामालिनीछंचाईयनवपय सिइंषधि वि ब्लसभिडं, पयडियसुरपणं तिरेशसभागााटिशिवसुररूप रजोणि पीढापयारं, निग्या दियय सिध्ययनमाभिाषण पत्नुबंगप्रयात छंद्या वितिऽपरोउर्भपाय टाले,निशयित पणेजांघियांतेहलाषाज्योतेहतपणासात्यंतर पुलेटे,सन मायुक्त निर्हेतु ानछेघाशाहोमेनस महिमाथीपाज्य सिध्यि,नवांछापणे सावरपाशुध्यिातपोते तपमहा नंदृहेत, होमेसिध्यासिमंतिनीभसंडेतेपास्यानवप ध्याननेहध्याचे, सानचिद्रूपता तेहपावेएवषीज्ञानविन मलाहिगुएरनधाम,न तेसप सिध्यपक्रधानाचाच - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryang Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૨૦ ) राम नवपद घ्यावे, पर्म खानंद पावे ॥ नव लवशिव लवे, हेवन रलव पावे॥ ज्ञानविभल' गुए। गावे, सिध्ययक प्रलावें॥ासविदुरि तडीपशभावे, विश्व न्ग्यद्वार पावे॥या र्धितायना ॥ जय शांतिग्नि चैत्यवंदन ॥ ॥ सहसकुशलवल्ली पुष्करावर्त्त मेघो, दुरित तिमिर लानु: ष्पवृक्षोपभानः गालवरसनिधिपोतः सर्व संपत्ति हेतुः सलवति स ततं वः श्रेयसे शांतिनाथः ॥ १ ॥ सुधा सुंदर वाग्न्योत्स्ना, निर्भपीट नहिड्नुजः॥भृणलक्ष्मातमः शांत्यै, शांतिनाथोग्निोस्तु वः॥ाशा चिहान हैडपाय, निनाय परमात्मने । परमात्मप्राशाय, नित्यं सि घ्यात्मने नमः ॥आग्जन्यथा शरएां नास्ति, त्वमेवशरणं ममत स्मालारएालावेन, रक्ष रक्ष निनेश्वरा नापाताले यानि जिंजानि, यानि जिंजानि लूतले । स्वर्णेपि यानि जिंजानि, तानिचंहे नि रंतरम्॥चा तपा ॥ अथ श्रीशत्रुन्ग्य चैत्यवंदन ॥ ॥ श्रीशत्रुन्य सिध्यक्षेत्र, हीडे दुर्गति बारे ॥लाव घरीनेलेय ढे, तेने लवपार तारे ॥शा अनंत सिध्धनो से हाभ, सहल ती र्थनो राया पूर्व नवाएं। ऋषल हेव, न्यांडविया प्रलुपाय शा सूरन कुंड सुहामएगो, डविडक्ष जलिराम ॥नालिराया कुल भंड एगो, न्निवर उई परलाभ || आर्धति॥चा ॥ श्नथ योवीश ग्निनावनुं चैत्यवंदन ॥ ॥ पप्रप्रत्लने वासुपूज्य, होय राता उहियें। संप्रलने विधिनाथ, होन्वत सहियें ॥शाभल्सीनाथने पार्श्वनाथ, हो नीला निरजा भुनिसुव्रतने नेमनाथ, हो संग्न सरिजाशाथो Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - लेनियन सभा, सेवाग्नि थोपीशाषीरविमल पंडिततj, ज्ञानविभषउहे शिष्यातिापंगा ॥ अथ यौशेजावनगएराघरचुंचैत्यवंटन। ॥गराघर चोराशीइया, चषी पंपापुंछेगाोय जपिउने उशयगगा,शोलजधिशतवाशित सुभतिने गएघराणी गशय अघिसातापय्याएंच्याऐतथा अऽसी भेगसीव्रातप पशाहोंतेर छाश सगवन्न, पंगाशतेंताषीशाछत्रीश परात्री राहुंथुने, भरणाघर तेत्रीशागामडवीशमष्टाश उल्ला,नभी सत्तर गएघाराागशशशिवणया,वीरतपासणीभारण एमालेलाधि योगीराना,मेसहस्सशय पारामघिडेरा जा चन उहा,सर्प मषिणएघारापाअक्षय पहचरियासरे,सा हिमनंत निवासाउरिये शुलचित्तवंटना,नगघटमांसास गएरा पतिएपटा ॥अथ परमात्मानुयैत्यवंटन। . ॥परमेसर परभातभा,पारन परभिष्ठात्यल्गरध्यापि ध्वनयऐं में छिपांजयल जमविचारसारणा रस सिंचाल्गतिब्नमाधार भेड, निःआरएजंघूएशाणुगमनंतन प्रित्युताहराजे,भिहिल्या नन्नयारामप्रलुन्निध्यानथी,गि सनहसुजथाया ति एप ॥जय ग्निपूलनुं पैत्यवंदन॥ निन् निनाथजेस्च्ये पए तिमहिनामथापनानेही प्रारम्गमाहिपामध्यानमयीनेडीयें, निक्षेपायाशातीला पिसभानलाव,पामे निरधाराशापाचनमातभनेरेमेडम - Jail Educationa International For Personal and Private Use Only Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C २२ ) माहिङ दूर राते प्रलु पून घ्यानथी, राम उड़े सुज पूर आर्धतिदुः ।। जय स्तुत्यधिङार प्रारंभ: ।। ॥ अथ सीमंधर निग्न स्तुति ॥ ॥ सीमंधर स्वामी निर्भता, तुम ज्ञान बीपनुं जेवला ॥ सीमंधर स्वामी तारतार, मुळ श्यावाश्रमन निवार वार ॥शासीतेरशो निन पर बंहीयें, न्ग्स नामें पाप निरंहीयें ॥ सांगत ग्नि सोहे पीशसार, ते लवियए। बंधेवार बार शान्निवाएगी साउर सेजडी, पीतां नये अमृत वेलडी ॥ न्निनागभ सागर सेवतां, सही विद्या रथए। सोहा बता आसीमंधर निनपह जनुसरी, श्रीसंघप्रत्यें जहु सुजरी। उनअलासा शासन सूरि, द्यो पंडित हेवी पतंगाचार्धति॥शा ॥ अथ सीमंधर प्रभुज बियरता निननी स्तुति ॥ ॥ श्रीसीमंधर सेवित सुरवर, निनवर न्ग्भ न्यारील धनुष्य पांयशें उंचनचरणी, भूरति मोहनगारी लाविवरता प्रभु माहाविहेहें, लविन्निने हितअरी कामेहु बीडी नित्यनाम नपीनें, हृध्य उभसभां घारी कशा सीमंधर युग जाहु सुबाहु सुन्नत स्वयंप्रल नामका अनंत सूर विशास वनंघर, यंानन अलिराम लायं लुनंग ईश्वर नेभि प्रल, वीरसेन गुएाधाभन्द महालहने हेवयशावसी, सन्ति उरं प्रणाम कशामलुभुज वाएगी बहुगुए। जाएगी, भीडी अभीय सभागीला सूत्र जने ज ये गुंथाली, गएाधरथी वीर चाएगी काडेवसनाशी जीन चजाएगी शिवपुरनी नीशाणी काीिसर आएगी हिलमांहें लशी, व्रत उरो लविभाएगी का आ पहेरी पोसी यरणां योजी, यापी यात भरा लीन्गा अतिश्पाजी अघरमंचासी, जांजडली आएगी खालीला For Personal and Private Use Only Jan Educationa International Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - विघ्ननिवारी सान्निध्यारी,शासननी रजवासीलाषीरविमल विरायनोसेवऊ,बोलेनय निहालीलागातियशाः ॥जय सीमंघरग्निस्तुति॥ ॥श्रीसीभघर मुन्नेवाला, मासखसुविहाएमुलाागि गडेतेरेंतपता ग्निवर, मुन्तूगर्छन्नपुंलाडेचलाउभषाषि रंतोषभंडरासहीवोलाषाजयोरासी पूररमायुरभि एवरघांवोलामासंपतिजावेंचीशतीर्थराणध्या अनि नवयंचलाउ चपीजापऊपरएयार्छ महीपतिसुजऊन पलाश्रीसीमंघर माध्मिनोपभाभहाविटेहजेरिएंधला सुरनरोडाजेडी भतीवती,न्नेवे भुजजरविंधळाशासीभंघर भुज त्रिगडुन्नेचा,हुंसवन्नयोचाएीलानाडाडुंगर मापीनश कुंवारविषभरपाएगीलारंगत्मरि शराघरी पायवाशुंसू जर्थभनसारोलाजमृतरसथीसचिडवजागीलवयायि| तपारोलाडापंगांगुलीमें प्रत्यक्ष घीडीहुंन्नएंगभातालाप पेहेरएयरपायोषी पटोली,अंघर जिरारातालावर्गलुप नासिंघासगजेठी,तुहिरवी विज्याताळगासीभंघरशासना रजवासी,शांति शमसुजघतालामा पतिराठा ॥अथ सीमंघरग्निस्तुति॥ ॥महाविहजे सीमंघर स्वाभी,सोनाना सिंहासएलप पानांडोशीशांजिराले रत्ननाटीवाटीपेला दुभव गहूती जिरा,मोतीना भक्षत सारदात्यांजेहासीमंधर स्वाभी,जपे मधुरीवाएीलपाडेशर यंघ्नलरीरे उयोषां,उस्तूरीज रासलापहेलीरेपून्नजभारीरे होनेणेगमते परलातला । मास्तुतिसंजंघियारणाथानोन्नेडोपूरएछोरोन्नपणे सन || . . . . .. - . Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.and Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । (२४ , तेनाप्रास पराजराजरभलपान्ने परंतु तेवीमोजेसीप्रत भने। मसीनथीभात्रघणारनोना भुजपाजपरसजेताछपहनप्रासभेन ल्याविनानासालप्याछेतेछाप्याछे. ॥अथ साहिग्निस्तुति ॥ नाटिन्निवर रायान्नससोचन्न गया,मरवीन्सभा याधोरीपंछन पायान्तस्थिति निपायाशुध्यचारित्रपाया, उचस सिरिराया भीक्षनगरे सघायापासपिनसुजारी भो एमिथ्यानिवारी,दुरगति पुजलारी शोऽसंतापवारीमाणिक्ष पड़ सुघारी उचसानंतघारी,नभियेंनरनारीहविश्वोपजारी राशासमवसरणाषागेरेग्नि भीडा,उरेगएप पहा इसरिट्रियाहाशांगीवरिष्ठागूंधताराले रिहा,लपिन्न होय हिला जि पुएयेगरिहाणासुरसतित्तताहऋध्ये हिंता,नेहसुग्नसंतारातिय मुयिताराग्निवर सेवंता विघ्न पारे पुरंता,ग्निरोत्तमथुएंता पसने सुजातियातिापा - - - ॥जयऋषनग्निस्तुति॥ ॥अति सुघटसुटर,शुए पुरंधर,मरूपसुधीरघन उभेउसी, सननी, सिंधुसमगंलीशानानिरायनंदन, पल पंछन,ऋषलग्नानंहाश्रीरागपिल्य,सुरिहतेहना,ची पहन अरविंाशासुरनाथ सेषित, विघटित, पिहित विश्वाधारा शेयसामबा,शेयजलायनीलवणधारानसूसस, समानघर्षशोषसोचनचानाश्रीरामधल्यसूरिश नहीं निश-घरे तेहनुं ध्यानाशामज्ञान महातभा परग्नी,शें वि इंसएतासासिध्यांतशुध्या प्रजोधणघ्यो, टिनगर ओडीडा शापडघशोलित,तत्त्वानित,सूत्र पीस्तापीयाननिसरस तहना,अर्थमारो श्रीराविन्यसूरीशाआगगाभिनी,प्रालि - in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५ ) राम अभिनी, हामिनीसी हे। सा उभसनयएगी, विपुल चयएगी, यउद्वेसरी गुएाणेह ॥श्रीरान् विन्य, सुरिंहपाये, नित्य नमतीनेड़ उड़े य रत्न, वायऊ नैनशासन, विघ्न निवारो तेह।नार्धति ॥ ॥ अथ श्रीशत्रुन्ग्य स्तुति ॥ ॥ श्रीशत्रुंन्ग्य गिरितीरथ सार, गिरिवर मांहें नेम मेरेबीहार ठाकुर राम अपाशा मंत्र मांहें नवद्वारन लघु, तारा मांहे नेम चंद्र ब जाए, नसघर भांडेन्स न्नएंगा पंजी भांडे नेमीत्तम हंस, जुलमाने मऋषलनो वंश, नालितगोळे अंश । क्षभावंत भांहेभ खरिहंता, तपशूरा मुनिचर महंता, शत्रुंग्य गिरिगुएावंता ॥ शाखल जन्ति सं लवग्नमिनंघ, सुभतिनाथ भुज पूनभयँहा, पद्मप्रत्न सुजा॥श्रीसुपार्श्व यंगल सुविधि, शीतल श्रेयांस सेवो जहुनुध्धि, वासुपूज्यभ ति सुधिताविभस जनंत ग्निधर्म मे शांति, डुंथु जर भत्सिनमुंथे अंति, मुनिसुव्रत शुध्य पंथि शानमी पासने वीर थोवीश, नेम विना से नित्रेवीश, सिद्धगिरिजाव्यार्घशशाशात्लरतशय न्निसार्थे जोले, स्वाभीशत्रु अन्य गिरि हुएातोसे, निग्ननुं वयन समोसे ऋषलम्हे सुशीलरतराय, छहरी पासंताने नरन्नय, पातङ लूडो थाया। पशु पंजीने घेएा गिरिजावे, लवत्रीने ते सिध्धन थावे, अन्ग्शभर पहपावेन्निभतमें शत्रुले बजाएयो, ते में खागम हिल भांड़ें जाएयो, सुएातां सुजवीर जा एयो॥आसंघ पति लग्तं नरेसर आवे, सोवन तणां मासाह उरावे, भ शिभय भूरति डावे ॥नालिराया भई हेवी भाता, ज्याह्मी सुंदरी जेहेन वि ज्याता, मूर्ति नवाएं स्यातागोभुजने यलेसरी हेवी, शत्रुंन्य सार रे नित्यमेवी, तपगच्छ बीपर हेवी ॥ श्रीविन्यसेन सूरीश्वर राया श्री विन्य हेच सूरि प्रएाभी पाया, ऋषलहास गुए। गाया ॥मा घेति शत्रुन्ग्य स्तुति समाप्ता ॥ Educationa International For Personal and Private Use Only Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -- - ॥जय श्रीशचॅल्यस्तुति ॥ ॥श्रीराचुन्यमंडएा माहिर,कुंजनिश सातास सेवारा यएतापगला प्रलुतणां पूनिशाख पशोडामणगावीशती र समोसस्या,विभवायवीपरशुगलस्यागिरिडरों भायाने भनाथ,सोग्निचर मेलो मुक्तिसायाशात्रीसोहभस्वाभीजपति|| श्या,ग्गुणएघरने भनवश्या पुंडरिऊशिरि भहिमामेहमाहिइंसा गमसमरंभनीछाहिगागायलेसरीगोमुजज्वडयक्ष,भनयंछि | तपूर्ण उत्पवृक्षासिध्यक्षेत्र सहादेवता,लऐनंदृसूरि तुभ पाय सेवताना पतिाटा ॥अथ श्रीसिध्यायपलनीस्तुति ॥ ॥भागें पूववारनपायुं,माहिग्नेिसरमायालाशयुल्यन खालजनंतोनगी,वंते नापायालाागजंघवष्णतारए | गिरिधीठांदुर्गतिवारेलगायात्राउरंताछहरिपालेंजरपोतानांसारे| लाशबुग्यमष्टापहनंदीसर,जवषय आलाासय सतीरयनेसमेत शिजरगिरि,सवमन्यांलामतीतमनाण तनेवर्तमानहग्निवरष्माने होसेलान्नतीर्थ श्रेणीपरेवाडेते हनेशिवपध्यासेलाशासीभंघरग्नि सुरपतिमाशेंशयुल्य महिमा हाज्योछावांभागभणएघराय्युंज्यूमेतीरथलाग्योलासि ध्यानंतामेरो गिरिजा,घनसागममजोखेलासपतीय थमांरानाहियें,नहीं ओशत्रुग्यतोलेलाडाचऽयक्षगौमुजये डेसरी शत्रुग्यसान्निध्यारीलासऽषमनोरथ संघनापूरोपंछित सभडितधारीलाश्रीविभलायसन्मल्यवंता,संजलसन्नितुमारी लान्ने चाशत्रुग्यसेवा गर्यतिध्यिनमारीला पति सिघ्यायपलनीस्तुतिसमाप्ताका Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - neumournamaATRIME www ( २५ । ॥जय श्रीशांतिग्निस्तुति।। . ॥श्रीशांति लिएरोवरसभरियें,लेहनी जपिरामायापविश्वसेन उसपना,मृगपंछन पायागपुरनयरीनोघएी,सोवनवीगया पधनुष याषिशन्स हुडी,परपसाजनुंभायापाशांतिग्नेिसर शोलमा,चक्रीपंयभन्नएउंथुनाथ यकीछहाराजरनाथजान एजेत्रो यकीसही हेजीमारांगासंयम भुगतेंगया,नि|| त्यजीही यंाशाशांतिग्नेिसरडेचती,धर्मप्राशनशीष तपलायना,नरसोई मल्यासें एग्नेह चयन निलतयां,लिग हिय डेघरियांगसुणतां शिवणति निर्मषी,ीसे उचपपरियागासभेत शिजर गिरिजपा,नेमएसएडीशस्सिमुधरवाना तिणें मुगतिरषीधुरागडयक्षसभरंसधाची निपालसिल वतु सामसो,रिपत्नासनी गएीया तिागा - - ॥जय श्रीशांतिग्निस्तुति ॥ ॥सम्मसुजापुर,प्रएभितनागर,सागरपरेशन्नीरोलासुन स्तखतावन,सीयनपनसम,लविग्नभनतरडीरोलासुरनर जिला ब्लर,मसुरपियाघर,तिपटमरपिंडलाधिवसुजमरण,शुल परिणाभे,सेयोशांतिगिएलापासयसग्नेिसर, लुवनहिरोसर अषवेसरमरिहंतालगालविन्न मुह,संजीधनशशिसभालयलंना नलगवंतालाअष्ट उरमभरि वनतिगंगनारंगन भुनिन्नना पित्तालामनसुध्धेरे, गिनने भाराधे,तेहने शिवसुजहितालाशामा विहित मुनिग्न,मानसरोवर सेपितराभशलोलाविभव सास, निवारएन्सघर, निर्मलसूत्रम्सालोलामाणममहल,सुपाप शोनित,पीडामर्थमगाघोळगावयनवयना,तपीरेश्यना,लपि नलाभाराघोलागाविभल उमलल,निर्मललोयए,प्सन सितारेललितांगीलानह्माणी,ची निश्वाएी,विघ्नहरए उपाय Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PO RILAKARMAHILARISMAALONLINGSam ( २८ गीलामुनिवर भेघरमपध्मनुयर, जमररत्नभनुलावेलानि रवाणीची भलायें,जीध्यसासुजपावेलातियापा । ॥जय श्रीशांतिग्नि स्तुति ॥ ॥गपुर अवतारा, विश्वसेनाभाशामचनितीधारा,याड विषछी धाराापतिष्चिससवाया,सेपियशांतिसारा,लयन्साधिम पारा,पाभीयेंन्मपारावाग्निशुगसमल्सिपासना विश्ववष्टि मनसाप्नयसास्सि, मानवंती निसस्लिासपशलस्सिपडे वे दूली.पुरगतितससि,तासाश्रीसी,शान्निथित पिशा सासूत्रएीरसालापसलसुजसुजाला, भेषवा मुन्तिबालाराप्रवन यनपट भावातिलाघ्यालाजिरघरी सुभाषा,मूडीय भोहब्बसाडामति थपखजाएी,सूत्रमाप्रभाएलगवतिजलाए विनइंता निर्वागीपग्निपरखपटाएीजेडी ल्याएजाएगाणध्य रतनेन्नएी,सुजातासयागीता तिपिशा । जय श्रीशांतिग्निस्तुति। | ॥शांतिउर शांतिग्नि,नवरापुरघपीएसयलगन्नगती रितितुभतीपतुनिरजतां पित्तरीले घांग पाभियें एमता सुज्जाशिवपुरतjापग्नितांतीर्थ,न्यमांछेन्टलायव रओटडी, पथयावरत्नलायंप्रलपासुपून्य,शांतिग्निशोलमा न श्रीपासने,वीरयोवीशभाशायोग्नणाभिनी,वाएीसोहामा गीतेथुएीगणवरे,श्यनाडीधी घणीनंगमणीमारने,यौ खसुपीतेहथुपीहुंनभु, भोक्षसाधनलएीराणाशासनसाभि नी,शांतिग्निसेविगासंघ सान्निध्यउरो,ची निर्वाणिजसाधुने साघवी श्रावधाविडाविघनतुभालन्ने,पुएयरलाविला । Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । २ । ॥जथ जरन्नि स्तुति ।। । द्रुतविलजितछंहासरिनायसुसाघुसुरेसुरा,नभिनरेस रजेयरलूयशपणारी पिशतिन्हग्नेिश्वरा,लुगाडिन्नरसेवित लूघशाशाषनाशषितने दुर्यश,गतपावन सर्वतीर्य यामध्नभन्नगनरेन्शअनंततेहनभोजरामराशा विश्व माशा उचललाषिता,पुगतिपथ पडेतसराजितातेहपीतासीय सूत्रसंलारिय,पुरित पडसरेभिचारियोआपीनपयोघर धारनी घारपी, विघ्नशासनचार निवारिएपरभणध्यपहसंपारी भंगलसरेसिंपनसारएगीतिाच्या - ॥जयश्रीगिरनारलनीस्तुति ।। गिरनार गिरीश्वरवंडीयें श्रीनेभी निरजीनाएंधयोमा पाठशुटिलष्टमी भोक्षलएसासयसुजपाभ्यागुएनिधानानि नवर पीवीरोपंता,तेनोधर्मसुणिमनरंताग्निनाएापा लीघरी पियेऊ,लव्यलपतस्यात्तरशेजनेाशाजागमवाएीपि त्तधारता,जज्ञानतएांपुजवारतगपंचमाजेहीमाधार, तेपंदूंमागमतसारााजातीरयरक्षरेसुरसुरीमतेचाएं भनघरीसुरलूपनमतसुजसंपघ, सहरहरेगमापाi __॥जय श्रीगिरनारलनीस्तुति ।। ॥सुरमसुरपंथिपायपंगमयएचटिस जलोलितपय सुघनश्यामशरीरसंघर,शंजसंछनशोलितंशिवाचीनंना बिम्णबंधन,लविभटिनेसागिरनार गिरिवर शिजरपंचा ||श्रीनेमिनाथ ग्नेिश्वराएमष्टापत्रीजाहिग्निपरुबीर पाया रिवगावासुपूत्यर्थपानयरसिध्या नेभरेवा गिरिवरासभेतन शिजरेंवीशग्निवर,मुत्तिपोहोताभनहगायोवीशग्निपरतेधा e wanamusam - sansare - JD Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryal Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सयससंघहसुजाशाग्यारजंगजएंगणारे,शपपन्ना लगियेंगछछध्य पसन्थएथ्या,थारभूलपजाणियोजिनुयोगदारणधारनंही सूत्राग्निमतगायोयह वृत्तियूर्णिसूत्र पैतालीमा गमभनध्यायोजागिहुं शेिष्ाला घेयनेहने,सहालपियए। सुजहशापुजहरियजंजा,इंजसुंधरपुरियोहगजपहागिरना रमंडएएनेभनिनवरचरण पंउरसेरिया|श्रीसंघसुप्रसन्न सघमं| गाशेशनिहारेवियामा राति CumiRaon जिथनेभिग्नि स्तुति।। ॥श्रीगिरनारेंरेगुएनीमो,तेतरणतारणविलोचन तिलोने भीसरनमियतेसा,सेव्योआपेसुजसंपधाशक्टेिवव्हनेन भेर्शनही दुजणपशभरेअतीतजनागतवर्तमान,तेल्नियर व परघानाशाअरिहंतेंचाएीणग्यरी,गएघरेतेश्यनामापी स्ताखीमागभन्मएीयें,मर्थतेहनायित्तेनापीयवाणहगिरनार नीधिष्ठायिाग्निशासननीरजवासिजासभरं साध्वीशंजिया उपिडीध्यरन सुजधानाच्या पतिपणा - । ॥ अथ पंचमीस्तुति॥ ॥नेभिरिनेसर प्रनुपरमेसर,पंधेभनणसासळापावाय पिंयमी निरनभ्यामो चिन्णप्रशलान्नममहोत्सव उर सुरपति, पाय पाउरीमावेलामेश शिजरपरमोच्छवज्जीने,पि जुघ सयससुजपावेलापाश्रीशचुन्यगिरनारवंधननिरि. चेलारलासभेतशिजर भयापहनाजूनारंगगिरिनेनुहारला श्रीवयि पास भंडोवर,जेसर प्रलुवलासयलतीरथर्नु ध्या नपरीने,महनिशडीलेंसेपलाशावरतनेशुराभंगरीपरणंघ,नेन भिल्नेिसरघज्योलापंयमीतपरतांसुजपाभ्यानसूत्रसस्लमांना Jeducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.om Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३१ ' लांज्योन्नमो नाएास्स भगाएं गशियें, विधि सहित तपडीनेंट गाडीसट घरी जीन्मएं उरतां, पंचमी गति सुज सीतें लाआपथमीनुं तपले नर अरशे, सान्निध्यउरे संजार्ध का होसत घर्ष अधिङसवार्ध, हेवी ये मुरार्ध लगातपगच्छ जंजर हिनदुर सरिजो, श्रीविजयसिंह सूरीश न्ााबीरचिन्ग्य पंडित अविशन्न, विष्णुष सहा सुन्गीश लामा ॥ जथ पंयमी स्तुति ॥ ॥शत्रुन्ग्यगिरि तीरथसार ॥ मे देशी ॥ श्रीन्निनेभी निनेसरस्वामी, भेड भनें जाराघो घामी, प्रत्तु पंचभगति पानी पंचप उरे सुरसामी, पंचवरए उसशेंन्सनाभी, सवि सुरपति शिवामी ॥न्न्म महोत्सव उरे छेद शिएगी, हेवतएगी जे अरणी न्नएगी, लक्ति विशेष व जाएगी।नेमल पंचमी तपडल्याएणी, गुएामंन्त्री वरहत्त परें प्राणी, उ श्योलाव मन भाएगी। शानष्टापः श्रोवीश निएांह, समेत शिजरेंवी शघुलनविवंद्य, शत्रुन्ग्य नाहिरिएांघीकृष्टश सत्तरीसय निध नव डोडी डेवली ज्ञान हिांह, नव जोडी सहस भुशिंघासांप्रतिपीशनि एह सोहावे, होय डोडी डेवली नामघरावे, होयडोडी सहुस्स मुनि उड़ावे ॥ ज्ञान पंथमी जाराघो लावें, नमी नाएास्सन्पतां दुःजन्नचे, मनवंछित जथावे ॥शाश्रीनिवाएगी सिध्यांतें बजाएगी, न्नेयए। लूमिसुएणे सवित्रा एसी, पीलयें सुधा सभाशी ॥ पंचमी श्नेऽ विशेष वजाएगी, जन्तुनाबी स घसी खेली, जोसे डेवल नाएशी पालव लव परसें जेङङरेवी, सौलाग्थ पंयमी नामें जेवी, भासे ने अहेवी पंथ पंथ वस्तु हे हरे ढोपी, खेमसा डायवर्ष प्रेरेपी, आणभवाएगी सुएरोबी । आ सिंहगमनी सिंह खंडी जि राने, सिंहनाह परें गुहिर जाने, बहन यह परें छाने । उटि भेजला नेीर सुचिराने, पाये धूगरा घमघम चाने, चालती बहुत हीवाने गगढ गिर नारतएगी रजबाला, अंज लूंजन्नुति संजाजाला, घ्नति धतुरा पाया सापयभी तपसी उरत संभाला, हेवी पाल विभत सुविशासा, Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । रलरिभल्यभावाच्याति पंचमीस्तुति समाप्तामा - ॥जय भौनमेजशी स्तुति ॥ ॥नेमीसरने श्रीनारायण प्रश्नउरे पायचटौलासप पर्वमांस महाइस,तेमुग होनाएंधीलाग्निहेलेमेमौनराशी, @वर्षजाराधेलापणविहारपवासपोसहधुत्तेशिवसंपघसा घेळापत्रे पायपायऽल्याएऊ,सर्व मषीपंथाशलाविहुंच तेविगुएारतां,थायेोढशो विलासलाभागशिरशुहिजेडाशी|| नेटिने,तेल्पभाषिगाणयेलासंपासघतीसन्मुजथाये, मापस विजयगणियलाशाप्रतिभाज्ञानपूनणपगरयां, प्रत्येजगीमाय लाइसपञ्चान्नभेवानढोवा,साभीवत्सपसाराशुश्चयने म मौन भेजशी,भ'रेशेलासुब्रतश्रेष्टीतणीपरेंतेनर,शि विभषा सुजवरशेळागाचची सभ्यष्टि शासनसान्निध्य शरीलासंघना सऊलसभीहित पूरी, घोगरज निवारीला जशीतपमाराघडने,भनामित सुजमापोलाइंसउरुश्रीन ग्निभाएाभां,भनलपिथिरउरीथापोलामा पतिाका ____॥अथ भौनाशीस्तुति॥ ॥श्रीनेभीसरसुरपतिभागस,लांजेजति हितधारीलास उषपर्वशिर मुकुट सभोवड, भौन भेडाशीसारीलाध घोषन सूरितगोश्रावऊ, सुव्रतना शीघरलातासतएीपरेभारा घे,पाभेतेलवपारलतापांचलरतने पायभैरवत्तशजेनें ग्निताभलामतीतजनागतने वर्तमाने,घेटशोउल्याएउ नाम लाधिवनग्नमीक्षाने डेवल, ज्ञानभुशति जलिराभलाशाभा गशिरभासतएीजाशी,भन्नुभाषी मनोहारलाध्यानभानण पवासरीने,पोसहते यणविहारलासंघचतुर्विधलणतियुन्ति | Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ory Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Gue शुंडीरेंचर्षणीनारळामागमविघशुभेमरशे,तशेतेसंसारणामासुरपनि सऽससुरासुर डिनर, समस्तिधारीला श्रुतध्वीने शासनवी,गोरीनेगंधारीलातेजिहुंभषीने भौना यी,तपसी विघ्ननिवारेलााश्रीहीररत्नसूरीश्वर सेवजीर्तिमानी रिलागा तिसा - ॥जय श्रीपार्श्वग्निस्तुति॥ ल्गनान्नमांदेलनियो,नेणीसरच्यानेडलीयो.शि वचघूसंगेहुलियोजिसनह्मांडेंसहलीयो,षटदर्शन भतेन विजसीयोजसवंत भाषसीयोज्ञानमहोध्ययुगुणरछपीयो, मोह महात्मटऐपीयो,अमसुलट निलीयोजनरलभर पहला रेसीयो,सोभन्नु पासग्नेिसरमषीयो,भार मनोरथलीयोm मुन्तिमहामहिरनावासी,मध्यातभपहनाणेपासी,मानप विषान सीएनजमगोयरने भविनाशी,साघुशिरोमणिमहासंन्यासी, सोडालोऽप्रमशीन्सघोहनीछाजासीवायोनिलाजयोराशी,नेहना पास निसीसहपावसन्योतिीमासी,मथिरसुज नारेनहींभासी,वंदुतेहनेणटवासी॥शाश्रीग्निनाषित प्रययनमा बालचिन्न घरोसुभाला,मेहेसीभासपंपालामुन्तिरवानेन वरभाषा,बाईचर्य ते उसमरसाला,गए रेगुंथी पिशालामुनिवर मा घुउर पभयाषा,लोगीतेहनावलीलूपाला,सुरनरओजीरावाने नरपतुरमनेवायाला,परिभलतेपाभे पिगताला,मांरेलवलसा शानागनागिएीमघजलतान्नएी उपासागरउपाशी,तत्क्ष एट्याताएगीनवार भंवडीयोशुराजाएगी घरणीघर पनावतीरा पी,थयाधणीधणीयाएीपासपसायें पपरभाएी,सापयाग्निप सपयगी, विघ्नहरए संपरागीराजेडारियातामांशुल हाशित नेपास लिऐलविभाएी.जयव मेमवाणीचा भास्तुति || Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ||भांउपियेंउवितामेखववासाइनागनेस्थानगिम्जरीनामतप्रमाणे ||नागमनेनागपीपज्यांब्यायछ। ईतिाशा ॥अथश्रीपार्श्वनाथनीस्तुति।। ॥रा, नित्यपास पितामणि,शोऐतससप्तश्यामणिशातसम | हिभाभहीभांहेल्पएी,सुप्रसन्न सघभुनन्गत घशी पाबंदुकुंभतीत अनागता,वीशविहरभानथारे शाश्वतासंपत्निवरस विडीयें,मनमोहनजीभाराहीयोशालरपूरेंगारे भेइषो,सा लखतांमधिस्नेहसोमेवोभागमाग्निवरत्नांजियो सङ्कगए घरमणि पराशीयोगाश्रीपासपररासेसा,नेहथी पहियेस जसंपाध्याशबहे सोनगवर्ष,संघ विधनहरोपीभावान ॥ जयशंजेश्वरपायन्निस्तुति ॥ उल्याएजार, दु:जनिवारऊ,सखसुजमावासासंसार तारउ,मनभारऊ,श्रीसंजेसर पासाजश्वसेननंहनामविज्ञानं न,पिश्चयंघ्नध्वपनवनीतलंग्नउमडगंन्न,नभीरें नित्यमेवा पायलोडहीपमोहनीनऊ,शिवसरोवरहंसामुनिध्यानमंड नादुरितजंडनल्नुवनशिरावतंसाव्यलावथापन,नामनेटीम सानिजेपाथारातेवघ्वा,मुन्तिसेवा,नमोनियसुजगशाशा षटच्यगुएरा, परन्नयनयगम,लेविसध्वजाए।संसारपारा, वारतरएी,भतिउंडपाणीपमिथ्यातलूघर,शिजरलेप्नावलस भन्नगीराजतिलगतिमाएी,लपिप्राएी,सुगोते ग्निवाए। |पानशयनसार,यसुंघर,सुघासन विशालानिङसंडस इस,उसंतमहर,अंगमतिसुभालापियावतीसा,लगवती सवि,विघ्नहरणसुभएी श्रीसंघने, ट्याए।उरपी,इंसहे हित माएीया तिारना , JalEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ol Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३५ ) ॥ जय शंजेश्वरलनी स्तुति ॥ ।।शंजेश्वर पासल पूछनें, नरत्नवनो साहो सीलसें ॥भनवंछि तपूरए सुरत, न्यवाभा सुत जलवे सरे॥१॥ होय राता निवर तिलता, होय घोला ग्निवर गुएानीसा होय सीसा होय शामल उह्या, शोले न्निधन वर्षा सह्या ॥शाखाणमते निनवरे लांजिग्यो, ग एघरते है यडे राजीग्जो ॥नेनो रसनेणें पाजीखो, ते हुश्नो शिवसुजसा जीखो | आधरणीधर राय पद्मावती, मलुपार्श्व तथा एाणावतीपास हु संघनां संम्रचूरती, नयविभलना वंछित पूरती ॥ना तिरपण ॥ अथ नवपहना जांजीसनी जोसीनी स्तुति ॥ ॥ वीरन्ग्नेिसर, लवनहिएरोसर, न्ग्गहीसर न्ग्यडारीन्डश्रेणी उनरपति, नागपरंपे, सिध्ययक तप सारी लासमति दृष्टि, त्रिज्य एाशुध्धें, ने लविया नाराधेन्नाश्री श्रीपाल, नरिंपरेंतस, मंगल उभावाधे नाशाश्नरिहंतविथें, सिध्यसूरि पाठङ, साहु निहुहिशिसो हेन्नाहंसएरा नाएा, परानप विधिशें, स्नेह नवप मनमोहेन्छाना पांजडी, हृध्यां रोपी, खोपी रागने रीशळा जोड़ी पह, जेउनीण शियें, नवश्वासी वीरान्ाशाजाशी चैत्रशुहि सातभथी, भांडी शुल भंडाए। न्ानवनिधिहायङ नव नव जांजिल, खेम जेमशी प्रभाएाल हेववंदन पडि भएं पून्न, स्नात्र महोत्सव पंगळा ओह विधिस घलो निहां डीपदेश्यो, प्रएाभुं अंग डीपांगला आतप पूरे जन्मकुंडी लें, सीनें नरलव साहलान्निगृहुपडिमा साभीवत्सल, साधुलस्ति ीित्साहुन्याविभसेसर राहुडेसरी हेवी, सान्निध्यडारी राजेश्रीगुर जिमा विन्यसुपसायें, मुनिन्नि महिमा छाने कानार्धति॥रा ।। जय पन्नूसएरानी स्तुति ॥ ॥ पुएयनुं पोषएा, पापनुं शोषएा, परख पन्नूसा पामीलााउष्प For Personal and Private Use Only Jain Educationa International Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 39 ) घेरपध रावो स्वामी, नारी उहे शिर नामीलाडुंग्नर गयवर जंघयढा वी, ढोल निशान वन्नडावो कासहगुई संगें पढते रंगे, वीरपरित्र खुणावोन्नगाशाप्रथम बजाए। घरम सारथिपट, जीने सुपनां धारला त्रीने सुपन पाण्डवसी योथे, पीर नग्नभखधिारन्नापिंयमेहीक्षा हे शिवपह, सातभे ग्नित्रेवीशळानाम्भे थिरावती संलसावी, पिठी डापुरी नगीशब्ााशा जन्म जङ्घार्थ डीलें, जिनवर पैत्यनमीनें लावरशी पडिएमए मुनिबंधन, संघ सयल जाभीनेंला आठविस सगें जभर प्रलावना, घन सुपात्रे हीनें काल जाहु शुश्वयए। सुगीने ज्ञान सुधारस पीनेंलाआतीरथमां विभलायस गिरिमां, मेरे महीधर नेभन्लामुनिवर भांडी निनवर मोहोटा, परख पब्लूसए। तेमला अवसर पाभी स्वाभीच्छल, जहु पश्चान्न वडार्घकाजिभाविन्य ग्निहेपी सि घार्छ, हिन हिन म्नधिऽवधार्थानां ॥रणा ॥ अथ पन्नूसएरानी स्तुति ॥ ॥ सत्तरलेही निपून्न रथीने, स्नात्र महोच्छव डीरेंन्गा ढोस हा मा लेरी नमेरी, असरी नाघ्सुएगी का वीरन्नि नागें लावना लावी, मानव लवईस सीतें । पख पन्नूसए। पूश्व पुएयें, खाव्यांखेभन्नशी काशाभास पासवली हसभ दुवासस, पैत्तारी जडडीनें काजीपरवजी हस होय उरीने, निन थोपी से पूछने लावडा उत्पनो छठ्ठउरीने, वीर परित्र सुशीनें का पडवेने हिन जन्म महोच्छर, धवल मंगलवर तीनें लाश ग्ना हिवस पगेंनभर पेसावी, जठ्ठमनुं तपडीतें लानागडे - तुनी परें डेवल सहीग्में, येशुललायें रद्दीनें कातेसाघर हिनत्रए। पुष्या एाऊ, गए।घर वाहचहीनें का पासनेभीसर अंतरभीने, ऋषल परित्र सुशीनें लाउआ जारशें सूत्रने समाधारी, संबछनी जामीनेंन्यापार शाने हिन स्वामी वच्छस, डीलें ष्ञघि वडार्धन्कामानविग्य उडे सडलभ नोरथ, पूरे हेवी सिप्याला तिला Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥जय सिध्ययकलनीस्तुति. पग्निशासनयंछितापूरए ध्वरसावालालविलगी सिध्ययक्रशुगभालाात्रीहंजोहनी,पूनउरेणगभातातेअभय मभरपह,सुजपाभेसुपिशापातामरिहंत सिध्यपंधे माधारण पायामुनि रसगनाए,यरातपसमुघयामेनवपहस ति, सिध्ययक सुजयाध्यानेलविना,लवरोटि दुःजन्नयाशी मासोचतरमां,शुहसातभथीसाराापुनिभषणीम-नवमांनीष निरघासाघेयसहसगणे,पसभ साढायाशाभेडासीमांजीला तपमागमअनुसाशासाश्रीसिध्ययकसेवऊ,श्रीविभलेसरवापा श्रीपालतएीपरें,सुजपूरे स्वयमेव जोहगनावे,हरेने|| हनीसेवाश्रीसुभति शुश्नो,रामउ नित्यमेवाता एतिाट - ॥अथ सिध्ययकलनीस्तुति॥ ॥ होडीचंइंसिध्ययक्रसधयाल्पीयेंनवपघ्नो,न्नपसघ सुजघयाविधिपूर्वजेतप,उरेथणम्भालतेसविसुजपा भेमभयपाश्रीपाल पाभाववपति पुत्री भयपानतिगुएरावं तातसउर्भ संयोगें,ओढी भषीयोउंतागुरचयरों तेणें, भाराघ्यु| तपमेहपसुजसंपवरीमा,तरीमालवग्यतेहाशामांजिण नेणीपवास,वषीमहमाशमहापंरभासीछभासी विशे शाध्याछितपबहुसहुभांही शिरधशारेलवियएउरशे,तेतर संसाशातपसान्निध्यउरोश्रीविमलेश्वरक्षाससंघनासंजर,यूरेथर्छ परतक्षाऽरिउगएराधार,उनऊपिण्यघशीष्याना जुघर्शनारिम्यउहे,पोहोयेसयसरगीसाना तिराडगा - ॥अथश्रीपयूषएा स्तुति ॥ ॥पर्व पन्नूसा पुएयपाभी, परिघलपरमानंघोलाभनि - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिछवभाउंजरसघले,घर घरजमानोलाशासनअधिपति ग्निवरवीरें, पर्वतमालाघाज्यांलाजभारतगोढंढेरोडेरी,पापर रितांशज्यालापाभृगनयपीसुंधरी सुभाषी,वयनवडेटशाषील सपूरोपनोनाभनोरथमहारा, निश्पभपर्व निहाषीलाविचिघत्नातिप चान्न उरीने,संघसयलसंतोषोलायोवीशे ग्निवर पूलने,'एयज मनीपोषोलाशासऽससूत्रशिर मुकुटनगीनो,उपसूत्रन्यन्मयो लावीरपासनेमीसरजंतर,माहियरित्रवजाएगोलास्थविरावली|| नेसामाचारी,पटावलीगुरागेहलगामसूत्रसविस्तर सुशीने सइखशेनरहेहुलाागीपरेपर्व पंन्सएपाली,पापसचे परह रियेळगासंवत्सरी पडिभरतांउल्याए उमलावरियेंन्दागोभुज यक्ष यांडेसरी देवी,श्रीभागिनजंजाळाशुलविन्यपि शिन| ष्यममरने,हिनाहिनउरन्लेवघार्थलााातिाप - ॥जयश्रीपयूषण स्तुति ॥ . ॥पर्व पन्नूसए सर्वसन, भेषचीने माराघोलाघनशील सपत्नावनेलेली सरसोनवसाघोलातत्क्षणभेहपर्यथीतरीय, नवसहमणाघोलाचीरनेवांही अघिउमाणंटी,पूल पुएयेचाचो लावाऋषलनेमश्रीपास परमेसर,चीर रिसरसलापयिष्या एउप्रेमें सुपीयें,चपीमांतरामनेशलाधीशे निवरनाचार,या खेलवना इरालासतितमनागत लिननेनभिये,वसी विशेर्षे लखेरा लाशाशाश्रुतसिध्यांत माहथी,सूरिचर श्रीलरूणालाज्स्पसूत्र मेणध्यरी संघने,उरीपगारले साहुलाग्निवर चरित्रनेसामाया री,थपिशवपीजीभाहोलान्नपी हनीभाराचेद्देशे,शेतेलवसाहोलाआयेणथ्यमहमहाशपंहरनेत्रीशलापीस्तानी शने शाहपंयोतेर.Mयादिसुग्णीशलाणपचासनेतारीमा घे,पर्व पन्नूसग प्रेमलाशासन पी पिघनतसुवारे,णध्याय डहे | એમછા Jl Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( उस ) ॥ अथ पंखतीर्थनी स्तुति ॥ ॥ श्रीशत्रुन्ग्यभुज्यतीर्थतिस श्रीनालिशलंगनं, वहे रैवन शैल भौषिभुकुटं श्रीनेमिनाथं यथा । तारंगे जन्तिं निग्नं लृणुपुरे श्रीसुत्र तं स्थलने, श्रीपार्श्व प्रएराभाभि सत्यनगरे श्रीवर्धमानं त्रियापशाव अनुत्तर उत्प तल्प लुवने ग्रैवेयङ व्यंतरा, ज्योतिष्याभरभंहराश्विस नस्तीर्थ रानाघ्रान् ॥न्जू पुष्पर घातडीषु श्थडे नहीश्वरे कुंडले, येन्या ऽन्येपि निनानमामि सततं तान् दृत्रिमाडङ्घत्रिभान् ॥शश्री मद्दीरन्नि स्यपन तो निर्णभ्यते गौतभं, गंगा वर्तन भेत्य या प्रविलिहे भिथ्या त्वयैताढ्य गाडीत्पत्ति स्थिति संहति त्रिपथगा ज्ञानांजुहा वृध्यिणा, सी मे उर्भभसं हरत्य विऽसं श्रीद्वाहशांगी नही ।। ॥ शुक्रम्यहरविग्रहा श्येधरए। ज्योंरशांत्यंजिडा, हिपालाः सम्पर्द्दि गोभुजगणिम्यक्रेश्वरी भारती ॥येऽन्येज्ञानतपः क्रियाव्रतविधि श्री तीर्थयात्राहिषु, श्रीसं घस्य तुराय तुर्विधसुरास्ते संतु लरंदराः ॥ाचा ॥ति ॥3॥ ॥ अथ नवतत्त्व स्तुति ॥ वाळवा पुएयने पावा, खाश्रव संवर तत्ताला सातभे नि राजाभे बंधु, नवभे भोक्ष पर सत्ताला जेनवे तत्ता समजेत सत्ता, लांजे श्रीलगवंतालालुम्नयर भंडए। रिसहेसर, बंहोने अरिहंताला आशाधम्मारे धम्माणासा पुञ्णस, समया पंथ जलवाळानाए। चिन्ना एा शुभाशुल योगें, चैतन सक्षएा लपा कार्धित्याहिऊ षटव्य पपड सोडालोड हिांहाला महीठी नित्यनभिये विधिशुं, सित्तरिसो न्नि यंहालाशा सूक्ष्म जाहर होने खेडेंही, जि तिथीरिंहिदुविहाल तिविड़ा पंयिहि पन्नता, अपताते विविड़ा लासंसारीजसंसारी सिध्या, निभ्ययने व्यवहारान्नापिन्नवगाहिङ नागभ सुएातां सहियें शुष्यविद्याशळा आलुवनपति व्यंतर न्योतिषचर, वैमानि सुरवृंदा का लुग् नगर भहि मंडल सघसे, संघ सम्स सुज उरले For Personal and Private Use Only Jain Educationa International Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४० ) लापंडित भानविन्य भिनंपे, समति गुए। पित्त घरमेलामा ॥ अथ हीवासीनी स्तुति ॥ ॥ लूति अनुपम गुए। लस्था, ने गौतम गोत्रे असं स्यापि यशत छात्रशुं परवस्या, वीस्थरए। सही लवन्स तया ॥शायी मह हस होयग्निने स्तवे, हक्षिए। पछिभीत्तर पूरवें ॥ संलव जाहि ष्टापह गिरिखें वसी, ने गौतम वहे ससी ससी। शात्रिपाहि पाभीने ने एम्री, ड्राशांणी सम्स शुए लरी ॥हीये हीज ते सड़े डेबल सिरी, ते गौतमने रहुं ग्जनुसरी । आन्क्ष मातंग सिध्यार्धा, स्ररिशासननीय लाविशश्रीज्ञानविभस हीपासिडा, उशे नित्य नित्यमंगल भाषिझा ॥ अथ वीशस्थान तपनी स्तुति ॥ ॥ पूछे गौतम वीरनिएांध, समवसरए। जेठा सुजऽंघ पूनित जभर सुरिहा, प्रेम निहाये पहन्निधाडिए। विधतप तालव हा, राजे दुरितहु हंानव लांजे मलुल अत निंघ, सुएागौतभवसुलूति निंधानिर्भस तपश्जरविद्या, पीशस्थान तपरत भहिंहा भता रङ समुहार्छ यहा, तेमध्ये सवी तप । । ॥ प्रथम पहें अरिहंत नमी में, जीने सिध्ध पवयएा पहत्रीनेगा साधारन थेर हवीने, पीपाध्यायने साधु ग्रहीनें गनाए। हंसएण पह विनय वहीलें, अशी मारभेयारित्रलीने जंलवय घारीएां गशीनें, डिरिखाएां तबस्सरीनें ॥ गोयमनिलाएं सहीनें, चारित्र नाएा सुरज तिथ्यसडीनेंगाभीने लव तपङरत सुशीनें, खेसवि न्नितपसीनें गाशा जाहिनमो पहसघसे उवीस, जार पन्नर जारवली छत्रीसाहस पए। बीस सणवीस, पांयने सडसह तेरगी सासत्तरनव डिरिग्ना पए। चीश, जार जडावीस पौषीशासीत्तर - गवन पीस्तालीश, पांच लोगस्स डाीस्सग रहीशानोठारवाली ची श, जेड जेड पहें जीपवासन वीशाभास जरें मेड जोसी उरीश, जेभ www.jainelibrary.blo Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४१ ) सिष्यांत न्गीश ।आशक्ति भेडासए तिविहार, छह अहम भास जमल डीहा शापडिङमएगां होयवार, घेत्याहिङ विधि शुरैगम धाराभेङ पहा राधन लवपार, पीएयं विविध प्राशाभानंगन्ग्क्ष हरे मनोहार, हेवी सि घ्यार्धशासन रजवास ॥संघ विधन अपहार, जेभाविन्ग्य न्ग्सीपर प्या शाशुल लविश्ञए। घरमी आाधार, वीरविन्ग्य न्याशाना छति॥उ ॥ श्नथ रोहिएगी तपनी स्तुति ॥ ॥ नक्षत्र रोहिणी ने हिन खावे. अोरत पोषघ उरीशुललावे, धजीविहार भनसावे । वासुपूज्यनी लडित डीलें, गरायुंपा तसनाभन पीजें, वरष सत्तावीस जीतेंगा थोडी सडतें वरस ते सात, लवलव अथ वा विष्यात, तप उरी कुशे कुर्भधान । निन शक्ति बीन्भां नाचे, वासुपू न्यनुं जिंज लरावे, सास मणिभय हावे ॥शाग्नेम अतीत ग्जनेवर्तमान, अनागत व्होरिन जहुभान, जीनें तस गुए। गान । तपारउनी लक्तिनाहरिने, साधर्भिङ वलीसंघनी उरीजें, घरम डुरीलव तरीजें॥ रोग सोग रोहिणी तपेंन्नने, संउट रखे तस नश जहुथा, तस सुरनरजुए गानेानीराशंसपणे तप स्नेह, शंध र हितपणे उरो तेह, निधिनव होजेनेभहाशणिपधान स्थान दिन उल्याएा, सिध्ययक्रशत्रु यन्नएा, पंथमी तपभन जाए। ।। पडिमा तप रोहिणी सुजडार, उनडा - वली रत्नावली सार, भुक्तावली मनोहार ॥ जाम्भवीदृशने वर्धमान, छत्याहिछतपभांहे प्रधान, रोहिणी तप जहुमान गोणिपरें लांजेन्नि बरवाएगी, देशना भीडी अभीग्न समाग्री, सूत्रे तेहु गुंथाएगी। आय डायक्षगी यक्षडुभार, वासुपूज्य शासन सुजडार, विघ्न भिटावएा हार रोहिएगीतपरतान्नने, नेहु लव परलव सुज सहे तेह, अनुक्रमें लवनी छेड़खायारी पंडित डीपणारी, सत्यवयन लांजे सुजडारी, उ पूरविन्य व्रतधारी ॥ जिभाविनय शिष्य निनगुरेराय, तस शिष्य मुग्गुईठीत्तमथाय, पद्मविन्य गुए। गाथाना ति॥उणा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४२) ॥ जय गौतम स्वामीनी स्तुति ॥ ॥ गुरे गएापति गाडी गौतम ध्यान घ्याण, सवि सुकृत सुजाडु विश्वमां पूज्य था पानगळत वन्नीं दुर्भने पारन्नीं, नवनिधिरिध्यि पाठीं शुष्य समडीत ठाडीं॥शा सवि निनवर डेरा साधु भांहीवडेरा, दुञ वन अधिदेश घडी सयाशुं लसेरा ॥हल्यां दुरित अंधेरांचंही तेस वेरा, गए।घर गुए। घेरानाम छेल्हु मेरा । शासविसंशयापेन चारित्र छापे, तव त्रिपही जापेशीस सोलाण्य व्यापे ॥ गएाधर पहथा पेद्दाहशांणी सभापे, लवदुजने संतापे घसने ईष्ट जापे॥आउरे ि नवर सेवा ने हाहि हेवा, समडित शुएामेवा आपतानित्य सेवापत्न वन्स निधितरेवा नौसभी तीर्थ सेवा, ज्ञानविभस लड़ेवा सील सी चरेवाचार्धति॥उन ॥ अथ अग्नित्लूतिनी स्तुति ॥ ॥ जग्निभूति सुहाये नेह जीन्ने उहावे, गए घर पर पावे जंधुने पक्ष जावे ॥ मन संशय नवे वीरना शिष्य थावे ॥ सुरनरगुएाणावे पुष्पवृष्टिवघावे॥शा जाडीचा थुर्ध सवि न्निवर डेरांकने डेहेवी॥उ ॥ जय वायुत्सूतिनी स्तुति ॥ ॥ वायुभूतिवसि लाई तेड़ चीन्ने उड़ाई, नेकों त्रिपही पाळीत लंला पन्ना ग्निपर जनुसाई विश्वमां डीर्त्ति गार्थ, ज्ञानविमलल सार्थ मेहने नामें पाशा तिच्या ॥ जथ व्यक्त गए।घरळनी स्तुति ॥ ॥ चोथो गए।घर व्यक्त धर्म धर्म सुसम्त, सुर नर न्सलत सेवता हिवसनत पनि पह अनुरक्त भूढता वित्र मुक्त, मृत अर्भ विभुत ज्ञान सीसा प्रसङत ||१|| आर्धति॥शा ॥ जथ सोहमगएाघरनी स्तुति ॥ ॥ गए|धर अभिराम सोहम स्वामी नाम, नित दुर्लयाम विश्वमां वृद्धि भांग । दुपसह गली ब्लभ तिहां लगे पर हाभ, जहुसे Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४७ ) सत हाभ ज्ञान विज्ञानं धाभास गर्छति॥शा ॥ अथ मंडित गए|धरनी स्तुति ॥ ॥ गणि मंडित चार ने छठ्ठो हरारे, लवन्स निधि ताई घस तीने हिहाई ॥ सम्स सम्धि पारे अम गह तीव्र हघरे, दुसमन लय चार तेहने घ्यान साशाशात आ ॥ जय भोग्य पुत्र गए|घरनी स्तुति ॥ ॥ मोर्य पुत्राएशीश सातमो वीर सीस, नहींरागनें रीशन्नग ती छेन्गीश पानमे सुरनर सि अंग लक्षएा दुतीस, ज्ञानविभससु रीश सुंथुएंगे रात हिस।ाशा तना ॥ अथ पितळनी स्तुति ॥ ॥ जपित नमीनें जाम्भो ने उहीनें, तस ध्यान घरीनें पाप संताप छीने। समडित सुज हीनें प्रड़ समे नाम सीलें, दुशमनस विजीने ज्ञान सीसा सहीनें ॥ थार्धति॥प ॥ अथ अयसनातनी स्तुति ॥ ॥नवभा ग्ञथैतत्यात विश्वमां ने विष्यात, सुतनंघभात धर्मा वहात ॥हृत संशय पात संन्ग्भे पारी लता हसित दुरित न्नत ध्यानथी सुजात ॥थार्धति ॥ ॥ जय मेतार्यलनी स्तुति ॥ ॥ दृशभो गए।घर वजाएगी जार्य मेतार्य न्नगो, सह्योशुलगुएा गएगो वीर सेवा भंडएगो ।। अछे खेड़ी ने गणो दर्भने चा ल जाएशो, से परम दुआएगो ज्ञानविभत चित्त खाणो ॥ शार्धतिन्छ ।। अथ पलास गए।घरनी स्तुति ॥ ॥ श्रोमहश प्रलास पुरतो विश्व यश, सुरनर न्ग्ग हास चीर यएंगे निवासान्ग सुन्ग्सवास विस्तरचो न्युं जरास, ज्ञानविभंस निवास कुंनपुंनाम नासाशा ॥ति॥ ॥जगीयार गएराधरनी थोयो समाप्त Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४४) ॥जयपंथजालनीस्ततियो॥ ॥तरप्रथम मतिज्ञाननी॥ ॥श्रीमती ज्ञानीतलनेयी,पर्याप्नेज्जीच्याज्यालाय विहस्च्याहिज्नेन्नए,माहेशेउरीघज्यालणाभानेवस्तुघर्भमनन ता,नहीं अज्ञान विवज्यालातेभतिज्ञाननेयंधे पून्ने, विग्यष क्ष्मीगुएजंक्ष्याला तिरुपा ॥अथश्रुतज्ञाननी॥ ___॥त्रिगडेजेसीश्रीग्निलाग,जोखेलाषामभीनसभाएप भतजनेअंतप्रभाए,अरिहंत शासनसरीसुजाएचिणिमा नुयोगनिहांगुएराजाए,खातभानुलवाएसज्सपघस्थत्रि पहीलए,न्नेन्नलूभिपसरेचजाएघोषणतीशपरिहाए,उचालि लांजिततेश्रुतनाएाविन्यलक्ष्मीसूरिउकेजभान,नित्य घर तेसयाएपातिपणा ॥अथ अवधिज्ञाननी॥ ॥जोड़ीनारासहितसविग्निवरयचीनिनीनंजय तशान्सना सहीसुजतरसपीतपस्वसंहशाहरिपा संशयसंहरवीर महिभाज्ञानशुपाशानेभाटे प्रत्लुन्छ बिचन रुपिन्यांडित लक्ष्मीसुहटशापा तिापता ॥अथ मनापर्यवज्ञाननी॥ ॥प्रलुन्छ सर्वसामायिऽणिय्यरे, सिध्यनभीभध्वारीलाछ प्रस्थावस्थारहेछ रिहांपों,योगासनतपधारीलायोयुंभ नापर्यवतपपाभे भनुनलोऽपिस्तारीलातेप्रत्लुने एभोलवि पाएी, चिल्थलक्ष्मीसुजारीकाशा ॥जय उचल ज्ञाननी॥ ___॥छत्रत्रयथाभरतर मशीसुजाराायिध्वनि पुन लिलामंडलमसाराावरसे सुरसुभे सिंहासन ग्निसारण Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.oll Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विहे सक्ष्मी रिडेवसज्ञानधारणपातिापा ॥अथ सिध्यशिरीनी॥ | पुंडरगिरिमहिमा,भागममां परसियाविभवायलेटी, लहीणेमपियवा रियायमगति पोहोता,मुनिवर ओडारोडाऐं।। तीरथे भावी, विपातऊछोडा तिच्या ॥जथ सीभंघरग्निनी।। ॥श्रीमीभंघरग्निवर,सुजारसाहेबध्वाजरिहंत सरल नी,लाव घरी सेवा समागम पारऊगएंघरत्नापितवाएीरालय यंती भागा,ज्ञान रिभषणुराजागी गतिपिपा ||एमयश्रीवीरविल्यलतियोवीस लिननीस्तुतियो । देवघ्नमांनी. ॥अथ श्रीऋषलवलनी॥ ॥त्राशीलाज पूरवघरवासेंसीमा परिरयुस्तालामा यडीपणवतरण,क्षीरोधिखलोऽतालामसुभमोहिनाणे संनुत,नयएचयएरलाधारसहससंघीक्षा शिक्षा,स्वामी । ऋषलागिएशनापामनःपर्यवतवनाएणपनुसंगति पिंगन सहायालगायढिद्दीपभांसंज्ञीपंथेरियनऐभनगतलावान्गाचा व्यसनंतासूक्षमपीछा,सदारशें जित हायालयापलियमसंजभाना लागविलसिकरच्यमसंजपरन्नयालाशाऋषलाग्नेिचरचय पाभी,रया सिंहासएमयाळासनालिसाप भनिसाप अनंतान लागमनंतणेग्यशयालातासजनंतभेलाघारी,लागअनंते|| सूत्रमाणएघरपीणांमागभपूल, रीजेंन्मपवित्रलााउप गोमुजन्सयडेसरीची,सभत्तिशुध्यसुहावेलगायाधीध्वनी मेन रंती,शासनसोहत्यकावेला घासंयुतव्रतधारी, विघनतास|| निवारेला भीशुलचीर चिन्यालुलगनी समरे नित्यसबारेला Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥अथ श्रीअन्तिनाथलनी।। नगर्ने स्वाभी,पाभीपिण्यानाशाजीते नित्यापिणने,मक्ष क्रीडनाशीयाशातेणेंनाभमन्तिछे,शनामभृतघाशाभागक्षा जलता,चीर विघन अपहारा तिरापा ॥जयश्रीसंलवनाथलनी॥ ॥सलवस्वाभीसेवीने घनसम्पनीहानिशुरामालाणप वतां धन्यतेहेनीलहावयएसुशंशतरंगभानाहाता शिवगेहीपनि भुज सुरदूरी तारिज,शुलवीर सनेही तिपटा ॥अथ श्रीमत्निनंहनलनी॥ मलिनंहनशुरामालिनगावतीनभशलिशाभतडीपरन्जन लिश,शिववाहूपरभाषिपालगेध्यानडी तालिश,नागमनीपरनालि माध्श्चरो सुरजापिता,चीरनभे नित्य अतितिापता ॥ जयश्रीसुमतिनाथलनी॥ ॥सुमति स्वर्णही मसुमंतनें, ममतमोहनहीं लगवंतनेंग प्रिगट ज्ञानपरिशिवजातिगतुंबईवीरनभे महाअसिनापान ॥जयश्रीपद्मप्रलुलनी। ___॥पयालु हतछगमवस्ता, शिवसमें सिध्यानस्थापना एनेसगीय विलासी,चीर सभ स्थाभालनु पासीपातिाप ॥अथ श्रीसुपासलनी।। ॥अष्ट महापाड़िारशुंभे,शोले स्वाभीसुपासतोभहाला ग्यमरिहाप्रमुग्ने,सुरनरहनाघसतोगुण अतिशय वर्णव्या जागभग्रंथ भीन्नरतोभातंगसात सुरसुरीओ,वीर विघना जपहारतोतिबादशा ॥अथ श्रीयंपत्लुलनी।। ॥स्मनु मुजयंभा, सजिन्नेवागायलावलुघ रिसरों,निरभलताथवाएीसुधारसचेतडी,सुएिततजे - Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.o Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४ ) वगलने लहंत लङ्कटिश, वीरविन्य ते हेच ॥था रार्धति॥दुधा ॥ जय श्री सुविधिनाथन्कनी ॥ ॥ सुविधि सेवा उश्ता हेवा, तल विषयवासना ।। शिवसुज हाता ज्याता त्राता, हरे दुख घसनां ॥नयगम लंगें रंगें यंगें, बासील बहारिमा अमर अळतें मोहानीतें, वीरंथ सुतारि॥शार्धतिदु ॥ जय श्रीशीतसन्निनी ॥ ॥ शीतष प्रभु हरसा, शीतल अंग डीपांगे ॥ उल्याएम् पंथे, प्राणी गए। सुजसंगे तो वचन सुएातां, शीतस डेभ नहीं सोआशु लवीरतेष्ञह्मा, शासन हेवी अशी आशा ताना ॥ जय श्री श्रेयांसनी ॥ ॥ श्रीश्रेयांस सुहंम्रपामी, घेरछे रनवर हुए। हेवान्लङননই सेरे हुए। प्रनुने, छंडी सुरतरं सेवाला पूर्वापर अविरोधि स्यात्पछ, चाएगी सुधारस वेलीला मानवी भएश्जेसर खुपसायें, पीर हृध्यमां इेसीकाशा पार्धति॥ ॥ जथ श्रीवासुपून्यलनी ॥ ॥ विभस गुए। नगारं वासुपूज्यं सारं निहत विषविद्यारंभा तदैवत्यसारंगावधन रस पीहारं मुक्तितत्त्वंवियार, वीर विधन निवा रंस्तौमि थंडीहुभाशाशा र्धति॥डणा ॥ अथ श्रीविभसन्निनी ॥ ॥ विभसनाथ विभसगुएावस्या, न्निपह लोगी लवनिस्त रावाएगी पांत्रीश गुएा सक्षणी, छम्भुहु सुर प्रवरान्क्षएगी॥शा ॥ अथ श्रीजनंतनाथलनी ॥ ॥ ज्ञानाधिजगुएावरा निवसंत्यनंते, वन्त्र सुपर्व महिते निपा हपस्नेाभ्रंथाचे भतिवश प्रगतिस्मलस्त्या, पातालयांकुशि सुरीशु लवीरशक्षाशा ॥छति॥शा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४८) ॥ अथ श्री धर्मनाथलनी ॥ ॥ सजि धर्मनिनेसर पूनियों, निन पूने भोहनें घूरने लु चयए। सुधारस पीलरों, डिन्नर म्हं रील रसें ॥शा धनि॥उ ॥ अथ श्रीशांतिनाथलनी ॥ ॥शांतिसुर साड़ीजी, संन्ग्भ अवधारे॥ सुभतिने घरे पार ए ं, लव पार बीतारे ॥ वियरंता श्जवनीतलें, तपडीय विहारें ॥ज्ञान - ध्यान रखे तानथी, तिथंचने तारे ॥शा पास वीर वासुपूज्यन्ल, नेम मस्सि कुमारी ॥ राज्य विछूएगानेथया, जापेव्रतधारी ॥ शांतिनाथ प्रभुजा सवि, सही राज्य निवारी । भष्सि नेम परएयांनहीं, जीन्न घर जारी ॥शाउनऊ उभस पगसांडवे, न्ग शांति दुरीनें गारया सिंहासन ए। जेसीने, लसी देशना हीनें गालेगावंय प्राणिया, इस सेतांरीनें पुज्जलावर्त्तनाभेघभां, भगसेसन लीनें ॥ आक्रोडचघ्न स्युड शरी ढो, स्यांग धूपें यारा हाथ जीन्नेरें उभल छे, हक्षिएा उरसाशान्क्षण रेडचाम पाएगी में, नीमुसाक्ष बजाएंगे। निर्वाणीनी वात तो, उवि बीर तेन्नए॥ना तिमा ॥ जय श्री हुंथुनाथलनी ॥ ॥वशी कुंथुव्रती तिसङीन्गती, महिमा महुतीनतरतती॥ प्रथितागभ ज्ञान गुए। विभला, शुलवीर भतां गांधर्व जलाशा ॥ अथ श्री सरनाथलनी ॥ ॥ जर विलु रविनूतस द्योतएं, सुभनसा मनसार्थित पहने पनि गिरा नगिरा पर तारएणी, प्रात यक्षपतिवीर धारणी॥था ॥ जय श्रीभस्तिनाथलनी ॥ ॥ मल्लिनाथ भुजयं निहासुं, स्नरिहंत प्रएाभी पा तङ यलुंगा ज्ञानानंद विभल पुरसेर, घरएामिया शुल चीर दुखेर ।शार्धति॥७ ॥ अथ श्री भुनिसुव्रतनी ॥ ॥ सुव्रत स्वामी, जातिभ रात्री, पून्ने लवि भनरसी ॥न्निगुएा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । । ( 6 ) थुएगी,पातउहणी,लावस्तवसांखीवयनेरहीमें,न्नूहनज हीमेंटसेसवंयोगवीर नियंपासीनरस्ता,वईएरिनार्यापा ॥अथ श्रीनेमिनाथलनी। ॥श्रीनेमिनाथ सुहाभणाले,तीर्थपति सुलतानतो, विश्वनर न रिहाप्रलुभेवीतराणलगवानतोरत्नत्रयीसुणितीमे,लांजेषट यज्ञानतोयटीसुरगंधारीजने,वीरहयजमानतोपाजप ॥अथ श्रीनेमिनाथलनी। परितमय निवारं,मोह विध्वंसावाशुपत भविधरं प्राप्त (सिध्यि मुहाशान्निवर न्यारंऊर्भसंस्लेशहाशालयन्स निपितारं, नौमि नेभीमाशापामऽग्निवरमाता,सिध्यिसौधेप्रयातामग्नि वर भातास्वर्णत्रीले विज्याताअग्निवरमाता प्राप्तभाहेनस्याता लवलयग्नित्राता,संतने सिध्यिघताशाऋषलग्नन्नवे,नाशस्त्र नावपावसाशानसशाहावे,सेसअंतासनावापघ्भासनसुहावे, निभायंत पावसेसणस्सष्णलावे,सिध्धि सूत्रेपडावागावाहन पुषन्नएी,ष्यवर्णप्रमाएीणोभेधने षटपाएगी,सिंहजेतीवराणी तनुनसभाएगी,मंजिअथारपाणीनेभलगतिलराणी,वीर चिन जाएगा तिाटना ॥अथ श्रीपार्श्वनाथलनी॥ ॥पासरियंहावामानंशजगरलें इसी।सुपनांहेजेजर्थ पिसे जे,हेमघवाभलीग्निवरन्नयासुरवराया,हुजारभणी प्रियानिमि रालयित्त बिराल,चिसोडितव्रतलीनाशावीरमेघाडीचारहुन्नरें,हीन साघुरग्निपतिापासने भास्सित्रयशतसाथै,जीन्न सहसें व्रतीराज टशतसायें संभघरता,वासुपूज्यव्यधपीअनुपभलीमाज्ञानर सीला,न्ने मुग्ने घणीचाग्निभुजहीडीवागीभीडी,सुरनर चेपडी|| पघजविक्षसेगर्छ चनवासे,पीपेरससेखडीशाइरसेतीतरगांनी मुजे पशुपारतीरामभृत भी९स्वर्गी,सुरवधूगारतीसागरनु - - - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५० ) जहसौ वामन नक्षी, भस्तडें इएगावसी । यार ते जांही इच्छपवाड़ी, डा यांग्स शामली ।। यवीर प्रौढा नागारठा, हेवी पहभावती । सोवन अंति प्रलुगुएरा गाती, वीर धेर आवती ॥ तान्शा ॥ अथ श्रीवीरन्निनी ॥ ॥ महावीर निएगंध नाय सिध्द्यार्थ नंघाबंधन भरणंधन्नसपाये सोहापासुर नरवर हा नित्य सेवा उघ । राले लबासुजना पेजभंघाशा जड ग्निवर भाता भोक्षमां सुजशाता॥ जड निग्ननीज्यातास्वर्णत्रीने जाज्याता ॥डन्निपन्नेता नाउमा यातास विन्निवर नेता शाश्वता सुन हाता ॥ शामस्सिनेभी पास नाही जन्मजा साउरी जेड डीपवासचासुपून्यसु वास ॥ सेज छह सुविधास डेवलज्ञा नन्नसारे वाणी प्रशसन्भजज्ञान नास ॥ आन्निचरनगहीसन्नस मोहोटीग्गीस नहीं राग ने रीश नामीनें तास शीशा मातंग सुरशि सेवतो रात हीसागुरी छीत्तमग्ाधीस पद्म लांजे सुसीसनार्धति‍ ॥ अथ यार शाश्वतान्निनी ॥ ॥ ऋषल संघनन वंदन डीले, वारिजेए। दुःज वारेन्ाावमान ग्निवर वली प्रभो, शाश्वत नामें जे पारेलाल ताहिङ जेथें भली होवे, यार नाम चित्तधारेलतेणें धारे ने शाश्वत निन्नवर, नमीठों नित्य सवालीर्घ्य ग्जघो त्रीछे सोडें थर्ध, डोडी पंनरशें लगोलाजी परडोडी तालीश प्रएाभो, अडचन सज मन जाएशोकछत्रीश सहस जसी ते पीपर, जिंजतएगो परिमाणोलाजसंज्यात व्यंतर - ज्योतिषिमां, प्रएराभुं ते सुबिहाएशोन्गाशारायपसेएगी कवालिंगमें, ल गवती सूत्रे लांजीलानंजुद्दीपपन्नत्ति हाएगांगें, वीवरीने घरं घजीला वली अशाश्वती ज्ञाता उत्पभां, व्यवहार प्रभुजें ग्जाजीला तेन्निप्रति भासोपे पापी, निहां जहु सूत्र छेसाजीन्ताआरजे ग्नि पूलथी भाश घऊ, शान र उहायाने मसुरीयाल प्रभुज सुरवर, हेवीतएगा समुहायानंहीसर अठ्ठार्ध महोच्छव, उरे जति इश्जलशया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५१ ) लाग्निजीतमल्याएउ हिवसे, पद्मपिल्यन पायालाचाऽतिब्ध ॥जयजीगतिथीनीस्तुति॥ निसऽषमनोहरजीचिस सुविशेषाारायणाभए। मे,यंतणीन्यांरेजातिहारविमाने,शाश्वत ग्निवरव्हाहुंजी तपेटिनप्रएभुभागी नेहापानिननन,शीतलशीतलना यामरनाथसुमति ग्निाचासुपूल्याशिव साथायाटिग्निवर, न्मज्ञान निरवाएपहुंजीन्तऐहिना एभुतेसुविहागाशापरतान श्योजी,दुविधधर्मनगवंतरान्भविभलभतघेय,विपुखनयनना विसंतामागमनतिमनुपम, रिहारियेव्यवहाशाजीलेंसपिजीन निपातनो परिहारायणगाभिनीजमिनी,उभससुमसचीरण यमुडेसरी डेसरी,सरस सुगंधशरीशाउरब्लेडीजी-हुंभताभुंतस पायाभलज्यि विल्य,पूर भनीरथभायाचा ईतिपद - ॥अथ पंचभीनीस्तुति। ॥श्रापपाशुटिदिनपंयभीम,नम्यानमारिएंतोश्यामा वरएतनुशोलतुंभमुजशारोथतीसहसवरसप्रनुमायुन जोने,ब्रह्मचारिलगवंततोगमिष्टरमहेसहणि,पोहोतामुन्ति महंततोपामष्टापहमादिग्नि,पहोतामुत्तिभोळारतोत्राचा सुपूज्ययंपापुरी,नेमभुति गिरनारतोपावापुरीनगरीमांच सी श्रीवीरतां निर्वाणतोसमेतशिजरवीशसिध्यामाने, शिरबहुंतेहुनीशाणुतोवाशानेमनायज्ञानीवाले,लांजे सारवय नतोलवघ्याशुरावेतडीमेडीतासन्तनतोपमृषानजोली भानवीयोरीचित्तनिवारतानंततीर्थरजेभउहेमे,परहरि परनारतोडागोमेहनाभरक्षलपोहेवीश्रीजंजिनामा तोशासनसान्निध्यरेउरेनेउरेचलिधर्मनाभतोतपणेच Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ masomom ( ५२ ) नाया गुरानियोभे,श्रीरिग्यसेन सूरिशयतोऋषलघास पायसे वितांमे,सातशेमवतारतातिएपण ॥अथ अष्टभीनी स्तुति। __॥मंगलारीन्समागस,लाचघरीसुरराग्लाभाहन्नन| तनासशऊरीने न्हवराये दिनराळावीर ग्नेिश्वर राममहोत्सवमा रतांशिवसुजसाघेलामाभनुंतपउश्तांसमधेरे,मंगल उभलावा घेलापाजप उरभवयरीगरगंगन, मष्टापटपरेंजतीयालामा में भाइसुप वियारी,महभाडेतसगसीयालागरमीशतिपही नाल्नियर, समाप्नहि अंगलामाभनुंतपश्तांनभघरी नित्यानित्यवाघेरंगलाशाभातिहारजाह विशलेसमवसरणालि नयरेकामाठमे जाउसोभागमलांजी,लविभनसंशयनांदेछाप साडेले प्रचयिननीभातापाले निरति थारोलामाभने हिनष्ट भारी,ळवध्यापित्तधारोन्लागाअष्टप्रपरेपूलारीने,मानवलप खिलीलासिध्याईचीग्निचरसेवी,अमहासिध्धिीला माभनुनपरतांषी निर्भपडेचल ज्ञानलाधारविमलविसेय उनयउहे, तपथीजेड स्याएएलान्तारातिपत्रा ॥जय भेडाशीनीस्तुति ॥ ॥राशीभनिरनडी गोपिंपूछनेमागेएमरणपश्यभरे| हुंडहोने मुन्धुतेभाग्निवर मुख्याएमतिघणा,मेऽशोने पंयाशा लिए आरएमे परवभोरोभोनणपवासापानगिनार श्रावत गीप्रतिभा,उद्दीतेग्निवरदेवाशीमेममपिम्सेवो,वनगन्न लिभरेखायोवीशग्निवरसयमसुज सासुरतयंगामगंग निर्भनीरहयुरोग्निसुरंगाशाजशीभार जंगलजावि,म गीमार पाडांसाशाजगिमार ज्वली विटए,म्वरी पुगीसारथिए Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिजीयंगी विविधरंगी शास्वत मनुसागामेडाशीमेमणल्यो, भपाभिलवपारागावर उभषनयएी उमपचयपी, उभव सुडोम समयानुरउंड पंडमजंडनेहुने,सभरतांसुनथायापाशीभेमा मनवशी,गणिहर्ष पंडितशीसाशासनदेवी विधननिवाशे,संपतयां निशशिातिरादा - - ॥अथ संसारावानी स्तुति॥ ॥संसारवानपघाहनीरं,संभोहचूषी हरणसमीशामायास्था घरए सारसीनभाभिवीरं गिरिसारधीशापानावावनाभसुरहानवना मानवेन,यूपाविखोलउभषापलिभाषितानिासंपूरितालिनतलोउसन भीहितानि डाभनभाभि निराल्पानि तानिएशाजोधाणाधं सुपष्टपाची नीर पूरा लिरामं,लवाइिंसाविरवलहरीसंणभागाइडेयूषावेषंशु गम भणीसंपुष्पूरपारं,सारंचीरागमन्सनिधि सारं साधुसेवा। राजाभाभूलालोसपीजलपरिभषापीढदोषालिभाषा,अंडाश शरसाराभलषऽभवागारमूभीनिवासायासंमार सारेवर भखरेतारहारालिशभे,वाणीसंहोहोहे लवविरहवरं देहि भेटेवि साशाचा ईति पटटा । ॥अथ सिद्धयक्रनी स्तुति।। - मरिहंतनभोवती सिध्यनमी, मायार्यवायऊसाहुनभोगध शनज्ञानचारित्रनमो,तपमे सिध्ययक्रसधपएभोपामरिहंत जनंत थयाथाशे,वलीलावनिण्जेपेगुरागाशेपपडिभगाहेब वंटन विधि,जांजिसतपगाएरंणगोविधियंगशारिपासीले तपशे,श्रीपालतएीपालवतरशासिध्ययक्रनेडएमावेतो वाग्निभागमराजोलेआसाटापारेचरसेंतपपूईमेज भविहारगतपशूशासिध्यपक्रमनभंधिरथापोनयविभलेसरच्या આપીવાજમાં Dr Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar 119 Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ५४ । ॥अथ थतुर्विशतिग्निस्तुति ॥ ॥नात्नेयान्ति वासुपूज्य सुविधि,श्रेयांस पयामानाश्रीशां तिंशशिसंलबारसुभतिन् नेमिनभिंशीतलाधर्मपार्श्वसुपाची वीर विभवानंतान्तथा सुव्रतंराउँथुभटस्यनिनंघनौनुतग्निानेतांश्य तुर्विशतीनापाजुद्दीपविटेहपुष्ठरवर,द्दीपाईसद्धातडी,जंडेषु प्रय रिषुयेषुलरतेष्वैरावतेषुस्थितानघाजंडस भंडलीमधुर श्रेएपिनि रासेपिता,स्तेषांतीर्थतांमुटेलवतुवा पादारविंध्ययीशाणत्पाधाष्टि पवयीसमलवन् भूखंजलूईसा,न्याचारप्रभुजांगालविपुला, शाजाप्रशाजानया:ज्ञानानि प्रसयोध्या देखभल्लूतु स्वाहिसंपत्ता यो,यभ्यासौन्यतां गिनागममहावृक्षयिरंलूताशागौरी सैरनिशामिनी पविघरावन्न शाजपा,छुप्ताकघराणी महिन पीसर्वायुधारोहिणीप्रज्ञप्ती भृगगाभिनीभशापी महाजाषि प्रभातस्या सहषोऽशापिडशलानेताःप्रयछंतुनःना तिक - - ॥अथ अध्यात्मस्तुति अर्थसहित ॥ डीसवेरासामायिक सीधुपगुजारनविधी लाश लोउत्तरोघरमांपेहो,घीसघjतेणेपीलाणो चामर भाष समूडीजेघरजापसंलापोलानिन्पतिने उहोचीरग्नि पून्ने समतिने मन्नुभाखोलामा अर्थः-भाभध्यात्मोपयोगनी थुनोमर्थऊहीयें छैयेते लव्यपाएीमोतिभणपयोग/ने सालसो महीनांधर्भयौवन असनेप्राप्तथयेलोयरमपुङ्गलपरावर्तनी स्थितिमांगावेसोल बतेणे सयुश्नी देशनासालली तेथीशुत्न विशारणानगृत थर्ण तेशुनविचारणाडूप सासुसुभति पवहुनेशीजामणु मापेछेडे, हेवहूति प्रत्मातें सवेरेंजहीने सामायिन्तोषीधुपए सभतापड |भाडे अजीमाबहार पजारऍरेच्युनहीं,तेभाटे मिथ्यात्वपच्या Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५५ ) सो स्तरो प्रथमयीन जनाहिालनो मनरूपी घरमा पेठेलोछे, तेणें सामायिउने विषेने ज्ञान, दर्शन भने यरित्रनी शुष्पिरूप घृतह तुंते सर्व पीधु, माटे हे बहुजरातमे हुवे जनुपयोग रूप आमसभू डीने ढीठो जने पोतानी शक्ति प्रमाऐंगें आत्मवीर्य शेरवीने से मन | ग्रूप घर तमारं छेतेने तमें संलासोनगत्मां पए। उक्त छेडे पोतानुं घर संलाख्या विना घर हीपतुं नथी बसी समस्ति विना सामा थिमाहिङ सर्व उरणी व्यर्थ छे भाटे तभे खात्मÎप तमारा पतिने उहोडे श्रीपीरनिनेश्वरनी पूलङ्गरीने समजितने जन्तुनाले शा जसे जिस्साडे नडपण्डपाची, पीत्रोड सर्वे झेडी ळाचंचल छैयां वाश्यां न रहे, भाङ लांगी भास बोडी लातेहु विनारेंटियोन पियासे, मौन लसोडेने उहीयेंन्णा ऋषलाहिङ योवीशतीर्थपुर‍ पीयें तो सुज सहीयेंन्याशा अर्थ:- पौराणिक षोडोनी डेहेवत प्रभाएंगे महाहेवें अभने जा त्योछेतेभाटे जजेसाउंहर्परूप जिल्लाडे सरूपन्डप जने जाक्षे पशाप न्नपट नाजीने शीलनी नव वाडडूप पीत्रोड सर्व झेडीनाजीछे, जथवा संसार रूप जसे जिल्लाडे शीस रूप व्रत मंडन ते भावीरीतें डे:- परनी साथ हास्य विनोद डीधा हावलाव विसा सनी वातोडीघी, अथवा भन मांहें चिंतची नथवान्ले तेएगें डरी स्वस्वलाचप नडप पाचीने धर्मम्रगी रूप जीत्रोड लांगी छे, तेथी स र्वशील गभाज्यं मे भावार्थ छे जने पांचे धैरिय वश डीघांनथी माटे पांयेंद्रिय रूप थंथल छोटे पाश्यां रेतां नथी, म्हापि अर्ध वजतें हुरु योगें हरी ठेहेराव्या तोपए। तेनी तृष्णा यसायमान यती नथी तेथी भेषं यल थोर नेवा छोडरायें शुष्प डीपयोग रूप भाऊ लांगी नाजीवनेश घ्य क्रिया रूप भासत्रोडी नाजी, ते शुध्ध पीपयोग रखने शुध्य क्रिया विना धर्म रूप रेटियो यासतो नथी भाटे हुवे पंथेंनियने वशपड्या तेथी "जसामर्थ्ये लवेत्साधुः, रूपनारी पतिव्रता" सेन्यायें नए जोत्यो मौन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ५९ ) रहबुनेछिन् लच्छवे ओहोनेहीयेते विसतोमुभएीयज्यारे या विशेउब्यारे सर्वव्रतिपयंअंगीकार उनी(हे परंतुऋषलाडियोचीत शतीर्थऊरनोन्नपन्पीयेतोऊमनोनाशथायमने शिवसुजपाभीयें। | घरवाशीदूं उरोनेवहूजर,रालोमोलशाहुंलायोरोमेड उरेछेहेरे मोरडेयोनेतालुंलास पाहुणाचाराच्याछे,तेजलाए नरि राजोळाशिवपासुजभनंतांसहिये,न्ने ग्निपाणीयोजोलारप ॥ अर्थः-हेसुभतिवडूमरातमेभन परिभांजविचार मालोयनाडूपवासीइंउशेतीसाइट घोट परौथ्यान रानीपापोतलेश्याने भनभरिमाहेथीणगड, भेटलेटालो, मेजोलशाjशेवतीभोहाछिलाव पजेऽचोरटो हेरेछेते पि| थारीलेहोछे, अवसरपाभुतो धप धनयोरीसन्न, तेभाटे तभंतभारास्वस्वलाच पोराने तामुलापो,अथवा मला शरीर पोरडानेनभारतथा प्रत्याज्यानचुने पतापुंसा पचन्ने वासी हेसुभत्तिबहू क्रोध,भान,मायामनेसोल,जेचार पाहूया भाच्याछे,तेषजाउरेछेतेनेणलाराजीशनहीं नहीं चारित्रप घन टुशे,भाटेनेतुंश्रीग्नेिश्वरनी चापीयानीश सहएगाजरामर राजीशतोल्मांजनंतसुजछे भेद्यं शिवपघ पाभीशा | घरनोजयोडोलजरोछे,कहत्तभनमांसाचोलाापोलेप खंगें प्रीतमपोख्या, प्रेम घरीने लगायोलालाचप्रलसूरिउहे | नहीं भेज्थलो,अध्यातमणपयोगीलाासिध्याावी सान्निन ध्यउरेवि,साघेते शिवपह लोगीळाचा अर्थ:- वसीहेसुभतिीयमईपीओषसेटमहोरोणरते नाहानी जयाप घरनोजूणोक्षणक्षएमांजरोछे,जेटलेजोडे छमायुनेघाडे छेतेतु चतुरछोभाटे भनभाषावीनेतभारोन मात्मपत्रीतमले डायापघश्नो घपीछेतेप्रमाढूप महोटेन - - In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । पर्व0 पोढ्योछेसुरयोछे,तेने तमें प्रेमधरीनेणाडो जनेहोरेत भाराघरनो जूगोजोधायछेटलेभायुक्षए क्षएमांघटीन्नयछे। भारेसनासरो, प्रभाभूओएमेरीतेश्रीलावलसूरिहेछे जा थोऽथलोनयी पराअध्यालोपयोगीछे श्रीसिध्यासावीसान्नि ध्यश्नारी छे भाटेने पुएयनर्थसाघेते शिवपानोलोणीथायाराम - - ॥जय ज्ञानपंयभीस्तुति॥ ॥श्रीतीर्थर वीररिएंघ,सिध्यारथखगगनट्रिएंघ,त्रिश वाराणीनंघाउहेज्ञानपंयभी हिनसुजामतिश्रुतावरणी भटे लव शमन्नारामुनीभयंधायीले महावीशा समाज तभतिथीणससेभानंघ, हे पुरभतिघाहिनेघारीश्रुत ||यंघज्ञानी घेयनापध्मरविंध,पूलेलावनभधापाअवतरियास विग्गाधार,जवपिनारासहित निरधार,पाभेपरम उराशाभागना शिरशुष्पिंयभी टिनसार,श्रावएराशुष्पिंयभीशुलवार,सुविधिने मअवताशाचैत्रवपिंयभीषणी श्रीडार,यस्पत्नय्ययन भंगष विस्तार,पयोन्यन्यारात्रीन्नज्ञानर्शनलंडार,हेजे गटर च्याज्थिार,पुण्यानंतमधिगशाशावैशाजवष्पिंयभीमन माएी,उंयुनायसंयमगुएगणी,थया भनपर्यवनाएगादीक्षाभ होत्सवमवसरन्नएी,भावे सुरपतिघशी पीचंटेशलटमा एपियरे पावनउरतापगपागी,अध्यातमगुगएीवजाएगी, स्वपरभरासहीनागीमप्रमाऋियिताप्राणी,नभोनाए। ते भागभवागी,सानसीसहोशिवरागी जाार्तिऽचहिपंचमीहिनमाचे,उंचवज्ञान संलवान्निपावे,प्रनुतापूरपथावामनिन तसंनयन्नि मनंतसोहावे,यैवशुष्पिंयभीमुन्तिउहाचे,न्येष्टन शुटित तिथि धगधर्मनाथ परभानंहपहपावे,शासनसूरि पंचभी चघावे,गीतसरसडे गावेगसंघसखलपीशन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५८) सजनावे, ज्ञानलक्ति जहुमान न्यावे, विन्ग्य सक्ष्मी सूरिपावेत ॥ अथ सिध्धचक्रस्तुति ॥ । पहले पह पीयें अरिहंत, जीने सिध्यन्पो न्यवंत, त्रीजाधारन संतायोथे नभोपीवाय तंत, नभो लोग्ने सव्वसाहुमहंत, पांयमे पह विषसंत ॥दर्शन छन्पो भतिवंत, सातभे पहन मोनाए। जनंत, ग्नाहमे चारित्र हुतानंभो तवस्सनवभे सोइंत, श्री सिष्ययक्रनुं ध्यान घरंत, पातङनो होने अंत ॥शा डेशरसं नसा यें घसीनें, उस्तूरि माहे लेसीनें, घन घनसार हवीनें ॥गंगोह शुंन्ह वए। उरीनें, श्री सिध्धयनी पूल स्थीनें, सुरलि दुसुमपरयिों मुंही नगरनो धूप उरीनें, अभधेनु घृतहीपलरीदें, निर्भस लावच री लेंगा अनुभव नवपध्ध्यान घरीनें, रोगाहिङ दुःज दूर हुरीलें मु तिचधू परएशीनें ॥ाशा जाशीने वसी चैत्र रसास, बीन्वस पक्षे जो सि सुविशाल, नव जांजिस सोन्याल ।। रोग शोगनो जेतपाल, सा ढाथार वरष तसन्यास, बसी कवे तिहां लाताने सेवेलवियर्धन भास, ते सहे लोग सहा जसरास, निभ भयएगां श्रीपाल ।। छंडी जस गो खास पंपाल, नित्य नित्य खाराघोभए। डास, श्रीसिध्ययक्रशुएामास ।आगग्गामिनी संप हस डाय, पाले पण नेबीर उभडाय, - हीयडे हार सुहाय ॥ कुंडुभ संध्नतिसङ स्याय, पेहेरी पीत परोसी जना य, सीमायें समाय ॥ जाती लाती यसरी भाय, जेनर सेवे सिघ्ययक राय, द्यो तेहुने सुसहाय । श्रीविग्यप्रलसूरि तपगच्छरा य, प्रेमविन्य शुरे सेवा पाय, अंतिविन्य गुएराणायामाछति ॥ आ ॥ जय महावीरन्नि स्तुति ॥ ।। उनङसमशरीरं,प्राप्त संसारतीरं ॥भतघनसभीरं, क्रोष हावाग्निनीरं शान्सधिनखगनीरं, हललू सारसीशासुरगिरिसम Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - ( ५८ ) धीरंस्तोमिलत्यायचीशापानमजिससुरेशः,पापपंडे हिनेकपा भतमृगभृगेश उर्भवृक्षणशामुगुरामणिसभुसः,साघुयउडोर पंचागत घनतरतंद्राः पातुवाश्रीग्निशाशाग्निवप्न तात् निर्णतावाHिअंता,सुपहभलिखपूतापाप पंघहत्तीय नन भरए नित्या बादशांगी वियित्रा मुनिग्न हित भोक्षसौन ज्यप्रघताशान्तिनयनहुरंगी श्याभएीलुगी,ग्निभुजउन्न लंगीश्वेतवस्वैर्वृतांशी पनिवडनडिभरोगिध्वंसनेभातुसिंगी श्रुत निययवरांशीही भेटेविसङ्गीता पतिरामा ॥अथ श्रीनेभिन्निस्तुति ॥ ॥गिरनार चिल्लूपरा,निषएसुजागाश्रीनेभिग्नेिसर, अपवेसरमापाशाभनुवंछित पूरे,दुःजयूरे निरधारााहुलप वेवंडो,गल्भितीत्नरताशापावैमानिध्प्रेलुश,नुवनाधीशपर|| वीशान्योतिषी पतिधेशव्यंतरपनिषत्रीशायणसहि, पन्याग्नियोवीशाते गिननीभाए,शिरचहुँहुंनिशीशाशप चिलुवनाग्निनामानंघ्नन्निवाणीपसिंहासनलेसी,शपटेन शी हितभागीरानेहभावजागी,ळ्यध्या सुगोपाएीतेवाणी माराधी,वरीयें शिव पटरागी आसंघसान्निध्यडारी,ग्यकारी वराणाशासनरेजवाली, विधनहरेअंजाणाजावीशमा ग्निनी,सेवाउरो पित्तलाणाध प्रीतिविन्यउहे जसंप में पाणातिएफपा । ॥जय पर्युषए स्तुति ॥ ॥पश्य पम्नूसरा पुएथेपाभी,श्राव उरेनेउरणीलामा हिन माथारपसावे,जांडएपीसगघरगीलपासूक्ष्मजारलच नविणासे,ध्यातेभनमान्नरोलावीरग्नेिसर नित्यपूछने शुद्धो Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - सभजित जाऐळापाव्रतपाखेने घरेतेशुद्धि,पापवयननविजोनी खेलाउंसरयंटने ग्निसपि पूरेनवनयजंघनजोखेलानादि उऊरीने चाम्बिवनडे,नरनारीनेटोसेलाएगावे ग्निवरनार्थ एपिध,तेहनेउरोनतोषेलााशाजभलतील पोसहजे सीपौषघसालेलारागद्देषभाभच्छरांडी, कूडपटभनगन लेखगाउप्पसूत्रनी पूनउरीने,निशदिन धर्मेभावेलामेचीब रएीउरतांश्रावड,नरनिगोहिउरालेनापडिभएंउरियों शुध्यलाधनसंवत्सरी धीरेलासभडेतघारीनेग्निशासन रात्र हिचससभरीरेलापाररासापडिसालीनेभनयंछित महपे सपीलायित्त योजे भए उशे मन भान्यांखलेशेलाच ॥अथ छंहाधिकार प्रारंनः॥ ॥अथ श्रीशंजेश्वर पार्थन्निछं॥ ॥सेवोपासशंजेश्वरोभन्न शुष्यं नमोनाथ निभ्यउरीमेडणु, ध्याची ट्रेवसांमन्यनेशंनभोछो नहोलव्यसोगेनुपालभोना छोपात्रिसोउनानाथनेशंतन्नेछो, पड्यापाशभालूतनेजलनेन यमुरघेनुछंडीजनशंखन्नेछो महापंथ भूजीउपचन्नेोप पशात डोएपितामएिमयभाटें यहे ओए रासननेहस्तीसाटें। सुरभणपाडीउएमाऊचावे,महामूढतेमालामंत पाप जिहांगंडशेने जिहांभेग, डिहांडेशरीने जिहांतेपुरंगाडिहारिन श्वनाथं जिहां भन्योचाउरोयित्तें प्रलपाससेवारामापूने यमलावतीपाएनाथं सडूळवनेनेरेसनाधा महातत्त्वन्नन एीसाहध्यावे,तेनांपुजघमिरेपसावपापाभीभानुन पोनेवृथागंगभोणे, शीखें उरी हुनें गंभोछोपनहीं मुतिया संविनावीतरागं,लन्नेलगवंतंतन्नेरष्टिशगंगदाणध्यरत्नमा . Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जेसघहेतभागी,ध्यालावीरेंपलुघसन्नपीएजारभाहरे नीडे मेहबुडाप्रलपासशंजेश्वरोजापतूहागा तिाशा ॥अथ पार्श्वग्निछं॥ ॥उल्याएडेखिसहनाय नमोनमस्ते श्रीभत्सरोग्यध्नाय नमोन मस्तारागारिवारस्नायनमोनमस्ते,वन्त्रनिरामरहनायनभोनमस्तपालोघरानउरगायनबासोतिरितवरगायनगासंसार रचाईितरायनमात्रैलोज्यसारशरएायनगाशासन्निर्भितांहि भहनाय नगाराणोघाईहनायनगाविध्वस्तहस्नहुनायना एयभाखिगहनायनगाजासंसारतापशमनायनगानिर्धक्ष्यशक्ष भनाय नगासुव्यस्तमुन्तिगमनायनगपालिल्लूतऽमनायनन पचापापौघपांसुपवनायनगासेवापरचिलुवनायनाकोघांशुश क्षणिवनायनासंमृत्युहन्बवनायनापानेत्रानिलूतम्भलाय नगाशकार्यितांघ्रिाभलायनगानि शिताजिलभलायनगाप योत्यसपरिभपायनगाराश्रीनश्वसेनतनयायनगासन तैऽविनपायनगाविज्यातनिश्थितनयायनानिएगीतल्लूर्युपनया यनगाशाश्रीसंघहर्षसुपिनेयधर्मसिंह, पापरभिघुखिएभुनि रत्नसिंहापाचप्रमोर्लभवत: परभंपवित्रं,स्तोत्रं यहारग्नता लिभतार्थसिध्यै एटा तिराशा ॥अथ श्रीमहावीरग्निछं॥ ॥सेवोवीरनेपित्तमां नित्यधारो,मरिकोषने भन्नथीपूरवान रोगसंतोषरतिघरो चित्तमांहिंरागद्वेषथी पूरथामोजीछाहिए एपड्या भोहनापासभांन्हभागी,शुध्यतत्त्वनीचाततेनन्नएीप भनुन्न्मपाभीवृथाअंगभोणे,नमार्णछंडील्नुलानमोगर एजलोनीजभानीनीशगीतन्नेछो,सलोलीसभानीसराणीलन्ने Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जारि हरामिन्यथीशुंरभोछो, नहीगंगभूठीणषीभांपडोन गागाटेचहानसिचक्रधारा, उचघालेशलेदभाषा पडे घवर्णसंगेंशजेछेवामा,डे, टेवसाथे रमेशभाचा विल्पेशेल्पभाषा, भासलक्षी महावीशलारायोगिएणी लोशिएगीमोगराण,डेरापी छानो होमभागापासाव चीतपीमाशराज,तघभुस्तिनां सुननेभयाजेएल्गालोल्न नाथोऊनो पारनाच्यो,तघभघनो जिंदुसोभन्नलाग्योपरान्ह चलानापएीमाशशजेतेह पिंडने भन्नशुलेनगाजाधीनहीन ननीलीडतेडेमलालेोदोख होऊहोउभवागाणाजरेमा उल्लातालन्ने भोक्षघता,मखोलीप्रलूने लन्ने विश्वज्यातार लयिंतामणिसारिणो मेहसायो,उसंडी चना पिंडशुभतय योपटाभंजुध्धिधुनेहपाएी उहेछ सविधर्भ मेऽत्वलूखोन लभेछाडीहांसर्षराने डीहां मेरेधीरंडीहांगयराने जीहांशची पियाडीहांस्वीथावंडीहांडेलडीहांडोवानेडीहांजीर भिडंगडीहाजीरसिंघुडीहांक्षारनीरंजीहांडामधेनुडीहांछाणन जीरंगाडीहांसत्यपायाजीहांडवाणी,जीहारंउनारी जीहांरा यराएीडीहांनारीनेडीहांडेवनोशी,हांहीडीहां उष्टन रोगीरापपाडीहां उर्भपातीमहार्मधारी,नभोवीर स्वामीलने म न्यवाल्सिी सेन्भांस्वनथी शन्यपाभी,राये हनुचि घरी हुन |स्वाभी॥शाजथिरसुजसंसारभांभन भाये,तेन्नाभूदभांश्रेष्ट शुष्टान्गातब्ने भोहमायाहरोलशेशी,सन्ने पुएयपोशीलन्ने निभरोशी पपागतियार संसारभपारपाभी,भाव्यानाशधारी पत्नुपायस्वाभीतुहींतुहींतुहीं प्रनुपर्भशगी,लयोनी राजषा मोहलांशीरानाभानीचीरन्छमछमेभोरी, पोसईसेवन नापरणतोशापुएयणध्यमोशुराल भेरोपियेउँसयो में भन्नु शतेरोपतिरामा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ९७ ) ॥अथ श्रीगौतमाष्टछंह॥ ॥वीर लिगेसर डेरोशिष्य,गौतमनामन्पो निशशिान्ने जीनेगौतमनुध्यान,तीघर विलसेनवे निधानातागोतमनामें गि रिचर पढे मनवांछित हेसासंपन्गागौतमना नाचेरोग,गौतमना में सर्व संन्नेगाशालेरी विठूमावंडा,तसना नाचेढुंडापलूता प्रेतनरिमंडे भागतेगौतभनाईचजाणाशाणौतभनामें निर्मल गयाशीतभनाभेचाघेभायाशौतभाग्निशासनशएगार,गौतमन नाभेन्यन्याशानाशाल धवसुरहाघृतगोष,भनवंछित अपडतं जोखापरशुंघरणी निर्भवपित्त,गौतमनाभे पुत्र विनीतापागौ| तभीयोअरियललाए,गौतभनाभन्पोग्गन्नएभोछोटांभंटिर मेरसमान,गौतभनामेंसख विहाराहाघरभयगलघोडानीब्ने ड,वाडू पोद्दोंयेवंछितोडामहीयसभाने भोहोगरायन्नेतूहेगौतन भना पायाशागौतम प्रणम्यां पातउरखे,त्तमनरनीसंगतभोप गोतमनाभे निर्भपज्ञान,गौतमना वाघेवानाटापुएयवंत भवधा रोस, युइशौतभनाशुगछेडाहेलावएय समयउरन्नेड,गौत भतूसंपत्तिोडाफा तिराच्या - - ॥जथ नवजारनो छंह॥ ॥दुहाए वंछित पूरे पिपिधपरें,श्रीग्निशासनसाशानियेश्रीनवहार नित्य,पतांब्यग्यतापामशहमक्षर अघि सनव पहनवे निधानरावीतराणश्रीभुजवरे,पंथ परभेटि प्रधान पशार अक्षरचित्त,समस्यासंपत्तिथायासंचितसाण रसातनां,पातऽदूरपपायापासउलमंत्रशिर मुकुटमणि सय रत्नाषित सारा सोलवियां भनशुइशंनित्यल्पीभेनवाशान छंचा नवजारथडी श्रीपालनरेशर,पाभ्योराज्यप्रसिद्धासभन शान विषेशिवनामभरने,सोचनपुरिसो सिद्धानवसाजरपंता Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नरस निवारे,पामेलवनोपाराासोलवियांलतेंयोजे यितें, नित्य पीयेंनवारपाजांधीवडशाजा शिंडेजेसी,हेडसाउंडहुताशय नसरने भंत्रसमोश्रावड़ें,जीडयोतेभागशाबिधिरीतेंपता पि| घर विषटाले,ढालेममृतधारासोपाराणीनेशरणरायमहा जल,व्यंतर दुष्टाविरोधानेणें नवमरेइत्याराली,पान्योयक्षप्रति जोपानवलाजन्पतांथामे ग्निपरस्योछेअधिशासो पणापलिपति शिज्योमुनिवरपासें महामंत्र भनशुध्धापरलय तेरागसिंहपृथिवीपति पाभ्योपरिगल रियाजेभंत्रीजमरा पुर पोहोतो यात्तिसुपियारासोगाटा संन्यासीअशी तपसाधन तोपंचाग्निपरन्नाटीडोश्रीपासकुमारे पन्नग,अघजसतोतेटर सासंमसायोश्रीनपहार स्वयंभुज,लुवनभवताशासोन्या मनशुपतांभयपासुंरी पानी पियसंयोगाराच्यानथडी उष्टटप्युंजर-शत पित्तनोरोगानिस्येशुंन्पतांनवनिया ये,धर्भतऐसाधारासोनागाघटमांहि दृष्यलगभघाल्यो, घरपी श्वाघातापरमेष्टिप्रत्मायें हार सनो, वसुधामांहि पिण्या ताउसावतीय पिंगलाडीघो,पापतगोपरिहाशासोगापागयो गएलतिराजीग्रहीनें,पाडीजाएषहाशापटपंचसुएतां पांडुप, तिघर,तेथडुतानाशाभेमंत्रणभूपा महिमामंदिर,नवपुरेन लंगहाशासोगाशाउंनलसंपरावाल्यां,शष्ट पांच शेभानाशीघेनवजारेंगयावलो, विलसेमभर विमानान जेमंत्रथडीसंपत्तिवसुधाभांसही, विलसेन विहाशासोगापत्र मागेयोवीशी अनंती, होशेचारभनंतानवहारतपीओमायनन्नए,मेमनांजेअरिहंतापूरचघिशियारेमाहिमपत्य सभरे संपत्तिथाथासोनाक्यापरमेष्टि सुरपतेपएपाभेट तऊर्भउडोशापुंडरशिरिपर प्रत्यक्षपेज्यो माणघरने मेऊभोर एसहरसन्मुजविधिसमरतां ससग्नमसंसारासोनाया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पंच परमेष्टि ज्ञानपंथह,पंयघनथारित्रापंयसलाय महाव्रत यह पंयसुभति समरितापंयप्रभा विषयतन्नेपंयह,पालोपंन्याया शासोगाराउतशाछप्पयानित्यम्पीयेंनवार,सार संपत्तिसुजा घयवासियभंत्रशाश्वतो,मेमन्पेश्रीन्गनायजाश्रीमरिहंत सिद्ध शुद्दाथार्यगएीगाश्रीणवळायसुसाघु,पये परमेष्टि युपी गानवजारसार संसारछे,शलपालवान्या हेरायित्तेजारापन तां,विविघऋयिचंछित्तसहेपणा तिरापा - ॥अथ श्रीशोख सतीनोछं॥ ॥माहिनाथ मानिनवरचंधी,सखमनोरथ डीलियोन पलातेंणहीमांगसिडामें,शोलसतीनांनाभसीरियेनपाषाला भारीगहितजारी,नालीलरतनीजेहेनडीमाघटघटव्यापमा क्षर,शोषसतीभांहिले वडीमाशाजाहुलखत्मणिनीसत्तीयशि रोमणि,सुंरीनामेंऋषत्नसुतामगामस्वरूपी त्रिभुवनमान्ने हअनुपमणुगन्नुतागायनमायाजालपणाथी,शीयषवतीन शुध्यत्राविधामगामडनाणालावीरप्रतिसाल्या,उचललहीव्रत लाचिठामाचाणिग्रसेन घुमाधारिणीनंन शरिमतीनेभवस्वला) भन्नेमनवेशेजभनेंलंत्यो,संन्भदेव दुसलामोपायलर तारी पांडवनारी, पस्तनयाचनाएगी मगामेऽशोभाडेथीर पूरान गां,शीयस महिभातसन्नएीयेंभगागाशरथनृपनीनारी निश्प भौशल्यालयंािमोशीयलमधूणीरामन्नेता,पुएयतपी प्रनाक्षिामगाशंजिहा संतानिनामें,रान्यररंगरालयोनातसघरघरएी मृशावतीसती,सुश्नुवनेंन्शणालयोने पाटगासुपसासायीशीयनमयी,रायीनही विषयारसें भुजा इंन्नेतांपापपलामे,नामसेतांभनणस्ससेनाकाशमरघुवंशीते हनी अभिनी,ग्नन्सुता सीतासतीमगसहून्नरोधीपुरंता, । Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मनपशीतलथयोशीयसथीमावणाशयेतांतरोगालगीजांधी, स्वायडीरसाढीयुमाउसंतारीसतीयसुलसायंपाजारणयां डीयुंमपासुरनरहितशीयषमजंडित,शीवा शिवपगाभिन नीमगारेहनेनामें निर्भपयध्यें,जविहारीतसनामनीमाशा तीनागपुरे पांडुशयनी,ताना आमिनीपांचभातासेस रनी,जेहेनपतिव्रतापयिनीमगाशीयषवतीना शीलव्रतधा रिएी,विविधंतेड़नेवंडीयमानामग्पतां पातऽन्नने,परिसरापुर, तनिधीयमा निषिधानगरीनसहनरिंनी,मयंतीतसगे हिनीसंज्ट पडतांशीय राज्युं बिनुवनडीर्तिनेहुनीमायण अनंगमतीतानगन्न पून्तिा,पुश्यूषाने मलावतीमाविश्वविख्या ताजभितघाता,शोषभीसती पध्मावतीमापारावीरलांजीशा शाजी,णध्यरतनलांजेभुषणेवाहाएपंचातांन्नरमएशेते सुजसंपामपणा तिादा - ॥अथ मंगलथार॥ ॥सिध्यार्थलपति शोहे क्षत्रिय,तसघेर त्रिशलाभिनी गन्धरणाभिनीपोढीयलाभिनी,यणसुपन सहेन्नभिनी पत्रुटान्नभिनीमध्येशोनतारे,सुपनहेजेजाषाभयगर पलनेसरी, उभलाउसुभनी भाषाप्रदुटिनउरध्वन्नसुंधर उस शभंगलपापियसरग्यनिधिर्णत्तभमभरविभानमनूपार लनोनंजारणबसवन्हि नि भन्योताउल्याएमंगलारीभाहा, उस्तगणद्योतापिणासुपनसूचित विश्व पून्ति,साससुज घतासाभंगस पेहेर्युजोलीमेने श्रीचीरन्गघधारामगध शभांनयरीशग्गृही श्रेण्डिनामेंनरेशमाघनवरगोवरणाम से तिहां,चसुल्लूति विप्रभनीहरमोशुटला भनीहरतसभानि नी,पृथिवीना नाशाहलूतिमाहेनछेत्रणपुत्रतेहुने साशा या - Jall Educationa International For Personal and Private Use Only Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७ ) ज्ञार्म तेणें आहस्युं, जहु विमने समुधयातेि समे तिहांसमोस - श्या, योवी शमा निनरायाणीपदेश तेहनो सांलसी, सीधो संन्भला शाजणीयार गए।घर थापीया, श्रीवीरें तेएशीचारार्धस्मृति शुल गतें थयो, माहा सब्धिनो लंगराामंगल जीतुं जोलीयें, श्रीगौत म प्रथम गणधार शाशानंह नरिहनी पाडली पुरवरें, सडडास नामें मंत्रीस मे साछसहेतसनारी अनुपम, शीयलवती बहुसुजङ आज संतान नव होय, पुत्र पुत्री सात शीयसवंत मां शिरोमणि, धूसीलरनग विष्यात ॥ मोहवशें वेश्या मंदिर, पस्था वर्षे जाशात्लोगलसी पेरैं लोगव्या, ते न्नएंगे सहु संसारााशुष्पसं नमपामी विषयवामी, पामी गुरे नाहेशामेश्या नावासें रह्यो नि यस, उभ्यो नहीं सवसेश। शुद्ध शीयस पाले विषय टाले, न्णमां तेनरनारा मंगल त्रीभुं जोसी में, श्री तिलक भएाणार आहेम मणि रूप भय घडित अनुपम, नडित मेशीसांतेनेंगे सुरप ति निर्मित भए। गढ शोलित, मध्ये सिंहासन जगभणे ये॥घुटआ अगभणे निन सिंहासने भे, पान्त्रि छोडाडोडायार निडायना हेव ता, ते सेवे जेहुऽश्न्नेप्राप्रातिहार जारे, श्रोत्रीश ग्नतिशयवं तासमवसरणें विश्वनायडु, शोले श्रीलगवंतासुरनर डिन्नर मानवी, जेही ते पर्षा जाराणिपहेश हे अरिहंतल, धर्मना धारम अशाहान शीयल तप लावनारे, टाले सघवां उर्भ ॥मंगल पोथुजोसीयें, नगमांहे श्रीन्निधर्म ॥ जे यार मंगल गावशे े, प्रलातें घरी प्रेमाने डोडि मंगल पामशे, बीघ्यरन लांजेनेभााच्या प ॥ अथ श्रीवीतरागाष्ट ॥ ॥ शिवंशुध्यजुद्धं परं विश्वनाथं, नहेवोन जंपुर्न उनङतीन अंगं न संगं न येरछा नाभं, यिघनंदरूपं नभोवीतरागांप न संघोनमोक्षोनराणाहि सोगं, न योगंन लोगं न व्याधिर्न शो Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - पनक्रोधंनभानंनभायानसोनायिनाशानहस्तौन पाहीन नारांनरिहानचक्षुर्ननिवस्त्र ननिसानस्वाभीननृत्यं नवोनभाायिनागानन्न्मंनभृत्युन मोनयिंता, नाना लीतोनश्यनतुंचानस्वेनजेनवर्णनभुसायिगाात्रि डे विजंडे हुरे विश्वनाथं हृषीश विध्वस्तउभरिन्नखानपुएय नपानथाक्षाहिपाएगायनापानणालोनदोनतुग्छोनभू टो,नजेनलेनभूर्त्तिन भेडापनांनशुष्ठसंनभोईनतंद्यायिः पशानभायनमध्यनजंतंनभान्या,नच्यनक्षेत्रंनदृष्टोनला वारानगुयोन शिष्योनहीनंनदीनायिगाणाज्ञानपंप यंतत्त्वी ,नपूर्णनशून्यंनथैत्यस्वरूपीशानभन्योडन्य लिन्न नपरभार्थभेडायिगानाशाखविक्रीडितंवृत्तमात्माराभरा पारंशुएनिधियैतन्यनाउर,सर्वेमूतणताणते सुजपुरजेज्ञाते त्वयासर्वत्रैलोज्याधिपते स्वयंस्वभनसाध्यायंति योगीश्वरा, चंटेतंहरिवंशहर्षदृष्टयं श्रीमान् दृधल्युयताका पतिवाटप ॥ अथ पार्श्वनाथ छं॥ ॥लुगप्रयातवृत्त वंधे ध्वयाभेयध्यापिटेचं,सुशभासु रालासुरीसारेसेवानवेऽभांभागमजंडोहनी,प्रत्नुअंतिशी लांतिनहीं विश्वलेहुनीतामहापुष्टव्ह पिष्ट पापिष्टपूरा,प्रचूना भथीते घेषीमयाभावी बाट घाटें जांघेहु मोजा,थायेगा घरातेघगातोनथोजराघराधीश पोजोघरी धीरघजे,रण णीसेवाशनीप्रलुलानराजेपवेरिनाथचातनोन्नेरवाघ्यो,जन नाभीजघूपषिपास जांध्योगामुडीवातल्पी हियानीपत पार्थ महसूसाधुनें असाघुपनणासाथोतोजेसीछे प्रलुत सघर्ष, स्वाभीतुंसघारे पधारेवडाणानापडीवातवांधे प्रत्लुपार || पीओ,पिडा लिहां तिहांप्रमुल घएगीगासामुंडरीब्लूइंडस्यो - Jall Educationa International For Personal and Private Use Only Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मेर सांसो,वेहेरीथयावांसेराजोनायनांसोपाागुडारेशुभानीसि येशुबमांथी,मुंडारेमनेस्यालरीतीरलाथी परीक्रोधनेले रे पातडेना,तभेचारन्योतातलनाडतेनांगागतिगोजरातोजय मुनेंतुष्य,पसी वांगमांडराधर मोगामवेच्छायथेच्छागणे मछराणा,प्रलुपार्यध्यानेनभेतेमधलाणाकोघाखालूपाला गदाउराक्षाचा पिंशत्रिसिंग महासिंघचालारोसाषा घेशान सामोसापाते गातोसालापोसावाहुरे पासतूहगटारी सरी घवघेलहवापार भावें रोगमहारारापालाएपड्यान नासपासनानि पासपास,बोडीसर्वत्रासमातेश्वासाणापूये घसमाशाप्रलुपासपूरी,सघसंपाजेवासिंयैसलूरीमाटोमा पाने उरेसारटाएरो,ग्यार पाभेलकरहन्नएपणध्यण वळायावहेभारपायापिसासासायासबासेंचसायातीला सहेरवाघेभलुनाभवाघां,जोखीसर्वजाघालयाशंभणायाम जय भोहरामवर्णन छंह॥ धनुगमयात धंद्याजेटीसें पिउध्योन्मुयोजापतो,स्यपि वीसनेहें विधाता विणतोतुंडीनी परेंलोपिने लोउल्लातुनेईन मुंफूलपाभोहरानापाशवनमांगोपीनारी पिहारी,हंजे थे ट्याथीरयोरी मुरारीजनललप्रीलिसें भूडिभानातुनेगाशा लुलोलीलडीनेजशलोपोनाय्योनन पेपरी यित्तयोखोप नव नित्ये थंडीरेछेतणान्नातुनेगाडारबोरामसीतारसेंडूपेंचा यो,जेगीजाराने भृगनी पूंचायोप्रियागरजाघी पारावारपा मातुनेगावाजहोममहल्यातऐंभोयो,छापनेंगोपे तभेते पिशोग्योपउरीनारि भांबरनेउपोन्नमपतुनेगापापार शरनामें ययोभहान्नेगी,सुताभाछपीनावमांऐलोगी।उनी चिन्नेता रयानहि सान्नातुनेगाऋषिमग्निचरीरेणु - - Il Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrardig Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ने परशरामपेटयाग्नेन्तानक्षत्रीजेसवानेऽत्यायुध्यालयातुने पगारसेंरोहिएीसें रम्योपंपोने, थयोजीएपीऊसायापजोतें। एमालोचीपुराणेंन्नुयोगमभाष्ठातुनेगानाहीनेशंघांतोन हिंभूषसानूं,ची ध्वनीवातउहेताहुंषालूंगडालोऽनूहाउरेछेड़ी पानातुनेगातारने देवपाडीतपोषदेता,वेच्यासपोतेंगया छ पिणोतापपिनारीनटालीनथी योजो घरोभनमाहेरजेरेन घोजोमान्नेतांनास्थिीरे रहेगेनगो,तलसर्वनेतेहुनेंपाय वरुणोणयललाजेनभोनाथतेसघसुंघ्रीयीरहेपूरन्हाए ___॥अथनीडलंग्नपार्चनायनो ॥ लगाउंपलातीलीडलंग्न प्रलुलीडलंग्नसमान हिंउधानिसथायसेवालिपिग्नलापशुंलग्नमांहीलरेपरमपा संपघतजतपासासशीषएारसी स्निपर पुरेग्यो,गाभानच सेनसुत विश्वीपोपसेढीव तटेजेटउपुरतउत्पनीजेड पालन योगशालीउलवालितिलयलावलंगो,लतिग्नरंगोला, वेलेल्पोण्याराग्निरामुरारसिध्यांसवे,मोहरानननोभानभेन ट्योडाउरोटि भनाभनासुसजडामना,शिव सुज धामनामान साध्यांगभंगलभातिमाहीपालिज,भुरभनभरिंभोग्याच्या पाडा गतियामा,सत्रमध्योत्तरें पासगायोराणध्यनिल घसनीनेहमराससुशि हितधरीनाथलहाथ सायोपाति ॥अथ श्रीगौतमशुश्प्रलात छ । ॥न्योल्यो गौतमगराधार, मोटीसज्यितपोलंडाशा |भरेचंछित्तसुजघतार,ल्ल्योल्योगौतमगराधारापाचीरवलरकपे। भागार, यौहटनर मुनिशिरधाराल्पतांनामहोयग्यारा योगाशाणयगाएगीरभएीगसार-पुत्र उसनसनपरिचारपा Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ol Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७१. जापे उनऊ मेडि विस्तारसान्योगाआघरे घोडा पाय नहीं पार, सु जासन पालजी बीहार गावैरी विष्ट थाये विसरासान्योगानामा जीनपियें गए।घार, ऋध्पि सिध्धि उभला हातारा ॥ रूपरेज भयए अवतारान्योगापाउवि उपयंहगुए। डेरो शिष्य, गौतमणुश्प्रएा भो निशहिस।उहे यह जे सुमताणाशान्योगासा घेति॥१शा د ॥ जय श्रीनवार लघुछंह ॥ ॥ सुजारए। लविया, समरो नित्य नवाशान्निशासननागम, पौह पूश्वनी साशा ने मंत्रनो महिमा, उद्देतांनसहुपाशासु रत ग्भि चिंतित, वंछित इस हाता॥शासुर दानव मानव, सेव उरेज रन्नेालुविभंडल विथरे, तारे लविथए। मेगा सुरछंहें विससे, मति शय यस अनंत पैसे पहनभियें, ग्नरिगंग्न अरिहंत ॥शाने पन्नरे लेहें, सिध्य यया लगवंत ॥ पंथभी गति पोहोता, अष्ट कुमरि संता उस श्खम्स स्वरूपी, पंचानंतऊ तेहान्निवर प य प्रएायुं, जीने पहचलि खेह।आगच्छमार धुरंधर, सुंदर शशिहुर सोभ ॥उरे सारएाचारएण गुएरा छत्तीसें योभानुतन्नए। शिरोमणि, सागर नेमगंली शात्रीने पह नमियें, खाधारन गुएाधीशाचाश्रुतघर गुए। नागर, सूत्रलएावेसा शातपविधि संयोगें, लांजे अर्थ विभार ॥ मुनिवर गुएान्नूता, उहियें तेडीवाया थोथे पहनमियें, महोनिश तेहना पायापापियाश्रवग ले, पाले पंचायातपसी गुए। घारी, वारे विषय विकार रात्रसथावर पीहर, सोज्यांहें ने साध ॥ त्रिविधें ते प्रएाभुं, परमारथ नि साधा जरि उरि हरि सायएगी. डायणि लूत चैतास ॥ सवि पाप पएगासे, वाघे मंगल भाष । नेणें समरए। संउट, दूर रखे तताल ॥ भिनंपेन्नि प्रेल, सूरि शिष्य रसाला र्धति॥१॥ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ m amta ॥जय पार्श्वनाथ छंह॥ योपागासाससारसुस्तरल्याएं,सुम्सवासम्णतपा रिभाससघव शिरभुशुटसुयशनमोनमो रिनपतिभनरंशाप पापाउधी छंधानेन्नभनरंगमलमलंग,तेन्तुरंगंनीरंगा सरि शोलासंगं,श्यमनगं, शिशमुलंगं चतुरंगााजापुएयप्रसंग नित्यणगंनवनवरंगनारंगारतरतगंगटेशपुरंणं,सुरपतिसंग सारंगाशासारंगावरूं,पुएयपचित्र,शपिश्यरित्रंलपित्रातेल्नेगिता भित्रं पंडापत्र निर्भसनेत्रं सावित्रागळवनभित्रंतरसतसत्रभि वाभिवंभावित्रंगाविश्यत्रययित्रं, पामर छत्रं,सीसपरित्रं पावित्राध पावित्रालरएंबिलुचनसरणं,भुशुशलरएंभायरासुरमर्थि तयरएं,शिवसुजउरएंपरिसरएंभावरण्यासुजसंपत्तिलरएं लवन्ततरां,घसंहरएंजयरएंगोभमृतभरएंनभन हरएंवरणावरएं मारामारणा पासंझाउनभाष,नि तलूपाखंभयुपासा मटभीशशिसभत्नावं,वघ्यावं,चैतनयान संसुभाखावित्नुवनरजवावं,महापुडासं,महाधिशखंलया साभंगाररसावं, महाभासंहध्यविशालूपाखराच्या उलशा छप्पयामालपणेघर,सार शिवसंपत्तिमरारोगसोगन संताप,पुरियहाजनिवारयितुंशिमाएमजंड,यस्त पितेगरि हामभरमपएरोडि,गावेल्सनभे निरंछात्री राजेश्वर सुरभारी,पायमधिभंगपनीलामुनि भेघराज हिरिनवरग्यो,श्रीपार्श्वनाथ त्रिभुवन तिसोपा एतिापता ॥जय गोडीपार्श्वनाथनोछं। ॥ोहाघवलपिंगगोडीधणी,सेवउन्न साधारणपंयम मारे पेजियें,साहिबगशिरधरतालुन्गप्रयातरत्तंगतब्नेन भानभायाललेलापमापी,चामानने सेपियंसारभएीमुयो Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नशनागिएीनाथध्याने, पाभ्याशकनीसंपघजोधिघनाशापश्यापा टाखडेतो घराभांपघात्यापछेप्रेमशुंपारऽराभाथीभावविवासडी घोविचारी,पूरेतोऊनीमाशतोऽयघारीपरीहाथभांलालज्जा नरंगे, मिडीगातडीरातडीनीलगायडीनीलडीतेलयविघ्नवारेच्या यवाहुशंपंथल्लूसांसधारायालेणें पाशगोडीतगापायपूज्या शत्रुस शतेहनासर्वधूच्यासर्वदेव चीथयांमारजोरा,प्रलुपार्श्वनाम प्राक्रम भोहोलापागोडीभापन्नेरेनवेजंडगाले थी शाहिनी डा उिनीपूरलागापुरेजमनापार्चगोडीप्रसिध्यो,हेसांभोहरानऐ। नरसीघोगाभहादुष्टबुतरेलूतलूंगाप्रलुना पार्भसर्वत्रास जारामनेरोगनांभूषअपे,जाराघ्योसघसंपासुजापान मध्यरनलांजेनभोपार्श्वगोडी,नाजोनाथलपुजनीन्नसनोडीन ॥ जयश्रीशंजेश्वरपार्श्वनाथनोछंह॥ ॥अरुणप्रिया पार्श्वभुतेपामे परमानंहसघातसध्या विटेशन्सपसरे,राजेश्वर साहिम सभशापासुरनरपतिमर्थित पथरणे,नवलयपीडितन्नतुभशरणातसोहासजदुज दूरहुरे,शंजेगाशागसरीहनर्षिरएं,सराशिभडोरम घघएंगभष्ट महालयलयनउरे,शंजेगागातुन्हे विलाविता भेघघरातुभरभराममृतन्मण्यातसटिरलक्ष्मीषीसरे शंजेगानानिनिणरंगसदैवघणा, ऋयिध्यिसुजपुत्र नयापनति संज्टविस्टथीतेनरेशंजेगापाने उंडारेनेस्तुतिभाषा तेपाभेसंघवेन्यभाषायित्तस्तिततेहनांडानसरेशंजेगाराम नुरूपस्यपषजेनशके,पररसननाभेरेनटाघरजेडातेहन्य जिउरे,शंजेगाणामति यहाभानिसमसस्यो, तिनलोउसणे जपणार उत्योपसुंधर शिवराभातेहचरे,शंजेगाटामभृतपें भी हीतुन पाणी,नेपिरघरे पुरिसाधएगीगाएअविचलतास्य JallEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.40 Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हिरेराजेगावानिरज्योमहिभंऽस्तुथडी,जतिशयअघिडो ओया विनथीलवन्तनिधेिपुरतरतेहत्तरे,शंजेगाणाधन्यवाभाननी तुमन्नया,अश्वसेननरेसर उसमायातुभनामथडीजहुसुज पाया,जुघउंचरविल्या शिष्यगुएगाया पतिपदा - ॥जय थोत्रीसमतिशयनोछं॥ ॥श्रीसुभतिधायपुरितघायज्ञानअनुनय श्रीवातस सुशुर शायरण प्रणभुन्नुशभरन्डीयाजहुलावलन्ने, सुम्निवर,योधीसें अतिशयउरी पन्सुरभुजयी सुएयांतेडु, माणभशास्त्रेअनुसाशातिहांप्रथमभतिशयश्रीग्निडेरारोमा नजवाघेनहींानीरोग निर्भसगात्रभस्ति,द्वितीय भतिशयमेसही एआगोदुग्धसरिजोमांसमोही,तृतीयहरजापियायोथोतेण पषगंध सरिजो श्वासोश्यास सुन्नणियोनामाहारने नीहार प्रय नाहअतिशय पांचभोगनाशणत धर्मयक्रण्डो, गगनछत्रने सातभोपारद्यामंजर श्वेतपाभर,न्नुभमष्टमयोपाटि उसिंहासनसुनिर्भस,नयभमतिशयमेवयोगशामाशशतध्वन्य सहसभंडित,मध्वरमाथामेशभोअतिशय ज्योश्रुतमांधे जी परभतजपलाजाध्यारमें म्हिां,स्वामीणला रहेचसीजेसे रिहांगासरायशु घरवततक्षए,मशोउतश्वर रये तिहांगटाहा शभभतिशय प्रलाभंडस, पुंहें रविर लपगारमाए सुंघरलोभी लागसोतेरमोमेडीपमेणामघोमुजहोये सरवउंटअधिणिभे अतिशयपपीजनुपथने प्रगमें रतु पंचशमोसुजसदीपूरु संवर्तड पवनेंलोभी रेग्नेन्नपणमेशोखभे सुगंधपरजातिहां वरसे,प्रगट अतिशयसतरभाशालनुप्रभागेजीटनीयों पंचवर रासुहाभणान्सने तेथखनालपरसे,नदार अतिशयघगा। पपशाजमनोज्ञ शाहिउहीनासे.मोगएीस जतिशयेंचतीची Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.o! Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( ७५ ) शमेंतेशुनिक्षथाये, मउहे भलुचपीडियानेचीशमें प्रत्नुतपी दशनानेग्नपणसविन्नसुएगाजावीश प्रलुमघभागघ,लाषा ये निकलनाचीश निवाएीन्नने,हेतुशिवलीम राभायोवीसभे भनुपरए भूलें,पैरन्तुनातीपशमापाजन्यपिन गीनभेग्निने,पंचविंशति अतिशयोअन्यतीरथी भौन्यथाये,छन| वीसमें प्रमुनिश्यपणापरावीशब्नेन्नसणें न्निथी,तनेमा रीनहीं।स्वयक्रने पश्चकनहोये,तीसजतिशयमेसहीपणा तिवृष्टिनेसनादृष्टि, पुर्मिक्षबएमलविणपगाथोत्रीसमे प्रलुजाधि |पीजव्याधि दुःजनसंपन्गाटायोत्रीस भतिशय उहियास संभवायंगमांनएतांशुगनां हिये घरतां रहे मानभरंगमा मानिनशुध्यमातभपप्रगटे,लापशुन्नेध्यायोगदर्शनाधि| उरत्नपाहिये,परमसुजपपाईयोरणामरिहंत लगवंततणा तिशयलगोमागीभासताएजह पुण्य उरियं ध्यानघरियें,सुजन पहियें सामताशात्रीसूरि विद्याधि सेवऊ शिष्योगीपरेंस सवोमुनिश्यानसागर उहे प्रत्लुप सेवभाजुलपोत्नश्शा ॥ अथ श्रीपार्श्वनाथनाछं॥ ॥सत भूरति श्रीपासतएी,पूरे भनपंछितभाशघएीए भस्वाभीपुंहवीघपी पाउरोभुजलतिलगी सुरनरसेचे नित्य पायउभषा,संसार समुसतारएशलापागुरामूष पनि सगंगासा,तनुनीलपरासभउभतलाशामंदिरथि रथायेउमला,सजसिध्यिमुध्धिसोहे विभतापसरेल्सीरतिन घवलापाभेवर रभएीराल्सीलाशाशुलमंगलभाषसहे विपुला, चिपिहयगयस्थपायजासासहिनेसुजसंपत्तिजन्यसायिरंना लवीमभानवलपसरताच्या विनयवतांगसतीभहितासुतसं रसोहगर पडताएहिनहिनवाघेवरजघिडला,चरसजसरी - Un Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिमतुसजसापालेय पंड प्रथांउलालूतप्रेतव्यंतरपिऊन सासायटीआयपी उत्तीछता,तेपार्श्वनामेंनासेसघलांएपि पिहरविषरेनासे,ब्सटब्रानापासातुभनामथडीसजलय बासे,सुरुमांगएँ वसुधारावासेाणासंउटयूरेग्वथप विषमें, लुमहिमाघशविदेशरभारोगशोगसजेरिसरगमे,जभषाभरिन जाधिपायनभाटातुमनामें पितामणि अभगपि,तुभमूरति मोहन नदेखनपीतुभवहेलहिये शिवपट्टी,तुमसभोपडडेचनहि पुहवी पकापार्श्वनामध्यघरे,तसपर्णभावसान्निध्याघरऐच रारघर रिध्यित्मा, रक्षपासपैरेट्या विधनहरेपणायेहपार्श्वस्त विनरेलावेलए,होयेजपमहानिधितासतऐशविन्यशीलमुनि जेभलए नवनिध्विसघनानंघाशा तिपटना " - - ॥जथशांतिग्निस्तोत्र ॥ नोउछंघास्मरशांतिन्निंग्नशांतिरं परमेश्वरपारणता सुपशात्नपिलावघरीनवतापहरं, नभोन्नेनचधानिधि धनप पारसचाससुद्दीपसुधूपहतं, कुसुभाक्षत पाउसंसुतंगजरयो। परमेश्वर अरविधा, रिपापपलायेथयांत्रिविधाराशाकुसुमाक्षतही पञ्चासवरंशुलघूपधरीलपित्लन्तिला दिनमागणपंथविधा मरया,हिनरात्रिभुजें उरन्नेन्शुयायधिभानवडुंगहिलायछु, जहभेवघरोभन मधुगमहछाऽन्यदीपिजिन्नेमोतथा ग्निल त्ति विनाछेसर्ववृथानाग्निन्नपम्पोधन उभजपो,ग्निनाशुएप गातेंथायेतपोग्निरासहोनिशिळवनमां, परभातल परजोभ नभांगापाशुललावधरीलगपंतलन्ने,सुन्नासुभनामहमानता नगलचसिंधुणतारगनावसभा, प्रनुसेवथाये उड़ीणपभाग भनमा परिॉग्निनत्तिउपवासतपुंसथायजगन्नप होगाग्नियात्राम्बा,पटलोग्नवर्जन पुएयथवागागमनं प्रति - Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - हर्षित थापर्यो,तवमभनो सजा घस्योपणलालरिटेल चित्तधरी,समनात तणांअभखालीपटापशउतन्नतेंजारत|| एमघभारणे अर्धाभासगांगग्निणलीडे भांसखयोपणभं हिरीघेछभासयोगलाप्रलुभंडपमांतपतेवरसी,ग्निशनथी| शतनोतपसी उरीमर्थनध्वग्नेिश्वरलुखपाभेवर्षनरतएन ज्यरोग्निवसनोचरन्ने,इसनीशुगनामपिडीजरगुएरानीस्ता तिनुं खहणएजुनचिन्नयेजनंतशुणुपत्नएयापाघनखेशलएी निरातिम्सी उरेणयमतुंभतिघहउसीजहुषाल तिहारहेज जेसी,नयमातसडीने पूज्यहसी॥शामेभशास्वथडी इनपूटननांत निसुएी पश्भातल सुन्ना विविधंत्रएजसरिनेश्वरने,जश्योना सुविधै अपरं परनेलापलुपूग्नथी शिवलीलसही भनुनेंगगन मानचिन्नयाहीजुघणत्तभरनलगीस्तवना,पगार सहीषध्य चायनाच्याछेत्रोटउछंजेस्तचना, पुजतोटाब्लेटसोचननाए मरजोटऽत्योछेहेसुम्नां मुनजोटउहीनशेऽथनापातिराष्ट ॥अथसाघुसाघवीनीसंज्यानाचर्णननी.छं। ॥चौपाणायणवीसे गिननांसुजकारयणघसयांजावनगन एघार लाजमहापीशने अड्यालसहिससरे दिनभुनिसलालाप साजयुमातीससहसण्यास,जटसयजटमाघीसंलालाग्निपुर रिक्षित साहुएी,मेसजसातिनी पाहुणीशासहसयाल पंथावनलाज,व्रतधारावाभिघजाडजोडीपगलाजसड़ा तातीश,सहसश्राविकाग्निचोचीशाशापनमामंतश्रीवीय, पुंडरीगौतभगएधीरारावासीहनजातालएी,जाहिजतेंभु निसाहुएीलएीराजाश्रेयांसायउशंजशतउचजाए,सुंघरीसुषसाभाविद्यालयाज्ञानविमलप्रमुनीबहे भाग,यणविषसंघ उल्याएापा तिारा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ol! Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ॥अथ जात्महिताविनतिछंह॥ ॥नुगप्रयातंवृत्ताप्रलपायलागीरंसेवताहरी,नसान त्लसो श्रीग्नि शवभाहारीभने भोहचैरी पशलवउरेछे, पिहुंगति तणांदुःजनहिं विसरे छापाइंतोषक्षयोराशी यिन्लेनिभालन्योल न्मभरपाउरे भलागणां भेंडीघांउर्मधर्मांडी,हुंने सर्वसांनसोस्वाभिमांडीशा तोलोनेसंपटथ उपट डीघांघणालोसची परत पांव्यतीघांप तो पिंड पोज्योऽरिल्याहिंसा,उरीपारडीयन सीस्वप्रशंसा पाभेतोजोखिया परतणाम भोसा,नहिलांजिया आपणा पापोषासासंगडीघोपरनारि रो,नहीं पाखियो धर्म ग्निराम्तेनापऽयो घरतए पापनाशाविबुध्यो नहिंसानल्यो ग्निराजीपटेशसुघोाईतो पुत्र परिवारशुरंगरातो,नहीं नाणियो ग्निवर अखन्नतोपाटुंभारंन्नपापडी पिंडलायो, भूर जनरलव शेऽहायोणियोजलसंसार मेलमंतांसह्यांतेहथी पुति पुजअनंतांदाघणेऽष्टं निरान्हुवेदेवपान्यो,तारेसर्वसं सारनादुरेजवान्योन्याश्रीग्निराग्नुं पीठं,भाहरेखोयनें । |पहुंअभीयपुड्युराणाभावीमधेनुघरभाहियाली,लरी रनपिन ताभरि हेमथालीभाइरेघरतऐजांगऐ उत्पवृक्ष,श्योआपवार वांछित घनशाटगयोरोगसंतापतेसर्वभाडोरामभर एगांतपोवासनाहोपतोरेशरणाव्यातणीसाडी,उस्याम पराधतेसर्वेजभीगाठणाघj पिनबुंधुंग्निराग्देवा, मुनेमापन्ने लवोलवस्वाभिसेवाण्यहपिनतिलापथीहलएशे,सऽस्यानो स्वाभीसासुजउरशेपना पतिाशा ॥ जयश्रीपार्श्वग्निस्तोत्र ॥ ॥सिंहावलोउन त्रोटछंहाप्रभाभिसन्निपार्चग्निं,नि ननायघय सुजघनघनार भनोहर हेहघरं, घरगीपति नित्य Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.d! Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७५ ) सुसेवावाटणारसरंगितलव्यश्णी, इणिसप्तसुशोनित भौखिमणिपण्डियनपत्रिोटघट, घटितासुरडिन्नरपार्श्वताशा तटिनीपतिघोषणनीरस्वरंशरणागत विश्चमशेषनशानरनारिन भस्मृत नित्यपद्य,पभापतिणावतिणीत समागासननेंशियशोपिय थाभ उभहासुरवाइए भुतहाडहेषितर्भत्तांतमसं,जन वघाभरपंताब्सन्दय पत्रप्रलानयनं,नयनंजिल व्यतरीशभनाभनभथ महीडूहु चन्हिसों,समताणुए स्नभयंप भाषापरमार्थविचार सघशसं, उशखंभे ग्निनाथनवाज सिनीनसिनीनसनीसतनंतनुताप्रलुपार्श्वग्निंसुघनाराया सुचनधान्यरं उगापरं,परभसिध्यिरंहहापशावरतरंभश्वसे नखोलवं,लवलतांप्रनुपारिनं शिवंशातिाशा ॥अथ श्रीगोडीपार्श्वनाथ- अष्टः॥ ॥नुगप्रयात छंचापलुन्यीति हीपेशशी मन्पे महावैरि उपासनयनाभरेंचसुरेशं,ललावत: पाच गोडी गिनेशापाभेनाऽणील्यानंर्ता गलहुर्ता,प्रियाभु निनातलदुःजगाराऽसौ पापसंतापनाशे घिदेशात्मनाशा नभत्पार्चयक्षहरन्पापपक्षघ्याघनखंघहनउभउक्षसितंसा धुयित्तांप्नुले संघ्नेिशात्मलेगागायिधनध्पंगाध्येयपंगधे चिडूपं निलोडायलूपावतेस्थैर्यलावेरहे भौखिडेशालगागाभ हमेश्वीरंपाउंटनी,ग्ने धनवीरं तृषालूभिसीयानहींखो उसंनापखेपाललेगापालसन्नीलगात्रंगुणाधारपात्रलयंनाभ भंवंग्यानपात्रासघालन्निनेचसे पार्यशालारामहो। शांतमु समानःसमुहंमुजे पूर्णपस्नहीं भोहनिघणुनीलम श्यं विनीतचेशालगाशान हस्तन्नेडी स्त—भानमोडी शिरी | पार्श्वगोडीरेलोडीभुने होल्यिस्वामी शिवसन्निवेशानरेगाटा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सशाशार्दूलविक्रीनिं वृत्तायलस्तिभनाभयांजरनवद्वीपे || निःसम्भिते,वर्ष श्रीसुगोडीचशे ग्निपति_भाग्यसेनांगमास्या पाधिगगाधिपेनन्नगवान्नीतःस्तुतेःपध्यति ध्यानव्यपरंपनी रासुसततंउख्याएभालांपाला पातिएगा - - ॥अथ पार्श्वनाथछंह॥ ॥ोटउ वृत्तासुजसंपत्ति घयवसघाप्रए प्रलु पार्च लिणंभुघानभतां घरिनेहसुरेशपघापुरजोहगसंघटनांपिउद्य शाशरणाघरघव मुरंगपरें घरपीघर साहिजमेहउरोभनमो हनधीर गिरीजरो,नित्यवासरीगमतेसमशानवनिधिष हे गिननेनमतां, मलियो मुग्नेलवमालमतगारमतारपियो मन |णि चिंतषियो, भुकसाहिजव हुवेथुषियोडासुणिसाहिजतुं हिसडेर सियो,तुम्नाभनपा गुएनोरसियोभनयंछित पूरेस घमनना,पुजपूरउरोसघलांतननांगावयरीवखिन्नवतहेन मुन्थी,गभांशरयो ग्निल तुन्थीहरिशंकर नामहेसम थी,जलियोतुल्थीगचनथीपासवसरागपऐलरिया, वनिता विषयीरसनाघरियापन्निध्वनिरागरसेंमिताभध्मोह रेलयथीलभतापासुजपावत साहिजनाभथडी,श्तारहेता रिपुतेथीगडगुंभरोशान्डेिसजसा,तुरनामथडीस्कृतेन जलाशावपिडिएशाठिए पूररहे, नरहरिjjनामष हिल्यमांन्सतेहतयोपसरे,भनवंछित चिंतित अल्सरेण्टा हरि सिंधवानसनागतारणसाशरजंघभहोरनाराभलिन जाड महालयहि हरेलविव्हसातुनध्यान घरेलामहि भातुरपारनय भवे,समस्यांघरसंपघहोयहवेसभर्सन येतुंहिभाविभसे, मुग्छितभोहनचेति खेपणाभुजपंहस भोउरमांजडसी,वपिल्लूंए घनूसभपांउडलीशिरणेपरनापा - । Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧ ' स्रीिट घरे, भुज हेजत होसत होय घरें ॥शाघर घोटङ ब्लेटङ उंथनना, सजभी सहियें सज मेटिम्नां नहिं जोट डिसीतुन जोट जरी, युवियोतु त्रोट छंही ॥श्शा असिना वरसें सुम्नढार तकें, तपभास तशी हशमी सुहिनें ॥शुल भूरत जीन जुशालपरों, उवित्तभ छंद जड लएो ||१|| छति ॥ ना ॥ जय शिजाभएानो छंह ॥ ॥ त्रोटङवृत्त ।। चरायङभाय सलाभङरी, उहुं सार शिजाभए जेडुजरी ॥ नरनारी सहु हुयडे घरियें, निभ नापट संट पीयरिया परलात सभे शुई देव नभी, निभहारिक होहुग दूरें गमो ॥लगवंत सघ यरएगां लन्थेिं, दुसरीति ज्यूज्जुनां तन्येिं ॥शासडिये नहिं भायनें जापथडी, वडिये नहि श्रेयथी जांघिन्डी।विशवास नडीनें नारित एगो, गुरेरान सभीपथी प्यान लगो ॥ ॥ घ्रजार जतीऽननांलजियें, घरलीतर साक्षी नहिं सजियें ।। रजियें नहिं याड पडोस सह तरियें नहिं नीर सन्नेर उहाना विवसाय सहू विधिसेंडरियें, हग हाय रमी घननालरियें ॥ परदेशहु गांडिस नां इरियें, नरपतिथडी डरतारहियेंगाघान्नुगरांच्यसनी परिना रमियें, ऋषिसाघननाथ डुंना मियें । उरियें नहिं खास भणन्नी तएगी, वलि हीन्येिं सीजस मित्त ली।शुरैग्नासन डीपरि ना घसियें, दुर्बनसें संगतिना वसियें ॥चसि घीन्ग्नीनियें झूड डिसी, घरिवार नडीन्येिंवात सी॥जावयां भुज जोसहतें पलियें, सन्ननथी सनेह घरी भलिये। परनारिनी संगति दूर तन्मे, परभारथ डारन नित्यला सुजार शिजाभएानेम उड़े, उ चिठीत्तमते न्यभास सहे। णुई या सहूजा ही हु घरी, भि त्रोटनामड़ छह जरो॥जातिशि जाभएाछंह समाप्त प Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ८२ ) ॥ अथ वरडाएालनी छंह ॥ ॥ थौपेया छंघावंघे नरनारी, समस्तिघारी, नगडीपारी निए घासोइंडर शहर, नग अन्नयंडर. सेवे सुरनर है। पारण परमेश्वर, लु चनहिनेश्वर, जसवेसर सुजद्वंघावर आएगापासं, पुरे नाशं, पूनि सही सुजवृंधाशाने आएगी। संपत्ति ततिमापे, घरि डापे, लयें संड उन्नयधिरजेय जेटी, सजमीपेटी, चढती संपत्तिथाया हाथी शुंडाता. अतिभतवासा, भूसे घरे खाएणंधा चराएगाणाशाहे पंताचान्छ, शो लाताल, राळ राने गेहु । सोहे स्थपंति, यलेअसती, पाने पूरा तेहा पायञ्ज्ञतिशूरा, लत्तिपूरा, ससनूरा लड़े वृंधावर आणाणाआनवयौव नजाला, परसाला, पामेनवसा लोगान्निलप पंता, पाप जपंता सहियेंशुल संन्भेणापामे नसती, सन्ग्नपंती, सेवेपदृश्नरविंद्यावर सगाणानामंदिर अतिसुंदर, न्नस पुरंदर, सम सोहे सुरसालामशिभाएाऽनडिया, जंजर जडिया, तोरा आउञभासान्सडीरति सारी, न्ग विस्तारी, पामे पश्माएांद्याचराएगाणाभावराणानामें, संपत्तिपाभे, ठाम ठाम सुजप्रसान्मये दुःजञासा, मंगलभाषा, पामेश ढतेनूशामल सेवाडारी, सड़े नरनारी, नवसां सुजनां वृंधावरडाएशाव झाडर डाइए। शाहिए।, दूरें नासे, पासें नावे शेणा। अरि उरी हरितर र, न्स न्सोहर, लाने सजसा शोणाभिणिघरने ईशिघर, नन्सलयन्न ये, थाय सर्वजानंघाचरडाएगाना शान्स डीर्त्ति वाघे, वंछितसाधे, नाराधे न्निनेाते सजल महोध्य, उभसाविभसा, विससी सहे शि वगेहा सुजसाहि अनंता, लने लगवंता, विघनं आनंघावर डागाव लालशाछप्पय छंघान्यन्यन्ग्गानंध, उंह सुजसंपत्ति हाता ॥ न्य परमात्मा सेर, नूर सेव ननवाता॥निनीत्तम पट्टपद्म,सद्मसं पत्तिरेला गापविन्ग्य पहतास, जासनव निधिरिधिखाणास लभनोरथ पूरखा, सुरतचिंतामणिपरं पविग्य वंघ्न उरे- नित्य नित्यं वरडाएोसरं ॥१॥ ॥रार्धति॥२॥ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९ ८३ ) ॥ जथ गिरनारनो छंद ॥ ॥घेहा ॥ सोरठ में सोहाभणो, तीरथ में जतितुंगागिरिवरभं गिरनार गिरि, लूघर लूषएापंगा था निशाएगी छंघातीरथ अतिता लं, मोटी भाल, राम भन मोहंदा हे । जति विषभाहीपे, जरिहलकंपे, शिजर सात सोहंहा हे। निञरणां भरतांन्स जहु बहुंता, छारोपभरा वंहा है। गिरनार गिरिंदा, नेभि निएणंध, दर्शनसुन पावा हे ॥शा मे मांडणी ॥ घभोहर तीरं, निर्भस नीरं, न्ग्सथर डेसिङरहा है।लेगीसं न्याशी, विष्णु डीपासी, निश्यल ध्यान घरंहा हे।प्नाह्मएा स्तुति उ२ता, वह लएांता, गीताशुए। गावंघ हे । गिरिनार ॥शामृगकुंड जिरा ने, सन्ग्सो छाले, वृक्षतणां तिड़ांवृघड़े । तिभ भासी पर्चे, सूरिन्नस र्वे,गीतज्ञान सुज हा हे। षटदर्शन वासी, धर्म्म जल्यासी, सम्स सोड जावंध हे गिरिनारणाआलीमकुंड लखेरा, गन्पहडेरा, ग्यानवाच निरजंहा हे। अथसिया मुंड, उभंडसलंड, न्सलरी हेजी मन हरजंहा गतिहां जहुवनयर, जेथरलूथरन्स जडावरया है। गिरिनारणाच योराशी सिध्यं, निर्भस जुध्यं, निश्यस घ्यान घरंहा है। दूधाधा री, पवन आहारी, धूम्रपान विरयंध है। धोराशी जासन, पसि विड यसन, योगासन लावंघ हे । गिरिनारणापासहसावन सुंदर, नेभि निएगेश्वर, प्रत उल्याए। उहा है । तिम गिरिपर सुंदर, नेभिनिएऐश्व रडेवल ज्ञान घरंहा है। गिरिशृंगें निर्मल, अतिशुचि अन्न्चस, मुक्ति, मोहुस पोशिंदा है। गिरिनारनाद्यार्घए। डुंगर दीपर, जहुसभुनीय र, व्रत परथज्जाए। उरहा है । तिम समङित घारी, जहु नरनारी, गिरिचर ध्यान घरंहा हे । जानम जम्वाली, सद्‌गतिधारी, धर्मघ्या नघ्यावंहा दे॥ गिरिनारणाणाहेवस जतिसुंदर, निम सुरमंदिर, तिभग्निलुवन सोहुंघ है।करएागढ आवड, न्ग्नि भत्त घारड, निर जी मनमोहंदा है।पून तिहां विरये, संध्न पश्ये, लाव लसोलावं हा हे। गिरिनारणा ॥ जंजाल सारी, सज सुजडारी, नगांजा Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तेहंघाभनपंछित पूरे,संस्टयूरेग्निपतिजारावधाहालैरवन विराला,तेमभावा,अंजासेवघागिरिनारगासारख एछप्पयानावे निर्मललावलावपालवन्ततागामे गिरिवर मुंनाभ,उष्ट सजपूर निवारेगनेभीचर निरघार,सारजे तीरथनएसभवसश्या सुपिथार,नत्यातिभबहुताभाएगीसंघसस सजशना,भावे गिरियात्रान्मएरोयन्नेडिग्निपिनवे तुमनभोरैवतगिरिघडीमा प्रतिसाणा .. । . . ॥जयश्रीग्निसहस्रनाभवन ॥ ॥लुगप्रयात वृत्तान्गन्नाथ गद्दीशगजघुनेता,यिध नहायिलंडयिन्मूर्तियेतामहामोहलेही जमायीजवेदी,तथाग ततथा-पलवलयरछेदीपानिरातं निडराऊ निर्भपनजंघो, प्रलोडीनजंघोपानीरसिंघोासघातन सघशिवसघशुध्यस्था भी पुरातन पुषपुरषवर वृषलगाभीशाप्रति रहित हितवयन नभायाजतीत,महाप्राज्ञ भुनियज्ञपुरीष प्रतीतासितउर्भलर उभइससिध्यिघताहघ्यपूत जबघूतनूतन पिघातामहान ज्ञानयोगीमहात्माजयोगी,भाधर्मसंन्यासयर पछिलोगी। महाध्यानबीनोसभुजमुधे,महाशांतमतिमंत भानसमश्चे नाभहेंटित सेवघचाघिव,नभोतेअनाहुत्त यरा नित्यमेव एनमो धर्शनातीतर्शनसमूह,त्रयीगीतवेहांतहत मजिसहिप पावयन मनमगोयरमहावाष्यवृत्ते,त्तायसंवेद्यपहसुप्ररा तासभापत्तिमापत्ति संपत्तिलेटी सउखपाप गरीठ तुंघीछेधार नागरगमात्र प्रतिवेवाघसभापत्तितुन्दृष्टि सिध्यांतवाघोप चिणूता विनामनुलपिससवारी खजीमेऽसिध्यांतघरमप्र भागामारी घयितालोणसुजन्म नन्नोऽतथाध्यान पिए तुम् भुघाखोऽत्ताएगाडरीष्ट तुमारो बहुतजोल स्वयंतुंभ - The Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.in Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पसी पिघानंभोलाटारटेनटपटेझटपटेंचाइल्याचे,नित्यातुन मेमनुलपासावे महायर नहुड्योगभाहें तुंन्युनगे पिया रे छोर्ष सामागंब्नेमागाटातथाष्णुध्यिनहीं शुध्यतुग्नेणि पहिये,उसोनाम भांहीमेडथिरथोलरहियासहस्रनाममाहीप्प पणजप्पन्नघूनगुंते शुरोनाभ पंतांवजागाअनेअंतसे क्रांतजमर्थमुध्याल्डेिशष्टतेताहरानाभजुध्यानिराशीब्य पे व्हतेसर्वसाधुडपेहमाशायें तेसर्वायुरापानशेभंत्र निवतंत्रनियंत्रभोटो,निश्योनाभताहरोसमअभूतपोप्रलुन नाभतुरमुग्मक्षयनिधान,घरयित्तसंसारतारघानाशा जनाभीतहानाभनोशीविशेषतोमध्यभावैजरीनो जीटसेजा मुनिपपश्यतिप्रभाएरो, मानपजतुंमडवोध्यानटारो जामनवतारनोउध्वतारमाजी घटीतेहनी धनीऊर्भपाजी तनुग्रहएनहीं लूतजावेशन्यायें, प्रथभयोगछे उर्भतन्मिश्रा पायेचाजछे शस्तितोग्ननीयनपेशी,तनुग्रहएचसीप रमहरे नजेशी।तुरंशंशृंगसममर्थनेह युत्ति,हीसहिते हजप्रमागणप्तिापायाग्निचरेंघष मिथ्यात्व राख्यो,ग्रयंस रसम्यऽत्त्वनिन्यानवाप्योतिहाथीहुजातहअवतारसेजी,गन तसोडणीपगारग्णशुश्गजीरंगजड़ोयोशमहिभागन्नाथ रोटसे पंयाऽस्याएडेन्यजंघेतघनारीलवपासुजपा चे,थरएसेवाघसमस्यावमावेपणालललोग योगया स्त्रिपाखे घरी घ्यानअध्यालघनघातिटाखेपलहीडेवलज्ञान सुरोडिभावे,समवसरणभंडाईसजघेषनवेगवटापटेच्य ग्गीशजवतारजेसोहोलावल्गहीश अवतार डेसोगारमे संशजारोपघरीमोघदृष्टि सहे पूर्णतेतत्त्वपूर्ण दृष्टिमा विजयज्ञमरिहंत ग्निपारगाभी,विशंतर्भपरभेष्टिलगवंतवान भीगलूजोधिध लयमाप्तत्यंब्यो ट्रेवतीर्थडनरोतुंशन्नू - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.oli Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - पणाश्यां सिध्यग्निनांड्यांसहस्रनाभारयोशजनगडोषहोन ||शुध्यधामाशुश्श्रीनयविन्यपथरणसेवी, उहेशुध्धपध्मांहि निदृष्टि चीपसा तिरिया ॥जय जघ्यामश्रीऋषनर्देव नभण्डार छं॥ ..॥जलजमगोयरमालपासचिनाशीमनाही जनेऊ जनंतसंत,जविडतजविषाहीसिध्यजुष्यजविविध्यशुध्यामर भर जलयाच्याजाघमभूर्ति,निपाधि निरामयापरम पुरष प रमेश्वरने,प्रथभनाथपरघानालवनयलाचडलंगोलन्यिश्री लगवानापारसनातुरगुरासंस्तवे,पितुर्शनाानवअंगपून समें अयातुन्दरसनतुल्गुगप्रवघेश्रवण, मस्तप्रणिपाते। शुष्यनिभित्तसजेमा,शुल परिगतिघात विविध निमित्त विलास थीम, पिससे प्रलु ताजवतरियोभल्यंतरेंनिश्यपध्येय महंत पशालावदृष्टिमालावतांच्यापऽसजहाभाणघासीनताजवरशुंना सीनोतुन्नाभाडीहापिएपए ऐजीयें,सुतांपराग्गवजिपर विषय थीछोडवे,स्यिजुध्यतव्यपराधीनता भिटगजे,लेमुगि पूशानध्यातमप्रलु भएभियुविधनंहलरपूराआपूड पून्यजनेयी, कुए पूनपास्च्यस्तपरह्योमच्याप महशुध्यस्वप एजातभ परभातभलयो,मनुलवरससगताद्वैतलाव भसनी3त्योलगवंतनीलगतामातभछ विससतांगे प्रगटीमोचयनाती तामहानहरसभोऽसो,सतपाधिच्यतीताचान्योतिशंब्योति मिलिग,पएर निरजवघेअंतरंगसुजानुलव्यं प्रलुजात भसज्यनिर्विउत्पणपयोगडूप, पून परमारथाजराजे उजेहाप्रलुयेतनसमरथाचीतरागजेमपूरता,सहियें जति एडसुजाभानविग्यविनायनांनासघसांदुःजापा | Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ॥जयशंजेपर पार्श्वनाथनाचं॥ ॥जासससुरासुरचंय,हृद्यशुएंगनंद्य महिभानंग श्रीशंजेश्वरपुरचर,भंडन भलिनौभि पार्श्वग्निताबिलंगीधंधाशिन वसुजघतारं विश्वाधारं सौम्यारं,नेताशान्तिभहन पिठारंऽएान गारंहतरिपुबान्तारणहतलवनिस्तारं,परभोघरं स्तवनापार,त्रा ताशाएपारावारंडीर्तिवारंडेचसघारंघाताशाशामानंघसक्तं, तोषितलतं,छयपियुक्तं,सुच्यतामहमछरभुतं,तारणसतं,पि षयविरतं,शिवरतानच्यातलधैर्यगिरेक्षमासभुसन्मुण भुजनितियप्रएतसुरेभामुनेंनिस्तंगामासुजघायिस्मर एं,पुजितशरएं,चंतितपरणं,विशतरएंगकृतघनोध्यरएलिभत रएं, विभवीउरएं,प्रवरषएंगप्रऽटितहतविनयं दर्शितसुनयं प्रवचन निलयं सत्यभयानगणितशुएनिवयं मुनिग्नट्यंलग्छसुविन य,क्षपितलयाचाचवीतजासं,नायिशसंनतन्नपासंहाच यासाहतयितान्नवंशोधितजासं,विश्वपिशासं,सुध्यालादुष्तन तृपघात्रं स्तुतिनतिपात्रंसुजयात्रंसगात्रालयलतानपरत्तं,पर भपवित्रंथाश्यरित्रंयिन्मात्रापाउर्तितऽपिन्नतं,निल्लुयननातं,यो गिध्यातं,विज्यातापिहितापपिघातं,क्षपिताशातं निर्तितपातं,निस्तातं रासंलापित घसंभुन्तायासं,विश्वावासंसङ्लासाठीर्तिस्थगिताशं वि लुभविनाशं सघापाशं पूर्णाशादाजऽपितमहिमानं,जोधिनिया नं मुन्निनिधनं,गतभानगात महविज्ञानं,त्यतिप्रधानं परमात्मा नंसुज्ञानं रायपुषतरक्ष,सर्वसभक्ष,पिघुतविपक्ष,पुर्लक्षाापूर्ण |तिहतक्षसाघुसपॉवशीहताक्ष,पद्माक्षाशास्तुतिशतैरमेयं पर भभुपेयं सुरनरशेयं सोयामनुलवचितेयं स्वांताघेयं विष्णुभन्ने यंगामेयालुन्गेश्वरडेतुंलयन्यसेतुंभलभपनेतुंसझेतुंगसांतास ||मध्येतु,श्रुतसभव्येतु,सिधिनिडेतु, वंध्तुंगटातिए Jain clucationa International For Personal and Private Use Only Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ८८ ) ॥अथ संलग्नि विज्ञप्तिछं। ॥लुन्गप्रयात वृत्तासुगोसंनवस्वाभीमरघासमोरी,सहीला ज्यथीभाग लेटतोरी महापुएयना पूरथीनाथपायो, हुवे उष्ट लघु टदूरेनसायोगशागयोगसनालापणाभांसनंतो, वस्योभोहनीमान एमांहूलभंतोषजी मुजताईथयोणतभात,पयोधर्मनोभारतारन एयास शाभियोधर्मावर्तभोटोसजा,पज्यो पातलोभोहमाहापुर जितायीयित्नेनी तत्त्वनीष्टिपा,प्रेलुजोसज्योतुंजमोहीममा ही आभेट्योजागमिथ्यात्वनोजंघार,थयोशुध्यसभ्यन्त्वनोलान्। शारयावेगलाजहियाउर्भमा,जनंतानुजंघीसजेपूर नाहगाह जससीभापथी योगशक्तिनगीयित्तभाताहरीरलक्तिगयो नापासलभन्नस,लएयो टेवतुंमेऊन्मांध्यालापाथ|| युंसभरसें चित्तशीतलसुयंगालखीवासनासेहेन्ग संवेगरंगााग योतापनिःपापभागनिहाली,भिसीयेतनासहपरी महारसाखीए) पदाभिल्यासत्यसंतोषभासुभित्रशुलध्यानस्लोसपाध्यापि विधाययोगोपटप्राय संसार सिंधु, वश्योतुंभनभंडिरें विश्वगंधु पजानिहांगड तिहांनागनोनहिंप्रयार,सभय घवनावेताहामेघ घाशाजी उसरीगापा दूरेनासे, तुन्ध्यानथीतेभसंसारत्रा ||साटाप्रलु तुंभिख्याथीहुचोडंसनाथ, पानाथ तेग्मीयोहतार्थारखी आपघसंपघसर्वानी,मनुताहरी लत्तिन्ने चित्त लावीया पिराने महारान्ने भुन् भन, नभागूं पछेतेहथी मन्याययोजांहितोछेहोचोनडिहारे,महापुरषतेशरों भाच्या सुधारणाघांशुंडू स्वाभीसर्वज्ञभागे,तथापि पत्नु नेहूं लत्तिराणा भने भिष्यो जीरने मिनीर,रुथी एंसर्नु चित्तथायेसुधीरा तिउगा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ८५५ । ॥अथ स्तवनाधिकार प्रारंनः॥ ॥जय समवसरगनुं स्तवन । ॥ भेज्वार गोलभावनेगोविलाशी ॥ ॥ जेऊवारवछस भावन्ने,निएहलगामेवार बछडेस भावन्नाशननयनडेहेरावन्नागिहल,जेचार वच्छसभावन नान्यंतीने पायनभावन्नागिनेऽनाचवी सभोसरण जावन्ने परिगामेठगामेमांऽएासभोवसरए शोना टीडी,क्षणक्षरान सांनरीभावशारिगामेऽगालूतषसुगंधिगतवर्षाचे, ठूलना पगर लशवशालिगामेऽगाउनम्रतननो पीडऊरीने, विशानी शोलार पावशे रिनामेगा:पानोगढने उनऊशीशांचिये रतनगडा यशान्तिानाशारतनगढ़े भगिनांडोशीशांजगभगन्योतिटीपावन्नाग्निामेडायार दुवारेंभेशी हुनरा,शिवसोपान यढास नारिगानेनागाध्वयारउरमायुधारी,हारेंजडारेन्याउरीप लिगामेडगापूरपासथीओऊसमयचंटे,रंतीनेषघुछोरीपनि एभेनाजासहस्रयोक्नध्वन्यारतेन्यानोरायणमध्वावडी लिगामेडगाभंगसाइने धूपघटाडी,सभासपूतखागि मेऊनापामासुरीजीले गढबारे,रत्नगढे येणध्वनाग्गिामेड पन्नतिर छंडीपशुपंजी,तुम्पउभपने सेवतांगलिगामेडनाशा पंयवरणमयीन्सथडेशं समभरवरसावतांरिगाणापर जधसाततेपरजेसे,मुनि नरनारी घचताग्निामेऊनागाभाग श्यटीआयें पगुत्तर.थायेनसुभडिताभएपरिनामेनासा घिचीवैभानिज्नी टेची,णनीसुरोधोयतुरणालिगामेडनावाजवी शघनुषअशोड नेणयो,याभर छत्रपशचन्नेपरिनामेगापिगमुज रया सिंहासनजेसी,मभृतवयएगसुगावन्नाग्निामेडनाताधर्मन थिकलामंडखळे, मिथ्यातिभिरहरावनारिगाभेऊनागरावरचा Jah Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( एन्जिजमें सुखीयें, तव देव छहें सुहावने नेिङना१नाहेवतासुरउवि सायुं जोसे, निहन्नशी तिहांसावशे॥निवाश्नेनारलाहिड जपच्छरनी येषी, वंही नभी शुए| गावशे॥निनाभेनाशा अंतरन्नन मी दूरें वियारो, भुन शित्तलीनुं ज्ञानशुंगानिनाने नाहृघ्यथडीन्नेदूरें लग्नो, तो मैतुजमें भानगानाने ना१शा सुससाहिज्नवन्नि पर हीघो, जमशुं अंतर जेवडो पनि नानावीतराग ने नाम घरावो सहुने सरिजा तेवडो ॥ निगाभेाज्ञाननन्नरथी वात विद्यारो, रागदृशा जमरेजडी ॥निगाजेङनासेव राणें साहेज रीने, घनघन त्रिशला भावडी ॥निगाउना१नातुन विएा सुरपति सघषातूसे, प एनमें नाभए। दूमा निनामे उनाश्रीशुलवीर हन्नूरे रहेतां, जी त्सव रंग चधामणां निनानेना१५॥ ॥र्धति ॥शा IN ॥ अथ सीमंघरन्नि स्तवन ॥ ॥ सुएगो हाल, सीमंधर परमातम पासें भन्ने । भुनविनतडी, प्रेम घरीने जेएगी परें तुमें संलसावन्ने॥जे जांएगी। नेत्रएयलुव ननी नायम् छे, नस योशड़ घर पाया छे, नाए। रिसएान्हनें जाय छगासुयोगशाळेनी डयन चरणी प्रायाछे, न्स पोरी संछन पायाछे, पुंडरीणिणि नगरीनो राया छगासुगोगाशाजार पर्षघभांहि जिरानेछे नस योत्रीश अतिशय छाने छे, शुए पांत्रीशचाएीयें गाने छे सुशो आलविन्ग्नने ते पडिजोहे छे, तुमग्नधिः शीतस गुएा शोहे छे, रूपहे जी लविन्ग्न मोड़े छोसुगोनानानुम सेवाङखा रसीनोछु, पएल रतमां दूरें वसीनो छु, माहामोहराय डर ईसीजी छु।सुशोनापाप एएसाहिज वित्तमां घरीयो छे, तुम जाएगा जङ्ग उर ग्रहीयोछे, पा अंधेर भुन्थीडीयोछणा सुगोगासान्नि जीत्तम पुंड हवे पूरो, उहेप द्मविन्ग्य थाडीं शूरो, तो वाघे भुन्न भन अतिनूशे ॥ सुगाजा छति॥शा ain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ॥जयश्रीतीर्थभाषास्तवन ॥ ॥शरे ऋषलसमोसस्या,लषाशुएलस्वाश सिद्धासाघु अनंत,तीरथतेन शातिनस्यारा तिहांथयां,भुगतेंगयाशानेभी सर गिरनाशातीनाशामष्टापडडेहरी,गिरि सेहरोशामरतेंना राव्यां जिंजातीनामाप्नुयौमुजमतिलयो, मित्लुवन तिबोराावि भलरसेवस्तुपालातीगाशासभेतशिजर सोहाभएो,रखीयाभयो शासिध्यातीर्थरचीशातीगानयरीयंपा निरजीयें, हैये हरजीयें शासिध्याश्रीवासुपूल्यातीनाआपूर्वहिशेंपावापुरी,ऋध्येलरीरा मुस्तिगया महापीशातीगारेशप्लमेरन्नुहारी),पुजवारीयेशामर हुन जिजमनातीगाच्यापिठानेरचंहीयें,यिरनंघीयेशामरिहंता देहरांसाहातीगासोरिसरोशंजेम्परो पंथासरोरे,इखोपीथलरापा सपतीगापाअंतरिमन्नवरो,सभीलरोशाळरावलोम्णनाथा नीगासोठ्यटीपउछेहरो,नत्राउरोशरायपुरे रिसहेसातीगाद श्रीनाडुसार्थ नवो,गोडिस्तपोशाश्रीवरायो पासातीगानं धीश्वरनां हेहरा,जावनलषांगाय: उंडवेयार पाशातीनाशा शाश्वती मशाश्वती प्रतीभाछतीशास्वर्ण मृत्युपातालारानीमाती रथन्त्रावतिहां,होन्ने भुम्हाशासमयसुंर उहे ओभरातील - ॥ अथ श्रीसिध्यायललनुंस्तवन॥ ॥ भाजडीयेरे में भाशमुन्यधीहोरे,सवालाजडानोध हाडोरे,पारो भुने भीडोगासवथयोरे माहाराभननोणभाहोवा हालाभारालवनोसंशयलांश्योशान तिर्ययगति दूर निवारीय रणेभन्मुलनेवाग्योरे,शबुन्याठिोरोपामेमांडपीभानवल चनो लाहोलीगावागावेहडी पावनीशासोनारूपाने सडेचघर ची,प्रेमें प्रदक्षिणा हिशाशश्रृंगाशादुघडे पजामीने रेशर घोष चागाश्रीजाहीश्वर पूल्याशाश्री सिध्यायपनयरोन्नेता,पापभेवान - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - सीन्यारोशित्रुगाडाथीभुजसौधर्मासुरपतिमागे वागावीर नि एउभजोशाबएयलुवनभांतीरथ महोटुंनिहिं ओशत्रुन्यानो शाशत्रुगाचासरीजामतीरथनी वागाथारीयित्तमांचाहे| शामयानी तोयबर गढी,सूरन्हुंभांनाहेशाशत्रुगापाठांउरे में उरेश्रीसिध्यक्षेत्रवानासाघुजनतासिध्याशातेभाटेभेतीरथ महोटुंणहारजनंताजीघारोशित्रुगादानानिशयासुतनयोंनेतांचानाभहजभीरसचूहाशाणघ्यरन उभारम्हारे पोते, श्रीजासरतूहाशाशयुगाजा तिराना - ॥ अथ सिध्यायस स्तवन ।। ॥ विभतायत नित्यचंहीये,डीलेंजेहनीसेवाभानुहायजे धर्मनो,शिवतरण सेवाविनापासान्निगृहभंडसी,तिहांना हीपेणतंगाभानु हिमगिरि पिल्लभेजामंजरगंगाराविनाशाध्ये अनेरंग्णनहीं, तीरथतोगभिश्रीभुजहरियाग,श्रीसीभ घरजोपविनाशासघसांतीरथउश्यांन्नत्राइसपहीयोतेन थी गिरिलेटतांशतगणुं इससहीयाविनाचान्नमसखहो यतेहनी,लेमे गिरिचंसुल्स पिग्यसंपलहे,तेनर पिर नंहविभलागापा तिवापा ॥अथ सिध्यायसलनुं स्तवन । ॥शीषासननी सिध्यगिरिध्यावोलविश सिध्यगिरिच्या वोपाघेरजेडांपएराजकुखपाचोलविहारजसपाचोम्जेमा पीनंहीसन्नत्रा३ख होवे,तेथीजभरोसंपुडरशिरिहोये गलगाउँगातातिश{श्यागिरि योगगुंगरता,तेथीजमगर सन्छु भहंतापामगारंगाजटगएरं घातडीचैत्यजुहारे,छत्रीशगणे रिं इस पुज्जल विहागालगापुनाशातेथीतेशगपुंसभेरे पैत्य Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५७ ) हारे,सहसगरोरं इससभेत शिजगालगासगालाजगऐसगं गिरिन्नुहारें,शखाजगएर सजशपहगिरनारोलिनाजन्य छोडिगएरोरं श्वश्रीसिद्दाथसलेटेंभरेजनाहिनां पुरितीभे लगादुनालाचश्मनंतें अनंत सिपावेज्ञान विभलसरिन्जेभशु गावालगामगा। पतिपदा ॥ जयश्रीसमेतशिजर गिरिनुंस्तचन॥ ॥कीडाउरी घेरमाविजोमेघशी॥ ॥सभेत शिजरग्निहिये,महोदंतीरथमेशापारपमाडेलव नीरथउहियेनेहशासगाशाभतिथी सुभनि लिगुंतणे,सहस परिवारशापमालु शिवसुजवस्या,त्रएशेजडभएणारशासन पांयशेमुनि परिवारशुश्रीसुपासारिएंघशायरप्रनुश्रेयांसप साथेंसहसमुपीहशासनागाछहन्नर मुनिराग्शुविमलाग्नेिन सिध्याशासात सहसशंगजभा,निगडावरीघारेरास एजेशोभाशुधर्मल,नवशेशुंशांतिनाथगाउँथुमरभेडस शंसायो शिवपुर साथशासनापयामास्वनाथशतपयशंमुनि (मेहन्नरातेत्रीश भुनियुतपासल चरिया शिवसुजसार सगादासत्ताचीश सहसत्रएशे,जीपरजोगणपंथाशवाग्नि उरजीन्नाडे,पान्या शिवपुरवासशासगावाचीशेरिनन गिरि, सिध्याभएसएशापद्यपिग्य उपराभीने पास सिनुं पेशासगाटा तिाया ॥अथ सभेतशिजरलनुं स्तवन ।। ॥ पून्नेलाल,सभेत शिजरगिरिजपरपासलशाभतापनि तेखाल,उरतां ग्निपापाचे रसेलवनाभलारामेमांडपीछरी निउरियें,लवलवसंचित पातठहरियें, निग्मातभपुएयन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jaineltrary.org Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (५४ रोलरियोनिम्नागिरिवर नित्यसेवाडी, मिशिवसुज उरभांतीविधानंहसुधारस नित्यपीगगनाशानिहाशिवर पीवस्वाभाच्या,अन्तिाज्चिीशे ग्निराया,जमुनिवरयुता वधूपायाळगामातेरोंत्तभागिरिन्नयो, उसेवाजात उरीसागो,जेरी श्री नहीं भावेटागोगावातुमें घनउन ननी भाया,उश्तांमशुयिडीनीयाभितशो पिएगिरिर पळगापामशुलभतिपयनसुगीतानंमेलन्नेग्गशुरभार शन्नागिरिइरसे घरी मनशुविमानाछपाएसंवतसररिषि यंसभे,शशुशुशुदिनीरजुधवारगभे,गिरिधर्शनरतां चित्तर छंगाणाप्रलुपहपयतपीसेवारतां नित्यसहिये शिवभेवाजी पविण्यभुल्तेहेचाळगाटा रातिाटा ॥ अथ श्रीगिरनारलूपएनेमनाथलनुंस्तवन ॥ । ॥गोवाघरचारयां, जाहिरनोजवतारारडुंगोषीण शीपरान्नुलणलीभाषीयेल्पेन्डी हाथासाहेजशाभलीना भए गाराउंथन्छ,मोराजावोनाथासानापामुजभटडागुंताह अयिभाषांखोचन्नासानाभोहनगारी भूरति भोयुंभाळूभन्न सागाशावाहालाडेभरद्यावेगला,तोरगणनाजायासागापूरच एये पयोमेवीजाजनावासानागावेसडपशुयें भी घोसजसोशोशासागाछोडावीपाडावष्या,रान्नुस चित्तडुंयो सागाच्यासहसावनमाहे सहसपुषसंघातासागासर्व चिरी नारीवरी,जापएसजीन्नतासागापापंचावन धाडसे पाभ्या वलनाएगसागालोलोउठाशतुंनएीयोनायासागा। राख्नुलभाचीरंगशुसाशीप्रनुने पायासानामुल्ने भूट्टीमेसी भिशिवभरिन्नयसागाणावीतरागलावत्या,संभसनि हाथासागाशिवभरिलेसाथयां,अवियलजेहुनी साथासागा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (८५ ) वायऽ रामविल्यउद्देसुएस्वाभीमरघासासागारानुसन्मतारी तु तेभतारोठं सासा गतिमा । ॥ अथ श्रीशपहलनुंस्तवन॥ ॥ उंबरगंलारोनब्रेंटेजतालाशी ॥. ॥णमसोयचंहीये ल,वर्तमान राहीशाअष्टापट गिरिणिपालनमतांवाघेणीशशायापालरतलरतपति ग्नि भुजेल, ग्यरियांवतजारशाशनशुध्यिनेजरगलयोनीशमन नो विहार रोयिनाशाजयपऐशतिगाल,योन्नविस्तार शानिनि भानलरावीयांल,जिंजस्वपरीपणारयणाजानन्नि ताहियणघाहिगल,पछिपीभावर्षमागासनंतनाश गत्तरेला पूर्वे रिजलवीरपाठशायिनाचारिजलभक्तिपूर्वरया लोपएमाणभपाहशामामशाउरेनतराल,तेलविभुति बरे हुएीभाउरापिगापाजोमयलोश्रीसिहायोलवामन संज्याणध्यारे माहिने पराभेणें गिरिललभायैत्यीय शायनादारोणत्सरपए पशेलाच महिभाशुराधजिशासि हनिषद्याहिं थिरपणेल,यसुदेव हिंऽनीशाजशायनागाउचथी|| लिनभुन सुएयुलामेरो विघे पाठपडायगाश्रीशुलवीर चयनर संलगायो रिजलशिव हायरोयिगाटा तिपणा - ॥ जय श्रीजाप्तुलनुंस्तवन ।। ॥पित्तयेतोशामेशीमाहिरिएरोसर पूल्तांदुजभेटोरे पमाणुगढ द्धचित्तालपिळलेटोगासवाडे हेहनांनभीपाप थारपरिभित नित्यालगवावीशगजसपटभावती दुगायझेस रीस्च्यभागालगाशंजाहिजेमंजीसूतिपादुनापयशवहेजाए। पलगाशाजारपातसाडीतीनेादुगाविभखमंत्रीजादहाहालगाध Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ary Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व्यमरी घरतीडीयोगादुगापलध्वप्रासादालगागाजिद्दुतरम जिंठाजाशेंगदुगाजिप्रभागुहायालगापन्नशेअरीगरोदुग्य वर्ष वितेथायालगानाच्यजनुपमजराययुगदुनालाजपना जार डोडालगा संवतशअध्याशीयेंगदुराप्रतिष्ठाउरीभनहोडा लगापाराणीन्हाणीनाणोजडाणपुलालाजदारप्रभागाला वस्तुपासतेन्पासनीयदुनाघेतान्नपालना भूलनायउनेभीसशानाचारशेअडशहि जिंजालनापल घातुभद्रह शादुगाभेडशो पीरतातीश जिंजालगागायौमुजफ्त्यन्नहारियण पुनाराणसणीयागुणवंतालगाजापुंभिततेहभाइहुंदुनामग न्यासीअरिहंतागानन्यलगप्रलुलघरानान्मत्राशेडशियाए। शालगाउओडित इसनेसहादुनाते प्रलुलम्ति विद्याशालगालासा वंजन निराखंजनगदुगाप्रमुध्यानेलवपाशालगाभंगललीलापानि यादुगाचीरचिन्य न्यायालगागा पतिता ॥ जयश्रीज गिरिस्तवन ॥ ॥ थालो थासोनेराम गिरिघर रभवायोमेशी॥ ॥मावोभावोनेरा,श्रीभ गिरियश्रीग्निपरनी लन्तिउरीने,मातम निर्भमध्यभागामेमांडणी विभषक्स नाप्रथभारिणेसर,मुजानिराजेसुजपध्यापिऊ उतडीप्रभुजङ्जा सुभचर,डेटोडरवीयभागाशाल्मए पासें खूणुवसर्थ,श्रीनेभी सरनभीयोराग्मितीवरनय निरजी,पूजयोगसविगभीयें। आगाशासिहायतश्रीऋषलग्नेिश्वर,रैवतनेभसमरीयोमर्जुध। गिरिनीयात्राउरंतां,यितुंतीर्थपित्तघरीयभागालामंडपमंडप पि विध जोरपी,निरजी हियडेहरीयोश्रीग्निवरनां जिननिहाली,नर लवसईसोडीयाभागाचाजविथलगढमाहीश्वरप्रएभी,मशु लउर्भसपिहरीयोपासशांति निरजीजनयएँभनभोयुडुंगरी|| Jah Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ষ ) ये।जाणापापानें पढतां पीन्भवाद्ये, नेम घोडे पाजरी खेस उस निनेसर पूल डेसर, पाप पडल सवि हरियें ॥ जागासाने घ्या नें प्रभुने घ्यातां, मन मांहि नविडीयें ॥ ज्ञानविभव उहे मलुसुप सायें, सम्स संघ सुजरीयें ॥ जाणाजा पार्धति॥१शा ॥ जय श्री राएराङपूरन्तनुं स्तवन ॥ ॥ श्री राएराउपुर रसीयाभएएं रे सास, श्री नाहीसर हेवाभन भोह्यं रेगडीत्तंग तोरणा हेहरे रे सागानीरजीनें नित्यमेवाभिनापा व्यवीविश मंडप यितुं हिशें रे सागावषीभुज प्रतिभा या शाभनात्रिलु चनदीप हेहरे रेताना सभोवड नहीं संसाशामनाश्रीगाशाहेरी योराशी हीपती रे पाना भांड्यो अष्टापहमेशामगालसेंन्नुहारयांलोयरांरेखानासूतांडीही सवे शामनाश्रीगा आहेश न्नएणीतुं हेहरे रे सानामोटो हेश मेवाडाभिनासज्ज नवाएं सगापीयारेसाणाधन्न घरों पोरवाडामणाश्रीगानाजरतर रस जांतशुंरे सासा निर जंतांसुप्रथा थामिनापांय प्रासादजीलं बसी रे सागान्येतां पात लथाभिनाश्रीणापानान हताश्थ हुंथयुंरेसाना सान्ययोज एघाभगायात्रा उरी न्निवर तएगी रेषाणादूरें गयुं दुःजहंधाभा श्रीणाता संवत शोष ने छोतरे रे सागाभागशिर मास भोञाशाम पराएाम्पुरे यात्रा उरीरे साना समयसुंदर सुजाशामनाश्रीनाजा ॥ अथ श्री सिद्धयलनुं स्तवन ॥ ॥ हेशी जाछे सासनी ॥ सभरी शारदा भाय, प्रएाभी निल्गु‍ पाया आछे साला सिद्धयक गुएागायशुंना जे सिद्धर्थक जा धार, लविजीतरे लव पाशांखाना तेलएगी नवपद घ्यायशुंकाशा सिद्धयक गुएागे, नस गुएाजनंत अच्छे खाना समस्यांसं उट डीपशभेला सहियें बंछित लोग, पाभी सवि संन्गाजाना Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७८ ) सुरनर भावी जहुनभेन्शाशास्ष्ट निवारे जेड़, रोग रहितउरेहेहा आना भयएगा सुंदरी श्रीपासनेला सिद्धयेक पसाय, आपघ दूरें नया नागाश्चापे मंगल भासनें आने समश्नवर नहीं - डोय, सेवे ते सुजी जो होय ॥ श्राणाभन वडाया वशरीन्यान वजांजिल तपसार, पडिङङभए होयवा।। आागाध्ववंघ्न त्राट उनांकनाहेव पून्ने भए। चार, गए।एएं ते होय हुन्न । आागास्नान उरी निर्भस पोन्लामाराधे सिद्धयक, सान्निध्य उरेतेनीशका - जागाग्निवर नग्न आगें लोकयाने सेवी निश हीस, उहीयें बीसवा चीश माणा ग्यास नंग्नस सवि परिहरोन्याने चिंताभाए रत्न, खेहनांडीनें नत्नाजाना मंत्र नहीं खेहपीपरें ।शाश्रीवि मसेसर नक्ष, होन्ने मुळ परतक्षा खाणाहुडिंडर एंताहरोला पा म्यो तुंहीन हेव, निरंतर उरे हुवे सेवा खाना हिवसवप्यो हुवे माहरो लाजाविनति उ छुग्नेह, घरन्ने मुन्शुं नेहा खाणातभनेंशुंड हियेंबली वसीलाश्रीलक्ष्मीविन्ग्य गुरेराय, शिष्य डेसर गुएागा याजाणाजभरनभेतुन ससी ससी कता तपा ॥ अथ श्री संभवनाथलनुं स्तवन ॥ ॥ साहिज सांलसोरे, संलव जरन हुमारी ॥ लवोलव हुंल म्योरे, न सहि सेवा तुमारी ॥ नश्य निगोहमांरे, तिहांकुंजहुलव लभी जो तुम विना दुःज सह्यांरे, महोनिश कोघें घमघभियो । सानाशाहिय वश पड्यो रे, पाल्यां व्रत नवि सुसेंस पान विशएयारे, हुएशीया थावर कुंशेगाव्रत वित्तनवि घरयांरे, जीन्नुं सासुंन जोल्युंग पापनी गोहडी रे, तिहां में हुर्घडलुं जील्युं ॥सागार योरी में डरीरे, थडीविह जहत्त न यस्युं ॥ श्री ग्नि आएाशंरे, में नविसंन्भ पाल्युं ॥ मधुर तशी परेरे, शुद्ध न खाद्दार गवेष्योर सनाखासयेंरे, नीरस पिंड जीवेज्यो । सागाआनर लव होहिसोरे, पा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ५ ) भिमोहचशपडियो।परस्त्री जीनेरे)मुठभनतिहाई भडिओ भनओसत्यारे,पापें पिंडभेनरीमोगासुघजुदनविरहीरे,तेरें नविभातमतरीनओसागानालक्ष्मीनीपापयरे मेंषाधीनतान घजीनोपएनविभखीरे,भातीतोनविरहीशजीमान्नमालिन सजेरे,तेतीतेहथीनासतासभनेगरीरे,तेहनी नित्यरहेपासे सागापाघनघनतेनरारे,मेहनी भोह पिछोजगाविषयनिवारीने रे,हने धर्मभान्लेडीमलक्ष्यतेभेलज्यारे,राषिलोग्नीघांव्रत छनवि पापियारे,नेहवांभूदथीसीयांसागाहाननंतलपहुंलन भ्योरेलभतांसादिनभषियोतुभचिनाओगटियेरे,जोधरयए। मुजलियोसिलवापन्नेरे,परणउभषतुमसेवाएनयम चिनवरे,सुएन्ने चाघिदे॒वारा सागाणा तापा ॥ अथ श्रीशंजेश्वरल-स्तवन ।। ॥सहन्ननंही शीतलसुजलोशीतो,हरि दुःजहरियसताच रीडेशर धनघोली पून्नेरेसभाममृतवेषिनाबैरीनीजेटीतो, ||तहारतेहनीमशिाउगापातेहनास्वामिनीसंतानंनाभतो, जेड वरलक्षएलरीण्डेगाने पुरथापीने भागलडचियेतो,जेष्माण जिंघारीपाडेगाशासनोवरणतेनयन प्रभागेतो,भावान सुंर शिरघरी उगावीशरारसुतधनाभेतो,तिगवरएाहि दूरंगाडेगावानेचीशभेरसेघरीरातोमानियतेस महरी डेगानंतस्थेजीन्ने खरयातीतो,शिवगाभी गतिभाथगावाचावीशइश्सवलीसंयमभानेतो,मारिए घरी हिट घरीगामेगनाभे ग्निवर नित्यध्याणतो,ग्निहर निडंपरि हाउगापात्र्यंब घझोक्षग्नषोखेतो,वातमे घिसनतरीनामश्वर पएसीतानीमागेतो,न्नस विशनस्तारी एउगाहातेरिनतरतुंग्निरानतो,हरिभराभेतुल्पांण परी Jl Educationa International For Personal and Private Use Only . Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १००. उगाजासपोजीपगारेहरिपति,सेवनछससंछनहशिनाणा|| भन्नुभत्यय न्शसीहोत रहियेतो,लवलवभांनहीं शखीसीडे || मनभरि महारान् पधारेतो,हरि जयेन विलावरी डेगाना सारंगभांसंपाळणंअरस्त,ध्यानअनुलवहरी डेनाश्रीशुल || चीर चिल्याशिववहूने तो,घरतेऽतां होयघरीउनाकातिर ॥ जयश्रीशंजेश्वरल-स्तवन॥ ॥अंतरन्नभीसुराअषवेसर,महिमा त्रिन्गतुभाशा लसीनेमाव्योहुंतीनेन्नभ भरएदुवाशेपासेवऽभराउरे छ रामभने शिवसुजापोलेमांडणीसहुडोनां भनवंखि तपूरो,यितासहुनीयूचुंनिश्छेराग्तुभारंडेभराजो छोगासेगाशासेवने वसवलतोजी,भनभांभहेरनघरशो। उएासागरउभडेहेचाशो,न्नेजीपगारनउरशोगालालटपट, हवेभ नहींछे,प्रत्यक्ष घरिसराहीगाधुंबाडे धीब्लुनहीं साहिब पेटपडयां पतीगासेगावाश्रीजेश्चर भंडरासाहिजा विनतडीन वघारो॥रहे ग्निहर्ष भयाउरमुग्नेलपसायरथीतारोगसेनाचा ॥ जयश्रीपार्श्वनाथल-स्तवन । ॥सग्नी भोरी पास गिरोसर पूब्नेशासगाल्गभांडेवन नरेगसगासारंगपुरशएगारशासगापूनघेयधारशासन ग्निपडिभान्यारशासनावारीनींचारहन्नरशामेमांजए। सगागएघर सूत्रेवजाएगीशासगा सिद्धनीजीपमााणीशासन सभडितनी हिडारीशासगातेउभन्नशे निवारीशासगाशा सगालगवअंगेंधारोगासनापारगमुनिअधिकारोशासना ग्निपडिभाग्निसरोजीसनासूत्रपियवा निरोजीशासगापा सगारायपसेएगीलांजीशासगालवालिगभंघजीशासगाव्यच Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०१ ) हारे पएा भाजी रे ॥ समाशुद्धि पडिमा साजी रे ॥ सानासनानंजूपन्नति हाएयांगरे शासनाजोसेघ्वामुं भंगरे॥सनाभाहा निशीथें वि यारोरे शासनापून्ननो अघिरोरे ॥सगापासना सातमे जंगें विष्य तरे शासनाआएं। श्रावश्चात रे शासनाग्जनीथ्थी पडिभावारीरेशास सुधा समस्ति घारीरे ॥ सणाशासनाज्ञाता पाठ हेजावेरे शासना मतिलरभ नन्नवेरे ॥ सणाश्नेम अनेज्सूत्र साजरे ॥सगाहो हुवे उहुनोचांडरे ॥सगाणासणार्या जरोथथाशेरे ॥ सनानव हंड मांन्नशेरे ॥सगालव उरभवशन्नगोरे शासनाडुए। द्रुभङजुए। शएगो रेशासनावासनान्निवर सेवा सारोरे शासनाविषय झरी परिहारोरे सणासेवा जजंघ लावरे ॥ सगालवन्स तवा नावरे शासनाला सगामणि पीद्योत प्रलुसायोरे शासनाने हवो हीरोन्नयेोरे ॥सनाशंडा मन नविसावोरे ॥सणाशुं भानुं डेहेवडावोरे ॥सनापणा ऐति ॥ अथ श्री हीवासीनुं स्तवन ॥ ॥ चाहान्छनी चाटडी समेन्नेतांरे । ने देशी ॥ ॥ नन्यग्निवरन्ग हितकारी रे, उरे सेवा सुर अवतारी रे, गौनभ पमुहा गएाधारी ॥शा सनेही चीरन्त न्यारी रे।। अंतरंग रिपुनेत्रासे रे, तपोपाटोपें वासे रे, सयुं ठेवत नाए। डीएसासें ॥सनाशाटिसं वाह बहायरे, पए। निनसाथेंन घटाय रे, तेऐंगें हरिसंछन प्रलुपाय ॥सगाआसवि सुरबहू थेर्ध येथे अरारे, नसपंपुन्नी परेंन्यारारे, तल तृष्णा लोग विद्वारा ॥ सणाच्या प्रलुदेशना अमृतधारारे, नि नधर्म विषे रथाद्वारारे, जेणें ताच्या भेघकुभारा ॥ सणापाणौतमने डेवल जाली रे, वश्या स्वांतियें शिव चरभासी रे, डरे पीत्तम सोड हीचा सी॥ासणाधाअंतरंग जलच्छ निवारी रे, शुल सन्नने बीपणारी रे, उहे वीर विलु हितारी ॥सणार्धति॥ Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०२ । ॥जय श्रीमहावीर स्वामीनीमकुंडसीनुंस्तवन । | ॥शी उरजानीयसेवधी संयणघेरियां अपजेलेसा,ज्यु रेखणामोअतिजेरियांप्रेमाऽएाहीये जिनांनयो,छोरन पिछेचसे,जाजतनापीछेरियांसजेगाड्युंगालाग्यमतुल जली,भागतमसी,मलिग्रहयारीयांगजगाऽयुंगाशासंच तपासशाशतमातातीशाणब्बल चैतर तेरशामगाऽयुंग पशाउघडीनणगीणत्तराखशुएी, भंगलवार निशावामगा उयुंगाशासिद्धि योगघडी,पन्नर यारेंचरी,सामुहूर्त्तवीशभाजन पायुंगानभरबहे,स्वाभीन्नमसहे,वसुजीसहुतेसभा भगाड्युंगागाविशलारापीयनयो, वचीयेंगायो,सुत सिद्धारथ लूपबामगाऽयुंगाभंगलडेतुप्लग्ने रविष्णुपयोथेलपनें,शभेश निश्वर जयनगमगाऽयुंगानापंथलचराष्ट्र,सातभेचेसाहु, स्लुचनयभंडलीरामगाड्युंगालाग्यलुवनशशी,शुक्रसंतानसी, भेषघुमामेचील्सीएमगायुगापायंशा पिपाडी,भासलुन चनजाती,मशिाशनिसंख्मीराजगाईभहाधिशा ,उचल ज्ञान पामे,ताभुजजानीभेरे सिरभीसमगाऽयुगायाथाचर विगलमें अलमनंतलभे,भेजी निऊषीयासाथभेराजगानारउ तिरिगति जनडरतिगत निगभियोजनाथजगाड्युंगाणाजहोतभे नायिनये,यितुंगतियोउजिये,नेऊनभिषिनाथलाभगापोत|| प्रहाशहिजे,माशनिराशडिये,अखगडिया मान्यजना युगादाभानवणासही,तुमसन्मुजरही,जेरजेरशिवभागते जनाजातनमोर उडुलीमेजिनानरहुंजालहस्योरस लाशते मनाऽयुंगातानाथनगरउरी,जेरनमेघडी सघभगनसु जरसेंगमनाभंगपतुरवशाणावतमपछरा,श्रीशुलवीर नुभहेरसेंगमगाऽयुंगाना तिला Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नीशाभी चार - - ( १०७ । ॥ अथ श्री सिद्धलगवाननुंस्तवन । सिद्धनीशोलारेशी जेजांडएसिद्धम्यतशिरथो लतामताजातभराभालक्ष्मीसीपानी सेहेनमा,सुजियाछेशियम भासिगापाभाहानं अमृतपहनभो,सिद्धिचित्यनाभाभपुनर्ली ववलपहचपी,मक्षयसुजाविशयमासिवाशासंप्रेय निश्रेय अक्षरा,जसमस्तनीहाएनित्तिजपवर्णता,मोक्ष भुतिमि रवाएसिगाजामायणमहोध्यपहलथुन्नेतांशतनामाहानि निगडूपैरेन्नूब्बूजा,चीत्यांर्भतेमाहासिगाचामशलघुभव गाहुनानामें विश्वन्नाश्रीगुलवीरनेवंतां,रहियें सुजभांभ गन्नाासिगापा रातिशा ॥ अथवईभानस्वाभीलनुं स्तवन । ॥रागधन्यानीगणीभारेगुणतुभतणा,श्रीवईभानगिन नशयारेगासुरातांवऐजभीजरेभाहरी निर्भसथायेजयारे एगीगापातुभएगगगगंगाग्वे,हुंजीसी निर्भलथाणिशाजय रनघंघोमानिश हिनतीशगुरागाणगाशीनाशाजील्याने शंशागतेछीसरन्यनविपेसेशा भावती सेंभोहीमातेजान वसनविजेसे शाणीगाउगानेभ ज तुमशुराणोऽशुगेरा य्याने चलीभाय्याशातेडेभपरसुरमाईले परनारीवशराय्याशा गीगाचातुंगतितुंभतिभाशरो,तुंआसंजन भुरप्यारोशावायन सउहे भाइरे,तुंलवनलवसाधारोगीगापा तिश्शा ॥ जयश्रीसहितनुं स्तवन॥ ॥ ढाल पहेली ॥तेमुमिछाभि पुडाशीसांनपरेतुंभागीया,सध शुरणपटेशोभानवलव घोहिलोखयो,त्तमसमेसोपशासांना in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraorg Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०४ वतत्त्वनविमोलज्यो,शुद्धतत्त्वनन्नएयोगधर्मतत्त्वनविसईयो,हिय उज्ञाननभाएयोगाशासांगाभिथ्यात्वीसुरग्निप्रत्ये,सरजाउरीन्न एयागुरागवशुगनविभोसज्या वयऐवजाएयाशासांगाध्वथा याभोहेंग्रया,पासें रहेनारी भतरोचशेने पड्या,अवगुणअपिडा नासांगाडेकोपीचता वषीक्रोधनावाद्यापोथीपीहता, हथीयार सवायापासांगाङ्करनगररेहुनी घांटेजंतांऽीयोभु सहनीमेहवी,तेहथीशुतरीयाडासांगानाहरभसांडसल्डयां लमेलबहीभञारो,ग्नम भरणलवजीयें,पाभ्यानहीं पारोगा सांगायथनाटऊहरे,नायेन्एन्एमागावेषऽरीराघाप्रानो, रखी निक्षा भागादासांगाभुणेउरीवायेवांसपी,पेहेरेननवापाराला वतांलोन्नउरे,मेड्यालमसाणाकासांगाजोत्यसंहारवा,थ योणयभवंतोहरिहरगाऽशभारीयोनरसिंहजसवंतपणासांग एभन्छ उच्छमवतारसै,सामसुरविधस्यागशवतारें लल्लूमाश?त्यसंहास्यासासांगाभानेभूढभिय्याभति,जेहवापन राध्योगी रीमवतारसे,जोमनीटेवोशासांगास्वामी सोहेनेहयो, नेहवो परिगताम्मन्नएीने परिहरो, ग्निहर्षविन यारोगासांगा पति। ॥ढालजील ॥ ॥ जोधर भाघवने हेन्तानेशी॥ ॥ल्गनायग्निराग्ने,राजवियेसही हेच मुलगा थी, सारे सुरपति सेवाशरगाक्रोघभानभायानहीं,नहीं सोलमज्ञाप नारतिमरति नहीं,शंध्या भस्थानाशाल्गानिशोऽचोरी नहीं,नहीं चयएमसीडाभच्छरलयवधाएनो,नरेतेहेडीडा पारगाप्रेमक्रीडानउरे उद्दी,नहींनारीप्रसंगाहास्यामिढा रमेनहींन्हनें अंगाचालापयासन पूरी उरी,जेहामरिहंतानि श्याललोयरातेहनांनासावरहंतराचारगाग्निमुनिराग्नी, - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०५ ) परमष्टामासभडितथा निर्भहुं,तपेज्ञानपन्नसागर गतिभागति सहुलचनी,टेजेयोगायोगाभन पर्यायसवीतगा,उंच विज्ञान मावोगागागाभूर्तिश्रीग्निराग्नी,समतालंडागाशीतष्प नयरासुाभणां नहींचांउपशासाटापासतवघ्नहरणे हेयुंजीन श्रीनिरायासुंघराषिपत्नुहनी शोलाचरणीनन्नयाकागान वरतपीजेचीजिजिहांमधीसंताध्वतत्त्वमेनगी,ग्निहर्ष हंतगालगा तिच्या ॥ ढालत्रील॥ त्तिगीनी शीश्रीग्निपरप्रवयनलांज्या,बेशुश्तगाशु राज्यापासथ्याधिपाये,पापभाज्यासायशाहीना मंस्थिीमाएी,भाहार उरेलातपाएमासुमेणंघे निशहीस,परमा पिशवाचीशपशाऽिरियानउरेडिणिचार,पडिभपुंसांठसवारण नरे पयजाएएसळाया विज्था उरतां हिनन्लयात दूधही अप्रभाए जानेनउरे पथ्याजागाज्ञानानने चारित्र डीडीयो सुपरित्राचासुविहित भुनिसामान्यारी,पालेनहीं तेभएगाभा हारनाघेषमायाप,टासेनहीं डिगुहीअलापाघनघणघसभसतो पाखे,त्यो हपजालमर्यास्यनाबंधव,वस्त्राहिशोलाजना चापरियहचसीजांजांराजे,चपीवलीसधिजानेघाजामागीर गीले उहीयेंतेसघपीलिए सहीयोगानेवाले शुभारंनी, निसाघुउहेवायेहली छि उम्मप्रशंसा उरीयें,लवलवगृहभाभ वत्तरियाटालोहानीनावातोखेलवसायरमांजोखाग्निहर्षलषो सहिलो,पए शुरनीसंगति रालोका तिरपा ॥ढासयोथी॥ ॥ उरन्डी भागलरही।मे देशी ॥ ॥शुएगिश्यागुरेजोलजो,हियडे सुमति विपारीशाशुश्सुप रीक्षाहिती,लूलपडे नरनारीशासागुगापांये सियवशउरे,पांथा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - महाव्रतपासेगाथारषायतलग,पांये डिरियारलेशशाणुगा पायसभितिसुभतारहे,तिनशुपतिघारेशोषजेतावीशरासीने, पाणी लातभाहारेशागागाभमताछांडीहनी,निर्मोली निर्भाथी| शिानवविध परिश्रहपरिहरे,पित्तमें पितेनशानाशुगाधर्मतणाणे पणरण घरे,संन्भपाववागशालूभिन्न पगसालरे,सोऽविरोधथीसाशापागापडिसेहए निरतिविघेउरेप्रभातनिवारीरोग सुरक्रियाउरेछान्नेशनिवारीशांशाणुगावस्यादिशुद्धजेषएगी, वटेजीसुविशेषेशागत प्रभाणेजपउरे, पूषएारखताजेशागायुन पहुजीसंजसने उह्यांसान्निध्यमहीनराजेरोराणपटेश यथास्थि तें सत्यवयन भुजलांजेशाताशुगातन मेहेसांभनणग्यांतपउरी जीएगीहीशाजघनछेही उरी,पियरेन निःसनेहीमाणुगाम्ने हिवाशुश्बेउरी,मारीयेशुललावेंरेजी®तत्त्व सुशुश्तएं, गे ग्निहर्षहावेशापणाशुगा तिवारदा ॥ढापपांयभी॥ उर्मनफूटे रे प्राणीमाशी । ॥लवसायर तरवालपी,घर्भउरेहोसारंलापथ्यर नारेजेना सीने तरवोसमुहपुर्वनाशा लगामापेगोलगायनामापेउंन्या रेशनामापेजेत्रपुण्यार्थे,ब्राह्मणनेभानाशालगाटावेघाए। रखी,पृथिवीधानसभेभागोलाउखशारंभोरीया,भापेहसतिल हेमा एगालगायतीजणाचेरेजांतसुंदमासुरवावापुष्परिणीउरणील ली,सरवर सजरतणावाचालगाउँभूलभूडे नहीं, मण्यारशने हो हीसाभारंनतेहिन अतिघगोधर्मीहांगहीशापालगायाग रेहोभे तिहां,घोडानश्नेरेकाणाहोभेग्लयर भीडगंधर्भ डिवांची तराणादात्मनाउरेसहामेरेनोरता,लवतगाभारंनाएगभहि पिनेषोऽा,हथीनरउसुखनपणालगासारे सरायेजामगाउने, पूर्वन्नारे सराधाडी पोषेरेजगारेजोमेइजीपाघाटयालगाती । । Ih Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - रथम शोहवरी,गंगाणयाप्रयागाानायेभएणपनीर , धर्मतको नहीं सागाापालगात्याहिजउरएीउरे,परल-सुजनेरेशन्गाड हग्निहर्ष भिलेनहीं, मेहथी शिवपुररान्गापगालगा ईतिारणा ॥ढालछडी॥ ॥रेन्नया तुझविन घडीरेछभासामे घशी॥ | ॥धर्मनिरोग्निवरतपोल,शिवसुजनो घताराश्री निराने महाशीयोल,हनाचारप्रसारापालपिऊग्न,ज्ञानापियारीरेन्नेथापा पुर्णति पडताळवनेल,धारेते धर्महीयालगामेमांडपीपंचमहा व्रत साघुनाल,शविघधर्मपियारााहितजीने नियर यांल,श्राव उनांव्रतजाराशालगायुंजरथारे विशयल, विषसहभाटीरेहीमाए राषिलोग्नने उयांनीजहुजील्नो नीभागालगाघोलवडांचसीरी|| गपाल,अनंतायजत्रीशामपन्नएयां इस सडांळ,संघाणां नि शहीसावालगायषितमन्नवाशीथयुंळ, तुध्छस इस क्षाघ 6नरजाये नहींळ,मेजावीशमलक्ष्यापात्मनानउरे नियस |पऐलाघरनापगमारंलालवतएील्यापपीछ,नपीयेमा एशसनीशाहालगायत परेपाणी वापरेलाजीयेउरतोपापासा मायिव्रतपोपल,रासेलवनातापाजालनासुर सुदृवसुधन नील,सेपालत्ति सीवाधर्मशास्त्रसुरातांथलसभने डोभषला वाटालगाभासभासनेजांतरेल,शजवलुंन्चालाउदानपोटे येशोभील,श्रीग्निघर्भपिशालामालगाग्निधर्मभुतिपुरीधीये | ल,यणगतिलभए मिथ्यात्वा भग्निहर्ष प्राशियल,त्रील्लुत त्वपिज्यातापगालगा तिराश्टा ॥ ढालसातभी॥ ॥ भघुउर मार रहोरेभतथलोगजे शी। ॥श्रीग्निघर्भयाराघियल,री निरसभडित्तशुद्दालवि|| यएतपत्पाहिरियाडीघलीलालेजे पडे विशुहरापालगाश्रीनाथ Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०८ ) नङशीशी सीडयेंट,नाएं सीनें परीजलगाहेब धर्मशुन्नेर्धनेंन्द्र जाहरियें सुशीशीज शाशालणाश्रीणामुजुरे मुद्देव सुधर्मनेल, पर हरि यें विषनेभालना सुगुई सुहेब सुधर्भनें, श्रहीयें ग्नभृततेमा आल श्रीणाभूष धर्मतो नि उह्योल, समहित सुरती स्नेहशालनालवल वसुज संपत्तिथडीन्छ, समडितशुं घरी नेहशानालगाश्रीणासत्तरसेंछत्रीश समेन्छ, नल शुद्धि घ्शभी हीस लगासमति सीत्तरीजेर थील, पुर पाटए। सुरभीशा लगाश्रीगालएानेजुएलावशुं तोसेशोघ्नवियस श्रेयालिनाशांतिहर्ष चान्यङतगोल, उड़े निनहर्ष विनेयाशाला श्रीणा सर्छति॥रा ॥ अथ श्री जाराधनानुं स्तवन ॥ ॥ हो ।सम्स सिद्धियम् सहा, श्रीवीशे निनराया सहगुई सा मिनी सरसती, प्रेमें प्रभुं पाय । शत्रिभुवनपति त्रिशषातगो, नंघ्न गुएागंलीशाशासन नायम्न्गन्यो, वर्द्धमान वड वीर शाशानेषु हिन वीरन्निएहने, थरोडरिपश्एगामाल विङलपना हित लएगी, पूछे गौत मस्वाभिप्रभुक्तिमार्ग आराधियें, उहो डिएापरेश्नरिहंतासुधासर सतववयन रस, लांजेश्री लगवंत मतियार खातोर्धयें, व्रत घरी यें गुरै सामान्य जमायो सयसने, योनि थोराशी साजपाविधिशुं वली वोसिरावियें, पापस्थान अढा राधार शरए। नित्य अनुसरो, निं हो दुरित आया शाशाशुलङरएगी अनुमोहियें, लाव ललोभन आणि श्नएएसए अवसर नाहरी, नवपद न्पो सुन्नए ॥णाशुलगतिश्नाराघन तएगा, जे छे घ्राष्ञधिङाशचित्त जाएगीने नहरो, नेम पाभो लवपाशानार्धति॥उना ॥ ढाल पहेली ॥ ॥ से छिंडि डिहांराजी ॥ खेहेशी ॥ ॥ ज्ञान हरिसए। चरित्र तपवीरन, जे पांधे आयाशाग्नेह ता Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १०५ मेहलव परत्नवनामाप्तोऽयमतियारशाशापाएीज्ञानलयो राजाएगी।वीरवटेश्भवाणीशाप्रागारमोषधीयनहिशुश्चि नयें,जावं घरीषहुभानासूत्रमर्थतदुलयउरीसूघां,लएीथे वहीं अपघानाशापागाज्ञानोपशरण पारीपोथी,ध्वणीनोउवा पीतेहतएी अधीमाशातना,ज्ञानमन्तिनसंलाती।आभाव्य प्रत्याधि विपरीतपणाथी,ज्ञान विराध्युंहामालपपरलरचना लियलयोल,भिछादुडतेहरानापागासभडितल्योशुइल एगी,ग्निवयने शंानविडीने,नविपरमतजलिसाजासाघुतन एी निघपरिहरन्ने,इससदेहभराजशापाप्राणासगाभूळपाव परशंसा,शुगवंतनेभारियोसाभीने धर्मेंडरी थिरता,ल स्ति प्रलापनाउरीयशादापागासगासंघयैत्य प्रासाप्तणोने मवर्गवाहमनज्योगायटेरोनेवएसाड्यो,पिएसंतांणये ज्योशाणापागासगात्साधि विपरीत पएाथी,सभडित जन ज्युंहाजालवगामिछागानापानाचारित्रख्योपित्तमाएगी पायसमितित्रएशुप्तिपिराधि,भाडे प्रवचनभायासाघुतणे धर्भे परमा,अशुद्धवयनमन जयगामाभागायागाभापउने धर्मेसामायिऊ,पोसहभांभनवासीन्यएगापूर्वरेमाडे,प्रवया नभायनपाषीरोगाभागाधानात्याटिङ विपरीतपएगाथी, पारि डोल्युंहाचालकाभिच्छानाशापागायागाजारेलेतपन विघु,छतेयोगे निशताघभैभनवजयाचीरनविशेरा |विणलगतेंरेशापागाथानातपवीर मायारेंगेगीपरें,वि विध विराध्यान्हानालकगामिछानाजाभागाभागावसीय विशेषे चारित्रउरा,सतियारमावोग्यवीर लिएरोसरचयएसुन एीने पापभयलसषिधोयेंरोनापामायाना तिरामा ॥दासजील॥ ॥पृथिवी पाणी तेण,चाणवनस्पतिगामे पांयेथावर उयां। . . . Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ११० ) रिसएभारंना जेवरेजेडीयांचातखावजपाचीयान पाघरमानजनेरांडालोंयाभेडीभालथयावीमामा, लिपगघुपएसमेएगी परें परपगापृथिवीजय पिराधीयान घोयएनाहरा पाएी लीलए जपायाोती धोतीरी दूहन्यां मालाडीपर उँलार,लोहसोचनगशालाऽलुभाखिहालागराने सातापएशेडए वस्त्र निजारपारंगएरांघएरसवती मेएी परेउ धन परेंपरेंउसपीणवाण पिराधीयामक वाडीवनमाशभ,यावी वनस्पतिापान समयूंटीयांभापोंडपा पडीशाऊशेज्यांराडच्यांगण्यांबुंधा माथीयांनापामससीने मेरंड,घाणीपापीनघणा तिलाडिपीलियानाघापीओjभोहि |पीली शेवडीभूषश्वचेचीयांना मस्यिलयहएया हगावीया॥हएतांने मनुभोघीयाममानव परत्नपहावना लिगातेमुलगाशाक्रमी सरभीयांजडा गाडरगंडोला, मेस राजसशीयांवालान्योयूडेस, पियषितरसतएरावतीमा थाणां प्रभुजनांमगाटानेभजेस्यिलयले भेदूहन्याने भु गणद्देहीबूखीज,मांड भंडायडडीडीउँथुनामगलागी यांचीमेल,जनजन्नूरडाशीगोडाघनेडीयांभाभतेरियलचा ले मेंदूच्यातेमुझनापगाभाजीभत्सरशंस,भसापतंगीयाग ||सारीओलियावहानगढीएवीधुतीड,लभरालभरीयोगोंता जाजड भांडीजेपामेभयौरिट्रियलवारेमेंदूनातेमुलगा नसभांनाजीनलल्लयर पूच्यापनमांमृगसंतापीयानाश पीड्यापंजीलवापाडीपासमांपपोपट घाट्यापांगरेजाभपयें। रियलवाने भेगाते मुठगापछातिाउशा ॥ ढासत्रील॥ - ॥ वाएीचाएी हितरीलादेशी। ॥क्रोधखोनलय हासथीलजोल्यांचयनमसत्याड्डा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १११ । री धनपारगंल,तीघांनेहमत्तशाग्निलाशामिछादुमा तुभ साजें महाराणशानिनला सागरशान्निलाभिगाया मेमांडपीच मनुतिर्यथनांल,भैथुन सेव्यांकाविषयार ससंपटपरोलाघएं विरंज्योरेशालिगाशाभिनापरिग्रहनीभ भताउरीन,लपलप भेषीमाथान्ह निहांनीते तिहारहीलो निनावीसाथशारिगाउपाभिगाश्यपी लोग्नरेन्याल,डीपी लक्ष्यमलक्ष्यारसनारसनीखालयल,पापड्यांप्रत्यक्षागि पचाभिगाव्रत विसारीयांलवतीलांज्यां पय्याजागाऽपट हे डिरियारीलाडीघांशापवजाएगानिकापामिनात्रएढाल भाडे पुरेल,मातोयामतिधाराशिवगति माराधनतयोल, |पहेलोजधिरराग्गिाराभिना तिराउठा ॥ढालयोथी॥ ॥साहेसडीनी धेशीपंचमहाव्रतमारोगासाहेवडीनामा थवाप्योव्रतजारतोयथाशतिव्रतमारीसागापालो निरति धारतोपाबतषीचांसलारीयगासानाहियडे घरीय विचारतो पशिवशतिभाराघनतपोासानाजीनेअघिजरतीयशाला वसवेजभावियसागायोनियोराशीसाजतोएभनशुम्हें उरोजा भणांसागाजेशुंरोषनराजतोयास भित्ररी चिंतवासात पोनन्नगोशत्रुतोरागडेषगेमपरिहासागाडीरेंगन्मपरि वतीनासाभीसंघजमापिसाबारे जापनी मतीति तोरासम्म नमुटुंबीजाभणांसागाने ग्निशासनरीतितोपाजभियें। जनजमापियेंगसागानेहरघनोसारतोशिवणतिचाराधन! तयोरासानामेत्रीनेअधिकारतोदाभृषावा हिंसा पोरीसार एघनभूर्णी मेहुन्न तोक्रोध भानभायातृष्णापमानाप्रेमहेष पै शून्यतोणानिधाऽसहनडिलयो सागाजनहीनेभावतोय तिनाति मिथ्यातन्नासानाभायाभोसन्न्नसतोपरा त्रिविषना Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarya Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ११२ ) त्रिविधवोसिरापियसागापापस्थान सदारतोगशिवगतिजारान घन तपासागायोथोअघिकारतोपातिउता ॥ढास पांयभी॥ ॥ हवे निसुएोहांजाचीया गानेशी॥ | ॥स्नभराभर उरीमेमेसंसारभसारतोउत्यांउभ|| सहसनुलवेजेओनराजगहारतीपाशरए मरिहंतनुं गे,शरएसिध्यलगततोशरएघर्भश्रीननोमेसाघुशरना एशुराततोशामवर मोहसविपरिहरी, पारशरए पित्त धिारतोशिवणतिभाराधनतगोमेजेपन्यभोजघिरतोष मालवपरनवरेत्यांचे पापडडेलाजतोपनामसाणेते|| निघीये,पडिअभीयेंगुइसाजतोगामिथ्याभतिवाविजां मेनेलाण्यांणसूत्रतोपभतिज्यग्रहनेवशेअचसीथाप्यांन जित्सूत्रतोपाध्यां घडाव्यांपणांघरटीहराथीमारन तोगलवलवभेसीमूहीभांगे,उरतालवसंहारतोहापापीने | पोषिधांमेलनमग्नमपरिचारतोगनिमांतर पोहोतापछी मे, गर्छनडीधीसारतोशामालब परनवरेत्यांशेनेभाज घिउरएमने तो त्रिवि त्रिविधं वोसरापीयेंभे,भागी हट यविडतोबादादुकृत निघाभरीने,पापड्यांपरिहारतो पशिवगतिमाराधनतपोजेजेछटोजपिडारतालातिउप ॥ढासछही॥ ॥जाहितुंब्नेछुनेजापगीराजेशी॥ ॥धन्य धन्यतेनिभाएरो, व्हिांडीघोघाघनशीयसत पजारीटाप्यांदुष्ठभागापाशमुन्नहिउतीर्थनीने डीधीयात्रा युगन्निवर पूलया,चसी पोज्यां पात्राघमाशापुस्तउज्ञान जाबीयां,निराहर गिरायैत्यासंघयतुर्विध सापच्या,मेसातेजेन एपगारापडिभगांभुपरेंउस्यां, मनुपा घनाासाघुसूरिणव Jed! Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarie Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ११७ ) डायनें,टोघांजहुमानाचगानाधान मनुभोहिय,भवारोवा शाशिवराति भाराधनतयो,मेसातभोमपिशाचगापालावल्य लोभनभाएीय चित्तभागीमभासमतालावेलाचीये,जेमातम रामाधनायासुजपुःजारएलचने,ओईमचरनहोयार्भमा |पले जान्यस्यां,लोगवियें सोयाघगाणासभता विएशनुसरे, पाएी पुएयममाघारिपरतेपींपरांजर चित्रामाघनायालाय लसीपालावी,मेघर्भनोसाशाशिवशतिभाराघनतयो,मेभाधा मोअधिाराधिनाला तिा ॥ढाससातभी॥ रेवतशिरि पगाजेशीहवे अवसरन्नगी,उरीयें संवेषएसाशाभरासामारीये पयज्जीयाराहाशालतासपिम् डी,छांडीभभतागंगामेभातमजेले,समताज्ञानतरंगापागतिया। डीघा,माहार अनंत निःशंडपए तृप्तिनपान्यो,ळ्यपालपीमोरंग दुसहोवतीवसी,मएसएनोपरिणामामेथीपाभीनें,शिवपघसुर पहाभाशापनघनाशालीन,जंघो भेषभाशामएसराजारा घी,पान्यालवनोपाराशिवभरिन्न, उरी मेजवतागामाराधन्य उिरो,मेनवमोजधिमाशाशमेअघिमारे,महामंत्रनवायाभनथी नविभूमो,शिवसुजससहाशाखेन्पतांनो,तिशेष विनाशा सुपरें भेसभरो,यजीपूरचनोसाचारमांतरेंन्नता,न्ने पाभेनव जातोपातशाषी,पाभे सुरमयताशा नवपदृसरिजोभंत्रन साराहलवने परल,सुजसंपत्ति घताराप्पान्नुभोलीपली |लडी रानराणीथायानवपघमहिभाथी,रानसिंह महाशयाशएी| रतनवती हु,पाभ्याछेसुरलोगामेडलवथीलेशे,सिद्धबघूसंयोग राशाश्रीमतीने वषी,भंत्रश्योततलापिघर हीटीने प्रगटय पिभाषाशिभरें योगी,सोचनपुरसोडीघानेभनेणेभंत्रे, नघणानां सिद्धाणानेशश्नधिहारें,चीररियेसरलांज्योगाभारा in Educationa International For Personal and Private Use Only wwwajainelibrarlborg Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - चनउरो,विधिचित्तमांराज्योगाते२पाप पजाली,लवलय पूरे नायोगाग्निविनय उरंतां,सुभति अमृतरसथायोगदातिए ॥ढासमा भी। ॥ नमोलपिलावशंभेगमे देशी॥ . ॥सिद्धारथरायसनियोमे, त्रिशलाभात मल्हारनोजवनीत तुमेंभवतयाजे,श्यामभणपगारााशाग्यो ग्निवीरलमा म पराधज्याघपानेडेहेनांनहुं पारती तुभयरणें भाज्यालगी नेतारे तोतारााशारगानाशीनेजावीमोमे,तुभयरगम हारान्तोगमाव्यानेणवेजशोमे,तोडेभरहेरोषागाठागार्मम खूपएमाऽरांगेन्मभरएनलतोहुंकुंमेथी पिलश्योगे, णेऽवीवघ्यावाचामाभागभनोरथ मुइयामेनाहांपुज रोखतातूोनियोवीशमोने,प्रशस्योपुएयऽस्सोलापागा लबलप विनयतुभारोमेलापत्लन्तितुभपायतोवघ्याडरी घलयेने,जोयजीर सुपसायदानापति . सशाध्यतरएतारणसुगति गरा,दुजनिरारएल्ग न्योपत्रीचीर निवरपराथुरातां,अघिमनलटथयोपानी चिल्यध्वसूरि पटघर,तीरथगमजेशीरपतपगपति श्री चिन्यालसरिसूरितेनेजगभगाशात्रीहीरविल्यसूरिशिष्यवा यऊ,डीर्तिविग्यसुरशुश्सभोपातसशिष्यवाय विनयविल्ये,थुएयो नियोबीशमोगासर्पसत्तरसंवतमोगएत्रीरों,हीरांघरयोमा समापिन्यशभी विन्यारण,डियोगुएमल्यासमानानर लवमाराधनसिडिसाधनासुस्तपीलविलासमानिशहेतेस्त पनरपियुंना पुएयप्रसाराभेगपातिप्रीचीरग्निमा राधनारूप पुएयजशस्तवनसंपूर्णउटा श्योपण - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ११५ ) ॥ अथ श्रीज्ञानपंयभीतुंस्तवन ॥ ॥पुएयप्रशंसीयगानेशीसुतसिहारथल्लूपनोरे,सिहारथा लगवानाजारहपरजधामागचेरेलांजेश्रीपईभानोरोपालविय एचित्तधामनग्यायमभायोरे,ज्ञानलगतिशतभेमाऽपीए शुगुमनंतभातमतगारे,भुज्यपरो तिहां यातेमांपए ज्ञानग्यडू शानिएयीसएलोयशाशालगाज्ञाने चारित्रगुणुवघेरे,ज्ञाने द्योतसहायाजाने थिचिरपर्युसहेरे,माथाररणवजायशाला ज्ञानी श्वासोच्छासमांरे,उडिणुउरभउरेनाशाचन्हिन्मघएरहे। रक्षामांन्योति प्रकाशोशाचालनाप्रथमज्ञान पछे घ्यारे,संवर मोह विनाशाशुएाएंगपशथालीयेंरे, म चढे भोक्षाचासोरे एपालगामर्श सुभमोहिभएपन्ग्यारे,पंचभडेचव ज्ञानायिण Sणाश्रुतमेऊछेरेस्वपर भडाश निधानपदालगातेहनांसाधन उह्यांरे,पारी पुस्तमाधिशासजेसजावेसायवेरे,घी घरीम प्रभाोरेगालगा त्रिविधमाशातनाले रेरे,लएतांउरेग्नंतराय एजंघाजेहेराजोजडारे,सुंगा पांगुलाथायगानालगालएतांशु एतांनभावडेरे, नभलेवट्सलपीन्गाराभीवरत्तपरेंरेज्ञान विराधनजीगशालामगाप्रेमें पूछे परजहारे प्रगभीन्णशु पाय |पशुरामंसी बरतनोरे,उरोअघिजार पसायोरेनालगाति ॥ढालजील। ॥ उपूर होये मतिजसोदेशी ॥ ॥षुद्दीपनालरतमारे,नयर पध्मपुरजासामन्तिसेनरा नतिरेरापीयशोभतीतासरोशाभाएगीमाराघोचरज्ञाना हुन् मुत्ति निधनपाएगीनामेमांडपीचरहत्तउंचरतेहनोरे,वि नयाहि गुणवंतापितरेंलएवाभूडिभोरे, माहवरसबहुंत रोग पशाप्राणापंडितयत्नउरेघपोरे, छात्रलगावए हेताक्षर ग्रेड नगावडेरेग्रंथतपीशीयेतशालाप्रागाोटेंच्यापी ट्रेडीरे,रान In Educationa International . For Personal and Private Use Only www.jainelibrari Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (११९ ) राएीसथिता श्रेष्ठीतेहीनियरमारे,सिंहघसघनवंतरानाभागप पूरनिलागेहिनीरेशीलेंशोनितमंगाणुरामगीतसजेटडीरे, भुगीरोगव्यंगशापापागाशोलचरषनी साथरे,पाभी यौचनचे शापुर्नग परापरऐनहींरेभात पिताघरेजेगाभागातेऐन क्सरेंगद्यानमारे, विन्यसेनगएघाशाज्ञानश्यएरयंपायरे,य रए उरएव्रतधाराणाप्राज्यवनपालउलूपासनेरे,शीघवधार्थ नभयतुरंगीसेन्यासलरे,वंहनन्नवेतामगाटापागाधर्मशन नासालखेरे,पुरन्नसहितनरेशावितभितनयएवघ्नमुघरे,न हिंप्रमाप्रवेशशफामानाज्ञान विराधनपरलारेभूरज पर माघीनारोशंपीड्याटसवलेरेशीसेदुःजीयाधीनरोगप्रागाजपा निसारसंसारमारे,ज्ञान परभसुजहेताज्ञानपिनागवारेन लहेतत्त्वसंतरोपकानागाश्रेष्टी पूछे भुमिंटनेरे,लांजो उपाचं पशुएभरी भुरजंगलरेचराचिरतंतरापशापागाईवि ॥ढासत्रील॥ ॥सूरती महिनानी देशीभां। ॥घातडीजंजालरतभा,जेटउनयर सुहाभाग्यवहारी ग्नि चिछे,घरपीसुंधरीनामातामंगल पांयसोयाभणा,पुत्रीयतुराना पारापंडित पासेंशीजवा,तातेंभूश्याकुमाराराशाजापस्वत्लाराम तें,उरतांघहाडान्नयापंडित भारत्यारे,मामागपउहेमायाआसुं घरीसुजिएी शीजये,लएवानुनहीं सभापंड्योभावेतेऽवा,तोनस हएन्योतामानापाटीजडियासेजएा,जाबीघांराजाराहनेन पियानपिश्ये, मारहाने राजपापाडापरेंमोहोरथया,उंन्या नहीयेयाशेठ सुरासुंधरी,मेतुन उरएीन्नेयापत्रहीन लांजेलामिनी,राजापनाहोयापुत्री होये भातनी,न्नऐछेसह गेयाणारेरे पापिणीसापिएी,सामाजोलभमोलारीसाखीउहे। ताहरो,पापीलाप निरोपाटगाशेडें भारीसुंघरीपरीततजेवाय Il Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तुम्जेीीपनी,ज्ञानविराधनहेवाटाभूळगतगुणमंन्री,लनिसन भरण पामिाज्ञान धीचाऽर सायो,शुश्नेउले शिरनाभिागाशेठउहे सुयो स्वाभी,उभन्नयेमेरोगााशुश्उहे ज्ञानमाराघो साघोवंछितयोगा। जिब्बत पंचमीसेवो,पंथवरसपंथभासानभोनाएस्सगाएंगयो योविहारणपवासाशापूरवणत्तरसन्मुज,पियें होयहुन्नसापुस्ता उभागलढोयें, घान्य श्वाहिशीघशाआधीचोपयडीवटतयोसाथिनो भंगहापोसहभांनीश,तेएविधि पाराहात अथवासौलाग्यपंपभी,जीन्सात्तिभासालयन्लवसरोंसेवीय जिगभगा विधिजासापतिा ॥ढासयोथी॥ ॥जेचीशानी देशीभां॥ ॥पायपोथीरे, ध्यपी पाहां विटांगणापाणोजी घेर रे, पाटीपाटलावरतणांमसीजगतरे,गंजीजडियालेजिगीराज वपीडाजवीरे,न्यंभाप्ररभरपुंगीपात्रुटछाप्रासाप्रतिभाता सलूजए,डेसरथंडनडाजसीवासपिवाषाडूंची,जंगलुहणांछ नडीपशयातीभंगवीवो भारतिने घूपणापरवषाभुहपत्ती || साभीवछत,नोडरवावीथापनाशाढाषाज्ञान घरिसरारे चरण नांसाधन उमांगतपसंयुतरे,शुभंन्रीसद्दयांनृपपूछेरे, वरहत भरने मंगरोरोगीपनोरे,ऽचएउरभनालंगशालात्रु टडामुनिराग्लासेन्जुद्दीलरत सिंहपुर गाभाच्यवहारी वस तासनंघ्न,सुसार सुध्वनाभवनमाहेश्भतां होयषंधक, एययोगेशुभष्यावैराश्यपाभीलोगवाभी,घर्भघाभिसंवस्या गाढापालघुषांघवरे,गुणवंतशुईपची सहेपिएसय भुनिनी रिसारएवारए नितुहियोगेंरेजशुलणघ्यथयोअन्य पासंथारेरे,पोरिसीलएी पोट्योयापपत्रुटासर्वधातिनिधी व्यापी,साघुभागेचायणांराणघभांअंतशयथातांसूरिहमाभन Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११८ ) पांज्ञानणपर देषनग्यो,लाग्यो मिथ्यालूतडोपुएयममृतढोली नाज्युलस्योपापतयो घडीगादशाठाषामनायितरेरे, मुरषाणुंपा पश्रुतमल्यासोरे,तोनेवडोसंतापशामुग्रजांघबरे,लोयएसय सुशाभूरजनारेमागुणमुजणग्यागात्रुटबाजारवास रओ मुनिने,चायणा हीधीनहींगनशुलध्याने जायुपूरी,लूपतुरनं घ्नसही।ज्ञानविराधन भूठडपएंगेटनी येनसही रहजाघर भानसरवर हंसगति पान्योसही टाढालापरस्त्तनेरे, भतिसभरणा पालवडीडरे,गुरप्रणभीउद्देशुलमनोगाघन्यशुइलरे ज्ञान ग्यत्रयीवाणुरामवशुएरेलासनगपरवप्नात्रुटका ज्ञानपावन सिद्दिसाधनाज्ञानहोउभजावडेगार हेतपथी पापना से,टाढत्मघनतावडालूपपलणे पुत्रने प्रत्युत्तपनीशतिनवडी/ पशुउद्देपंथभीतपाराघोसंपघष्योवडीया ति॥ ॥ ढाल पांयभी॥ ॥भेडीरंगपागोतामेघशी। ॥सशुश्वयएसुघारसेरेलेहीसातेघातातपशुरंगपागपे। पशुएभनीवरत्तनोरे,नाहोरोगमिथ्यात्वातनाशायभीतपभ हिमाघपोरे पसत्यो महीयतमाहीतगाउंन्यासहस सयंवरारेवर तपरएथोत्यांहीगातगाशालूपेंडीघो पाटवीरेमापथयोभुनिलूपा पतगालीभांतिशुण्डरीरे, बरहत्त रविशशिरूपातगाराररमा रभणीतगारे,लोगवेलोगजंडातगावरसें वरसे पोग्वेरे, पंचन भीतेप्रथंडातमांचालुन्तलीगीथयोसंग्भीरे,पाखेवतजटाया तगागुएराभंगरी नियंहनेरे,परगावे निन्तायातनापासुजन पिलसीथई माधवीरे, वैल्यंतेंधेय चातगावरत्तपएणपनोरे, व्हिांसीभंघरध्वातनापामभरसेनरालघरे रे गुणवंतनारीपे टातगालक्षए सक्षितरायने रे,पुए डीघोलेसातगाजाशूरसेन रानभधोरेशोउंन्यालरताशातगासीनंघरसाभीउनेरेसारी Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११ ) विभीनधिजारातगाटाातिहा पणतेतपमाप्स्युरेषोऽसहितला पासातगाशहलरवरसांलगेरे पालेराव्यणिधारातगामाचार माहात थोपशुंरे,श्रीग्निपरने पासातगाडेचलघरमुन्तिगयोरे, साहिमनंत निवासातगापणारभणीविग्यशुनापुनीरेषुविटेहम माशातगाजभरसिंह महीपासनेरे,मभरावती घरनाता विग्यंत थहीयवीरे,शुएभन्मीनोळयातनाभानसरसमहंस सोरे,नाभवत्युंसुचीयरातमापशादीशे वरसेंशम्पीरे,सहसयो राशीपुत्रातमालाजपूरवसमताघरेरे,उंचवज्ञान पवित्रालय पापंचमीतप महिभाविषेरे,लांजे निरअघिअशातगारेगने हथी शिवपहलघुरे,तेनेतसीपाशातगापना पति ॥ ढाल छही॥ ॥ उरउंडुने उचंदृया घशी॥ ॥योवीशचारवाईचारीलातायोवीशभो नियंरे पहुंवारीखालाप्रगट्योपाएंतस्वर्गयी।हुंगाशिवाजीरसुजाच शाहुपामाहावीरनेवघ्नाहुंगामेमांडपीपंपभीगतिने |साघवाहुंगायमनाए विलासरााहुंगामाहानिशीथ सिद्धांतभा पहुंगापंपभीतपमहाशाहुंगाशाअपराधीपाइयोताहुंगाय जेशिजोसापरेराहुंगायज्ञरताजांलएाहुंगासरजाडीघालाप शाहुंगादेवानंघजाह्मएहुंगारिजात्तवली विपराहुंगा ज्याशी हिचससंजंघथीयुटुंगाअभितपूयो क्षिप्रशाहुंगानार्भशेण नेटापागासविऔषधनोनएराइंगामात्यो भाशाघ शाहुंगामुग्णपरहिताणाहुंगापाामी विग्यसिंहसूरीम नोहुनासत्यपिन्य पन्यागाहुंगाशिष्यम्पूरपिन्न्यऽपिराहुंगाय घडिरपासन्नसराहुंगादापासपंथासरासान्निध्याहुंगाजि भाविष्यणुश्नामशाहुंगाग्निविन्य उहे मुन्हनेण्डंगापंचमी तपपरिगाभरहुंगाणालशपथ्यवीरवायड विश्वनायह - !lin Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirrg Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२० ) सिद्धि छायङ संस्तव्यो । पंचमी तप संस्तवन टोडर, शुंथी बिनउंहेंडव्यो। पुएय पाटए। क्षेत्रमांहे, सत्तर त्राएां संवत्सरें ।। श्री पार्श्वनन्म छुट्याए। हिवसें, सडस लविमंगल हरेर्धीत ॥ अथ साहिन्नि स्तवन ॥ ॥ गरजानी देशीमांसाहिन्निएह अरिहंतापलुनम नेरेातुमें यो रिसन महारान्गाशुं हुं तुभनेरे ॥खाह पहोरमां जेऽघडी ॥ प्रवासाण्यं तमारे ध्यानपशुंगाथा मधुडरने भन भाल तीनान्भिभोराने भन मेहाशुंगा सीताने भन रामनामनाते भवाध्यो तुभशुंनेहाशुगाशारोहिणीने मन हलामिणावसी रेवा ये गन्ग्रान्गाथुंगा समय समय प्रलु सांलरे ॥ प्रनाभनडाभां महाराज्याशुंगा आनिःस्नेही थर्ध नविछूटीयें ॥मनाश्एशानंद उड़ायो शु पशुए श्वशुए। न्नेता रजे मनातोतारम् डेभदुहाजो॥शुंगानार सागी अलुपनी||नामुनेनगभे जीळ वाता शुंगाबाह्ये वातजने नहीं ।प्रनाभसीयें भूडी ल्यांताशुंगापासेवे चिंतामणि सेना तो त्रिभुवन नाथा शुंगाशी वातें छोड़ नहीं ॥ प्रणाहवेजाच्या भु हाथाशुंगााभुहनीवात भूडी परी॥ प्रनान्भिन्नगो निभ नाराशु सहगुई सुंदर उविरायनो ॥ त्रनापद्मने प्रलुशुं प्याशाशुंगानार्धति ॥ जथ सिद्धयक स्तवन ॥ ॥ श्नवसर पाभीने रे, डीजें नव सांजिसनी खोसी ॥ भोली हर तांनापनये, ऋद्धि सिद्धि सहियें जहुली ॥ञ्जनाशास्त्राशीने थैनें जाहरशुं, सातमधी संलासीरे ॥ नासस मेहेली आंबिलडरशेत स घर नित्य हीवासी ॥जणाशा पूनमने हिन पूरी थाते, प्रमेशुं प जासी रे ॥ सिद्धयकने शुद्ध नाराधी, लपलपेप भाली।नगाआ हेहेरे नर्धने हेवब्लुहारो, श्नाहेसर अरिहंत रेशयोवीशे याहीने पूले For Personal and Private Use Only www.jainelibraryatrg Educationa International Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२१ । लायेशूलगवंतामणानाजेटपडिनुभयुंजोत्या,ध्वनत्रए लगाश्रीश्रीपाल तगीपरेंसमलायित्तमांराजोपाखामगापासभा डितपाभीअंतरन्नभी माराघोडांतशास्याहापंथे संथरता,जाये लवनोअंताजगादासत्तरथोराएयें शुहियैत्रीयें, जारशेजनावी || शासियकगातांसुजसंपत्ति, थालीने घेरमावीमगाजाणध्यर तनवायजीपशे,न्नरनारी चालेरेशालवनीलाबहतेलाळने,मु| निपुरिमा भाखामगाटा तिा ॥अथ पूनविधिमाश्रयीश्रीसुरिधिग्नि स्तचन॥ | ॥थोपानीद्देशीभासुविधिनाथनी पूनसार,उरतांसघणे व्यन्याराबनी विधिधारोसही श्रीलगशास्त्रउहीपपपपूर्व सन्मुजम्नानमारो पश्चिमष्टिशिरहीघतएवाणित्तरेचस्त्र पहेंगे सही,पूलेणत्तर पूरव जरही शाघरमांपेक्षतांचा लागरासर रचानोलाणा ढहायलूभिथीडीये गथुनीथुसहथीवर योगा प्रवणत्तरभुजपूलन्नए,जील हिशेंभेउरतांहानपणपूलनो विधिजेहापिपिरतांहोयनितोहातापगग्धानेहाथषेतपी, नंला भस्तउनी पापभीलपीरालासाउंडहध्यमेन्नएजरें नवचं निखऽजाएगपायिन विए पूलनविहोय पासपूनमलातेंन्नेयाप उसुभपून मध्यान्हें उरो,सांघुपटीपमाटरोराघूपणजेवोगले पास,गभणेपासेंधीपप्रडाशााढोएएमांगलभूसही, पैत्यवंहनये घक्षिएरहाणााथथडीरेलूभियपडे,पगलागेमलीनभानाभ स्तऽथी युपरिहरी नानीथडीनीयुंभतरोपाडीडे जाधूनलयें | सानेभसाधि ढोध्यें अभूतास पांजडीनपिछी उनिडाज हियेनविलेीयामागंधधूपभाजेभाएीयें सटीपजति श्ख नएीयपाएीमाभुंसुंरसही,जाहप्रहारी पूलही पणाशां निशरएणीवसवनपालभारणें पीतपवित्रापयरीलंपवाप In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२२ ) हेरो श्याम, रातुं वस्त्र ते मंगल अभ ॥१॥ पंच वरए। वस्त्र होय सिद्ध, जं डित सांध्यां वस्त्र निषिद्धपद्मासनने भौनें रही, भुजोश पून्नविधिही आशा से विधि पून्नडीनें सहा, निभ पामीनें सुजसंपतानानंहविभव पंडितनो हास, प्रीतिपिन्य प्रएाभे बीएलास ॥१३॥ र्धति॥आ ।। जय अष्टापदृतीर्थ स्तवन ॥ ॥ तीरथ अष्टापद्य नित्य नभीयें, न्यां ग्निवर पीबीशलाभ शिभय जिंज लराव्यांलरतें, ते चंदूं नित्य ही सणाती गावानिनि बहु प्रभाएंगें भूरति हीहडे मनडुं मोहेला पत्तारि अहस होय घेणी परें, ग्नियोवीशे सोहेलाती गाशाजनीश डप्रेशनो पर्वत डीयो, जा इतिहां पावडीयो लाग्नडेडी पैडीडोश प्रभाएंगे, नविन्नयेोर्ध थडीयो लातीगाआगीतमस्वामी यडीया सचें, चांद्यान्नि धोवीश छान गयितामणि स्तवन त्यांडी धुं, पूगी भननी नगीशळातीगानातट्टूल वमोक्षणाभिने मानव, जे तीरथने वांहेलरंधा विद्यायारावां हे, तेती सज्धि प्रसाहेगा तीगापााशाह सहस सुतसगनचिक्रीना जेतीरथसेवंतालाजारभाहेबखोडे ते पोहोता, सेहेशे सुजग्जनंता छातीगााउंधनभय प्रासाद हांछे, चंदन श्वा योग्यलाग्जेज घिडार छे खावश्यडसूत्रे, ब्लेन्जे हर्ध डीपयोग गातीनाजान्हां जाहेसर भुक्तें पोहोता, ग्जविन्यस तीरथ स्नेहन्यान्शवंतसागर शिष्य पयंपे, निनं वद्यते नेहुतीगाला पछताना ॥ अथ सीमंधर निग्न स्तवन ॥ ॥ शसूडाना रागमां ॥ ॥ धूपैय्योते जासुंरोडो, महारा वासाकरे ॥ जे देशी ॥ ॥ मनडुंते महारं भोले, महारा वासाकरे ॥ ससिहर साथेंसं हेश, नईने उहेने महारावासालरेशने भांडी लरतना लस्तने an Educationa International For Personal and Private Use Only Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२३ । तास्वामहालाचार भागोने आशामायालुलचसो सापतीमहागामहाविद्येहजेत्रमनाशाजापुरीराने पुंडरिगिए| एमहागान्हिां पत्नुनोमवतारानाशाश्रीसीमंघरसाहेजारामत चियरंतावीतरागानमनापडिजोहोजागीनगाभहानातहनोपा भएतागानाभनन्नएणडीमामहागापए पोतेंनहीं पा जाळगालगवंततुभन्नेवालगीमहागाजपन्ने घरेछेजांजागा नानादुर्गभनहोराडूंगरामहामानहीनासानोनहीं पारागा घारीनी मांटीलपी महागामाटवीपंथमपासनापारोडी सोने येगशीमहागाउश्नारोनहींओयापनापशवीमोउन भोडj महागाहोंशतो नित्यनवलीहोया/गावालगँलेजभांगमहाल साजगभेशलिलाषा नातभेन्नमांतेसहोमहागानुनभन पूरेछेसाजानाशाषोडषोऽ सपनामहागाभांतुभेजे नपाईनान्नएमागेशुंग्याषीय भागाजाजरजभेजन्नए पळवाटावायणघ्यनी विनति महागाससिहर ज्या संदेशान एभानीसेनेभागामहागापस्तिपूर विदेशाग्छन्गामाताहरण - ॥ जय श्रीयुगभंघरग्निस्तवन । ॥भरनी देशीभांगियापाभीमतिडूडी,पोजनहींरेमा डी,लपिनहीं येडीगाश्रीयुगभंघरने उन्नाघिसुतविनत जसुएब्नेशात्रीयुगगामेमांगीतुमसेवाभांहेसुरहोडीते भाषेनेडोडी,माशइसे पातउमोडाभीयुगगाशाजभस भयभांमेलरतें,जतिशयनागीनविचरते,उहीयेंउहोओएसाल्पा सतेगाश्रीयुगलागावणंसुजीयातुभनाभे,नयां घस्सिएनपि पाभे,भेतोगडानोडा गाश्रीयुशगानाधार मांगलजंतररेहे। बुंशोऽडवीनी परेंदुःजसहे प्रलुपिनाउओएमागपडईशाश्री युगगापामहोगभेषऽरीमापे,जेहुने तोपरीथापे,सन्न्नन्स - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२४ ) म्यमांच्यापेगाश्रीयुगगादाजेहुनोभेमतोथावेडेचषनारानुगल पावेतोसविचातजनीमावेशाश्रीयुगगाजागांच्छनागतिगा| भी पियरे विपविन्यस्वाभीनयरी विन्यायुएघाभीशाश्रीयुगगाटा भात सुताशयनयोसुदृढनरपति सभायो,पंडित ग्निपिण्ये गायो शिाश्रीयुगनाफा तिरा । - ॥जथनेभिग्नि स्तवन । ॥गरमानीशीभांपळने रहेन्ने भाहारावालालरे,श्रीगिरस नारनेगोजाळनेगाजपएतिहाभावीशंगाभाहाराणानिहारें पाभीशुन्नेजानातान्ननलेऽनूनेगामाहागामाच्यांतोरण मापनापशुजांपेजीपाछावण्यामाहागान्नतांनीघोरजा पानगाशासुंघरापरासारिजाभाहलानेतांनहीं भलेन्डा छनाजोल्याभएजोल्याउभाहागाभेचातेंतमने जोडावार हुंरागीतुंवैरागीजोगाभाहानाम्गमांन्नएरोसोयानमगाराणीतो। सागीरहेमाहागावैरागीराशीनहोयाईनान्यवरजीनेहुंनदि वशामाहागासघवा भेहेसी सवाागाभोहनीयाने मे भतीमा हागामहोरासाथेश्योवाहाळगापागढनो मेडगिरनारामा हानानिरतोछेजेउश्रीनेभागारभणीरालमतीमाहान/ पूरोपाऽयोनेणें प्रेमाननाशापायीध्यवीरनामानामानी सिन्नेमहारान्गाळनानेभरानुसभुप्तें भल्याभाहाना सारयांना तमगागागाति। ॥ अथ जीग्लुंस्तरन । ॥ इतमल पाएगीजनेन्नया घशी।। एभीशारभाय,शासनवीरसुहं डूलाजीनतिथिगुए, गहारोलवियएसुंधलापानिपत्याउल्याए, विवरीने In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२५ ) . हुँतेसुणोलामाहाशुटिजी-मरा,ममलिनंनतपोलाशा श्रावएशुहिनीहोजी,सुभतिपच्यासुरखोऽथीलातारएलवोधि तेहतसपसेवे सुरथोऽथीलाासभेतशिजर शुलहाएशमा शीतपग्निगांलाथैत्रपस्निीहोजीरावच्या भुस्तितससुजघणु। लगानाशःशुन भासनीजीलणत्तमन्वसभासनीलामरनाथ-| तसयवन,उर्भक्षयेंतवपासनीलाचाणित्तभमाघरभासयुधिषी वासुपूज्यनोलाजेहिनिउचखनाया,शरएशे ग्निराग्नो ब्लाउरणीपशेषत,सभडिन परोपो तिहांलगजातसहिरि याहोन्नए,जेड समतारी निहालाणाणपशभतद्रूपनीरसमा छित्तोड प्रगट होवेलासंतोषजरीनहोवाड,परयजाएव्रतयो सोहेलगाटानासे उभरिपुयोर,समडितक्षयोतिहांलाभां रजनुलवरूपाणतरे चारित्रइस निहांलामाशांतिसुधारसा री पानउरीसुजवीलोळातंजोल समस्योस्खालचनेसंतोष रस हिलमेंलपणाजीगरोजाचीशभास,जष्टीजावीशभास नीळायोविहारीपवास,पाखियेशीलवसुधासनीलपपाणाव श्योयवारपडिसेहएघेयषीळयेलााध्वघ्नत्रए सामन वडायायेंडीलयलाशाजन्मांशुलपित्त,उरीघरीयेंसंयो गयीलाग्निवापीरसम्भ,पीलयेंश्रुतणपयोगथीलापराने णि विधऽरिये होषीलरागने देष गरीलाचल पहपहितास, चरेभुस्तिरीसटघरीलाचाग्निपूनगुइलन्ति, विनयउरीसेवो सघळापनविग्यनी शिष्यालन्तिपानेसुजसंपघलाप - ॥ जय पंयमीनूपपुस्तवन । [पंयभीतपत उरोरे प्राणी,भपामो निर्भपज्ञानरेप हेसुंज्ञानने पछी किया,नहिं डओज्ञानसभानगपंचमी पानं घिीसूत्रभांज्ञानवजाएy,ज्ञानना पायप्रकाराभतिश्रुतजवपिन Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२५ ) ने भनः पर्यव, डेवल जे बीहाररेणापंथ भीगाशामति नगावीशश्रुति श्रीहह वीश, जवधिछे जसंज्य प्रहाररे ॥होय ले हेभनः पर्यवहा ज्युं, डेवल रोड बीहार रे॥पंचमीनाआह सूर्य ग्रह नक्षत्रतारा, जें स्थी जेड जपाररे ॥डेवल ज्ञान समुंनहिं डोर्घ, सोडासोङ प्रकाशरे । पंचमीगानापारसनाथ प्रसाद झरीने, म्हारी पूरोठीमेहरे ॥समय सुंदर उहे हुपए। पाभुं, ज्ञाननी पांयमो लेहरे गापयमीनापति ॥ अथ श्री अष्टमीनुंस्तवन ॥ ।। हारे मारे ठाम घरमना, साडा पथिवीश देशलेगा हीपेरेत्यांहेश भगध सहुभां शिरेरेसो । हारे मारे नगरी तेहमां, राज्यही सुविशेष नेराने रेत्यां श्रेणिक, गाने गनपरे रे सो ॥शाहारे मारेगामनगर पुर पावन उरता नाथने ॥ वियरंता निहां जावी वीर सभोसयारे लोहांगा थडीह सहस्स मुनिवरना साधें साधने॥सुधारेतपसंय भशियसे ग्नसंस्थांरेषो ।शाहांना या रसलर भूस्या जंज जने॥न्नएं रेगुएाशीष वन हसि रोमं थी जो रे जो ॥हांगावायाचाय सुवाय तिहां जविषंजन्नेवासेंरे परिमल यिहुं पासे संविग्नोरेलो आहांगाहेव चतुर्विध नावे डोडा डोडले।। त्रिगडुंरे भणि हेभरन्तनुं तेरपैरे बो। हांगायोश सुरपति सेवे होडाहोडने । जागे रेश्सला हाणी नये रेसो ॥ हांगामणिभय हेम सिंहासन जेठा आपने ढाले रेसुर चाभर मणिरत्नें न्यारे सो हांगा सुएतां दुंदुलिनाहरसे सवितापन्ने वरसेरे सुर ल सरसन्ननु अड्यांरेलो ॥ हांगाताने तेने गानें धन ने भजने ॥शिनेरे निनरान समाने धर्मने रे सो हांगा निरजी हरजी खावेन्न मनसुंजले । पोपेरे रस न पडे घोषैलर्भमारे सोझा हांगामागमन्नएसी ग्निनो श्रेणिङराय लेाब्योरे परिवरि यो हयगय रथ पायगें रे सोता हांगाह महक्षिणा वंहि जेही हायले॥ सुएावारे न्निवाएगी मोटे लायगें रे सो। जहांगा त्रिभुवन नाथ साथ Educationa International For Personal and Private Use Only Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - ( १२७ ) उतवलगवंतन्नामागीरेन्नईया धर्मऽथा उहेरेखोराहांगासहरून विरोध विसारीन्णनान्तन्नासुएवारे निवाणी मनभांगहगहेरेखोदा ॥ढासजील॥ ॥ वालिभवहेसारे भावन्नामे देशी॥ ॥वीरग्निवर मेमजीपटिशे,सालसोचतुरसुन्नए शाभोहनी निभांशंपडोजोलजोधर्भनांठाएशाविरतिमेसुभतिघरीमा तामेमांडपी।परिहलो विषयघायरेबापडायपरभाध्थी। पिजे गतिभांघायशाविनाशाउरीशओघर्भरएीसानोडरोजे|| गपटेशशासर्पडा उरीनविशशे,तोउरो पर्व सुविशेषारिगाउन चूनापर्वषटनामां,इसघांमागभन्नेयरेसवयनमानुसारें भाग धितां सर्वथा सिदिसिहोयराविणाचालयनेयायुपरमवतांति थिरिने जंघहोयप्रायशातहलपिमहमाराघतां प्राणिमोसशति मयुरेविगापातेहवेमष्टभीखतिहां पूछेगौतभस्वाभालविड तरुवन्नएवापरणे, हेचीर प्रलुताभरेगविनाशाअष्टभहासिद्धिको यहथी,संपघमानी वृदिरोगजुहिना माहगुएसंपने मेथी माहगुएसिद्धिविगाणालालहोयभाउपडिहारनो,जह पपथए। इस होयशानाशभाउभनो भूलथी,मष्टभीनुसब्नेयशालिगाटा जाहिन्निन्मदीक्षातगो,अनितनोमल्याएशाग्यवनसंलगा तयोमेहतिथे,मलिनंहनानिएगा विनालासुभतिसुव्रतनभिन नभीयानेभनो मुन्तिटिननगशापासग्निमेह तिथे सिद्धता,सात भान्निय्ययन भाएगापिनागामेह तिथि साघतीराल्मिोऽची ग्लयो मुन्तिरेउ हुएवालपी मष्टभी,उद्देसूत्र नियुक्तिशाचीन शाजनितमनाणतजसना,ग्नितांडेऽस्याएशामेहतिथे|| वतीघणासंयभी,पामशे पहनिए रे किनाशाधर्मवासिन पशुपं निजा,मेहतियें उरेणपवासशाव्रतधारिय पोसोउरे,रोहने या भल्यासाविणापशालांजियोचीरेआभतयो,लपि हित नेहमी Ja Educationa international For Personal and Private Use Only . www.jainelibrary.ol Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १२८ ) पिडाररेशान्नि मुजें अय्यरे प्राणिया, पामशेलवतलो पाररेशाविना आप भाग्नेहथी संपहा सवि लड़े, टले उष्टनी डोडरे । सेवन्ने शिष्यजुषत्रे भनो, उहे डांति डर ब्लेड रे । विना१५॥उसा । श्नेम त्रिन्गलासए ज यस शासन, वर्द्धमान निनेश्वरे ॥घ प्रेमगुरे खुपसाय पाभी, संथूएयो जसवेसशान्निगुए। प्रसंगें लगी रंगें, स्तवन ने जाम्भोटेल विठ्ठलावें सुगावे, अंति सुजपाचे घएशो॥शा पर्छति ॥ जथ खेडादृशीनुं स्तवन ॥ ॥ नगपति नायडु नेभि निएछ, द्वारिका नगरी सभोसस्यान्गप तिचंहवा दृष्ण नरिह, लघ्व ठोऽशुं परिवरया ॥ शान्गपति घीगुडा स जभूल, लक्ष्ति गुणें भाषा रखी ।।नगपति पूछ पूछे कृष्ण, क्षायिङ सम कित शिवरैशि॥शानगपति श्यारित्र धर्मग्भशस्त, रक्त नारंल परिय ! हेन्गपति भुन जातभ डी-द्वार, डारएा तुम विएा डोए। उड़े।आनगप तितुभसरिजो भुन्ग्नाथ, माथे गाने गुएानिसो। नगपत्ति डोयीपाय जताव, नेमउरे शिववधू उतसो ॥ नानरपति अन्न्वस भागशिर भास जाराघो भेडाशीनरपति जेडशीनें पंथाश, उल्याएाउ तिथिपीएलसी॥घानरपति घ्श क्षेत्रे भए। डाल, योवीशी त्रीशे भली ॥ नरपति ने निनां उल्याएा, विवरी उहुंनागलवसी ॥धानश्पतिश्वर ही क्षानमि नाएा, भएसीन्न्म प्रत डेवसी ॥ नरपति वर्त्तमान श्रोवीशी, मांहे उष्याए म्ह्यांसी ॥णानरपति मौन पो जीपवास, होढशो न्प भाला गएणो । नरपति मन वयङाय पवित्र, यरित्र सुगो सुव्रत तपोद्यानरपति हाि एा घातडरीजंड, पश्चिम हिशि क्षुिडारथी ।। नरपति विनय पाटएाग्नलि धान, सायोनृपपन्नपासथी नरपति नारी यंत्रावती तास, पंभुजी गन्ग्गामिनी॥नरपति श्रेष्ठी शूर विज्यात, शीयल सतीला अभिनी षणानरपतिपुत्राहिङ परिवार, सार लूषएाचीवर घरी॥ नरपति व्लने नित्य निगेह, नमन स्तवन पूनउरे॥पशानरपति पोषे पात्र सुपात्र, Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧૨ ) सामायिऊपोषघवानरपतिध्वनावश्य:, वेलायें मनु सरोपिशातिा ॥ढाताजीला मेऽटिनभएभीपाय,सुव्रतसाघुतयारीविनय पिनवेशेष, मुनिवर उरी उईगारीपराधजो भुगनिभेड,थोडोपुएयडीयोगवा घेलिभवाजीर,शुनअनुजंघीथयोरीशामुनिलाभहालाग्य, पाचनपघणारी एजेडाशी सुविशेष,तेहभांसुएसुभनारी गासिन डाशीव भासमण्यारपणामथवावरसध्यार,पीतपर शुरानासालपिसगुचेरामानंहमतिणस्सस्योरीणतपसेवी जिनपियभारणस्वर्णवश्योरी पपाञ्चीशसागर भायपालीपुएय बसेसालखशवराय मागलहथशेरीसोरी पुरमांशेड,स महत्तपोशाप्रीतिभति प्रियातास,पुएथेनेगल्डयोशातसा जमवतार,सूचितशुलस्वपनेंगन्नम्योपुत्र पवित्र शत्तमहशमी नेरीटानासनिक्षेप निधानलूभिथीप्रगटपोशागलोइमनु| लापासुव्रतनामव्योगापाणुहिणद्यमशुइन्नेश शास्त्रजनेडला एयोगायौवनचयनगीभार पचती परएयोरीमाग्नि पूग्न भुनि| घनसुव्रत परयोज्जाए परेशामणीभारयनछोडनायडपुएयलरेरी गाधर्मघोषाएगार,तिथिजधिरहेरी सालनिसुव्रतशेड,ब्न तिस्मरएसद्देशाग्निप्रत्यय मुनिशाजलउत्तेतपर्णयरेनेगा शी हिनमालपोहोरोपोसोधरेरीडा तिरा ॥ढालत्रील॥ ॥पत्नीसंयुतेपोसहलीघो,सुव्रत जन्यधलाजवसरन्य गीतसरमाव्याघरमा धन टेतघनाशासनलन्तें ध्वीशक्ते, थलाएगातेजापालासाहलसुपिटवासभाव्यो,लूपभाग घश्याराडालारापोसहपारीदेवनुहारी घ्यावंतलेलेटणांलाप रायने प्रराभीयोरमूडावी,शेडीघांपारणांलाशाजन्यविसचिन - - Jon Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarya Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C १३० श्वानस लागो, सोरीपुरमा भाम्रोलाशिल पोसह समरस जेठा, सो उम्हे हुडां शेन्नापुएयें हाट बजारो शेठनी, बीगरी सौ प्रशंसा रेन्डाहरजे शेहल तपढीनभएं, प्रेमहा साधें जाहरेलाशपुत्रने घ रनो लार लसावी, संवेगी शिर सेहरी लाथि डीनाएगी विन्ग्यशेजर - सूरि, पासें तपव्रतश्नाहरे॥ जटमासी धार यौमासी, होसय छठु सो सहुभ उरे का जीन्नं तप पए जहुश्रुतसुव्रत, मौन जे प्रहशी व्रत घरेन्छ।जाग्नेऽजधम सुर मिथ्यादृष्टि, हेवता सुव्रत साधु नेन्ापूर्वोपार्जित ऊर्मीहेरी, अंगें पधारे व्याधिनेावार्भेनडीजो पापेंन्डीग्जो, सुरम्छे लग्जो नौषध लशीला साघुनन्नयेरोषलरा ये, पाटु प्रहारे हुएयो मुनिजभुनिभन वर्धनडाय त्रियोगे, घ्या नजनल हे उर्मनेला डेवल पाभी नितपः राभी, सुव्रतनेम उद्दे श्यामने लावणार्धतिरा ॥ ढाल पोथी ॥ ॥ जान पयंपेनेभने श्ने, धन्य धन्य याध्व वंश ॥ निहां प्रलुग्भवत स्याने, मुळ मनमानस हंस न्योग्निनेमनेसे ॥शा धन्य शिवाहेवी भावडीने, समुह विन्ग्य धन्यताता सुन्नतग्गतगुरैसे, रत्नत्रयीज वातान्ग्योगाशाभरए। विराधी जीपनोश्ने, हुंनवभो वासुदेवान्योः पतिए भन नवि बीएससे भे, श्ररए। घरभनी सेवायोगाआहाथीने भडाध्वगस्योप्ने, न्नएं पीपाहेय हेयान्योगातोपएाहुनीश, दुष्टर्मनी लेयान्ययोगान्नापासरणी जलियातएशोभे,डीनें सीने अन्गान्ग्नाश्नेहुवां वचनने सांलती से, जांहे ग्रह्यानी सान्गान्योनल नेम उहे जेडाध्शीस्ने, समति युक्त नाराध गाथार्धश निनवर जारभोग्ने, लावि धोवीशियें सन्द्वान्नियोगाद्माउला ।यिनेभिन्निचर, नित्य पुरंदर, रेवतायस भंडएगो ॥जाएानव भुनि, पंहचरसें, रामनग रेसंयुएयो । संवेगरंग, तरंग नग्सनिधि, सत्यविन्यणुरै श्ननुसरी॥ पूरवि न्ग्यपि, क्षभाविन्यगणि, निनविन्य न्यसिरिघरी ॥शा राछति॥यास Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १३१ ) ॥ अथ श्रीवीरप्रलुलुंडीवालीनुंस्तवन ॥ ॥भागस भोक्षनोरे,डेवलज्ञाननिघानानावघ्यासागर प्रिलुरे,परणपगारी प्रधानोरेगावीर प्रलुसिइथयासंघसालमा घाशेरे,हवेएलरतभाशेएउशेणपणाशेगावीरगाशानाथवि एं सैन्यन्युरे,वीर विहूयारेण्यासाघेडोरामाधारथीरे,परभा नंजनगोशावीरगाआभात वियोणासन्यूरे,भरहो परहोमयडायवीर विहूणालवडारे जानुषव्याकुलथायगावीगानासंशयचे चीरनोरेविरहते भजभायानेही सुजीपत्रे,ते विएउभरहेन वायोगावीरगापानिर्याभडलवसभुटनोरेलवनावि सथ्यवाहए तेपरभेश्वर विणभोरे,डेभवाघेशीलाहोशावीरगादाचीस्थाशंपए श्रुत्तणोरे,हतो परममाघाशाहवेहांश्रुतभाधारछेरे,जहोलि नभुशासारोरेएवीरगाणात्रएजसचिळवनेरे,मागभथीभाएं सेवोध्यापोलपिन्नारे, दिनपडिभा सुजउंद्योगावीरगावागराघरमा यार मुनिरे,सहूनेमेएीपरेंसिद्धिालवलवभागम संगथीरे ध्वनी सिंहपहपीपशवीरगामा ति। - - ॥ अथ जांजीलतपश्रीसिद्धयकलनुंस्तवन । लहोउंगरजेडागोजडेगानेशी। लहो प्रभुहिन प्रत्येग्निपतिलालशिवसुजारीनशेषा लहोमाशोथैत्रीलपीरालालामा विशेषापालपिऽग्नान्नि परगन्याशाळहो निहांनवपहनाधारालगामेमांडएशन होतेहरियसभाराघवालालानंहीसरसुरन्नयालहोलचालिगममा हिज्युएषागारेमाटिनमहिभायाशालगालहोनचपाडेरायंत्रनी एखागापूनडीरेन्नपालहोरोगशोऽसविनापद्यामानानासे पाप नोव्यापागालगालहोमरिहंतसिहभायारन्नावागाणवलायसान घुजेपयालहोसएनाएपरित्रतवोलागाने येणगुएनोप्रपंथा। Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryog Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( १३२ ) एनालगालोजेनवपध्माराघतलागायिंपापति चियातालहो। नृपश्रीपाससुजीयोथयो सागातेसुगन्ने अवधतापालगा। ॥ढाल जील। ॥ डोलो पर्वत चूंघषोरेसोपशी॥ ॥भालचघुर नेगीयरेखो,रान्यरे मनपापासुगुएन सुरसुंदरी भययासुंधरी रेखो, पुत्रीतसजापासुगापाश्रीसियन क्रमाशपियें रेतो,महीयसुजनीभालासुगाश्रीगामेलाउन एीपेहेसी मिथ्याश्रुतलणीरेखो,जीलगिन सिद्धांतासुगाणु हिपरीक्षा भवसरेंरेखो,पूछी समस्या तुरंतगासुगाशाश्रीगातूही नृपवर आपवारेखो,पेहेपीतेमभाग शासुगाजील प्रभाए थीरेखो,प्योतेतवनृपलाएशासुगागाश्रीगाडष्टीवरपरणावि योरेसो भयणांवरे घरीनेहसुगाराभाहलय पिचारीयेंरेतो, सुंटी पिएसेतुलटेहराासुगाचाश्रीगासियकालावधीरेखो, नीरोगीथयो हशासुगापुएयपसायें उभवासहीरेखोवाध्योघएगे ससनेहरोासुगापाश्रीगामाणसेवातल्सपहीरेती,वंध्याभाव्यो गुइपासवासुगानिग्घरतेडीभावियोरेखो, मापे निन्जावासरे पसुगावाश्रीगाश्रीपासाहेशभिनीसुयोरेखो,भेन्नकुंपरशरेण सुगाभालभताजहुवापशुरेसो,पूरशंतुभतणीजांतरेगसुगाशात्रीय अवधिहरीभेडवरसनीरेखो, गाल्योनृपपरदेशामुगारोऽयवस साथें चल्योरेखो,ग्सपंथेसुविशेषशासुगाटाश्रीगा पतिा ॥ढासत्रील। . ॥ डर मांजासांजलीमेशी॥ ॥परणीजजरपतिसुतारे,घरसभूशय्योन्याहाग्निहरजा रणघाइतेंरे,उनठेतुजीलत्याहापायितुरनरीश्रीपालयरित्राना मेडएपीपरपीवस्तुपासनीरे,समुस्तटे जावंताभरडेतुनृप्पा सुतारे,चीएावाटेरीअंताचगायापांयभीत्रैसोय सुंघ्रीरे,परन - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (933) एी मुज्न पछठ्ठी समस्या पूरती रे, पंच सजीशंखनुपाधिगाआरा घावेधी सातभीरे, साहभी विष जीता शापरी जाव्यो निन्ग्घरेरे, सा थें जहु परिवारायिणानामन्नपाते सांलखी रे, परहल डेरीवाता। जंघें कुहाडो सेर्घ पुरीरे, भयएगां हुई विख्यातायिनापायिंपारान्य सेर्घजी रे, लोगवी अमित लोग धर्मग्माराधी भवतस्योने, पोहोतो नवभे । सुरोगामिनासार्धति॥ ॥ ढास थोथी ॥ ॥ अंततभाडु परिहरोपने देशी ॥ ॥ खेभ महिमा सिद्ध्यक्रनो, सुणि खाराधे सुविवे आभोरे सा साशश्री सिद्धयक जाराधियें ॥ श्ने जांएगी ॥ जडहल उभसनी था पना, भध्ये श्जरिहंत जीहाशाभोगायिहुं हिशें सिद्धाहिङ श्रेणी, यत्र हिशें तुं गुएाधार ॥भोनाशाश्रीणा जे पडिङ भएगा तंत्रनी, पून हेव वंदना त्रिाला भोगानवभे हिन सविशेषथी, पंचामृत डीजें पंजाब ॥भोगा आश्रीगालूमिशयन ज्ञह्मविध धारणा, शेंधी राजोत्रएान्नेगाभोव शुरे वैय्यावस्य डीलयें, घरी सद्दहणालोग भोगान्नाश्रीगागुरैप डिसाली पारीयें, साभीवछत पए। होय ॥ भोगावी भएां पए। नवन वां, इस धान्य श्ययाहिङ ढोय ॥ भोगापश्री गार्धह लव सवि सुजसं पहा, परलवें सवि सुजथाय ॥भोणा पंडित शांति विन्य तणो, उन्हें मानविग्य डीवाय ॥भोगाशाश्रीणाति॥ ॥ जय रोहिएगीतपनुं स्तवन ॥ ॥ हांरे भारे वासुपूज्यनी नंदन, भधवा नाभन्ने ॥ राणी नेहुनीड भला, पंडुन सोयणी रेसो ॥ हांरे भारे झाड पुत्रने, डीपर पुत्रीनेऽन्ने भात पिताने बाहाली, नामें रोहिणी रेलो ॥ शाहारे भारे हेजी यौवन, वयं निन्पुत्री लूपन्ने। स्वयंवर मंडप भांडि, नृपतेडावियारेलो॥हांरे भारे अंगवंगने, भश्घर डेरारायन्नायितुरंगी शेन्नथी पंपायें, जावि Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 37 ) यारेलोाशाहारे भारे पूवलवनाराण रोहिणीतासन्नालूपश्मशोप उने,वरमालाघरेरेखोगहरे भारेगस्थघोजघनमनेजहुमा नब्बा चोखावीजेटी,जहुलाउंजरेंरेखोलाहारे भारेरोहिए राएी,लोगवतांसुजलोगन्नाभाहपुत्रने पुत्रीचार सोहाभएीरेषो हारेभारे भाइभापुत्रनुंसोऽपालछेनामनातेजोलेसेजेडीयो जेलाभिनीरेखोनाहारे मारेभेचे शेनेऊनार वणिज्नोपुत्रने मायुः क्षयीबाप,भरएशालहेरेटोपहारेभारेभातपिताहिक सहुतेनो परिवारन्नापडतोपडतोजोजतले,थध्नेवहेरेखोपाहारेभारतेजीऋतिहरजी,रोहिणीतामन्नेरापिणनेलांजेभेनाटउजुए। लातिनुंरेसहारेभारेटीपनहेगे,पूरव पुएयसंतनगरमथा नविटीइंदुजन्नत-रेसोदा राति ॥ढासजील॥ | ॥पिणे उहेन्जनमध्भाती,सहुनेसरजीजाशाजालना नादुःजयीरोवे,तुझने होवेतभासाजोलोजोस विचारी रारनेम भडीने हांसीपातवराएीनेरीशरीजोसेथी, पुत्रनेजूपीसीघो परोहिणीराणीनन्मेंन्नेता,गोजथीनाजिघीयोराजोगाशातेजीस हुमतेशरमां,सग्ने पोऽारतेडीघोगरोहिणी भन्नएरोनेजाला भवालीघोप्लोगागानगरतगेरजवाडे,मघरग्रह्योति हाभावीसोनाने सिंहासगथाप्यो,भालूपए पेहेरावीणोगाचान गरखोडसहुलाश्यवजाग,रान विस्मयथावेपटीपउहेब्सपुण्यसन जानिहांसहुनवनिधिथावजोगाचा ति। ॥ढासत्रील॥ ॥डोभासवसंता शी॥ ॥निवासुपूज्य न्निवरना,गंतेवासी भुनिरायवालापड़ ||पहुंलने सुवर्णपुंजळपणज्ञानीलव न्हा यावाशारोहिणीत खगन्यतुंगनेमांडपी।पाणघास्याप्रलुनयर सभी,हरज्यो|| - - - Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १३५ ) रोहिणीस्तवालासहु परिवारशंपडन्नुगवंडे,निसुएयोधर्मजेईतवासा रोगासारन्नेडीनृपपूछे शुश्ने,रोहिणी पुण्यप्रगंधवाषाशुंडीधुंध लुसुकृत,लांजोतेसयलसंजंघवालारोगापाशुर उहेपूर्वल वभांडीधुरोहिणीतपशुराणाएवालागतेथीमन्मथडीनविधीहुंच जदुजन्नएभन्नएवापारोगानालांजशेशुदहुवे पूर्वलवनो,रोन हिएीनो अधिकारवावाटीपउहेसुगन्ने भेऽयित्ते,उभप्रपंच पिया रवालारोगापा तिा ॥ढालयोथी॥ ॥शुश्हे त्रलरतमा,सिहपुरनगर मझारगापृथिवी पालनरेसर राना सिद्धभती तसनारणाराग्नसुगन्ने गर्थपूरचा लवमपिडार, हिसभांघरत्ने गाया मेमांडणीम्जेटिनभाव्या यंहणियाने,राएीनेवतीरायाजेसेक्रीडानवनवलातें,नेन्नेभ निघनाराणाशावेरोगेट मुनि तिहांनाब्यो,शुगसागरतसनाभशा रानतेमुनिवरने ट्रेजी,राणीने हेताभारानासाठी मुनिनेवहोरावो,लेहोयसुन्तीमाहारशा निसुपीराएीने मुनिणपर,पीपनीकोधनपाशाराणानाविषयथडीनंतशयथा योते,भनभांबहुजवावेशारीशेजसतीउडचुतुंगडुंतेमुनि ने वहोरावगारानापामुनिनेभाहारथडी विषव्याप्यु सधति हांडीघोशारानयेंशणीने ततक्षए,शनिलोडीघोशणारा सातभेहिनमुनिहत्यापा,गलतदथयोअंगशाशपरीने छ हीन,जपनी पापप्रसंशनाशानाडीने तिर्यपतपालव, लटडीजलमनंतशाहीपउहे हुवे धर्भन्नेगनोहीशंसरसत्तां ताराग्नगाटा पति ॥ ढासपायभी। ॥तेराएीमुनिपापथी पडेशरीयाखालावतीलपपकरे शडेशरीयालालतारानयरमाणपनी डेनावनभित्रशेडने घेर of Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७६ पउनातान्नूनोबूझोउभविटंजना उगाधनवतीजेपनी उपए दुर्गघातसनाभरेपडेगानगरचाण्डिनापुत्रनेडेगापरतावीजा मानाडेगाशा गाजशय्यानीपानाभावी उतनीपास |राउनाजहुधिताणछपीडेगास्वाभीपान्योत्रासाउगाउमाल्न एभूडी परशेंगयोगान्लूजीब्बूझोउर्भस्वलावगाडेगानेऽधि] नउंन्यानो पितानाज्ञानीने पूछेलावगाडेगाचान्नूगाज्ञानीने पूर्वलपयोण्डेलालांज्योमहुअवघातगाडेगारी पूछे गुरायने एडेगाभहोवेसुजशातगाडेगावागायुएउहेरोहिणीतपउरोए जिगासातवर्षशातभासराडेगारोहिणीनक्षत्रने हिना गायोचिहा रोणपवासगाउनासान्नूगावासुपूज्यलगवंतनीगापूनउरोशु इलावाडेगानेभनेतपनाराघतांडेगाप्रगटेशुद्धवलावरो उगाणान्नूगाउनन्तपपूरणधयाडेगाणिन्भर्युलसीलाताईन एतेथीलबजातगाडेगाखेशोब्योति महंतगाडेगाटान्नूगाजे ममुनि भुजथी शालखीउगानाराधीतेसारगाडेगातारीरापीथगाडेगारोहिणीनाभेनारगारेगामान्चूनाम्जेमानिसुणीह राज्यांसहाडेगारोहिणीने वषीरायरेण्डेनाधीपउहे मुनि डुलने | उनाप्रएभीथानउन्नयगाउगायनान्गा ति। ॥ढाल छड्डी।। ॥जेऽहिनवासुपूज्यनजे,सभोसस्याग्निरागानभोगिन राग्नेशारायनेरोहिणीहरजीमारे,सीघांसघलांगानगा। जहपरिवारशंजावीयांने,चं? प्रलुनापायानगाप्रलुभुजथीवा पीसुएीयें,माघनंगनभायानगाशारायनेरोहिगीजेन्ग नेतीघोसंमजासानगाधन्य धन्यसंन्मघरमुनिने,सुननर नाघसनगाजतपतपीडेवसराहीमेतास्यांजहुनरनारानन पशिवपहअवियलपहलयुंजे,पाभ्यालवनोपासनाचामने रोहिणीतपरेने,रोहिएीनी परेंतेहानगाभंशसभातातेलहेमो, Jaii Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.obil Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३७) चली जन्मराभर गेहननापाधिन्य वासुपून्यना तीर्थने से, धन्य धन्य रोहिएगी नार ॥नगाजेतप े लावें डरेग्ने, पामेतेन्यन्याशानगा संवत ग्नठार जोगए शाहनी से, पीन्न्वस लाव भासानवाहीप विन्यें तसगार्धयोश्ने, उरी जलात शोभास ॥निवाणासशाावासुपू न्यन्ग्गन्नाथ साहेज, तासतीर्थे जेथयां। धारपुत्रने आठ पुत्रीय पती भुगतें गया। तपगच्छ विन्याएां परघर, विन्य हेवेंद्र सूरीसशातास राज्ये तवन डीधुं, सम्स संघ सोडीं ॥सस पंडितप्रवर लूषएा, प्रेमरत्न गुरं घ्याघ्या।। उवि ही पविन्यें पुएय हेतें, रोहिणीशु एाणार्धयाशा तय ॥ अथ श्री साहिनि विनति ॥ ॥ पानी सुशुई पसायरे, शत्रुन्य घएगी । श्रीरिसहेसर बीन ॥शा त्रिभुवननाथा हेवरे, सेवड विनति ॥नाहीश्वर अवधारीयें। ॥शाशरहों भाव्यो स्वाभीरे, हुंसंसारभांगाविश्श्जे वैरीयेंनड्योजे आतार तार भुन्ग्तातरे, वात डिशी उडुंगालन लवग्ने लावती पानान्न्मभरान्ग्लसरे, जाल तरेएापगावसीवसीन्राहहे घ जे पाडेमन आव्यो पाररे, सार हवे स्वाभी ।। श्यें नडशेश्नेऽभाह रीझताच्या तुझेंग्जनंतरे, संत सुगुए। वसी ॥जपराधी पा श्रीश्याने जातो जेड हीनध्यासरे, जाल घ्याभगोरा हुंशा भाटे - वीसस्यो ने गिरिजा गुएावंतरे, तारी तेहुने । ते भांडे जयरित डिश्युने ॥साने भुनसरिजो हीन रे, तेहुने तारांगण विस्तरशेन शघएगो मे ॥१॥ाग्नापहें पडियोजान रे, रामतुमारडे । चरएो हुंआ च्योवहीनेापाभुनसरिणो होधे हीन रे, तुन सरिजो मनुन्नेतान्णसाने नहीं जे ॥१शातोये हुईएगा सिंधुरे, जंधु लुवनतए नघटे तुभीवेजपुंश्मे ॥१॥तारएाहारो डोर्घरे, ने जीने हुवे ॥तो तुमने शाने हुंजे ॥ नातुहिन तारीश नेटरे, पहिलाने पर्छ । ती Educationa International For Personal and Private Use Only Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१३८ जेवडी गादिभडीसीपालापीपाग्योपायरे,तेउभोऽशो |भनभनाव्या विणहवेमापासेवरे पोधाररे,जाहिररया शातोसाहिशोलाडीसीओग्यमतुलजलअरिहंतरे,न गनेतारवायसभरथछोखामीतु मापाशुंभावेछेन्नेररे, नेतारतांपडे धनजेसेछेडिश्युंजकपडेहेशोतु नियंघरेला स्तिनथीतेहचीतोतेलन्तिमुडनेट्टीयोजाणावषीउहेशोलगवं तरे नहींतुळयोग्यताइभणांमुनिलवानएीमाशायोग्यताते पएनाथरेतुभहीन नापशातोतेमुलनेतीलियमगाशावलीउड़े शोग्गीशरे,उमेघणांताहातोहातोपरांजराउभा माशंभारे,गपतिवारवारसीओएजीनेभापशेमोरगाए सीलगोभरिहंतरे,मेहने विनति रतांनावडतीनथीमापाप तोतेहीमाहाराब्रे,मुनेशीजयोन्मतेविपिशुवीनकुंजारर मायतायविराओगरे,प्रेभेशीजवाणापानेडोजोसचुंगेर मे भुनन्नयोचरे नेहमपानराजयोछेखि अाश्टा मणभोत्संगरेजंगलत्युंभेडाविषय उपायजसुपिघुमा परल्यतोमुरोपवित्ररे उद्योगपुत्रनापिएभाषित्रपजावणे मनापाउरीभुनचरेहांलगेभाएीमोनिशानिशोधहिला घडीमेपानाव्योहचेन्नूररे,शीलोथरयोगसामुंश्येलूलोन हमेशामाडोभाडामागरे,जेहोणारगमावित्रतु मनावशो जापतु छोट्यासमुरे,तो मुलनेनीध्यानथीश्येमाराना जागाणवेजश्योमरिहंतरे,न्नेमाएीवेदामहारीशीपरेंथशेने|| पचाणलाछेजनेउरे,मोहाधिचैरीगण्लन्नुछेभाहरांना तेहनेवायेगेरेचध्याशायतीचवीनेचीनकुंभशामचीनि निभायरे,वेगेभोऽषीसगरजेसारी मुन्तिभांभाटालरतेसर निन्ना नंबरे,डीघोचपामारीसामवपोस्तांनाउमामहायुं निरपुत्र रेप्रतिजोघ्याभानुशतावारीयाहगाजाइजसनेनेटरेना - Jal Educationa International - For Personal and Private Use Only www.jainelibrarybig Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नाएउचलतासाभीसाहामुंभोऽस्युंजनात्याठिमपघातरे। |सघतातुभतणाहुंन्न[एंभूलगामाच्शाभाहारीवेसाभारे, भौनउरीजेवणाणत्तरशेजापोनहींमागावीतरागारिहंतरे, समतासागशामाहारांताहारांशुंडरोमानामेऽवारमहारागारे,भु ग्नेश्रीभुजाजोषावोसेबड़हीमच्यानेटले सिध्याउगरे,सघ षांभाहरांपभननाभनोरथसविल्यान्याजभन्ने मुलभपराधा रजासंगोणसभंन्सचीनव्युंभारणानवसरपाभीमान रिन्ननविवीनयुगातोपछतावोभनरहेगारदाधिनुरनतारणहार रेपुएयभाहशामावीमेशभित्यामकाजासहजोजोबरेले अविशतपोभायतायनेतेश्येमापनानय निरज्योनाथरे,नान लिनरिघ्नोपनघ्ननंदनवनालिस्योभोपाभरध्वी परहंसरे,पंश छज्जागनोएसोहाउरशोहाभयोगपशाभायतायप्रत्लुभित्ररे,जंघ |वभाहाळवलवनतुंचालहोगपशाजवरनशेमाघाररे,ने तुरविनात्राएशरएतुंभुरघएगीमोपचावषिपलिया प्रणामरे,थरोतुभता परमेश्वर सन्मजन्मोमेगापपपलवल रतुभपायसेवरे,सेवउने मुन्नाभागुंछुटपुंगपाश्रीऽीर्ति विग्यीपलायरे सेवागिपरोविनय विनयउरीचीनवे ॥ जय गएघर स्तवन ॥ ॥ शगएघरनांनाम परुणहीनें प्रणामालूति | पहेलोतेलणाममिलति जीन्नेगुएजाएापाचायुसूनित्रीनेन्न गसार,गएघरयोथोच्यतणधाराशासनपतिसुघर्भासार,मंडित नामेछटोघाशाशाभौर्यपुत्रतेसातभोन्ह,मपित अष्टमगुएरोह मुनिपरभाइले परघान मयसलातनवभोभेनाभाशानामयी होयजोडीउत्याग,शभो भेतारतमविरखवायाजशभोप्रलासा हेवाय,सुजसंपत्तिसना थायाजागायाचीरतागएघार, Jah Educationa International For Personal and Private Use Only Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४० ) रामशि रथए। लगा लंडार राडीत्तमविलय जुईनो शिष्य, रत्नविन्य चंहे निशहिसचा र्धति॥ ॥ ग्जथ गौतमाष्टङ प्रारंभः ॥ ॥ राग पलाती ॥ भात पृथ्वीसुत प्रातपीठी नमो, गएाघर गौत मनामयेलें ॥ महु समे मेमने ध्यातां सहा, यढती उसा होय वंशचे सेभाणाशावसुभूति नंदन विश्वग्नबंधन, दुरित निघ्ननाभन्नु जलेह जुड़ें डरी लविन्न ने लने, पूर्णा पोतें सही लाभ्यते हनुंगाभा आशासुरम िनेह चिंतामणि सुश्तई, अमित पूरए। अम घेनु ॥तेहग नभनुं ध्यान हृध्यें घरो, नेहथडी जघिउ नहीं माहात्म्य डेनुं ॥ भागाउ प्रएाव जाहें घरी, भाया जीनें दूरी, स्वभुजें गौतभनाभ घ्याये ॥ झेड भनाभना सल वेगें रेसे, विधन वैरी सवे दूर न्नये ॥मानानाज्ञान जसने न्ग्ससम्स सुजसंपा, गौतमनाभथी सिद्धि पामेानिजंड थंड प्रताप होय नवनिमां, सुरनर नेहनें शीश नाभेाभागाचादुष्ट दूरेंटले स्वन्न भेलो भले, आघि डीपाधिने व्याघिनासेलूतनां मे तनांन्नेर लांने वली, गौतमनाभ न्पतां डील्लासें ॥भागाद्वातीर्थम ष्टापट्टे आप सन्धेन्र्छ, पन्नरसेंत्र एाने हीज्ज हीधी ॥ जकुम पारएणेतापस डारणें, क्षीरसज्धें डरी अजुट डीधी ॥ भागाभावश्स पथ्यास लगेंगृहवासें वस्था, वरस वली त्रीश डरी वीरसेवा ॥जारवरसांगे डेवस लोणच्युं, लस्तिनेहनी मेरे नित्य देवा ॥ भाणायामहियस गीतमा गोत्र महिमा निधि, गुएानिधि रिडिने सिद्धि हार्धमणियन्सनाभथी अधिऽसीसा सहे, सुन्स सौलाग्य होलत सवार्धभाणा जाऐति ।। ग्नथ निम्श्यय व्यवहार गर्लित श्री शांतिग्नि स्तवन ॥ ॥शांति निएरोसर डेसर, ग्जर्चित नग घगीरे ॥ ञिणासेवाडीनें साहिज, नित्य नित्यतुभ तशी रेशा निगा तुञ्ञविए। दूले हेब, न डोर्घ For Personal and Private Use Only Jain Educationa International Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (११) यासोगानगाभन मोहनलविजोहन,तुंहीभायातुनोशातुंगnd पुरितमपासनशासनतुंग्गपावनीरोगतुंगासुमृतणसासनउभी | निसनलाचनोशानिगासिंहासन पध्भासन,जेठोरेथवेशन ल्गलासन परशासन,वासनजेपवेशाचानाशापापीगंशतरंग, सुरंगतेणछोगासुगानयशमलंगभाग प्रवाहघपाललेशामा नित्ययनयज्यवहार,तिहांलभरीलभेशातिगाजुद्धिनावन्सथाषे,तेह निसहुनभेशातेगाठशानिध्ययनेव्यवहार,तपीचर्याधएीशातगानोप गन्नताये,सिरियिभापणीशानिास्यावा घरमाही,घड्याहोयपणे इसारोधिनाने पक्षणजे,तेन्गथोडसावनेगाक्षामाहोमाईतेजे भनय यस्याउरेगनगालरतक्षेत्रनालापिङ प्रायडभनघरेशाधान गतेभहुंओडठाप,रसाधजगारगापरातुनयन्यनमभाए, निहां जलांजरेपतिनापति । ॥ढालजील। ॥हो भतवाले सान्नांशी ।। ॥निध्ययनयवाही हेलावनाएछे सायोशापारम|| नंतासही,ते कियाभांभतरायोगायतरसनेहीसाललोपालरता लूपलातत्योवलीपरिणामश्वाशायीपर नहीं,इस्च्या कियानी सेनाशायनशानयव्यवहार होतु डेभलाषक्रियापिणाला हिशोगारनशोधशतपुर परें कियातेसापीउहेशोरेएपगागाजेठसः जेडजन्यथी,भइसरो परिपाजोगातेमाक्रियापरिणामनोग लिन लिनछेचाछोपिनानासहेरें इससमें पामशु,जेमगषीयाण सहयागेरोसहेनेतृपतातेहोशगंगन्नवलरीजामेराविना पाापिएव्यवहारेलापले,तेतोक्षए तोलोक्षराभासोगातेहथीडांना सीपलेचसीनेखोडतमासोशपिगादागुलवासीशुएनीयो, न्यवहारेंथिरपरिणामोगात्रिविधयान्नेगयी,होनेसुन्स महोप्य उभोयगाणा ता. JallEducationa International For Personal and Private Use Only Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४२ ) ।। ढाल भील ॥ ॥ भोतीडानी देशी ॥ निश्यय उहे हुए। शुई हुए। पैसा, जेसे जापहीं जापश्नडेसा मोहना रंगीला हमारा, सोहना सुज संगी॥लस प्राशें नण सविलासें, नवनिधि अष्टमाहा सिद्धि पायें ||भोगाशार्म विलापशस्तिश्यं लेडे, ते स्वलाच शक्ति नवि तोडे। लांगो लग्भ भरम सविन्नएयो पूर्ण ज्ञान निन्प पिछाएयो । मोनाशाडरता हुई हाथी परें ब्लू, साजी निगुएामांहेससूत्रे ॥ताते क्रियादुःज बेहे, साजी लवतरे उंदीच्छे हे।भोगाआज्ञानीने उरएगी सविधाडी, हुई रह्यो नरम उरभ स्थिति पाडी भाषा भए। हेजेने लभतो, ते हेजे होग्ने निनगुए। रमतो॥भोगाचाला वग्भशुद्धने पुणस डेरा, तेतो नएया सजहीं अनेरा॥भोक्षरूप जमेंनिष्णुए। वरिया, ते जर्थे दरशे हुए। डिरिखा। भोगापाहवेव्यवहार हे सुगो प्यारा, श्ने मीठा तुभजोस दुधारा ।लए तांने जए उस्तांलासो,चपन वीर्य पुरीश्माप विभासो ॥ योगासने अलिभान रहित तेसा जी, शक्ति क्रियामांते छेजाजी ॥ क्रिया ने शुललेगें भांडे, जेहाहिङ दूष एसविछांडे भोगागालूजन लांगे लोग्न हीडे, विएा जांडे तुषव्रीहीन नीशामांन्या विएानेम पात्रनश्नार्छु, क्रिया विएा तेमसाधन पाछु भो नामोक्षरूप आतम निश्धारी, नविथाडा निएगवर गएणधारी॥क्रिया ज्ञानने जनुक्रमें सेवे, सुन्ग्स रंगते हुने प्रलु हेवे ॥ भोगाला ऐति ॥ ढाल पोथी । ॥ जेडसे लार घणो छेरानगा सेहेशी ॥ ।। निश्यय उहे विए। लाव प्रभाएगे, डिरिया सम नखावे॥जाच्यो लावतो क्रियाथाडी, प्रायां नभएान लावे ॥ भानो जोस हमारोरा, तागोता कानडीनें ॥शाश्रभए। दुर्ध गएाघर प्रवन्या, भसेते. लाव प्रभा एलिंग प्रयोग्न न्नभन रंग्न, पीत्तराध्ययनें बजाए ॥भागाशानि नपरिएलाभग्नाव प्रभाएयो, वसी मोघनिर्युक्ते ॥ जातमसामायिङ लगवर्धभां, लांज्युं तेन्दुनोन्नुगतेंगा भागा आनय व्यवहार उहे सविभु Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.blog Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ ( १3 ) तमा,लापहोते सायोपए क्रियायीतेहोनेन्मयो क्रियापिणतेने मेजयोपभागाचालावनवोकियाथीभावे,भाव्योतेवदीवाघानवि पड़े पढे गुए,नेमुनिक्रियासाघाभावापानिश्चयथी निना स्ययनविन्नएयो क्रियानविपासीवियनमात्र निश्ययसुविधा रेमोघवपननुजोलासी भागाशभन्भलाव कियामानसशे,सप उरभपयमाहातेमतेमस्वादहोशेमपिरो,सुम्स पिलासका ॥ दास पांयभी॥ ॥जटाणिनी शीनिस्ययनयवाहीउहेरे,जट दर्शनभांहीसारा समतासाघन भोक्ष मेवोडीयो निरधारशामनभाही घरीने प्यार रेम कुंथुतुभीपणाराशाजालिहारीगुरागोनीभेरेषालाप नरलेहरेसिडनारे,लापसिंगतिहांडारच्यसिंगलनाउही,शि यसाधनसमताछेऽशातेहभांछेसजला विसरे,तिहांलागीभुम नटेरे,लाभाछेमवर अनेराशाजनानिहांभारगलानेसवेरे, धारणने असरावानेगनावीसभतां तिहांडो धजेततापरे होनेन्नशमन्नेगापियालरे,लघुपए जक्षरसंभालापोहोथै शिव |पहेछ शखशाजनाथविरउत्पाग्निउत्पनीरे,जिरियाछेबहुरू पासाभापारी बूब्बूझरे,ओनभलेभेडसपरे,तिहां इठछेगने पशानिांपासघरै भोइलूपरे,तेतो विश्नो विषभपिपरामाला नयव्यवहार उहेश्वेरे,गुंजोल्याने भित्तासमतातुभनेवालही,अमन नेपरानिहरढयित्तशाजमेंसलारंनित्यनित्यरे,डिरियापरतास निमित्तरे नेभरवशे हुने हितापाजनापन्नरलेहरेसिद्धिनप रिरापंथ निहांहातेभारगजनुसारिएी,डिरिभातेहशुंघरोने हरे,क्षएाभांहीनघजोछेहरे, मालसो निन्छेहरे,मालसुनेप पासंदहशादाणगाथापेलावरहीरेलरताजिर्छितानापन श्य भाज्या ,तेतोपासण्यामेडतरे,तेतो प्रवयनसोपेतंतरे,तसा सुजनविसंतरे,जेमलांजे श्रीलणवंतशाजाजनाडिरिया Jalleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary." Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ( १४ जहुविधाहीरे,तेहुन्छ प्रतिज्ञाशाशेगघणामौषधघणा,ओने | थीणपणाराग्निवैयऽहे निरधाररेतेऽयुंतेडीसाररे, मलांजेभंगायारशात्ताजगारापंथ मांगेनहींरे,लांगेतेना हनांशापराभनभांघारने,ओमेगांडोसोपेररे,शंपी था। जोछलेररे,न्नेमलेजेडुडवेररेतोलालांतिणरशाणात पसूत्र परंपरशुंभषेरेसाभापारीशुद्धा विनयाठि भुवाविधै,तेय रिधपएमविश्वगामुमतेनेहोयेमुहरे,नविभुतेप्रतिष्णुडा विषीसुब्समबुद्धमाद्दराणाजगति।। ॥ढालछडी ॥ || ॥रागधन्याश्रीवाचतांजाविया,तुझसभवसरणजीई शतेजेनोअगडोटल्यो,तुझर्शनमायुं भीशाशाजविहारीमा लुतुभतपीरामांउपास्याचा मागलरी,तुभेजेहुने मेला राज्योगानंतरंगरंगेंभल्या,पुननोघवनशव्योशाशाजगापरघा रलंजसपणा,तेयित्तमाहेजांगाघापेशापरातुभसरिणाममुन्ने हने,तेहथुतेरोजहीनथाले।आजगाममेजेहनीप्रीतडी,तुमें| रीमापीधिरत्नाभिमुलमनुलवमित्तशुंग्रीजापोभेसवा मारामाजगातुशासनन्नएयापछी,तेशंभुरप्रीतिछन्नली रोगपएतेडहेभमतातन्ने,तेऐनविभावेछेजाळपाजगाव मनाहिसंबंधिनी,ममतानेडेडन भूडेवारीसायेअनुलवतध,पए पित्तथी हितनपियूडेशादामनामेहवा भित्रशुंडूपएं,भेतोभुनभ नषाशे भाकुंशातेभडी भभतापरी निमण्डुयित्तउरीमरुंगाणा जगापरणाचनृपतुभवशे,तसन्यासमताहीशामयिरासुतते भेलवोन्मभभतालयेणडीशायाजगासाहिजेमानी चिनति, भल्यो मनुलव भुजंतरंगेशामोछरिंगचाभयां,हुमासुम्समहोघ यसंगेशामाजगाऽसशाामसयससुजरदुरितलयहरशांति निनवर,मेंतव्योगयुगलुवनसंगमभानवर,पज्योपित्तहर्षे वि Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५) नव्योगपीविन्यप्रलसूरिराम्राने,सुस्तगानयहीश्रीनय विन यविजुधशिष्यवाय,शविन्यन्यसिरिपाहीशा पति A . A ॥ अथ घीवाली- स्तवन ॥ ॥ प्रलु विसनीभाषाानेशी॥ ॥रमतीगमती मुने सहेली,जेषुभवीलीलये ओतावी रिपसजिभानजनोपमधीवालीपषीस पिपासे पूरणभासेंपोषशभा निशि रढीयावीरेयसापशुपंजीवसीयांचनवासेंतेपणसुजीयांस मातीशासगाजेपीरा-घेरघरमोच्छवहोशे,सुजीयांग्तमान रनारीशासनाशाणत्तमहरिशाजान्नेगेल्याप्रमुल न्यारी शासगासातेनरथयां मन्याखां,थावरनेपए। सुजारीशासाध्य भातानभीभाडे हिंगभरी,घोषोऊनी वसनारी शासनासूतीघर शाने उत्तीलेग्नमशुपिटापीरासपाच्यणि तोउनीसाहन भरी,वरसावेपासुभाषीशासगापूरवश्य जार्पएघश्ती,न क्षिणुनीम उसशातीशासगापाड पछभनी पंजाघरती,णत्तर मायभर ढाषीशासगापिटिशीनी पण डीपडघरती,चिउद्दीपनीयत गिजालीशासासाहेवतणा घरत्रपउरीने,भनस्नानमारीगासना रक्षापोटदीजांधीजेड्ने,भरिमेहेत्यांशएगारीशासगाणाप्रलुभुजड भअमरीलभरी,रासरभंतीपरालीसगाप्रलुभातातुंगतनीमा वागणीपउनीघरलारशासनायामालतुम्ननपर्युवोणत्तभन्न रनेणपगारीशासगाछप्पन हिशभरीशुणगानी:श्रीशुलवीर वयन शातीशासजिगाणा ताटा - - - - ॥ जयभामखडीक्रीडानुं स्तवन । पजाप्योभाषाढोभासनाच्यो घृतारोगाये देशी॥ भाता विशलानंभार,गतनोटीपोशाभाराप्रागतगोमाघप - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra Iorg Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रवीर घऍलचोगामेमांशीरामाभवडीक्रीडायरमतां,शस्योसुरत्र लुपाभीगासुगन्नेने स्वाभीमातभराभी,चातहुं शिरनाभीशावीरधन एन्लयोमागासौधर्मासुरसाउँ रेहेता प्रभो भिथ्यातलशणारे नागध्वनीपून उरवां,शिरन घरीप्रलुभाणाशाचीगाशाभागामेऽधि नमसलाभांजेा सोहभपति भजोगापैरजपत्रिलुवननुं नावे. मिशवाजावडतोसेंगराचीगागाभागामापुसायुसङसुरजोन ल्या,पराभवातनभानीगाणिघरने लघुजावडर,भतरभीयोन जानीरावीगागाभागापईमानतुभधैरग्भोटुं,जखमांपएनहींड धुरोशिश्नानागुएशिश्मागावे,हवेभेन्लएयुंसाधुरेरावीगापमान मेन भुष्टि भहारेभाई मिथ्यातलाशुब्नयरोराडेचलमाटे भोहरायने, रिहेचानुनहीं थायरोाचीगाभागाभाग्यडीतुंसाहेषभारोहुँ से वउताहरोगानिएभेडस्वामीगुएन विसारं पाएथडीतुंप्यारोरे पचीगागाभागामोहरावेसभडितपावे,तेसुरसरणसघावेशामान हावीर मनुनाभघराणे,स्सलागुएगावेगाचीगागाभागाप्रलुभ पपता निग्घेराये,सरजाभित्रसोवेवाश्रीशुलवीर-भुजहुंचे जीभाताळसुजपावेगावीनामाभागा प्रतिमा ॥जथनेमिनाथनुं स्तवन । ॥जावो हरि भने पगाशी । ॥सुशोसजिसग्नना विसरेशामाइलवंतरनेहलीचाही,नव भेडेभपिछडासुगानेह पिखुदामापुनीयाभां,अंपापातउरेगसुगाप घरछंडीपरशे इश्ता, पूरणप्रेमें मासुगान्ननसलउरीमध्यभान मे,नयनसें नयनभलासुगाशातीरराजगये गिरनारे,चारित्रसे छवियासुगापुःजएलरियांपुरिग्नलोयिताघेषलासुगा आभाताशिवासुतसानलसन्न साधाभासुगातोरणमा ची भुन् समन्वी,संग्भशानासुगाचारानुवराणविराणे रेहेताप Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११७ ) ज्यानयघावशासुगापीतमपासें संग्भवासे,पातपूरहरेरामुगापा सहसाचनही मुरुगनमें,ज्ञानसें ध्यान घशासुगाडेवस पानी शिक्षण तिगामी, जासंसारतासुगादानेमग्नेिश्वरसुजसज्जायें,पोना दीयाशिवनगासुगाश्रीशुलवीरजंडसनेही,डीर्तिब्णपसाषा । | ॥ जयश्रीनेमिनाथनुंस्तवन । ॥ सुणुगोवालणी,गोरसडापावीरेणलीरेहेने मेशी॥ . ॥शाभलीभाषाल,तोरणधीरथयो,अरगडोहोनेगुणा गश्चातात,मुल्नेभूतीयाख्यारिसन घोनशानेमांडपीपहुंथुनारी|| नभारी,तुभशेधीन भूडीजभारी,तुभेसंन्मस्त्रीभनभांधारीशाणाशुव|| पशातु पशुभारीपरपाजाएी,तु भारीवातओनवन्नएी,तुमपि ए परऍनहींजेभागीशागायुगाशासाहलवानीप्रीतडी,भूडीनेना यात्यारोतडी,नहीं सम्पननीभेरीतडीमशागाशुगाशानपिडीघोह थीपरहाये,तोराबुहुंभायोपान्नकुंप्रनुलनीसारशाला युगाचा महीपत्नुहाथेवतषीघो,पोतानोअरन्सविडीयोपिउन योभारगभेग शिवसीपोशागायुगापायोपनहिनप्रलुलजेंतप उरीजो,पएपोते उचलरघरमओ,परासतण्त्रीशशुंशिवरीमोप शागाशुगादाजेभत्राउल्याएगिरनारे,पान्यातेग्नित्तमता ले पपयतसशिरघाशाणुगाणा ताला - - - - ॥ अथ श्रीसिहायतनुं स्तवन । ॥ सेसुंगरतुंशीघ्ने मान्योरामेशी। ॥मावो शिरि सिदायलय,पापहरी निर्मलथईये,उभनि उपग्रहनेतलयोभायो गिरि सिडायसन्ध्या पातारातीरथधे उहीमें,थापर रंगमनेखही षोडोत्तरने नित्यललयोमानाशा पहभगवाएं पनपरियें, एयघपोषालेलीये,सिद्दानंताज । Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.sg Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४८ ) उरीयरानागाजासोनाडूपाने ड्रेसें,भुताइलममुखउ भूषे,पूछनेनाभनहीं लूतायागाचायडीयें गिरिवरमनुउरभे,मंतरध्यानर संरभीमें मचानननेनभीयानागापारायएडसग्निराया, पूर्वनवाएंग्रहांमाया,लषीललीतसप्रण/पायाएमागादास राउंडमान्छेनाहाशु,पेरएक्षीरोमार्छ,मांगीरथी ग्निशुराणा शंगभागाणातीरयरसनेंद्रीये,न्नेगणपाघिरेउरीपालन नंतोभेणें गिरियामागाटागाभजगोरेथीभाषे,संघवीसंघव एभनलावे,ग्निशुगुभाताउंगवगाभागाणाजोगणीशनीलो-|| त्तरवर शासपोसनी चिो,निवरत्नेटीभनोसन्सामा पागाचीननमनुसरीये,णितजामोग्लनरी,सिहशिलाडान जस्सगरीयभागापालावेंडूंगर चित्तपाया, सिद्धवनीशीतष छाया,न्नएरंभापडलीभायातमागापशाविभलायलरसेप्राणीचा लपिहोवेनाएी,रिजलउहे बरे शिवरागीभागापागाईतिान - ॥ अथश्रीसिहायिसस्तवन ।। ॥गरजानी देशीभांश्रीसिद्दान्यसभंडरास्वामीरे, गळवन अंतरन्नभीरे,मेतोपएमुंडेंशिरनाभीन्नबीडान्मत्रानवाएंउरीयेंडरियेतोलबल्स तरियानवीगाताश्रीऋषलाग्नेिश्चरराया रे,लिहांपूर्वनवाएंभाव्यारे,प्रनुसभवसस्यासुनद्ययापनत्रीगाशा थैत्रीपूनमधनवजाएंरे,पायडोडीपुंडरिउन्नएरेने पाभ्यापनि वायुंमत्रीनाशानभि विनभिरान्न सुजसातेंरेजेडोडी साघुसं घारे, तो पहोतापलोांगनवीगानाअंतिपूनिभेउरभनेतीहीरेन्हिांसिद्दामुनिशमेडीरे,तेतीहोरन्नेडीशन्नवीगापण जेमलरतेसरने पाटेरे,मसंज्यातामुनिबाटेंरे,पाभ्या भुगतिरभएप मेचाटेंगन्नत्रीनारायसहसभुनिपरिचाररे,थावयासुतसजाय रिसयपंचसैलगाएगासन्नवीगाणावली ध्वीसुतसुग्गीसो, - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४७ ) सिद्धा जहुलघ्ववंशरे, ते प्रएगमोरे मन हंसान्नित्रीगायापांये पांडव भेऐंगें गिरिजाव्यारे, सिद्धा नव नारह ऋषि रायारे, वसी सांज प्रद्युम्न उहायान्नित्रीणापाश्येतीरथ महिभावंत रे, निहां सिद्धासाघुश्ानंत रे, मलांजेश्रीलगवंत ॥न्नत्रीगावगाडीन्न्वसगिरि सभी नहीं डोयरे, तीरथ सघला में ब्लेयरे, ने इरस्यां पापन होयान्नियीना१शास्लप) जाहारी (२) सयित्त परिहारी (3)रे, पहयारीने लूमि संधारी करे, शुद्ध समतिरपौने व्यलारीद्गान्नत्रीगा१शानेम छहरीनेन उपासेरे, जहुहान सुपात्रे जातेरे, ते जनम भरएालय रासे ॥न्नत्रीणापत्र धन्य धन्यतेनरनारीरे, लेटे विमलायस खेड तारीरे, लीं तेहनी हु जसिहारी पात्रीणामाश्रीन्निहसूरि सुपसायें रे, निनहुर्ष होय तीच्छायेंरे, र्धम विमलायसगुएाणाये ॥न्त्री ना१५॥ छतिया ॥ अथ श्रीपांयारएानुं स्तवन ॥ ॥ होड़ा ॥ सिद्धारथसुत चंहीजें, उग्गहीपड न्निरान्गावस्तुतः त्यसविन्नएपीजें, नस जागमथी भागाशास्याद्दाध्थी संपते, सडस वस्तु विष्यातासितैलंगरचना विना, जंघन जेसे वात॥शावादृवहे नयन्नूब्लुग्ना, ग्ञापश्नापणे ठामपूरए। वस्तु विधारतां, गोर्धनग्नावे प्रभाआनंघ पुरीषे जेहगल, ग्रही अवयव अडेआदृष्टिवंत सहे पूएशिन, अवयव मिली ग्जने आना संगति सम्सनयें उरी, लुगतियो गशुद्ध जोधाघन्य न्निशासन न्गन्ग्यो, निहां नहीं दिशो विशेषच ॥ ढास पहेली ॥ ॥ राग खाशावरी ॥ श्रीग्निशासन नगन्यद्वारी, स्याद्दाशुद्ध परेशानयनेअंत मिथ्यात निवारएा, श्नम्स जलंगननूपरे ॥ श्रीना शाने मांडणी ॥डओ उहे खेड असतएंगें यश, सम्सन्गत गति हो यरे ।जलें जीपने डाले विएासे, जबरन डारए। डोयरे शाश्रीणाशाअ सेंगर्ल घरे न्गवनिता, डालें नग्न पूतरे । हायें जोले डायें पाले, डालें Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १५० ) नसेघरसूतशाश्रीगाडाघथहीहीथाये,आइस परिपाऊ विविधपघश्यालणपानेमसथाये जाउशाश्रीगानानि नयोवीशेजारे चक्रवर्ती,वासुदेबषसटेवडालेचलितनिधी सेल्सुरतासुरसेवाश्रीगापा सर्पिणीभपसर्पिएीभाराष भन्नुन्नुलातरराषटऋतु अपविशेष पियारो,लिन्नलिननिए ताश्रीगादागजातपिलास मनोहर,यौवनावाडेशगाहपएाव सीपलीयपुमतिदुर्जखारातिनहीं लवलेशशाश्रीनागाप्रति ॥ढालजील ॥ ॥गिरिमा शुगवीराजेदेशी ।।। ॥तवस्वलाववाधीवरेन्छ, गलतिस्थुरेमावस्तुस्वलानीपन्ने कपिएसे तिमनिशंगासुपिड पियारीमूगोनूजोवस्तुस्वत्लाव पानेमांडपीते योगन्नेजनवतीळयांलगीनएजाषाभू छनहीं महिलामुजेल,उरतलणणेनवालासुगाशाविएस्वलापनषि नीपरेछ,भपहारथयाजंजनलागेसीजडेल,वाशसंन्या सुगासमोरपिछरायीतरेलराउरेसंध्यारंगानंग विविधसपि चनाल,सुंरनयन रंगासुगागागंशजोरजप्नुलनांलाओणें जएीयाखांडीघारूपरंगुएनुन्नुभाल,तरसलप्रसिहासुन पाविषघर भस्तनित्यवसेन्छ,मागहरे विषततासापर्वतथिर पिसवाथरीलीभग्निनीनलासुगापामछतुंजन्समांतरेब, जूडे जगपाहाएपंजिन्नतगयरोनिलागिपरेसयप विन्नाएाण सुनाशाचायुशंथीपशभेछ, हरडेउरे विरेयासी नहींउरागडु छाशत्तिस्वलावभनेठासुगाटाशविशेषेष्ठनुल,लुयमांथाथपा हाएाशंजजस्थिनोनीपरेलाक्षेत्रस्वलाव प्रभागासुगाफारवि तातोशशिशीतलोल,लव्याधिजहुलावाछमेव्यमापनापन पालनतरेयस्वलारसुगापना तिवलापाधि - Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १५१ ) ॥ ढालत्रील॥ ॥ उपूर होमेमतिणग्लोरेशी ॥ गलतिश्युरेणापडोलवस्तुस्वलाचगान्नेनपिहोयेल पितव्यताब्यातोडिभसीछे शापायीभरोभनन्न्नखालाविलाप निहाल रोप्राणामनामेमांडएसनिधितरेगलझेल,ओडगा |तनउरेओयामगुलाबीहोरेनहींल,लाविहोयतेहोयरेभागाश|| भांजे भोरवसंतभालगडायेंडेसाजाडेजरयांउमाजटीला मांजाडेसाजरापागाजावाणखामिलवितव्यतालागिएलिए घिसिजलयापरवशमनभाएसत[लतृए भिडे घायरामापाडया नियतबसे पिएपिंतप्युल,आविभलेतलावावरसासोनुयितव्यु नियति उरे विसरातशापागापावह्मात्तचक्रीतणांल,नयए। ऐगोपालाशेयसहस्सन्सपतालहतगारेजवालापावाद जोहोमोथलाउरेल,भिराजीशपाएमाहेडीशरताडीयोलण| परलभेशीयाराशापागाणानाहेडीनाणेश्योलणाराषाग्योशीशाण होणडीगयोलम्बूझोन्नूमोनियतप्रभाएगाभागागाश खहएयांसंग्रामभांजराने पडयालचंताभरिभाथीभानवील राज्या हीनरहंतापागाका तिलवितव्यतावाट उपितंग ॥ढातायोथी॥ ॥ रागभरिए। भनोहर हीरळरेशी ।। अलस्वलाचनियतमतिडी,भतेथायाभै नस्यतिरिया नरसुरगतिका बलवंतरेनयायितनयेनिथेरेपार्भसमोनही | डोशाचेतनामेमांगी उभै राभवश्यावनवासें सीतापामेमालाप मैं खंडापनि राघरा-राज्यमुरिसरालायेगाशा डीडी उर्मेनरशुरावंताडभैरोगशोगपुजपीडित,ग्नभन्नय पिलपंतप गार्भेवरसलगेंरिसहेसर,मोहनपानेमन्नाउ:वीरनेन्नूलो योगमारे जीवारोप्याउन्नायनातामैंडसुजपाजेसे,सेवासेयो। IMEducationa Intemational For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १५२ ) पायाने हयगय रथ पढ्या धतुरनर, जेड आगसीलयाथैिवाच जिद्यभमानी संघतणी परें, न्ग हीडे हाहूतो ॥ उयम जसीतेसहेससरेल, सुजलर से सूतोरेरायेिगासाठींहर छोडें डीघोडीयम, इथंडीयो उश्होले ॥ मांहे घणा विसनोत्लूज्यो, नागरह्यो दुःज डोसेरे शाथैनाशचि वरकुरी भूजतस भुजयां, ध्येि जापएगो देहाभाग सहीवन नागपधाश्या उर्भभर्भन्नूनो नेहा येनायार्धति उर्भविवाहं मृत्य ॥ ढास पांचमी ॥ ॥ हवेणीद्यभवाही लएंगेजे, जे श्यारे असमर्थतो॥सम्स पहार थसाधवा जे, जेीद्यम समरथ तो। वीद्यम उरतांभानवीने, शुंनन पिसीले अन्तो ॥ शमें रथएपायर तरीजे, सीधुं संग रान तो ॥शाउममनियत ते अनुसरेको, नेहमां शक्तिन होय तो । हेबील वाघ भुजें पंजीयां ग्ने, पिठी पेसंतान्नेय तो । आविएाडीद्यमभिनिङलेखे, तिल मांहेथी तेल तो ॥णिद्यमथी डींथी पढेजे, ब्लूखो जेडेंहिथ वेल तोचा बीयमङरतां भेडसमे भे, नेह नवि सीने अन तो ॥ ते ङ्गिरिबीद्यभथी हुये से, नेनविभावे चान्तोद्यमपुरी खोया विनाग्ने, नवि रंधाये ज ब्नतो॥भावी नपडेडोसीग्नो जे, भुजमां पजे तन्न तोर्भपूत जिद्यमपिताश्ने, श्रीद्यभेंडीपां दुर्मतो ॥जीद्यमयी दूरे टखें से, ब्लूखोउर्भनोभर्मती॥णदृढप्रहारी हत्या उरीग्ने, डीघां पापश्चनंत तोषिद्यभयी षटभासभांजे, जाप थया अरिहंत तो टीपेटीपे सर लरेने, अंकुरे अंडरे पास तो । गिरिजेहवागढ नीपने भे, अद्यमशक्ति निहाल तोताषीद्यमयीन्ग्स जिंदुनी से, उरे पाजाएाभां डाम तोणिद्यभथी विद्यालएोग्ने, पीद्यभन्नेडे हाम तो ॥१०॥ ॥ छति अद्यभविवाहंगा ॥ ढास छठ्ठी ॥ [[जे] छंडी डिड़ां राजी ॥ जे देशी ।। श्ने पांये नयवाहरतां श्रीग्नियरो आवे | अमिय सरस न्निवासी सुगीनें, नानंद अंगनमा वेरे ॥प्राणीणासमति मतिभन जाएणो, नय भेडांत मताशी रे प्राणी॥ Jam Educationa International For Personal and Private Use Only Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -- ८ १५७ ) तेभिथ्याभतिन्नणारे प्राणी सनापाभेशांणीनेपांयेसमुधयनि व्याविराजमानसीगाअंगुपियोगे उरतणी परेनेजू तेरी प्राणीसगाशाजाग्रहमाणी ईडने,मेहमांधीजेंवडाणापरासे, नाभिलिसपुतश्यांगराळंतेसुलरसडाईरे प्राणीगासमगाआतंतु खलावें पटणपन्नवे,असक्ररेवणामालवितव्यताहोयतो निपन्ने नहीं तो विघनघणांमेरेपाणीसमगागातंतुवायणियमलोस्ताहिक लाग्यसयसहाभपांचे भतिसपस्थणत्पत्तिब्यूमोपिया रीरे प्राणी समनापानियतिवशेहतुडरभोथईने,निगोथडी निड|| सीयोपुए भनुपलवाछिपाभी,सङ्शुरनेभलियोरेप्राणीएस भगाशालपाथितिनो परिपाऽथयोतव,पंडितवीर्यससिजोगालव्यना स्वलावेंशिवशतिपाभी,शिवपुर नेवसीमोरेप्राणी सभगाशाव ईभानग्निमणिपरें विनयशासननायगायोगासंघसऽससुनहो येन्हथी,स्याचारसपायोरेपाएीपसमगाटाउपशायधनान यमुनिघायचीर लिएपरसंथुएयोसयसतरसवंतवन्हि लोया नवर्षहर्षघरीघयोश्रीविग्यचसहिपटघर,श्रीविन्यप्रलभुणिं, मात्रीठीर्तिविग्यवायशिष्यपिपरें,विनय हेमारांना ॥अथ श्रीभाहावीरस्वाभी- पालएं॥ ॥भाता विशवायपुत्ररतनजो,योशस्नामासनांपेसा। सामवधिज्ञानेन्मे घायोश्रीग्निवीरने,जावेक्षत्रियकुंडनयर मुळा एभातागापावीरप्रतिणिजभूडीभाताउने अवसरपिएी निधी साशामभेशशिजरें ग्लिनेलावेलान्निसुंरुपियाउरी भजोहार भातागाशाभासंयोगडोटीभलीध्वता,प्रलुनेभोच्छवभंडात समयापांडुऽचन शिक्षायें गिननेखावेलन्तिशुहरियणथापेध संघीउछायाभातागाजानेडोडीशाहलाजसशेंजरी,चीरनोस नात्र महोछाउरे चाराामनुक्रमें चीर भरनेलावेग्ननीभंहिरे,प Ah Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar borg Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १५४ ) सी प्रियंवान्नजे तेणी वाशाभाताणाचाराल सिद्धारथने हीधीवधान एगी, घसीने धनने मान हीने मनोहारा क्षत्री कुंड मांहे खोछव मंडावियों पलसोज्ने हरज जपारा भाताणाचा घर घर श्री ईल तोरा बारन जांघिग्मां, गोरी गावे मंगलगीत रसाला रान्न सिद्धारथेग्न्म महोच्छव उयो, माता त्रिशसाथ जन्मास ॥भाताणाशामाता त्रिशला भूसावेपु त्रपारगे, भूसे साडम्डा प्रलुल खानंद ले। हरजी निरजिने हाएगी योन्नश्मेवारों, जानजानंद श्रीचीरङ्गभरने घेशामातानाजावीरनाभु जडा पीपर वारं डोटी संभा, पंडन सोधन सुंदर विशाल उपोसाशुङ येशू सरजी हीसे निर्मल नासिठ्ठा, प्रेमस अघर जीएा रंगरोस भाता ताजोजधि सोवन भढी रे शोले हासरे, नान्लुङखालरए। सघलांज्य नभोतीहाराहुर अंगुठो घावे वीरभर हर्षे उरी, अंधे जोसावतां रेडि लाशामातागाजावीरने निलाडे डीघोछे ुडुम पाहलो, शोलेनडितम् रङत भशिमां हीसे लासा त्रिशसायेंन्नुगतें भांल अशियाली जेहुजां जडी, सुंदर उस्तूरीनुं टजडुंडीघुंगाला भाताणापणाम्यनशोलेब्लतनां रलेंन्डीयु पास, सावत्ती वेसा थाग्ने घूघरनो घमाशात्रिशला वि विषवयनें हरजी गाग्ने हालरें, जेथे मतिनाषी इंधन घेरी साशाभाताणा१शाभारो साऽऽडोसरजा संगेरभवान्शे, मनोहर सुजडली हुंजा पीश जेहने हाथा लोग्न वेसारभञभरभलभ उश्तोभावशे, कुंती घा घने लीडावीश हृघ्या साथ भाताणा१शाहंस अरंडव डोडिल पोपटपा रेवडा, मांही जप्पैयाने सारस य मेशामेनांभोर भेट्यांरभडांरभवा तएां, घमघम घूघरा जन्मवे त्रिशसा डिशोर || भाता ॥१॥भारोवी शुभर निशाले लए वान्नयो, साथै सन्न टुंज परिवाशा हाथीर थ घोडा पालायें लधुं शोलतुं, री निशास गरएं अति मनोहारा माताना नाभारावीर सभाएगी उन्यासारी सावशुं भारा कुभरने परगा वीश भोहोटे घेशाभारो साडडडो वर रान घोडे जेसी, भारोवीर उरशे सहाय सीसा सहेर गाभाताणापपामाता त्रिशलागावे वीर दुभरनुं हाल Jaid Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १५५ ) रिंमारोननळचन्नेडोडीवरमााभेतोराम्रान्सरथाशेलसोधीपतो, भाराभननाभनोरथपूरशेब्गीशाभातागाधाघन्यधन्यक्षत्रीकुंडगा भमनोहर रिहांचीरभरनोग्नभगवायारान्नासिहारथनापुलमा हिटिनभएी,धन्यधन्यधिशलाराणीनेहुनी भायााभातानाणाम सैयरटोपीलोलीगावेहावर,थाशे भननाभनोस्थतेहनेघेशामनुक्र में भहोत्यपहची रूपविन्यपहपामशे,शाभेमभिन्नाविन्यथाशे सीवासहेगाभातागापटाईतिराशा ॥ अथ श्रीभाहावीर स्वाभीनुंहासरिणं॥ ॥भाता विशवाजूपाचे पुत्र पालऐ गावे हातोहातोहातश्चा नागीतासोनारूपानेबसीरनेडिणपासएं रेशमधेरी घूघरीचागेछु| मछुभरीताहातोहाबोहालोहायोभारानंहनेपानिलपासप्रलु|| थीवरसम्मढीशेअंतरे होशेयोचीशभीतीर्थरन्तिपरभागाशी-| स्वाभीभुजथीमेवीवापीमालती,सायीसाथीहुर्छतेभारेमभृतवा पागाशायौडेस्वपनें होवे पक्रीग्निशसवीताणारे पक्रीनहिंए वेचिकीराग्निलपासप्रलुनाश्रीडेशीगराधार,तेल्ने वचनेनएयायोगीशमाग्निरामारीजेंनाच्यात्रएयलुवुनाशिनतालमा रीजेंभाव्यासंघतीस्थनीलामहुंतीपुण्यपनोती माशीथमा गाहांगाउ सभुनने होहोलोणपन्योनेजेसुंगर अंजाडी,सिंहा|| सनपरजेसुंयाभरण्वघरायासहुलक्षणभुग्नेनंहनताहा रातेग्नां,तेनिसलारनेभानंहगंशनभायाहागाच्यरतष पणतष सक्षराभेडहुन्नरनेभाउछे,तेहथी निश्वयन्नएयाग्निव श्रीगटीशानघ्नन्मएीघेसंछनसिंहनिरागतो, पहेले सुपन नेहीडोपिशवावीशाहानापानंहननवलाजंघवनंधीवईननातभे) निनलोन योनायरोसुष्टुभाषासशेलोलयोउहीहीयरन भाहारालाऽसहसशेरमशेनेवली गुंटीजराशेणापासशेरभरो Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary 1999 Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५९ ) नेवतीसाशेणालाहगादानंहननवताडाशननालाग्यो, नघ्ननवापांयशेभाभीनालाएगेल्छोनघ्नमाभलीभानालाऐ|| नसुभालाहसशे हाथे गासीहीनेनाहानालाऐन,मांज्यो मलनेवसीटजउँउश्शेणालाहगाणानंनभामाभाभीलावशेटोपीभांगलांतनेडीजांडासरभोतीशजीओगानीलांन पीलांने वसीरातांसरयेन्नतिनां पहेशवशेभाभीभाशनंडिशोरा हागावानंदन भाभाभाभीसूजडती सहुलाचशे,नंहनगन्नुवेलशे || लामोतीयूशानंहनभुजांन्नेनेपेशेभाभीलाभणां,नंध्न भाभी उहेशेळयोसुजलरपूशाहाणामानननवसायेहाभाभानी माते सती,भारीलत्रीलनेजेनतभारीनंधातेपएणुंगेलबालाजएसाई सावशे,तुभनेन्नेछन्नेहोशेअधिोपरभानहाहापापनाश्भवाग नेपाचशेषाजटानी घूघरोवलीशूभेनांपोपटनेगन्शन्गासा रससओयवतीत्तरने वसीमोरल,भाभीवावशेरभवानंहतमारे|| अन्गाहानापाछप्पनकुमरीजमरीनसासशेनक्शवीमा,नंटन भने नभने पीघरनीमाहे। सनीवृष्टिडीघीयोग्नभेऽने भंडसे, बहुपिलवोनाशीषीपितुभनेत्यांहाहानाशातभनेभेगिरि परसुरपतियेंनवराविमा,निरजी निरजीहरजीसुमृतपालभाय पभुजडाणपरवरिशेरीटीयंस्भावक्षीतनपश्चाईग्रहगरानो समुहायाहापाठशानंहननवलालवानीशालेंपएभूऽशुंगन पर मंजाडीजेसाडीभोहोटेसागापससीलरशुंश्रीस शेश्सना गरचेलशुगसूजडसीपेशंनीशालीजानेअन्गाहानापमानघ्ननवलागोहोगथशोने परणापशुंचहूपर सरजीन्नेडीवावशुरामा रासरणावेवाचेवाएंने पघशवशुंवश्वहू पोजीसेशुन्नेऽनेन नेचराहनात्यापीमर सासरमाराजेहुपक्षननग्ला , भाहारी उजेंभाव्यातात पनोतानंहाभाहारेभांगणामभृत पभेला,माहारेजांगएसिभासुरतर सुजनाउधाहागापा - Jairucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ol Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( १५७ ) मणिपरेंगायुंभातात्रिशलासुतनुपारमुडेओर्षणाशेलेशे पुत्रनणा साम्रागाणीपीभोरा नगरेवश्राव्युबीरनुहावर न्यन्यभंगलहो नेहीपविग्यऽपिरान्गाहागाणा रातिएटटा .॥ जय श्रीभेडाशीनुं स्तवन ।। पंचगवानी देशीभावारिसनगरीसमोसश्यारे,जावीशभारिएपंडाजेउरन्नेडीलावणुंरे, पूछे दृष्य नरिंधात्रुटछापूछेश्व एनरिंधविचे,स्वामीमण्यारशभानीमनेाग्रस्तणोअरणभु ब्लाजो महिमातिथिनोयथारथजोगन रिऍहलला भी हिमासुएवातासत्नपिउभनीस्स्सेरे मशीभारसहिनसारसंघ हध्यडे वसेरोमेमांडपीपनेमाहेडेशवसुशोरे,पर्वउँछेतेए पत्याएऽग्निनांड्यारे,घेढशोजेणेनियात्रुटमाघेढशोन मेरो निसूत्रप्रविध्यां,इत्याराशजेवनापीघांमतितमनागतनेवर्तमान सर्वभलीघेढसयतसभानालानिमाणपत्र क्षतभांबोरे,वभाहेमरिहत्तायकवर्तिनृपभांवडीरे, तिथिनां तिमगेहुंतात्रुटजातिथिभांतिभहुंतवडेरोलेउ शुलटनोघे रोगभीनमाराध्युशिवपमापे,संघट चेततयाभूखापाल लिगाडामहारत्तोपोसहजीरे, भौनेतपर्णपवासाशीभार या र्षभराधियेंरे,चलीभगीगारहमासात्रुटमाचलीभगीमारह भासनेसाघे,भनवयायानीशुध्धेचारागालालबनेनरसुति याथासे,सुव्रतशेडपरेंगवरासेालम्निाचाशसुव्रत श्योरे,भिणाभ्योसुजसातानेभडेशवसुपोरेसुव्रतनामा विधतात्रुटमासुव्रतनाजवतजाएघानहीजडे विग्यपुर नएपुरविपासातिहांरागविरायंचयतीराणीतसछागाळा निगापावासबसेब्यवहारिमोरेशुरना तिहांमेशासहशुई मेनिग्रहरे,गणीनारसिसुविवेडात्रुटाजणीजारसी। Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.sg Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १५८ विडेंसीपी, डोणगभगा पिपिडीधी।पेटशूलथी भरणुषहीने.पे. होतोमगीनारमें स्वर्णयहीनेाललिगामेऽचीश सागरतपुरे पाखी निश्पभमायाणपन्नो निहांतेउडुरे,सुणुलेयावरायात्रुट पसुएन्नेयावशयमेऽयित्ते,सौरीपुरेचसेशेऽसमृध्यित्ताभीति भतितस घरणीने पेटें,पुत्रपएणपन्नोपुएयलेटेरिनराणान्म समयपशर मोरे,लूमियीसजसानिधानाणियितलएगीतसथापि मोरे,सुव्रतनामभधानात्रुटमासुव्रतनामच्योभायतायवाघ्यो भरउसानिघियायाउन्यानगीमार वस्योसभन्नेडी,मगीमारहुर्ण घर सोचनजेडीलग्गिाटगाविससेसुजसंसारनारे,गुंठसुरन भामन्यचिससहशुश्मरे,शनाते सुगीजेमपत्रुटआशनए तेसुऐपर्वमहातभ,जील्मभुज तिथिनो जतिर्णत्तभासालखीने हा पोते,मनिस्मरण सयुंगुणवंतेगलग्निाकारलेशीसुव्रतल गोरे,वर्ष हिवसभासार विसभुग्घजीयेंरे,हथीहोने| लवपाशात्रुटगानेहथीहोमेलवपारतेघजो,गुरउहे भौनमेशन शीराजीतहतिउरी विधिशुंभाराधे,भागशिरशुहिनेडाशीसा घोलग्गिापनाशेडनेसुजीयोजीनेरेनहेगेघर्भसाशाप्रेम सहितभाराधनारे गतिविन्यज्यताराात्रुटमाांतिविन्यज्या रसघ,नित नितसंपधहोसबाशाह तिथिसऽसतऐमना ला,पहेलीदासहीसुजधशाललिपति ॥ढासजील॥ . ॥मेचीशानी देशीभांगभेऽपिसें रेशेडसुव्रतपोसहघरे, सहकुटुंजेरेरयगी सभयाणस्साशातरभाब्यारेथोरखवाघ नभांगणे,सीजांधेरेगांउडीधननीततक्षणापाटाततक्षन जांघेच्यजहुतुंसिरणपाडीसंपगातवध्वशासनतपीथल्या, चित्तमति पिताम्रेण्डीगमलातें रोटावे,जांधीसोप्यारायना पहुकुमीघोरायनवतिहां शेडमाव्याघायनेपानृपजागेरेशेधा Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - । . .. ( १५८१ ) मूडीजलेटएछोडाव्युरेथोर सहुनुपएगणवाघ्योरे भहिमान श्रीग्निधर्मनो,उछांडेरेभाराभिथ्यालरभनोगात्रुटामिथ्या तभारणतल्यपुरीग्न,दैनधर्मजंगी गाभेऽपिसें घायण उतिणलटामगनिलागो तिणे पुरोाजालेतेसुंघरहार भरिलो नाहाघसमसीएसयुटुंजपौषधसहिततिऐनिशेहजेहासभरसी पचाग्नजोलेरेशेठसलूपा सालपोहहनउरोरेनासोमग्निमांड जसोशेऽपितेरे परीसहन्नेहसएशंसही,व्रतजंडएरेऐमक्स रउरशुंनहीं पात्रुटानहींयुतमुग्नेबत विलोपन, रह्योभन ढताग्रही।पुरजत्युंसघर्षशेडना घर,हाटत्यांगत्यां सहीपपुर सोऽअपरिहेजीमजसुंअतिप्रशंदृढपएंगहवेशेडसंग्रह रेशेणाभाऊयातएंगदाभुताइलरेमणि भाणिज्नेहोरखा, पीरोन्नरे विभगोलडमतिललावारेिसप्तधातुभेलेर खी,जीरोउरेप्रभुज विविधजंजरवषीणात्रुटङावलीघानने पन चाननहुविधापूस सभनीतानगीभार संज्यामेऽनी, ग्वेश्रीग्निमागसँगनिलन्तिभंडे दुरित जंडे,लाललहेनरलवन तयोमहिभावधारे सुविधिधारेतपसुधारेभापएएगानासाते रेजश्येघनभनीटलसी,संघपूनरेसाहभीलतिउरेहसीएटी|| ये मुनिनेरेज्ञानोपराशुलभतियारसीरे भीग्वीतेणेसु ग्रतेएकात्रुटमातेरीसुव्रतें विसचंद्या, सूरिन्यशेजरयुश्य पीधर्भमनुभतिभागी सुतनी,सीये संग्भसुजानगीभारत एीग्रहियसंयमतपतपीमति निर्भखंगलहीनाएचसमुन्तिपो होता,सासुजघनगडंपनायसयछरे,नेऽशोभहभसा रशाजटभासीरेमेज्योभासीयाररात्याछिरेसुव्रतमुनिवरा तपउरे,अगीनारसीरेतिथिसेवेमुनिमनजरेशात्रुटमाभनज रिपालेशुध्धसंयमानेऊनिमेडऋषितरोगाथणरपीडातेरोन हिवसे,अछे सुव्रतव्रतपरोराटेववयरीपूर्वलपनो,थतापान Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाग्यो तिहामुनिरायसुव्रततऐमंगे,वेनापी रिहायशासभन ताघरे निश्चल भेरपा रह्यो,सुर परिसहरे निश्वपथनेसांसद्योप नविघोपेरे भौनसुव्रतमुनिराल्मिो औषधपएरेसुरेघाज्योपरान विडियोपशानविडियोनौषघरोगहेते,असुरमतिको घट्योग पाटुप्रहारेहरोत्यारे,मिथ्याभतिपापें भढ्यो ऋषीक्षपडश्रेणीथति यञ्चल नारासहीभुगतिशयोभढासजील डांतिलगतां, समस सुजभंगलथयोता ॥ढासत्रीन॥ ॥ सीताहो प्रीयासीतारापरत्नाताशी । ॥लाजीहो निलाजी नेभिलिएंड,एीपरेहो न्निध्याप रसुव्रतनी ज्यालासहरु सो गिनसदृहेष्णनश्छेिहन हो किन छन्नलवलयनीव्यथाळावापर्षधही ग्निपर्षवलोऽतिवार,ला हो तिहांला नगीनारसम्परेलानेहथीहोममेयीलपि उभपार,सहेर्नेहोलपसहेरेंत्नवसायरतस्यालाशाताराहो ग्नि तारऊलवथीतार,भुग्नेहो मलुमुननिर्गुराने हितजीलाासायीहो निसाथी पित्तभवधार, डीघीही भेंडीपीताहरीयारीलाशातर शुहोग्नितरशुब्नेतपसाघि,तुभयीहोपलुतुभयी तिहांभोटिभडि सीलासहोन्निसतुंहिंसमाधि,म्मेवीहोप्रलुभेवडी गंगा भिसीलागाछेहेोहोन्निछेहेडोसाह्योभामोहोरीहो मलु मोहोरी भाशाउरीलादीघाछोपिएशीयापिएभाहारा,छूटीस होडिभछूटीसहिभाविणदुरेजहरीलगालवलवही ग्निलवलवेंस रएतुम्होने हो ग्निहोन्नेहुंडेतुंचवीलान्नेहोन्निने सेवा मुन्यों होरिनरंगेप्रणभुसपी पतीलादरात्रीलहीनेहनीलपु रीठासप्रेमें होग्निप्रेमें अतिविल्यउद्देलानमतां ही ग्निनमतां निभि घ्याव,मंगल होघरभंशलभाषाभहभहेलागा ॥उसशायसउससुजर,पुरित दुःजहर,लविउतरनवन Jain Iducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.oli Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९१ ) सालवताप चारड, नगत तार, न्यो न्निपति न्णशुशाशासंत्तर सय जीगगोतरें, रहि डलोई श्रोभासखे । शुहि मासभृणसिर तिथि अगीश्यारस,रख्या गुएा सुविलास मे ॥शायय धुर्ध मंगल डोडी लवना. पाप रन दूरे हरे ॥न्यवाद मापे डीर्ति थापे, सुनस हिसो हिसि विस्त रेश आतपगच्छ नायक विनय मलगुरू, शीष्य प्रेभविन्य तणो ॥ हे अंति सुतां लविङलएातां, सह्यो मंगल भवति घणो ।। पानीयें मंगल अति प्रणो ॥ ॥ति श्री मोनजेादृशी स्तवनं संपूर्ण ॥सा ॥ जथ श्रीयशविन्यठीपाध्यायद्धृत ॥ ॥ वीशी प्रारंभः ॥ ॥ तत्र ॥ ॥ प्रथम श्री सीमंधर स्वाभिस्तवन ॥ ॥ छंडर आजा जांजलीशाग्ने देशी ॥ ॥ पुष्पलवर्ध विनयेन्थोरे, नयरी पुंडरीगिणि साराश्री सीमंध २ साहिजारे, शय श्रेयांस दुभाशानिगहराय घरन्नं धर्म सनेहा खांडणी ॥शा मोटा नाहनां जांतरोरे, गिरेश्मा नविहाजं ताशशि दर्शन - सायर वधेरे, डैश्व चन विदुसंतारिनाशाहाम मुट्ठाभनवि सजवेरेन्‍ चरसन नसधाशर होर्घ दुसुभे वासीजें रे. छाया सवि व्याधाशानि आशय रंग सरिरजा गाएंगे रे. डीघोतें शशी सूशागंगानस ने जिहुतणीरे ताप उरेसवि दूशानिगाचासरिजा सहुने नाखारे, तिभ तुम्हें छो महा राज्यामुञशुं अंतर हिम उशेरे, जांहे श्रह्यानी सागरिभुज हे जी टीलुं हरेरे, ते नवि होय प्रमाए। ॥ भुनशे भाने सवितणोरे, साहिज नेह सुन्न निशानृषलसंछन माता सत्यही रे, नंदन भिगी तवान्स धर्म विनवेरे, लव लग्न लगवंत ।न्ध्रािय घरले धर्मसणाणा त Educationa International For Personal and Private Use Only Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९२ ) ॥ अथ श्रीयुगभंघर स्तवन । ॥घएराढोलानेशीताश्रीयुगभंघरसाहिजारे, तुमशुंभ विहङरंगाभननाभान्यायोखभलातएी परेरे,तेतोयलमनंगा गुएनागेहापालपिन्न मनवांडरेरे,पयनवानाभगाइयि त्रांचूंतेनविहोयरे,तेतुमनेहप्रभागणुनाशामेछषपरिमल ब्योरे,मक्षयम्लघिमां होयाभनातिमतुभधुगुण नेहबोरे,तुमस भल्गनहिओयागुगातुभशंभुनभननेहलोरे, यंहनगंधसभान एभनाभेवहुमोमे भूलगोरे,सह स्वत्लाप निघनाशुगाचाचित्रवि न्य विन्यापुरीरे, भातसुतारानामगाणसंछनाप्रियभंगसारे, एी भनभाएंहाणुगाचासुदृढ रायसहिनभाएरे,ग्योज्योतुं निरानामगात्रीनयरिग्याविष्जुघतगोरे,शिष्यनेहीमो शिवरागाई, ॥अथ श्रीजान्निस्तवन । ॥नएसनी देशी साहिजजाहूल्नेिसरविनवू, विनतडीमा वधार होगसाहिजलवलयथीहुंगलग्योहचेलवपारणतार होगासागर एपासागातुभ सरिजा भुइशिरछते,उभरे डेमन्नेर हासागाल लगतणोलय तिहांनहीं, रिहांचन पियरे मोरहोरासानाशासानाल्हिो रचितेरें ग्लहणे,तिहांभिरहेमंछारहोमागाडेशरी रिहांकीगड रे,तिहां नहिं गननो प्रयार होगसागाशासानातिभन्ने तुझे भुनभनरा भो,तोनासे दुरितसंसार होगसागावविन्य सुसिमापुरी,रायसुची वभहार होगासागानासानाहरणसंछनमभंस्तव्यो,मोहनीरागी नोऽतहासानाचिन्यानंनमुनीनो,ससुजमनंतहासाच्या ॥ जयश्रीसुजाहुग्निस्तवन । ॥चतुरसनेही भोहनादेशीस्वामीसुजा/सुहंडालून ||धनंघ्नप्यारोगानिसढनरेसर कुततिलो, डिपुरषानोलरतारोशास्त्रार Jainucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ord Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१९३ आशाऽपि संछन नसिनापती, विप्रविन्थ ग्जयोध्या नाहोरे । रंगें मिसिने तेहशु, खेह भएरन न्नभनो लाहोरे । स्वानाशाते हिनसवि जेसें गया, निहां प्रभुशुं गोहनजांधी रे।लङित दूतिङानेंभन हुत्युं, पएावात उड़ी छे खाघीरे ॥ स्वागागाग्ननुलव भित्तोमोसो, तो ते सधतीचातनएावेरे ॥पए। तेह विएा भुण्ड नविसरे, अहो तो पुत्र विधारते जावेरे शास्वा जातेोन्यात सर्व उही, प्रलुभत्या ते घ्यानने यएरोरे ॥श्रीनय विन् य विष्णुधतएगो, म सेवड सुन्श बजाएंगे रेगस्वानायता विता ॥ अथ श्री सुन्नतन्निस्तवन ॥ ॥ रामसंडे जाग, यांपो महोरी रह्योरी॥ जे हेशी ॥ ।। साथी स्वामी सुन्नत, पूर्व ग्नरघ न्योरी ॥घातकी जंड भार पुष्सवर्ध विन्ग्योरी । शानयरी पुंडरीगिणिनाथ, हेक्सेन वंशतिसोरी!! हेवसेननो पुत्र, पंछन लानु लखोरी ॥शान्यसेनानी उंत, तेरुशुं प्रेम घ श्योरी ॥ श्जवर नग्नावे हाय, तेएगें क्शयित्तस्यो री ॥ आतुभेभतन्नएगो दूर, वर्ध परदेश रह्योरी ॥छो मुळ यित्त हन्नूर, गुएास ेत यह्योरी जागे लानु नामश, सरवर उभस हस्योरी ॥ हेजी संध्यहोर, पीवा अभिय घस्योरी॥चदूर थडी पए। प्रेम, प्रलुशुं यित्त भिष्योरी ॥ श्री नय विनय सुशिष्य, उहे गुण हेञ हिस्योरी ॥॥॥छति॥ ॥ जय श्री स्वयंप्रल स्वामी स्तवन ॥ ॥ पारधीरजानी देशी । स्वामी स्वयंप्रलु सुंदर रे, मित्र नृपति उस हंस रेरागुएा रसिया । भात सुभंगला ग्नमीग्जो रे, शशि पंछनसुप्रशं सरे॥भन वसिया ॥शविप्र विग्यं विन्या पुरी रे, घातडी पूर्व जर्म शाणुनाप्रिय सेना प्रिय पुष्यथी रे, तुझ सेवा में सघ रे ॥मगाशाया जवी समम्ति सूजडी रे, हेसवीग्जो कुंजाल रेशगुणा डेवल रतन हिया वि नारेन तन्नुंधरा विडाल रे । मनाआ जेङने लस्यावि रहीरे, खेज्ने Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १६९ ) मापोराशागुनातुमनेश्वोडिभघटेरे पतिलेशग्निशनशामना पसाडेनछांडुतारीरे,आप्यापिएशिवसुनशाणुगालोग्नविए। लांनहींरे,लाभंडणे गिभिलूजशामगागाभासंगायतलेहु रे, नेउहेशे सोचारशाणुगालोलीलगतेंरीडशेरे साहिजपए निरधारये भगादासविन्नरोथोड्हेरे,प्रलुतुंचतुरसुन्नएगायुगाचायत सउहे धीगियरे,वंछितसुजानिएगभगाजा ति। - ॥ अथऋपत्नाननग्नि स्तवन । ___॥जन्योरे उंगरलनोसेहरोपजेशी। ॥श्रीऋषलानन शुगुनीयो, सोहे भृगपनि संछन पायाहो नि राधामोहे भनतुंग्यतया,लषिवीरसेनातुभायाहोरिएं पश्रीगावच्छ विन्यसुसीमापुरी,जंघातही पूषनागहोगनिवाराणी न्यावतीनाहलो,डीरतिनृपसुतवडनागहपारिवाशाकुंपूर्छ उहोतु डिगिपरेंडीयोलगतने भुगतिसंडेतहाल्गिारिसोनहिं निंघमारणे, तुसोनहिंपूनियाऐतहालिलागाविएसभडित इखोनविलहे,मे येथे छेमवधतहोगा लियातीयशाजाशीतुभने यडे,नु उठेवायोब्ण नातहोगाग्निाचवेन्नएयु भिवंछिताहिये,चिंताभगिनेसुरमुलही पन्निाजग्निमटावेशीतने रेसेपेथिरथईथूलहोरियापारिभा जेवस्तुगुरास्वलापथी,तिभतुभथी भुप्तिीपायहोरिणाशयउनए यीपभा,लतिभसायी उहायहोपरिगापातपपडिरियालेसा हिये,तेतुभशुराध्याननिभित्तहोगग्गिाश्रीनयपिण्याविजुघतयो, सेवउने परमतूंभित्तहोरिगाणा ईतिया I - mmunommon umenghunate ॥जय श्रीअनंतवीर्य निस्तवन ॥ नारायमानी शीभिभधुरभनभावतीरे,भिमुधि नीयित्तयंगारिएरायाभिगमनरेपानीरे,उभषाभन Jal Educationa International For Personal and Private Use Only ___ www.jainelibrary.com Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९५ ) विहरे शान्ग्गिाधातिषी मेरे भन तुंवसिग्नोरे ॥ निजे जांएगी। यात वित्त निममेहसीरे, निग्भपंथी भन गेहरे ॥ निगाहंसा भन भानसरोवरे तिममुष्ठ तुञ्ञशुं नेहरे ॥निनाशान्भिनंदन चन मनेरे, शीताने वासो रामरेशनिवानिभ धर्मी भन संवरे, व्यापारी मन हामरे ॥निगाउ ग्जनंतवीर्य गुएासागरे रे, घातडी जंड भडाररे ॥निगा पूर्व अर्ध नलिना चतीरे, विन्थग्जयोध्या घार रेशा निनानाभेघ राय मंगसावती रे, सुत विन्यावती अंतरे ॥ निणाशन संछन योगीसई रे, निभसमरे महामंतने नापायाहे चतुर चूडामणिरे, उविता श्जभृतनी डेसीरे शनिवाचाय उन्नस म्हे सुन हिथे रे, भुञ तु गुए। रंग रेसिरे ॥ नि॥ ॥ ॥ जय सुर लग्निस्तवन ॥ ।। रामपुरा जान्नरभां ।।ग्ने देशी ।। सूर प्रलु न्निवर घातडी, पछि मय्जरन्यारी ॥ मेरे सासा पुज्जसवर्ध विन्यसुहामो, पुरि पुंडरणि एगी शिएराणाशामेरेणाशापतुर शिरोमणि साहिजो ॥ने मांडणीनंहसे नानो नाहुसो, हुय संछन विन्थ भल्हारााभेगाविन्यावती जे बीपनो, त्रिभुवननो खाधारा मेगापगाशा जसवेग्स साहुभुंन्नुवो, ईश्एशालय नयन विसासामेणाने पाने प्रलुतान्गती, भेड़वी छे प्रलु सुजवास गामेणाऱ्यनाशभुज भरडेनगन्नवश हुने, सोग्जए। सरडे हरे चित्ताभेिगा चारित्र पटडे पातङ हुरे, नटडे नहिं उरतो हित्तारामेणाधिगानाविगारी शिर सेहरी, गुएानो नविसावे पाराभेगा श्रीनय विनय सुशिष्यने, होन्ने नितभंगस भाला भेगायणाय त ॥ अथ श्रीविशासनिन स्तवन ॥ ।। सूहारीनी देशी ॥ घातडी जंडे होडे पछिम सरघे लसो, पिन्या नयरी होडे विप्र विनय तिलो । तिहां न्नि विथरे होडे स्वामी विशाल स घ, नितनित चंदू होडे विभला अंत भुट्टा ॥शानाग नरेशर होडे वंशपीद्योत For Personal and Private Use Only in Educationa International Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९५ ) उई, जानोन्नयो होडे प्रत्यक्ष देवनशालानु संछन होडे मसवरा मनतर से, तसगुए। सुशियें होडे श्रवो अभियवरसे ॥ शाखांजडी हीघी होडे न्ने भुञ होय भनने, पांजडी हीधी होडे अथवा हीयतनने ॥ मनहु मनोर य होडे तो सवितुरत इले, तुन भुज हेजी होडे हुरजने हेन मिले। आनाडा डुंगर होडे हरिया नहीय घणी, शङति नहिं तेहनी होडे जाबुंतुन लाएगी उपाय सेवा होडे सुरवर डोडी डरे, लेने, नावे होडे तो भुञ दुःज हरेशान जति घर राति होडे नगनी भन्दा सहे, घए। सुं हुए।ये होडे देश वि योग सहे। पड़ा गिरजाशं ही डेराण ते दुरित हरे, वायडन्सम्हे होडेघ रियें चित्त जशाच॥ पछता ॥ अथ वन्नुंघर स्वाभिन्निस्तवन ॥ ॥ हेशी जिंहसीनी ॥ शंज संछन वलंधर स्वामी, माता सरसतीसु त शिवगामी होलावें लविवंद्ये॥ नरनाथ पहभरथ लयो, विन्यावती | वित्त सुहायो होलाणाशा जंड घातडी पछिम लागें, प्रलु घरम घुरंधरन्नगे होलानावछ विग्यमांनयरी सुसीमा, तिहां थापे धर्मनी सीमा होला शाप्रलु भन जमे वसने, स्वपने पए। दुर्बल तेह हो।लानापा ज भभनन्ने प्रलुक्सशे, तो घर्मनी वेस पीएससी हो । लाणाआ स्वपने मल भुज निरजंतां, नमे पाभुं सुज हरजंतां हो लागाने स्वनरहित उड़ियां हेवा, तेहथी जमे अघि उहेवा हो । लाणानामीि भाशिङ उनउनी खेडी, राणी भरिद्धि रमशि लेडी हो । लागा प्रलु दर्शनना सुजनांगें, उहो जघि डेरें डोएा भागे होलाणापालु दूरथडी पए। लेट्या, तेएो प्रेभेदुःज सवि भेटया हो ।लाणारे श्री नय विनय सुशिष्य, मलुध्यानं रमेनि शीश होता लाणाड़॥ छति ॥ अथ यंहानन स्तवन ॥ ॥ माहुरी सहीरे समाएगी । जे देशी ॥ ॥ नसिनापती विन्येंन्यारी, थंहानन डीपडारीरे ॥ सुखोचीनती For Personal and Private Use Only Jain Educationa International Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ % 3 भोरीपछिममरतुंघातीजंडे,नयरीअयोध्या भंडेगासुनतारा) पीलीलावती चित्तसुहायो,पध्मावतीनोन्नयोगासुगानुपचाभिये तुंधीपोषनषंछनयिरंपोशासुगााउपपज्ञानमन्तजननो,न हिंतुलब्गमाहे छानोसुगातेहनोबदेतांसुंनारो, भनभाहेअपि भागासुगाआश्यणेने येिश्यऐलरियो,मेशातोरीमोरोप सुगातो तेहनेहाणीनभावे सोडतेसंपत्ति पाशाभुगानामधि भायें परिभलसवपाभी, पंचनेंनहिंजाभीशासुगागंजडुंजोडी नविछीले, भेडे पिसुजीशासुगापारिए विस्तारेछोई नविहोय अभियमांशीधुशासुगामाशालररेजहुत निहोरा,तेहोने सुजित थोराशानुगाडातिभन्नेगुरासयहिजोतुभेहेनेंतोममेडी|| तेहेंगासुगावायिकशाहेबंछित शो,धर्मनेहनिर्बहेशोरोएसुगाणा MARRIEDO - - ॥ जयश्रीजाग्नि स्तवन ।। ॥भन भोहनालापाशीपचानंन नरिनोरे,न्नरंल्नाखा साननियन वाणीपुजलंग्नालालाराणीसुगंधाचाल होल्प उभषांछन सुजजाएगादुगापापुष्परहीवपुजसावर्णरेगापिला या चिम्यन्यारीरेयापारिजापुंडरिगिएीरेनानगरजेरेपि हारशापुगाशातसशुरागरागंगागरे,यमुनमनपाचनडीघरे । गाििरत भेलुभिहोयरेगामारए नियम प्रसिद्धरादुगाडा मंतरंगशुणुगोठडीगानिश्ययसभडित तेहरादुनापिरवारो लएशेरे,ब्लातेतोभशभनछेहरादुगागानागरगननीथातुरी रेलगापाभरन्नएउभरेगा दुणातिभएनऐसांशुरेपानमा निश्चयनथप्रेभरेादुगापास्यासुधानोनएनोशाग्नालालितहोय उन्नरोदुगापराभवसरेन्नेरेलहियेरे,गाते निभाने धन्नरोग नागाश्रीनयविग्यपिषुद्दतपोरेग्गासेवउहे सुपोचशादुगा सिंहषाहुभुजहीलियरेनानिरपयपंत सेवाजगाणा ॥ al Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.ly Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९८) ॥ अथश्रीलुरंग निस्तवन ॥ ।। महा विदेह क्षेत्र सोहाभएं । जे देशी । लुग्भ हेव लायें लन्ने, राय महाजल नंघासासरे ॥ महिमा कुजे हसलो, उभल संछन सुजा सासरे गलुगापवित्र चिन्य विन्या पुरी, उरे बिहार बीच्छाहालासरे पूर्व श्रघे पुज्जरें, गंध सेनानी नाहासासरे ॥ लुगाशाागस सिज वोडाश्मो, नावेन्ले दुर्नन हाथ लाल रेशा भए। मिलवं दुरंत रे, चित्त विरे तुम साथ सासरे गलुगाआ डिसी ईसारत डीनियें, तुझें न्नयोछोन्गला बालास रेशसाहिजलए जन्नएाने, साहुमुं उरे प्रस्तावासासरे शालुवा नाजिन्भतमांजामी नहीं, मेसन मनमांडोय ॥ सासरे ॥उरेला पूर एलोजएणे, साहभुं मंतुंनन्नेया सासरे लुगापासंगी भोटातणी मुंग्र ग्रहेची अनासासरे ॥वायनस उहे बीनती, लम्ति वशें भुज्ञभा नसासरे शालुगा छति॥ ॥ अथ श्विर ग्निस्तवन ॥ ॥ सिडे शैसे किसके पूत । जे देशी ॥ नृप गन्सेन नशोहाभात् नंदन ईश्वर शुएाग्भवघता स्वामी सेविये ।। पुष्करवर पूर्वारध उध्छ,विन्ग्य सुसीमा नयरीजच्छणास्वाणाशशि संछ्न मैलुङरेरेविहार, रागी लावतीनो लरतार ॥ स्वाणाने पाने मनुनो हीहार, धन्य धन्यतेन रनी अवतार शास्वागांशाधन्य तेनन न्नि नभिनें पाय, धन्यतेभन नेप्रलुगुएा घ्यायास्वाणाघन्य ने लहामेलु शुए। गाय, धन्य ते वेसान जवहनथाय॥ स्वागाआजए। मिसवे पीकुंडा न्नेर, भिलवे विरहुतगो लय सो शास्वानानंतरंग मिसवेल पीघ्छाहिं, शोड विरह निभ दूर पांध स्वाणानातुं भातातुंजांघव भुळ, तुही पिता तुळशुं भुल्स्वाना श्रीनय विन्ग्य विजुधनो शिष्य, पाय नश उहे पूरो नगीशास्वाणापा ति श्री छेम्वर निन्नस्तवनं Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.mo Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १९५५ ) ॥जथनभिप्रलन्नि स्तवन । ||॥ थारे भाये यरंगीपाश, सोनानो गलोभाश्नाने घशी॥ || ॥पुष्परचर पूश्यभरघहिवामेराशासाहिजनानपिनावती| ||चिन्येनयरीभयोध्याागासागाप्रलुपीरगिरोसरवंशयेिसर ध्यायेगासागासेनासुतसायोशुएशुभयोगासागापाभोहन ||मनवदनशनर्सलन्नसशासागारवियरएणपासी डिरएरा विसा |सीजासगासागात्नचिन्नभनरंग्न लावह लंग्नलगवंतगासागर निभिप्रलवंदूपापनिदूतंतशासानाशाघरसुरतर इसिमोसुरमणिभ सिनोहायशासागाउरिणापूरीमघयूरीन्गनाथरोसानामान मेंघन चूहावषीतूहासविटेवशासागाशिवगामी पाभीन्ने तुल पयसेवासामाआगंगाग्नाहोणमाल्यो भागासागायुश्सं गति सारी भुनभवघारीपालनासागामुह भांग्यानण्यापूर्वपुण्यमं, शासागाभनलीनोडीनोतुशुरामपरशासानाचातुंघेष तघतातुंहीग्त्रातामहारान्शासागालवसायरतारोसारोपंछिता जनशासागापुःजयूरण पूराठीसयसन्गीशरेयसागामशान सप्राशे श्रीनय विन्यसुशिष्यशासागापा पति ॥अथ श्रीवीरसेन स्तवन ।। ॥ऋपलनोवंशरयणायाशीपछिममरघपुष्ठर चरे, विन्यपुष्पवर टीपेशानयरी पुंडरीगिएी विडुरंता,प्रलुते, रविळपेशाश्रीवीरसेनसुरुंडशामेमांडणीपालानुसेन लूभिपा सनो,जंगग्गग्गतिथंगाराम्सेनाभनवालहो दृषलसंछनानि नवंधेरााश्रीनाशाभसि पिराखिjतुजणुरो,अक्षरप्रेमनायित्व शाघोध्नेतिमतिभणघडे, लगतिलेतेह नित्यगाश्रीगामायक्रवर्ति भने सुजघरेपलटेपजिनाभोरेगाअघिमारेतुळशुरातेहथी, प्रशटहुमाडामहाभोगाश्रीगानानिग्गुणगुंथिततेंडरी,डीर्ति भोप Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७० ) तिनीभाषाशाते भुजमारोपतांहीसेलाउजमाताशाश्रीगाप प्रगट हुने निमन्तभां,शोलासेवारीगावापऊन्सरहेतिमा रो,साहिजप्रीतिघरोरीगाश्रीगादा ति। ॥ अथ महानरस्वाभीस्तवन ।। ॥साछसहेभातमहाराामेघशीचरायनोनंह,भाताण भाभनयंहाभागहोराएीरेसूरी उंतात सुहाभगोलापापुषश परिछम मद्य,पिन्यते विमसुजहाभाग होनगरीरे पिण्याने विहये गुएनियोलगाशाभहानपिनराय,गयसंछनन्सपायामानहो| सोहेरेभनभोहेपटाखेषोयोलाआतेहथुमुमतिप्रेम पर रनभवानेभामागहो रंन्रे पुजलप्रलुभुतेशुऐलानाघ भन्नेजननवरंग समत्तिपाभ्योगामारहोसाजिशीषाडीहवे सुन्निनेभेषशेलापाचरणघर्भअवधत,तेऽन्यानोताताजानहो माहारारे प्रलुलनेतेशेवशसाळाशाश्रीनय चिन्यसुशिष्यान्स हेसुयोग्णीशाजारहोताहरोरेइंसेवा वज्रोत्यालाणाप - ॥ अथ श्रीचरशाग्निस्तवन। ॥भरीरोवेमाघशाशीचयशानिरालमो भन मोहन भेशापुज्जरहीपमठारााभगापछिभरपसोहाभयो। भगावरछ विग्यसंलारामगाशानयरीसुसीमा वियरतांगमनासर्वना नियंधामगाशशिपंछन पहभारती भगावासलगंशानामगार उटिषीला उशरीगभगातेहरयोगयोरानामगाइयो हिभरतुन उभुजीभगाहनीयवसेनहिचाना भगाउातुजपोयनथीपारिभा भगाउमलणयांन्सभांहिगाभागामहिपतिपाताच्गयोभनात्यो खलित तुलजांहिशामगाउंयोटिनउरतेन्शुंगभगादिश्तोरहेनेभाश पभगानिंनभावेतेहनगमगाहभनजेमल्यासाभगापाजी Jain Iucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.40 Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७१ ) मलत्योतुभेन्यतनामगाहरि लिमोयित्तस्तन्नामगाजघुउहायो गणतनामनाते डिभहोयअपमन्नामगाराणतीतुम्हेन्मयोतुम नणी भगाइंसेव॒तुझपायाभगाशरणरेजलियातरंगभगान्य शहेतससुजथायामगाणा - - ॥ अथ श्रीमन्तिवीर्यग्निस्तवन ॥ ॥ ढालाामेथिंडी उहाराषी।मे शी॥ राधनाश्रीशाहीवपुज्जरवरपछिभमरधे, विग्यनसिना वर्ष सोहेगानयरि भयोध्या भंडनस्पतिह,संछन निगगि भोहेगा लवियामन्तिवीर्यग्निपंगामेमांडपीशारापासखभुगटन गीनो,भात उनिनिधनयोग रनमाताराणीनो वासलप्रत्यक्षसुरभरि पायोगालगाशापुरम्नशुं उरिन्हुमोदूषण,हुमतसशोषपूर्ण हाओवासाहिजनाणुएगाई,पवित्र हुँलागालगागाभला शुरागरागंगाग्सनाही,डीमो उरमभषशास्मात पग्निलगन तिसहिये, यिधनंहलरपूरशालाना संसर्गमलेघरोपे,सभा प्तिमुनि भानपतेग्निपरशुराथुरातांषहिये,ज्ञानध्यानमेत्तानेरोग लगापास्पर्शज्ञानप्रएि परे मनुलवतां, जीरें निपासप्रपन्ने लवनतेपाभी, निस्तरीये लवपशालगादाशरणत्राएजाजा नग्निलोठनहींतसतोगश्रीनयविन्याविजुघपयसेबडया यशभजोसेरोलगाणा ता ॥ अथ श्रीभद्यशोविग्यलपाध्याय हत । -- ॥ योगीशीप्रारंलः ।। ॥ तत्र ॥ ॥ प्रथमश्रीऋषलग्निस्तवन । ॥महावित क्षेत्रसुहाभयोमेशीपागलपन गवालहो, Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra brg Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भरवीनोनंहावालगामुजघडे सुजीपनियतिहिमानंह सालान्गगाजाजडीअंजुम्पांजडी,अष्टभीशशिसमनालला पशावनतेशारलो,वापीमतिहिस्सालसालगाल्गनाश सक्षामंगपिरान्ता:मडहीयसहसणीधर सातवारेणापरवाहि जिल्यंतर नहिं पारसासरोगगाउयादयारविगिरीतगाए। विघध्युिमंगलालवालाण्यहिहाथडीमापियो,नयरिगहणत गलालगाल्गनायागुएसघणामंगेउस्या दूरउस्यासविशेषता पावायज्यशविन्येथुएयो,टेन्ने सुजनी पोषलासरोगगापा ॥जय श्रीजन्तिन्नि स्तवन ।। ॥निंडिचेरए होगाजेशीजन्ति निराशंपीतडी, मुन्नगभेहोजीन्ननो संगडेराभासती मोहीमो,डिभजेसे होणा वणतरलंगगामन्तिगाणंगाखभांरम्या, भिछीपर होरतिन पामे भरालासरवर ग्लघरग्सपिनानपिया होज्यातडजा खामगाशामेडिस सन्तिउरे,पानी भन्गरको परिसहकार आनोछातचरनपिगमे, गिरनाशुहोहोयेशुएनोप्यारगाणगा उमतिनी दिनार अश्यहे,वसीमुनिी हो घरेयशंधीतडेरागौरी गिरीश गिरिघरविना,नविगाहे होउभवा निगचित्तशाजनानाति|| मप्रलुशंभनरम्यूंजीन्नशंडोनविभाशयगाश्रीनयाविग्यविषु इतयो चायन्शही नित्य नित्यगुणगायडेगमगापा प ॥अथ श्रीसंलवाग्नि स्तवन ।। ।।मन भघुउर मोहीरह्योगाशी संलग्निचरचीनति, अवधारोगुएण्याताशाजाभीनहीं भुजिनमते,उद्यीयहीशोश्वधता सिलवगारन्नेडीजलोरहूंरात हिवसतुमध्यानोरान्ने मनभांमागोनहीं,तोशंउहियेंशनोरोसिंगाशाजोटजन्नने डोनहींही Jal! Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary!! Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७3 ) पंछितघनोशारणानन्मलुलतपी,वाघेसेवयानोरोसिंगप पगाणसज्धिनहिं भतगणो,लायसयितुमहाथेरोाषऽथडतुं परागयजथु,गारेगयवरसाथेशासंगानादेशोतोतुभहीं लखुजी नतोनविनयूंशापाययशहेसांशुणशेमे भुसायूंश ॥अथ श्रीमलिनंहनाग्नि स्तवन॥ ॥सुगन्नेहो लुगामेशीताहीहीदोपलुसीडीगगुरतुन पभूति होप्रलु भूरतिभोहनवेलडीलााभीठी होप्रमुभीडीतारीवाना पोषारोहोप्रलपाणेन्सीसेपडीलापनएं होभलु,नपुंल्म यथ्यान्नेहो प्रमुन्नेहुं तुमसाथें भज्योलासुरमणि होमनुासुरम शिपाभ्योहय्थामांगणे होपत्नुभांगणे मुझसुरतयोलाशा नयाहो मुन्नयापुएयशामाग्याहोमत्युमुहभाग्यापारण ढज्यालामहोभलुहाअभिरसभेहानाहाहोपलुनाहाजशुल शुलनिवप्यालामालूण्याहोपलालूप्याभण्याघ्रतपूराातरश्या होप्रलुतरश्याध्यिछमायालाथाज्याशेषलुथाध्याभण्यासु जपालापाहताहोप्रलु पाहतासग्नहेरेंभण्याछायाधीवोहो प्रलुटीयो निशाविनगेहासाजीहोलसाजीथलन्सनो भसिल पणिन्नुछेहो प्रत्युषीन्नुशेंदुप्सहोमगारसनोमलुशन समुभाशाइतीछापावायडहोमलु, चान्यग्यशतुभयसाविन वहोप्रलुविनवे शनिनंहनसुगोलाउहियेहोप्रलुहियेभन शोछेहान्नेहोप्रलुटेन्नेसुजयशएतगोळा ॥ ॥ अथ श्रीसुमतिनाथ ग्नि स्तवन । ॥ न्नरीजामुनिचरनी देशी सुभतिनाथगुराशुंभली वाघे मुरमनप्रीतिातेताजिंदुनिमाविस्तरेलापसमाहेलगिरीति सोलाणी ग्निशंखागोजविहणरंगापासनशुंरेप्रीतडील Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibralborg Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ %3 (१७) शनीतेनरजायापरिभणस्तूरीतगोल,भहियसभाऐं भाशय पसोलाणीनाशामांगणिजेनविभेर ढंडाजे,जडिजेंरचितेगान गणिभांन्मिगंशनभाहेभुन्भनतिमप्रलुहेन्गासीगाहुमोछिपे नहिंमघरमाए भिजातां पानसुरंगापीवतलरलरप्रेलुगुगप्या पा, निभभुन्भेमानंगाासोगाचाढांडी सुपषाणशुलन रहे सहि विस्तारावान्यज्यशउप्रलुतगोल तिमभुरप्रेभप्राशासोगापा ॥अथ पद्मपत्नग्निस्तवन ।।। ॥सेन्सतुगाहोसाघुलाशीपमालपत्नुर्छ मला रियाल्हिांथीनावेसेजोलाघगणने भशि निहांनविसंपरेनया खेबाट विशेषोलासुगुरासनेहारेऽध्यिनवीसशामेमांडपीप हाथी तिहाईजावेनहीं लेह हेसंदेशोळणारेहनुभणयुरेथे हिसुंतेहशु,नेहतेशापरणेशोळयासुगुरानाशावीतरागशुरेशगते मेऽपजोडी उचएमगरोडाघोडोडेरे साहेमामा भनेनाणे जसवारोलासुगाउासाचीलतितेलावनस्सयो,रसहोयत्यांधे यरीरेलाहोडाहोडेरे जिहुंरसरीन्थी,भननाभनोरथसीलासु पचापगशुएगवंतारेगोगाग्थेि,मोहोराते विश्रामलावायज्यशाजा हे मेहमाशरे,सुजपहुंडाभोगमलाासुगुरागापा । - - ॥ जथश्रीसुपासग्नि स्तवन ।। ॥साछसभातभतार एशीश्रीसुपासान्निरामतुंबिलु चनशिरतागाभागहोछारेरा,प्रत्नुतुन्पहतपीलापहिच्या ध्वनिसुर सयाभर छत्रजभूषामागहोरारेलाभंडण गाने दुध निळाशाजतिशयसहेग्नाचार,उभजप्याथीमण्याराभान्होजी घारेजोगपीशसुरगुएलासुरेलाआवागीशुगपांत्रीश प्रातिहा। गल्तीशाभागहोरारेहीचानेछानेजारुशुंलागासिंहासन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar 199 Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १७५) अशोङ, जेठा मांहें सोशाखान होस्वामीरे शिवणाभी, वाधम्यशयु एयोगप ॥ अथ श्रीप्रलनिन स्तवन ॥ ॥ घएारा ढोला ।। ग्ने देशी । रमन न्निसाहेजारे, तुंभे छोय तुरसुन्नए । भनना मान्या । सेवा भएको घसनी रे, हेशो पर निर्वाएगा मननाभान्या जावो आवोरे यतुर सुजलोगी, डी वात जे अंत जा लोणी, गुएागोढें प्रगटे प्रेम ॥भनना भान्या । शास्ने आएगी।सोछु अधिडुं पएाङहेरे, ग्नासंगायत नेहामना नापेरेसने नए उहेरे, गि रेखा साहेज तेशामनाशा हैन्य उद्या विए। घनथी रे, घतानीबाधेमाभाभिगान्स रिये यात}जीन्ग्वी रे, भेघ हुश्ना तिएोश्याम ॥ मना आपी पीपीपी दुरि तुमने नन्पुंरे, हुं श्रातङ तुभे भेह ॥ भगाने सहेरमा दुज शेरे, वाधे जभएगो नेमणानाभोडुं वेसुं खापवुरे, तोशीढील उराय ग्रामगावधिऽयश उहे न्गघणी रे, तुमनूठे सुजथाय ॥ मनगाचा ॥ जय श्री सुविधिनाथ निन स्तवन ॥ ॥ सुए मेरी सन्नी रम्नी नन्नवेरे ॥ जे देशी ॥ लघुपए। हुतुभ भननवि भाबुरे, नगशुरै तुमने हिसभां सारे । एराने ने ही शाजा सीरे, अहो श्री सुविधि निएह विभासीरे ॥शासनामुन भनश्नमांहें लम्ति छेष्ठाजीरे, तेह हरीनो तुं छे मालरे । योगी पएानेवातनन्न ऐोरे, तेह अथरिन डोएाथी कुथ्नो राऐगेरे ॥शासणाय्जथवा थिरभांज थिर नभावेरे, मोहोटोगन हर्पामा खावेरे ॥ जे हुने तेनें जुद्ध विहा शीरे, तेहने जे हीनें शाजासी रे । आसगाणैर्ध्व भूसतरेश्वर अघशा जारे, छंद पुराएगे खेवी छे लाजारे ॥ जथरन वाणे जयरन डीघुरे,ल शेवडारन सीधु रे शनासना साडीने जासङ जोलेरे, भातपि तामन अभियने तोसे रे ॥श्रीनयविनय विष्णु धनुं शिष्योरे, यश Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ के भन्नएोग्णधीशोशापा लघुपणे हुंगा ति। " ॥अथश्रीशीतलाग्नि स्तवन ।। मितिमलिहिआवेगोगामेघशीपश्रीशीतलग्नित्लेरि में रियोजूलतें चित्तहोतेथीऊहोछाचुंडिश्युरेनेसोप्यातन भन वित्तहोगाश्रीनापाघयनामेछेघगा,पएरातुंसायरतेपद्यते बहुजन्नुपातशतगे,तुनिउरतेन्स्डूपहोगाश्रीनाशाभोटोन्नएीन मात्योपतिस्मान्नेन्गतात होणतुंगावंत शिरोभएि,हुंडईया पात्रपिज्यातहोत्रीणाशानंतरन्नभिसविसहो,मभमननीने छ वातहोमाभागणभोगणना,श्यावरणवामवधातहोगश्रीगासन नयोतोनाएो डिश्युसेवाश्नीदेवोपपाययशहेटीलनीने, नगभेमुगभनटेवहोगाश्रीगाचा ईति। ॥ अथ श्रीश्रेयांसग्निस्तवन । ॥र्भनघूटेरे प्राणियामेघशीतुभेजाभित्रीरेसाहेजप भारेतोमनातुभविएजीन्नेरेनविणभे, भुलभोटीरेटेजाश्री श्रेयांसहपापभनराजोरेतु शक्तियां,परा जिहांभणि नमोगाविषयावोपजसोडने,साथीसहेल्नथानोश्रीगाशाराण लरेग्नभन रहो,पए तिहुंआ-वैरागायित्ततुभाशेरे सभुटनो,डो यनपाभेरे तागास्नीगाउगानेवाशुयित्तभेतज्यु,डेसव्युपहेसांन णाव निपटमजूरछेनिशोतुभेसांणाश्रीनामानिराशीशेरे उभभणे,पराभणचानोभेडांतवाय यशउहे भुर भन्यो, लत्ते भगतंतश्रीगापतिता ॥ अथ श्रीवासुपूल्यग्निस्तवन । ॥साहेजाभोती हमारोशीस्वाभीतुभेद्य अभएन Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarylarg Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १७७ ) डीघु, चित्तडुं सभारं योरीने सीघु॥ साहेजा वासुपूज्य निएगंध, मोहना वासुपूज्य आएगी |नमे पातुमशुं अभए। म्रशुं, लम्ति यही भन घरमा घरशुंगा साहेजागापाभन घरमा घरीया घर शोला, हेजत नित्य रेहेसो थिरथोलाभन वैकुंठ खडुंठित लङतें, योगी लांजेअनुलवयु तेंगासागाशा उसेशे वासित मन संसार, उमेश रहित मन ते लवपाशाले विशुद्ध मन घर तुझें जाव्या, मलुतोश्जमेनव निधऋद्धि पाव्या सागाउ सात रान जलगा अर्ध जेठा, पए। लस्ते जभ भनभाड़े पेशााणगांनेव जगाने रेहेतुं, ते लाएगा जड जड दु:ज सहेतुंग साना नाघ्याय ध्येयध्या नगुएाग्नेडें, लेह छेह डर हुवे टेडें। जीर नीर परें तुमशुं भणशुंचाय उयश हुहे हेनें हणशुं । साणाचा र्धति॥ ॥ अथ श्रीविभजग्नि स्तवन ॥ ॥ नमो नमो श्रीशेन गिरिवर । जे देशी ॥ ॥ सेवो लविना विभस निएरोसर, दुसड़ा सन्नन संगान्लानेवा मलुनुं दर्शन सेतुं, ते नाणसभांहे गंगाला सेवोनाशाश्अवसर पामीरजाप जस उश्शे, ते भूरेजमां पेहेसोन्यालूज्याने नेम घेवर हेतां, हाथनभांडे घेसीलगासेवोनाशात्लव अनंतभां दर्शन ही हूं, मेलु नेहवा हेजाडेला विडट ग्रंथिने पोसि पोसिजो, उर्भ विवर डीघाडेकासेवोनाआतत्त्वप्रीति उरि पाएगी पाने, विभणा सोडे चांक झालोया गुरै परमान्नहि शेतव, लर्म नाजेसवि लांलन्छ । सेवोनानालर्भ लागोतव प्रलुशं प्रेमें, बात ॐ भन जोसीला सरण तो ने हुर्घडे जावे, तेह नगावे जोसीला सेवोनापश्रीनय विनय विष्णुध पय सेवऊ, वाय यश उहे सायुंन्याओ पटन्नेडो हेजावे, तो नहि मनुवा सुंछ सेवोना॥ ॥ ॥ अथ श्रीजनंतग्निस्तवन ॥ ॥ साहसडिग्भेदेशी ॥ श्री श्जनंत निनशुं डरो ॥ साहेवडियां Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( १७८ ) गयोणमळनोरंगशाशुरावेखडियांसायोगतेधर्मनो साहेलडिन यापीन्मेरंगपतंगाणुराचेपडियांशाधर्मरंगलरण नहींगसाच्या हतेलराथायरोशुगासोनुंतेवएशेनहींगासागाघाट घडाभगन्ना यशाणुगाशात्राjबेरसवेघिणासालातेहोयनयुंडेभरााशुगाइरि| त्राउँतेनविद्यासागाचोन्गशुश्मशाणुगाजाणित्तभशुराण नुरागथीसानालहियेंत्तमहामशागुमाणित्तभनि महिभाव सागाहीपेत्तभघाभरेपणुगागाणिजिंदुसायरलज्योगसाहानि होयजक्षयमलंगगुणावाय यशउप्रलुगासागातिमभु| प्रेमसंगरोगापा। पति। ॥ अथश्रीधर्मनायग्नि स्तवन ॥ ॥अनुडोविएवनवेरे,तर यमुनानेडागाशी । ॥यांथुप्रेमजन्योछेरागनिरवहशोतोजा राणीथें छोनी रागी,जगन्नुडते होयें हांसीएमेडपजोनेनेहनिरवहिये,तेहमांशीशा पाशीरायांगापानीराणीसेवे डांहोवे,भभनभानचिनाएगाइसेना येतनपए निमसुरभपि,तिभतुभलन्तिप्रभाएगाथांगाशायनशी तसताजपलये,अग्नितेशीत भटावा सेवडनांतिभाजगभावे,प्रलुशन एप्रेमस्वनागथांगागाव्यसनध्यसघिमएहरे,शशीनुंतेन्ग संजघामएसंजंघेमुनहरे,शुद्धस्वलायनजंघायांनाचाव मनेरातुभयी छोरा, शमां भघिठेशा यशउहे धर्मग्नेिश्वर थांग हिसभाल्या मेशाथांगापाता - ॥ अथ श्रीशांतिनाथ निस्तयन। ॥रयोरेमापासपुभाराशीएपन्यहिनापन्य घड़िते हमयिशरोनंध्नाग्निन्गलेटशुलासहिशुरेसुजडेजीभुजयहरि रहव्यथाना पुग्जसपि भेटशुळापानएयोरेगेतुन्गुरावेशाजीन्नये ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १७१) रसतेहुने भननरिणभेलायाज्योरेन्णेअभिवरलेश,जाऽशजुड ||शनसनश्ये डिभेलााशातुन्समतिरसस्वाप्नोन्नए,पापडुलन्तें नहु हिन सेवीयुलासेवेन्नेर्भनेन्नेगेंतोहिवांछेतेसभरितमा तघुरेसज्युलागाताहर ध्यानतेसभडितरूपतेहन् ज्ञानने पारिश्ते हन्छेलातेहधीरेननेसघलांपाप,ध्यातारेध्येयस्वरूप होयपछेल एजाजीरेनलूत ताहुरंपजलविऽमपी पहचरेलाताहरी रिगततुंन्नएच,स्मरणलग्नतेचायऽयशउरेलापा पति। - ॥ अथ श्रीकुंथुनाथ ग्निस्तवन ॥ - ॥साहेसाहेपनेशी साहेला हे,उंयुग्नेिश्वरवा रत्नीपाय तिथीपती होणालासागाभुरभनभरिमांइमान्नेमरिजलजीप नोहोपालापासागाभिटे तो भोहगंधार मनुलवतेनेन्सहसे होन सालासागाघूमउषायनरेज, थरए चित्राभएनपियवे होलानाशप सागापात्रउरेनहिं हेड सूर्यस्थतेरेंनते छिपेहोषालासागासर्वतेन्ग मुंतेल पहेलाथी वाघेपछेहोसालापासागानेहनभरतनेशभ्यायेय सतारेनपिसहेहोशालासागारेसहाछेरम्यापष्टगुऐनविशरहे होणालागासागापुष्पलतेषनजेपतेऽर्ने शुद्ध शाहे होलालासा एपीनयविन्यसुशिष्यवाणिज्यशगिपरेउरुहोपालागासागात ॥ अथ श्रीमरनाथ ग्निस्तवन ।। ॥मासएशन्नेगीताशीश्रीजरग्निलवग्सनोताई,मुना मन लागेवारशाभन भोहनस्वाभीजांहग्रहीमेलपिन्नतारे माणे शिवपुरभारेरामनगपातपपभोहमहातोशने,नाव नया लेभानेशभिनगापरानपिलयभुनहाथोहाथे,तारेतेछेसाङ्केशानन ॥शालत्तिनेस्वर्णस्वर्गथीअपिठंज्ञानीने सहेवाभनाजाया उष्टविनायणलहिये मनमें ध्यान घरेशाभनगामाजीपायजा - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८० ) . विधनीरचना,योगमायालेन्नयोगामनगारहरच्यगुएरापर्यायध्या ने,शिव हियेप्रलुसपरागोराभनगामाप्रलुपहचलण्यातेरयाताना अणगाजंगनसानमनगाचायज्यशउहेजवरनध्याण,नेप्रलुनाए गुरागाणगाभनगापा तिा ॥ अथ श्रीभप्लिनाथ ग्निस्तवन ॥ नानिरायांउषाशाशी तुरभुरीग्नीरीमटपटहजा गिरीपषर पटनायेगम, जटपट लाल परीरीभक्तिनाथ तुरीन नरी-नानेायरीन पाय,साह जनमुनेतीशापुराण ध्यछेसोऊ,सहुनेसमनशरीगामेपुवामेंगाढाउन्नेजोलेहसी शाजाप्लोडसोरोत्तरघात,रीज्ये होयनुशातात पक्रघरपूल्य,यिंता मेहरीपारीग्यवोम्सा,सोडतेचातउरेरीत्रीनयपिग्या सुशिष्यानेहियित्तघरेरीपति ॥ अथ श्रीमुनिसुव्रतग्निस्तवन ।। ॥पांडव पायेवांस्तांगमेशीयमुनिसुव्रतग्निपंतां,जतिण ससिततनभनथायरोवानमनोपभानिरजतांभाइारालवलपनां पुजन्नयरोपामाहारांलबलवनांदुरजन्नयाल्गतशुरन्नगतोसु जिशासुजनभाएंह,परभइन्नगतोसुनानेजांए। पनिशि हिनसूतांन्नगता,हर्षडाथीनरहे पूरशावलीपार समाधि जे,तवर्णपरेमानंहपूरातमागासुगाशालुपारगुएरोल स्यो भनअयशुराउनसभायाशुणुगुराजनुजंघीहुमाउतेतो जक्षय लापहायशातेगागासुगाउामक्षयपदीये प्रेमलेगा नुनोतेअनुलप परेशानक्षरस्वरगोचर नहीं, तोउसजभा त्यमरूपरेराजेगारगासुगावाक्षरथोडागुएघणासन्नना तेनषिजायसवायज्यशउप्रेमथी,पराभनभांहे परजायरोपिनाका ॥ Jair ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧૧ ) ॥ अथ श्रीनमिनाथन्निस्तवन ॥ ॥ श्रीनमिग्निनी सेवाऽरतां, जषिय विधन सविदूरनासेल जष्टमहासिद्धि नव निधि सीसा, नावे जहु महभूर पासेंलाश्रीना शाभयभंता जांगए। गन्गाने,राने तेलतुजार ते भंगालाजेाजेटी जंघवन्नेडी, सहिजें जहुअघिद्वार रंगाला श्री गाशा वस्सल संगम रंग सहीनें, जए। बाहुला होय दूर सहे तें वांछानो विषंजन दूले, डारन सीने लूरि सहिनें लगा श्रीगाआ यंत्र डिरए। जीन्न्चल यशडीलसे, सूर तुष्यमतापी घीपेन्ठाने प्रलुलङित उरे नित्य विनये, ते अरियएाजहु प्रतापी लपेका श्रीगानामंगल भाषा सच्छी विशाला, जाता जहुते प्रेमरंगेश्रीनय विनय विष्नुध पय सेवऊ, उड़े सहिसें सुज जेभ गेला श्रीनभिणाचा र्धति॥ ॥ अथ श्री नेमिनाथ ग्निस्तवन ॥ ॥ जारसाहिन हुंन्नएातीरे शंगाने देशी । तोरए। जावी रथ है रिगयारे हां, पशु यांहेर्घ होश मेरे वासीभांगानवल नेह निवारिजो रे हां, श्योन्नेर्ध भाव्यान्नेशा मेनाथंह दुसंडी नेहथी रेड़ां, राम ने सीता वि योगाभेना तेह सुरंगने चयएगडे रे हां, पति जावे हुए। सोगा भेगाशाठीता री हुं चित्तथी रे हां, मुक्ति घृतारी हेत । मेगा सिद्ध अनंते लोगवी रेहां, तेहथं श्वएा संडेता भेगाआ प्रीत उरतां सोहिसी रे हां, निख हेतां नं साभेिगाने हवोच्व्यास जेसा चोरे हां, ने हवी अग्निनी झाला भेगाना ब्ले विवाह जवसरे हिजो रे हां, हाथ पीपर नविहाथा भेगातो दीक्षाअवसर हीलिये रे हां, शिर डीपर नगनाथ ॥ मेणापार्धिम चणचणती शब्द सगर्छरे हां, नेभिङने व्रत सीधा मेणावधि यश उहे प्रएाभियें रे हां, से दंपती होय सिध्या मेणाति Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.g Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ( १९२ ) ॥ अथ श्रीपार्श्वनाथ ग्निस्तवन ॥ ॥जी गंभनिघेना शीशावामानंन ग्निपर मुनि भांहें बड़ो रेउ निभाहे बडोम्भिसुरमाहिसोहेसुरपति परवडोरेसुरवा लिभागिरमांहिसरायण भगभाउसरीरोभृशमाभियंनतरभावि सुनटमांहिं सूरभरीवासुगानीय भाहिम्भिशंशमनंगसुपभां] शिाननंगापुसमाहिमरविंटनरत पतिल्लूपभागालणारावरान गभांहिंगईडजगमायथागाईडनातेवंतभांहिलाएजाएाभां हिल्निथारेरावगाशाभंत्रभाहिनवार रत्नमांहिं सुरमणि शारगा। सागरमांहि स्वयंलु भए शिरोमणिशामगाशुसिघ्यान लिभध्या नमांमति निर्मल पऐशाभतिगात्रीनय पिल्य विषुघपयसेवउर्ण|| भलोरेसेपउनाउ पति ॥ अथ श्रीवईमानस्वामीग्नि स्तवन । ॥रागघनाश्री शिरमारेशुणुतुभतणा,श्रीवईभान ग्निय यागासुराताअवरोभभीटरे,माहारी निर्मलथायेजयारागिणापा तुमशुगणरागंगाखे,कुंडीसी निर्भसथाशंगामवर नघंघोभाई, निशि हिनतोराशुराणाणाशिणाशाष्णप्यारेशंगाखे,ते छिटसर सनरिपेशेगा भालतीसें मोहीया,तेजावर नविजेशेशाणि शामेमम तुमगुणगोडशुंरंगेशय्यानेचणीभाय्याशातेउभप|| रसुरगाने परनारीवशयागाशिणाचातुंगतितुंभतिभास, रोतुंभावजनभुरप्यारोशावापयशउहेभारे,तुंलवलवनमाघारोगागिरमागापा तिजोपाध्याय श्रीयशोपियन तयोरीशग्निस्तयनंसंपूर्णमा - - - Jail ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryana Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧૮૭ ' ॥ ग्जथ बीपाध्याय श्री भानविन्ग्यलकृत ॥ ॥ चतुर्विंशति न्नि स्तवनानि ॥ ॥ तत्र ॥ ॥ प्रथम श्री ऋषत्ल हेवन्नि स्तवन ॥ ॥ राग मेलाती ॥ ऋरषलनिएांध ऋषलनिएगंध, तुम हरिसए हुवे परभाषांघा अहुनिशि शालीं तुम हीहारा, भहिरहुरीने डरले प्याशाशाऋणानापानी पुढे ने वलगा, डिभ सरे तेहने पुश्तां जलगा ।। नलगाडीघा पड़ा रहे चसगा, भोर पीछ परे नहुने बीलगा॥शाऋणा तुम्ह पए। जसगे थयें हिभ सरशे, लम्ति लसिनाम्र्षी पेशे ॥ गगने ीडे दूरे पडाई, होरी जसे हाथे रहे खाई ॥ आऋणामुळे मनडुंछे चपस स्वलायें, तोड़े अंतरभुहूर्त्त प्रस्तावे ॥ तूं तो समय समय जहसाये, भ डिभ प्रीति निवाहो थाये ॥ चाऋणाने भाटे तूं साहिन माहारो, डुं छु सेवड लवलव ताहुरी ।। खेह संबंधमां महोन्ने जामी, वाधम्मान उ हे शिर नाभी ।। ऋषलणा छति॥राशा ॥ अथ श्री जन्तिन्निस्तवन ॥ ॥खाद्या जाम पधारो शन्ना ने देशी ॥ जन्ति निएरोसर पर - एानी सेवा, हेवाये हुं हुसिनो ।। उहिग्ने भएायाज्यो पाश्ननुलव, रस नोरागो भतिजो ॥शा प्रतुल महीर उरीने जान, डान हमारांसारोप भुडाग्यो पएाहुंनवि भुजं, युद्धं जे नवि एगो । लङितलाव बीड्योन्नेनं तर, ते डिम रहे शरभाएगो ||शा मनासोधनशांति सुधारस सुलगा, भु जभरडालुं सुप्रसन्नायोगमुनो सटडी परडो, जतिशयनो अति धन्न आपणापिंड पहस्थ उपस्थे सीनो, परएाङभस तुग्रहीयांग लभरपरें रसस्वादृयजावो, विरसुंडां रो महीयां ॥ नापगाजास प्रसभांचारश्ननंती, सामग्रीये हुं नवि लग्यो । यौवनासेंतेरसया ज्यो, तूं, समरथ प्रलु भाथ्योगातूंननुलवरसहेवास Educationa International For Personal and Private Use Only Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८४ ) भश्य, हूं पए। जरथी तेहुनो।। यित्त वित्तने पात्र संबंधे, जन्ररह्योह वेडे हुनोसणा मलुनी महेरे ते रस थाज्यो, जंतरंग सुज पाभ्यो । मानविग्य वाय मन्पे, जो भुन भन अभ्यो । जामना र ॥ अथ श्रीसंलवग्निस्तवन ॥ ॥ सुभति सहा हिसमें घरो ।। जे देशी । साहिज सांलसचीनति तूंछे चतुर सुन्नए। सनेहाङीधि सुन्नएगने विनती, प्रायेन्यदेते प्रभा एसगाशा संलवन्नि नवधारीयें, महेर उरी मेहेरजाना सगाल चलय लावलंएगो, लस्तिवछष लगवान ॥ सनाशासंगातुन्नऐ विष्णुं विनवे, तोहे में न रहायासनाजरथी होग्ने छीतावलो, क्षएावर सांसो यायासनाआसंगा तूंतो मोटिभमां रहे, विनव्यो पए। विसं जायासनाने धीरो जेड जाउलो, हम हिम डारन्यायासनाचा संगाभन भान्यानी चातडी, सघसे हीसे नेवासना रजेनंतर पेशीर हे, भेडन पाभेलेटासनाचा संगायोग्य अयोग्यनेन्नेर्धवा, तेज पूरानुं प्रभासणा जार्धना नसने पए। उरे, गंगा निन नसनाभा सगाशासंगाडालगयो जहुवायहे, तेतो हुवे न जमायासनायो गवार्ध को डिरि झिरी, पामवि दुर्लल थायासनाजासंगालेहलाव मूडी परो, भुञशुं रमी खेड भेआसना भान विनय चाय तशी, जे पीनति छे छेशा सणान्यासंगा पर्छति॥आ ॥ अथ श्रीमलिनंघ्नग्निस्तवन ॥ ॥ढासा भोतीडानी देशी ॥ प्रलु भुण्ड हरिसन भनियो ग्नलवे, नथयुं हुवे हलवे हलवे ॥ साहिया मलिनंदन हेवा, भोहेना अलिनंद नगा पुएयोध्य मेहु मोटो माहुरो, जएायित्यो थयो हरिसएरा नाह सानाहेजत हेव हरीभन सीधुं, अभएागारे अभए। डीघुसानाभ नडूं नये नही डोधेपासें, रात हिवस रहे ताहरी जासें ॥शासाना पहि Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १८५) बूंतोन्नएयुंहतुंसोहि पण भोटाशुं भिसबुंधेहिवामागासोहिलं नगि भनडुंबलशृंथायनहीं हवेधुंभपyागसागाडूप जाडी हो मपी,डिभग्रहिवायें गतसपीसागाताहरीघातनन्नणी नये,हो भनानी शीगतिथायोगासागापहिलुंलएीपछेउरेन डिरिया,ते परभाश्य सुजना हरीयासागावस्तुभन्नऐ भनहोडाये,ते तोमरजबहुपीछतागापासागातेभाटेतूंपीमपी,तूंशुध्यनुष्य नेशुध्यस्वरूपी सागानेहस्वडूपहीणंबनाइरंतवलभरहिन। थयुंभन भाइशारासागातुलगुराग्यानध्यानमारहीये महिलयुग पिएसुसलन्डीयासागाभानविन्यपापप्रलु ध्याने, मनुलवा रसभा हल्यो मेडतानाशासाना गाता - - ॥ अथ श्रीसुभतिग्नि स्तवन ॥ ॥थारा मोहलांणपर भेलामेशीपमन्पनिहासिसुमा तिनि,ताहर होलाषासुगाछीयपलस्वलावडत्युंभन,भार होपाषाणापी सपनहोतन्नेन्गतुहीसतूंहोपालानेगानो राणपर भन्नडहोमम हींसाहोपाषाणाशाहीस्या विएन डिभशुद्धस्वत्लापने,रिछताहोसालास्वगारिछापिए तुलना वप्रगटभि,प्रीछताहोणालाप्रेणाप्रीण्यापिएडिभध्यान शाभांहि लापता होणालावासाच्या पिए रसस्वाह होडिभपाच नाहोसालानाशालाप्ति पिनानविभुति, डोलननेहोषा साहुगाडूपी विनातोतेहछुचे डिभ,व्यत्तिने होणालाहुगानयापि सपन भासपट्टीपर्ने घूपणांहोलाखाप्रगानवनवलूपए लापतिन सउसिरजूंपणाहोतातातिमाशाजभसत्यपुएयनेयोगेंतु पीर थयाहोलाखातुनामभियसभाणीचागीधनी,उही गयाडोला साधगातेहभाएंजनेलर घणामे,जूझीयाहोपालाघगालापिन लायनेज्ञानेजमोपगारंनिया होलापाजगाचातेभाटेतुलपिडा Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar og Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाशुए,अरणो होलाबााधनासेव्योध्यायोहुवे भहालयवारयोह सालाभगाशांतिविन्यपशिष्य हेलपिानाशेषाला पत्नु, पिंडस्थध्यानग्रोथ,डभनाहोणालानापा राति ॥ अथ श्रीपप्रत्नग्नि स्तवन ।। वारिहुंगोडीपासला शीश्रीपध्मप्रलनांनाभने, मगंजलिहाशालपिम्नानामपंतांशीहागभुलवलयलंग्नए गालगाताश्रीनामेमांडपीनाभसुगतांभनीहसे,सोयनावि उसितहोयालगारोमांचितहुवेटेडी नये भिषियोसोयालगा एशाश्रीगायभासेपाभवू,दुर्घलप्रलुधीधशालगाताहेतेहनानाम| नो,छे भोटोआघासालनागाश्रीगानाभयहेजाविभिलेभनलित लगवानालगाभंवजमिध्वताचाहापोडीभाकानालगाया श्रीगाध्यानपठस्थ प्रत्लावधी यायोजनुलवस्थाघालगामानविना यायाउहे, भूओजीन्नेवाधालगापाश्रीगा तिगादा - ॥ जयश्रीसुपार्यग्नि स्तवन । ॥रंगीले भानभामेशी निरजी निरजीतुडजिंजने,हरनि तहोय भुभन्नासुपास सोहाभणापा निर्षिभरतानयनभां, मुजडूं सघसुप्रसन्नापासुगालाप अवस्थासालरे, प्रातिहारनी शोला। ||सुगाठोडिगभेदेवासेवा,उरना भूीलोलाशासुगालोमोनासपि लावा प्रतिमासे परतक्षासुगातोहेनरायनविसेनविमपिरतिनो पक्षागासुगाहास्यनरति भरतिनहीं नहीं लयशोउ दुशंछासुन्य नहींउपमर्थना,नहीं अंतरायनो संयानासुगामोह मिथ्यात नि नाहाशेषमटाशासुगायोत्रीशजतिशयशन्ता,भूतातिशय यासापासुगापांत्रीशवागीशुगडी,तालविणपदेशासुगाभ तुम जिजेताहरो,नेप्नोनहिंसवलेशापुरासुगाईपथीप्रलुशु Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. I Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एसालरे ध्यान पस्थ विचाराासुगाभानपिन्ग्यवायवटे, निना प्रतिभा ल्याणासुगा तिाणा - ॥ अथ श्रीयंप्रलग्निस्तवन॥ ॥मलगी रेहेनाशीही साहिणारेभनभान्यातुं तोमप्रसस्वपगतमां,भनभांडेगेनपायोशष्ठेजोलावियोल जायोशष्ातीतहरायोपातूंगाडूप निहालिपरिचयहीनो,पभां| हिनहिमायोरापातिहार अतिशयमहिनाणे शास्त्रमाणुधैन जायोशातूंगाशहनरूपनगंधनरसनहीं, इनसनवरएनवेहान हिंसंज्ञाछेनलेननहि हास्यनहीं नहींजेधातूंगासुजनहीं जनहीं चलीवांणनहीं,नहीं रोगयोगनेलोगानहींगतिनही स्थिति नहीं रतिभरति नहींतुलहरषनेशोणाचातूंगापुएयनपापनजंघ नहेछन,त्नम भरएनहींनीडारागनद्देषनसहनलयनहीं न हिंसंतापनक्रीडापातूंगामलजमगोयरमल्यविनाशी, अपि गरी निपाधीपूरएनह्मयिनंहसाहिजघ्याणसहरसभाषी पदरातूंगानेले पूनतेतेलंगेंतूंतोजंगथीदशातेभाटेपन्नीपया रिउनघटेध्यानने पूगाणातूंगायिानंघनडेरी पूनानिर्षिऽस्पोप योगामातभपरभातमनेमले नहीं सोल्डनोनेगावातूंगाईपा तीतध्यानमारहेतांधिलग्निशयामानविल्यवायभाये, पत्नु सरिजा थायामातूंगा तिगाया ॥ अथ श्रीसुविधिग्निस्तवन। ॥राशसिंधुडोपित्रोडिशन्नशामेदेशीतुळसेवासारी रिशिवसुजनीत्यारीशाभुलाप्यारीरे,परान्यारीछेताहरी तिसुविधिग्निाशाहरेनविजोलेरेस्तवीयोनविडोलेशाहीय नविजोखेरेतुनोखे विएल्गभा निःसंगी नहीं शाशानन्ये Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८८ नेतानेरे,नरी शोनानेगारहे भेखेपोतानेरे,त्रोतानेन्नेताने तोहे चालहोरागानविनसेन सेरेनवजाएगेनसेशानविनापेन सेरेनविसेनभंडेरेडोनेउघारेवानन्गामेघातरेतेहरों शीवातरेराजेहन्नपुंउडेवातरे रहिवातनतोहेतुडविगुंभाननेरोप ॥ अथ श्रीशीतसग्निस्तवन ॥ ॥मनरंगधरीगामेशीतुल मुजसनमुननिरजतां भुन्य सोयनमभीयहरंतांहो शीतलग्निवरलातेहनी शीतलताच्या पे,डिभरहिवायें होता होगशाशीगातुनामसुएयुन्न्याने, ध्यकुंभावे तवशानेहोशीगाभूरणयोभाएसबाटेंग्भिसन्यो अमृतणंटेहोशाशीनाशुनगंधनेंतरतभयोगे,भाइलतालो गेहोपशीलातुमलुतहसुवासे,तेहमिटिग रहतीघसेंहो आशीगातुनगुरासंस्तवनेरसना,छांडे अन्यलचनीनृषनाहोण शीनापूमयतुझतनुंइरसे, इसनशीतलथणदइसे होनाशीन एभननीयतालाणी,सविछंडीथयोतुलराणीहोशीगाऽपि भान हेतुळसंगे,शीतलताथमंगोभंग होगपाशीनाति ॥अथ श्रीश्रेयांसग्निस्तवन । ॥शीचांहारानी रागभल्हासाश्रीश्रेयांस ब्रािंघनाघ नगहगह्योरोघनागारक्षमशोऽनी छायें,सनरणारयोरे। |सगालाभंडसनीस,उजूळचीलीशाठमाणन्नतगठनिगई धनुषशोत्ना भितिगाघाशयाच सुंदुहिनोना,शुहिरगाने घए। शाशुगालाविऊननांनाटिङ भोरक्रीडालगंगाभोगायाभर डेरी हार, यतीजगततीशायगाद्देशनासरससुधारसवरसे ग्निप तिरााकनाशासभडितयातउतृपति पाभेतीहांगातृगासपउ |पाय हावानप,शांतिहुचे लिहांगाशांगाग्नायित्तत्तिसुलूभिजेहा - Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८१ ) लीय रहीरोनेगातेऐरोमांयपूरचतीशयातहीगावगाजाश्रमन एपीजलसम्पहुचेतवसभीशाहुपाशुपंतनभनक्षेत्र सभा रिसंयमीशासगाउरतापीन्नधानसुघाननी पाचतारेसुगारेगम नाखोरहे,सविलवतागागागागराघरगिरितटसंगथ,सूत्र' यनाराथनातेहनही परवाहेडी, जहुपावनाशाहुगाहरभोरोभाषा, रविषमजससोशाविना भानविग्यायलाय हे सयोराज्य जेत. ॥जय श्रीवासुपूल्यन्निस्तवन । सीतातोपेंडीसामेशीपासुपूज्यतूंसाहिजसायी,हयो, हुचे हीरोन्नयोगासुंरसोलाणीसहीये पिरोधीवायोनेहनी ज्ये| सेवायोहासुंगापामछतिमोवातर्णपावे,वसिलापछतानेछिपाये होगासुंगामानुजोले,परने निधारीलोखेडोपासुंगाशाभयपि हभिय्यामांजीतेहटेपनीएलरेसाजीहोसुंगानाएीनेभर्भनाघा नी,ध्यामांभोटीतीहासुंगाआशुएपिएरयाणयेगो,डिमांचा हरायप्रभाएगहोपसुंगामासाशिजरे रयोगगाडिभपाभेगडन्सन लागोप्सुंगामातुंनोवीतरागनीरीहतुपयन यथास्थासीहहो हेभानविन्यपळायतुंसायोटेवाहण्य होसुंगापा रातिापशा - - ॥अथश्रीविभलग्निस्तवन ॥ ॥रागभटहारनीदेशी निहो विभसग्नेिसर सुंद, तालाब भलवनतुलहिलाव्हिी विभलामो मुठभातभा,लापातेणेतुं नंतर पहापाल्नेिसरतुंभुलाए भाषाशाल्हिो सउपतु हित हार,ग्नेिसर नपाएगाधारणमांऽएानिहो विमल रहे विरा भले थले,लावासभसभातरभेयान्हिोभानसरे रमेहंसलोखान सापाथसजाग्रोथाग्निाशालिहोतिभाभिथ्यात्वीचित्तमांसा तुलभिहोयेभानासारिहो निहांउटेचरंगेरभे,सालासमतिमा - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary 1999 Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ( १७. नतुष्ठवासारिगाभान्हिोहीरोनशुल्डे,लातापनेशाउरयो गाल्हिो पलटे योगेंवस्तुनोसावानहोयेंगुएमालोगाग्निाचान लिहो विभखपुरषरहेवानपुंसालाथान विभषरेयारिहोगृहपनितेनिहांशीषापालालाटणयितयारिकापारिहो तिमतें मुलमन निर्मलालाडीपुंजतेरेवासाहिो पुष्टि शहिलाटऽग्रही, सालाहूंसुजीयोययोजासातिगादाग्हिी विमले विभत भितीरमा तालालेलावरह्योनांहितालिहोभानविल्याणवलायने,लापाजनु लवसुजथयोत्यांगिरिगाणा तिापा - ॥अथ श्रीजनंतन्निस्तवन । ॥ रागभाशाद्देशीणीत[लएनी गुब्रानी।। ॥ज्ञान जनतूंताहरेरे, रिसनताहरेअनंतासुजमनंतमय साहिजारे, विश्पराणहश्युंजनंतापाननंताग्निमापन्नेभु|| उमेहजनंतापाशानन्यभुनने नहीं अवरशंप्याराामगातुलनेमा पितांशीपाराामगानेहछे तुष्ठयशनोहाशामगामेमांगीराज पिजलनोनजोलवोरे नहीं भलवानीपिंतपभाइरेपोतें छेसवेरे पए पिये भावरएनी निंतामगाशातपम्पतिरिया भोघरेला लपएलांगीनन्नयामेऽतुभागसहेथडेरे,हेवाभांपरहीथायए जगाआभातलएीमाटेचीने रे, निऋषलेक्षगभांघाखापपिन याई विचारतारे,भडिभवीतराणता सिद्धामगातेभाटेतसमय थीमारे तुम प्रार्थनाले डोलोमातेहनेमापोभापतीरेतिहानघ टेशरचीटोडामगापानेहनेंतेहुनुंभापरे,तिहांश्योगपरे जेठ प्रार्थनाउरतेताहरेरे मनुतानोनहिवामगादापाभ्यापाभेन पाभशेरे,ज्ञानाहियनंतातेतुलाएगाथीसवेरे, उभानवि न्यणपसंतामगाणा तिच्या ... - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarmarg Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१८११ ) ॥ जय श्रीधर्मन्नि स्तवन ॥ ॥ भुजने भरलडे । जे देशी ॥ श्रीधर्मनिांध घ्यासन्लाघर मतएगो हाता ॥ सविनंतु तो रजवासन्ना धर्मतयो यातान्सज नीय समाएगी चाएगीन्गाघानेहु निसुएो लविप्राएणी लाघनाशानेह ना यित्तनोभेसन्नयन्नाघनान्मिउनसेंन्सथायकााघनानिर्भसता तेहन धर्म लाघनाऽलुषार्थ भेय्यानो भर्मन्ाापनाशानि धर्मतो सहन् सलावलाघनातोहि तुझ निमित्त प्रलावलाघनावनराल सन शक्तिन्लाघिणा पए। ऋतुरानें होर्घ व्यक्ति काघिणा आम्भलाउरेहम स विद्वासाधनासौरलता सजभीवासन्लाघिणाते हिनडर उरगी नेयन्ााषणार्धम धर्माय तुं होयलाघिणा नाते भारे धर्मनाराणी लाघनातुन पर सेवे जडलागीपनाउ मानविन्य जीवाचला घनानि अनुलवज्ञान पसायन्त्रापिणाचा परिण ॥ अथ श्रीशांतिग्निस्तवन ॥ ॥ घरे जावोल भांजो भोरीजो।जेहेशी ॥ श्रीशांतिनिनेसर साहिजा, तुळ नाडे ङिभ छूटाशे ॥ में सीधी डेडन ताहुरी, तेहु प्रसन्न - यये भूाशे । श्रीणाशा तूं वीतराणपयुं घजवी, लोसा न्नने लूसावे नगीने डीघी प्रतिगन्या, तेहुथी उही हुए। डोसावे । श्रीणाशा ओघ नेडेडे मत पडों, डेडेंपड्यां जाएोवान्गानीराणी पण तु जेथीयो, लस्तें झरीभेंसातरान्गाश्रीगागमनमांहि जाएगी वासिग्जो, हवे डिम निसर चाहेवायाान्नेलेघ्रहित भुशुं मिले, तो पलम्भांहि छूटाय ॥ श्रीगाच ज्जने आया म्भिछूटशी, डीघा दिए। म्हेएरा पाला तोशुं हुंहवाह सेर्धरह्या, उहे भानउरो जुसीयास॥श्रणाचा ॥१॥ ॥ जय श्री कुंथुनिन स्तवन ॥ ॥ योगीसर येसा ॥भेदेशी॥ डुंयुनिनेसरन्नएानेरे, मुलभ Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८२ ) ननोभनिभायराग्नेिश्वरातूंनातभग्नलवेसरहोपास,रोतुविध होथायरेगल्लिापावनपिरहोडिभवेडीथेहोसालातडपिरहोजघायरी परिगातुजविरलोनजभायरेनिगाजिएवरसांशोथायशाग्गिापिर होमोहोरीजफायरोनिगागाभेांडणीताहरेपासेंजावरे,पहिलाप नाव तुंघयाग्गिामाच्यापछीतोन्नयोषास,तुळगुणवशनसुहाय|| शारिगाउँगाशान मिट्यानोघोजोनहींरे,सगुग©नहींनाएग निगाभासियाशुएसियापछेहोदास,विछरतांन्नयेप्रागशालिगाएं। जान्नतिअंघनेदुजनहींरे,नसहेनयननोस्वाहशान्गिानयएएस वाह सही मरीहोलाप,हास्यां नेविजवाहशानिगाउँगाच्याजीपए डिहां नविगभेरेनिगेतुन विरह यायशारिगाभापतिसुभाएकीयो होपाल,भघुपउरीरनन्नयशानिगाउँगापावनध्वाधांजडारे,पाह वेवसीवरसानालिगातु विरहानपनाजस्याहोतास,असमनंतण भातशानिगाउँगादाताढरहेतुळसंगभेरे,जानुसता भिटिन्नयये पग्निातुलसंगेंसुजीयोसघहोतास,मानविनयवसायानिगाउँगा Guj ॥जय श्रीजरग्निस्तवन॥ ॥जोघष माघबने उहेन्मे देशीनीमरनाथणेपासना, शुलपासना भूलााहरिहरध्वनाशासनाराभायेशूखा भीगापा घासनायित्तनीज्वासना, घासनाडीघाचानासनीलासना,चीन सारी दीपाश्रीगाशावली मिथ्यावासनतपा,वासनाराहाते शुश्नी शासनाध्येनघरेहराश्रीगाठासांसारिभाशंसना,तुला नशयायिंतामणि घणहारने,भिजयभगायाश्रीगायतिमा पिताछवासना,वासनाप्रतिनंघाभानहेमेऊ गिनतो,सा योसंजंघाभीगापा ति। - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryng Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C. १७७ >: ॥ जय श्री भस्सि ग्निस्तवन सासू पूछे हे बहुत ने देशी ।। महिमा भस्सि निएİहनो, ने डेंललें उह्यो भिन्नया योग घरे लिन्नयोगभुं, याला पए योगना हेजायामिनाशाक्य सभळाचे सला, मन समळावे अनुत्तर हेवरा जौहारिङ डाया प्रत्यें, हेव समीपेंदराचे सेव ॥भगाशालाषा पास विश्रोताने, निन निग्लाषायें समझाया। हरजे निन् निनरीञमां, प्र लुतो निरविद्वार उहाय ॥मनाआयोग अवस्था निन्नती, ज्ञाताहुये तिएंगे समझायाचितुरनी बात 'चतुर सड़े, भूढ जियारा हेजी मुं आया मनाचा मूरजन्ग्न पामे नहि, प्रलुगुएानो अनुभव रस स्वा भानविन्य जीवण्डायने, ते रस स्वाहे गयो विजवाद्यामिनाचा ॥ जय श्री मुनिसुव्रत निस्तवन ॥ डर सांजा भांजी रे ॥ने देशी ॥ मुनि सुव्रतडीनें भयारे, भनमांहि घरी महेशा महेर विहूएगा मानवी रे, उहिए। न्यायेउद्देशा शान्एिोसर तुंन्ग्गनाथम् हेव ।। तुळ नगहित हुखा देव,जीलब्लूये आता सेवानिवारजे मांडणी ॥ नरहट क्षेत्रनी लूभिडारे, सीं ये मृतारथ होय ॥घाराघर सघसी घराशीघ्घरवा सन्न लेयरिं निगाते भाटे अभी परेरे, जांएगी मनमां महेशाखापें नायना एीिरे,जोधवा लश्यय सहेशआनिनान्जए। प्रारथता पीघ्घश्यारे, ग्जापेंडीय डीपाया प्रारथता रहे विसवतारे, जे मुंएराम्हीयें न्याया नान्निसंबंध पातु भुञ वियेरे, स्वामी सेवड लाव॥भान म्हे हुवे महेरनी रे, न रह्यो जन्ग्य प्रस्तावापानि छति॥२० ॥ अथ श्रीनभिन्नि स्तवन ॥ ॥म्पूर होने श्अति जीन्सोरेशने देशी ॥ श्री नभिनाथनिएहने रे, परए। उभल लय लाय ॥ भूडी मापणी चपलता रे, तुछ कुसुमेभ Jainducationa International For Personal and Private Use Only Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९१४ ) तन्मयरे ॥शासुएा भनभधुर भाहरी वाताभ डर शेडट विलुपात सुनाने मांडणी ॥ विषभाल वरषाऋतुरे, क्रमें क्रमें हुयोज्यती ताछेहली पुण्गल परियट्टी रे, जाज्यो शरह प्रतीतरे ॥शासुनाज्यानावरएं। चाहते रे, ग्यान सूरन पराशा ध्यानसरोवर विज शीयांरे, डेवल लक्ष्मी वासरे । आसुनानामें सलयाचे डोरे, डोड नव नवराणाश्नेहवी वासना नही जीने रे, शुध्य अनुलव सुपरागरे नासुवालभतां लभर उहावियेंरे, भघुउरनो रसस्वाद्याभानविन यभनने उहेरे, रस या जो खड़ाहरे॥॥॥र्धतिय ॥ अथ श्री नेभिन्नि स्तवन । ॥ श्ज प्रलूशुंर्धतनी उहूंगा ने देशी ॥ नेभिनिएां निरंन्ग्एाो नई मोहथले न्ग्स सिरेशमोहना बीहलर गोपी, मेडल भलें नांज्या ठेलिरे । साभिससूला साहिजा । जतुसीजस तूंचडवीर रे सागाने मांडणी ॥ओर्घउ नाडी भूस्ती, अतितीजां उराक्षनांजा एरेशवेघज्वयए। जंधू गोसी, ने सागे नये प्राएारे शाशासागानं गुती उयरी घोयती, डीछालत वेणी पाएारे । सिथोलासा गाभ ती. सिंगी नसलरे डोड जाएगरे ।आसानास घडा गोलान्हाजे, ने सत्व गढे हरे पोटरे ॥ हुययुग अरि मुंलस्थले, प्रहरती ह्यङपाटरे मासानाशीस सनाहु बीन्नत सत्चें, ग्जरिशस्त्रना गोसानसाणारे शासो रहरी मिथ्या सवे, मोहु सुलट ही हीसे लागारे पासागातपनव लव यो हो मंडयो, सल विवाह मंडप डोटरे । मनु पानस सनभुजग यो, नीसाएंगें हेती धोररे ॥शासाना चाहरी मोहनी छोडवी, शब्नुसने शिवपुर हीघरे ॥ जापरैवत गिरि थढी, लीतर संयमगढ सीध रेशाणासांगाश्रमएाधरम योद्धा लडे, संवेग जडुघविठालरेशाला स उस बीजाडतो, शुल लावना गडगडे नासरे ॥ तासागाध्यानघा राशर वर्षती हुएगी मोहथयो नगनाथरे ॥ भान विनय वाधड Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १५५ ) |व ह्योनाहरो साथमासागा तिाशा samaam mananmasumomen . ॥ अथ श्रीपार्श्वनाथरिनस्तरन। पहिरोहिनएडीसीएमेघशी॥श्रीपासल प्रगटलाए वी,तुळ भूरति भुलभननावीशाभनमोहनाग्निरायसुरनर छिन्नरशुराणायाशामगारेनिथीभूरतिधीमीतेनिथीमापा हनीडीगापामगाभुज भटासुंशुप्रसन्न,जतरी लविभन्न शामगासमतारस राज्योसां,नयएगांडी रंगरोतांरोशामग हायेनघरे हथीयार,नहीं पभालानो प्रयाराभगाणिसंगेनघरेवान भा,तेथीपने सविधभाशाजाभगानउरेगीतनृत्यनाथापा, मे तो प्रत्यक्ष नरनाज्याबारेभगानवनवेजापेचान्नं,नघरेवालय रासानंयाभनाभ भूरनितुझनिवपाधिचीतशणपणेउरीसा घीशाभगाउहेभानविल्याणवळाया, अवसंज्यातुन पायाशापान - जथश्रीमहावीर ग्नि स्तवन। हेनरागसळत्यामेघशीशासननायउसाहिणा सायी,जतुषीजपरिहंतामरिजलसनसनिवारी,भारीन यभोहमहंतापामहावीर गमालयोलाहाललयोलत्योनापसहा यहांल लत्योलत्यो यानपसाया हाल लत्योलत्योध्यानध्याय, ल लत्योळयोगसुजायाभनाजनंतानुगंधीवडयोध्या,हएीया पहिलीयोगाभंत्रि भिथ्यातपछतिगडूपीतवीभागोटाशामना एलानि हेडमाथुषतिगडेरी, विश मिन्नतिनेहभेवासला न्योगिराली,नरउयुगत संघाति जामगाथावर निरिगडांसि रापिसाहारए हुएीघाडीथीएडीतिगभारावयरी,मातपणयोतणजाडीमाभगाजपथ्य जागा भने परियोजागा,हगीया योहानाहावेहनपुंसस्त्रीसेनानी, प्रतिनिजितगयानाहापाम|| JallEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - शस्यरतिजरतिशोऽपुगंणमयभोजवासाहगीयापुरषदेत विग्यारा,पछेसंन्सनोनाशाहभगा निसाय मोहपटराएी,घर| मांथीसंहारीमंतययशरानेण्याना,चरणीयस तांभारीणा भनान्यन्यमोमोहन्मुनोहयोतूंगनाथालोलोउ प्रार शथयोतव,भोक्षयलावेसाथावामनालत्यो तिमलगतनेलता कमायो भूभवतरण तारणसभरथ हीमानचिन्या नित्य घ्यावालाभगा ति भानपिल्यछतयोपीशीसंपूर्णा राजथनीपपविन्यलतयोवीशीपारंलः तत्रा पप्रथमश्रीऋषलग्निस्तवन । महाविदह क्षेत्र सोहाभएंगमेशीन्गचिंतामणिल्य गुरुन्तशरएमाघारपासवानटारीडिओडिसागरें,घर्भपन लावए हारवासालापामाषाढवहियोयें प्रलूस्वर्णथी लिये अवतारखापरेरापैतरचहिमामप्नेि,गन्यापधारसालरो। लगाशापांयशे धनुषनी रेहडी,सोवनपर्णशरीरखासायतरच हिमामेखिये,संभ महावडचीरपातशाल्पालाशशुपवधि ग्यारसे,पाभ्यापंपमनाए लालमहापरितेशे शिववस्यानेण निरोपउरीजाएगणारागाचायोगशीषजपूर्व, निवरण तमनायसालापयविन्यउ भएमतां, यहेतुं शिवसुज थान यलालरेग्णनापतिता - - - जिथग्रीसन्तिनाथाग्निस्तवन राशी विछियानीणाश्रीजन्ति लिनेसरहिये,लेबिलुवन म्नमाधारशपिंथाशवाजोडि जयरनो,जंतर माहिजरित। विपारगाभीगापाशुध्वैशाजनीतेशेभलुभवतस्यान्ममुजा - Jameducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ૧૭ ). यरेगमहाशुहिनामनिग्नमिया,तिमनौमीव्रतपरथायरामी|| पशाग्नेहाशीम नपक्षनी,पौषमासनी पान्यानाएगापैतरशुन दिपायमानि पाभ्याप्रलुशाश्वताराराधीगामासादायाशें जिन पी धनुषनी आयाउंगनतेचानशाखाजजोत्तर पूर्वनुमाणिज्गा पगारीलगगनराश्रीगाचाग्निवरनमतांसालरेजेशोसी तिरमहारापातेहनाणत्तमपटपमनी सेवाथीष शिवरागशात्रीप - - जयश्रीसंलवनायग्निस्तवन। - शांतिग्नि मेडमुविनति राशी । पसंलवग्निपरसुजउसागरत्रीशवाजोडिशामन्तिसं लव पियनांतरंगतमांनसनहिन्नेडिसिंगापाशगुणगुप्ति पीमा, हनुययनस्याएगाभागशिरशुटिनी पौशेनीपनो बग्नमग्निलागरेसंगाशाउनऽचरणेतलामनी,पीघोसंयमन लारशापूर्णिमाभागशिरभासनी,घरतलथयामएगारसंग यशाचारशे धनुषनी रेड्डी जातिवापायनाएशालोऽनलोऽप्न टस्थ्य परतक्षनाएपरभाएगासंगाचायतरशुष्पांयमे शिव वस्या,शाहसाणपूर्वमुंजायरपतासणेत्तम पहपयनी,सेवाथीसु जथायसंलगाईतिजा - - - जयश्रीजालनंहनग्निस्तयना राशी सुंघरनी पसुंघरनमिनध्नाग्निराग्नी,एमजाषि हारी होपसुंगाशलजोडि सागरें,नलिननअवधारमोसुंज्य मातासुंगाशुवैशाजयोथें पल्याडम्या भाशुद्धिजी होगमुंब एस्तयनानिहाथीभलुनधिहरषेनधिजीने होगसाजगाशासुंगासा ढात्रएशेधनुषनी, डीसोयनवानहोगा सुंगामहाशुहिजारशेव्रतघिरी,मनपर्यवसहेज्ञानहोगसुंगानगागासुंगाध्यौशपोषभप Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarie Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧૮ ) सनी, पंथमनाए। प्राश हो ॥सुंगावैशाजशुहि खाहम हिनें, पोहताशि वपुरवास हो । सुंगाचगाणासुंगासाज पंथाश पूरवत, न्निवर जी त्तमश्याय होगा सुंगा प्रेमें पद्मविन्य आहे, खुशियेश्रीन्निराय हो ॥ जय श्री सुमतिग्निस्तवन । ।। साला रंगावी चरना भोसीयांताने देशी सेवो सुभति दिनेसर साहिजो, मल्लू अलिनंहनथी जेहरेशान चसाज मेडिसागर तथौ, नंतर गुएागए। भगिने हरे शासेगाशाधिव्या श्रावए। शुहि जीन्ग्ने हिनें, सूचित यौह सुपनेने हरे ।। वैशाजशुहिखाह भेन्ग्नभीया,त्रएरा ज्ञान सहित वर हेहुरे । सेनाशाजीथी आायात्रएाशें धनुषनी, सोवन वन अति अवातरे शाशुहि वैशाज नवभीयें व्रत सीये, हेर्छ हान संवत्सरी ज्यानरे॥ासेनाश चैतशुद्दि जगीनारशा हिने सह्या मलुल पंथभनाएारे॥ पैतर शुद्धि नवमीयें शिववस्या, पूर्वसा जयासीशग्नायुनए रे । सेनानामेतो न्निवर नगपुरे मीठडी, माहाराजा भयो श्वाधार रेशा लवलव प्रलु सरए राजन्ने, उहे पद्म विब्ग्य घरी प्यार रे ॥ सेनापतिला ॥ अथ श्रीपद्मप्रलग्नि स्तवना साहेलडीयां ॥ देशी ।। पद्ममल छठ्ठानभो साहेलडीयां, सु भति पद्मवियें नेहगुएा वेसडीयांग नेतुं सहस मेडिग्जथरनोसागाअंतरन्नएगो नेहाशुनाशायवीजा महावहिछः हिनसाना जन्मते अर्निङ मासागुणावही जारश हीन नशियें॥सागारस्तवए छेन्नसागुनाशा धनुषजरिशें हेहडी । सानाति भास उस्याए । गुणावहितेरसव्रतसाहस्यां ॥ साना पैत्री पूनिभ नाएाशुनाआत्रीश साज पूरव तां ॥ सानामायु गुएामणिजाएगा शुनाभागशिर बहिन जीयार ॥ सागापाम्यापह निखाए । ॥ गुणानाने साहिज सुरतर Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (१५) समीपसागाग्निजत्तममहारागागापयरिल्यउहेभएाभीयोस् पसीनेपंछितअन्गाशुगापा पता अथ श्रीसुपासग्निस्तवन । पशीमुषजडानीसातभोसगलयवारसा,ग्निवरछम्य असोलागीसांनसोपानंतरसागर मेहनो,नंडोडिहन्नशामोगर वालावावहिमामे,चवीनास्वर्णनेछांडिसोगाने शुशिला शेग्नभीया,प्रलुशंरट भांडिसोगाशाधनुषजसेतQहन। शतिउन मनुहाशासोगाने शुटितेशेभारे,योजांभहाव्रत था शासोगानाशगुगवहिछोणपर्नु निश्पमपंयमनाएगासोगाची लाज पूरवतरांमागणुंचत्युंसुप्रभागासोगानाशशुपहिसा तभाहिने,पारंगत थयाटेच सोगाग्नित्तभपहपयनी रीनि|| तनित सेवासोनापति ॥ - - अथ श्रीयंपलग्नि स्तवन।। भुजने भरमसाजेशीराश्रीयंलग्निरायल,ग्निशा ग्यहाानवशेओडिभयरवियथाथलालयिग्नहितारायैतय वहिपांच यवीयानासहुनिसुजारीपनारडीसुजलहेजाभवी यालालविन्नलयहारीपापोषवहिजारशनेटिनेनन्याम जगारीदुगोजीर समतन्नलामण कुंजतीहारीन्स घेख शोधनुषनीजयाल,णयपणेघारीपोषवहितेशेव्रतपायाला शंडियननारीशाशशुगवहिसात पाभ्याल,सर्वज्ञपहला सुरमसुरमपि शिरनाम्याल,महोत्सपरेत्यागालाश्यावहिसा तभेवरीयालशिवसुंध्री सागमायुशवाज पूवघरीयांलाण हुलविग्नताशाओमपूरवयंभानेहल,संछनेमपिडारी निरिराअहणारेहुलानितर्णपोतारीनविभेषभावेन्स - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.om Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 200 ) जागेल, अंतिशोला हारी॥नचि मंडित होय होय भागेल, सहु नभे निर्धा शाखातुं साहिज ढंगनो हीवोन्ड, अंधार पारी ।लक्ष भएगानंदन यि रंकवोल, न्णमोहन घरी ॥ उहे पद्मविन्य उई सेवा, सर्वदूरेंडारी भि सहियें शिवसुज मेवाल, जनुपभश्नवधारी ॥५॥ ईति ॥ अथ श्री सुविधिग्निस्तवना ।। वाडी सी जति लसी मनलभरारे ॥ जे देशी ॥ ॥सुविधिन्नि पतिसेवयें मनमोहन मेरे। नंतर सुविधि संघाभगानेडी छोडि सागर तगमनाप्रभो लन्निधामना शशुावहिनोभिचव्या ॥ भगारामा पीरसर हंसाभिगाभागशिरवहि पन्थिभेन्ग्एया। मनाही पाच्यो सुग्रीव वंशााभगाशास्त्रेऽशो धनुषाया लसी॥भगावरए| ह अनुहार रामनामागशिर वहिछप्रतीभव सीधी संयम नाशाभगाआशुहि अर्ति त्रीने थथा ॥भनासोङालो उनान्नाभिगालाघ्श्वाशुहिनवमी हिनेंग्रामणामनुपाभ्या निखा एगमनाहोय साज पूवत॥ भणान्निवर बीत्तमं नायामिवाप झविन्ग्थ उहे प्रएाभतां ॥भगा नापेर दूर पलाय ॥ भगाया ॥ अथ श्रीशीतस निग्न स्तवन । वारी कुंगोडी पाशनी ॥ थे हेथी । शीतलनाथ सुहंडनम तालवनयन्नया मोहन। सुविधिशीतल विधे जांतो, नवोडि सागरथाय ॥ भोगाथा वैशाजवहि छठे श्रव्या, महावहि जारशेजन्म भोगाने की धनुष सोवन चने, नवि जांघे डोर्घ अभ्माभोगाशाशीना महावहि जारशें नाहरी, हीक्षादृक्ष निनंद्याभोगा पोष अंधारी यौहशें, डीग्यो ज्ञान हिएांधाभोगाआशीना साज पूश्वनुं जीजूं जी वैशाज वहि भासा भोगाश्नन्यभर सुजिया थया, छेद्योलवल यपास भोगानशीना जे दिन बीत्तम प्रेएाभतां, जन्ग्राभर होयें Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.or Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - . . - - - ( २ ) मापामोन्पाविन्यप्रलुभाणभेजेहवीडीपीछापाभोगापाशी जय श्रीश्रेयांसग्नि स्तवन प्रथमगोवालातोलचेलामेशीविस सहसषज सोल, परसशोसागर मेडगाणणांडिसागरतपुल,श्रेयांस जंतरछेरापानपिनोभीग्निरागातुभेभारोभातमान शालविनानेमांडएगीपरेवहिएछुटिनेलाशशुपभिरेन्नेय एजारशने स्नेिग्नभीयालयनवरयाहशेयरोगशालगाशीघ नुषायाउहीलान्नस सुगंधीरेसासाशशुएहितेरशेंग्रहेनस यमसुजमावासरोगालगाज्ञानसभासभालभासनील,आयु पोराशीलाजावर्षावएपमिशिववस्याल,त्रीरोहिनेभन्माष चालगानि ल्याएडीशंग्लान्यत्तिमनरनाराापयाउथे सलोऽत्योलभानवनोमवतारशालगापा प्रतिमा ॥ अथ श्रीवासुपूज्यग्निस्तवन । गाडरमांना मांजलीशाने देशीपासवस्तिमिरे, वासुपून्यग्निरायाप्रेयांसनेवासुपूज्यवियरे,थोपनसागरलय पवाग्नेिसरतूं मुन्नारामाधारातुंहिट भोक्षघतायाग्गिाया वीमायुहीनवभीयेंरे,ग्नमतोशगुणभासापटियोसहिन्या निरिणथेरे,घोडे लवलयपासपरिवाशासीत्तेरधनुतनुराततारे रीपेनस परित्तामभावास्याशगुगतगीरे,ग्निवर पिये चारित पग्निाआजी-भारशुधनीललीरे पाभ्याज्ञानमहंत बाजाषाढशु हियोशेउस्योरेजारभनोअंत लिगामामायुजोतेरखज वरसरे,ग्नित्तम महारागाजांहिथहीने तारीयेंरे,पयविन यउभागानिगपातिए । - Jam Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryog Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०२ ) ॥ जय श्री विभलग्नि स्तवन ।। साहिजा भोतीयोनेहभाशामेशी विमलनाथ तेरमा लविवंधे,न्सना नये दुःजासाहिजागुणवंता एमाशाभो हनागुणवंताात्रीशसागरमंतरजिहुंग्निनेंगभियोगेप्रला मारा मननेंगसागापायवनवैशाजशुधिजारशनि,न्मभारुशी त्रिीनेनि पन्नासानाशाउधनुषसह चिराउनञ्चरए यतिन शयल्स छागासानाशामाहाशुहियोथेचारित्रवरिया,पौषशुधि छथयाज्ञानना घरियासानात्रिगईरयेसुर परजधजार चार पिंनीधर्मशतारासानाशाहलाजवषमायुभान,नास्यालचिनी ग्नने असमानासागाजाषाढवहिसात वस्यासिडि,परगट डीन घीजातभरिहिासागागाशरणागतवत्सतग्निरागमुशरण गतनी तुम्हसागासागानिरणत्तमसेपउनेतारो,पाउहे विनति | अवधारो सानापतिरामा जयश्रीजनंत ग्निस्तवना पटरीया भुनिवशाधनघनतुभजवताशाने देशी । | मनंत ग्नेिसरपौभाल,मापोचारमनंताजनंत विभव// चयमांतरोलसागरनवतेऽहंतापासोलागी न्निशंभुनभनन सामोरंगाश्रावएपहिसातमहिनेल, पवन ल्याएउन्नसाचा शाजवनिीतेरशेलन्नभेन्यतपशाासोनाशाघनुषपंयास नीहडील,धनपरए शरीशाशाजवधियोशटिनेल,संभा साहसघीशासोनागावैशाजवहिनीयौशील,पाभ्याज्ञानमन तापैतरशुप्निी पांयभेल,भोक्षगयालगवंतासोगाचात्रीशषा जबरसातऍल, लोगव्युंजत्तमाया पाविन्यसाहिन माल, तुभतुरेशियथायासोगापा तिपिचा Jair ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( २०3 अथश्रीघर्भग्नि स्तवन ।। गाउपरहोयेभतिणन्सोगाने घशीराधभरिएांघरभवन शीरे वलीसेवेपायावरसंछन ग्निमांतरे, थार सागरनुंथा यातापाएीसेवोश्रीग्निरागामेहिन्लयल्सबहाशाभाना मिसांडपी।वैशाजशुहिसातमेथिव्यारे,ग्नभ्याभाहाशुध्विीन्न पामा पिस्तातीशधनुषनारे व्हथी सहेजोघजीगशापागाशा नवरण उंयनतलरे,माइशुरितेशेडीजापूर पोषशुटिपून रे, ज्ञानपहीहीयेशीमाभागाआशलाजवरष, भाणेरे तारी नहुनरबाशाहशुटिपांत्यभे शिववस्यारे,मन्शभरथविजाररी प्रागपनातुंसाहिजसापोखहिरे,ग्निवरणत्तमध्वापयविन्या| हेभवरनीरे, नसुपने सेवामागापा पतिए - जय श्रीशांतिनाथ निस्तवन। सुराभेरीसन्नीरस्नीनन्नवेशाशीशांतिग्नेिसर शोषमासाभीरे, जेऊलवभांघोयपध्वी पाभीपूपयोपन भजोधूनगोरे,अंतरत्रएसागर भनभागोरापालाम्यवन हिसातभनिन्थरन्नरेन्मतेव्हवरितेशनिगाथाषीराघ नुषयातलभायारे डेवटियौशव्रतनीपायाशाशाशुटिन भी पोषमांसहेज्ञानरे मतिशयथोत्रीशउंथनवानालाजवरश मायु पश्भाएगरे,हितेशनि निश्चाएगशालाग्निपारंगत लगवंतरे,स्याहाहीशंरगुएरंतशाशंनुस्वयंलु विष्णुविधातारे| तुंहीसनातनमनयनो घताशाचापितात्राताभाताल्लातारे,ज्यात्य चनोपविण्याताशाविपरीपमाणत्तमारे, पाविल्य हेयढतहिचानेशापतिपदा - Jail ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०४ ) अथश्रीकुंथुनाथ ग्निस्तवना शीरसीयानीऽयुरिनेसरपरमपाल्गशुरन्न तिल्योतिसोलागीतानपत्योपभअंतरशांतिथी,उंयुरिपियहोति सोकावायचीमापापरावटिनवभीनिं, वैशाजवधिमारे रन्मासोगायौशने हिनेतेप्रलुपएमता,जांघेनविडोयेउन्माण सोगाशापांत्रीशधनष प्रभाएं रेहडी, उंचनवानेरेयासोगावैशा जवहिपायभेटीक्षाग्रहीतपजीउभग्खायासोनागाथैत्रशुत्रिी ज्ञानी थया,मायुपंथाएंहलासोनावरसवैशाजवडिपडवे शिव वस्या,अशरीरी भयहाशासोगाचासुरपट सुरशपिसुरभारीपन भान्नित्तमलहेरेहासोगाभुनभनवंछित प्रत्लुन्छ मापन्ने, पम चिन्याहे मेहासोगापागातिपणा - - - - ॥ जयश्रीजरग्नि स्तवन | देशीषींहसीनी छाअग्निाग्नेिसरोलपलवपापनि दोहोलावेलपिपूलाडोडीसहसवरसणारीपापल्यनुज तरतीरें होगालागाशणुएराशुहियवनतेजी-सफुलसुजतही होलागाभागशिर शुशिभेनया,छपन्न टिशिउभरीणायाला पशाधीशधनुषतपीसउया,छोडीभमताने भायाहोरालागाम गीयाश भागशिर शुचिलिये ीक्षातेस्वयंजुद्दोगलागाति| उशुहिजारशेंज्ञान पाभ्याप्रलुयनवानहोगालागाभागशिरशुधि श, लिए,पान्याप्रलुपरभाएंघहोगालागाजावरसयोराशी हम रत्लोगवीमायुश्रीजरहोगालागाणत्तमपटपमनीसेवा, उरवीजन क्षयपहरा होगालागापा पति - जथ श्रीभासिग्निस्तवन ।। पशीलहोनीगाळहो भसिग्नेिसर भनहुशालालामंतर Jatducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraring Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०५ ) नेह पियाशालहोओडिसहसवरसांतपोवालासरभसिपियें घारापारिनेसरतूंमुन्तारणहाशालहील्गल्तुहितरपनि यनेमांऽएालही शगुणशुहियोथे थव्यासालानमीक्षा नरेनाएालहोभागशिरशुध्मेिडाशी,लातामेतिथिगुए जाएगाशालहोवरमपंथाचनसहसनुलाखालोगवीमायु श्रीरशालहोशयुग शुटिजारशहिने,सातावरियाशिववधूसारा लिंगाशलहोनीलवरण तनुनेहसालागोत्रीशभतिशयधारा लहो परावीशधनुषजयाउही,साता पति घोषअढाशालिगा होयीशसेवारे,लाताग्निीत्तभनितभेवाको मुत्रसेपड़ उरीजचो,पालापनपिन्यउहे रेवा निगापा पतिए - ॥अथश्रीमुनिसुव्रत निस्तवन । जापाजामपधारो पून्य, जमघरवहोरएचेताजे देशी भुनिसुव्रत निभहेरऊरीने सेवऽसन्मुनजोथिोपनसान जबरसनुमंतर, भस्सी लिएंध्यीपे जोपालपिन्नलाय धरीनेह मतिमारीपून्नामे मांडणी आपण शुटिपूनमपत्नु पवीया, नभ मामलेपष्टिाधीशघनुषनीहविराले पतएी छु एशिानन एशाशशुएशुटिपारशनितीक्षा, शामवरणोशोऐशगुएपहिजारराटिने प्रत्लुलपरिमारोहेरालगागालहीज्ञानने धधीश नामपिग्नने जीपगारेगात्रीशहलरवरस लोगवीण मायुसुद्धभडारे| पलगाया रेवहिनवभीयेंवरियाग्नित्तभवरसिद्दिापति ल्यउहे परगरीधी,भापमनंती रिहिवालगापा रातियाणा अथ श्रीनभिग्नि स्तवन राकुंपारी रंगदोषनाशीनभिग्निपर नेचीशमोंडोन राना पिलुपन तारणहारापारीभोरा साहिला लाजपरसनुमांना | Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryap Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रहोरामातभयोमाघारापानापानाशोशुटिपून येच्याहोराग भावएपटिभासापागाभाभे भतिशय चारशुहोरालाउन चरणुछजीनसावानाशापनर धनुषतनुणचेताहोरालीक्षावधि माषाढावागानवभी पापनिवारणीहोरान्नसप्रतिज्ञाभाघाटावा राजाभागशिर शुहिमेशाशी होरा,पान्यासभयिऊ ज्ञानाचागा शहन्नरवरसांतऍहोरामायुनुं परिभाएगावागावावैशाज पधि शभी दिनेहोरामाग्निचर गत्तम सिद्धावानापतसगुएगायतां होरामभानवसतीघापाचागा पति . - ॥ जयश्रीनेमनाथाग्निस्तवन । । लोसिगारे सुसारेविषयनरापियामेशीनेमि ग्नेिसरन भियेनेहशुंजपारी लगवानापायलाणपरसनुंसांतश्याभव रणतनुवानानेगावाजर्तिऽचहिणारशथपियानलुभात शिवाघे भंडारा निन्याश्रावएराष्पिांयभनि,शधनुषायाणधाराए एनेगाशाभावाशुहिधीक्षाग्रही,मासोनभासेरेनाएामा पाढहिमा सिडिवस्या, परससहसमायुप्रभागानेगागा हरि पटराणी सांजप्रद्युम्नवती,तिभवसुचनीनाशागल सुभान रप्रमुजमुनिरालिमा,पहोपाड्यानवपासानेगाचारारिमति पर भुजपरिचारने,तास्योऽएारेमायापविल्याउहे निल्परमतन उरो मुलतारोतो प्रभागानेगापा तिा अथ श्रीपार्श्वनाथरिन स्तवन गरागघभावापासप्रमुवीसमारे सहसत्र्याशिसयसात सपनांगपंथास परवरस-रे, मांतरं जति हि विज्यातापासुज जरउसाहिजसेवी हो,महोभेरेसवनांगासेवतांशिवसुजथाया पसुगाजेमांडपीत्रपहियोथे थियारे,उवालविणपगार खन Jain bucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०७ ) |सनांपोषवटिशभमण्यारशेरे, नमनेययाभएणाशासुगार नवरहनी हेहडीरेनीवरए तनुशंतिपपनायैतरवटियोथेल सारे,क्षाविज्ञान नितिासुगामाप्रापएशुहिमाऽमनेिरे पप भ्यालवनोपारखलनांगमाणमुंशोवरसांत(रेमवसेनसुतसा सासुगाहामाध्यनाभतयोघगीरे,भदिभावंत महंतलपनापा यदिग्य पुएरीरे,पाभ्यो नेइलगवंतासुगापा ॥ ईनि । ॥जय श्रीमहावीर ग्निस्तवन संलग्निमधारीयगामेदेशीयिरमानिएयोवीशमो, ||शासननायउ स्वाभीसनेही वरसमठीसें मांतरो,प्रणभो निन हितगभी सनायगाशाजाषाढ शुछिएंथच्या,प्रागत स्वर्णयी व्हासगाग्नभ्यायैतरशुहितेशे,सातहाथ पलुटेहासायन एशासोचनवरएसोहाभएो,जोतेर वरसनुशायासगाभागन शिरपटिशभी दिने,संयम'पित्तलायासनायगाठावेशाजा शुद्धिशमीप्रलुपान्याञ्चतनाएासगाडार्तिमभावासने दिन हाडवे,सहिमाप्रलु निरवाएासगापगाचाहीवासीले ग्निथडी, पित्तमाचिसहायासनापयविल्याउहे भएभतां लपलपनांदु जिन्नयासमायणाषा निपपरियस्तयोचीशीसंपूर्णा अथश्रीरामविन्यलहत थोपीश नि। पस्तवन प्रारंलः।। तत्रा प्रथमपत्नग्नि स्तवन ।। योगमायागरजेरभेन्नसाजेशीमोलगडीतेाहिनाना थनीनगाडीलिमें भननेडोडब्बाहोऽउरेडोएनाथनीनाना पायनभेसुरोडब्याजोसगावाचाहालोभरवीनोमानतोन्ने D - - aa Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०८ । राणीसुनंधना इडानोहारन्नाएयत्नुवननोनाहषोन्नमहाया पाएतयोमाघारनामोलगाशावाहसे चीशपूखसजलोगव्यु बारडं उंचरपएंरंगरेसन्नाभनपुं भोयुरेग्निपथुन्नशानए गभांभोहनवेसन्तामोषनाशाप्रनुनी पांचशे धनुषनी रेहडीन्ने परजपूषत्रेशठराग्नालाजपूरव समतावरीनाथया शिवसुं रीवर रारनामोसनाचामेनानाभथीनवनिधिसंपन्नाव सीमलिय विधनसविन्नयनपीसुमतिविन्यऽपिराग्नो पजेभराभचिन्यगुरागायनामोजगापा तिला जयभीमन्तिनायळनुंस्तवन सोनाडेरंभहारजेडतुंरेखोपिलाजेंटोगीहाथ,महारावाना हासालशाहुवेनहींनभहीवेयवारेसोराभेदेशी। . एजन्तिाग्नेिसरसाइजारेला विनतडीअवधार,महारावा हावालाहवेनहीं गेडुतारीचाउरीरेलोपतुंभनरंग्न माहरोरेको पीसानोन्नएएहाशाभारागापा साजयोराशीहुंलन्योरेपो पालमनंतोमताभगानोलगलीघी में ताहेरीरेखोलांग छेलवतपील्लांत भगाशाउर सुनबर एवेसाहेबारेखोरासी घरोधीसभा भगाताजशुराहीन पए ताहोरेपासेवाडं महारान्गाभागाजवशुरागएतांभाहरारेखोनहींावेप्रल पाशाभगापराग्निप्रबहरानी परेंरेखोतुझे छोड़ तारणहाराए भगाचानयरीमन्नेध्यानोघहीरतोपिल्याणयरेंसरहंसामना स्तिशत्रुरायनोनानोरेलोपन घवानीशामगापा घनुसय सागवारनीरेखोगीरंगसनूरा भगाजाहोतेर पूच साजनुंरेन लोभायुमधिसुजपूरामगाहापंपभभारेतुंभल्योरेवोगम गट्यांछे पुण्यनिधान रामगासुभनिसुशुश्पसेवतांरेखोराभमा घिउतनुपानामगाणा तिर Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlorg Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २०१५ ) अथश्रीसंत्नवनाथलनु स्तवन । तुनेगोऽसमोसावेहानाणोचिंगोरीगाभासोने भहीन एनउरो पोरीशानदेशी पभने सनवग्निशुंप्रीत, भविडसाणीशाजतप्रल भुजयंहलापहलांगीराताग्निसेनानंघ्नध्वविसीयारा पत्नुपरगनभेउरन्नेड,मनुलवरसीयाशाशातोरी धनुशयधारमा भाग,णचीजयाशाभनमोहनथनवान,वाशीतोरीभायाशाआध लुरायन्तिारीनंह,नयऐटीडोशासावथ्यीपुरीशएगार,सागेभुने भीडोशाचाप्रत्गुनह्मयारीलगवान,नाभसुणावेशापामुन्तिव वशीभत्रपाठनणावेशापामुरढलाणीभनभांहे,तुशुरारीरे एनहींतुठभूर्तिनेतोस,सुरतलरीरेडान्निभहेरीलगवा नवानवधारोरेगश्रीसुभतिविल्यगुशिष्या सिमांधारोशाणप गजथश्रीमलिनंहनन्निनुं स्तवना घमघमघभडे घूघरारे,घूघरे पीरनी घेरडेघभडेगानेशी एश्रीजलिनंहनाग्निस्वाभीनेरे,सेवेसुरभरीनीओडपपलुनीया उरीशाभुज भटडेमोडीरहीरे,णलीभागणजेउरन्नेडामलगाता स्वरठीभावापतीरे,गाती लिनगुएरागीतरसाणगाप्रलुगातात भृगवनवतीरे,तीनभरीलभरीजालानुपाशाघमघमघम उघूघरीरे,जसडेउटीभेजलसारापलुगानाटऊनवनवनाथतीरे, जोसेलुगुरागीतयारगाप्रगाडासुतसिध्यारथभातनोरे, वरलूपती पसएगणारगाप्रगानुशतसापत्रएनीरे प्रतुलनी पेटेहमपारगमगानापूरवलाजपपासढुंरे,पालीभायखयुंशु लगएडेप्रगानयरीजयोध्यानोराजोरे, घरिशननाएरयाग एजाएगावाचावोसभरथसाहेजोरे,सायो शिवरभएीनो साथशाप्रसामुग्रहीयामाहेवस्योरेवाहापोतीनलुवननोनाथड़े - Il Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrating Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . ( २१० गमगाता एीपरेंनिगुराणाचतारे,सही-मनुलवसुजरसाण डिशागाराभविग्यप्रलुसेवंतारे,नित्यनित्यभंगसभालगागागागा - ॥ अथ श्रीसुभतिनाथल-स्तवन्ए . पणजोगने शेराव्योडे, नहलना लापरे । मेशी।। पंचमसुमति न्नेिसरसामीसुण ग्निरायशातुमयीन चिनिधिऋद्धि में पानी शिवसुजघयशातोपावनपरभनणीनो आसुगामहनिशसभतारसभालीनो सुरगुरागायशाभंग साभाडीयेप्रन्नुन्नयागासुगाछप्पन घिशिउंचरीय कुखरायाजाहरज नभायरोतारं भुजपजभीनोचीरोडासुगातुंतोभेघनपतिलाही रोगारिनतपायगाशात्रराशे धनुनीणचीयाडेसुगाचा|लीस पूवषाण,भायुआनागररायशातहारीसेवउरे सुरसाभी आसुगातुंती शिवसुंटरीसुजडाभी निर्भपडायशातुंतोलन उत्तवत्सललयाखेडेगासुगातुंतोत्रणानुवनभन्नूभाषाभ हिनरायशातुंतोमुनिग्नभानसीवोडासुगामवियपध्रुवभंडसयिरं योगाभगिरिरायवरायापलुलनीवाएीमभीरसमीती सुना निलनी मोहनभूर्तिघोडी जतिसुजथायराश्रीरसुभतिपिल्या उपिराया सुगावराभविष्यगुएराणायागल्यनिरायापा -- । जथश्रीपद्मप्रलम्निस्तवन पन्जजडानीदेशी श्रीपपलग्निसेपियरे, शिवसुंधरीलरना नार,उभषलभांजज्यिांमोहनशुंभनभोहीरपुरेपनगीनहिं पार, लमुहघनुपांऽडियांपामरामलसमटेडीरेल्गलपन निराय, वयएरसशेतडियांत्रीशपूर्वखाजमायुगँरे,सारेचंछित अगमोहन|| सुरचेखडियांगशासहियर सपिरोसेंथरे,शोषेसलशएशार, भिलिस जिशेरडियांगुराणातीघुमरीहीयेरे,उरीयूडीजसडार उभलभुजगो Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.oa Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २११ २ रडियां ॥आभात सुसीमायें पीरें घक्यो रे, मुळ हिसडाभांडे हेव, वश्यो हिन रातडियांपडोसंजीनयरी तएगोरे, नाथ नमो नित्यमेव, सुगोसजिवात डियांना धनुष जढीशय शोलितीरे, ढींथेपऐंगें नगहीश, नभोसाहेल डियां ॥राभविन्ग्य प्रलुसेवतांरे, सहियें सयल नगीश, वधेसुजयेलडियां ખા ॥जय श्री सुपार्श्वग्निस्तवन॥ ॥ नाय तारे तुमे यात्या गढ सागरेरे साथ । भेदेशी॥ सेपमेरे साभी सुपास निएोसरेरे सास, पूलयें घरी मनरंगरेषा सााभोरे मन मान्यो साहेजोरे सास, प्रेभथी रे प्रीति जनी न्निरान्शुरेसा सन्चोयोजनो रंगरेखास ॥श मोरे भनभान्यो साहे जोरे लालाश्मि उएगी। धरन्नेरे घन पृथिवी राणी सतीरेसास, लयोनेोरतनरे बाला भोरेणाहीपतीरे हिसि कुभरी ग्नावी तिहारे लाल, उश्ती डोडीन्तनरेलाल भोगाशान्नेरथीरे ग्निभुज निरजी नाथतीरे साल, हुर्जीत हीने जा शीश रेखाला भोगा पाहुतीरे भिरंलवे तुं जालुडा रेसास, भालुवनना शिरेखाला भोगावती रे झीरती इहडसी सीनेरे सास, महलरमा ती तेहरे सास भोगानाथनेरे नेह नयए। लरी लेवतीरे साल, गुएरागाती ससनेहेरे सास ॥भोणात्नाश्नाहरेंरे श्वेभकुसरावी जासनेरेलाल, पोहो तीतेनिन गेहरे सासा मोगा प्रेमशुंरे प्रभु वाघे भनभोहुतारेसाल, हो यसे धनुषनी टेहरे साल ॥भोगापरागधीरे राज्हुंचरी रणीयाभएगी रेलाल, परएयो नु सुविलास रेसास ॥भोगाभान मेरे मोहुतीवसे भा शेरे सास, नाथ रह्यो गृहुवासरे सासा भोगाशालावधीरे लोग तलदीक्षा वरीरे साल, वीस पूरव सजनायरेसाला भोगान्नगतोरेन्योतिसरेपी न्हीशरेरेसाला राभविन्य गुएागायरेताला भोगाजा राधीत Jar Educationa International For Personal and Private Use Only Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१२ ) अथश्रीयंप्रत्नाग्निल-स्तवना परायल सभेतो हिंदुजागी, रायगराशीमारेखोलामेशी एनिल थम्मन अवधारोडेनाथ नीहासन्नेरेखोलाडेजभणी जिए गरीजनीवाग्नी,चायापालन्नेरेसोलापाहरण हुँतुभशरणं भायो भुने राजन्नेरेखोला पोराचार युगलल्लूंग तेरेनाजन्ने लोसाशाप्रलल पंचतएीपरशंसाडे, डीथापन्नेरेखोलाभोहन भहे। उरीने घरिसन,भुटनेमापन्नेरेखोलामातारउतुभपासवडाल्यो उरुवे भुनेतारनेरेसोलातरी कुमतिथछेतेनेचारब्नेरेखोल पासुंधरीसुभतिशोहागरासारीऊप्यारीछे एंरेखोलातातल ते विगळवेपणालुवनउपयुंजांगांरेखोलापासजशुराजभए। रापीजेन्नया,मुलमनमापन्नेरेखोलाजनुपभजनुलवजमृतभी डीडे,सुजडीलापन्नेरेखोल दाधीपती घोटशोधनुषप्रभाए,प्रत्युलन नीटेडीरेखोलाध्वनीशपूवषजभान,मायुष्यवेपडीरेखोलाण निर्गुणनीराणीपराराणीउ भनभाहेरघुरेखोलाशुलशुश्सुभति पिन यसुपसायडेरा सुजलयुंरेसोलाटा रातिए J ॥ अथ श्रीसुविधिग्नि स्तवन एसोवनपोरालयाापीघरीएशंशांशतए। सेशरेयोनेरामख्योने घेरीएशीय सुविधि सिरन्नगतो,न्यमोहन साभीरायसुश्रीवनोनहरे, वंशेजातनंतरन्नभीपालरीयज्योली उभा ,भाभगमध्घोलीय पून्ने लुनवअंगरे,शेखालसहीयरटोलीपशाशरनीसांगीरा पी,मां हीराधीपेन्नेरजन्यो निरागरे,तेलालसूरतीपेण साभुट पस्यो शिरशोलतो, भागिरयए चिरागाजतो उसने डीरे, हेयडे हार निर्भलागताउरी पूनमनलापशुभनु यिडे घर नीघरती डावती पायरे,न्नेवेलासग्निमुजरतीपालटीनयरी - Jair ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१७ ) घएी शतधनुषनीजयालाजपूखोयभायरेनभोवालमेन्निर या रात्रीसुभति विग्यगुरनामथी, नित्य भंगलभातारामविन्य न्याररेन्पतांलातन्निशुएभालापणा ति।। एजथ्श्रीशीतलग्निनुंस्तवन । पपाटएनी पटोणीरेशनिहलायन्नेरेखोगेशी। श्रीलसिपुरनापासीरे,साहेबाहेराशाश्रवणेनेसुणिया, शुराजहुताईरागासुएभोरा भीहासिरिलगवंताचणभणानोहो तसेवाने निग्यरऐरेराम्रािजन्नेरेशासातेनेवणीराब्रे,रालिंद अखगावसोरेतिहांकिएने भावएनेरेभनकुंजीटलसेरोगसुभोराभा, हिनतासशुखात सेवउनेहनयो निहार,नयणोनीपीतारे तारीताशेरे पशाश्रीशीतसग्निभुगमन,भंटिरसावन्नेशाशिवरभणीनारसीयारे, लिभांखायनेशाप्रलुभोराताईजससप,तुग्थीभगभनहीं मना लवडयोललयागोरे,भन्नुलनीसूरतेशानेबुधनुषपरिभाणेरे,नंघ मातनोरे श्रीवछतछन रे दृढस्थतातनोशालु भोरामवघारोगुए। गेह, निल तुल्शुंभुन्भननेनेडखानीचातोरे,रान्घिोहसीराचा चीनतडीसालणीनेरे,साए लाणन्नेशालयलवनां पाताडारे,मणगा यणलेशाप्रलुभोरातु छोगरीजनीवार श्रीशुश्सुभति विग्यपि राणालऽसेवउनेरे,तेजेगाएन्नेरेप - जय श्रीश्रेयांसग्निस्तवन पिग्लयोलाराहुंगणलीसेरी पिया पिल्ला ॥ चालभांगाजे पेशी रातार पिरसुगीजरी.कुंभावीणलोरणाशात्रेयांस साहेप रामनुनाएोतापानीमियमुनर्णतारोलपपाशागतात्रेयांससाहेना अखाषिराघोजना रातार पणुंडेभयायाश्रेणान्नेपिराभवषजनता Jair Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.on Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१० ) रीमतीगसपणोन्शूगायागाशाश्रेयांसगाणाणउनेसमन्नववा, उहशोलोषाभएपेचाताश्रेयांसनापए हडसीघो मुठीसनहीं, पिएतारे त्रि लुचनतातागाठावेगानेभन तारणाएंगछेतोढीपतए॒शुंजभा एगाथात निरभुजदूषणे, भेषधयन्सश्याभागागागा तुरहरिशनथीताहेरो,कुंडे वागोब्गमाहानाएवेभुओएसोपी शके,जणीयानीझालीजाहानापागाविष्णुभश्वासमलुसिंह पुरीनोरायाटेगावाजयोराशी चरस,,प्रनुपाप्युपूरणमायणगा पदावेगा धनुष,शीतनुशोलतुंजडशीपंछनन्गशालाहरजा घरीने वीनवे,श्रीसुभति विग्यशुशशिष्याओगाजाग्यांसा - ॥ जय श्रीवासुपूज्यस्वाभीनुंस्तवन । एननागोवाणीयामेघशीश्रीवासुपूज्यनरिघ्नानघ्नम्न नयणानंघाश्रीग्निवासहारालुभभाबुतुभीलगे मारेोऽटुं जनोधाताश्रीग्निसालणोउभतिरभएीभोहनंहनी,मुन्डेडेनभू उतेहा श्रीगाभित्रभज्योतेखोलीमो,सागोतेहशुजहुनेहाशाश्रीनि नगावीशभण्या घूतारहातेनावणीनवनररंगाश्रीग्निनामहनिये तेण्डुलोलच्यो,नघत्योपलुसाथेरंगाशाश्रीन्निगाप्रलुरशनत से घनिभुनभनघुहिनशतानीग्निगापणशत्रणमाारहे। नीयघाउभन्नतानाश्री निगाडोलियुगमारनो,जहुगाड़ रीमो प्रवाहाश्रीगाताह पनमोणणे,नहीशुद्ध घरभनीथाहापा एश्रीगानुशनपिएलवारताहीसे व्यवहाशाश्रीगातेरोलर मलूल्याघगा,प्रलुघडिसोलोयाशाराश्रीग्निगावरससीते रजातोरीसीतेरधनुष तनुसार श्रीगाश्रीरामविग्याज रब्लेडीने,उहणतारोलवपाराणाश्रीग्निगा ति। Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२१५) अथ श्री विभसनाथलनुं स्तवन॥ ॥स जारीजां जारीजांशुंडरो, सलोन्नडरतांन्नन । ओरे जारीयां खल ।। ओ देशी ॥ न्निविभलवघ्नरसीयामगन्नएो उनऊ उमसनो रायरेशाविभ सन्हिलान्निंग्जधर जमीरस लूमिनी, प्रतिजिंजित जिंजसुहा यरेाशा विभस निएलान्निजनुपम रूपनीरेजभांनविग्नावेसु ननाद्यैहरे ॥ विभजनान्निभुजवीडोनीडो जन्यो । भानुं जीज्योतीन्वस हरे शाशाविभसगान्नि घडिमा नेभखोपती ॥जति हीपे हंतनी खोसरे विभसनाने नरैए। अघर छजीथी भल्या भानुं भुक्ताईस सभतोसरे आविभसनान्नि अम्लग्नपी रूप। एासम्स सपीन्नएारेशवि भतणान्ग्नि अगणित शुएना घेरथी ॥ मन भांडु जांघ्युतांशानावि भसगाग्नि शिव सुजद्ययङसांलती । हुं हरस्यो हैडां भांहेरे ॥ विभसना निर्घउ तारी तुन्भुं री ॥ नेभयोरी पाहे रेशायाविभषणा प्रलु जेवडी विभाशयाशुं डरो ॥ नहीं जोर जन्मने तुझ रे।। विभषणान्येनापो तो सहामुंब्लूरजो॥तो बंछित सशे भुरे ॥९॥ विभषण सुत कृतवर्मा श्याभातएगो ॥ शाह साज घनुसमतनु नायरे ॥ चिभसणाश्री सुमति विन्ग्य ऽविशयनोरा श्येभ रामविनय गुए। गाय रे ।। विभसणागा ॥अथ श्री अनंत निम्न स्तवन ॥ ।। सांजर मती जावी छेलर पूरने॥ जे देशी ॥ ॥सुन्सानंदृनन्ग्गहानंदन नाथने । नेहेरे नवरंगें नित नितले रीयेंरे लो। लेय्याथी शुंथाजे भोरी सहीनोन्ने। लवलवनांपातिङ अंजलणां भेटीयें रेलो॥शा सुंदर साडी पेहेरी परएगा पीर रेशा जावोने योवटडे न्निगुए। गार्धयेंरेसोमा निनगुएागाग्ने शुंथायभोरी जहेनी रेशा परलव रे सुर पहची सुंदर पानीयेंरे सो शासकीयर टोली लोखी परीगल लावरेश गावेरेगुएावंती हैयडे गहु गहीरे सो॥न्यन्ग नायड Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१५ ) शिव सुज हाय हेवरे साय रे तुनसरिजोन्गभांडजेनहींरे सो आ परम निरंग्न निर्च्छितलयलगवंतरे॥पावनरे परभातम श्रवणे साल स्योरे सो॥पामी हुवे में तुङ शासन परतीत न्ने। प्यानें रेनेडतानेंमलुग्भावी भयो रेसोनाथपणे पंचाश धनुषनुं मानरे॥पाल्युरेवली आयुष साज जत्रीशनुं रेती ॥ श्री गुरे सुमति चिन्ग्य उचिराय पसायेंरे गश्नहो निशरे हिल ध्यानवसे नगहीशनुं रेसो॥च॥ र्धति ॥ जय श्री धर्मन्नि स्तवन ॥ जार्धरे गरजडी ॥ देशी ।। धर्म निनेसर सेवी में रेगलानुन रेशर नंघाजार्धरे न्निवडी ॥ न्नि घ्यानें दुःख विसरे शाहुंपामीपर भानंधा जाणाशा रत्ननडित सिंहासने रे । जेसे श्री लगवाना जाना भुहजागल नाथै सुरीरे ॥ उरे गुएागान ॥जाणाशालु वरसे ति हां देशना रेनेभजपाठीभेाजानातापटले तननोपशेरे गावाचे जा भगोनेाजागाजा भएावायां गयो घुरेरे ॥ चान्त्रि डोडा डोशाजा माता थे नाथे डिन्नरी रे सहींडे मोडा भोजराजाना नानायुचरष दृश साजनुंरेश धनु पएायासिस भानाजाणाराभविन्य न्निनाभथीरेश सहीयें नवे निधान जाणाया र्धतिया ॥ जय श्री शांतिग्निस्तवना सुंदरशांतिन्घ्निी, छजिछाले छे । पलुगंगान्तगंलीर, डी र्त्तिमाने छे गगनपुर नयर शोड़ाभ, घणुं हीपे छे। विश्वसेन नरिंहनो नंह, म्हपीपे छ।शाम्नथिश भातायें गैर घरयो, मन रंजे छ। भृग संछन उंधन चान, लावा लंबे छ।शापलुसाज वरस थोथे लागें, प्रत बीपुंछणप्रलुपाम्या डेवल ज्ञान, डारन सीधुंछे आ आधनुष पालीशनुंध शनुं, तनु सोहे छे। मलु देशना ध्वनि वासंत, लवि पडिजीहेछ।चाल उत्तवत्सल मलुता लगी, न्नतारेछे। जूडतां लवन समांहि, पार जीतारे an Educationa International For Personal and Private Use Only Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१७ ) छपाश्री सुभति विग्य गुरैनाभथी, दुःजनासेछे । म्हे शभविन्यनि नध्यान, नवनिधि पासें छआशा गर्छति॥ ॥ जय श्री कुंथुनाथ ग्निस्तवन । ॥शी रशीयानाजीतनी छे।॥ रसीया हुंथुनिनेसर डेसर, लीनी हे हडी रेलो॥भारा नाथल रेसोरसीया मनचंछित वर पूरण, सुरतश्वेल डीरेलो महाराणा रसीया जंग्नरहित निरंग्न, नाम हुर्धो घरोरेसो महारागारसीया लुगतेंडरी भन लगतें, प्रलु पून्न उशेरेसो ॥शाम हाराणारसीया श्रीनंहननानंदन, चंदनथी सिरे रेली ॥महाराणारसी याताप निवारण तारएा, तरए। तरी परेरे लो॥महाराणारसीया भन मोहन न्ग्णसोहन, डोह नहीडिशोरे सोग महारागारसिया डाउसियु गमांहे, अवर नडो शोरेसी ॥ महाराणाशारसीया गुएासंलारीन्न ढीं, जसिहारी नाथनें रेसो ॥महारागारसीया डोए। प्रभाहे छांडे, शिवपुर साथनें रेसो महाराणा रसीया अायतो मेएा डारएा, नाजे सुरमाए रेलो॥महारागारसीयाडोए। याजे विषइखने, मेवा जवगए। रेलो || महाराणा रसीया सुरनृपतिसुत हावी, यावो यिहुं हिशेरे सोम हारागारसीया वरस सहस पंयाएं, निन पुहुवी वसेरेलो महाश पारसीया त्रीशधनुष भएाडीपर, डींथपणे प्रत्तुरे सो ॥ महारागार सीयात्रए। लुवननोनाथ डे, थर्ध जेठो विल्लुरेसो ॥ नामहारानारसी याजन्संछन गत संछन, उंधनवान छेरे लोग महाराणारसीयाऋ हि पूरे दु:जधूरे, नेहुने ध्यान छेरे सो।। महारागारसीयाजुघश्री सु भति विनय उचि, सेवा चीनचे रेली। महाराणा रसीया रामउड़े निन शासन, नवि भूडुं हुवे रेलो॥या महाराणा ॥छता ॥ अथ श्री सरनाथ ग्निस्तवन ॥ ॥ सीयन्नेरे वाडीभानी चेल, सीं पन्ने उारो डेवडोरे ॥ ने देशी ॥ ॥ णायन्नेरे घरी बीएलास, श्जर निम्नवर उग्गहीसरे ॥मानन्नेरे Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २१८ ) खेहु महंत, भद्दीयस भांडे वासेस रेशाशा ध्यायन्ते रे दृढरी चित्त, भन चंछित इस पूरसेरे ॥चारन्ने रे नवरनी सेव, खेड़िया धूरसेरे शशा सीयन्नेरे सुमतीनीचेस, निग्नगुएा ध्यान नीरे घरे ॥ संपनेरे सभ ड्रेस, डेवल इस रणियाभरे ॥ आपुन्यथी रे हेवी नंह, नयऐनि राज्यो नेहथी रेसीपनोरे जति आएंगंध, दुःज भणगांथयाने थी रेशानाशोलतीरे त्रीशधनुषनी डाय, राय सुदर्शन वंशनी रेशाजापी जुरे निलनो सार, सहस यीराशी वरसनुंरेशान्निरान्नेरे उ‍ परणाम, डान्सरे सवी नापं रे ।। लावयीरे लक्ति प्रभाषा, हरिश नज पाये घरे सेवन्ने रे श्जरपट जरविंह ने शिव सुजनीअ मनारे ॥ राजन्ने रे मलुहृत्य भोठार, रामवधेन्ग्ग नामनारे॥ प ॥ अथ श्री मल्लीनाथ निनस्तवना ॥ अंधारीरे जोरडी ॥ जे देशी ।। मिथिता नयरी रेजवतरया । याने कुंल नरेशर नंघासंछन शोहे रे उसशतएं॥नेनीलवरएा सुजऊंघाशाभल्सी निनेसर भनवशी ॥ने जोगएशीशमो अरिहंता उपट घर्मना रेडारएाथी । प्रलुङभरी रूप घरंत ॥ शामनासहुस पंथा वनश्वरससुगो॥नेनायुतएं परिभाए। ॥भात मलावतीरेीरघश्यो।पएरावीश धनुषनुं मानाभिना ॥ सहस पंचावन रे साघवी जो ने भुनियालीश हुन्नशासभेत शिजरेंरे भुगतें गया, नेत्रएालुवन खाघाशाभनानाश्ऽलयराती रेखापथडी ॥नेनेोजांघी अवि हडप्रीता रामविन्यनारे साहेजनी ॥छे अविषस जेहन रीता मनाच ॥ जय श्री मुनिसुव्रत ग्निस्तवन । हरनी हमयी रे ॥ देशी।। आवोरे जावोरे सजी हेहेरेन खें, प्रलु हरिशन उरी निरमण घर्धने ।। गावो गावोरे हरजजपार, निनगुएागरजीरे ॥ तुभे पेहेरो सोण सागारान्निगुएा गरजोरे Jaiducationa International For Personal and Private Use Only Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - - ( २१५१ । भारे ताजेशोजेवाराग्निगाहोहेलोभानवमवताशान्निगाशापद्य माटेचीनंहननीडोछे, प्रलुरायसुभित्रसटीओछानभोनभोरे जेहप नाथाग्निगाशेटशीउरवीवाताग्निगाडीपानेइथीलाता निगाशाउछपसंछनप्रनुपायाछे,ग्निचीशधनुषनीगयाछ। त्रिीशसहसवरसनुंभायाग्निगाभारेहडे हरजनभायाग्निगा मेने सेच्याथीसुजथायाग्निगाभारादुजारेंन्नयाल्निनावान लुश्यामवर्ण चिराग्छ,भुजडुंडेजी विधुलानेछगाजेनेभोड़ी मोही| हरिनीनाशाग्निगारेउरेलुछाडांसारााग्निगाप्रलुनयएतयो भिटाराग्निगातेथीलागोप्रेमजपाराग्निगागाप्रलुहयजा भखनो चासीछे, शिवश्भएीहनी घसीछानोतेहतगोधुंध सान्निगाभारे पूरे भनानीमाशानिगाप्रलुभदियणलील विताशााग्निनाराभविग्यशष्यासाग्निनाचा - - जयश्रीनभी ग्निस्तवन। घेशीडाने हाटेनलेसास,लाखसुंजोलीन्छाशी ___ विन्यनरेशरनंहनलालाविप्रासुत भनभोहेगा नितुप्पसंछन पामेषालासोपनवानतनुशोहेछापामिथिलान यरीनोपासीलाताशिवपुरन्ये भेवासीछा निवीशसहसशपासे खातातेउसासुविसासी छाशाप्रलुपंघरधनुषप्रभाएऐषासाग गभांडीर्तिव्यापीछापत्नुलवध्याने घाणेलालाभति सताय्या पीछेागानभीनाथनभोगुएजाणीवापानक्षयवतीमविनाशी|| छगातेणेवातसात नएीलातानेभाशा घसीछानाश्री ||भति पिण्यगुइना लातााीर्तिभिसावाधीछेगाउहेराभविन्य लिनध्यानेलालावियल सीतासाघीछाचा तिरा JA Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibral brg Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२० । एजथ श्रीनेभीनाथाग्निस्तवन। । अभेतुभराछोरशंशुगन्नयोछोडेनाशी । । शब्नुसउहे प्रियानेभल,गुएन्नपोछोडेनाभछोडीया त्या निरघासाहेगुणुभानीछोडेनारापुरषअनंतेलोगचीगुरागा पीयुशुंभोहीरयातेरोनाशाहेगुरागावातीगभेव्हने थाहगुएल एशोतेनारीथीरंगाहेगुएलापएल्गोजागोज्योगशुएगाहोचे सरिसासरिसोसंगाहेगुरागाशाहुंगुरावंतीगोरीपशुएगाते निरी एनिहेलनाशारेशुएलाउंसेपघुराणलीशुगुगातेसाभुनन्नुचे सिगाशाहेगुरागागाभांतेशुरामाणपी0एगाणेपशीयो लरतारााहेशुगुणाभनवैराशेवासीयुंगशुएगालेराख्नुस संभला शाहेगुएगागाजहेनीने मलयालगीशुएबापीयुंपेहेलांतेहणन्न याहेगुरागासंगपर्धतेनारनेगुरागारहीजनुलवशंषयलाय परशुरागापासमुहविल्यफुलपंहलोपशुयुगाशिवाध्वीभात भन सासाहेशुगुणाचरससहसजेउमाणगुनासोरीपुरजवता शाहगुएगाहधनुषाधीपतीणुएगाप्रलुजलयारीलग चिंताहेगुएलारानुसार भनेवालहोगगुरागाराभविश्यब्यवंतपत्र ગા अथ श्रीपारसनाथाग्निस्तवन।। न्टहीनाजीतनीदेशीएसेवोलपिन्ग्नाग्निवीशभा,संण ननागविण्यातासघरसुंर प्रमुनीबेहडीवाभाराधीनोन्नताप सेवोलविग्नाग्निीशमांशयितुंहिशे घोरघाघनरंभष्यो उभय्योन्ग्सधारणभुसणधारेवरसे घसथतनहुन्न पासासेयोगाशावडहेडसवाहापोगणस्सशरयो,मेरितगीपरेना धीराध्यान शुऽतषीन्नुपध्यावता ध्यानतएी धारावाघे तिह चढ़ियांगालनीशावोगाठायलनपतिमोप्रलुलभाहे| रो, पाभ्योऽवलज्ञानासभवसरासुरछोडीभज्यातिहां चान्याना Jalducationa.International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 'પપપ ( २२१ ) डीतनिशाएगावोगाचामेशतपरसनुंभाणjलोगवी,पानीज वियतहणुद्दाश्रीसुमति पिण्यश्नाभथी,रामसहेचरसिद्धासेपोन एजय श्रीमहावीर ग्निस्तवन गरजीपूछेरे महारागरजडारेजेशी। परएनभी निरान्नांगाभा'पसायाभहारापाजेए साभारेतुनेचीनबुशाभहेरउभारानाथलाघसघरो दिलमाहामा हाराणाशापतितघातेंणहत्यारेजिरेगरीजनिवागामहारागानो उभुल्नेवीसारतांगाशेनावे मनुलागामहाराणाशाणत्तभनघनस्य रीजारोगनविन्नेवेडामहाभाभहाराणाप्रलुसुनन्यायी हीजेजवियलयामामहारानागासुतसिहारथरायनोशात्रीशलानं नीशाभहारागावरशजोहोंतेरमाण®रेगाउंयनरानशरीराभ हाराणायाभुनरेजीभलुताहेरैशापाभ्यो परमानंघामहारागाहटया भवनोएंसपोशामुनिग्नपि पंडामहारागापातुंसभस्थ शिर नाहलोशातोपाघ्योन्शपूमहारागाठीत निशाननानाध्याराना गपुशभनयमहाराणादाश्रीसुभतिसुशुपसेवनारोऽस्पतर नीण महाराजारामनलुम्निवीरळगानवसंजनजांभव एउणसा रामेभलुवनलाषए पुरिननाशन विभणयाशनाग्निवाल वलीतियूरए भाशपूरणसुभतिआरएशंगामेथुएयोलणतें पिन पियनुगतेंनगर महीशागेरहीश्रीसुभति पिल्यशुश्यराशान निधि,राभपिल्यन्यश्रीसही। पति पोपीशीसंपूर्णा एमथश्रीविग्यलक्ष्मीसूरितज्ञानाहिनयालित श्रीवीरग्निस्तवनप्रारंला पोहा श्रीमाठिलाचथी भएभेन्गशुरपायाप्तेभत्नुप sill ma - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२२) रन्एिांध्ने, नमतांग्जतिसुजयायाशाज्ञान दर्शन धारित्रनो, कुंप रस्पर संवाधात्रिङ योगें सिध्धि हुवे, मेहवो प्रवयनवाद्याशासभडि तगुएान्स पित्तरभ्यो, तेहुने न वाह विवाद्यासभुायथी जेड अंश यही, भुज्यउरे तिहांवा॥आ ढाल पहेली ॥ लसनांनी देशी ॥ ज्ञानवाही पहेलो उहे, त्रिभुवनमांडुंसारल सनातनय निक्षेप प्रभाएानो, थडी अनुयोग विधार ललना॥शाज्ञान लगो लवि प्राणीखाश्नेमांडणी छ। सप्तलंगी षड व्यनुं, भुञषिए। हुए। सहे तत्त्व ससना ॥जंलि सिपीने प्रएाभीया, गएराघराहिङ महा सत्व ससना ॥शाज्ञागाभेरे सूर्यने छेनी, पीपमा ज्ञानीने होयलल नामुञविएा भूरज पशुतणी, जेड़वी बीपम तसन्नेय ससना आ ज्ञानाज्ञान पछी निनरान्ने, नरिहंत पहहीय लोग्य सतना।लोग चवीने ज्ञाननो, छीपदेश डेहवो ने लेग्य ससना ॥ चाज्ञानाज्ञान प छी क्रियाम्ही, घ्शचैडासिङ वाए। सलना। ज्ञानगुणें उरी भुनिउलो जीत्तशध्ययन प्रभाए। ससना चाज्ञानाहीप घट हेजावशे, घटथी दीपऊन हेजाय ललना ॥जप्रतिपाति गुणज्ञानछे, महानिशिथ्यें उन्हे वायवसनाज्ञानाश्नघि सर्व पाता थडी, अज्ञानी नन्नो योन सतना। आत्मस्वरूप लएया विना, जिरे निभ जंगल शेन्ग्लसना जांज्ञानाक्रियाचिएा जडु सिध्धि सहे, तापसाहिङ दृष्टांत लसना ।। गनजे भरे हेपीने, जापी में भुक्ति जे अंत ससना नाज्ञाणाश्ञज्ञान वाही खेभ उद्दे, जापे भोक्षन ज्ञान ससना बीत्तर धर्म संग्रहणीथी, उ उन्ने मुल जहु मान ससना ज्ञागालवने ज्ञान जलेहछे, भुड विपलव अलव ससना ॥ श्ञक्षरनो अनंतभो, लाग डीघाडो सहीव ससना ॥१०॥ ज्ञानाक्रियायें डोई जाल छे, ज्ञान नयें जन्भास ससना भुनिने सेवा योग्य ते, जोले डीपहेश भास ससना पिशाज्ञानाहे पायास्य भस्स वाहिल, नग नसवाह सहंत लसना॥जोधलत्याभु Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.or Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २२३ उभासरे,नेमजकुशास्त्र जस्तलखनाशाज्ञानाहना भेजनेसा रिणो मुलविरा क्रियाबंद पसनातीक्षएताज्ञाननी,तेहिया रएजजंघलनापाज्ञागा छति। ढालजील। । नरपिऊ भुनिवर थाल्यागोयामेदेशी॥ जोडीवरसतपन्पडिरियाउरेनाभिटेनोपासशाज्ञानी तेजेसासणसासमांगनेऊउभरेनासशापागुणाग्नवंशेरे ज्ञाननेखालीलपीजांडपीपज्ञाननाशुएनेरेशत्तमसंग्रहे,जा) समानेतेवेश मध्यभनर डिरियाणुगुजारे,षोडशडे जोपटेश) राशाशुगापारिवहीणोरे ज्ञानगुणेघणो,चंध्यो पूज्योतेहाथो ज्ञाननी डिरियाजसेश, पहेशभालाभांशाणुगामहीय सभाहतेरे भेलाचेशथी,जच्यवहारेंरेयालेशान्गनेघालेरेज्ञान चिनाघंधे,ते डिभधर्भने पालेशालागुनापीपलपानलस्याडिरिया। शुधनहासभाशुश्ज्ञानीगाडिरियापिए ज्ञानीरेसिध्वजनंतछो लगवती मंशनीवागीशापागाभं पूरए भिल्सगर्भ कि यायें तिमलववाघेशातसजार वारे ज्ञाननीन्योतिछे,पश पध्मसाधेरापाशुशाग्नेऽनोन्नएंगसचेन्नएंगयो, ओहची || भहारीचाशाजविसंवाष्पोनेन्नएकुंतेहिन समझेतला शागायुगाज्ञानपिनाउहोसभडित भिरहे, क्रियातीज्ञाननी उत्तीरोगणत-सुमसेवासलोन्छ ग्याटेनेनसुनमपिनाशीरे एटागायोऽवी क्रियारेज्ञानीनीलसी, मासुस्वरनारीनालापरे पणाहुती डिरियारेज्ञानपिना डिसी,भिजंघनारीनाहारशाला गुगासहस तेंतालीशणशेनरजीया,नंडिजेएशुललानेशान ज्ञानीय थीहुरे तेहिल्यस्तुछ जरसिंगसभमन्य धारापाशुगा सिरियानयनेरे ज्ञानहेतुभे,मुलगी लिन्न मानिन्नवालिन्न | यशोत्यारे रडता पाभशो, मलिन्नलमांसीनशापागणुगा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२४ ) न्यायन त्रीन्टेरे नेहुने जालंजीयें, न्भूग्जोन्नुगति विभासी रेशाजेऽपह पामी यिसाती सुत तस्यो, ज्ञानथी सहुसुजवासीरे ॥ पशाशुना ढालत्रीला || सुएगो मेरी सन्ननी रहनीना लवेरे ॥ से देशी ॥ ॥ समति नय हवे जोल्यो विभासी रे, भुन विए। ज्ञानक्रियाजेहुहासीरे॥ भुळ पिए। ज्ञान अज्ञान ते लएगोरे, शुङ पाठीत वेहीया भा नोशा भणिमय जिंज अनंत लगवेरे, सोवन हेहरां जसंज्य रावेरे हंसएरा सच विएाशुल रेस नापेरे, हंसा न्यायर भिथापेशाशा चार जनंती तिभन्तवने रेश्स्योरे, निभ भृगतृष्एगायें रहुवे तरश्योरे ॥ तेथ्ने चाश्मां दुःज सविटालुं रे, जानम मंदिर डरे जन्नुआासुंरे ॥आ मुठ पछी ज्ञान क्रिया हो साथी रे, नसघर योगेंवनरार्धभाधीरे शापात्र अपात्र तुझें नथीन्नेतारे, जमें लविङ जम्षार्ध मोहतारे ॥नाक्षाजेड भुने हृध्यें राजे रे, निन साहेजनी सुजडी याजे रेशा भिथ्या वया न मे अर्ध प्रश्पेरे, कुंतोरीशुं पडे लव रूपे जाईलल्योते डारए माटेरे, उरं सुजीयो पुह्णस जघ खांटे रे। दृषी जससंबंध घरो भन मांहेरे, समडेत वंतने प्रएामो पीच्छाहें रे । साग्नशुन्यावली डिरयाहीन रे, सिप्या भुनथडी अनुलव पीनरेशा हंसारहितनसीनेो घेरे, निश्यय उशेलविनागम लेईरे ॥ णाभासान्नसेनीभातासोथे रे, डिरियाडंजरली जडु सोथेरे नवचैवेय सुधी सर्धन्नवेरे, तो ही समति सब सुननावेरे ॥तान्नूड डिरियायें घरावेनाभरे, कुंभुनि हुश्रावम्शुए। घामरे॥भुन छतां भरीयिये लवलवन चपाचोरे, न्माली मुशि ष्यन्ते सभक्ति हारपोरेशन ढास थोथी ॥रेगुएावेसडीयां॥जे देशी ।। सिध्यनरें निभसंग्रह्यो । जुध्धि चंताला विष पएाग्नभृत थायरे ॥ रथिवंतालातिभ समतिवतें ह्यां॥जुनाशास्त्र सम्स सुजाय रेशारयिनाशाद्वैपायनश्रेणिकलशी Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org. Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२५ । एजुगाचासुध्व पेढालजानामिानविरतिने पासुजीत्यापजुगामु विएउचएभाषाशारिणाशाश मिथ्यात्वगिरिलंबाजुनापति सभहुंसमश्याश्वाशुलधेमातभभावगजुगाग्निपध्ची भुत थ्यारिगामासभडित मंडविनासहानुगाडिरियाठि जिंदुपाग अंगार भईडसंजंघथीगजुगासमन्ने मुनसपारगानामुष्यापजीन ओमनाटिनोपजुगाभुल्थी भिटेततजेवपरगाशुसपोजीमोतवथयो एजुगाभिटेशनाहिलवसेवारिगापाचरसहन्नर तिरियाणानुगाई उरिउनीमा नामुनवियपूवघरगयामुगामाये निगोहमां गन्गारेगारापूरचजध्यायुशतशणीप्जुनाने विणसभडेतवंत प गावैभानिउपचीखहजुगाईभ भहालाष्यहंतागाणालयप्रदेश पुिगपरयाजुगाभिथ्यात्वनानेसमस्तारिगातेहभिटेने शुध्यता गतेहित सभडितवस्तारिंगाबासमतीनेलाचे होयामुग्धशरासहित तपुरदेवारणानगणित महीभांभाहारोष्णुगासमन्तिशपिसेवाए शाकाशमाहेनवमस्तिता जुगास्याहाहरहे भुभाहिराइगाय थार्थचस्तुग्राजुगाभाऽपक्षथीणशामिाणामासभत्तिपिण्या रित्रनहींगा जुगाजावश्यमांचजाएगासमततेहनपरएजे एजुगापहेसाअंगनी चाणी गापासहितनी सेवामाशाजुगानहीं मिथ्यामति रानगागापरणपभानछेमाहाजुरासद्दहले मुनिरागा ढास पायभी। । भान हुन्नरी ढोलो भागोमेशीय - पवेकियाचाहिरहे मनश्सी,नगए ज्ञाननी गुरासुनधार्ण साग्नसुएीय हावांतणीसुतरंडेशनदी,डीसिसुपनने ज्ञानेवाणी सामानरहरनांनभवांरेसंयमधारीनेराजेमांडणीराज्ञानथी इस लोगनविलहे,क्रियाविनाओडलवासानारसवतीग्लशुगन्नए। तां, तृप्तिनरिहोयमतीवा सागशाडिरियापिएपंथतेनविघटे,पि|| पारेननसनिधितरायासायनरणी निगडिरियाविना,ननरंतन Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarne Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२९ होडेभऊरायासाणाआ शत्रुंनय माहात्म्यमां उयुं, भुनिवेषने नभवोषी छाहिंगासानासिंग हेजीने लायें प्रएाभीया, शचीव वीध्यनशुए। श्रहिं सानामात्नरतने डेक्स बीपने, सिंगचिएा नभीया नहिं हेवा साना उद्दे नीपदेश से संबंघनो, जशुय्या डेवलीततजेवणासागापाज्ञाननुं इस विरति उयुं, जहुविध शास्त्र भन्नशासानाचारित्र महारान्न तगा, ज्ञान समति हो प्रतिहार ॥ सानागतियारमां समस्तिपाभीयें, नर गनिमांहें संयम सिध्यासाणाडिरिया नय शासन संग छे, निर्युस्तिनां वयन प्रसिध्यसागाजा सरव संवर डिरिया बिना, ज्ञानीने मुक्ति न होय सामाजनंतर आरए। हुंसही, तेह इस्सी सिध्यासहुडोयासानाना ढालछडी॥ शन्निवर मंदिर सयल महियलमां, सोवन रयए भंडाचेन्जेि वसना चरए। सभोवऽ,ऽहोते डेभङरी यावेळ आशा साहरन्तवक्रियाशु एा मनोहर, म उरीशवाह विवाहकाने नांएगी। डेवलने पए। जेडस यमनुं, थाना थिर रहे शुष्यलासिस प्रदेश थिरता उपचारित्र, सिध्य प्रलुनेम्हे बुध्यन्नानागाशाश्नेश्वरसना संयम सुजमां, जनुत्तरसुरसुज पावेन्ला जे पएाव्यवहारिङ नय वर्धन छे, क्षएामांहें श्रेणीमं डावेळ भागाआरजे हिवसनी डिरिया पालङ, संप्रति नरपति डीघो लारुरिनृपने नवयाम क्रियायें, पंचम अनुत्तर सिध्धोलाखानान जार उपाय भटे संयम होथे, डिरियायें महासन्धि नाघ्शार सिंहसत्य डीने अधोगति, न्येनहीं डिरिया संबंधिका नागापानक्रिया चाहि शानूमां, दृष्षा पंजीयोळव नियमालाकियावाहिशुस पजिजो, निजीपहेशे भहिमालखाणासायोग व्यापार नहींले सिध्धने, तोि रिया भिव्यापेलासघसा नयनो सार संयम छे, निनगए।घर उछृंख पेलाजागाजाजर निभचंदन लारवहे जहुतस सलोगनथावेला हीपम् सहस ग्रह्या पएासंघथी, हुए|ार्य सोहावेळा खाना नाघ्शाए लहने नमियासुरपति,न्ने डिरियायें गुएावंताला भुन वहात अने Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२७ ) छे नगमां, घाशे लविन्ग्यवंतालानार्धति ॥ ढास सातभी। डोयो परवत धुंधलोरे लालाने देशी ॥ मनिन निग्भतथापतांरेलाल, खाव्या निएरोसर पासरे गावासेसशाएगा डारड पीपहिसे हो सास, अनुपम वयन विसासरे गावाले सशाशान्योन्यो न्निवर नगशुई हो साल, ने हथी भटेलवपास रेशावा जे जांएगी। हंसा सहित ज्ञानी म्ह्यो हो सास, देशें विराध साथ शावाणाज्ञान रहित क्रिया उरे हो सास, ते पए। विराधञ्चाथरे॥वाना आशादेशें देशें डीपगारीया होगा समुहाय सिध्धि लहंतरे॥वाणातिलस मूर्हेने हनीपने होगा जिंदु जिंदुयें सर कुंत रेशावाणान्नाशात्रएालुव ननायोगथी होगा पूरए। लोङ उद्देवाय रे गवाणाडेभतेोऽभांथापियें होगा जेसेचे तृमिनथाय रेशावाणान्नानाज्ञान समस्ति घोरीच हे होगा संयभरथ सुविधास रेशावाणा जेसी ग्निपंथे पढ्या होगाथा शेते परम निहासरे ॥बाणान्नापानिन निन्पत्प्राप्ति सुधिहोणा ज्ञानायाराहिङ सेवरे गावाना धर्मशुल परिएगा में उरी होणा येणें होय शिवहेचरेगवाणान्नाशाहंसा ज्ञानमांलेलवी होगा ज्ञान क्रियायें हरी सिष्यरे गावागा पंशु संघ नर हो भली होगा भनहु मनोरथडीघरे गावागावांगानेरसा चयन विचार छे होगा तेरा नयना बाहरेगावा सहु अंतर प्रीति डरे होणासुएगी वीर वधननो स्वाहरेश वाणान्नाना ॥ ढास साडभी ॥राग धनाश्री ॥ श्री महावीर न्निनागुएागावो, संशय मनना मिटावोरे॥मुक्ताईसनाथास लरीनें, प्रलुलनां ज्ञान चघावोशाश्री० शाजा समये श्रुतज्ञानी भोटा, शुध्यस्वरूप समन्नवेशाज्ञानीनोन्ने विनयनसेपे, तो अतिधारता थावेरे ॥ श्रीणाशाखावश्यमाहिङ ग्रंथथीन्नेछ, रन्थनाउरी मनोहारोगा हीनाधिङ निः जुष्ये डेहेवायुं, ते श्रु तघर सुधारोरे ॥ श्रीगाणामुँनि उरे सिध्धि पहनने वरसें, जाहमसु Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibran org Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२८ ) हिलसें लावेरे ॥त्रएाशें त्रीश उल्याएाड से हिन, त्रीश पोवीशीनाथा - वेरेशाश्रीगानापहेतां पांथनिएहनभिनेभि,सुव्रत पास सुपासरेशा शनिग्नना नगीनार उत्याएाङ, मे हिवसें थयाजासरे॥श्रीगा पान सिष्धिषुध्धिघयड को हिनें, स्तवन रथ्यं प्रभागोशाला शेगएराशेनेडुसाललशे, तस घर डोडि छुट्याएंगोरे ॥ श्रीगाला सशाभिवीर ग्निवर, प्रभुजदेशं, जढी पाजीहार मे निग्नजिंज थापी, सुन्ग्स सीधो, धनसूरि सुज आरजे तस पाट परंप र तपागच्छे, सौलाग्य सूरि गए।धार जेनिस शिष्य लक्ष्मी सूरि पलएणे, संघने न्ग्यअरजेश ति ॥ अथ श्री महावीर स्वामीना पांथ उत्याशिडनो ॥ स्तवन प्रारंभः ॥ ढास पहेली ॥ प्रलु पित्त घरीने अवधारो भुन वाताखेदेशी ॥ ॥ सरसति भगवती हीजोभति भंगी, सुरस सुरंगी चातुप साय भायचित्तधरीने, न्निशुए। रयएानी जाएशा शागिरैयागुएावीरलगा पसुंत्रिभुवनरायात्सनाभे घर भंगल भासा, तसघर जहुसुनथाय॥ शिश्यानाशा ने जांएगी छगनंजुद्दीप लरत क्षेत्रमांहे, नयर माहुएाडुंडा श्राभाऋिषलघ्त वर विश् वसे तिहां, हेवानंदा तस प्रियानाभागिरैरनागाश सुरविभान कर पुष्पोत्तरथी, पवि प्रलुसीये भवताशातवते माही रयएगी। मध्ये, सुपन सहे घ्स पारा गिरेखागाआ धुरें भयगल भसपंती हेजे, जीने वृषल विशासात्रीने डेशरी पोथे लक्ष्मी, पश्चिमे उसुभनी भासा गिरेमा पनाह सूरत ध्वसश पहभसर, हेजे की हेव विभानाश्यएरेलर यगायर राजे, पौहमें अग्नि प्रधानागिरैसागापाखानंहलरलगी सासुंदरी, उतने उहे परलात । सुगीय विभउहे तुभसुत होसे, त्रिलुव नभांहें विज्याताागिश्खाणाशासति जलिमानडीयो भरीय लवें, Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २२० । लपिन्बूझोऽभपियाशातातसुतावर नियंथयाचर,चसीनीयासें भवताए रागिरमागाणाऐमयसरयसनोसे,नाएँ उरीहरिलेयामाहए। उजेडागुपेने,नभीउहेमघटतुंहोयागिरमागाटाततक्षा एरणी गभेषीतेडाची,भोऽसीमोतेरोगयाभाएीगर्नभनेत्रिशलानो,जिहु जहषीसुरन्नयागिरजागाफावली निशिलरतेचानंघ,टेजेजे पिनमसाराान्नएनेसुपन त्रिशलाउरचढिया, हे निल्लरताराागि विभागापगाउंत उहेतुंपुष्जहरसुंधरी,भुरभनजपिरोहाभरथर भांहेंउत्पनुभहीहो,भागसंशयाटप्योतेहपगिरिमानापा ढासजीला नयर क्षत्रियकुंडनरपति सिध्यारथललोभमाएनजंडे तसा यडे,ल्पल्स निरभलोपतसपटरापी विशवासती,पूजेन्गपतिथे पपरमहर्षहर्षयडे घरी,पियासुरपतिमापासुजसन्नये पोतीचीनो यीसुपनसहेमन्नगति स्निगुणसभरति,रजति गहगहे मारप हंसगति थालती,पीणंउनेभापती मेहगमतेसूरडे,चीनचे निस्पतीशासुएीवात ययरंलो,पंडिततेडीयाजातेगेशुल सुपन पियावापुस्ताउछोडीयाजोसे मधुरीवाराऊरानिधि तहोसमासुजसंपत्तिघरेवापसे संउरलान्सेमाशापंडितनेराय तुसीया,सीधीने घणीमहे हवाएीससहोल्ने, अभनेतु मतपीपनिरपपंडितसंपत्यारायसुहेमध्वीशरण|| नवाघतो,शुलघहसासहेजनाभातलन्ति ग्निपतिरेगर्लए नहीं मासातभासदोषीगया,भायथितासहीसहीअरनेजा रिसालपो,ओरोभारोगलहत्योमेण्डुलोलीन्नणुनहीं शेट गया उस्योगापासजीउहेमरिहंत सभरतांदुजोहगटलेभातपग्नि ज्ञान प्रयुंलजो गलथीसखसखेमामातापितापरिवार,दुःजानिया रियुंभ,संयमनसेहुंभायतायता, ग्नि निरघारियुंभापानएन डे मोइजेवडो, डिभविषुलोजभेजानवमसंवाहाणपरेंनिसान - Jaleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.on Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७० ) सातमा पैत्रशुसहिनतेरसें,श्रीग्निग्नभियामासिध्यार थल्लूपतीलला, जोछवतपडीयाणा ॥ वस्तुपुत्रन्न्म्यो पुत्रन्यो,गतसएगाशासिध्यारथना पास तिलो,कुलभंडए सतपोधीपोश्रीग्निघर्भ पसाण, विश्व साध्वीसुतगिरंलयोपभाशीशीभेलसी,भाषीछपन्न उभारा, सूतिउभउरेतेसही सोहेलिसीहरिनीनाराासोहेल्सिीहरिनीनारा पढासत्रीला नभएीनी रेशीमांपिप्युरेसिंघासएकज्ञानेनिरजताप मएील्लभारिएंट,इतबहरजतानाशाजाशनयीरेणठेव,मन्ति येथुभवायसुघोषाघंट,सघलेरएन्एमाशानलुवनपति वीश,यंतरतामणत्रीशरविशशी शेय,शहरिस्पनामा योशर्मनाएं प्रणभी हेमरत्नगर्नाग्निभात,पूल मेसीन हजाचात्म महोग्य ध्च,सबिमारियानाभाय निसाभ त्रिसुतले भेरणयानपाउंयन मणि लंगार,शंघोड़ेंलयामेष भिसहसेसघुवीर,हरि संशय घश्यामापरावहे नीरप्रवाहमा तेनाभीयेंजानउरेनभएसनाह,नएयुंस्वाभीमाशायरराज गुठे भेहियांपीनाथीमोमगाभुनशिरपणलगवंत,नेभसहीरापीमोन मेवाणखट्यासायरसातासरवेग्लल्यामपायानागेंस पासपशष्याणागिरिवररेटु,गडगडी पायाभतीनलुवन नासोड,पितखडथड्यामेजाजनंतजसमरिहंत,सुरपतिथे उद्येने पहुंभूराजसहीभूठ,भेटघुनविसयुंभशाप्रदक्षिणाडेजाभव, भोवरेभानायेसुरगायेगीत,पुएयपोलरेभशाप्सु जेस्वर्णनीसील,तृएसजीगणेशान्निभूडीभायनेपासपध्गया। नापरोभागामायनशीनू पुत्र,सुश्वरें पूलमोमाइंडसोयन दुष्यामभीयअंगुठेहीजोपळगाम महोछाउरेराय,ऋयियेंचात पियोमासनसंतोषीनाम,वर्धभानथापीमोमाया In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraorg Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २३१ ) ।। ढाल पोथी ॥ ।। मनु वाघे सुरतरैसरिजो॥जे देशी ॥ मेलु उत्पतरं सभवाधे, गुएा महिमा पार न साधे ॥ ूपें मद्दलु तग्जनुपम जउस, जंगें सक्षए। विद्या सहल ॥१॥ भुजचंद्रभल हलनया, सास सुरभिगंध भीमवयए। ॥भवरएणे प्रलुतनुशोलावे, भ ति निर्मल विष्णु नवरारे ॥शात पतेनें सूरन सोहे, येतां सुरनश्नां मनमो हे| मेलुरमे रान डुंवरशुं चनमां, भाय तायने आनंदृ भनभां ॥आजलनतुस तृषलगतिवीर, धेरै सलाभांऽह्यो नि घीशाग्नेऽसुरमूढवातनभा ने, नाच्यो परजवान चनरभवाने॥नामहिथर्ध वृक्ष आभसीयें राज्यों लुहान्नखी दूरेंनाज्यो ।वली जात थर्ध भावी र भिथ्यो, हारीचीरने जांघे सर्व भिजो ॥पाभायताय दुःज घरी उड़े भिभुं, डीर्घ वर्धमानने सर्धगयो शत्रु ॥न्नतो सुरवध्यो गगने भिथ्याती, वीरे मुष्टीयें हुएयो प ड्यो धरती ॥प्रापाय नभी नाम हीषो महावीर, नेहवो घेउयो तेहवोघी शासुरवसिनो प्रलुखाव्याएंगें, भाय नायने बीसर जंगें ॥जा वस्तु॥रायजोध्छ्व राय जोध्छ्वदुरे मनरंग, सेजङशालाये सुतः॥वीर ज्ञानशन नलए, तव सौधर्म र जाविया, पूछे ग्रंथ स्वाभी बजाए । च्याम्रा नैन तिहांडीखो, खानंद्यो सुरराय॥वियन चहे मल्लु भारती, पंड्यो विस्मय थाया शा ढाल पांचमी ॥ यौवनचयन्वभावीयाग्ने, राय उन्या न्शोहा परएगाचीयाने विवाह महोध्छवशुल डीयाग्ने, सर्वे सुज संसारना बिससीयाग्ने आशा अनुक्रमे हुर्धभेङ कुंजरीने, भीश वर्ष न्निरान सीसा उरीओमात पिता सद्गति गथाग्ने, पछेवीर वैरागें पूरी जाने ॥शाभयएरारायसेन लतीखोजे, वीरे अथिर संसार भन चिंतीजो मेशिन रभएगी ऋध्धिपरिहरियो, उहे कुटुंजने लेशुं संयम सिरिये ॥आ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२७२ ) दास छडी। । सुएगोन्नित्रिलुवनयशाशीरामगोडी पितरीमोसुपासरे,लाईनंयिय॑नाउहेबछभनीन्न येवाभागेभायताय पिणेहरेतुंचतीव्रतलीयायांजारनहीन में शानीर विनानिममच्छरे,चीर पिनातिभाटसवलतुंभराहुल हेमापातलगवंतरे,नेह विनावली'वरसजेन्नन्सरह्यांनो एमाशसुसीमेजनपानरे,परघर नविन्भेगचित्तथारित्रलारभेये पानउरेराग्नीयिंतरे,सुरजोतिशाभावीउहे संयमसभेमा एजूरजूललगवंतरे,छोडी विषयसुजाने.संसारवघारगोमेाणा ढालसातभी। भाभावेषलनोपुत्राशीमातेमालेत्रिशलानोमुम सरानसिध्यारथनोनन, घनसंवत्सरीमगाठोडीयासाजटिन प्रत्येंगे,उनऊरयएर्पाभोतीतो, भूहीलरीलरीमाजागापाघरा उएगरथ घोडसाणे,गाभनयर पुरशतो,भनवंछितवलीमपनि र्धिनने धनवंतीनामेनस घरनमोसजेनारितो,सभरेवती रसीने एमालेगाशापुजरियाख्यागतगामे,भेघपरें बरसी घनतो, पृथिवीमरणउरीजनरनारीलोप्छपन्नूमे,सुरनरउरेभ गणतो,ल्निहीक्षावरीमाभागाशाविहार उरभणगुरजीमो मे,डेभाग्योभाहरा भित्रतोनारीसंतापिमोमानियायउहुंची सत्योमे,प्रलुजंघथडी हेच दुष्यतो, परजंडरीहीमोगमालेगाज दासजाउभी ।। . राणसाभेरीगणीलारनाभनघशाशी। ____ स घर होये प्रलुपारयंगसुरतिहां उंयनवरसेमतिघांरण मागणुरीपेतेरेंतेहतएपध्वपुलीवाने मे,तेरोनाअंजर गान्माणलेमे, बिलुबनभांसोहाभणुंमाशुटआसोहाभा प्रलुतपतपेषशविरों विथरतालविलयनेणपदेशतासा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar99 Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २33 । तेति सभावताराषट भासवनीस्मारही,ग्नि उडीन हे सधीप गोपाल गौणलपापी गया,चीरभुजें जो नहीशाढासपूर्वतीणोरेसन |विकृतिसेणयातेणेभावीऽयुंभुनि डिहांगया।ऋषिराया,पर भूरज ओपियानोचिरागपरशंघीजीर,तेऐणीपसर्गेनयख्याधीशाभावी र श्रवणेणीलाहोडीलामोगात्रुटारोडीयाजीसापुरजेपील्या,शेन |बहेभऽरीगयान्निरान्ने भनशत्रुभित्रसरणा,भेरपरेध्यानेरह्यप पणनहीचरसे भेषजारे,पीसी जूड़ेघणीजेपरणीपरेडान जियो,भसही बिलुवन घएीचाढाल पूर्वतीनेऽनिध्यानपुर उरी,प्रनुनयरिथे पोहोतागोयातिहवियें,अरऐजीलालगीजाने सपारएरीशीस्स0रया,तिहांपैसंपलेलाडीनाराजांधीया, झोरजीया नागीमापात्रुटातागीराख्याघेरणीला,वीरवे] नथ घणीमाकंह उरता गिरिथयो,सतजंड्नुभोगतिउर्भहतए। राजांधेरेलवडोडर्भहसता,रोवतां छूटे नहींगधन्य धन्यमुनिवररहेस भयितऊर्मभबेटे सहीरा पढासनवमी सालानी॥ राजोन्नूमोउरमें शुंगधुरे, मन्नवर्षऋषलेंनती गाउर्भव सभडरोगेजेरेभसीनाथपाभ्यास्त्रीवेशापाउर्भेयकीनमध त्तनडीमोरे,सुलुभनरउभापडीगोशालरतजाइजसशुलडीयो रियकीहास्योरायसीडीमोशाशासनत्कुभारेसह्यारोगरेनषा भयंती वियोगाचासुदेवन्राकुमरें मात्योरेजषवभोरुनीयेषा योगालासजमस्तवहीमोरेभतिजोधभुरभुणेसहीनोरे ||श्रेणीउन पोहोतोरे,वनगयाशस्यपुत्तोशाच्यासत्ययंतए रियंधीररे.उंजघरेसिश्वयुनीरजेरत्तनेयोगरे,जहिना वसीभाताशुंलोगरापापरहथ्थेयनजालरे, पढिमोसुलझाने भावशाभयए रेहाभृगांउसेणारे,पुजलोगवीमातेमनेगा। उम्भेयर संन्योरे,रायरंडोनभूपयोगाऽस्महिष्याशंखुध्यो - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra prg Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २३४ ) रे, रेनाहे पी माहुडीघोरे ॥णार्धश्वर नारीयें नयायोरे, प्यह्माध्यानथी श्राव्योरे ॥अर्ध अर्ध उरम प्रधानरे,लत्यालत्या श्रीवर्ध्यमानशाला ॥ ढास घ्शभी ।। महया सवि, धीर पुरष महावी॥जार वर्ष तप्योतप, ते सघुलो पिएानीशाशासिवृक्ष तसे प्रलु, पाभ्याडेवसज्ञान ॥ सभोसर ए स्पेसुर, देशना द्येन्निलाए ॥ जपापा नयरि, यज्ञरे विप्रनेहा सवे जूनची हिज्या, पीरने वंहे तेहाणौतम ऋषी जाहें, चारशें चारह न्नशासहस्स पौह मुनिसर, गए। घर वर घेण्याशाशायघ्न जासामु ज, साघवी सहस छत्रीश । होट साज सहस नव, श्रावयेनाशीशा गए। साज श्राविा, जघमी सहस जढाशासंघ चतुर्विधथाप्यो, घन घनग्निपरिवाशानुग्नशोऽ तर तसे, त्रिगडे उरेग्नवजाए ॥ सुऐ जारे परजा, योग्नवाणी प्रभाए ॥ त्रा छत्र सोहे शिर, यामर ढाले ईशानाय्ड जध्य जत्रीश, योत्रीश अतिशय निघानास पणरल रेसुरूपाने दुंदुलि नाधानमे सहख सुरासुर, छाडी सवि परभाद्याथि ॐ धूपें सोहे, धर्म प्रमशे श्राशायोवीशमो निवर, नापेलवनोपार चालुवर्ष जोहो तेर, पासी निर्भस ग्नायात्रिलुपन डीपणारी, तरएतारए। न्निरायाचिङ भासे हिन, हीवासी निखाएगा। प्रलुभुङतेपो होता, पामे नित्य उल्याए झा ॥ उसरा । यि वीर न्निवर सयस सुजङर, नामे नवनिधिसंप घर ऋष्पिवृष्धि सुसिध्धि पाये, जेङ मनाने नरलने गातपगच्छ ठाकुर गुएावैरागर, हीरविन्य सूरिश्वरी ॥ हंसरान चंधे, मन श्नानंहे, उन्हे सुन जे गुणो ॥ ॥ति श्री महावीर न्नि स्तवन संपू ॥ अथ श्रीनेभरान्तमतीना जार भास प्रारंभ ॥ सजिनोरा साउत, गया निनभहिरे ॥ने नन्य भेलावोडीय, तेभुनसांरे॥घर सावत आली हाथहुँ, हेडीडीतरी ॥पएा उरीवरघोडो in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७५ । मायणीले तरीभपुणिपुसभोसंसार, ठाणाभाहापतासित सारसुणीभागार,न्णेिश्वरजोलतापाजांडपी।सजिश्यारे हुंअवधता वियोगी दुःजीतहानीयामादुनिलोड,हांसीउरेघगांभीडीखाणेपरनीवाताजशनपशनासहाउनाभोलयुओडेना नेकतेमुजनाउहाभघुगाशासनिापगाणंभेवी,महीयरियातो पछछदहीवारबीचेस,वालीनहिंचसोडाभवरतीनीधरती,डा रतीवासीयोआवएभासनिशस,रान्नुलमेडती भागाठा सजिलाध्वेलरतार पिनाउभरीलीमाविरहानपणहीलासाघु मारिए राठीश्सपायां उरसएशासनजाध्ये जेसीयोहोत जना पहाडाजेपार,जाघेराडेतीमघुनानाजनेसासोभासेंसे रशुभाषी सूजडीगयाघ्शरेशाशनान्निाटीपाषीदइडीसन, पांघराउरीय लाज सरसनविनोन्नारंगताननेनारशाखापियु पिनापेजणाभघुगापाभासमारतोंडेसउरेनर, नारीजाणमा रोभासेंटजुडेटाढ,भारी राणभांसाहनाचासिभणयाविटेश,संदेशा भोडलाभाहरेणामघणीघरवयसे पिणवेशखामगादासनिन भागशिरेभागएना,मनोरथ पूरतामने मेहेतीजावेश, चतुरगुए यूरतापसजिमेरे संदेशोषे आवेन्नयभुल्ठनातेनेशरी मोतीनोहार, भभूलूषणामघुगाणपोषभासेंपोतानी डी,शीयालेंगालियांवालेसर विनावेरएराति,शूनांभेहेसभासि यसन्नयन्जनीयुलरपूर,मरएयभभासतीगहनापिगिरेगन यापरदेश,पुणे घिनसढतीभघुगाटापियुभाहाभासें मतलना मोरे,हिमालो हापशारयणीजेऽचरससभानावियोगीसातशे [संडाथी सीताजयमासें,शभघरपापियामेवावगियासातेभा सापितभघेरनापियाभघुगामाहसमारोहसंतवसंत,जाजराथी| गतस्योभानुशशुपासुरनर राय,भसीनेनोतस्योशेलीजेलेगोन। पीणोविंधहमुंघरभावतीवाजतिसुजांअंपापात,पियोगेंभापती - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -- ( २३९ ) एमयुगापासजिथैतरेचित्तथडी,पिछोहीवासभाजावाजनाथ हाडाउभन्नय,रविनाथभामाज भीयाणे भलीलयरे,णघाजे विशवासाभलीमो सिद्धसप सपनामागोमगातार एंस युगपशुङभोर पोर सरोवरेंगनिन्नाथसदीयश्ने साथ,सुजी रमेवनघशाभुणभंगरीसांजाजवेंडरोयलटतीसजिवातमांन चीत्योवसंत,रमेशलभतीभघुगाशासजिवैशाजेंचनभादरे,हीयो सिद्दीपिता उसीघरसजीपयजुशीथीनापतासरोवरग्सउभ उख,रंतारावीएमुन्सरजीछजीपीनारसगनलाम्ची भघुनाई ह भासेंन्नुसभनाताप,तपंतीलूतलाजाभासनोभेघ पियोग,जलें तरतसागपशुपंथी पिसाभाजायरे,शीतलछायातशाभाहरेपिण नानहीं पिशराभ,नातीनेनोतभपुगाचासनिमापियोभासमाषा ढलरेन्सवादीपगन्नखेडे भोर,अजूचीतीवरसातेंचसुना घानव,पत्सवहरीमां घरेशानहीनासेलरीयांनीर,जपैयो पणिपाणि शाभघुनापायोमासेंजरीतभाता,रमतां पंजीयनेभवीत्याषा र भासप्रीतमघश्नापियाभावएशुहिछठे स्वामी यासहसाप नातेसंन्भवतीयायादिनपंथापनेंगभगातानेमभुजथीर नुतनवलप,नेह निहासतीशयसुधारसतीन सघभनवापती पशषांतरेनेमध्यास,तिहां शनायालुहाथ सहेली सायराना सीक्षाषीभामगारणासडेवलारीपरिसारन,जे मुगतिगया एजनीप्रीततेसाजिनंतलांगे लेखांथयांशुलवीरविन्यसुज लील,भगनाविशेषतागलोउनासनीनारउशालासमयमांजताभवा ॥ जयश्रीनेभशनुलजारभासीभारंलः श्रावएभासेंस्वाभिमेतियाख्याशाजापालरंगीलानेभाना नविरहेन्नत्यागाघावोसड़ीयरसायनाएभनावोशाल्भितिभजी रीने प्यार प्रीतमलावोगामेमांडएीरामापसेलावभास,भेषाभा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २३७ > ताशाजांसुडें भाड्योवाह, विरहें राता रेशाविरहानस तिहांची, जीन डरापेरेशनेदुःज सहुभीन्नय, नेपीथुश्खावेरे ॥शाहांरे जाशोयेंग्जाशाभं य, प्रीतम भसशे रेशाजा हीवासीनी रात, सुजभांलसशेरेशान होंश रही मनमांहे, जे हुने उहीयेंरे । हीनें देहने घोष, सहेां सहीयेंरे । आहांरेअ तिङडातीनेम, डासन अपेरे ॥उंत पिहूएगी नार, विरहें व्यापैरे ॥ाजोछा न्ग्लभांभीन, ते निमन्यत्पेरे॥ भारानुस शूनी सेन, ते तिम विलपेरेगा नाहारे मागशिर मासें भुङ, निंह नग्नावेरे ॥अभिनीने ग्ोऽंत, उाम संतावेरे ॥श्नमग्नजसा अवतार, ते भिन्नवेरे ॥तेहनो हायणीपाय, हो यजतावेशापहारे पोषें छांडी शेष, डायापोसोरे॥रंगें रमीयेंनाह भरोघोसोरे॥विस तो निभतिभन्नय, विरह सहीयेंरे शास्यएगी भविहाय, उहने उही यें रे ॥दाजाव्यो माहुन भास, नेम नश्याव्यारे शेर्घ दूती सागी डान, तेणें लश्भाव्या रेशाविरह जंगीहीन्नस, हीयडुं - जाले रेशार्ध तन्दु विएा अपराध, ते भुत साले रे ॥ आणिएा मासेंश ग,रागनन्नगेरेशासंगे होवेन्टेनाहुतोदुःजलांगे रेशमाहारा हैयड़ानीलस, डेभ जोसायरे ॥न्नेनयो हेतुंनेभ, तो सुजथायशालामैत्र नभासेंजंज, भोक्या रंगें रे ।। डोडिल कुरेरे उल्लोल, मधुकर गुंतेरेशा तीनवनवरंग, सहुवनराकरे शाउंत विनानसुहाय, विरहें घळ रेशन वैशाजें पाडीशाज, घजन नीली रे ॥हुतंजोलीना पान, तिभथर्धपी सीशाशूलाउने न्नर्ध, सहसा चनभांरे ॥भाहारी हेहतशी गतिने घारोभनमांरे॥षणाहांरे ने हें तडड़ा सूह बीन्हांचानें रेशमहारी पंप वरणी हेहु, जतीही हीने रे। अंध उरला नावी प्रेम, तुभने पासारेगा अर्ध जमने छोडी निराश, थथा मतवाला रे ॥१॥ हांरेजाच्यो भासआषाढ, पैढत दीवाने रेशघरतीनो लरतार, मेहुलोगानेरेशा पानाव्योमुन्नाहु, नेभनीरागीरे ॥ मुक्ति घूतारी नेएा, लोसव्यो राणीरेशा शारजेभ जोट्या जारहमास, जेएगी परें सारा शानेभन्नुस भषि सिध्य, पोहोता प्याराशम्हे उवियए। उरब्लेड, नमुं शिरनाभीरेशाल Educationa International For Personal and Private Use Only Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २३८ ) एतां गुएातां मेहु, नवनिधि पामीरे ॥१७॥ ॥ता ॥ अथ श्रीनेभं शलभतीना जारभासी ॥संहेसडा ॥सूरती महिनानी देशी ॥ भागसर भाझें मोहिजो, मोहनी जेंन भन्नायित्तमांहें पाणी पट पटी, न लावे पीछुने जन्नाशापंथी नारे संहेशडो, उन्लेनेमनेोभाछरडी छेड़ नहीलयें, नव लवनो होमेभा पंथीणाशाजेत्रष्यांसविशासिनां, गावे रे गोरीगीताभङला रस। ऐसवो, पीडीडां पालो श्रीत।पंथीना आपोषे शेषनाराजीयें, प्रीयाशुं वि एाोषाने हिनायापोपीयें, नज्रोतपशोषणपंथीणानागाढीता ढे परालय, मर्धयें डोनी पास, नाहु नीहूर मेसी, गयो शूने जावासा पंथीणाचा नाहविना महा भासनी, रयणी नचिहायाशूनी सेनें तसप तां,वरसां सोथाय ॥ पंथीनाशाह पीठी पीठीं नेमशुं, नभीीन्हांज न्नाघर जावोतो चालहा, घएगाउरेन्तन्नापिंथीणाणातेस तंजोसने तृषिा, तरेणीने तन तापसेन सम्म सन्न न होयेंशी त संतापापंथीनानाशशुएना हिन कूटरा, न्नेहोय प्रीतम संगा जेतुं साल गुलाल, पैढते पीछरंगापंथीवाजलीसी टोली सरव भली, होली जेसे जांतात विछोह्यां भाएासां, जे हिन सासंतापंथी आपणा पतिरेतरेश्वर पितरयां, सीवनराया। परिभल भहडे पुष्प ना, मधुर गुएाणाया पंथी नाशान्ने पीडी खेड़ वसंतमां, घरमां जावी वसंताती भुन है यडुं डील्ससे, कुंपल विश्संत ॥ पंथी ना१शावै शाजें शार निसी, पाडी सांजाशाज ॥पीरशुं हुं उरी अतली, पी डारसाजापंथीना आने में भीडी छांहुडी, हेर्छ पीडींगले जाए, नवाडी नाराभभां, रमीयेंडीच्छाहापंथी नाव चाहरजें हींडोलें ही श्रीयें, नानुं शीतसवायासुजनिया सहियां यहां, दुःजपरी पसाधा पंथी गापामाषादें भावी जीभह्यो, यितुं दृिशि घनघोशामंदिरस चोल मोहना, मंधे थावी उद्योगापंथी ना१पाणया घेडूडे धुंधलो, Educationa International For Personal and Private Use Only Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २३८ । मोर उमेरे डिंगाशावीन्ग्सडी लाउरे, मनसाएरामाधारापंथीया जाश्रावणश्रवणे सुएयोगमाहेबरसंतापीणन्नेवानेजसन्यो नयनीरतापंथीगापदगानीसांजरघरगी घरेल्वघरपणिसंगा एभुन्ने पटोलीसारने,पीयुछेनीलेरंगापंथीनापनालास्वडेल्स लट्यालख्यांनयि निरचापापणचालन भुगलो,भिडंग भाएपपंथीलागारातगभाकुंघहिती,पंतांतुभनाभासानसा मानन्ने,नय निदहरामपंथीनाशामाशुभाशा घोहिलीस याविभशापीण साथीवासडी पीनेसुजलरपूशापंथीनारशान धनीरवारोंनीतस्या,थयाभारगशुध्याजाव्यानोरेजवसर,थयो मागी हितध्यापंथीनारामतीय भातीअभिनी,रातीपणिसंग्य पडेजी भुन्भनणपसे,तुमसेवारंगापंथीपाश्चानेवासुएगीयन संदेसा,नेभन् हेयंगामुन्तिभंदिर भांहें मारने,भलशं भनरं गापंथीगारपानेमशन्नुसजेभष्या,पाभ्यासुजमनताविनय सासुजपाभीयें,लन्तांलगतापंथीगारहासंवत सत्तरमहप्पा वीशें रहीरानेरथोभासारान्नुखनेभसंघसडागायाइर्षणस्यासप ॥२७॥ ॥ अथ श्रीपार्श्वग्निंस्तवन । । साहेजोरे महारोमरह्योनागोगामेदेशी। सुगरे सजीभुन्नाइसोरे,पालोचाभाराएीनोपुत्रासंयमन खेवा मसन्योरे,वालोमेसीघरनास्त्रालासाहेजोरे महारो भना| नोमायोशासाहेलोरे महारोन्नएसईभो भोशासाहेजोरे महा। शेसगीरेनएधीरोचीशासाहेजोरे महारीसोहेश्यामशरीराामेशी उशीरामलावतीराएीतणोरे,वालोनयोजतीऽथोनीशापीणथुन भाषागीरयो चालो भहाशेलवनघरेगयुधीशासागाशासुंत रीनेरे सभब्नवीनेरे,वालो भन्नुथयामापभएणाशासुजपुःजत्ने हने सारिणोरे,वासोसरजोसहसंसाशासाहेजोरे भहारोभेरतपीप - - manencanoaamnamam JOEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २० ) रवीशासाहेगोरे महारोसाणरपरेशंलीशासाहेलोरे महारोगापेलन चोषितीशासाहेलोरे महारो सोहेश्यामशरीशासगणस्सगरमा ध्यानमारेरावी भलियोउभाउहोरापूरचलपनायेरथीरे,बालोन सवरसावेनेशासागाचाघोरघाघननयोरे,वासोयिहिशेय भडीचीगाउभहतेसायोगंगरे,बालोभापारोसाहेजोशालजीलगान सागापासाचीना अज्युरेवालो पलीओआशनतामाघरएण घर पयापतीरे,चाखोमायाऐगभासाणादाणघरी मनुने पररे,ग्लथील अंतरिक्षानृत्यउरेनिहांनागएीयावागाउभाने धीघीशीजासागाणासुरपतिसेवासारीनेरे,चालासहुगया निहाय चलतही भुतेंगयारे,वाला पत्नुलपारामाधाराासागाटाचभप हेनेरालमोरे,चाप्तोत्रेवीशभो निशयाणघ्यरत्नमोडीनेरे,चप सापएभेप्रलुनापायासागा तिा जथजशप स्तवन । मन्ति रिएंघशुभीतीनेशी श्रीमष्टापटीपरें नए अवसरहोभायाजानिाथाला थोशहरशंसभोसरणे होभल्याभहोयसाथीभष्टानापापिनितापुरथीमापियो, साथें होवपीलरतलूपालगावांधहयडे इन्शु,तातसूरती हो नीडेनयरा निहालगाश्रीमष्टानाशालीयेसाजेशालाभणा,उहे क्या पाहो भाइारा नया पन्नरापिएशांउले पिए होरडे,जांधीली हो| चाहासाने भन्नगाश्रीभष्टानागालधुलाम्मेवाडातेंतोतातलो राज्याहयान्नूरगाटेशनासुदीचांहीच घनलवडाफोडतरेल वपूरगानीमष्टानामापूछे प्रेभे पूरिभो,भालरतें होमागलगी शवतीर्थडर उताछोसे,लए ऋषनल होमम्हपछीजेपीशाश्री अष्टागापाभाघनीशामली तेरसें,प्रलुपाभ्याहोपटपरमानं लगीलरतेसरलए,ससनेहा होनालीरायनानाभीनयाना Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( m ) मन भोहनहिनडेटसा,भुन्साङ्केहोरसणोनविखीघाहेल्हयानो परि हरी,मारणंगहोमजोसजीधनश्रीमष्टानागापिएबाउंगविरपि या,तेंत्रोऽयोहोप्रलुप्रेभनोत्रागारेलरतनेजूरच्याशेषभटीओ होनेहन्निवीतरागगामीभशगाटगाशोडीलरतेसरवायिउने होवतीधीयोमाहेश गायूलरोग्निथानडे, संयस्याहोतातल रिसा हिसाश्रीमशानामावलीजंघरजीन्न साधुना, निहांडीपाहोत्रए। थूल भनूपाणपोश्टउनी छूटरो,ऐजीडूंगरहो हरज्योलऐलूपडे श्रीयशगापगारलउनउथूलो ,उस्योउंपनहोपासाहणतंगडेगायो। जारोथूपेरी,मेऊन्नेयगडोभाने मनरंगशाश्रीजयनापासिंह निन पियानाभनो, थोरासीहो भंडपपासागात्रशोशणपोउनङमयाचा र उपशें होउरे भेरशंपाराश्रीजष्टानाशापानप्रभारोपंछने,ग्निस रिजीहो तिहांप्रतिभाडीघडेगाोयथारभाठवलीशलपो,ऋषलाधि उपूरव परसिम्यगानीमराणाशाउंयनलएीउभोवी प्रतिभा नी होमागीनासिगन्नेडगावछोरंगभंडपें,नीलतोरएशोजी ओरपीडोडाभीमानाचाघवहिनभातालएी,महोटीभू रति हो भणिरनलरायाभरचा भयणलयढी,सेपास्तीहो नि भूर्ति पायाधीशगापापाडिहेरात्रपाभराध्यक्षाडिहोन मेधाजनिभेषगागोभुजपतुर पजेसरी,गढवाडीहोउंडवादि विशेषगाश्रीजागापदाप्रतिष्टाप्रतिभातएऊरावेहोरान्नमुन निहायगपूनस्नात्र पलायना,संघलतें होजरपीजरीनाथडेगा ||श्रीभष्टालापणापडते भारे पापीया,भत पाडोफोओचारनामा गजेन्नेयमांतरे,मर्पितवीहोरी पावडीभागाश्री अष्टागापगावालावें हेहरो,रहेसेमपिथलहोछामारासीमा आवारेमापसज्येउरी,नरतेऐ लवहोलवसागरलीभात श्रीमानापकासाशनगरीनारालयाहीमोघरिसराहगंगे। भउरोटीलगामरथीहोयेणताचला,भतराजोहोजमशुंमएजीला Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarls Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्रीअष्टागावामनभान्याने भेषवे,माहानेहोतेनमले भित्तए जंतरमभी भल्यापजे,भि पोहोरंगसागो पित्ताश्रीजष्टागा एशाऋषनल सिध्यवधूवस्त्या,यांतीमाहोतेषजजाउंगाल समाचांदीउरी,भांगु मुक्तिनो हो भुजारणिपाउडेश्रीमष्टागाश्या जष्टापघ्नीनतराइसपाहोलविनालऐलासाश्रीलाया विग्यविनायनोलागलाषेहोरेसेसघसीमाशाश्रीमगारुण - ॥ अथ श्रीशांतिग्नि स्तवन।। लालजभारासाइजागामेदेशीशांतिग्नेिसर साहेणारे, शातितएघतासगाराजंतरन्नभीणेभाहेरारे,जातमनाना जाधाशासखूएशांतिगातापित्तपाप्रलुयाउरीरे भनगाहेमा वानेअन्गासखुरापानया पाहेप्रलुनिरजवारे,यो घरिशन महारान सतुगाशांतिनाशापसनविसरोभनथडीरे,भभोराभन नेहा सखुणापजोउभ राजीयेरे राउपटनोनेहासतुणाशां निगागानेहनन् निहासतारे,वाघेलमणोपानासलुपातमजुट जिन्ननोप्रलुताएरोरेटीलये पंछितघनासलुगा शांतिनागाजा शउरेरेजापपीरे,नहीं भूतीयें निराशासखूसेवउन्नएीने मापएंरेहीलयेंतासहितासासखणा शांतिगापायग्ने देता थारे,क्षएनपीलारोवाराासलुगापासरे निघसनारे,को महोरोणपासखएपाशांतिगादाम्बुन्नएीने घणीरे,धि समां घरन्नेप्याशासएप पविण्यचीरायनोरे, मोहनव्या न्याशासगाशांतिगाणा तिा - ॥अथ श्रीऋषलाग्निस्तवन । पाशियपुरनयरसोहाभांएगे देशीऋषलनिशुंचीनतिः |सालपोपीन घ्यालागिएलापाची भुन गपीय, भोह मिथ्या - Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.o Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जिशुष्मिाभनिसाशापयासनलुलपात्या,वोल्यान्यारोप श्रीसंघहर्षभपारशासुंबाटगारोगवियोगपिरीघरिजानसबरीनसलथपूररेण प्रलुनाभेसभरतांप्रतासे,सहे संपत्तिलपरासुंरगाफाउए साग रघुगुणमागर,सागर परेंगनीरशातूंचिंतामणि पितितपूरेभेश्य पी परें धीरासुंरगानामात्मनंतलवोधितरियो,भेतूंसाहे|| नपायोरेलवसंघटथीकुंभलुणुयोन्नेतूंपित्तमांध्यायोगासुंधर शपातुंजंघवतुंभात पितातुंस्वाभीशरणमाघारापूरयपुएये में पान्यो,शिवसुजनो घतारासुंरगापशारान्यतपीधिहुंनवी माथुखाशुंभलुरूपायरेस्तुर पटपंन्सेपाहोल्ने भागुनेहपसायोग सुंघरूणापासशाध्यसससुजउ पुरितपुःजहर,लपिऊरनमा निघ्नोश्रीभोडेशेपासग्निवर,हसपुरचर भंडयोश्रीमश्यसेना नघ्न,त्रिन्गवन,नयनानंहन सुघाउरोएणिवळायत्रीलानुपरसे य, हरीयं सुहंडरोपच्या तिरा जयसभेतशिजरशिरिस्तवनाए. मासुजनोटिनणगीयाहोश्रीगिरिशानिरजीयारामेश एमालसखनिजयोलो, प्रीसमेतशिनर गिरित्नेटीया,न्निव्या पुएयमंशालूलमनाघ्निीलागीहो मननशीसभडेतवासना, प्रगट्योमानंहपूरााभागापाविषभपाहाडनीबहाडीहोनहीमा मोसंघीधएी अंमोसंयाजाशाश्रीगिरिरान्ने निरजीहोना मनहरजी जावीसत्या,भुप्रगट्योलार विशेषाभागाशाचीन रोटुंडेलज्नेहोललीन्नुगतेपीशे निपति, लेट्याघरीजहुलायप वाभषा पासळ पूल्याहो तवल्या भोपाहिरिपु,जेनीस्थलवन्द नावामानातीरथ सेवा भेगासो मुरबालेवाने घएत्तेपान्यो पूरणमान्गातीनलुवन राम्ही मुनमा सघती हाथभे, मुन्न सीयांसघतासगामानाचापासमाश भुतपूरेहोपुजयूरेशाम Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra prg Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वनी सान्नाऋषलगाानरड निगोघ्नी बेहना, भेंसही चार अनं तन्नाट निवारो नाथल, तुभे महोटा महंत निगाऋषलगाशा भरेहेचाळनो खाडलो, नालिशया मुसलाए पनि नाहरिशन पायोनुभत् सु, नान हिवस सुप्रभाएगन्नाऋषलनाआताही ताशे भुन साहेजा, हासने पार जीता शान्ग्गिाजवसर आव्यो अभतगो, तुरतडीनें बीप्यार पन्नाऋषलनानानागोर नगरना चैत्यमां, उथनमयतुन जिंज भुस्तियें लतांळवने, प्रलुतो आसंजनगाऋषलगापातुमस रिजो भुन्नेउरो, नेटसोसोल सुन्नएन्गिा अधिडोसोलन माहेरे तुम धरणारी जाए। निगाऋषलगा॥ संवत जोगएशीशे मनोहरा, पं शिवरस मोन्नशान्निाभाघवहि मेडम हिने, सइस डीपो भवताशा निगाऋषलगाजातेन विनयलना पारवी, शांतिविन्य गुरेरायानिव आतुन धरानो डिंडई, रत्नाविन्य गुण गायनाऋष लगाया जय श्री मोडेरा पार्श्वनाथ ग्निस्तवन ॥ ॥राग जाश वरी ॥ सुंदर मोहन साहेज सेवी, श्रीभोडेरा पासरे वाभानंदन नगहानंदन, डेवल उभसावासरे॥ सुंदरनाशाने मांड मगर प्रलावे मंळत सुरनर, डिन्नर सारे सेवरे । निरिह निरंन्न भए नगरंन्न, तुंग हेवनी हेवरे ॥ सुंदरणाशालूतस लोग पुरंहर सोहे, सुं हर हश अवतार रेशमोहन भूरति सांलखवाने, मानेवरए। जठार शासुंध रखाआओडिस उंडे हार मनावती, नावती परगन गेलीरे ॥ाभिनीमलु गुएा गान अंती, घरती मन पणरेसीरे ॥ सुंदरणानाखेङ मनाने तुनयि त घ्याये, नाशे दुर्गति तासरेशामनपंछित सुजसंपत्ति पानेनाभेसील विलास रेसुंदरणापालाश्य संयोगें हुतुं प्रलु पाभ्यो, त्रिभुवनभां हित अररे ॥ सुपन हेजाडी खंगी पेराहता, हिलपुर भन्जर रेशसुहरणासा संघपती पनळ सुतन्नए, घेशी मनीया जीहाररे॥ सुंदरत्रलु पासा घनिपार्छ, डीघो पुएय लंडाररे ॥ सुंदरणाशसंवत शोष सत्ताणुये वैशा Jab Educationa International For Personal and Private Use Only Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भावी पाणावलीमा परगावालगीरे समिरनेमभनायो, रिमति भरीने पाणखावोएडारणस्नेहनुहेताब्लयामेवारसीयाश्याने थायापरगाशाभंरिभाइरेरेनाच्या,गेध्येंदीसेछेलरभाज्यापरा नहोयेजननाया,मेजजाएाल्गनासाथापरणाशाचार जावोरेस्वाभी,पएं\उहीयें अंतरन्नभीए पतीन्नेरेताहारो श्योधहोतेंवाऽममारोपरगाचा नविनएयुरेनेबुंतेंतोडी नघटेतेहछोडीशनहीं इंसाथतभारो,भगो निभतिभंपारणतारो, परुगापामामालवनीरेनारी,नव लय भतभेलोविसारीपरान्नु सजातात्यांसंपरिमां,प्रलुपासें गिरनारेंपटीमांगपिलादाहरण संभरेतीघांभन भान्यातेगडीघडीपविन्यजेऽपतीचंहोने पाभ्याछे परभानंछापरगाणा ईति। - - - - जयश्रीलीडलंन्ननिस्तवन। पायोपानी देशीएसससुभंगल साधनसघाभोवधारणा रणभुधावारमापेमनियतवास,प्रेमेतेप्रएभुंप्रलुपासापा टउपुर भंडएमलुजरो,लीऽलंग्न नामेलयामजिससे नीपूरेयासाजेटमाशातीलावाघेतांनाभागभितोडसमा भाशालसेसेवनी सरसाटगाडावाटे घारें विषमेंथखें,जो हीजेईमेहनेजाभानंहलरमापेभावासराजेटगानाजन्य चाभागंगनतमपीघरसंछनगविण्यातासुरपतिसपलाते साजेटगापानीलवरराश्यानबहाथ,सेवऽनेनेरेसनाथ पुरी चपारसीनसाजेटनापणियरतनपपिउनेभोरभी हारेहाविध विषयापेवयन विलासाजेटगाजाति मथश्रीमुनिसुव्रनन्नि स्तवन ।। रजानी देशी मरमरिहंत,पटनाएगीरोभहेया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ D लियोसघाचीशभो महारागाभलुनापटपप्पेहोसुजसमे भुन्भन्य। भोमु, उपिपरिन्य उभागामारगापा तिया जथसमेतशिजरगिरिस्तवन । एवीएंग्जो वीर्छनोशुअरोरेस्सीमाएदेशी पतीरथ तीरथगुंजरोरेरसीया,तीरथलेट्यानीजीभोर सीमाल चासोने तीरथ नेटीयालयसायरतरिय लिएरीवारसीमाए जलये उरभनीजोर रसीयान्गाथालोनेगापापावन पूरय शमांरेप रसीयासभेतशिनरगिरिरान्गारसीयालापाखोगाशनउरतां महनारोएरसीयासीले सघलान्गारसीयालायालोगाशापार गपहलिहांबद्याशारसीयाल्गनायग्निवीशाारसीयाला पालोगाजा भुनियर भुस्तिवत्याराारसीयाव्ययानिन्शुए परसीयालाथासोनागावीशशिजरजंघोहरागारसीयारामंडप तोरणथंलारसीयालापाखोगानुशतावन्डानिहांगारसीया। जीतेह जयंलारसीयालापासोनानाराग्नगरभारंगधीशा |सीयाथापनाथापीयंगारसीयालाचालोगामटारहमोगए शाइवर शरसीयाजघिघिीछरंगारसीयालाया भागशिरशुहिंसातमहिनेगारसीयाशुश्वारें मतीथंगारसी लाथासोनाघीप्रतिशप्रेभथीशारसीयायिडतेहरजतुरंगा सीयालाथायोगाग्नित्तमपटपमनीगारसीयासेघना उरे नेहारसीयालाचासोनापविल्यउहे तेसहेशारसीया मातमगुणगेहारसीयालायालोगामाता AAICHIV--- - जथश्रीनेभग्निस्तवन ।। श्रावएरावरसे रेस्वाभीमेशीपर जपणारीरेवाद हो रहीशिवाऽचीनालाबारामएयुवाहापासन्न भषीया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २४ ) उरो महाराज, डिंडर लीगलज्तवत्सप लगवंत, गाडीनेंशसेव उने सुजान, हरिशन हीनें रेशा शात्रा लुवनभांतेल, ताहारं सहियेंरे तरए। तारएग निहान, प्रलुल उहीयेंरेशाध्य ज्भलभांध्यान, प्रलु धनुं परीयेरे गलवोलव संचित पाप, क्षएामांइरिये शाशारान्यही भांशय, याध्ववंशीरे॥सुजभित्र पद्मावती नार, गीत्तभहंसीरेशानी दुजें अवतार, प्रलुनी जाज्यरे ॥ मुनिसुव्रत मनोहार, नाम सोहाव्योरे आवीश धनुष तनु मान, पलुनी गयारे ॥ दुर्भछन सार, प्रएाभेपा यारे॥ावर्षत्रीश हुन्नर, ग्नायु पाल्युंरेशन्नभ भरएानुं दुःज, सर्वेटास्युं रेनामातरभां मनरंग, प्रलुलवसिया रेशा नित्यसेवो नरनार, प्रलु गुए। रसिया रे ॥धन्य धन्य भातरश्राम, महान्न सुजीयारे॥प्रलुथीने रहे दूर, तेलहुँ दुःजीयारे॥चाश्राव सर्व जहुसंघ, जेटङ पुरनुरेन् त्रायें ग्खाग्यो तेहु, जाहेस सही गुईनोरे ॥शशी वसु जाएालुवन्न, श्रा वाभासेंरे । शुहि सातमहिन संघ, नाच्यो आसेरे॥शान्तन्मत्रानो योग, तेहिनडीघोरे॥प्रतिष्टानो पाल, जष्टमीयें पीधीरे रंगमंडपभांरंग, जोच्छव थायरे ॥ नृत्य हरे नरनार, मेलुगुए। गाय शास भक्ति घरसो भन्न, तो प्रलुं भससेरेगसाज थोराशी जाएा, रेशटलसे शामान खपिज्जानंघ, प्रलुल भलियारे ॥ भातरभां मनरंग, मनो रथ इलियारे ॥टीघ्यरत्न जीवाय, पाटें बहियेंरे गणित्तभनैन रतब्न, ग्नधिम्म उहियेंरे ।जिभा रत्न गुरै राय, तास पसायेंशाशन्य तन हिनरात, प्रलुगुएा गायरेशा र्धिता ॥ अथ श्रीषलग्निस्तवन॥ लूंज जडाना देशीमांग्जाहिसर न्गहीसरे रे, जपधारोज रिहंतारानेसर साहिजा भनोहर साहेजा रसायो भनभेतुं भल्युंरे, प सउन छोडुं पासा रागात दुहुथ्यो पएाजीने नहींरे, प्रलुतुमछेगिन रिभहुतारानेगातोन्यायें सहुडी उहेरे, जंतेशुं जरिहंतारानैनार For Personal and Private Use Only Jain Educationa International www.jainelibrary.com Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २४८ ) नयन ग्जनंत प्रलुताहरांरे, अविगत जेस जनताराने नाज्ञानी अंध छानी नहींरे, 'जलिमानी हिभवंताराने नाशाला पन्नएयुं हुतुरं जही भरेहेवी भात ॥ रानेगा हेन्ने समडेत वासनारे, शो रातें जेडचा तराने गाना दुर्बल लेट सुसल सहीरे, लभत लभत संसारााराने मोहन उहे उवि रूपनोरे, न्नितुं प्राएायाधाशासनाचा ति ॥अथ श्रीशंजेश्वर पार्श्वग्निस्तवन । ॥तुं त्रिभुवनभांहीयो घरभन्नितुं त्रिभुवनभां हीवो॥ग्ने देशी शंजेश्वर पास निग्नचंधे, लविन्न शंजेश्वर पासन्निधे ॥सूरत मंडनदुरित विहुंडन, ग्खेहसाहेज सिर निहोपालविनाशानश्वसेन लगगन हिएायर, वाभाडुजें उन हो । लविणानीस उभलहसनवन उरडाया, सेवत पंछन प्रिंधे।ालविगाशा प्रलुभुज हीडें तिरियगति छेट्टी, पट पायो घरशिंहो॥ालविगान्नि पडिमा न्निवरसभ लावत, पावत परभानंहो।लविनाआन शुध्य पून विट्ठल्पने छांडे, प्रणय्योस मरस उंघालविणाशुध्यस्वरूपी सहेलनंही, घ्यावोजसंगम घे लविणाचा संगत जठार छेंतासै माघव, सीत घ्शभी ग्निवंद्योपलवि पंडित श्रीवीरचंद्र पाथी, भलुम्भंह दुःज छंयोलविणाया। ।। अथ श्री पार्श्वग्निस्तवन । छेडोनांलाओ देशी॥घ्यान घरी प्रलु पहेले दिवसें, लुगतें अबीरसगडीघो॥भुतिवधू भछरासी नारी, परएावा उंडीही घोशा ताडे तोडी छे दुःजभासा हांरेवनन्नर्ध रह्या नन्गीशान्जाडेलेडीके रंगभास॥जे मांडणी ॥ जेणें नवसरें उमहासुरनायो, पूर्वचैरन गाव्यो।। ड्ड उपट छल कृत्रिभन्नेडी, निन सेना सर्ध श्राव्यो।तडाडेगा। ीित्तर हिशिथी जीब्नही हीसे, घोरघटा घन असी ॥ नागें चाय चायन तिलीभ, भेघें मेघछटयवासी तडागाआ जहुडीपाय उश्या भेघभाली, - Jaiducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.old Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २४१ ) Վ. झोल न पाम्या स्वामी ॥ धरणीधर नज सार्घ भल्योतज, नीथनभ्यो शिरनाभी । तडागाना भूशल धार मेहपडे तिभ, तडत तडाङेलारी भएाशुप्ति मलुननरें भागल, उतम्भर घर जारी ॥ तडागक्षमा उवन्यस्वामी तव पस्यो, प्यान जड्ग १२ आयो । शील शीसे घर अँटे हीना, महासुर महघाल्यो।तडाडेनाखासुर भसीने जति खोछवहिनो, प्रलुग्ाणस सुरतातापास प्रलुडेरागुएागातां, मान्गभांन्स प्यातातडागा जाश्री विन्यरत्न सूरितस शिष्यो, वाभानंदन गावे ॥ नीति विनयम लुपास पसायें, नवनिधिऋपि सिध्धि पावे। तडागाना ॥ अथ श्री पार्श्वनि स्तवन ॥ रायन्त अमें तो हिंदुवाएगीडे राय गरासीयारे सो। जे देशी॥ पलुल भांडस णाम भन्नर, नभो लविलावरेसी ॥ लुल श्रीगाइसि जो पास, निनेसर गायशुंरेसो॥ प्रलुळ भूल अभनानंत, उच्चानिएो माहनारेली। प्रलुळलेही जीत्तर पयडी अठ्ठावन, सयनी गांठनारे लोग लुम्छ तेहथी प्रगरी जाड, गुएानी ज्यापनारे सो प्रलुल हंसएण नाए। अनंत, अनंत सुन व्यापनारेसो ॥ प्रलुल जायिङ चारित्रशुष्य अजय जÎपी परे खो॥ प्रलुल मगुई लघु अनंत, नम्रएाचीर्यताघरे सोशामलुल सिध्ध तथा शुड़ा मेह, सह्या तुभेध्यानथी रेसो प्रलुल जसंज्य प्रदेशीळवरह्यातुभेग्यानथी रे सोलुलव राहिङगुएावीश, जप्या तेहथी ययारे सो।। प्रलुल जनाारजवेह, असंग ग्जमूरति सयारे हो |आमलुल घाती जघाती जाऊ, जप्यागुए गएाथी रे सो॥ प्रलुक सही अनंताचार, रह्या असमानथी रेसोलु ल तुमची सेवऽग्नेछु, रह्यो संसारमारेली ॥ प्रलुक तेहने तारी नहीं डेभ उहो भुन वासभारेलो॥नापलुल तरसुं खापेशाप, पीपाधान निष्यथीरे सोमलुल पए।उद्देषुतुमने ते प्रेम, निमित्त विशुध्यथीरेषीमलुल - मरए। विएान होवे अन, उहे प्रेम डेवसी रेसो । मलुल पुष्टासंजन ध्यान Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 240 ) घरे, लावावसी रेसो घामलुल श्री गाडसीखो पास, नपुंहिनरातडीरे सोमलुल तलयें दूर विषय पर बातडीरे सो॥ प्रलुल श्रीवीर चंदनी शिष्य, मसुङगुएा गार्धयेंरे सो॥मलुक हवा तुझ्शी हेजी, सासुज पार्धयेंरे लो। ऐति श्री भांडलपुर मंडए। श्रीगाडलीया पार्श्वनाथस्त ।। जय श्री अष्टमीनुं स्तवन ॥ ।। तुने गोडुस जोसावे अन गोविंद्यगोरीरे ॥ ने देशी श्रीराम गृही शुलडाम, जधिङ हिवाळे रे । वियरंतांचीरनिएछ, जतीशय छाटेरे ॥ योगीश ने पांत्रीश, वाएगी शुए। सावेरेशा पाडीघारया वधामणीब्नय, श्रेणी नावे रेशमातिहां योशठ सुरपति जावीने, त्रिगडूं जनावेरे ॥ तेमां जेसीने जीपदेश, प्रलुन सुखावेरेशा रनर ने तिर्यय, नित निग्लाधारे ॥तिहांसमलने लव तीर, पामे सुजजा सारेशाशानिहां घेरलूति गएाधार, श्रीगुई चीरनेरे ॥ पूछे अष्टमीनो महीमाय, उड़ी प्रलुग्भमनेरे ॥ तव लाजे वीर निएछ, सुशोसहुप्राएगी शाखाम्म हिन न्निनां उल्याएा, पैशे पित्त जाएगी रे ||आ ॥ दास जी ॥ वासालनी वाटडी जमें लेतांरेश ने देशी ॥ श्रीऋषलनुं न्मम्स्याएारे, वसी चारित्र सयुं लते वानरे॥भीन्न संलव निखाए भविन्म अष्टमी तिथि सेवोरे ॥ जेछे शिवबधूनारीनो मेवोपालवि ॥श्वष्टनाशाश्रीश्जन्ति सुभति न्निनन्भ्यारे, अलिनंहन शिरपट पा भ्यारे, निन सातमां शिवपराभ्यापालविनाशावीशभांन्निसुव्रतस्वाभीरे, तेहनो जन्म भोक्ष गुएाधामीरे, मेडवीशमा शिव विसराभी एलविनाआपारसन्निभोक्ष महंतारे, त्याहिङ न्निगुएावंतारे, ड स्याएगा मोक्ष महंता । लविनानाश्रीवीरनिएांनी वाएगीरे, निसुशी सभन्यालविप्राणीरे, नाग्म हिन अति गुएरा जाएगी पालविनाचा नाउर्मते दूर पसायरे, जेथी जडसिध्धि सड जुध्धिथायरे, तेङार Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५१ ) एसीयोपित्तसायालविनादाश्रीणध्यसागरसूरिरायारे,सुरत || शिष्य विवेध्यायारे,तसन्यायसागर न्यथायाालविनाजाति ॥ जयश्रीजादिग्नि विनति ।। राजेउरब्बेडीतामशालाचीनवेगानेशी मंगलजेसि निवासरे,मंगलपछीनोनिभयसुरासुरनरवरमगामतिशयगु एभणीघाभज्ञानसानिधिातूंसर्वज्ञशियंऽश्मशानालिन रिहमताररे,शत्रुग्यघएीपतुशुपायुरावामनभावीतरागवर नागरे,मुग्धपणाथठालोलावीनकुंभशातूं चिनुचनमान घाररे,सोपालएीरामवतरिमोनवनीतलेंमागसनेलवन लयरोगरे, वैयशिरोभएीमसिनोभुसुटतजसेंमोआरिमन जाल निभानरे,तातने मागतान्नऐतोहेपपाउहेमातिभ पालभन्नएरेतुमभागलहुँ।त्यांउरमतुंसविलहेमोगा में| नवीडीपुंघनरेशीयपनपापिणालावसहित तपनवियुंने पशेटलभिगोवरे,सामग्रीसहीनरलवप्रभुजनलवतस्यो मापाकोघन्नेघनिरजोधरे,मल्योनवीरहामान भत्तंगगरम पनडेनभायाायणपुष्टरे,गणीनवीरहलोलपिशापोडे पा योनागाभिमाबुतुभपासरे,डुपरवस पडयोतेछोडावोन्ग एमासुटतनी चरे, मानव परलगायीसुजसंपाएगी माशाभुगमनमतिहिउठीररे पाहाण प्रलगतुन्वयनामृतसी थीगोमतोहीनपलसुंस्वामीरे,भानंरसलस्योगमपिरतिम सच्छेजेपीगोमटानवजनंतलमंतरे,जोघिरयएखादुखी लभेप्रलुने उहीनाते निगभिमोनाथरे, निंप्रभाध्यापुर्विधपर निषिभिरहेमोकापरवयने वैरागरे, तेए हुंचंगीनोगधर्मस्था निजगीमोगाविद्यावानिमित्तरेचसमेंप्रलुहाथेमघता रिसीपीमोमणामहोनिश परोपरे, निर भुजेलांजीयानि Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra Jorg Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५२ ) नवगुएाजकु जोसव्या ओवांछी परनी हाएारे, निन डब्नतियती आपटेंन जहुलोसने ॥१॥ परनारीशुं लोगरे, में घ्यायामल तंदुसमछ परे जहुने॥मुधा बिरंज्यो हेहरे, डाम हसाचसेंगते मतुन जाणस उहुंजेश्शामहा मंत्रनवाररे, तेभेनचिगएयामु छित मंत्राछि लएयाग्ने॥खागम अमृत पानरे, ते में नवीङयुगाप रतंत्रे सुकृत हुएयांग्ने॥पआप्रत्यक्ष परम निधानरे, न्ग सहुयेन्दुवे भूढमतिभेते तन्योग्ने॥मांस यसाहिविद्वाररे, रमएगी तासची ॥। हृदयांतरभांते लन्योग्ने॥पनानारी नयन विसोरे, हेजीतसभु जरंगाएं मनखेहशुंभे ॥ नागभन्सधि भोन्नररे, घोयुंनविजयुं उही प्रलु ते डारए। डिशुजें ॥१॥ प नहीं भुन रागरे, गुएा पातेह वोडो उसाते हवी नहीं मिलता नहीं पए। स्वाभीरे, महारेतेहवी तो पड़ा भुन सड़तें सही मे ॥१॥ नायुगसें पए। स्वामीरे, दुरमति नवि गले॥वर्धणयुं तृष्णा नवीगर्धोपीद्यम जौषध अन्रे, धर्म तएगी नहीं। मोह विरंजन भुन थर्ध मे। १ जानहीं जातम नहीं पुएय रे, पापने लयनहीं|नेहवं नास्ति। मन थुएयुंखे ॥ परगट डेवलसूर रे, नगमांहीपतो॥धिग मुन निन भत नवगुए से || पामें नवी डी पुएयरे, पात्रन पोषीजी ॥दुविध धरम पए। परि हरखोग्ने सही मानव लव स्वाभिरे, सघतो भूरारान विसाप सभी उखोजे ॥चिंताम शिसुर धेनुरे, सुरतरे भूरनें। अछतापए में ग्नलिसज्याने प्रत्यक्ष इस निजधर्मरे, तेमें नवी उश्यां॥ग्निभृत तक शडलज्याने व्य यिति सुरनीसीसारे, डीलन शेगनी नहीं।घन चिंता नहीं निधननी जोध्यायी में प्रलु नित्यरे, चिंति पापीयें ॥नारी जारी नरम्नीओ श्शान रह्यो साधुखाधाररे, मनमां माहरे ॥ पर पीपगार न में उखो जेन उश्योतीर्थ गप्याररे, नरलव में सही।हारयो शेडट लव इन यो रे ॥श्शागुर वधन वैराग्यरे, नाच्यो भुन वसी ॥डीपशम दु नवयनथीजे ॥ निभ अध्यातम सेसरे, नाव्यो लवन्सें ॥ङहो डेभउ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५७ । रघु शुलथडीलारुपसुटतनीस्वामीरे,भेपूरचलगने प्रस्नु सबै उसए परशुनहींवपीतेहरे माणाभिडलवत्रएलवजोयानि रराभवामथवाडुभति मूढरे,तुल मागवरहीनघरे मुन्हे बुथुनातूंनऐसवी वरे, परिचन्तनातीभेऽबुंथुएडि मामाधीनस्याउरोवरे,मुन्सभ नहींटीन ध्याउरतेवतीमे पजोपजीन्तुभपासरेभाjjीयोन्यायसागरहेगघएीमे | पाउतशाशचंन्यस्वामी भुस्तिगाभी,शीशनामीणुएलएयोपन रचनामित परणारामित अमजभित पूरणोपनपगछपंडितगुराम जिंडित,श्रीत्तभसागरशुश्वातसशिष्यन्पे पापपेनाभल्पतार यन्यऽ परशापति श्रीशजुन्यभंडराऋषलवचिननिस्तनसंपूर्ण ॥ जयश्रीवीर विन्यल त भहावीरस्वाभीना सत्ताचीशलव स्तवन प्रारमः । घेहाश्रीशुलविल्य सुरीनभी,नभीपमावतिभायाम वसत्तावीशचरणबु,सुएतासभडितथायाशासभडितपाभेलवने, लवगएतायेंणयायानेचपीसंसारेलमें,तोपएभुतेंन्याशाची, रग्नेिश्वर साहेजोलभीयोअरमनंतापरासभडित पान्यापी तेथयोमरिता ___ ढालपहेली।उपूरहोयेजतिणन्सोरेगमेशी।पहेलेला नेडणामनोरे रायना नयसाराष्टसेवामटवीगयोरे,लोन्न येताथायशाप्राएपरियेसभडितरंगा निभपाभीयेसुजमलंग शापागाधरियावानेमांडपीएमनयिते भहिमानीखोरे,भाषेत पिसी डोणानि लोग्नई रे, तोयंछित खहोयराापाणीगाशण भारणी भुनिपरारे,चोपयोगापूजेभलटोहरे,मुनि उहेसाथ वियोगशपाएगीगाहरजलरेंतेडीगयोरे,पडिसाल्याभु। निरान्गालोग्नम्मीउहेपालीयेंरे,साथलेलाउमाशाप्राणीगाना Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary/ Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५४ ) पगवटीयें लेसाङश्यारे, उहे मुनि व्यग्ने भाणसिंसारे लूसालमोरे, लाव भारण व्जपवर्णरेप्राणीणाचा हेव गुरे जोस जावीयारे, हीघो गि घिनवडाशपछिभ माहाविदेहमांरे, पाभ्यासभक्तिसाररे ॥ पाएगी साशुलघ्याने भरी सुर हुजरे, पहेसासर्गभनशापत्योपभा युधवीरे, लरत घरें अवताररे ॥प्राणी गाणानामें भरी थी योवनेरेस यम सीखे प्रलुपास दुष्कर परए। सही थयोरे, त्रिदंडी शुलवासरे ढास जीला विवाहसानी देशी ।। नवो बेसरथै तेएणीवेला, वि पेरेजाहेसर लेसन्स थोडे स्नान विशेष, पण पावडी लगवे पेशा शाघरे त्रिदंड साडी महोटी, शिर मूंडएराने घरे थोटी ।वसी छत्रविले पन अंगें, यूसथी व्रत धरतो रंगें।ाशासोनानी ननोर्ध राजे॥ सहुने मु निभारग लाजे॥सभोसरएो पूछे नरेस, अर्घ भागे होसे निनेसाआ निरंपे लरतने ताम, तुन पुत्र भरीथी नाभागवीर नाभे यसे निछे ला, खांलयतें वासुदेव पहेला राजा चक्रवर्त्ति विधेहें थासे, सुगीजाव्यानरत डील्लासें । भरी थीने प्रदक्षिणा घेता, नमी वंहीने खेभउहे तापातमे पुन्यार्धवंत गवासो, हरियकी परम न्नियासोपानविवं दुं त्रिदंडी वेस, नभुं लम्तियें वीर निनेस |शामेभस्तवनाउरी घेर नवे, मरीचि मन हुर्षन भावे ॥ भहारे भए। पृथ्वीनी छाप, घान्नियकी जापााणान्नभे वासुदेव पुरथर्धशुं, कुस जीत्तम महारं उगाना कुसमहशुलराणी, नीय गोत्रतिहां जंघाए ॥ जेहिनतनु रोगें व्यापे, अर्ध साधु पाएगी नग्नापे॥ त्यारे बंधे थैलो भेड़, तव भलि जो उपिस जविवे आहेशना सुट्टी हीक्षा वासे, उहे भरीधितीग्जो मुनि पांसेशन पुत्रहेतुभपासें, पेशं नमें घीक्षा जस्सास पिणा महरशने घरमनो वेभ, सुखी चिंते मरीचि खेभा भुन योग्य भस्यो श्मे थैलो, भूख उडवे उडवी येसो ॥१॥ मरीचि उद्दे धर्म ीलयमां, सीये दीक्षा यौवन वयमां॥ग्नेएगें क्यने बध्योसंसार, नेत्रीलेऽह्यो भवता शापशासाजयोरासी पूरव खाय, पासी पंचमें सर्ग सघायादृशसा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५५ ) गरन्लवित त्यांहि, शुलवीर सहा सुज मांहि ॥१३॥ ॥ति॥रा ढासत्रीलायोपार्धनी देशी । पथिमे लवें डोल्सागनीबेस, वि षयासक्ति ज्ञाह्मएाचेसााग्जेंशी साज पूरखग्ननुसरी, त्रिदंडी जाने चे शें मरी॥षा अस जहु लमीयो संसार, युएणापुरी छढो जवतांराज होतेर लाज पूरवने श्याय, वित्र त्रिदंडी वेश घरायाशासौधर्मे मध्य स्थितियें थयो, ग्नाहमे चैत्य निवेशें गयो।ग्जग्निद्योत दिन त्रिदंडी जो पूर्वजायु सजसाठे भूग्जो ॥आभध्य स्थितियें सुर सर्ग घेशान, घ्शमे मंहिरपुर द्विनडाए । लाज छपन्न पूरवापुरी, अग्निलूति त्रिघ्डीङ भरी। नात्रीने सरणमध्यायु घरी, जारमें लवस्वेतंजी पूरीपूरवसाज सुभासीशनाय, लारद्दिन त्रिदंडी यायाचा तेरभे शीथेस गैरमी, डास घएगो संसारे लभी ॥ विषी हमे लव रानगृहीन्नय, धोत्री शसाज पूखने जायायावर विम त्रिहंडीथयो, पांयमेस्वर्गभ रीने गयो।शोसमें लव डोड वरस सभाय, रानकुभर विश्वलूतियाय जासंभूति मुनि पासें जएगार, दुर तप उरीवरस हुन्नाभास जभएा पारएा घरी घ्या, मथुरामांगो परीये गया। गाये हुएयामुनि पडिया घस्या, वैशाज नंही पितरीया हस्या ॥ णी श्रृंगे भुनिगर्वेऽ री, गया पीछानी घरती घरी जातप जसथी होन्ने जल घएगी, उरी नीयाएर मुनि जएएसएगी ॥सत्तर में महाशुकें सुरा, श्रीशुलवीर स त्तरसागरापणार्धति ढास पोथी नही यमुनाडे तीर डीडे होय पंजीयां ॥ जेहेन शीताञ्जढारमे लवें सात, सुपन सूथित सती॥पोतन पुरीयें अन्नपति राशी भृगावतीतस सुत नामे त्रिपृष्ट, वासुदेव नीपनापिाप घड रीसातमी, नरहें पीपना ॥१॥वीशमें लवधर्छ सिंह, योथी नरडें गया तिहांथी न्यवी संसारे, लव जहुसा थया । जावीशमे नरलय सही, पुएय घ्शा वरयात्रेवीशभे राज्यध्यानी, भूडीये संयस्या शाराय घनंन्य धारएणी, राएगीयें नग्नभिया । लाज योरासी पूरव जायुवि Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra.org Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५९ ) यापीयभित्रनामें पक्रवर्तितीक्षासही,डोडीवरसगारित्रहिसा पालीसही लाभदाशुक्रेथवेव,रोलरतेंचवीपछत्रिनगरी गितशत्रुरान्वीलचभायलजपएपीश,चरसथितीघरीणानंघ ननाभेपुटीक्षामायानामगीनारसाजनेशी,इन्नर छ सेंचसीजीपर पीस्तातीश नघिउ पणुहिन रखीचीशस्थान भासजभणे नवलवसाघतांतीर्थरनामउ तिहां निहायता पाताजवरसदीक्षापर्यायतेंपावताछच्चीश लवाएत में ध्वतासागरवीशनुलपित,सुजनरलोगवत्रिीशुलवीर ग्नेिश्वर,लवसुगन्नेहरा । | ढालपांयभीगन्शभाइलयाख्या चाउरीरामेशीन यर भाइपराइंडभांबसेरे भहारिध्धि ऋषलत्तनाभाडेचानंघाहिन श्राविमरे,पेटलीघोपनुविसराभशापेटलीघोप्रलु विसराभापा ज्याशी विसनेअंतरेरेसुरहरणीगभेषीमायापसिध्यारथरान्नप रिरे, विशाखापुजेण्डायरेशविनाशानवभासांतर ग्नभियारे,ध्वः वियेंसोध्छवीपापरणीयशोहायौवनेरे, नाभे महावीर प्रसिन ध्यानागाजासंसारखीखालोगवीरे,त्रीशवर्षे पक्षापीघय जारवरसें हुमाडेचतीरे,शिववहुतिलशिर टीघरे शिवगप एगासंघपतुर्विधयापीयोरे, देवानंहाऋषलत्तप्याराासंयमी शिवमोऽस्यारे,लप्ति सूत्रनधिधारशालस्तिनापागोत्रीशम तिशयशोलतारेसा चणसहसभएगाशात्रीशसहसते साघवीरे,जीन्ने ध्वनी परिवारवाजीन्गादात्रीशवर्षप्रलुठेच पीरे,गाभनगरतेपावनीघाजहोंतेश्वरसनुगाणगँरे, टीपा सीय शिवपापीघरेणीवानाशामधलघुभवणाएनेरेडीयो साहिजनंत निवासामोहरायभटस भूसशुंरेतन मन सुजनोह यनासशातनगाटयातुभसुजनेप्ररानुरेनविभावे सोडाउाशप नोमभने सुप्जीयाउरोरे,जमेंघीये तुभारीशराम गाळप For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Ja Educationa International Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५७ जजयजन्ननोनाथनोरे, धीठोगुपिशवालयलाणीसाहेमा रे,नविनलये मतिनोलेसगानपिनापगाभीहोगनोलेआसरोरे, तेथी पाभीयेंषीस विलासपस्यलावशत्रुहगीरे,शुलवीरसघास जिवासरेशुलनामा सशास्रोगएीशमेऽवरसछेडे,पूर्णिमाप्रावणुरो मेंथुएयोलायविश्वनायड,चर्यभानग्नेिश्वशासिंगरंगतरंग उछले,सविल्यसभताघरोशुलविन्यपंडित पररासेयवीया विन्योन्याशा तिर ॥ जयश्रीनेभनाथलनोनवरसोप्रारंलः ए. __पढातपहेली॥गरजानी देशीमासमुहविल्यउपयंसो एशामलीयाछाशिवाटेची भातभलाशावरपातलीयालयामेऽधि नरभवानीसख्याशापामाच्यामायुधशालामाकपाशारंग धनुष पढापियोपशानातेऐडोल्यामागशे धावणायक्रोपाडी) ने शेव्युपशानागपतीघीउरभाहाबणाशानेभेशंजयनडीयो एशनातेएडोल्यामहीनाभेशावनाशेषनाग तिहांशल शस्याए शागाजपलसीयासायरसगावगाडागिरिवरटुंजुरीपड्या एशानाथरहर पेसोडावनाओवैरीपनोशागाभरता दृष्या विचारााकनानाभाच्यातिहांगतावाशागान्हिांछेने भभाशाचगापयंरंगे भष्याशिनाताहारजसनेवानीजंता - पढासषीलामृष्ण उरसंबावीयोपहसीजोसोलातुभेवा सोनेभभाशानंतरजोलोलाउभखनासपेरेंचापीयोसीगा क्षएनवीसाणीवाशानंतगाने उरसंजावीयो।इसीगाहणे नवीराख्योन्नयामंताशाहा पृष्ण हिंगोलीयासीगानिहां हरिभनजोथायागंतगानारीले परपावीय हसीगातोजसा मोर थायाअंतकालाविवाहनेभ भनाववासीगासन्य Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २५८ ) थानोसपतीनाशाअंतगारपत्यरंगे भल्याइसीनाताहार | मतुती जपमरिहंतराजंतनात पढासत्रीलाराघालनेभिएगाभोरागिरघारीसत्यला) भानजुपतिनाशामुडुटपरहुंचारीविती सिएशारियाभोराग गोपीभतीजवीश इन्नरामुटगावाविवाहमानोनेमलाचर| भोरालाभने उश्वानाजोडाभेगुएतोरालानारी विनानो जांगण्टेचरमानेभलपोधानानेगुएनाशानारीन्ने घर भांवसावरगातो पाने परोपोभानागुणगानारी विनानय हाली दिसावरगावषीवांदाडेहेसे लोमानेगुएगाशाणेर वाहनडीलियाटेवरगातमे भरोतागोताएामेगुएनापथ रंगेमप्याटेचरगाहवेत्तरमापेनेभागुरागाचा पढासयोथीनेभहेतमेसाललगामोरीलालीलामेछ श्योउमाविकाशाभंगतपाभीलानारी भोरे पडयामोरीगाते रहपडियागतियाशा गापारावरासरिजोरोतव्योभोरीगारेख प्रणयोसीतानाशा गानारी विषनी पसीमोरीगामायानी मोन ॥हनवेला गाशाछपन्नरोडमध्य भिष्याभोरीमाभउहेतेया रोचाराभेगापयंरंभल्याभोरीगानेभनहीं परो निरघा राभेगा पढास पायभीमवाजोखनजोतीयावर रानालात में परगोनेभभाराभरो वानलामेचीशतीर्थ रथया वरनातेतोसः परएयानाशिाभउरोगापानारीजाएरतनतएीण वरुपातेनुंभूषउऐनविपायाभडशेगानारीभाहेथीनरनीपनाय वरणातुभसरिजाश्रीलगवानाभोगाशानेमनजोसे मुजथा शवरनामांडयोचीवानोभंडाएभरोगाणग्रसेनघरजेटडीप वरनातेनाभेरान्नुसनाशाभउरोगाशाषीघोलणनीतावलीच रूपानाप्यांतीसाश्रीसहाथाभउरोगानभएखाडुलापसीप Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५८ ) चरणायसीसेवईयो सारााभरोगाचामाछीखेतीपातलीपच रगावलीभाहे घेवरनोलागाभोगाजारी पूरीने हीथरावरगा रसी जान्नने मगहलामरोगापासाजणुसारेसभीएवरगाभा मोतीयूरनोस्वाहाभरोजारांध्यो उभोनोगावरगामाहेभस् रनी हावासजसहीवानलाराजारेजन्नुरनेटोपावरगाव ती चारोतीने राजासजसनासपिंगसोपारीसपी वरनावली पाननाजीडांन्याशासजसमाशासम्बनमुटुंबसंतोषीयावर जहुडीची पेराभएीसाशासजसनाननध्यावयढ्यावरण चली पाजरीयाणासजसगाटाहाथीरथ सगुगारीमावरगा वसीडेशरीयामसवाशासनसनामन्नेवानेमापियावरगान शएगी गावेगीतासजलनाकातोरणमाव्यानेभळावरणातेने निरजेराल्लुसनारसजसमापयंतरंगेंभष्यावरगाओन्ने चासरजीन्ननाराजसमापना ____ ढापछट्टपासजीऊहेचरशामलोधीसेलगाते निराजे रान्नुतनारायडुंहीसेलाशपागयवर हाथीयाहीना चपीसो भेषभलाशायधुनापालीजंन्नमांजडीएने| हीसेलातेनुं भूतो नपिथायाइयडुंगामी उस्तूरी उही मेटीसेलागलाष्णागडेशाध्यकुंगाशारूपरंगमस्या एटीसेलासजीशामतीयोलरताराहयडुंगाना ___ ढालसातभी पशुभ पोरसुएीउरीपशुध्यतीघीलावि थारे श्रीचीतरागातेग घ्याीपीलान्ने परएंतोपशुभाशुध्धव एभूटी भनुपान्नलागतेणेंशाभन्नएीरथपाषीयोएशुध्या पावतां धीनध्यातातेऐनापशुजघनसर्वतोडीयाराशुध्यता तेसहुण्यावन माहातेऐगाशापहरंगे भट्याशुध्यनाप्रल घु वस्सी घनातेऐगाया पढासमा भीतरालमति घरगीढत्यांभोरापाहातालप - - W Oh Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २९० जवणुए विए निानाथाहायनलख्योलाजांगएमापी पाण वल्याभोरानाक्षत्रीउखभालगावीलान्गाहाथापातमेपशुतन पीपाजीराभोराणातभनेभाएसनी नहीं मेरााहायनामाइलव थयांमेऽपराभोरानाडीघातुभरंगरोलाहानाशानवभेलवेत भेनेभळाभोरागामुग्ने मेसीनमोराहायगाभारीजाशाजंबर विडीमोरानातभेमणपाडीत हाथगाउआभाउसंऽयटा वियांभोरागानाज्यांमएटीडांभालाहाथगामें पंजीपाल्यापांग राभोरागावसीपसमांनाणीन्नलहाथगाच्या साघुने संतापीया भोरागाभाय विछोडयाजालाहायनामेंडीशरीघाडीमापभो राणावती भरभनाजोताहायनापानगरपाएगीभेलस्याभो राणा गुस्ने सीपीगालाहायगाभेउडएमडीघाइभोरागाते सावीसागापापाहायगाहाभ उरतारान्नुसमापियाभोराणा पीने भीसरनीपासाहायनाडूपरंगेंभल्याभोरागारान्नुतलियोस यमलार हाथगाणा । ढासनवमीश्रीनेभराब्लमती ऊसाहेसडीयांपय|| दिया श्रीगिरनाराग्निगुएसडीयांपूंडेथीरान्नुसमावियांसार एसंग्भवंतीराल्भान्निगावानजारानुसजेम्सीयसान एगिरनार परशुशमाहान्निगाबारें मतांच(थयो|सागाली न्मगांरान्नुलनांभीरराग्निनाशाशमांशडच्यांसागाषाणु तेयुनीसाग्निगामतिसुभाष सोहाभ|रासालारागीरालभान तीनुशरीरााग्निगाडारहनेभीतपश्याउगासागाजीरालभती|| नीथोवेधीशानिननामगरथ तेजोसीमोसागालालीभारोम नजीसान्निगामानेभगयोतोलखंथयुगसालानापणेउर। लोगविलासाग्निनाणित्तमसनो डीपनोसागातुंजोत विधान रीजोखाग्निगापासंयभरलनेहारीयासागरावसीडीपीव्रतनी घाताग्निगारहनेभितवणोसियोएसागामातारालभतिजीगार - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२६१) निगाशाने मीसर उने मोडल्या | सागारी सीधो संयभलाशानि नेमशब्लुख डेवल सर्छ । साना पोहोता मुक्ति मोन्नशान्निगाणापी श्री पेहेसां भुङतें गयां ॥सानाशलभती नेएगी वासान्निगा उपयहरंगें भस्थाासागा प्रलुपीतारो लवपाशान्निगाला ति ॥ जय श्री महावीर स्वाभिना सत्तावीस लवनुं ॥ ॥ स्तवन प्रारलः ॥ नोहा । विभव उभसहल सोयगां, हीसेवहन प्रसन्नानाहर जाणिवीर निन, वांही उरं स्तवन्न शाश्रीशुई तो पसाठीसें, स्तवसुं चीर निघालय सत्तावीसवरएायुं, सुएान्ने सहुजाएं घाशासालल तां सुज बीपने, समस्ति निरभल होया उरता दिननी शंकुथा, ससहि हाडो सोय आ ढाल पहेली ॥ देशी ढासनी ॥ महाविधेड़ पश्चिमन्नयुं, नयसारना मेंबजाएंगानयरतएगो छेमेरागो, नटवीजयोसपराएगो शान्भवावे साग्ने नगी, लगति रसवंति आएगी ॥ ह्त्तनी वासना यावी, तपसी ब्लूवे ते लावी राशाभारण लूल्याते हेव, भुनी घ्याव्यातत जेवनहार हीयो पाय साणी, ऋषीनी लुष तृषासवि लागी ॥आ धरमसुएयोभनरंगे, समडेत पाम्योखे धंगे ॥ऋषीने यासंतान्नएगी, हीथडे बीसर आएगी नाभारण हेजाड्यो चहेती, पाछीवसी जो खेभ हेतो ॥पहले लवें घ रभन पायें, अंते हेव शुरैने घ्यावें ॥चापंच परमेष्टीनो घ्यान, सौधर्म पाभ्यो वैमान ॥ नाडीषु जेङ पस्योपम, सुज लोगवी जनोपभा लव जीने त्रीने जायो, लरतडुसें सुतलयो॥जोच्छ्व भंगली डीघु नामते भरीसंय हीघु॥णावाधे सुरतरे सरिजो, साहिन्निहेजीने हरज्यो ॥ ग्नही कसे हेशना हीधी, लावें दीक्षाग्ने बीघी ॥याज्ञान लएयो। सुविशेष, विहान उरे देश विदेशााहीक्षा हेही सेननये, जसगोस्वा भीथी विथरे॥॥महाव्रत लार खेभहोटो, हुपए। पुन्यार्धयें छोटो Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarg Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (૨૬) लगबुंडापड उरशुं, माथे छत्तर घरशुं ॥ पणापाये पानही पेश्शुं, स्नानशु यी नसें उश्शुंग प्राणी थूल नहीं भाई, जर मुंड पोटी जे पारं शापशाननो धे सोवन डेरी, शोला पंहनलसेरी ॥ हार्थे त्रिदंडयं सेवु, भनभांहे चिंतयुं जेहेषु ॥शा लिंग विंगनुं स्थीतीं, सुज डारएाग्ने मयी॥शुए साधु नावजाएरो, हीक्षा योगते न्नएणे ॥१॥ आएगी न तिखोने आापे, सुयो मारण थापे । समोवसरए। स्युंलगी, बांहे लरत विनाएगी॥श्नाजारे परषहा राजे, पूछे लरत भेजाने गाडीर्घ छे तुम सरिजो, हाज्यं भरी अं यिनीओ ॥श्या पहेलो वासुदेव थासे, चक्रवर्त्ति भूझ नेवासे ॥ थवीश भोश्जेतीर्थऽश, वर्ध्यमान नाभेन यं शा१॥ सस्युं लरतनुं हीयुं, न भरीश्नंयने ऽधुं ॥ तातें पहवीने हाजी, हरिभक्ति निन पहलाषी॥ मात्रएय पर रक्षा हेर्छ, वंदन विधिशुं कुरेछ। स्तवतोऽरेखेभन हाड़ो, पुत्र त्रिदंडीनराहो ॥१८॥वादुछु नेहु भरम, थासो निनपति - पेश्माश्मि उही पाछोचतीजो, गरवें मरीजंथी यडीसी ॥१॥ ढास जीलार्धजागडुसें कुंडीपनी, भारो चक्रवर्त्तितातलघ हो माहारो निनहुनो, हुपए। त्रिनग विज्यातला शाही जड़ो बीस भडस माहुरी, अहो जड़ो भुन अवतारलाानीय गोत्र तिहां जाघीणीं, लूखो ब्लूश्जो उरम प्रशारक ॥श्ननाशाश्चालरतें पोतनं पूरें, त्रिपृष्टह रिश्जलिरामला महाविदेह क्षेत्र भूडापुरी, शक्ति प्रिय मित्र नाभला ॥जनाआ परमतीर्थऽर थायशुं, होसे त्रिगडुं सारला सुरनर सेवा सारसें, धन्य धन्य भुन अवतार ॥जगाना रहे मह भातो जेएसीप रें, खेड हिन रोग जतीवन्ला भुनिन्न सारडोनवि उरे, सुजवांछेनिन लवलाश्नणापाऽपीस नाभेोर्घखावीरजी, प्रतिजोध्यो निन वाणीला साधुसमीपे दीक्षा वशे, घरम छेतेो मन्त्रजनाशासा घुसमीपे भोउले, नवीन्नश्येते सन्मेगन्नाा चिंते भरीजंय निन भने, ही सेछे भुन लेगकामनाशा नवने वसतुंजोलीयो, तुभवांहे होयल लोलो घरम हांसछे, पीत्सूत्र लांज्युं सोयलाजिनायातेो संसा Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २९३ ) रघारीमो,सागरोगोडीलापाजयोराशी पूश्वतए,भायुत्री लपन्नेडीलाजाकालवयोथेस्वर्णपायभे,सागरस्थितिसा नएल्गारोसिम्ही लवपांयमे,माजशी पूरव भानलाजप पगायुगानयरीयें हीन्थयो,पूश्वलाजजहोतेरसारलामोनि डीनवे,सात सोहभजवतारळामनापामाग्नियोनमा म्भेलवे,साहसाजपूचनायनाविडीथयी पियरेवसी,नवमें| शानेन्नयलाजनाशामग्निलूति शभेलवें,भरिपूरिहीन होयलालाजपन्न पूरयमाणेषु,त्रिडीथयीभरेसोयलान अनाठायाभेलवेंतेथयो,सनतकुमारेघचलानयरी स्वेतं जीयेंभवतस्यो,जारभेलचे दीरहेपलासगापचायुभातीशला जपूरवाणषु,नारहीन्सुनामलाविडीथयी पियरेचली, भा| हातेर लाडाभलाजनापारात्गृहीनयरीलवणहमें याचरनामाघजलााथोत्रीशलाजपूश्चमातीषो त्रिदंडी विंग तेलापलामगादासभरथयोलवपदारमें पांच में ध्वसो || चलासंसारलम्योलवशोसमें विश्वलूति क्षत्रीहेबलाजवाब ___ ढालत्रीलाारिश्चनूनि घारपीनोजेरो,लुन्नण पृहसमा पसभेटोसंलूतियुरिनेतेये लेट्योगासहसवरष निहांधारित्रपा सी,सहीहीक्षामात्मभन्नुभातीतपउरीडायागातीसाऽधिा नगायघसी सिंगाती,पडयोभितमलायेलातीतहशुजससंलालीगागररीसयटी विराली, सिंगघरीजाशेणछातीत सजसशंगरालीजातिहांनएसए नियागुंडीपुंतपवेयीज भागीसीधुरामघु प्रियाएंजीघुरापासत्तरभेल-शुक्रंसुरवरया चीमवतरीमो रिहापोतनपूशाप्रनपति भृशापति उंभशादायोराशी लाजवरसनुमायु,सातसुपनसुचित सुतनयोत्रिपृश्यासुध्वणप योगानोगपीसभेलवेसातमीनरगे,तेंत्रीशसागरमायुअलं गगालोगवीणतनसंगोटयाचीशलसिंह हिंसा उरतो,जेडचीन|| Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.in Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २९४ ) समें पोथीनर शिरतोगविय पिये घालवलमतोमाणावीश, लरेंसरखसमावि,सुजलोगवतांतसगवरागिापुन्येशुलमतिमा विपात्रेपीशभेलवें मूडापुरीभुजे,घनंन्यधारहीनी जानरम वतरिमोसूजोपाधिक्रवर्तिनी पहचीसीधी,पोरीलाथार्यशंभति जाघीशुलमति डिरिभासाघीशाडीवरसघीक्षानोनएला जियोराशी पूरव प्रभाएमाणषु पूरोन्नएआयोवीशभेला शुक्र सुरवर,सुनलोगविनासागरसत्तातिहांथीयवीमोनभर पदापयोथीपरागभसारााालरतेचीडापुरी,न्तिशत्रु विग्यानाशाभेरेषाखापंचवीसभेलापनो,नंननामजघराण मेरेखातातीर्थर पहजांधीमोपासांडपीएल परीक्षा विभागाभेरेवालाचीशस्थान तपमास्युएमोतिहांन्यन्य अशाभेरेसालातीर्थंगाशारान्तलीक्षाषीयपोटीलापार्यपा सपमेरे साताभासजभए पारघुउगजलियचंतीसासाप भरेषाखातीर्थगाजावाजवरसभितपज्योगमापसनहीं अपि गारणभेरेसालापरिगलपुएयपोतेयुपनिमय्युरिनपासाराभे रेखातातीर्थनानाभासजमएसज्यामुरापाजण्यारमेंशीसह साभेरेषालासे पिस्तावीशीपरोपियहिनवृहिउरेसाभेरेसा लातीर्थनापापियवीसप्ताजवरसजाणषाभाससंशेषगाडघाभे रिसालानभीजभावीतेच्योगशभेस्वर्ग इससीघरामरेखालाती गादापुोत्तरावतंसाविमानसागरचीसाभेरेसालासुस्यवीन जोसुजलोगवी हुमामेलबछवीसाभेरेषासातीर्थनाणा पढासपांचभीपलभरहुलीनी सत्तावीशमोलवसालसोतो लभरहुलीश्मडुभाहएगाभतोगऋषनत्तयामपाक्सेतोग लभरहुतीरावानंघघरपीनाभतोपाउभरयांसवलेसवसीतोप लभर हुसीभरीगंपीलवनोनहतोपत्राएत उत्पथडीपवीतोप लभरहुतीही असेंभवतस्योतेहतीपशापणीसुपनभातालहेतो .. . Jh Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlborg Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २९५ । पत्नगाजानीजहुत्तोरभवधिन्नेयुं तोगलगाइयो शनृततोशाज्याशी हिनतिहांउऐरयातोलगामजाशे हेवतो पसिध्यार्थ त्रिशला जेतोपलगाणश्नपाटेततजेवतोपाचाराणि । सुपन विशवासहेतोगनगाशुभ मुहूर्तेनएयालमतोनमासर्वज्ञाय तिहांरेतीगलगाम एीतामतोपावर्घभाननसुनाभोमुरोध गलगाचेहीमो भहावीरतोहर्षेसंपरगावीमातोलगासुजाने? सेघरचीरतोशामायणापसुरषोऽशयांतोलगाग्निसाधे निन्म अनतोपोतिऽसुरभउहेतोलगायोटीक्षामहाशन्तोगाचा सीधन उरीतीलगालीघोसंयमलारतोपाडी निनविहार रतोलगाणपसर्गनोनहीं पारतोटातपयणपिहार अत्याधएातो पलगामेछभासीयोविहारतोजीन्नेछभासीउस्योतोगलगापंथा हिनीयाणपरतो मानवतेयोभासी त्यांतीलगाजेबएयभासीम एतोताजढीभासजेवार उत्यांतोलगाजेभासीछवारवजागतो॥ पगाढभासीजेवारस्त्यांतोगनगाभासजभए उत्यांजारतो जहोतेरपासजभए उश्यांतोगलगाएजसेंजोगरानीशसारतो पाजार वरसमां पारयातोलगात्रएयोनेजोगएपपासतो, निधजेघडीनीउरीतीलगाजेहानहीं जारवरसतोशाउभाजपा वीउचललघुतोलगानिगडे परषधमारतोगएघर पहनीयाप नातालगानगनोनयनयारतोपिआगएघरवरग्यारहुमा तोगलगापरीसससाघुसुजारतोछत्रीससससाघवीची तोतालगाशीयपरयलंडारतोषजाडलाजमोगएशाहर नरउयांतोलगायावसभडितधारतोत्रएयखाजमठारह नराविधतालगाउयोवीरपरिवारतोपावामएभा तपितामातोलगाभोऽस्यामुन्तिभन्नरतोसपुत्रमावर्षभउन होतोलगासेवनीशेसारतोपतात्रीशवरसगृहवासवस्यां|| तालगाजार चश्सछमस्थतोत्रीशवर्षचवघरत्युतोपलगानहो Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( २९६ ) तेश्वरससमस्ततोगशागीपरेपालीमाणतोलगाहिनीवाली) नहतोभहानपची पाभीमातोलनासभर नित्यनेहतोटा बिजनशोसजासवर्षेतीपालनाविनया शमीणधरतोलालापि|| वितरिमोहतोलगावीरनिनलवनसतारतोपा जाधापाटालण्डस्मरएसुजसंपहभिलेइसे मनोरथोडलपी जिसेवियोगसविटसानहोयशरीरेओढलापानीमापापुरभंडयो राजंडणी पापनोपूशेलानेलवियएएसेवाशाभुजपाभेतेलरपूरोला मजानाशाभूत भोहनखडीसीडेभतिभालासिंहासऐजे सोहेसघागगनेलस्योरपियोगाभागाशाप्रतिभामेमहीमेंस घाप्रा ब्लेडीहाथलाञएयप्रदक्षिणा उभारांमुन्निनोसा थळामानाचगाश्रावउजतिशयमरीगाडीघो निनप्रासालाढ्य पापडेसीजीपुएयेनगनसपाोळाभागाचा उतशाश्रीवीर पाटपरंपरागत,श्रीमाएं विमलसूरीश्वर पश्रीचिन्यशनसूरितासपाटे,श्रीहीर विनयसूरिगएघशाश्रीविन्गा यसेन सूरितास पाटें,श्रीविनयध्वसूरि हितध्याऽस्याएपितयण वलाय पंडित,श्रीशुलपिन्य शिष्यनयंशा पति। प एमथऽपिनशोपिन्यलन श्री भौनाशीना। घेढसो उख्यापिउनुंस्तवन पढास पहेलीपीलावनाभनपरोपशीरापुरप्रए । लिन महरसीसभर सरसतीणएससीसमसिामुन भतिनि नगुएगायवामाशाहरिपूछे बिनपधिशि,परवते भौना शीभिनवसिामानिमितेलविलीउनेमाशातरीमानेलयन नसतरशीनेह परच पोषघाशीरामनहरसिमक्सरने मारा, एशीनाशाणिनभने धारशीवस्तुयार ग्यारशीचारसिा नेदुरगतिनाजारणामाचामेनिभतिहि सुहाभयोढसोज - । Jalal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarjag Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्यारातियोगमनपणोणाणुउरतां सुनहोयेजेापा । पढासजीलायेतन येतोशामेशा पाडे पाडेत्रएयगोपीश द्वीपक्षेत्राग्निनाभीपाडे पाडे पपिपुल्याणिसाघारोशुनपरिणाभेग सान्निवर घ्यायेरे, मोक्षभारगना घनाराने मांडपीएसर्वज्ञाय नमोमेभपेहेलोनभोमरिहंतोजीन्गात्रीनेनभोनाथायवेभुरोध सर्वज्ञाय उहीन्गानिनणाशापांयभेनभोनाथायउहीलें, पीयें हेनेरे मणोरात्रएपनामतीर्यउरउरा,गुराणांपांपचनापोलिनानेया बएययोवीशीनेनेपुढा,त्रएयनामानिनाहिशुगोऽतमान नसलहिये ते निनलम्तें साहिरांतिनगावाजामसरे सवि, ननामें,ससोनिन निहाराने रिलें गिनशुएसभरंता,सहरे ननमतेहिदिननापा ___ पढापत्रीलााततभाएपरिहामेघशीलंहिप लरता लघु,भनित योगीशी सार भेरेलातायोथामहानशचनी,छकुमा सरयानुलूतिणधारभेरेसालापानिनवरनामेन्यजामेश एपीपीसीभंघरन्निसातमा,स्वेचोवीशीवर्तमान मेरेवाला नभि निनमेचीशभा,भोगपीशभांभसिमधान भेरेषाषााथा पशाश्रीजरनाथ मटारमा हवेलावियोवीशीलावभेरेषाला भुल यंमलयोथानभु,छतावसुतमनसाव मेरेलालानिनगाउपर्तमा यनाथ निनसातमातेनेनाभेभंगलभास भेरेषातामोछरशविधाभएगा,वणीसहीयेप्रेभरसासभेरेषासारिनगाजामलियत्ता घनपूरेटरी, पूरिननायित्युनविथायमेरे सातामहिभाभहोटाला पे,वतीनपासुनसगवायमेरेषासानिनगपाdि पढासपोथीसुराभेरीसननीननीनन्नवाजेशीपपूरचलय ततेपातीजडेरे,अनितपोवीशीगुएजजंडेगापोथाश्रीमऽसंडा सोलागीरे,णाघशुलंउरत्याशीशापासप्तनाथसप्तभनिनराया रिसरपति भएमेतहना पायाशावर्तमान योवीशीनगोगामेचीशा Jain Educationa Interational For Personal and Private Use Only Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मांन वजाणोराशाजोगणीशमागुणुनायसभरीयरे मडार भागाशिभनघरीगाउडुअनागतहरेथोनीशीरे,घातडीजडे है। यडे हिंशीशागाश्रीसांप्रति चीया सुजपयीगाठाश्रीभुनिनाथ अभायीशात्रीविशिष्ट सप्तम सुजाराशातेनोसामुन भनप्यारा जाधापरिनिनसभरणनेहबुंभीरे,मेहथुममृतनगमांनी रेरासु जिसेवियोध्यश्रीनिननाभेरेपिनयमहीने डाभोसमेरोपा. राज ढासपापभीसाहभनेरोडाशीपुज्जरमर्दापूर जानिनचंहीमेरोलरतमतीतयोगीशी पापानिटीरे सोहेत्या मल्लपु सुशाग्निगाठाव्यतनगीशापापनि० पाश्रीउपासतशुएलिस्त्यालिनगाहवेभोवीशी वर्तमानापा थ.निगाउल्याणिमेनिवानिनगालीलयेंतेहनांगलिघानडे पनिनाशामरएयवासमेऽवीशमानिनगाभोगणीसभाश्रीलेश पाप निगाश्रीमलेगतेजढारमानिननाधीने शिवरभएीस पागापाप निगाठायोवीशीजनागतनलिनिनगानिहांथोया यसे गिनेशपापनिगासुघारतिष्ठान निनगासातभाश्री वसापाप निगाचाभियभेष: परमेश्वशानिनगाहनुंनाभ मानिधानापाप निजामहोरानोने मासानिननातेथी| पश्यनशजहुभान गापापनिगापा . __ढालीवालोखीडा/सारे विषयनरायीजेंगजेशीचा जिंडेरेपछिभत्नरतमां,जतितपोपीशीसंलागाश्रीसरवारथा लिया निनयर,छाहरिलम्घासाशानिनवर नाभेरे मुझमानं -घडोरामेनाऽएाश्रीभगघाधिप सातभागीयोवीशीय तभानाश्रीमियरत्नप्रभुंजेचीशमानेहुनुंनगमांनहींणपन भानाग्निगाशाश्रीमतोल बिनवर मोगरीशभा,मढारमा मत्ससिंहनायाहवेजनागतयोगीशीन गयोथाहिन शिव सातानिननाशाहाश्रीनिनघनहसंमारीसातभा पोषपचा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlborg Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २९८१) हरषे ते हना पश्एाभल नएगी ।सुरनर सारेरेशेवाश्रीनिनगानाध्यानें हवा मलुतो आलस मांहेरे गंगान्नम सलङरी भानुंतेह थीपासुनस विलास सुरंगानिनगाचा भस गडास सातमी ॥ऋषलनो वंश रयणाय । श्ने देशी ॥ पुज्जर प छिभ लरतमां, घारो जतितयोपीशीरेश थोथा प्रसंजनिनेसर, प्रामुं यडले हिंसीरे॥पाहवा साहिजनवि वीसरं, क्षिए। क्षिएा समरीयें हेनेरे मलुगुएाश्ननुलव योगथी, शोलीये जातभतेने रे ॥ मेहवानाशात्रेयां उगी॥छड़ा चारित्र निधि सानमा, प्रसभरान्ति गुए। घामरे । हुवे वर्तमान श्रोवीशीयें, समरीने नित्यनाभरे। नेहवाना आस्वामी सरवज्ञ नयंडई, मे ज्वीशमा शुए गेहरे ॥श्रीविपरीत खोगएगीशभा, नविहड घरभ सनेहरे हवामानानाथ प्रसाह जढारमा, हवे जनागत पोवीशीरेशा थोथाश्रीग्नघटित निनावंहीये, धर्म संतति निलो पीसीरे ॥ मेहवानामाश्री लेंट छट्टा नभुं, रिषल संशलिघचंदूरे ॥ सातमा नगनशन्यउरे, निन गुएा गातां खाएांदूरेश नेहवाना ढास आइमी।न्वंतरीयां मुनिवर घन घन तुभग्नक्ताशाओ हेशी नंजुद्दीप भैरावतेल, जनित योदीशी दियाशा श्रीघ्यांत पोथा नपुंल, नग नननाभाघाशाशाभनमोहन निनन्छ, भनथी नहीं भुञ दूशाखेमांडणी ॥ नलिनंदन छट्टानभुंल, सातभा श्री रतनेसावर्त्तमा नथोपीशीयें, हवे ग्निनाम गणेश ॥ मननाशाश्यामष्टमेडवीशभांळ, श्रीगणीशभांभई हेव ॥श्री जति पार्श्व अढारमाल, समरं चित्त नितभेवाभनगाआलावी योवीशी वंहीयेंल, पोथा श्रीनंहीजेएणाश्रीज तघर छठा नभुंल, टाले उरभनी रेएाभनगामाश्री निश्वाएा ते सातभा ल, तेहशुं सुनस सनेहानेम डोर वित्तसंहशुल, तेभभोमनमेापा राढास नवमी। प्रथमगोपालीमा तो लवेळा नेहेशी ॥ पूरव जरघें घातडील, भैराक्ते ने सतीता। यौवीशी तेहमां उहुन्छ, उस्याणि उसुमतिताशा महोध्य सुंदर बिनवर नाभाग्ने जांएगी ॥ थोथा श्री For Personal and Private Use Only Jain Educationa International Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७० ) सौर्यनेल, यंदुचारोवाशाठा विविक्रमसभरीयल सातभानरसिहसा शाभहोयगाशावर्त्तमानयोवीशीयेल,मेचीशमाक्षेभंतासंतोषित भोगणीशभाल,मढारभारामनाथसंतामहोयगाशालारियोपीगी, वंडीयेल,योथाश्री मुनिनाथायरघहछहानभुलालवध्वनीर पाया एमहोयगाचासिाहित्यनिनसातमाल,ननभन मोहनलासुज नशतीखापाभीयेंलनशना रंगरेताभोयनापा ... ढाल शभीरालविश सिध्ययक्रपच्याशीपुज्जरमा थै पूरवरचतें,मतीत योवीशीसंलाशाश्रीनशहियोंथाचंही लपवन नभए निवारोगालविवाहवा लिनवरध्याचोरावं तनागुरागावीलपिडामेहवागाने यांएीपएिंगनाभणान निननभीयें,शुध्यधर्मव्यवहाणघ्यनाथसातभासंलारोत्रएयल। चनजीपणारीशालविशानेहवागाशावर्त्तमान थोपीशीयंपूचीश भातभोटाशायडाक्षानोगतीशभासभरो,नमननयपानवाल्य विजामेहवागावाश्रीक्षेमंत जारभावंघे,लादीयोचीशीलावधी निरवाणु थोयानिनवर हत्यऽभवमांसायोगानविनाप्नेहवामान हारपिरानसातभा प्रथमनाथशयामीनेंगयिनंघन सुनसभा होघ्यावीलालछि सहीने रोगलपिलायागापा । पढासमण्यारभाउरपट रेसुंछपरमेशी पछिमा भैरावतेललोधातडीजं अतीतगायोपीशीरे पुरया,गोयानि नसुप्रतीतता निनपर नाम सोहाभाघजीयन भेट्युनयोग तहिवस भुसालासंलारेसुजथायरेशानिननाशाजांशी एबीनवजोधण्ठान सातभाश्रीविक्रोगायोचीशीचर्नमानना हवेसलाई रिनेशानिनगाडाजेचीशभाश्रीस्वसांतल,भोगणीश भाहरनाम श्रीनंघीशियढारमा,होनेतासप्रएाभशानिनगा। नापियोपीशीसनारीये,योथा श्रीमहाभृगेशण्टाअसोचितवंशी ये, सातभाश्रीधर्नानिननापामनसागुनसतेहथुनसरे ने Si Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlborg Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२७१ ) विए। नासरे आतिएो भुज्ञ भन निनगुएा घुसी, पामे सुनस विलास निजवर नामणादशा ढास जारमी॥ तेतरीया लाई तेतरीया ।। ग्ने देशी ।। पुष्जरप छिम मैरावते हुये, जतीत थोवीशी चजाएंन्जजम्पबृंहथोथानिन नभीयें, छठ्ठा कुटिलम्ललासातमा श्री वर्धमान निनेश्वर, योवीशीवर्तमानळानेश्वीशमा श्रीनंही देश निन, ते समरे शुलघ्यानेल शशानोगएशीशमा श्री धरमयंक निन, अढारमा श्रीविवेडीलाहवेन नागत पोपीशीमां, संलाई शुलटेडीला श्री सापक्ष योधानिनछठ्ठा, श्री विसोभ प्रएामीनेंन्लासातमा श्री भारएय निन घ्याता, जन्मनो सा हो सीनेंलाशाश्री विनय प्रत्ल सूरीश्वर राजे, हिन हिन जपिङनगी शेला जंल नयरमां रही योमासु, संवत सतर छत्रीशेंळाहीढसो उत्याशिष्ठने गुएायुं, ते में पूरए डीघुला दुःज धूरए । हीवासी हीच - सें, मनवंछित इस सीधुका आश्री उस्याए। विनय वर वायऊ, बाहीम नागन सिंहोळा तास शिष्य श्री साल विनय जुघ, पंडित भांहि सि होन्णातास शिष्य श्री नित विनय जुघ, श्रीनय विनय सौलागीला वार्थ नस विनयें तस शिष्यें, थुएशीया निन चडलागीलानाजेगु एगो ने उंडे उश्शे, ते शिवरभएगी वरशेष्ाा तरशे लव हरशेसविपा तऊ, निन श्नातम बीघरशे लाजार ढाल ने नित्यसमरशे, डीयिता न जपिरशळासुमृत सहोघ्य सुन्स महोघ्य, सीसा ने यादृश्शेल राज्सश । श्ने जार ढास रसास जारहु, लावना तरी भंनरीवर जार अंग विवेङ पल्लव, जारव्रतशोला हरी ॥ जेम जारतपविधसार साधन, ध्यान निनथुए। अनुसरी ॥ श्रीनयविनय जुघन्परए। सेवड, नसविनय नय श्री सही। शा ॥छति श्री मौन खेडाहशीना गुए। यानुं जार ढासनुं स्तवन संपूर्ण Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७२ ) ॥ अथ श्री सुमतिनाथस्तवन ॥ ॥ सन्नी भोरी सुभतिनिनेसर सेवोरे शासननी मोरीगामेन रलवनो भेवोरे ॥ सणासारंगपुर शिएगाररे ॥ सणाश्नापेलवनोपा रशासगावीनतडीश्नवधारोरे शासनानिन जातभने ताशेरे ॥ खेजड एसीएसगालोगउरमसीएान्नगीरे॥सना परएयासंनमराणी रे शास पुहगण अनुलव छांड्योरे शासनार्भलगडी भांड्योरे शाशासनासं चर डोट श्री डाररे शासना थोडी लावन जाररे । सगा धीरन ढाल प्रसिध्य रेशासणाक्षमा जडणकर सीघरे ॥ शासनाशीण सनाहु घरि धीररे॥ासनातप नरउसलरी तीररेशासणाज्ञाननागोणा सावीरे शासनाध्या नश्ननण सणणावीरे॥आसना मोहुरायने भाग्यो रे शासनानिनजा नभने तारथी रे शासनाउर्भरङ सविलाग्रे शासनाञ्जीत नगारंपा रेशानासनाठेपण उभणावरियोरे शासनाज्ञानाहिङगुएा हरियो शासन प्रश्नातम सुजनो लोणीरे शासनापुरगण लाव विन्नेगीरेशचासनासु भति निजसुमति जापेरे ॥सनाआप सभोवड थापेरे ॥सनाने समज वरन डोरे शासनात्रा भुवनभांन्नेर्धरे ॥शासनाखापथया शिवणा मीरे॥ासणाऽर्भशुं डरशे हुरांभीरे ॥ सणासाहि जनंते लांगेरे शासनाते पहडोएा नभागेरे॥सगाणाशुं विषयारस रोरे ॥सनालवस्जन्न एगो प्रयोगासनाघरनो धंधो छांडोरे शासनाधर्भशुंभमता भांडीरे॥ वासनाभगिणीद्योतमलु पामीरे ॥ सनाभ थाश्जे विषयारांभीरे सवाजेएएपीजे जाटी छासरे शासनाभूडी अमृत सुवासरेशनास ॥ अथ श्री सजोसानुं स्तवन ॥ वचन निनरान, स जोलाशाने त्योछो॥माएालवनप्र लुप्यारा, अजोलाशाने प्योछोमहारानगजिजोसाणामभेरे तमा |राने तभेरे जमारा |वास निशोभां रेहेतां ॥जना डाण अनंतस नेही प्यारा, अधीननंतर उश्तांगग्निजोषाणा जाहर थावरमां जेह Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७७ ) आपराणमसज्य निगमतामगाविसेंसियभांगणसंख्यातो,विन सारयान विसरतामगाशानरभासंपरीयानेहसाये,तिहांपणजहुन जिसेतामगापरभाघाभीनेसनभुजापाटगभगननरेंन्नेतारामन पाचनालयमांशेऽविभाने,देवसुजमनुलवता जगामेडए पासे पसन्याभाथेयेनाटसुपुतारामगानातिहांपत नेमभेजेष्ठ साथै, निनलनाभोवरतारामनातिरिय गतिसुजदुजमनुलवत', निहांपएसंगसंपरतासगापामेऽचिससभवसरएमांथापए, निनशुरामभृतपीतामगाोनिसंभवश्यभापए,जेसान थे विपरंतारामगाशामेऽनितभेनेभभेजेसाथे,वेल्डीमेवणशीने इस्तारामगामेऽनिषाणपणामांशापए,गेडी डुसेरमतारामा |एशातभेनेभभेजेसिध्यसपी,पीड्यानित्यउरता भगाने | कुणगोत्रने मेडगो,मेऽथाणमांतमतामगाटामेऽनिकुंभ ओरत यार,सेवामभारीउरतामनामानतोमापथयानगड डोर,सिद्धिचघूनालस्तारामगाहणजनंतोनेविसारी,भडीधामनगमतामगावेमंतरडेभडीघोप्रलुल, चौराननई पोहोता मगाणाधीप विनयऽपिरानपिलुल,जगतारएनगनेतामगानि नसेपऊनिनसंपाहिजे, अनंतशुएीगुरारंतारामजोषागाप ॥ अथ श्रीसिध्याथिसलनुंस्तवन ॥ पन्निवानवाएंउरी में विभणगिरि,नवानवापुंडरीभाजप डएापूरचनवाचारसेन गिरी,रिजल लिएंसभोसरीमापिभा णनापाडसहसलवपातऽछूटे शचुन्नसामुंडशनरीणाविमण पशासात छोयमहमतपस्या,उरीयटीमें गिरिचरीभविभणन आपुंडरिक पहनपीमें हरजे, अध्यक्सायशुलपरीमाविणारा पीमनव्यनगरेनडेजे, हिंसऽपएणध्यरीमा विनापालोसंथा रोनेनारीतणोसंगापूरयडी परहरीमाविगादासयित्तपरिहारीने - Jart Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Big Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७४ ) सभाहारी,शुश्साङ्केपहपरीमाविनाशापडिभएाघोयविधिश उरीमें,पापपडणारिजहरीमाविनाचारलीजाणेमेतीरथ भोड़ें प्रबहानेभलपरीजाविनामाणत्तभम गिरिवरसेवंता,पभ ||उहेलवतरणगापिनापना पति। ॥ अथ श्री गिरनारनुं स्तवन ॥ वाहासालना महीनानी ऐशीतोरगथीरथरेरी पाट्याउंथा शिरापीतभन्लाजालवनीप्रीतडीतोडीतंताभाराधीतमलानवभेल विपणनेह नभाएयोभुनराप्रीतमलयातोशेषरएमेटखेमाबुंतु नगाभारापीतभलाशानेपोडारसुगी नियंयनोजेभरोधीगा मजणारोतीपत्नुल उभाभारात्रीनाजटलवनारेजवाणभांशिरधार शाप्रीगातोडेभवीलवतीस्वाभीभूडोनाशाभारापीगशाशिवचरंजेबुंडे पाधीगामुन भूजीने पित्तमाघरी निनलूपाभारापीगाग्नि लिलीजेसहसाबनभांव्रतलारपीनाघाती जपावीने निरघापा शाभाशीनाशाचणरीघीजनंतीप्रशटडीघापीगान्नएीरान्नु सभेमप्रतिज्ञासीघाभारागाने प्रत्गुलमेंडी उबुंभहारेतेहरा पीनामाहीव्रतघरय प्रलुलपासेंनेडाभारागाचाप्रलुपेहेला निन शोऽनुब्नेवा-परेरापीगाडेवण ज्ञानपथसिध्यस्वरूपामा रागाशिववधूवरीमानिनवरत्तभनेभशापीगापमउहे प्रलुरानो जस्थिणप्रेमाभारागापा ॥ अथ श्रीभाजुलनुंस्तवन । ओलोपर्वतधूंघतोरेषोरामेशीभाजुभयणरणीमा भगोरेखो,सिपाडे मनोहाशाभुजारीशावारणीभेने स्वर्गशुरेसो वितहीपेयाशाजविहारीशालायघरीने लेटी रेलोनेयांएीण जारपातशाह वश यिारेषो,विभणमंत्रीसरसागासुगातेणेंप्रासा Jane Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७५ ) निपाईकोरेखो,रिजललनगघघाशाजनाशालागातेह पैत्यभान निनवहरेखो,माहशेनेषोंनेरासुगाने ही प्रत्लुसालरेरेखो,भोहरम स्योरेगुलेशराजगागालागायलावथी निभवरीरेलोधीपी मोल अन्गासुगापैत्यनिहाभंडावीयुरेको,वाशिवपुर रागाणगागाभागा पशेशरीगशेरेखो,डीवीपशप्रत्येसुगातेम भईनजारउवणीरेलो, वस्तुपाण मे पियेडगाणगापामागारही घोरपी तिहांऽरीरेली, हीहेजनेतेचातासुगापएनपिन्न भुजेऽहीरेखो,सुरशुश्सभवित ज्याताजनादाभागात्रणेवरसेंनीपनोरेलो,तेप्रासादृणितंगासुन राजारोडपनलक्षनेरेलो,जस्थ्यास्च्यपिछरंशाजनागाभागाध रागी नहाएगीनाणोजडारेखो,हेजतांहरजतेथायासुगावाजगढ रजरपीमारेलो,घनघनमेनीभायाजगागाभागाभूणबायने भीसरेरेखोलनमथहीनयाशासुगानिनसत्तारभणीथयोरेखो, गराजनंतमाघाशाजनाजाभागाधारशेनेडशहलसारेखो, गि नवर जिंजा विशालासुगामानलले लेटीभारेलो,पापण्यापाया खाजगागाभागारिजल घातुभयोहरेलो, मेडशो पीसतातीश (निषासुगायोभुनौत्यन्नुहारीभेरेखो भरघरमालेभसंजालमा एमाजागाजाएंअणिस्सभिभातेहभांरेसो,मोगणांशी निरा यासुगामयणगढेजडुनिनवरेसी,बंधुतेना पायाजगाशा आगाघातुमय परमेश्वरारेखो,मलुतन्नसस्वडूपासुनायोभुज निनवंतारेपो,थानेनिनगुएलूपाजनाशाजागाजढारशेनेस ढारभारेखो,चैत्रवाधिनहीनासुगापालनपुरनासंघशुरेलो,पए भीथयोधन धनजनापयामानातेभशांतिनगीशरेखो,नत्राउ रीमङ्लुतासुनाने हेप्नी लिनसालरेरेखो,सेवापुरेपुरहुंताजना पाामानाओमन्नपीआजुतपीरेसो,न्नत्रा उरशेनेहासुगनि निर्णत्तम पहपामशेरेलो, पहभविनय उतेहाजनाराजानापा In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrallorg Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( २७१ ) ॥ जयश्रीजष्टापहननु स्तवन ।। भनझुंतेभाहार भोडसेमाहारावाहालालगामेथी। एजशपअरिहंतल भारावाहासालाभारिसरअवधार, नभीमें नेहगाभारानासन्नर मुणिंशुंभारागावरीमा शिवव घूसाराानगाशालरतलूपत्ला-उत्योभारामायणभुज पैत्यणघ शानाभानाग्निवरयोवीशें निहांगभारानाथाप्याअति भनोहारान एभानाशायरए प्रभागेजिरानतापभानापंछननेजसंगानगाभार पशमनासाने शोलतापमानायितुंदिशेचार प्रसाशानाभाना भोघरीरावए तिहांगभानानारिता विभागानगात्रुटीतांततय रावणे भागानिन रवीएातताणानगानाकारी वनवीतेस भाभागापरानवीतोड्युंतेतानााननातीर्थकर पहनांधीधामा एमालुतलावशुंगानानगापानिल पधिगौतमशुशाभागाः रवासाव्यातेन्नतानगानगयिताभाए तिहांऽस्योमानातापसन जोपविण्यातानगाभागाजागिरिभहिमाभोटामानातेपों लवेंपाभेने सिदिरानगाते निनसयिनिननभाभागापाभेशा स्वतः रिहिानगाणापध्म यिनयानेहनाभागाडेहेतांश्रेय जाएगानगावीरे स्वर भुजें वरणच्योगभागानभतां डोडल्यापा नगाभागाटा ति। ॥ जय जनरापारशनाथनुंस्तवन भाहपथयोतेउणीजणभान्नगाजेगरजानी रेशीभांप हारेभारे जाननीघडीतेश्णीयाभएीन्ने,जनरापासल पुल्यानीय घाभएीन्नेभारेमाननीगासापूरोपूशेरेसोहागएसाथीभोलाए भारेभंदिरेपघास्योपासहाथीभीन्नेभारेमानगाशाकुंतोभोतीडाना थोऽपूरावतीने,जनरापासलनीजांगीयोरपावतीनेभारेमा नगाआतीथपेषीनाथंलरोपायतीन्ने, मनरापासलने पपशवती Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarmirg Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२७७ , नगाभारेभानगाचाउ पर्थस्वामीने टीडीन्ने, भाराध्यऽभण लागे भीडडोन्नाभारेभानगापा पति ॥ अथ शिजाभएनुं पह॥ कुंतोलूपीगयोते मरिहंतनेनामेमांडणीतारेनारी। खतने डीडशन्ने, तारेवाडीघोडाने हरणारबाहुंनोपातुंतोधन जीनेनीयोनहींनभ्योने,तनेयावडोशोमानिभानन्नगाडुतोगाशप लरेयाने डुलनणेलस्यान्ने,तेनेझरतानलागेवारन्नाहुँतोगाडा |तुंनो भूरजांनथीन्नएतीने,मागणघोर अंधारी रातन्नाकुंनो पतातुंतो हीर विन्यपुर हीरसोन्ने, ताशे भोभायापणंडब्लगहुंचा - - - ॥ अथ सासुबहुनुं स्तवन । पशीगरजानीराहीराबाई सासुने वीराना बहुल,शन: रवानेन्नयन्नगावहू यानेजारणानीयां,जीशीशनभायासन्ना सुरानेछापाजान शिजर भोहोलजंघावीमा,नेजारणानीयांग घांगासालणसासुरीशपटाची बहुछेभेहेणांशीघसन्नवाने सामने बहूसुगोवाघासजनवाशान्नेबहुलतभारी होंसहोयतो, पीयस्थीच्य भंगावोशानानाभोरासमलनेउरन्ने,भोयशिजरज घावोसन्ननवानापसासुना भेहेयांबहुऐणिपरऽस्याने, पीथा यीस्च्य भंगाव्याशासंवतशोणपंयागुथेरेबहुमें, भोरा शिजर जो घाव्यांसन्ननगामेडागापांचवसनासाचन ननाणाने, पेंडी रतिजनाीशासंचतशोण यापुरेचों,भोटी भूश्तपनावीस न्ननवामेऊनापातपगच्छणपर शिवसूरीसर,तेपए तिहां श्रा विशारतनतसा परसा उशी,णित्तभनाभसुहावेसनलबासे|| उसासूने चारा ईतिया A - LANK Jabducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७८ ) ॥ अथ नाहीश्वर लगवाननुं स्तवन ॥ पाउने साहीवर जावा, ऐसा ध्यान लगाया है। पानाटेड ।।ऊर बीपर उर अघिउ जिराने, आाशनगर लुभाया है ॥ पानाशागम नागमन निवारन साथी, शिवरभएगी डुं घ्याया हे।ट्टपाणाशाखापत रे जोरनडुं तारे, जेर्घ जिरह रजाया है। पाना आ प्रेम पहारथ छा पूरे, शांति दुशण गुएागाया है। पानाचा ॥ ॥ अथश्रीनेभनाथनुं स्तवन ॥ हांरेडीने हेजा हुमेरा स्वामी, स्वाभील अंतरन्नमीरेशाडीनेगा टेझाश्या लवडी प्रीत प्राशी, नवभेगया शिवगामीरे॥ाडीनेगाशासे सावनी डुंन गसनभें, भण्याभुनेश्नंतरन्नभीरे ॥डीने गाशाखापर्य से गिरनारे पीपर, नारी तारी जेवण पाभीरे गाडीने ना आउछेनयु प्रलु नेभनगीनो, उहुंछुखान शिरनाभीरे ॥डीनेणाचा र्धति ॥ ॥ अथ श्री महावीरनिन स्तवन ॥ राजसिहारीन्नींचारी, महावीर तोरी सभोसरएाडी जसिहारीने मांडणी ॥त्र एागढ पीपेर तेजत जिराने, जेठी छे परजावारी महावीरगावाएगी ब्रेनन सहुडीर्घ सांलणे, ताश्या छेनर नेनाशभ हाणाशाखानंदघन प्रलुग्नेगी पैरें जोसे, जावा तेगमन निवारी ॥3॥ ॥सूरत मोहनणारी निनंदा तोरी भूरत भोहनगारी पाश्नेग्मांड - एगी।हरिशन तोरो भोडुं हरिशन हेवे, बीनडी में है जबिहारी ॥निनंध शाहरिहरप्त्रह्माभोरे घीसकी नग्मावत, सागत जे भोग्ने प्यारी॥नि नंघणाशा त्रिशला भाता भसारन गावे, पावत शिवहर गालानिनाआ गोडुणीने सर्व पासो हुरि बीध्यवरान हमने ॥ श्राणा ॥ होए। पुरे नंलण, नगमेलवनांथोडांभेश्नांएगी॥भाता पितानोडुं जनम हीनी हे, उरम ही खोरे हिरतारानगभेगाशान्लूहीरेडायाने Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २७८१ । न्यूठीरेभायामसजसंसाशानणभंगाशा भरेशवीशवरसमें, जाणानग गाउगाहीसंसारहेगसमपाएी,धूपप डेभरन्नयानगोंगात्तानेही संसार हेमध्डी जाडीमा,नेशियाचे डओचायानगोंगापायतनरायसभर एश्यालो, न्युं पाभोलवपण रारानगभंगाहा ॥ - भायेभडीने महीनीणोणी,तोभहीरेवेये पंशवणी एजेशीगाछी प्रभाने वेगेसरो,यालोपित्तनिरभणीशण वसतंदुलहीरासरीजा, श्रीगउरेघरीशाडेचणज्ञानीने प्रन एभीमेरे सुभनामेमांगी चिणिगति पसंसारमालभतां सत्रण सामग्री पुएयेसडीगार्शनपूर्वरशविस्तीपशुपाभीने जीपघानवन होगाऽवणाशागंगानणेनाही डेसरधोणी,मणीटोणीपूलभेनर अंगेशाविशेषप्रडारेंजरीच्यस्तवने,लावस्तव डीने रंगेशावणन आशोणभा निननीसेवानोडेचा,लविनोउर्भ रेउरेशान्तिनगर राशावणीनगे,शिवलसनावेशेवरेगाडेचणनाचावायभवाय्या लाव पधारय,नांता भगन रहेगाने ध्यानाध्येयसरिजाथाओ,धर्मी सिंहल भउहेशाचणगापा तिा - - ॥ अथश्री सिध्यगिरिल-स्तवन ।। ॥ज्यारवत्सद्देशगावन्ने निहलाजेशी सिध्यगिरिराननेलेरीमेलविननासिध्यगानेथीलवा लभग सभेटीगालविनामे मांगी पिशवासुताधिशारीमा0 महिमाउहे तीरथ भागालविगापूरवनवाए॒श्रीमाधिनाथ माया,सेवेसुरन्डी हाथ लविनाशायोग्नशीने प्रथम भारत पछीसीतेर साह विस्ताशालविनायोथेयोननपंथासमुंभान शास्त्र ताप्रायसभानालविनाशापांयभेजारयोननसात,उरभानज हेनगलातालविनाजेपर्वतेंवणीपुंडरिऊसिद्धा,पांडवेंजएसए Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९ २८० ) डीघांगालविगाआराम लरत सेलङ जएगगार, बुङ सह्येतिहांलवपारा लविगान्नसी भयालीने जीवयासी, निहां सिन्हा उरमने जाणी॥लकि जाग्ने तीरथे हेतु शिवसुजसहीजें, भहिभा जवाथ्य ही गलि छरी पासतायेगें नर्धों, निन पूल निर्माण थर्धालविगापावीर विधन मेम हीसभांधारी, सिध्य गिरि सेवो नरनारी ॥ालविणासभरे घ र्भयं जीगते सूर, उरवा उश्मयम्यूशालविणा॥ ॥ति॥ ॥ अथ जांजेसनी जोणीनुं स्तंवन ॥ भोलवित्राणीरे सेवो ॥ सिध्यपक घ्यान सभी नहीं भेवो ॥ जोलविणाश्जे जांएगी॥ने सिध्ययकने जाराधे, तेनी वीर्ति नगमां वाघेाजोलविणाशा पेहेले पहेंरे जरिहंत, जीने सिध्यजुष घ्यानम तात्रीने पहेंरे सूरीसर, थोथे डीवायने पांयमे भुनिसशानोलवि शाछठ्ठे हरशन डीने, सातमेज्ञानथी शिव सुजलीनें ॥जाभे या रित्र पाणी, नवमे तपथी भुङ्क्तें नवो।जोलविगाआश्रोणी सांजेल नीडीनें, नोडारवाणी वीराणएगीनें गात्रणे टंडनारे हेव, पलेएा पडिङम या सांजेला खोलविणान्नागुरभुज डिरियारे जीनें, देव गुरैलक्तिचित्तमां घरीनें ॥ खेम उद्देशभनो शिष्य, खोजी बीन्वन्ने नगहीशाचा ॥ जय श्री सिध्ययनुं स्तवन ॥ सांलणरेतुं सननी भारी, रननी ज्यां रमीजावीलरेशास्ने देशी श्रीवीर प्रलु लविननने सेम डेहे, लाव घ्या हिल जाएगीलरेशसुरत रेसम सिध्ययक नाराघो, बरखा शिववधू राएगी ॥ सुलविया सुए। भेला शिवडार्थनुं भुज्य डारएा नवपर, छे गुणी गुएा पायरकरे अरिहंत सिध्घसूरी जीवण्डाये, साधुवर हरशन घाशासुलवियानाशा ज्ञान चरित्रतपश्येनवपध्नुं, नाराधन श्रेणी परेंडीनें करे ॥जासो ऋशुहि सानमयी, मांजिल स्रोणीभांडीनें ॥ सुलवियानाआथैत्य पूल For Personal and Private Use Only Ja Educationa International Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८१ । श्लन्तिउरीजें,पडिभणां घयघाशेलाएअणध्वनारी में, हमपर्यनूमिसंथारोणसुत्नपियागाजानोगवाणीवीशगणीमें भी पनीरंगेलशापहमभारमधवनडाची,सुणोभागमयुरेसंगे सुत्नवियागापाउहेघर्भयसिध्ययक्रसेवतां,सही में भंगण भागलो परान्यारिहरभणीसुजपान्यो,नेभनरपति श्रीपाणासुलरियागादा - - ॥ जयहीवाणीनुंस्तवन ।। पसालणरेतुंसननी भारी,रननी ज्यांरभीमावीलाम्नेदेशी सुरसुजलोगची विशताउँणे,रहीनेनन्मतहीनेलशाजनुकता नासंगछांडी वियर्या परीक्षाग्रहीनेगशिटीपीवाणीलशापाभ्याडेच णज्ञानर्भपन्नतीलाशामेमांडणीधारनिशयनाव भणीने, समवसरएरेसारोलरातिहांसिंहासनेजेसीप्रनुल,घर्भ प्यारोशिटीगाशासनाहि मिथ्यातीलवलज्य उरात्रएअरीनेछरे एनंतर राहिसमय,सुजसहेसभडितघरीनप्रगटीगामातेशुश ध्यशनमामाही में,शेषजीनचेसुशीलराउपाययोग व्यतीपयोगवीर्यज्ञानयास्त्रिन्नणीभपाटीगाजानेहवेहलूतिन ससुगीने,माच्याप्रलुनीपासें लगायेनामर्थसुपीने सापा,संनभन सीघोणसासपिगटीगापाचीरनेगणाघरथयामण्यारह साघुयौदहन बरनावीश सहससाघवीन्नणे,यरए उरण चियाशाप्रगटीगाप साजनेबुगुण्साह हुन्नर,पावजश्रीधारलशासहसअढारनेत्रएन खाज,प्राविशनोपरिवारानगरीगाणामसंघनीथापनाउरतांसाच्या मपापागाभलरोगहस्तीपाणहरनें सेमजोखे,मुन घरमाव्यास्थान एप्रशटीनारामध्यमायुपोतानुंन्नएी,मनुउपायापीनाथलशाशो समहरनीदेशनाहीधी,भणियामदार नरनाथापणीनाकारता विध्यभासनीराते,वर्षभान भोलेंपोहोताळशानारीअपरासुरनर भणिया,पएगौतमतिहांन होताप्रगटीनावीर निर्वाणासुरभुजयी Jaleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraring Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मएी,मोह उपयोग यूरन्छरोराडेचणज्ञानने र्शनपशट्यो,गौतमनेणगतेसूराप्रगटीगावावीरगौतम निरवाणउवणार एऊनिन्नएी नशालावस्यशेयलेटीनेहीवाणीलवित्राएीराप्रगटीगाशापोसा पिडिडभया निनलप्ति,सुंश्वेशेउरीमेंलशाययंप्रलुगुणगा। तानसभणानित्यवरीप्रगटीगागा ॥ अथवाणीनुंस्तवन ।।२।। भारे धीवाणीरेथईमान,प्रलुभुजन्नेवाने सख्यांसस्यारे से वनांशन, नवदुःजजोवानामेमांडपीमहावीर स्वाभीभुतेपो होता नेगौतभचण ज्ञानशाघन्यमभावास्यापन्यधीपाणीभारे,चीर प्रिलुनिश्याएपग्निभुजगावापारिखपाण्या निरभणांनं,टाण्याते पिष यघायशाग्नेवाभुनिनेवांहीमेंतो,णतारेलवपाराानिन भुजगाशा नाऽणवोहोत्याचीरल नेतारी पनजाणाशाचणप्रलुभुत्ने पो होता,पान्यालवनोपारानिनभुजगाशाजेवामुनिनेवांधी ने पंथज्ञा नने परतावासमवसरण शनारे,प्रलुतात्यांनरनेनाशानिनभुन जिनानागोषीशभानिनेसरने,मुस्तितपाघताररोउरन्डी उपियए। मिलऐरे,प्रनुलवनो शेराणानिनभुजगापा - ॥ जयाधीवाणीनुंस्तवन ॥७॥ पघन्य धन्यभंगणजेरेसऽणटिन,पूलप्रमानें थालीवाल नभारेटीवाणीअनवाणी पागायोगीतवघायोगुइने,मोतीडेथाण, पूरावोतयार पारगंगेचतुरशोहाशा,यरपउभणयित्तसारी।। मानाशाधनघूयो धनतेरशटिने गमणीयणशापापहान पीने पोसोडीने उभमेहेलोसर्वराणीशाभानगाशालभारतीपर रीवाणी इतीहासभालाघेर घेरतोटीबडीमाअणडे,रातडिसें। जनवाणीशामालगायामभासनी पाछणडीरात,भाइरभने राणी Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८3 ) श्रीमाहावीर निरवाणेपोहोता मनरामर सुजाजरीशामानणापापना वितोवणीन्नुहारपरोणां मेस्तो सागरणोतभनांचरणपगली शिलपाभीरटीयागीशाभानगावाजीनेतोवणीलाइनीजीन,जेन रडीमतिवाहावीमेपाये निहोरेपनोवा, येवेमेवे हमनेगा प्रशाभागागाहर्षविल्यनापंडितमोलेरोनेसेवसुंहाणी परि नयना पंडितजोसे,त्यन्यवानेताणीशामानगाटा पति ॥ मथश्रीसिध्ययकलनुंस्तवन ।।. पउंचरगंलारोननरेंजतांलामेशीसेवोलरियासि ध्ययक्रनेगापित्तयणता निवारीगाशुपीने सेव्याशुएसंपनेन पस्नेभ भनभाहे पियारीशासेयोगाविलग पूल्यभरिइंतमलुलायो शहयनु नेनारासशानाथने पंपल्याणडेल,साणलवने होण सासशासेयोगाशाउर्भक्षयें सिध्यपहसऱ्याला विशेषसामान्यप योगीशापीपीषटच्यनोलाजेसजेने भन्नेगीशासेवोगा शापंथप्रस्थानेभायारनलसाल,भुनिभनविश्रामहाभशाछत्रीश छत्रीशीमें शोलताल गरेछपति श्रीमूल्यनाभरेयसेवोगानाशुणुप यवीशणवळायनाल,सूत्रधनीणपभाशोणशान्नुपरान परेंग थिताउरेल,भीमाक्षुसमजोलशासेयोगापासाच्युभनतेसाघुन लखालचराउणुगुएरा जाएशानव उत्पी पिहारनेमारीलाल्प वितुंराल्भनाएाशावोगाडाभताणपशभक्षयणपराभेल,क्षय थी त्रिविधं होमेनेहवाशडशहजोसेसोहाभयोलप्रणासुनिते हरेएसेवोगाणापाचले ज्ञानी ज्ञान ऽमुल प्रत्यक्षपरोक्षले सहितराभिनर्पित अर्पितनयवणीलने विसंपारहितगासे वोगानासनभसत्तरलेटेंडुचेलानेहमारे पुजन्नयरेशिान्य शरणाहांडीलासुरवधूनभेवणी पायरेरासेयोगाणादाशलेधे तपलएयोल,तेपायमल्यंतश्थीहोरेक्षभासहित भारापन - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraridg Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२८४ तालपाति नरहेओयावोगागानेभनवपाहगुएरारत्ननोलपा रनलहे भतिभंतशाधर्मपंरन्नेडीनेलउतारन्नेलगवंतासे ॥१४॥ ॥अथश्रीयाडेसरीभातानुंस्तवन ।' नर चतुरसुन्नए,परनारीशुंप्रीतज्जुनवजीलगनशीप हरेभायडेसरी, सिध्यायणशिमारे लिनरनेवालनीमेमांडणी पहारे भावीभांभोटीची मायाधिउनहेंसेवीपहरेभानीयला स्वरूप उहीजें डेची भायडेसरीनाशाहारेभाजुडतांवाहाएगेगारेथे सेवनागन सघारे छहारेभानीलगाउरेतेने तारेगामायझेसन रीनाशाहारेभानीन्नत्रासोओमावेछे,धुंडीमोत्रीणसावे, हारेमानीनतिरेतेनेतारेछगाभायडेसरीगाउगारेभाभस्ता भुशुय जीरानेछेभाने अनेणछानेछेहारे मानेगोणे घुघरीगानेछ मायझेसरीगानाकारेभानेभयुडसाजणडे छेभानेनावमुभएप उण्डेछे,हारेमानेडोटें पुतणीयांसहेछगाभायडेसरीनापाहरेमा सक्षएजुर्भावर्तजाएं,भायक्रपांयसोहे निरवाएं हारेणग्योन्नरो शशीभएमाणुराभायडेसरी पाराहारेभावाभनुन्नये मे धनमोपे, भाहाययक्रअंशशोले,हारे भासेवनांसुनजकुशोलेभा पड़े। सरीगाणारेभान्नणीमोनेगोजिरानेछ,माघंटघडीमाणावा नेछ,हारे भारीभालनोगोशानेछाभाथाडेसरीगाटारेभाजी हिशंऽरतभेसम्रन्ने,भाचीसेवीनेशरणं रेहेने, पारेभानीलन्ति | उरेतेने णमुन्नाभायडेसरीगाका राता P - . ॥ अथश्रीयसरी भाता-स्तवन ।। पसार सारे सूरत सेहेर,मुंबईमपानेलीगमेशी। गाभपजेपीरे गाडेसरीभातल्नेगनेनमानससोचनवी| गात्रान्मेवाने नईयाहारेनसमरेजहुभानानेपाने नाग्ने Jall ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८५ ) जांएगी॥आन्नेवारेनर्धों ने पावनयर्धों, हेजी भनगहगहीजेरे ॥ जेडतीरथ जील नगरंजा, वंहीने संपह परिजेगान्येवानेगाशाहांरेजा उलुन्नणी अति सटाणी, मृणपति वाहन पाणीरे॥निनगुएागाती खेतीताणी, तीरथनीरजवासी ॥न्नेवानेगाशाहांरे श्री सिध्यायण गिरि पर जा ने, हेव हेपी सीमानेरेशरंगित लजी गोंज जिराने, घर घडीमाणांवाने आन्देवानेनाआहांरे घाटडी साल गुलाल सोहावे, पीणा रातारारे ॥ज हुशोले छे नग नननीने, डेशर कुंकुम वरएगा। न्येवानेगानाहारे जांहे जालु जंघ जेरजाजिराने, शेटे नवसेरो हाररे ॥डेंडें उटी भेजणारएनएराडे, हीरा अणडे साशान्नेवानेगापहारे नाडेंरे भोती जीन्स चरणा, उंहें नव सेशे हाररे ॥ रतन नडित होयञ्ञञञणडे, घुघरीखें अभडाशान्येवानेगा हांरे श्री सिध्यायण पुंडर गिरिपर, न्यां जगहंजानो वासरे ॥ नेोर्घखेती रथने सेवे, तेनी पूरशेश्आाशााब्लेवाने गागाहारे देश देशनानानारेभो रा.संघवी संघ सर्व आवेशाने सहु पेहेषां श्रीईज युंहडी, नग नननी ने श्रढावेगान्नेवानेगागारे संघवी संघती रजेवाणी, जहुशोलाछे सारीरे ॥ ही पविनय उहे भंगलिङ उरले, शासननी रजेवादीन्नेवाला ।। जय श्री अरिहंत लगवाननुं स्तवन ॥ हारे भारी धीर द्योवनभाणी ॥ जे गरजानी देशी ॥ अथवासो जिाहराना रागभां॥ हरे अरिहंत शुं नाहर भांडया ।हारे मोहुभायासश्वे छांड्यारे ॥अरिहंतना जे जांएगी ।हांरे अरिहंतनांङह्यां रेडरीजें, हांरे त्यारे पायें पेटनलरीनेंरेशनरिहंतनाशा हारेने खा पैतेनुंरे सीनें, हारे गाण हेतेने खाशीश हीने रे । अरिहंतनाशाहां क्षमारूपी तेङटङ चढाव्या, हारे सूना मंदिरभां पघराव्याअरिहंत आहारे सूनामंदिरमां नई जेठा, हांरे त्यारे घ्यान घरी शेना जेठारे अरिहंतनानाहांरे घ्यान घरशेते मोटोरे राय, हांरे राय रिद्धिछोडीव नन्नमेरे॥ग्नरिहंतनाचा हांरे शोगऽडां ते मेहेल्यां छेशोण, हांरेसी Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८९ लापीणानेशतायोणाचरितगादाहरेवये भेष्याछेजेहुपासाह रिन्नुमोऽभतएारेतभासामरिहंतगाणाहारेभेवीउरभतणीगत नगी,हारे पाउँनलस्यानण पाएीशामरिहंतगाटाहारेचेपारीने वएनसंपरीया,हारे पापपुएयनापोडीलरीयाशाभरिहंतगाकाहारी वेपारमा नजुहारे मरिहतभागेछेपेणुशाअरिहंतगाणा हारे मरिहंतनीजावणल्याहारे संताणेंनभेसेमणणाशामरिक तवापाहारे भोगभुनिनन पंडितउहीमें,हारेघानहीने सघसुजा समेशाअरिहंतशाहांरेसेवीजीभाविन्यनीवाशी,हारेस्त वनन्नेडयाछे जमृतवाएीशामरिहंत॥आति ॥ ॥ ॥ जय श्रीडेसरीया-स्तवन ।। ॥ हारे भारोपीरयोवनभाणीभेगरजानी देशी।। हारेवाहरलोभारो रिजलध्वअनुवासीहारे तेतोनगर घुणेवानो वासीरे।भारंभनडुंग्युछेहासीमेमांडपीहारेचाहा लाभारोसरीयोडेहेचाहारे वाहासानेनेटेलवपुजनजेशा भाई भनडुगावाहारे वाहालाना भुजनीशोलासारी,हारे भने पीडडेसा प्यारीशाभागाशाहारेवाहलाहुंतोभोहीरेताशभुजने भटठे। हारे धणीभावेवरगाभारंगाबाहारेचाहाखानेसंघघोराभावे, हारेबाहासाने नित्यनवीसांगीजोश्याचेशभारंगाचाहारे चाहान सोभाशेजाउजुडतांतारेहारे सेवड़ने मन संघारेशानारंगापा हारे वाहालोभाशेताराजघरावे,हारेतेतोगढसंडानभायेरेण भारेगाराहारेवाहालोभारोशणु शुजीन अन्याणी,हारे सीन्न एडेवधवाणीगाभारंगाणाहारेवाहावो भारोभूणयं विनय एगावे,हारे सणसंघनेपारणतारेशामा मननाटा ईतिए Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२८७ ) ॥ अथ श्री सिध्ययनुं स्तवन ॥ ॥शीजसासुल हे छेरे बहुल रही ढंगे। श्ने देशी ।। सिध्ययक्रने ललमेंरे ॥डे लवियएग लाव घरी ॥ भहभानने तळ भेरे॥डे दुभतादू जे जांएगी। पेहेले पहें राजेरे, डे अरिहंत श्वेततयुंग जीने. पहें छाने रे, डे सिध्य प्रगट लएंगा सिध्धनाशात्रीने पहें पीणारे, डे साधारन उहीनें थोथे पहें पाउडरे, डेनीणवरएासहीनें सिध्धनाशापांयमे पहें साधुरे, तपसंनम सूराशाभचरएो सोहेरे, डे दर्शन शुए। पूशा सिध्यनाआ दर्शन नाएा चारित्ररे, प्रेतपसंनभशुष्य वशे॥ालवि चित्त नाएशीरे, डेहृध्यमां ध्यान घरी ॥सिध्यणाना सिध्ययक्रने घ्यानेरे, डे संउट लय न जावे॥उहे गौतभवाएगीरे, डे अमृत पद पावे ॥ सिध्यनाचा ॥ अथ श्री पारसनायनिन स्तवन ॥ रघुपति रामहृध्यमां रेहेन्नेरे ॥ जे देशी ॥ भावोरे जावोपास भुन भणीयारे ॥हारे भाराभननाभनोरथणीग्नाआावोरेवाश्मां उएगी॥हांरे तारी भूरत भोहनगारीरे ॥सडी संघने लागे छे प्यारीशाहांरे नभने भोही रह्यां सुरनरनारी ॥ श्यावोरेनाशाहांरे जलजेली भूरत लु ताहारीरे ॥हारे ताहारा भुजडाडीपर नीं वारीरे ॥ हांरे नागनागीनीने डीघाडी ॥ खावोरेनाशाहांरे धन्य धन्य हेवाधिदेवारे ॥ हांरे सुरसोड रेछे सेवारे॥हांरे जमने नापोनी सिध्यपुर मेवात जावोरेगाआहांरेन मेशिवरभएगीना रसीयारे॥हारे न मोक्षपुरीमां वसीनाशाहांरेमा राहृघ्यम्भणभांवसीया॥राग्नावोरेगानाहारे ने डोईपासना गुरागा शेरे शाहांरे तेनां लवलवनां पातिङन्नशेरे शाहांरे तेना सभक्ति निर्मण थारी ॥ श्यावोरेणापहारे पलु भेवीशभा निनरायारे ॥ हांरे भातावामा हेवीना लयारे ॥ हांरे जमने दर्शन द्योनी घ्याणाग्यावोरेनाशाहांरे हुनोससी सती साधुं धुं पायरे ॥भारा बीरमांते हरजनमायदेशांरेनेम भाएिडविनय गुएाणाय वीरेाजाति॥ Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८८ ) ॥ जय श्रीऋषलनिन स्तवन ।। पभागोहरीसासरीयावाहापामेशीयात्रीगडे सीटेशना|| ता,नहींअगाय्यिवाय्यडेतापत्रीगडेनाऋषलनिने नगतस्वामी, नहीं संपरायने निडाभीटिशाणनगरए पाभीत्रीगडेनातातिर्यऽणस// भान्यतएी,उहेपरापरानतिनगएतेनीपश्चाछेभीडीपणीपत्रीग डिनाशानिहां शस्त तिर्यगर्भययी,वणीणतणयप्रययीप्रथयो जेनी श्यनारयात्रीगडेगाउाशीयुगुहागुमन्नेगी,थयाप्रलुना निनगुएनालोगीपुगवीउ सुजना विन्नेशीतात्रीगडेगानाप्रतिभाते| नीपूनेनरनारी, नेयोगक्षेभनिघारीपघर्भधस्नेतारोणपणारीएप - सोऽडीयासाळभरेछेलेताखेताहरीनाभानेशीधी राकरहेछन्नेतान्नेता,नालिनंहनमनिराभासतां निनलनुनामा राधीलडोगाशेषनटाररहितनगनयोरे,शांतसुधारसमभालडोल शानदार शेडगोडसागरमंतरेरे,थयोसुनंधनोशामधीलडो पशासजनगढुंढतांहीरखोलाघोरे,शुगअनंतानो घामाघदडोन्य पानाथ डेसरीयाधिसभांचसियारे,सोलीभननेभघमाहीलडोरी एनामष्ट महासिध्धिनवनिधि प्रगटेरे,लावेरतांप्रणाभाडीवडोल पाघाउहे प्रलुनी पाथीरे,थयोछेवांछितममाडीखडोगार - - - - रथरे धीवानीराशी। मनडुंभोयुरेभाईहोभना भोपुरेभाहुशासुनाउंथनोभुजजीराहो भनडुंगानेतनुअंतीसाणे प्यागामलुभुजन शशीनीशोलासारी होभनघुनाथानेत्रयुगा शांतरसेंलयां पूननाअघरेऽत्यांगहोभनडुंगाशानहीं हाथमा हथीयार भाणाराभाविनेगीपएसटाणाहोभनडुंगामहरिहरा विरिपिने वाश्येनही तेहनी भुने सेवाहोभनांनानानाथडेस शयापारीलगातारीसेवाभुने साधीनगाहो भनडुंगापाघनो | -- Jairciucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.da Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८७ ) वांछित प्रभथयो । मेलुगुएा गाता ने दुःज गयो । हो मनडुंगाधा ॥ रहे थर्धरे हीवानी ॥ जे देशी । हीलडे घधेरे हुं रात हो हीसडे थर्धरे हुंरान्ाावासीडानी भुज छजी जती नीडी ॥ड़ी ही लडेगाश्नेमां उएगी। जाडंजर उरी जाव्यातोरो, शामने सजी समन्नव्या हरोड़ो हीसडेनाशा छानी हुंञरजे रही हेजु, नाथे रथ रेश्यो तेहुँ पेजुंगा होही सडेगाशा गिरघरे खावीने बहुचाया, पए। प्राएाळवनल यात्या होही सडेगा। हुवे नई सजीवसल हाथे, दीक्षा सर्व वियरीश साथे ॥ हो हीलडे च्याउही खेम राख्नुस नर्घराणे, अरे सोय ऋषी भुष्टि निनश्यागे । होहील डेवाचा पती जेवण ज्ञान सही, शिववधू वरीया वेणे सही । हो ही सडेगा झागातां प्रलुगुएाशुल राणे, घर्मयं ना पुएय अघि लगे ॥हो घसनाज हीसडे थरे हीवानी ॥ जेरागानगीनो नाथरे भाशेनगीनोनाथरे भारो ॥त्रए। नगतनो नायड नीडो। होनगीनोगाभेयांशी लेध्यापरिने हरिपूने, नस घ्याने डीग्र शासन धूने ॥ हो नगीनोनाशा जे पुत्रने सेवारण हीधी, आप्यो श्रेयांसें क्षुरसपीघोराहीनगीनोना पशाने डेसरीयानी आएगा पाणे, तेने शिश्याभर सुरढाणे॥होनगीनो आहुवे हास डीपरे घ्या डीने, हिन हिनसुन अघिडो हीने होनगीनोबा सुजश्रेणी धर्मदेवरी, निनगुए। चरमाणा उंडे घरी ॥ हो नगीनोणाचा ॥ जय श्रीशंजेश्वर निनस्तवन ॥ ॥ एां नारी वाणीग्ने भन भो॥ग्ने देशी ॥ घरणेंहाउरे सेवन ना प्रलुतारी ॥ पूने पहभावती नग प्यारीरे ॥ घरों घबाजे मांडणीचा माहेवी भात भसाशाघनघाती धूरीने याशापाम्या हरिशन ज्ञान श्रीहार तल अघाती सह्यो लवपार रेशा घरानाशानेनी योगमुरानो प निरजी भोह्या सुरनरलूपा पूजतामुद्यो लवनण पावणी प्रगट्यो से हे Educationa International For Personal and Private Use Only Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२७० ) नस्वरूप रे गा घरघनाशानिनल श्रीशंजेश्वर पासा पूरी लघ्वसोम्बी आशााडीघोशंजेश्वर पुर वासानश घ्यानां होने अघनाशरे ॥ घरगेंहा आगए घर वायड भुनि समुाय ॥हेव चतुर्विधतेमणुएा गाया बांछित डारन तेनाथाय ॥ उरन्डी नभे सहा पायरे॥घर एधनानामरएाथीने भारत होयातेिम समस्या प्रलुने लेयालिव प्रदेशे भसने घोयाप मचंद्र देवस सहे सोयरे ॥ घरों धनापाता ॥ जय श्री धर्मनाथ निनस्तवन ॥ पछली रातना परोड शब्लने राणीने नगाड्या सोनार लो मेहेशी॥ सुरसुजतल घरी नेहाचावीने प्रलुने प्रएामती पाणी लएो।तुमेश्नसरा सरए। पाणाहेिजीने हुं धन्य मानती ॥शएशील ऐशानाथ भारा हीसडाना योशाओए। नागण उहीजे जे वातडी घएगीगानगभेजे सुरनारे सुजासिभक्तां सखन्नजे रातडी शीनाशाक्षएा क्षएा सांलरे भन भांहे ॥ प्रलुलना वयननी चातुरी पाएगीनामोहन प्रभाएान्यायनी वातासु एावाने कुंथर्ध मातुधे ाएगीगाआतघ्नंतर जोसे नाथ ।। सुएारे हरि प्रिया प्रेभथी॥नाएगी तन्ने तलेग्नमरिरे भोलवडी जे दुःज सड़े मेहथी। शएगीनाना घरो घरी सिद्धलो ते ध्यानासही सुज ने हथी शास्वतां ॥शिएणीनातन घेनङ्गुटुजना सुजा अंते छेने अशास्वतां ॥ एीनाचासुखी भेभधरमनाथ बाए ॥ प्रएामीने निन स्थानङगया। एसीनागुएागातां धर्मपंदने आनासरख वंछित डारन थथा। एसीनाशा ॥ जय श्री संलवनिनस्तवन ॥ ॥भनावी तुं मंहरिया भेसावरे ॥ मन मान्या मोहनने॥भेदेशी श्नरिहा नन्म सभयनगतभांरे, शश्य संलवथायरेशासंलवनिन रायनेपालविनन पूले लावें सहाय रे ॥ संलवणाथा हरिङरङमणे Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibran org Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८१ ) सुभग्रहीनेरे,प्रएभीपूने नेनापायगासंलकनाशातातलतारी से ना भातारे,नयरीसारथीनोरायगसंलवनाआयसंछन लुथ रएसोहेरे,सोवनचरपीछेपयशसिंलवानानणलवनन्दना यजंघुरे,सेव्याधुरित पसायशासंलपणापाउल्याए पंथरए पसामेरे घरगुरागायरेगसंलवगादा तिा . जय श्रीवीरप्रनुनुंस्तवन ।। शिवगरनतुं पुरजरएनपीपायल्याण्डेसुरमावेश || सजी निर्भणसभडित भयावालावसहितमलुशुएगावेशानी पीव्यवहार धर्मथंडीप्रलुवीशानिययघनजपावेशासजीगा पासोहभभाममणीयासभोवसरणसुरजनावशासजीगाप विश्एनाबलथलेणीपनासयितासुमसुरवरसावेशासमीन पशासिंहासने जेहाप्रलु सोहे शिर छत्रयाभर घशवशासजीनामा |शोउतरलाभंडणप्रलुना पर पुंडेसोहावेशासजीगाआडेच लिभाडाशेवानेगाप्रलुनेसठणशिरनभावशासजीगाभघुरस्वरेन लुदेशनादृतामिणविध धर्मसुशावेशासजीगाचाज्ञेयाउित्रि उनानेन्नएतेनाव्रतर्णयशवशासणीगानिपटीसहीगणुधर सूत्रशुंथोचिार अनुयोगतेभाजतावासजीगापाजोंतेश्वरसन लोगवीमायुगनिनवर शिवपुर संघावेशासजीनापूनता पडिभाते हानुनीशयन शालपि निपन्नासनीनाशापुगणपयोगवही क्षायलावाशिवभंडरियेंतेन्नवेशासजीनाघयल प्रलुसुप सायनिगनसपाहु वनडावेशासजीनाणा ति।। हारेन्नेरेभेन्नेरीतभीतनीहरेशीसे वृत्तितो ।। __ णेसीताशचित्तनीहोळरेशी । सहारे घेरभावोनीनेभवरणाशीयाराहारे घेरेमापोनेश्यान, Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५२ ) वरणाणीयाराहारे प्रत्नुअभनेतोवाहालातुभेलाशीयालरोघेरमा योनीनेभवरणाणीयारेगामेजांऽयी। रेशंउहीमेतेभोटालूपनेरे राहारे इंतोभोहीकुंतभाशपिनेशाघेरायोगाशाहारेवाहापाना मुजनातेभीगयेएशाहारवाहापानीमाजऽसीभांयेनछेलरेप घेरगाशावाहरलोभारो चित्ततपोजेथोरछेरोाहारेभाराणन जनीओरछेलापेरणागारे वाहातोरएथीरथवाणीयोरे।। हारेवाहापाभेन्नध्वजुणजनवाणीयोलशापेरणाचाहारेवाहालेप शुषापरश्याउरीन्नेहारे वाहाखेछवघ्याभनभां घरीलाघेय जागापाहरेवाहापोभारोगढ गिरनारनाघाटमान्ने हारे भनेने भल भण्याहूतावाटमाळशापेरुणादशाहारेबाहासापयंटलरंशेभा ट्यागाहारेभाराभननाभनोश्थसरण्यालरेपेरभावोगाणाप 'परागसाभेरीगा भोटी बहुसेमनगमतुंडीg,भोटीय भना भतुंडीपुंसनेमांऽएापेटभेपेसीभस्तउरेंसी चेरीसाहीस्वाभील ने डीपुंगाभोटरीनापाजोलेजेसीभीकुंजोले,मनुलवामृतरणपीधु ||भोटीगाशाणनीछानीडाउरती, रतीभांजे भनपुंचीप्युभोटील गोषोऽभाशवाछैनो,लएतांबरन सीधुरामोटीगागानं गोमंगेअनुलवश्भता मानधनपहलीभोटीगापा ति। रागसाभेशानानी हुने परघर रभवानोढाप,नानीपहुने | |परघर रभवानो ढापामांऽपीएपरघर भतांथइन्नुहाजोपी, घरोघणीलनेमाणानानीनाशाहणयाणा उत्तीहीडे,लोडाउ | छछीनाणानानी शायोलडानननननाला, हैडेणेपासेसान लानानीगागणारे पडोशणलोनी पगारेकोटपाशेणाण एनानीगागाभानंघनशुंगेरभतां गोरेगाजमुद्रेलालाना |नी हुनेगापा पति Jal Educationa-International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarling Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ RSS ( २८७ ) रागसाभेरीगाभभने पगले,पधारोरान भडभने पगले पांडणी॥संसार छांडीसंनभमाश्या, धनीघाटगतापवान रोगापासषिची सहसपुश्षसें,प्रलुजेसी श्रोसपणेपधारोगा पशावनन प्रलुीक्षासीनी,अपने ज्ञानयोधुशखएपधारोगा परभजपापीठेचणसी,भोक्षेपोहोतातेतोनेभनखापधारो एनानथुज्ल्याणउहे येतननेतुंनोभेवाप्रलुलनापधारोगापा । परागसामेणारहोरहोरेनवराय शेयघडीयाघेयघडी। यांरेमजयार घडीयागारहोगामेमांडपीएमजप्याखाजोहोतन मसालाापीचतमधुरी भेसडीमाशारहोगापाहायशुहाथाभिषाया हीमोसांही सडाजीण सेहेनडीमाशारहोगाशारान्नुपछोडी यखेगिरनाशाहीपतामोहनखडीजांगरहोगाडा पहिउहेना थनिरंन्ना भुति वधुगुरासेखडीयांशा रहोगाच्या पनि । ॥ जथयार भंगण-स्तवन ।। रागसाभेशाने भंगणचारमान घेरनाथपपास्याण्ड लेगानेजांऽएापेहेमुभंगणमनुषुपूलुंघसीडेसरघनसार एजाननाराजीन्दुभंगणगरजेकुंडेसनो हाशामानव पशात्रीन्नुभंगणभारतीणतारं घंटषन्नकुंरएशमाननासान थोथुभंगणप्रलुशुएगायुनायुतेथै यैाराामानगाहगा पर्यटके नाथा निरंनन,यरणाभणन्नणवाशाभान गापा पति राणसाभेरीगाथारोभंगणवाशाभान भारे चारोभंगणया। शाजांउपाधीहोरशसरसबिनलाशोलासुंरसारााजानल शाननन्नभनमोहन थरपीएघसीडेसर घनसाशाभानप शाधूपीजेपुंडईभारतीयभुजोलुंग्यन्याराभान गागा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८४ ) विविधन्नतडे पुष्यभंगागभोगरतालशुसाषाभानगागासभोवन सरणमाहिसरळ पूलुगयोभुजप्रतिभागाशाभानणापातनी लावलावनाला तुमप्रलुतारणहाराामानगादासणसंघसे वड निनामानंघनणपाशाभानगाणा ति । रागमनाताचापोनीप्रीतमलप्यारासेनेनमाभेचुने नईमेरे स्वाभी,शत्रुनयनाथासोनीगाजेमांऽएपीपशुसंसारे रस योणेभूल,हिनहिनतनछीनगाभाथमालनीशयासरणी,पोतानी नथालोनीनावानेतेपेहेसांडीने,गशीवातोभणायितवीमा चोपडशे,सजणानी लातोपालोनीगाशाचतुर्थ शुवित्तमांचेती,हाथै तेसाथ भरणतणा निसायाभोराणान्छेमाथापिासोनीगाआभाता भरटेवानंहननिरजी,लवसरणोजीनेशन विन्यसाहेजनीसेवा, भे|| संजसतीगापालोनीगाना तिा राजनीणतुंजेहेनजाणसतलापाडयातणीसमयलणजे शीपासशंजेश्वशासाररसेपडा, चांभेवडी वारसागडीउर लेडीजारमागेजनागिरायाराभानभागापासनाशाशय्या पासलामेहेसी पडो परोपमोडमसुराएतेमाप छोडोभुन भहीरा एभन्नुसभांपेसीनाजसमनानाथलजंघजोलोपासनाशानगतमा विनगरीशतुंब्लगतो,भशुभात लिन रानीघाभोटाधनेश्वरी| तेहुने घजीभ धनतेहतगाणभोघापासणाशालीऽपडीलन वान्नेरवाणीनराततक्षएत्रीउभेतुन संलास्योपशर पाताणथी पस उभातेंप्रलुलन्तिननतेहनोलयानिवास्योपपासनाचाजामिनाधि मरिहंत तुंजेडछे, हीन घ्याणछेओएन्माणध्यरत्न प्रगटप्रना लुपासल,पाभीलयलंननोजेहपूनापासगापातिए in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraorg Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (२८५ ) प्रालातियुगलगनगरेनगलोरलयोप्यारेयानपंथ उरसरयाशालगनानेमांडएातृष्णाभे भीनभरे, लोगों भत्तं गाश्रयएनेकुरंगभरे,नयन पतंगासनगनाशापासनाभेलमर भरेत्र नाशारसप्ताऽस्यिसंगमरेलर उतांगनगनाशापयडेप योतुंशेऽयुंउरी पशभावभारतुंभन छालूत,न्यु निरंजन|| पावेगनगनामा पतिए ॥ अथ श्रीऋषलवस्वाभीनुंस्तवन ।। भनुप्यारा भनुप्याराऋषलवामनुप्यारा मनुष्याशामेमां उपप्रथमतीर्थर प्रथमनरेशशाप्रथभनतीवृत्तघाशाऋषलाप एनालिशया भवीनंम्नानुशलाघरभनीवाशापलगाशाच | णतईपलुभुडत्ते पोहोतााभावागभन निवाराषलगायाजानंधी धनप्रलुर्थतनी विनतिएमालपारणताराखलनाचा ति|| - Lalu भेते रागभांगावानुंस्तवनाभ भघनलये प्रलुध्यानभाग मेमांडपीपजिसरगदुविधातनभनीअथिरासुतशुणगान साभघनगाहरि हरब्रह्मापुरंधरडी रिध्यिामावत नहीओभानाचिन घनंडी भोन भयीहासभतारसडे पानभेरामघनगातार्थतने नितुम नाही पिछान्योभेरोननभगयोसजमन्ननगामजतोमधिसरीन होम्जेगाप्रमुगुएअक्षयजन्ननगाभधननाशाहीनतासना हीनभारीप्रलुतुभसभजित घनमेगाप्रलुगुणाअनुलवडेनसभाणे एमावत नहींओतांनभामधनाठानिनहीं पाया तिनहीं छुपायापा नहेगडे अनभातालीसाशीनअनुलपडीएतणसभने ओण शानभाभधनालाप्रलुशुपअनुलवयंपासलणासोनोनरहे। म्यानमेगवायउनसउहे मोहभायाजालतलीयोभेघनभामगापा JE Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlerg Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २६९ , एजेसोज्ञान जियारीमजघुसोज्ञानाजियारीगरोरा षजेएनारीमणघुगाजमनडे घरनाहाती धोतीहान्नेगी घरयेना सीरेखभापड पडलहरे तरजमापभापडेलीमेसोग्गा पाससरोमभावषाणोलोणो सासुजाणाचारीशापीयुल सभा रोपोहोटे पारएप हुँअसावनहारीमेसोगाशानहीं हुपरणीनही कुंउंचारीपुत्रनपाचन हारीगणीघनओ में रोनही छोड्योगन हनुषाणउंचारीशानेसोगाउाहरिहीपभेजाटजटुसीशनयो। शीतणाशापरतीओछेडोभालडीपीछोडीतोमेनसोडलराणीशप जेसोगानाणगन भंडणभेगायवीजाएगावसुघाघनभाएीरेसने सुनोनावखुणावणीवेण्ड मभरीत पाशानेसोगापानहीन्न सासरीनेनहीनणपीयरीनापीयुलछी सेन मिणशामानं घनउ सुनोलाई साघुान्योतसेंन्योत भिलाशानेसोगारा। रागमेश्वीराज्यालरोसातना मजघुगलिन्न रूप छिनलिन घामजघुनामांडणीछिनभेताताछिनमेसीशनिमेनुजाप्या सानिभेरंऽरतेशनाछिनमें इर्षणासाामजघुगावातीर्थ रथक्रीजणध्वामियंघरएिंधामसुरसुरवर साभानिनशान म्यारापारानिंघाजजघुगाशासंसारीलयपुगवरातपुग़ल धर्मप्रचाराायासंगततेन्नमभरणगएन्युनणजियपतासा अजघुगागालिन्नलायपुशलतेलापर्तुअनउणअविनाशाज्ञा नसारनिन पेनांहीननमभरपुलवपाशा राजपुताना पति पभोरनगरनोभजणोन्यायारानने पीडे परन्नयासोरगाणा जीडेजावोजीनोएगुइरेयेवानीसेवाराकुंशुंनएरेला होता पपूलरीने पूने ध्यानोरुगापामाहायतणेपर हाथीजेहोपथीभाइ। वतने जेडेगा९शुन्नएरेना होतुसारो भानेतेडेगानोरुगा। Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarya Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २५७ पयारन्नुशनीयोरीषनानी॥परएयोतेपीरोने मायाकुंशुमएंरे ना होतुंहाधोयनारीने दुहेगायशामोरूणाशातीरवासेतीतय हास्युंगाससपेशान न्वागाभहावामांवडोपारधीरान्वेंनभो आयोशाओगाजामाश भारगेडोड्योानणेलस्योगति पूरी साजरेमपोरेग्मुनो पितालारीसोनावमांश्योगायोगापण अग्निमांथी भेषवरश्योगगने पोहोतापापीशाधसभा जोसामवणीवाणीगवाशामोरगाडा तिरा - - निरंननसाहीमारे सांही भेराइसामुनशतामेयांडपीपी नुभहोतीरथचनाशामभागिरिवरजा भोगाभिन्नुभश्मन्नुभमेण सामरसागमभनाये भोगानिरंन्नाशामभणुशुमणीरोनी यसीगाप्रलुगुएमांजामोहोराभानरोउन्नरसाउनेसाल्या गोशानिरंग्नगाशातुभहोमभरदेवतागाममसराछोडाउन नयोणी हाथभांशपूलरंगरोणानिरंतनगागातुभहो मोतिनी खरीशाअभएणडाभोरारूपयाडीहीमरनधि पलर शनघोरा निरंगनगाना गाता अंतरभेसभिट्योनहीं भनोणिपरमज्याधोयाशानंतन रुपाटेगासोणसएगारसलरेशरीरपशाभुजडायनेयाराम तरगावामगरमतरमवीर भगन्नाागंहीसंगभोघागात रुणाशासरसमाहाररीतननेपोसेतीरीया पलंगपरसोयारो। अंतरुणाचाहे निनघसनेमक्षयमभरपघानणनिरण्यातमा रोयानंतरगाना ति। सोयेसोचेसारीरेनगुभाध्यषहेरन नितुंग्यांसेंमाणासोरेन मेमांडणीनियरहे भेषाणीलोणीजडेण्डे भुनिन्नडूंनाउँटो। - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibreorg Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( २८८ । णीसोवेगाशानिपाउहे नमीयसीमेहाथ, भुक्तिमोरपुस|| रेहाथमेंशंसीसोवेगाशासमयसुंघरहेसुनोलाईजनीयाराजा पभुदेसारीडुजण दुनीयांसोवेगाना पतिए पाएीमें भीनपियासीरासुनसुनावतहांसीपाणीगा| टेासुजसागरसजीहोरलयोहेातुंलयोणघासीरापाएगीना एमात्मज्ञानबिननरलटताज्यामथुराज्याासीरेपपाशीनाशा भानमुनिहेमेगुइसय्यासेहेनें भिले अपिनासीरे पापीनाआप । परागगीनोळसोसोनन घरगनेरहेरे,भसें छसजसाउ रसनासोगामेदेशीसुभत घरनरहेगानशुलरिभसण रासुमतगाटेडासुभताउहेसुनभत साहेवीपतेरोनहीं जसंगशानर निगो तुंही पगालभेरेषणमनंतशामशुलन पासुभतासें सुजपाये येतनाहुभताइटिसतालीनेशानजयेतन सुभताघेरभावशिवपुरनरहेगामशुलगाशातिए - परामरीनोळसोगिरनारीनरहेगाहमनेभलण्डपस पगिरनारीगाटेमाशिवरभणी सिध्यातडीनारीतो लागेप्यारीपा नवलपडेरी प्रीतनांडीसहसाबनन्नरहेरोभागासहसाचन नई संभलीनोज्ञानयज्रलीनोशाऋषलास उठं सुनो भे रावान्यांसगशरएरहेगा एमडुंगाशा रागनीनोललोपासप्रलुलडे चरणभणजियायि तथिररहे रहेगापासगाभेसांडपीभश्वसेनवाभालझेनछ सुनीनोमन भारीशालयसागरथीनारो प्रलुरामाइभेरी रहेगापासाकोपभानभाया भतन गायोतीशभतिशय धारी Jair ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (२०) शासमेतशिजरशिरिणपरलगाशिवपुर सहे सहेरेपासनाशा घरमलन्तिसेंन्नेगुनगावाभावागभननिवारीशातीनलुवन जीयप्रलुळानसतेरोडहे उहापासगागा तिता पारागगरीनोलपोइमसेंनेह निवारीनेभ, गिरनारी जन जेगमेशाइभसेंगाटेआलिमाजिरात जिहानेमामपिशुवनही नीपोजरशालवघ्याडेजारगारथीगभेगमेशा हमसेंगालाप थडेउंगना तोऽरशीर खोये उशरेरापंपमहाव्रतन्नेगषीयो बताएउवणपहेलहेशाभसेंगाशाजिननी उरतहुंभरना रनहुँ। |पैया परतन्नेरीगासश्तेहडीही भरतगायररोयित्ततहे| सहेगाहमसेंगाडा पानिए रागानोलयोमुन्तपुरग रहेगावारीसणउरभाव खसयामुतगारेशाअविनाशीभविभरहे।परमरहे श्रीधामये सभाधान सरवांगें पीभेरे मनलसेलसेशाचारीगापाशुध्यणु ध्यमविश्ध्यरामनाहिमानंशाचीर प्रमुडेमागेगौतभामभृत तपासे रहेगावारीनाशातिए - - रशयन्यानीपचेतनसोमुनिसहेशियवासायतनगाभेलाउन पीएयरए घरतनपीठ शिरताउरतज्ञानमल्यासाोषरहिनने लिक्षासेवारहतहेगुरु पासापैतननाशापारउपायहरेछ । तोडे विषयोपासाराभारभालबहेतुन्नणीनाथेरहतणघसाये तननाशापटेशतेलावघ्याघराउरवाभोहोमिनाशाानेन जावे ध्वस्च्यनछोडेलपवासाचेतनगाजातेजनरसनां लोगवीभागा निगोधीसहेसंडासाजघालवसघणाभांलट तासहेजगरनावासायतनगाचाटुश्णसुपीओमप्राणी - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra brg Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३०० ) न उरोनिन घननाशा उहे धर्मचंदल शिवन्नवाडी॥न्ने होभेतुनअलिसाषा येतनणापत * रागाङ्गी॥जंघर्तुज्यं लूसे॥श्री न्निवरो नामाजंहाणारेडा आज अनंता बहुदुःज सहीजां।जुनेन पायोभान राजंघनाशाय रए। निनवरडे जजथे पायो । भिट्यो भन ग्खलिभाना जंहागाथाडी डीमुंनरखेड अन्नए । राजे हृध्यमांध्यान ॥जंघनाआङरलेडीगु मानगुएागावे ॥ पावे पहवीमान घणाना त राग अङ्गी ॥ जतरा दुर उरनांदुर डरनां । जे ध्यान त्रलुका घर नाजितरागाटेमानज सगपांथो निर्मण रांगत जसग निनानु सरनांजतराणाशाक्रोधमान माया परिहरनां सभक्तिसुजवर नांगजितराणाशाघन उनऊंथन ज्या उरनां । आजर खेड हिन भरनां आजतराना आज्ञान पीद्योत प्रलु पाये पडना शिवसुंधरीसुजवरनांग ॥॥ रात्रीकोटीनी हुमरी ॥ जिहानी खानलाई मोरी, नेमजण रीमोन सेता जिड़ानीगाटे शाजीनसे में खाई मोरी जाहसीमांसा साजीनसे भें खायो मेहाजिहानीणाशान्ने ग्याबुंतोलीने भोरी सुंडीया वाला॥नजाबुंतोनूटे सनेहा बिहानी गाशाखालवतुं नेजीजी हे लघ्वासजज्युं तूटे सनेहु । जिहानीणाआनथुम्हे प्रलु नेमनिनेश्वशाश्नभृत पध्मोही सेताजिहानी गाना पति॥ डोरीनी हुमरी ॥ छजीयांनाथडी, मोसें पसङ नजिसरीन्न छजीयानाटेप्राषंघाहिडडी हिरजान पाये । माहारान अंर्धयोस उभरढणाय । छजीयांगाशालाभंडण प्रलुडे शिर परराय॥माहारा नसज हेव हरे नयन्याशा छत्रीयांग शासनाउनु अवि Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3०१ ' पण सुन सर्धनेाभाहारान अंधे खावागमन निवाशाछजीनाआ 21 डोटीनी डुमरी ॥भेजना न्नेर लई, मोरी शेनजतीयांसीनो नयान्भेिजनाणारे आर्धनलव भित्र में तुमारो ॥ तिने संदेशोसीनोलया भेजनानाशानरड निगोहमे बहु दुःज पायो॥तेदुःजसो नन्नयान्नेिजनागाशाजजनोरे शरए। परएाथडी जायो॥लवनस पारडीवारशान्तेजनानाआ जेऊर ब्लेडी सेवड गुए| गावे ।। जावागम ननिवार भेजनागाना त * 2191 डोटीनी हुमरी ॥ ऋषल निन साहेजा, तोरा हरशनसें दुः जदूशाऋषलगाटेप्रातुम हरशनसें योशशी भिटत हे । मेरा पापथयां म्यूशऋषलणाशाभोर भुगट शिर छत्र जिरान्गातोरा भुजपर जर सतनूशाऋषलणाशा देश देश में पडछो तुमारो ॥ तोरीन्मत्रा भावेल रपूशाऋषलणारूपचंद उहे नाथ निरंजन । भेंतोश्यान रजडयो छुहुन्नूशाऋषलवाना ति 21. R ॥ञञोटीनी डुमरी ॥ नैना सण लघु, भेंतो निरख्या श्रीमा हिनिएांधानैनागाने मांडणी लवलव लटछतशरएगेहुंआयो जजतोराजोल भोरी सानपानैनागाशा जोरन्नतज्छु रह्योनहीं भे रोपायऊ गनरथ वा ॥ नैनागाशा रोम रोम खाए लयो मेरो ॥ज टउरमणयां लांन्गानैनाना॥ राम विष्णुध प्रभु खेहु भागत हे॥घ्या घरमडी भूस ॥ नैनाणाना त डोटीनी डुमरी ॥ कुमताएं दूर उरो, मोहे सुभता सीहावेरेशा शुभतानाटेआा चैतनता प्रगटे शुध्य मेरी ॥ तेथी उरभ जपावेरे ॥ कुमताई ॥शा दुगुरे दुहेव सुधरम हेजी ।। ताओओ जयन नलावेरे ॥ शुभतानाशा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra.org Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७०१ ) हरजसुमता घर जेसे ॥ तेथी शिवपुर न्नवेरे ॥ कुभतानाआर्धति 21 एजोटीनी ठुमरीतालेजना नेर लयो, जेसे प्रलुयरोयित्त सावलिताल तभे विषयडी संग भतन्नखोलेजनागाने मांडणी डीहर लग्नडे रएोरेगोर्ध गौवां वनमेंन्नयान्जिनानाशायारो येरे पैडी हिराईरेरे ॥ वामेत्ति चाछरवा मांहे।लेजनानाशापांयसात साहेलडीरे गाडीर्घ हिस मिस पाएपीडांरेन्नयान्जिनानाआनय वोतेनाथ पोङमांरे ॥ झेर्घ सोङ भज्या साज उरोड ॥जनागान्नावां सग्रही बरतें पड्योरेगावाओ चित्त रह्यो भेडोशान्तेजनाणापानुणा रीने भनन्नुगर्टुरेश डोर्घ डाभीने मनडामान्भेिजनानाशानानंदघन लुखेभङरेशातुमें लवि सेवोनी लगवानान्तेजनानाजा ति * डोटीनी हुभरी। घुसेवा गढ जिसमें॥ तोरो भंहिरजन्योभ हाराज घुलेवानाम्जे जांएगी। चोसुन्क होसु को हुनड्यो हेजिधभेजा वन पोशाणा घुसेवागाथा सूरन कुंड गएापत जिराने ॥ घुलेवाडी छजि यानाथा घुसेवाणाशासर हनडी अंगीयां जिराने सनडागर अवाघुलेवाणाआहेश देशडेन्त्राः जावे ॥ डेसर पढावे अपरंपारााधुसेवानानाने अन्नेडी सेवा जेभ जोते॥जावाते गभन निवाशाधुनापा रागडीमोटी॥तारीतो छ्जी न्यारी, लागे भने प्यारी, ऋपलजि हारी॥तारीगाग्ने जांएगी। प्रेसर में गरडाव रंगीलो एसुंदर रूप हितान ऋषलनाशाभस्तङ भुगर डाने सोहे झुंडसारजानुजंधडी छजीन्यारी ऋषलणाशानालिरान्न भरेहेवीडोनंहनान्लुिगला धर्म निवारी॥ऋषलगाआऋषलासतएगी आशा पूरन्ने साहेज पाठीपारीऋणान ।।हरे हुतो भोह्योरे पास निन भुजडाने भरडे आ मोह्यो हुतो निनभु Educationa International For Personal and Private Use Only Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जडाने भरगाहारेगाटेानयारसाणानेवयएसुजाणा,यित्तटुंषी पिटाप्रलल डेरीमति उरंतां,उरभनीउसतटहारेगावामुन मन लोलीलभरतपीपेरें, निनगुएउभणे जटगानापिंताभरि नुडीने राथै,होओएशयितण उटाहारेगाशानिनथुणुतांकोचाधि सहुआसपासथीपटाचणनाएीजहुसुजाएगी, भति पूरपट आहारेगामानिननेने हीसभांनभाग,तेतोलूप्यालटालाव लज्तिशुओणगस्तां, पंछितसुजडेसहारेगाचाभूतसंलवनि ||नेश्वरडेरी,नेताहण्डुहुरा नित्यलालउहेमेनिनसायो,गुरागा |गहुँखटाहारेगातिए - wrice 2 भरीरजेनायतांप्रनुल आसान ने भागोमांडणी खानेचिनशेजननांगालव अनंतणयथायोजेनापानही नाये यंहीनायनाये विद्याधररायराणोणारजेगाशारूपया हे नाथ निरंजनासायोसपासुजभेलगोगरजेगाना पति रजोगामें मुनटेण्योगोडीपारसडो,भेरोसरणलयोनि भानाभानरे भुज ज्योगोडी पारसडोभेशेगामेलाउएीराम न्यदेवनइंजोत में ध्यायोतोजेनसयोल भेरोशनाबानरेगा। लवलवलउत्तसरगेहुंआयोगमजतोरजोल भोरीलानगाभान सिताशाउमडरावननागतारनासंलणाव्योनवासामानरेगाषा पियाउहेनाथ निरंजनातारणतरएमहानगालसातुभनारए तरएमाहारानगामानरेगाचा ईति। MANTRA रजोजरोलगाघज्ञानी,लगाघज्ञानी,थंपापुरी घाटा जोगाहारेलवडी जना मोनोनावडीनाराजेसनहारतोरानाया जरोनापाहरे शरेशन्नत्रामागपूनरयेलपिलापाजारोगा - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarls Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3०४ ) शारेनवसाहेप्रनुलसें मेसीरालवलवपरपासोश्याषारोपण रजोजोरी विनंघप्यारा, निहाप्यारा निनंहामनेलग पानाजोगाभेांडपीएसुंघरपस्वरूप जिरानगानगनायाल गवानाजोगताशसरस निरज्यो लिनलघय पितुरसुन्न|| नाजोगाशाशोउसंतापभिट्योअजमेरो पायोजवियणलाए। गजोगापासणलईभोरीमानडीघडीयांसरणलयेनेनुपाए पजोगागारिशनहेजभिट्योपुरजभेरोमानधनपमराजोभ - પા/ डेरजोसमन पडीभीसभन पडीभोरे, नगमायामजनुडी एसमननामेजांऽपीशवालतुंज्याउरे भूरजानहीलरोंशापण उघडीसानणगापागाहीलाछिनलरनांहीरोतुभाशिरपरघूमेतेरेसा णमानगपाशायिनीषात भारीप्याराग्लयोतुभ भनभा जरीनणनाडा ति॥ - • , परमोहरे वित्तमें धारोप्यारे चित्तभेघावानेतीशीलहमा शाप्यारेभणचित्तमें धाशानेमांडपीपयोगळ्यनाशन गरेन नशाजयस्छणप्रपंचातीगापाहारे उपटपर चोहशेतुभा परेनरपरलवथीनऽशातीगाशाथिनंहलेभेनहीभानोतो एननम भरणलेज परोणनेतीगाउापतिा - रनोपाललाल भेरोनेभयाख्योगिरनाशामेसीलनोभे रोगामेमांडपीरान्नुसणलीअरनरेगालपाल भेरीमरन नो महारान गाडेतीनपातोरए भामेथरथरेरीपलपाल चांतीपशुवनीसुनीछेपोडासामेडेसीनाशासहसारनडी. नगलन भोललालीवांतोपंथमहाव्रतधागामेडेसीगाहरजयंत Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 304 ) लु शन्नुस विनवे ॥ालसाल मेरो होले मुक्ति में वासाने सागाच्या मेरो मनु पारसनाथ आघारा मेरोणाने मांडणी॥आलपप रलव पंछित पूरे शिव पहजे हातार रे भमेगाावाभाळडो नंहन, नेो निरज्यो ते पाभ्या लव पाररे ॥ मेरोगाशात शामणहेच खाशा पूरी ॥ सेवड नी उरो साररेशा मेरोणागात पार्क साधा पराग पीलुनी डुमरी ॥थैतन डाधीरे मिट्टी। डेरा । हांरे चैतन‍ मापड गया मुंह जिजर गयाडेशासोऽहे घर मेरारेरातिनगापा डीपर पट तें लुषएा सोड़े।लींतर जहोत अंधेराराधितनगाशान्लू डा दुनीयामेन्यूहातन घन मेरारे ॥ तनगाआनेही जरन रसेला॥जेनगडी नहीं तेरारे ॥ तनगानानवस उहे छीन छीन मतजिसरो ॥ग्जपना उरलो सवेरारे॥ तननाय पीसुनी हुमरी ॥ हारे प्रलु लन से मेरा हीस राल ॥ मेराहीलना खांडणी । जाठ पोहोरडी चौसठ घडीयां ॥ हो घडीखां निनसाकरे हारे प्रलुनाशातन पुएय ज्छु धर्म डर से मोह माया त्याणीरे॥ हांरेणाशाष्जानंघ्घन उद्देसमन समन से । खाजर जोयेगाजालशाहांरे 11311 पीसुनी हुमरी ॥हारे तुंतोन र मेहेरही डरना ये ॥हांरेगाटेशा में हुजधम पापडी भूरताभेश होषनां घरनावे ॥ हांरेणाशाष्टलवंतर मेनें डीनी ॥ नवमे लव निलाचनावे ॥हांरेगाशा रूपचंद उहे नाथ निरंन्य ना आवागमन निवारनाचे ॥हांना त साधा साधा ॥ हेरली॥ से निनडे पाये सागरे, उहीजें तोड़े देतो ॥ खे निनदे पाये सागरेशटेशनो ठाम झिरे महभातो ॥मोहनाघरीजाशुंनगरे J Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पहीजेंगाशालुल प्रीतभाजिननही छत्रीतभालुल पूलनपे। घपोलावगाउहीजेंगाशालपडाशवारी पूले निनयंघाजानंह धनपायपागाउहीगागातिए - निनसें भीतपाणीपाणीपाशीभोरी निनसंपीतषाणीटेड पाणजनतेजनभनुपायोगालाग्यशाभोरीनशीलागीनाशाज जभेपरएशरएनोरेमायोलिबलवलावहलांशीरापाशीनाशपा श्रीयिताभनपूनरंतजाभायाभुतमजभागीलाणीगाडा ull | एविसरी विसरी विसरीरे रानजंसी गाडीउभरिसरीशान शीजथवा भारोचीरयोचनभाणीसाशीरालागीतेरे घराठी जुभारीयां,पाणीतेरेगारेडलांग तूरोभुनेश्नलायेपनिन| शुषनिसारीयांशवाणीमाताज्ञानजानलरीलरीभागाभारीभो हिमटारीमारेरालागीगाशातुंतुंउरताभगनलयोऐपपपंता पीयाचारीयांगालागीगाउमातिए mvart राणपतीन देशीभीलापना भीखावनाभीलावनाराागोडील|| शेशभीलावनाटेाजनुलवमेवालन्सेलुलाणन मोहेचा रश जायनारोगोडीलगातानंतरयामीनंतर निरज्योयोधरिश नसुजपाचनागाणोडीलगाशारामविष्णुघउ निनप्रलुप्यारात नहाताप भिरारनागाणोडीलगाया पता ‘ालनसे भनुपाणोजी पारसमलखेगाटेआभनष पाया लगायखोयगाणंडसऽसलमा रसगलनखेगापामलय नयोदुःजसनहरसोरापूर रोलरिमारसगमनखेगाशाानतष्ण विहरजजधावपाभ्यालेनरनारस गलनलेगाउपातिाप Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ al (७०७ तुंब्णमाहेटीयोसोभन्नुतुंगभांई टीवी पटेगातीन नगर डिलाच प्रजासता नपवननछीयोगाभोप्रलुगातुम नाहीन गवाहअनुपमपतेखऽपूरनपीवोमोनुगाशा व विनयप्रलुथा रएशरएजाजहोतजस्सपिरंलामोपलुगा पति मानसोल टीवजागभेनिनल भोशामागाटेडगायु नयुनऽसीयांनोरे चरऐपढाणुएगाईंगिनतोशरागालिन लगातानानिरान्न भटेवीओनंहनानुगताधनीवारनारोगनिन लाशासवड निनलशुभरनउरत हैमानव पारणतारनारेण निनलगाउमातिा भेतो तोरीमानही महिभागणी॥ तोगाटेगाायलवा नियमेहीलचलभंतागयजोत पुजघनीभेतोपामेसी भाषाभेजहोतसुनीहालैनपुरानजजानीभेतोगाशालूघरसे वाणही गमभनयऊ तुभानी तोगा। पति॥ पनिनलसेंहभारीखशनलशीनिनळगाटेाजनजजन पभसुरत निनडीजतसुरतयित्तमरीग्निलगाता भोतनलाषा उहेरेअपनसेंगापरणभणपरपित्तघरी लिनलगाशा रातिए । भागेरह्योधीपषागासुनप्याराग्निल भामेन्य टेसायुनयुनषिमातोरे चरऐ चढागायुएमनंतानोशरागों पसुनगाताभरचीननमाहिनिनेश्वशाजेसजनंतानोराराण) सुनगाशापयंट हेनाथ निरंजनान्युं विऽसितयनशणासुन गमनपतिनलो,तुभटेजोभाणामननगाभेांऽपीप . Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३०८ ) एणनडे मागेभोरेसजणगेपटीसे भोगेशचातुमलोगापा ||सोयनणाअमृतज्योणाभुजगोमतिनीपतुभाशानी विनसविनयकेनेप्रलुसापोनेभल बिलुवनटीचातुभनाडा | मनजन्योत मेरे लिनडातुमटेजोभाणामनगारेड पासूरन कोऽऽगीगाहोऽनभावे भेराप्रलुशीतुभटेनोन पशानगमगन्योतनडापागेनाशोलाषीलवरएजीतुमगाशएं हारविनयप्रलुपासशजेश्वशानाशा पूरो भेरे भनातुभगा। जिसर मतनाम निनालाजिसरणारेलापलुलडो नाभार्थिताभन सरिजोनिर्भणनामसानीगाणिसगाताना निशया भटेवीनंन्नानीनलुवनशिरहेटीमोजिसरणाशा यतुरशणरंगयोणशंशयोमेरहेरंगपतंगोनिसरुगए सजराहुघारमें धुंडशिशानिराजन भीरासांवरीया जेशीलींगोटीनी डुमराजानडीणीन्नरजनी,गोडीपास निनेसरडे लंगडीटेगाडेसरयन थरथुजंगाजियभाहेजुरीशु वाजनीशभानहीनतान्योततेरोभुजडो जिरानगातेरेजानी अन्नणषतिहारीमानीगाशाउहे भयंप्रलुसापोण पूनउरोजेनिनेसरीमानडीगाशा गति। | mrare ... . | लींजोटीनी इमरीसमेतशिजस्थायोनजेंभोरीसननी। समेतगाटेआदेशराउन्नत्रासावाजतिसुजमतिसुजयहीन जेभोरीसननीसमेतनापावीसेढूंजे वीसानिनेश्वशाहीनेपा वनयभीरीसननीसभेतमाशाभनजयजयापक्षिणा उशामुक्ति पापपहीजें भोरीसननीसमेतगाजा पति Jaimducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७०० हेजरन्नेरी भोरीजध्यांमशेरीगाभेशीमडुंगरप्यारो में मोतीडेचघाचुरेगाडुंगरगाटेडाडुंगरसित पापभिस्तगिरि नरजितमानध्याणरोगरगाशाउरे अंडरे सिध्याअनंतन माप्निाथताएगाणगाडुंगरगाशासूरनपुंडनारी निरभणय जेउरीपूलजांगीरपाचुरुंगरगाजाहाथीपोण जरिएंत ने शापरीनैवेलावनात्यायुंगडुंगरुपाचानयुष्याएऽपि विपनोपापड हाप्रध्याथी सभडित पाचुंगडुंगरगापा पति नारंगानी टुंडे मुकुंभानशुभानरातारंगागाटेाभूपनाया। लहोमानित तिने पशासोहेरेई भेरसभानगातारंगागागाउंसर यहननगर उपूर घुपारी पूलवधारोनीवानशातारंगानाशाजां गीरथी पंपुष्पावरती उरणीमोनी शुलध्यानगातारंगागाउप नथुत्याए विटीपनोभावहाभूडीभनगावोनीज्ञानवानारंगा गन्नुवोभोरीसैरोहीपेगोडीयाल उंचावन्नुवोगाटेशावरजडी मेभलुभापजिशनगाडाने देवाधि चारानुयोगापाडेसरथन लरीरे ज्योणांगलेणीशुलगंधजरासन्नयोगाशाजांशीस योमोगरन्नसुनवापूलठरोनीनवजंगेंशब्नुवोगाआनघुडल्याण उविधीपनीपापड उहाध्याथीसभडितपापुंगानुयोगाना । गठसारानुसउहेनायगमे,साथपरहरी नहीगर्न मेरी|| गर्न,उछुीलमेघरीरानुसगावातेरेशीमेंतरशी,हेजुंभेहेन सपर पढीपजीनाथसायन्नन,भेरीमजीओं मीरानुषगाशा आयो तोरनसें शिरायो,ग्यशाभनेवाडीनी पशुवन भेर और जापेठ्याउरीपरान्नुलगागाभाहलवडीनणीभीतरीतील ना नरीजानपभेलवन्गालोगगये जिसरीतारानुसगाना Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3१० ) जेडीरानुषनार,पीनी शिववधूवरीमाउसुतप्रलुघास, पित्तय रएसें घरीरान्नुपणापा पति रागसोराहारे हरीयाणोडुंगरप्यारोपटेाऽत घुऽतणा मिगिरनारेभिलयोनेभप्यारोरेहरेगापासासापनी उँनगष्य नाषीपोछे संभलारोशाहांरेगाशा पंघाउहे हेतें निनवराए मालपथी मुनेतारोगाहारेगामाता राणसोरहगारावरीजधार्थ जानेगानांडणीरासरणा शिरनोजतलानेगानन्युंगानेशारानरीगापाचणी भिन सभंशलणावशाभीतीयनथोड पुरावेशारानरीगाशासेवउप्रलुल शुगरनउरेछापिराडीसेवाप्यारीपागेणारानीगाठा पराशहागानानिरानघरन्न,सजभिषतजधा मानानिगाटेनानिरालाई पुत्रलयोसजसजीयन भिस भंगषणाणासजनाशाचणी भिषभंगलगायेगमोतीयन थोड़ पुराणासमगाशाश्रीमाहीपर घरिशनरोगपछी विनयशुगुणाई - सना॥ राणजभायाईसलामखान हरजहयामांपागामेंगा बुंभान उससाभामेऽएाघेपरन्डीने मरनडरपण भारा भननी साथीहुंछडाशिवनगरी रार भागुंगानु मईंधनेश्वरीब्मणीलधुण्डागारातुभतोचणासो लिने श्वशातीनलुपनोतुभहोनरेशराप्रललई यढतापंटनन्स सातुंहेष्ब्रह्मानेतुंहे महेश्वर रागाशातात मन्यसेन वाभाडे रेन्नयापासलुनिनेसररायाभाशरे भनएंजातुमलाया परंगउहे शिवसेनेकुंभायागउगाउरा पता Jaleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २). ( १ ) शामिलासाघंटजाने घनननननलोऽहुजलयोपण |घंटगाननभेचर्यभानचरा नित्यराशतनननननाघंटगाामरगा तापशुराणिशालानपरीनाअनननननाघंटगाशा पथहरागरं गाशतध्यान मशनननननाघंटना तिरा रजोगतान योरे शामणीभाजीडीपाननीजीडीपा ननडीरेहीलनननमालेतानाटेडगाथारेयुनालविंगसोपारीवारी/ तेराधीपन्नननडीएतागापाताल भृटंगसरणासशेधाजालन नीरंगताननीखेतानाशासहस्पयनडी मुनगसनालागीजरीशुलध्याननीतागाठाउहे नथुमलुघर्भप्रमाशिनापुंजविहए रीडेचणज्ञाननडीसेतागाचा ति॥ । - राणपिलासालुलोधरिशन पायोभागभेवाप्रलुलअधरिशन पायोपटेआवंछित पूरपासथिताभणाजत दुरित गभायोमानापामोहनीभूरत महिभासागरातीरतिसजन्नुग शमोगाभानगाशालानुयंप्रलुसणसंगानंहअपिडी पायोमालगाडा ति। मैंने तुमसें यारीमनीवे सुघररभयानेगानांडणी एजेसतर्थकघरतमंगतीपशासारंगधनुषयरयाणाअभनी पूरपासघणाभित्ररैया शेणसुघरुणातानंतरगिरिभोग्ने जांपरेतापातापेशापतरैयामाप पसे शिवसुंधरी बिहामना यानिधनरैयाहोपसुघरनाशापडाहतोरे संगयासुंशी शिदनगरीमें भैयाइपचिन्यउहेनेभरिनेश्वशासन निघतुमा उरैयाहोणसुघरामा पनि। - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३१२ ) राग उयाए।साजी॥लते थे प्रभु भीसनडुं । जियभे घेरयो. ज्ञानाने उंथन पूल डामिनी ।सें होय उल्यान ।शा *तास सुराणा डायडुंब्लेडन माया ॥ समन मनाभेङ्गंलेडत माया॥टेआखेड हिन चेतन पीठडे यससी ॥ पडी रहेगी तेरी आयातसम नगाशाधन उन उंथेन वाडी हवेली | साज रोड उमाया।ज्या सेनाया ज्या सेन्नयगा । सोर्घ जात नहीं पाया । सभन नाशाहांसे आया मं हान्नवेशा॥नाहु लश्भ लुसाया । उल्याए। विभण मलु ऋषल स्मर राथी । रिध्धि जनंती पाया। समन्ना छत राग उल्याए । ग्यान जिधार तथा ग्यान जियार, सभन सभ नळयाग्यान जियाशाने मांडणी ॥ जे ंत्या तो पांये ंत्यारापां यो पांच हन्नशाश्ने पलङमें सजन्युगलंत्या ठिीतर गये लव पार समननाशायानो जान लर लर भारे ॥ जडे मतवाणाश्याम ॥पि यह म्हेनाथ निरंनन ।नापही खाप सरहाशासमननाशा पार्धति राग उष्याणान्नगी अनुभव प्रीत सोहागनलगीणाटेशा हरिशन हेजी पास निएांडी ॥ लाग्य घ्शा मोरी लगी ॥ अनुलका ॥शानंतरिङ प्रलुपास निनेश्वशापासगोडी सहे लागी।।ग्ननुलव आशाभस्तङ मुकुटडाने सोहे कुंडणा जान्नु जंघडी छजीन्यारी॥अनु लव आपसंह हरिशन हीनें गालव लव लावह लांगी॥अनुलक 11811 नंगसानो टपो॥ अनुलव न्योतिरे नगी छे, ही रहे हमारे शालवा अनुलवन्त्योति रेनगी छोटेझाडुमता मुष्टिसखन डाहाङरनी॥सु मता हमारी सभी छे । ही रहेगा मोहु मिथ्यातडी टेङनभाणाल पपरणीत न्युंपणी छगा ही रहेगाशा यिहानंद जैसे निनडे लग्नसे आजपण अजाघ सगी छे । ही रहेगा आ र्धति॥ Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ inite (313) रंगसानो टपो॥मति मुरिलो संग, तन मन हुभति कुरिसमे संगातिन्नाटेझान्नडे संगत कुजुषि पीपन्तापडत लग्न में लंगातन्नाशाजैवानेसें उपर युगत है । श्वान नसावत गंगात नभननाशाजरडुंडाहा अरगन्न सेपना भुगर खालूषए। अंगातिन आआअहारे लयो पय पानं उरतां ॥ विषहुन तन्त लोरंगातननाना आनंदघन प्रलुडारी अमलियां । चिढत न दून्ने रे रंगातननाचा मरा राग नंगलो॥ छोड मायालसरे, भन तुं छोड भायान्नता छो डवाटेमालभर पीड जग जाग्ने जेड ।।नराडे रजवास ॥भिनगाशाजा से जांधी शिला शिरपराजये देताङ्गाणामनगाशात चैतनश्चैतमा नेपाघडी घडीयासमनणाआभात तातं जोर लात लाभिनी।सछी डेसेवाशाभनगानान्निरान संग यस्योपीवेजी, प्रभुनाभ संलाणवभनगामाजीतराग अड्डा उह्यो । जात प्रगट नीहा शाभननाशा सोन उर सुज होने ध्यानतें ॥ शुध्य अनुलव सार ॥ भनणाजा ॥ प्रे रागनंगलो॥शावरागुएरा गागरे, प्याराऋषल डेसरीयाशा मराणाटेझाडेसर पंहन लरी ज्योणी। मांहे जरास लेणायुं शाप्यारा शाडाने मुंडण अधिङ जिराने ।। भस्तम्भुगट घरावुरेश प्यारानाशा सुनसुन उसीयां पंथ जरनडे । शिरपर सेरा घरापुंरे ॥ प्यारानाआऋषलास उहे तुही नगत में ॥ २ए। कुंभण नित्य माहुरे ॥ प्यारानाना साधा. ॥राग नंगली ॥ जरल शीडारी खापो । सेवा जमली श्लगारेझाडास अनंत हुं दुःज जहु पायो॥ मज तो सुपी निनवाए जलनाशावाएगी सुनत भारंभन समन्नयुं ॥निनवर प्रलुडुं पिछा नी॥जरलणाशा ॥धति॥ Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3१४ ) - परागपनजीपासमलनिन रायाजोडीतलायामेरासांही पासनाटेडातनभन मेरोसनहीणतस्योरालयाभेभानहपायाग मोहीसगावामजीयां भेरीमललउँ निरजाताना थैतानपनया एमोहीसगाशाउन्नेडी पत्नुलजंनाउरगन्यायसागर गए। गायामोहीसा तिा - राणपंन्ननीश्रीनिन पासघ्याणगाभेरानेहेताश्रीनि नपासातुंसानीलाराषगाभेरानेहयाश्रीग्निनामेऽएगा। सडीऽनतुंहीमयान्युंचीते घ्याणालगागापामश्वसेननननण पंहनामालखालावणानाशाहरजपंसेवअपननगाभि टिलवन्नणाषणाला पनि राराणपूर्वी शीशतथाशे भोरी दीनानाथ शीणतियाशेभोरी पटेमामीने जाने हुंघणुघायोउरभडीघालाहीनानाथर शाजेवाने भारंभनललयायुगाउंपनजीलनारीगानागाशा शिदेशांतरडुलभीमाव्योनानी नयीजारीशाधीनानागा तांगयोननमारोगालातिननएीतुभारीरेणीनानागालसा गरमांतारो घसजुडेछाश्रीपार्श्वनाथलेतारीशीनागापाप रणोडूंगरलताहेपाहाडीयां,जता पाहाडीयांप तोपूनम र पारशनाथाडूंगरगामेमांडपीएशश नत्रामायरामधुनन नभेडीमोऐभुडामाडुंगरुपाभासपाससमज्ञानी ध्यानीरानिय में निराने माहारानगाडूंगाणाशासनामारेसीतारेनाणानसरो मनीगाडूंगरगाशासोनाजी जारी गंगारणपापलुलडे पर एपणापाडूंगरगानामवणल्बमसाबुनलुलनीपूलरमा डूंगरगापालभीपंहउसाहेजसायीशिवपुरभेनिश्वाएडूंगरग - - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३१५ ) रजो॥थें पीयान्लभत थासो, थानेश्वरन उई उन्नेालला लपीयाजरन हुई उरले गायेंगा भुनसरिजी नहीं सुंहरीरे॥तुभम तन्नजो छोडायें गाशानुंभे हमारा वासहारे ॥ छोतुंभे शिश्राभोडा येंगाशाश्जेसो अवसर दिए नहीं खावे ॥ज्युं उरो होडा होजायेंगाआ सायुं ध्यान हृध्यमां धारो । भोटा उरभने भोड गायें गानामायाल वनड्डा जेन नश है । शुभान उड़े उरन्लेड आयेंगाचा ॥ ॥ श्र राग धन्याश्री ॥ प्रलुल भोरी नेननमें जसरो॥ प्रलुलगाटेशा नालिराम भरेहेवीडी नंहना शुम्स ध्यानडी घरैया। मलुलनाशान पछरानाथै उन्नर गुएागावे ॥ भुजसें जोसे थाथैया थाथैयापलुल ॥शाभृहंगडी ढिभम् सुनी, ननरंगहित मध्यो। जेहेर जेहेरसेताज सैया ॥ पलुन्छ |आर्धतनी जरन सुनी, अमृत ननरलरी ॥ कुशण उल्याएर उरैया ॥ प्रलुकणाचा राग धन्याश्री पोताणो ॥ शांति निनेश्वर साहेजारे तीन लु वनडो महिमा छाने।शांतिगाने मांडणी ॥ धमाएगी यारे दुवारे अश्ब्लेडी उरते मनुहारे। शांति गाशा मोहनी भूरत सागे प्यारी॥जेहे र जेहेर में निरजुं निहाली शांतिनाशाअंति विनय उद्देसाईजमेरा लवलव पराशरएा भोग्ने ते शशांति नआति า राग जेहागाशीयन नित्य पाणो प्राणी॥शीयण घरभट्ठोभूणरेशाशीयणगावेशाशीयण सती सीताजे पाण्यं ॥ अग्निकुंडलयो पाणीरे ॥शीयणनाशाशीयण सती सुलहानें पाप्युपायासएसी में ल रसीखो पाएगीरे ॥शीयणनाशाशीयणशेठ सुध्र्शन पाण्युंग शूजीथ विमानरे॥शीयणना आहान शीयणसंनभवत पाप्युपाशिव सुजनावरा घनी राशीयणनान्याशीयणतन्यो संघपति रावएा, पोहोतो नरहनी हाएगी। गंग तुभशीयसभन्ने लवित्नावे, पावो शिवपुर ठाएगी॥शीयमनाचण Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar org Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९ रागजेहागारजान्नोटारे निउण्यासाशनगणनहीं साध रजाननाटेडाध्यापुड्याभाईजाणुराज्याजेटीच्याघोरागाध्य जाननासाहयगयउरपीशेयरपरणीज्या मोटाछोटारे एनीमण्यानाशाज्यापूवघ्याणत्तरपंथाक्षिएपश्चिमलोटा निडण्यागामाज्ञानसार रजातनामयातेसिध्यसनोयरोनिया ॥ ॥ राणसोरगिरनारीभुने चाहापोलागेछेडछशनरोटेघर पभुनेगाभेशांणीनानिरायाभरटेचीमनंघोलानीनलुगा नसीरघराभुनेगापामुगर अनुपमहीरेनडयोछेलाडणभुप्ता हामुनेगाशाजाप्लुतरूपचनूप विषोहिताणपन्तलापमपप शाभुनेगाडा सेहेन्ननंहसी छजीपेजतपपायोलवल्सपारा ॥४॥ तालयोनाणोगभेनेराणापयनडोउरे तोलागगनको ज्य भूसाारचीओउरेहीडोसासोओनरगापचन गाटेगापथरओ जनेसूताजंछे पडापूताघटमेंन जोसेलूतावागेन घरे पवनगाशाजीगतीसे अजेया हूं चलावेरापासमुण्डोषा वणहानीरलरालरशीपचनगावाजोहिनीषीरातापानी ओनभातनातामुतनीजताचोषातानसभेरागुशापवनगाचार गजाननुतीरोधरिशनपायोगायटउरभनोजंघभिटायोप जागाजांडपीपरिशनरेजी हिउँहरज्युरासुजसागरणस सायोगमनपसूरतभूरतजीप्यारीयभरचढणायोगासागर एषाध्यानपरंसुभनिसेंयेताभति पूर भिटायोगालाग्यीयथा योनामाआपणोरतनर्षितामणिपायोजानाशाहनपंध उहेसाहेजहभाशालाजयोराशी भिटामोलापतरेयोश्नहुंना गाशिवरभणी पापायोगमानगागा तिा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ yol ( 3१७ ) __ शेषश्यारेभोरासाहेजातोरीशाभणीसुरतपरवारीनीं। शाशेषगामेमांउएगीतासरणभानघडी हेभेरी तोहेजीधरिश हजाणगाशेषनातामुन भनलगनषगीतोसुंगमरे तोचअपर नहींध्यारोशेषगाशातुभएडोडशोपारनपाणामेनोण पभाऊहीजतषाणगाशेषनागाजियमें उभणषिनिरणतसुंदर गभेतोरोभरोमणससाणगाशेषनाचारितिसागर हेलवलव तारोगा तो भोन मेरे नित्यपाठणगाशेषगापा ति। लवाचाल तेरारिशनपायालध्वगुरागायारे लिसागाटेातारेनहालसमुहमांजारोशनिवारेलपलबजाउन सरीयानीशाभणीभूरत पपपजतषायारोलिसागापालवल पलटत्तोरेशरऐजायोलानरजोलुमोरीगाउंछणसेवाला वलवतारोमालवथीभुन तारोरेपलसाणाशाउन्नेडीसेवऽणुए। गावातुभस्वामीणेसापागामधेश मुनिहरिशनभावऋषल चिगुणगापेशललानाशा तिता ॥ अथ श्रीशंजेश्वरपार्श्वनाथनुंस्तवन ।। तारानेनारे प्याषाप्रेमनालस्याछाहोघ्यारसनालयाचे जमीशंटनालस्याछाहोतारागाटेगाने डोई तारीननरयडीमावे पारनतेनासणसस्या ।। होतारागानगर थर्णपाताणथीत्र लुथनिध्वनांपुजपूर त्यांनाहोतारागाशापनंगपती पापऽथी| जियायोनिम भरालयतेनाहत्यांनाहीतारागाआपतितपा वनशरणागततुंही रिशनीडेभारापितांऽत्यांछेसहोनारान पात्रीशंजेश्वरपासंनिनेश्वशातुन पहपंत मानथीपस्या होतारागापालेओतुननेध्यानेघ्यावेजमृतसुजनारंगथीपत्त्यात छाहोताराणा पति in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 36 ) 'परागभाशाव मेशहोरिननवमेश हो।'एयसंन्मेशेड्पा भीमोगप्रमुधरिशनतेशहोरिजननाशाचोराशीषजहुंलन्योप प्रिलुलवनाशहो। पुजअनंता सह्यांप्रनुत्यांहाजोतेराहो रिजणगाशापरणनछोडुताहेशास्वाभीमबडीवेणाहोसमयसं रहेनगास्वाभीएलखेराहोरिजजगागा ईति॥ । भापीया गिरथलेगोगाजजज्यामेराहोमेगातिनला पीयालपाटेशामेरेसेंधूडोनहींपरीहेगनेभल गयीलणगधी गाजजनापारातचिसमुनेनीहनहीं जातीध्यास घरनी पतेरेगामजगाशाउऐसुतलुघसरनोब्लेडीशनुला निमलसाथगजेगजेशागजगातिा पार र उरउरउरउर उनीजनताशामवसर भी नहीं आयातुंभानने मुभाशाउनातामाधुरधुमनुष्यनुतनभर नेप्याशारीमउभजांधीनाज्युंघटीजाशाउरणाशाभा यानाअंघाशमाही, पाण्युंतुनेखाशाजाराने भी९उरीने भीकुंज्यु जाशाउरगाआसुतने घरासंबंधी भणीखूटे पाशान्नेमणेतुने ज्ञान नावातोभणेईमाशाउमानासशुश्नासायजिनाभिटेनजी घाशाउहे सुतप्रनुस, अपिऊसाईसाशाउरणापा ति। एप | रागवीतुंजिनामोरनन्नथुनिएंशयातुंगाटेगाने भो रिभननिये डीनोभेमांउछुनहीं मथुनिएंजनातापरएउभणप रपंच मनभेरोगामनुलवरसलरयाजुंगानंतररंगमभृतरसपा ज्योमेचयनमनसायुगनिहगाशानसप्रलुध्यायोभाहरसपा योगमवररसनहींरायाअंतरंग श्यो घरशनतेशातुनशुगर ससंगमायुगरिएंशयतुंजिनमोरनलयानि गागाति ।। Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3१८ ) राणाशाजतही पित्त पोरतीयोहे।शामडोनाभश्ये भो मे अहोनिशाशामविनाउहाजनलयोपजतमाशासिध्धिवघडेसी नमुनछोडीपशुक्न शिर घेषीयोपरडीपीरनन्नऐतासोर रसायोनेनेहडीयोएटेजतगाशापान में प्रानपियामिनावना हथेभोगेछनहीयोगनशमलनेभी भिते जास्योपरान्नुपन शिवसुजलभृत पीयोजितगाउाछति | रागधन्याश्रीनिन तेरे चरएडी शरणानिनगाटेगा हध्यउभणमें ध्यान घरतर्छाशिरतुन माणवकुंानिनगागातुन सरजोलचजलाप नाही उतुंगनेरेशुननी नपुंनपन |माणामहो निशपापहुंानिनगाशा मेरे भनीतुमन्नयोध्या। भुजेजोहोताऽहेनशविन्यउरोतुभसाहेजान्युनयःजन सहुनिनतेरे पराजीनापति - राणघन्याश्रीरापरभाइबैनहोउमहोपरमगाणुरोप ||श रिनारे भूटाराप्रशननविणोपेपरमगाताहत पानिपिस मनसनीषा भेषनेपोवराजाहिरपापभयभंगनपाराशुष्य पनिनन्नेगा परमनाशास्यावाहपूरनन्नेन्ननेनियालितनश पायाशुए पर्यायवनेषुळे सोनसापाएपरमगाराशि या मूठभतिने अज्ञानीचाले पालमपूडी[नशाणनभांहीन नाही हे सोसपहीनूही परमगामापर परणिति अपनी उरीमा नारियागर घेहुलीगणननउठो ज्युउहीनोसोभूरजभांपे हसो पश्भगापानलावज्ञानीसजभांहीराशिव साधनसरहिम नाभलेनशुंजभनसीडेलावणधारहीनोपरभगाताज्ञानस उणनयसाधन साधोकियाज्ञानडी घसी।कियाउरत परतुहेमा भतायाहीगसेमें शंसी परभगाणाक्रियाजिनाज्ञाननही उजा - in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg . Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३२० ) पक्रियाज्ञान जिन नाही किया ज्ञानोण भिसउर रहतुंगन्युनसर ||सनसभांहीपरभगायाकिया भगनताजाहिरीसेज्ञानसगति | निशलांगासणु सिणसुनेनहीं उजडामोन्नन्नतेंषानेगापरभान सातत्वजुद्दि निनडीपरिएतीहेसससूत्रडी धुपीवानगन्सवा। वणनहीओपनशानसर्गशीरापरभगानाति - रागपन्याश्री जैन जिसीडोभितशतभे, जैन डिसीभितन एम्ने आयीभात तातोरन्नतसन्नसोहीरहेत निर्षितानन गतभेगाशासनही अपने स्वारथडे हैं। परमाश्य नहीं पीतास्वारया पिनसे सगोनहोसीभिनाभनभे पितानगताशाणउचखेगोमा पभेडीखोगतुंही तुंसुविहितानहीनेरोनहीजीसडोमेन नाहिरीतानगतगाडातातेंमेलगवानलननडीराजोभनमें चिंताग्यानसार हे मेघनाशरीगायोमातभगीतानगतगान राणनासुजघरे सुजणाघोपासल सुजाणाने सोसाहिजनहीं जेनगोसेवाजीनेहीसमागासुजनाशासजसु जाई मेहनीनायकाहीसायन्सुसहाणाविरघुउरेशंउरस्थ रिसोगामापेसापनी राणासुजनाशाभंगण रंगवलुध्या नापापखन्नयउरमाणाशीतणता प्रगटे घटगंतशामिटे मोड़ गरभागासुजगागाउहाईसुरतर चिंतामणिचान्ने प्रलुन सेवा पाणाश्रीनशपिल्याहे रिशनज्यो घरमांगननव निधि जाणासुजघर्षगाना तिरा रामजीसथ्योसाहिल पायोटेजापुर मोरनहोवेभपना पन्नेटीने घरमायोगसंपनिणपनीक्षणभंगावेतोघीसमेंध्यायो एमजामोरनडीननश्तयारी पूरटेशपणघासाअंतर - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ECON ( ७२१ , लभीयाने पीसेवेतो अपनीपासरामनगाशामोरजकुंओणारनमें प्योराजतीपायनतूंसायिधनंमें भगन रहतुंशावेतोढुन साजजनाजानोरनडी यिंतापित्तनभिटेगासजहिनन्नवाथि तारापूरए सुजजेसावेतोजपनीलायेएमजगाचापराधीन हिलोगोमातेताहोत पियोगी सासिध्यसभ शुष्यविलासी वेती निन शुए लोणीरामजापान्मुन्नयोत्युंजगन्नन्ननो मेंतो सेवजीनो पक्षपात तो परशुहोगशाघरनपुंशुनगो सजागाहामावभेऊहे सजयानी भूरजलेनलावामपन नोसाहिमन्नेपहिछाना सोनशलीलापावामनगाणा पीसुनीभरीराप्रलपासथिताभन भेशेाहारे प्रमुगाटे गए भिलगयोहीरोनेभिटगयो रोगनाभनपुंनित्यतेरोगहारे पलुना पापीतवाणी भेरीपत्नुसें प्यारीगानेसोथोरोशाहारे प्रलुगए शाजानंघन भन्नुपरणशरणाहाबहुत हीमोमुन्तिोडेरोशाहांच "एसोनिनघासन्नूहोरेन्नूहोचाने सीलाइडीयानोगा|| नसाभे पणनहीलरतोगाण्यानहैयाशेपूटोगसुधाग्यो सुघरेनहीच उतांगानेसोपडओडोमोनिनघसनावशालयवागरावाणु एनहीं मायारारोहीपडयोहोपोडासुनउरलोडपूलता अलणाणडोहोरामो निनासनाशापंडितशीचोमनपा पाथेयोनहीं हैया योगासायानरोसंगनउरतोपडऊपटनहीं यूटोमोबिनधासगांजान्नूहोहीणोते. होडीपाखापट रेजे उ भूहोसायोमेमसार जामिनास सणसुरोगायोलियाच्या ____ n - - मोवांससीवेराथसागीरे मननीनारनाम्जेशीर मोप्रीतमलप्रीतीरीत जनीततलपित्तपारीमानोवालमला Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraring - Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३२२ । वयनतगोमतिणजे भरमा विधारीगामेमांडणीतु भति घरन्नमीछानिनणनेजोट लगामेछाघिनेहनगती| जामीछानोत्रीनभन्नाशतभेत्यागमभी विषपीयोछोएछ गतिनो भागलीयोजनेतोजान जन्नुगतोडीयोगशोभीतभन लगाशाखेतोभोहरायडीयटीछाशियसंपनिमाथीछेटीछाने तोसाउरतेंगलपेटीछामोप्रीतमनाशाजेशंगभेरे भनभावी छाडीन विधोभन पित्तलावीछाओतोहरानगपापीछे जोप्रीतमलगाजासरियितुभारीजायेछाउरीजभएभता लरभागेचातुमें पुएयन्ने0जे पाजेशाजोप्रीतमलगायाम तमांजान जातीलजोचोजिनुपम लव पिश्थानविजोवोजना जोनयनप्रगटन्नेबाजोपीतभळगादानविधसभताजह सभन्नमाणुएमवगुणुउही सणशाभासुणि विधानं निन्न घरभागमोप्रीतमलगाणा ति। घटारान्नुस पोपरेनेमपीयाजेसीज्याऽरी,तुमा थिखेको धूलहमसे ज्यापारान्नुमायामपना बन जाय भेरा भनषीयाहरी, तरसायो पखेहमारायित्तषीयाजिस घरानुन पशाहारेजीमासठी निराशणघासीनसें लगाळ्याजसनहीं हमाराधीनम प्रेमभे परीवारान्नुशागाहारे हमसें रह्योनन्नयप्रीत भतुभानिनाघरी,संगपीलयें ध्यासपाघजारीपरान्नुगा रातानिशिदिनतुभाशनामभेषणीध्यानीडी, हेयरपिनन यराय मनुचिरा पडीधारानुगापातिता - मुनरो भानीने सीने हो,गोडी राय भरन एणीने भहारो एभुगाहपारेडान गरी सेवाइंसिलर रिशए पीने होएगोडील पातुंअविनाशी नंतर वसिमोनेलिन पतीने होणोडीग Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३२३) शुगनिधि गोडी हिलमां घरतां, सहल भनोरथ सीने हो ।गोडी. आप विजुघनो मोहन पलो, प्रह डीडीने प्रएामीनें हो। गोडीव ॥म ॥ ज्याला जटडे नेएल निन धरएगा। खरडेनासांस रेल घडी पलुडुं निरजुं, पैराभल चित्त यट ने एनानटडेट आशा यह धडोरडी प्रीत सभी है, वरत यढे नि सोनट आजटडेगा ॥शाडाहा अनुराग लगें भन्नु जेसें, न्यू निरभल पित्त पटडेरडे आनवस उद्देश्जजलयोरे पवित्र, प्रलुरस पीघो घटनटना साधा साय ॥ राग सोरणा जज हुमडीनी ज्ञान सरारी, न्ग्ग मांहे मंग टउड़ाया । लव श्ननेङगाम सजतनडे, वीत्तम दुसमें जायाशासा घोलार्धनान्नजना समस्ति हार जनि अतिनीङी, समताटार जि छाया॥क्षमा गाहितीपर थढ जैठे, तडिया सरसलगाया ॥ जज शाशुष्य लाव डीनी चन जारी, अंग सुघट सुधारया ॥ दृढ परिए महातोसा डीना, पापतोस डियान्यारा सजना आतपभुनिभहीशें अतिपीत्तभ, संयम पारजराज्या। धीरन विधतगाहे लेल्या, सत्य घ्या सन्युं लाया जजगामाश्री निलन्न डीयो हे न्नाजो, उगाचा ही जनाया। श्रीनिनत्नप्तिङी रोज्ड राजी, धर्म ध्यान जतलायाग्निनाम्। Quan ॥ राग गोडी ॥ जेरजेर नहिं जावे ग्जवसर, जेरजेरनहिंगाटेगान्यु लोत्सुंग्र सेलसार्ध, जन्मग्न्म सुजपावेशासणाशातन धनन्नेज नसजहीन्नूग, प्राएा पलङमें ब्लवेशासनाशातन छूटे घनडोनाम डो, अहिहुं दृपए। उहावेरे ॥ जना आन्नडे हिसमें साथ जसत है, तान्नू उनलावेरे ॥जगामाग्नानंघ्घन प्रभु यसत पंथमें, समर सुभर गुएा ગાથે અપાપા ॥ ज्यासनाघन पीयान्तहो जासूडी भेजन ज्यूं भास्यो । राण साधा Jai Educationa International For Personal and Private Use Only Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( ) देषोणघूघरे पाणीभारमनभरभन्मयौंजाननालापालर भंडपमांनाउनाये, चैतनसभतायौं खानेगानाधनाशाश्रीशंने वरपरएपसाणखेलपलवसंउट प्रलुलांगानागाआश्री लायमेलरिगे पुएयभनंपासमतारसमायौंगानेगानारायण ज्यावासायो पारसनाथ उहाके नाभरिसोशुनतोभेनि नतुंगसाचो पारगाभनलोहान्नेोपणावायन होतसुनोभेष निनतुंगसायोगापासीहारेर उनउरेलगडंगसुन पारसनाभी एभनहुँइरसुजडेनगवेगुनतो तुंसाभी गिनतुंगसायोगाशा तुंभलुप्रथमउहावेपारस,नाथ उहावेपीछायाप्रषभरेभन्द यनानिनसमपीछेछाग्निपसायोगाउापारसहेनउरेन निनसमउशापाठीरातनपायोतुंभारखेलयानिनसम गयाथेनाथमहायोलिनतुंसायोनाबालाग्यणघ्यतुभपायसे|| वानरनड सुनखीनेगनिनसमतोधीरेउरेहोमणाभन पिन उरलीने निनतुंगसायोगापा पता ॥ण्यासाानिननामसभरखे,याजत पायाहाविहान थनहीं जानेसशुरजताया।रिनगातारापनसरिजेहप ते निनडेजडे निशानाछीन छीनछीनलीनो,तेराज्यामोरमा नानिननाशाभायाडे निशानभें, लेशिर होरयाराभायासंगन पगी हा निभं सोयालिनगाडाउहेताई मेरी भेरी,यातेरी ये नाहीपनिननाभनाभसच्याउछुनेडी रोगनिनगाचाउहेता हमनपाउछुसण्यारभन्नानिननाभसय्यानुसजना तन्नानिनगापा पति। ॥ज्यावाणिग्रसेनडीलपी,नेभयंन गिरनार पखीभारण - । N - ON (भारणा Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar og Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३२५ लता चुमभहलीने नवरंगसारीतेहाणगापाणीशपेही नेणीवार, पीरनियोवेशन्नुपनारााणगाशानयल पटेणीर हनेभ,छोडशेशीयमराजोभुन प्रेभाणगाडावभ्योभाहार नसेवेकीय,मान्यभागभानिरजीनेयाणिगाना विविधया नउद्दी आएयोमय, चरनेराब्लुलसभन्नयाणगापानाथ निरंजन हे स्पषंहनेभशब्नुलपाभ्यापरमानंहाणगाए दुजघनीरे यारोजघनी, निभध्यापिनाउरनीसजन धनीराजानीगानसाजिनउभराउभनिननीसनल विनारे नसोपानीयारोतिभध्याविनाशातिताजिनतेलहीपपिनमा हिर स्वामी विनानिसिपटराएीपारो तिमध्यानाशागुनभिनन पापभिनभपशुन,न्युनिरघनसोयभनिभानीस यारो निभगाया युगतरामप्रलुनिनशुराणावत,घरोसभडितन्युनरज्ञानीया शितिभ घ्या पिनागाजा तिता. - ॥रागषटातेरेनयनोडी में जलिहारी,भानुछजीसमतान मतवारीमातेरेगायखताणति भीनरी हारी,जननवार हन्नर|| शिवारीतेरेगाालती पडोरठीशोलासारी,तासौंलजेमण नीपुजमातेरेगाशाखाने पंऽनमसीइंशुन घारी,लणे महासभेनलधारीतेरेगाडात्रासीतहरननयनसुजधान रितपसी होतथणन्नरीतेरेगाचानेतीमुजीनी कपभर री,मलिनंहन निनपरसनवारी तेरेगापासी सुलगता भनगारी,पीने अमृतरगजवताशातेरेगा। पतिए [पंथीडापंथगसेंगो, प्रलुलनले निथारापंथीनाजाय पनेतेंतोजेसणभायो,न्नेवनभायान्नलापंथीगाशाच्यालेभाएं। Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3२९ । योज्यालेनशे, पापपुएय घेयलाशापंथीशाप्नुढोलयोनो हीघर्भनपायो,पीछेज्याउरतपोऊपरपंथीगाउमान्नहीभायालु हीजया,न्नुहोसजपरिवाशापंथीनानाध्याभयाउरपासम वंती,मजतेरोमाधारणपंथीगाचा ति। रागषयास्वास्थडीसन हेरे संगा, एभाताणुन उत्नागास्वागास्वारथलोग्नलुनसणार्थ,स्वास्थ जिनाए पाणीनपार्थ होगापागापास्वास्थभाषापशेडजा,स्वास्थ जि नान होनसहाणास्वानाशास्वारथनारीघसीचा स्वारथानि नाही घाणावालागास्वारथ येताशुरगडूला,स्वारथ जिन नित्य होतसराणाश्चागानासमयसुंधर उहे सुप्पोरेलोग, स्वारथा हिललाधर्भसजापावागापा तिा - ॥विषयडीसंगेमतन्नमोरे,लयालतने वरन्नंछांयेतोगपिष विषयभरायोपाएीयारे, विषसमाविषयविकारापिषसें भरीयेंगे हिनरे,विषयअनंतीवालियालगातानारीनागिणिसारजीरे, नुभेऽखलावावेगटेदुजजीपने, तोचाहीनापन्नियण लियालगाशापयंह पंडित उहेरे,लरलेश्रीनगवानाप्रलुलत्या नेसुजपाभीयेंरे,निभवंछित होयअभालहेजपिन्थलहाभाल ॥७॥ तनेहसीसीनेसमन्वूहो, पेतन येतोशातने सानउरीशीजलायुं होगपेतननातनेवातोजीनेजतलाचुंहथितनालाप शभनाजानरमारे,ज्ञानरतनयायाग्राती भसशेषएारे, तेना भूपभोंघेशंथायापेतनाशाविषयनारीरंगशूरे निशिदिन म्योरेखोलायासुमतिनारिने लोगयोरे,तेहुनुल्यतरजे याय एयतगाडानपीनपर्नुभाषरे,तोतृष्णानसभायामाला Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3२७ । गरपालरपीरेतुंतोन्ना नेहवोसंसाराायतगानाश्रीगोडीथा रायलरे, थरणेसाघुपायापषिषुघऽपिरायनो, तारेना न यनिधिथाथायेतापाता - *जैसे मरिहंत शुनगामोरे भना,गुनशामोरेमनातु | ध्यानओरेभनाजैसे प्रत्नुपरने चित्तलाओरे भनासेगापाणि रत्नरएआरपोरे,गौयांचन नयाचार परेयिॉशिशिरेगा डीसुरतवाछा माहेरासेनाशासातपांयसाहेषीयारे,कृषि भलिपाणीन्नयातातीलीयेजडजडहसेरे,वाडोचित्तगागरिया भांहेगासेगाानटुझानाये थोउभारे, खोरेतजसोशापांसा यही चरतें थठेरे,चाडोयित्तनोखे मेऊहोगा जैसेगाचान्नूपारी भनन्नूबटोरे गभीडे मनसभाजानंघनप्रनुभउहेरे तुभे लविसेवोलगवानगसेनापति - निरंतनयारणोरे,तुंतोटुंडे भुनरावासेपउजडाभेशन। विनर रसएघानिरंगातातीरथावता,में उसरा छोडाए उनाड्योलेहाथ ,पून रंगशेषानिरंगाशाहभगुनगरीय लडी,तुभगुनगंजाभोशाभांनर प्रतापसे,जोखन सागीले निरंगाातेंअंजरा भेला, नंगलमभोशानरभर नरभर पर्ष नलगा,ममममनग्यै भोगानिरंगाचातुभशुन भोतनहीभाता,में शुनायोशापयंहउहे हिसाभेराले वनडओयनिरंपा। * केसरीयासें खागो भेरोध्यानरे,जीन्नुभुनेगनिगमेछ। नामिलूप भरविडोनंहन,तुभपरल्याणुरजानाजीनुंगाडे|सगाधनुषपांयशेभान मनोहर गयाउंयनयानाप्नीलुगा उसगाशालगवारेघर्भ निवारण साहिजारानेश्वर रान्ननशानी Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3२८ ) लुगाडेसगासापलघसीभाशापूरन्ने, भेषभपनान्ननरोए जीन्सुंगाउसगामा बातिए । . .. " मरनल्याणपासनाशपूरोघसतणी, प्रलु महाराची शनगरभावासोपसे महिमाघीमनगाभलुभुजघन्यो। निभलनयनसंतगुणीमित्लुसन्मुजसुजउरएसघपार्श्वभणि एजरलगाशायाभायोनवमसेवे पायलणी, घरगर टेच, शीशमुकुट सप्तरेणीरामश्नगागाप्रलुघरीध्यानज्ञानडेचलपा पापहणी,उहेनेशभऋपलधरण उभखाडीर्ति थुएीराजरनगर भानियां भतखानीगरलगापुनियां मतसनीमाजन भोयन्ननपरी,जजभोयननपरीणामरेपेडपंजियाजेड़े रटतांना महरीणारे पाते पंजिशथाले,नेहीरीतनगिरीराजजापानस गजहिलजहेजणियांश,तजलगाधनीरायणहिटी सारनपूछे। रिश्तागरीयगरीराजमणाशासत्यवासित ण याखे,भोहडेप रीगलूघर हे प्रत्लुनाभनन्नन्यो, मुरसंगन्गामजमोया । . - मानचित्तप्तप्यारे,मलडीनेन्नन्योधनपीनसन्या. मायुघटत के पूरराजलपीछान्योरेराभागापावरतपुतली संरतु,अग्निडभांभान्योशागतगलतुरेरशनतरसताये तोपतुर सथानोरेगाभागाशालीनेर यत्नाश्तुहेन्नभोन्नम निरानाशासभन निरंन्न योगरकर, चोउर ऊरधनोरेगा | ॥राजसहोरेखणसहारे, पहनिरंतनलाहुरे तुमभुसार हम भुसानमावेशणराजाभुगतासातेरे हाथमा विगी,सुगमपंथपाणशापयाशिनरडे अपरमासनध्यानपणाने ॥3॥ - - - - Jall Educationa International For Personal and Private Use Only Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . 11 ( २७ ॥शाजरागनांपहाजजीयांहरजनलागीहभागामजीन यांगारिशनजत पाशप्रलो,त्माध्यिा भोहेन्नणी राहुभारीगाए जसमडूपीजने जविनाशी, ननयेतूंही निराणीपासुंघरसूरतिम थिरिन नेही, नगननने उभे रागीहमारीगाशाशरणागतप्रलुतु भपडपंडन सेवन भुन्भनिन्नगीलीलालहेरेंदीये निन पध्वी, तुमसमोनत्यागीहमारीनाशायामानंदन पंहननीपरे,शीतल तुंही सोलागी ज्ञान विभत नुध्यानधरतही,लवलय लावलांगप पहभारीगाना तिरा . प्यारे तेरे मुनामलडीशोनाजनी जूजप्यारेगाछनतीन सोहे भातपत्रामनीटारेलूलासुमनसमा विश्यै,न्ननुप्रभाग पजाप्यारेगापाजशोऽशोनाशशागणनजाने तूशायणभुजा सेंजानी निराहारेवरसे घारापूरजाप्यारेनाशायुग्भयाभरणां सपासारजए विन्यापिनयालामंडपीछजीनीडीएमासनाने महारायजेराप्यारेगावाममहाप्रातिहारयाशोत्नेश्रीमहाराण एरत्नानिहारोघससाहिजारावधारीसारजाप्यारेगामापति|| ॥रामग्री रागभांस्तुति रवानांपघाश्रवनलमनिराल हमारेगावनगाभेटेगावसुपासहोनाभसुननहि भिय्याभतिण नालाहुभारेगापात्रीय धनयोवन नगतमीभाया,न्ननीनटीनु जालागीर्तिसागरसूरि उहे प्रलनाभेनगनसनोजतजाला) हमारेगाशा एति। तेरोशुनपारपायोगे नहींरे,यौं निशुराणगगावासा भरथ,जैसोओगनभहीरेशातेरोनापारसनासहसजभितभागिल्ला षेतीपएनश हीरोातेगाशावाजुभएओगिए सिरता - Educationa International For Personal and Private Use Only Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (33. ) ना जिंदु मवेशहीशातेगागागगन भवेशंशुखभाने ,भेर नोखेउरग्रहीशानेगावान्पषिमपारनरेगोजाहेरे,तरवासन्धि लहीशानेगापातेपरातुरगुणुपारनपामे ,गएतालबन्नयनही गातेगादात्रिलुक्न दिनभनन्निगुएरा ,गोषणहणही शागाजापराअनंतगुएउभगगाय पार नजंतरवहीशाते पसालाना हे प्रमुगुएराणी ,सहे राउतसुजसहीरातेगाफा ॥पीन पीयारे लाली,मेरे मुसमातिरानेसे पंहुंभोहनी,विज शेममानिएपीनावाणीडिणाडि नजीवता,यचीणखसानिाम भरो भोयो रेतही भएसील्युपाणीपीगाशालिहातामर निहाल्पा भिषे,नागरवेसही वेषीरानिहानिहांतुंबरलया,निहारनी थे|| वीपीनागारोमरोमहोचसीरयो, सेउष्प वासारानाथानि ननामहो, पर्याणासारापीना पनि ॥तेहिन ज्यारेंजावशे श्रीसिध्यायखन्नशुलनिघूहन्नु हारीने,सूराउँमाहातेनिगापासमवसरणभांजेशीने,ल्नि वस्नीचापीसांनसशंसाये भने,परभाश्यन्नपीते निगाशा सभक्त्तिव्रतसूपांघरी,सगुइनेबांधीपापसखणालोध्ने, निन मातमनंहीरातेनिगाभापडिभर्युर्घटंग्जूं, रिशुं भनछोडे । विषयउषायपिसारीने तपशुहोडगातेनिगाचाचाहानेवयरी पियनविरुवीबहिरोपरनामवणुए जीने,नवी यो पहिरो पनि गापाघरमयानधनावरी,छडायनेहेतापंय महावन निर्णने,पातशुभनमीतते हिननारायानी भायाभेडीजे,म परीसहसहिषासुजपुरजसखे वीसारीने,समत्मायेंरशिंगते धि। नगाणामरिहंतचनेजोरजी,शुरातेहनागारांशीध्यरतन मणिरपरे,ध्यारे निर्मलथाशंातेनिगाटा गानि । Jarducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarle Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 331 ) ॥ जयवीरग्निस्तवनाप्रित्लाती रागभां ।। _थालीने प्रीतमलप्यारा सिध्यायसन्नगानेशीपतु था लोने प्रीतमलप्यारा,वीरचंटननयोननेयेगाचातापंच ननेयोचागामेमांडपीपाजारवर्षसगेंदुःश्रतपीया,उर्मल भटाली[वैशाजशुष्टिशमीने घिबसें,मापसांत्नालीनुभयान सोगापाडेचस ज्ञानने चपर्शन, तेरभेशुगुहाएगानव सनते प्रगट्या पत्नुने,नूतनविष्यन्नातुभेगाशान्→लगामयीणार न नेयुगपर,गएराघरनुहाभारातोरात प्रत्नुल नाच्या श्रीगोजरगा भातुभेगागावैशानशुभिंगशी हिवसे,सुरपति भनिहरास भवसरणनीश्यनाडीघी,पत्नुअमृतवरसातुभेगानामाइडेचने यार भनुष्यनी,परजाजाशानिन्गनिगलाषायेंसहसमने,प्रल गुणधीलधागातुभेगापाजशोऽवृक्षनीछायायें घेरी, सिंहासए। रागावतणाजहुवान्नंबालाभंऽसछागातुभेगााशिरपर हायडीयेजप्रत्युन्छ,क्षण भातर हेलागएघरसज्यीने पूरवल प्पी,प्रगटेतेएीवेातुमेगाशाजनंत योगीशी तीर्थरगापर, क्षत्रीयसपागावीरनगतगुरनामएसथी,ज्वालागएघार शातुमेनागात्रीशवर्षसगेंडेचसपासी,गग्नीध्यरीयाणीपन विन्यचीराग्नुलाजपियलपहचरीयातुभेनाका तिर श: मारंभन भोयुरे,श्रीसिध्यायरे,भारंभन भोयुरे,पीरि मलायसेरे,जीतहरषित थायाविषिशुंडीरेयात्राहनीशान बलवनांदुजन्नयामा पापंय मारेरे पावन अरोरे,मेसk तीरथनयामहिभाभहोरोरेभहियसजेनोरे,मालतेंहांनी न्यामानाशाजेऐगिरिमाच्यारेन्निवर गएघारे,सीधासाधु अनंताऽडिएऽरमपराग गिरिवरसतारे, होयभनी सांतप भागाउन घरभनोनयोन्नणीयेरे भानवतीरथनोमासुर Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryat Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७२ ) नरनिरनृपविद्याधरारे,उरतानाराणलाभानाजाघनघनए । हाडोरे, पनपनजे घडीरे,घरियेंहध्यमलाराज्ञानविभलसूरिश एमेहनाघणारे,उहेतांनावरे पाशाभागापा पति ॥अथशचंन्यस्तवनाएभोशमातभराभए निशत्रुने नशुंगशत्रुनडेरीपाथढनांऋपलतणाणुएशाशंगभोरागाने सांपीएसमतिघारीने स्वामीसंघातें,सट्युरसंघतलाशुंगभोरण पशाछहरी पालीने पापपजापी,पुर्गति रेहमाशंगजे गिरिवरनोभा हिमासुएीने, कैयडेसमडेतलाशुंगभोरानाशाग्निवरत्नाव सहित पूलने,लबलर निरमलथा|सज्सनमभांजेभानवलकले जिरीसराशंग मोरागागाग्रीन्निनाभीसमस्तिपाभी,सेजेतारे गगाशंज्ञानविमलप्रलुसुगोभोरी विनति परमानंहपहपाशंगण ॥जयमलाती सरियालढुंगारपलसंछनमनुरूपलनित्य चंद्रिये,नानिभरटेचीनीनंहनिरजोगाभुतने नुतनोलोगीस घ,परभ योगीयसीमेहपरजोगरषगापाजसुरसुर छिन्नरानागा रानरपरा,ओडीओटीघराशिशनाभरामागुमेहनीवहे परागलागी रहे,परभ पहसंपवतेहपाभेरारनाशाघूसेवगाभमां धर्मधारीन ल्यो, उर्मलरनाजंघापेशनतन्नध्यरे दिल्यरिछीवरे, सथिरने थिरीनेहथापाराशाजनशे प्रलुनेहुजांच श्यो,टेशपरदेशत्यांसंघभाषानित्य नित्यनवनवासाललहे। जलिनवा,शुपीनसहमती गीतगावगाराजासत्तरत्रायु सभे,सपरिवारेंनभे,माघपहिची रवीवार योगेंगणघ्यायचा दिपीगपापाभीने,नाथल भेगायो शुनसंयोगारगापा पनि जयप्रनातिराशेंगोडीनिन स्तचनाप्रलुरेगोडीयापासन Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (333) लम्शे भोरी कृपाल ॥नगमांहें न्लएगे सहु, तुम हो हीन ध्यासामनुना शाजिरह गरिज निवान्शुं, जसरा साधाशापतितपावन परमेस ३, सेवा आधाशाप्रलुगाशालूत प्रेत छेडे नहीं, घरतां तुभध्यानागि‍ यवरना श्जसवारने, होडेम खड्डे धानामिलुगाआजांडीद्यो तुम डीपरें, दृढ समस्ति घारी ॥ लगति बछस लगवंतन्छ, डरोहेवडरामिलुगानापाप पडल न्नयें परां, चेहन विसरालम्हे सावएयतु भनाभथी, होबे भंगल भालालगायत साधा ।।हुभरी॥ज्यातनभांन्गारे, आजर भट्टीमें मिसन्ननां॥ञ्ज्या आभट्टी जोढए। भट्टी जिछावएा, भट्टीडारे सिशनाभट्टीअनाजून जनाया, न्सि परत्नभर सोलाएगा । यानाशापांयु पेरेछजी पेरें, पेरे भुल भुस जासाहभडीडा श्रोतारापैना, अंत जाजमें वासा ॥झ्याणाशापाय घ्शपथिशालवे, लवेशाडपंथासाजहुतळयेतोसोवरसळवें, रेश भरएाडी जाशापाज्यानाआपांयुडाये छ जीाये, अर्थ सजघ्नवान्ना पायपयीशुंसजहिअथै, प्रायेगढडे राज्याश्याना नाहिसा भरभ होर्घ नन्नने,न्ने मिसया सोगरन्ळालूघर योलालया पूराना, उजसगशिवेहरल " યાનાપા ॥ श्नथमलाती॥सुभति पयंपे सुनो मेरे सांधे, परलावमें भगननथाञोरे ॥ कुभति तियाडे दुहन लगे हो, पए। जाजरहोयगो पिछताजोरे॥पर घर तन्डे निघेर जाखोरे, जाडी जाडी जा जी मेरे सांर्धरे॥परणाशातृष्य तिहारेपुर परिहे, उहा सास में सा सन ललचातीरे ॥ श्याश्रवद्दार अध्यारडे आापे, उड़ा महापापत्नरेजी मराठीरे॥ापरनाशापार युगल भिसेहे दुरिन्ग्न, सोलि जेसन घ वीरेशाभोहुडे होनु सुत भनवाले, मोहन ताडी गली मतन्नवीरेशापरू आसन्न स्वलाच निन सहनसो तन्डे, पर मंदिर भेङहा घरतहो पापीरेशापरलावमें जसत होर्घ पानी, शिव वासीलयो हेजसाडीरे Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 33 ) परणारापरडी आासतें परबस लये हो, आासा हासीउरीजयिन याबीरे॥परम महोध्थ पर पाडीगे, अहुनिश अरिहंतडे नगारे પાપા ॥ श्जय 'पलाती।पंच परमेश्वरा, परम जलवेसरा विश्ववाले सरा, विश्वव्यापी लम्ति वत्सस प्रलु, लडत न्नध्परी ॥भुतिपहने वरेऽर्भअपी॥पथगाशावृषल मंडित प्रलु, ऋषल निनावंहीयेंनालिभरहेपीनो,नंदनीगे॥ालरतने प्यालीना तान लुवनांतरें मोहुभ मन्गो भुक्ति टीडी ॥ पयगाशाशांति पहजापवा, शांतिपथापवाजि लुत अंत मनुशांति सायो॥भृगांउपाशपत सेनथी पीपरी, जगतप तिथयोन्यनन्नयो॥पना आनेभि जावीशभोशंज संछननभो 2n समुद्रविन्यां गन्ने अनंग कती ॥रान उन्या तक साधु भारण लला । नाति जेणें डरीन्गवहीती॥पयनानापास निजरान अश्वसेन मुली पनो, न्ननीवाभातएगो नेह लयो।सान जेटपुरे अन साध्यो सवे लीडलंन्ग्नप्रलुहायो ।पथगापाचीर महावीर सर्ववीर शिरो भणि, रएावर मोहलट भान भोडी ॥ भुक्तिगढ ग्रासीखो, नाती पासी जोगनाथ नित्य वंहीयें हाथ लेडी ॥ पंयनाशाभातने तात अव हात जे हेवना, शाभने गोत्र प्रलुनाम सुएतां ॥ वीध्य वायम्बहे, बीदृष पह पाभीयें गालावें लगवंतनी डीर्त्ति लएगतां ॥ पंथणाणार्धति॥ ॥ जथ प्रलाति॥श्रीपासडे परन नित्य नमो लवि प्राणीरे, नि नेनिन हरस हिजायडे हिनी, नाग नागनी डुं सुरशन धानीरेशापागा न्दुवंशीडी निनेनशनिवारी, जन्म अमर रेलडी हे हानीरे॥हृघ्या भलभेन्ने नित्य घ्यावे, सोर्ध संसारमें सुग्यानीरे॥पाणाशातापर दुर अतिझे नहीं लेशे, पाभा सुतडी हे निहां मेहेर जानीरे ॥षीय मनुसं नरलभी, अज भुनशे सीतें मानीरे ॥ पानाआधी Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (33५ । ॥अथ पलाती।सूरत श्रीग्निशांनिरी,सजही सोहावा समरनन्हेजना,जीपभानचीमावासूनापानाहीं भाभन भोयना इंहितने शवोऽषायेंने उलित नहीं ही,लन्ला भनत्लावास्ता [शांनि सुघारस सनसी,शुणीन्नसगावणियसासुजमाए चा,इत्पचेलिहावासूगाणा राति ॥ जथपार्यग्नि स्तवनामनातीशगभां ।।.. ___॥प्रत्नुगुएरापारावारनो, पाभेरापाराापारपाभेजपारानो, रतेतोन्याशामिनापाताशनपाभेनेहनो,सुरसुरपनिसरिनाश्रुत पर सरिनासुरशुरनेहरोत्तम पुरिषाएगाशाशुए हीगाहनही लु, मुरमरिजान्ने भूदा होते उभउडीशडे,गुणुछेबहुशूढामगागा मांगीजनोपभमोपती,महोन्नूलोमान्नुनी नवनवरंगेनीपनी, सपोहोती सनीरामनाजासत्तरपंचायुसंबछरी,धीवसेंमेधाजीरास्ता बना श्रीनिनपासनी,णध्ये श्रुतसाजीराप्रगापा पति। ॥ अथ सुविधिलिन स्तवनापलाती रागभां ।। ॥सुविधिलिण्ड मेरे भनवसे,सायशा भरयाहेन भावती,जैसा मेहने भोगासुगावा जैसी प्रलुसेंमासी,साउभर पतंगााचिरने चित्तपापरयो,भृशरागतरंगारासुगाशायित्तयाहेत्री लुचाउरी पथानयनाभनतषपेतुमामिलनाडु, श्रवन गाहेज नारसुगाडाविविघेतनभनवयनसें,में सेवक तेरापतीननगतभेतु भविना उनसरेलवशासुगागाभुनिननननाभसें,जानंहप पाचपरमशीध्यपहोत हे प्रलुनाभप्रलापासुगापा पनिए ॥अथ अनंत निनस्तवना प्रत्लाती रागभां॥ ॥अनंत प्रत्लुसें भासही,मापजनी जैसीधनशीजीर - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 33 ) योरन्युन्सने भीननैसीएमनंगापानयनननिरजत मोर खशनन्नेरवणीगळयाननंपेनोरही,लांतिपूरलगी हेराजनंगा पशाखोर सुरतसा निसरी,प्रलुगी सोप्यारीनभन्नभमन नचाहतकुं,नहीं शून यारी रामनंगागाय विषयसुजचाम्ससें, दुनीयांगहिवासापग्नुिभजन्मनतरसा,नही मोरडीयाना जनंगागामाजरमापसभांजरेसेवसांगाणध्यवरेसपणे डेभिलियें जनसेंधाधाजनंगापा रातिए - * ॥मलातीशगहुशेनीमारितुंही माहिनिन,मटयोहे तो सेभनासाघीसोईहिनलेजे जोही होतएमागापाभूरतिन यनोन्नेय,थडीत रोहिंघोयामृतारथमहोM,होनी घेनीन्नेत हाभानाशात्नरतुमशुनगायापुजपूर हायाशिवसुजभो हीपाय,लवलयजोतहाभागाशातीननुवननाथ, मुस्तिोतुं हींसायालाववंडे भेरानाथ,लगभांतुंन्नेतराभागाच्यातिए ॥परागपाणलाासससंपटपसहनले प्रलुपासनी नाघिल्नुवन पति तेहनेतलाटीसरा धरेन्नासतमाशाजे पिनुपासनीजाएमा,सर्पजमनासाघेपजीन्लुशंगांजांधीयें, चिंतामणि साघोसनाशाभागने मेहनीजथापशे भानव भति हीपाल्यातेष्ठिभभावसे,दुग्नजशेधीनसागसेवेने सूबे भने, चरणयित्तसाणानरनारीने नित्यनभे,धन्यतेहुनीउमाछास पचावायणघ्यनीवंटना परिश्मने पूशा महारान्नन्ने भानीने, सघीयते सूशासनाचा तिा सिनतेरीजानीभादेशाप्रलुतेरीजानीमाशाया जानी भोहे श्रवणसुनत, डाटत साल उखेशालिन गापामभृत Jarducationa International For Personal and Private Use Only. www.jainelibrary." Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३३७ ) घुनी नीङशी प्रलुभुजसे, भीटाये सम्म अधेशानन नाशायानानीमोहे हीलेलवोलव, लतडे हे आदेश ॥निनणा॥ ॥ति॥ भोहोल अंधे हेराडे पधारो ॥अंधे देशडे पधारो गंधगाहेशडेनानि हां जनंत सिध्य सार्ध जसतहेछ। सोहि देश तिहारो धनाशा निहां नहीं शेण सोग, लय नहीं चिंतान्कालोपाटए। हेश तिंहारोल अर्धनाशानिनविनय पुरन्नेडी वीनवेळा भुगति वधू चित्त पाशेल अंगात ॥ राग जाएगी।होल तुम सुरतरे सरसे हरसे परसेवाश्री महा रान अश्वसेन नृपनंहन यंहन, हीस रंजन निनशन जेतुभ सुरतरे सरसे हरसे परसे ॥होलनापासिंधु लगवान समता निधान, सर नागत निन रजवारे ॥ सरनावा नाही जेरजज जांहु ग्रहेङी, जमृत सिर रजवासजे॥तुभगा होलणाशा पार्धति॥ 4196 ॥ जंगाली राणभांपघाश्रीनिनरानडे सतर शिजर सरसजने श्रीमाहारानडे सतर शिजर सरस जनेने मांडएगी एलडी लु धन्नमहिमा उरतहे। हांल नरते सुन्नन, अभृत जान, उश्तणाना विविधतान, शुन जेजान, सुरविभान, शोलानस रानते ॥श्रीनिनरा आशा भीभुजवश्शुन लूभिसोहावे ॥ हाल तिहां जेहजान, गुन निधान सुन्ग्स ेजान, विहरभान, मध्यमंड, सुभतिनाथ, पार्श्वनाथ गुए। प्रेाशरा न्ते॥श्रीनिनगाशा उसश हेभडे सुघड मनोहर । हांल विहांनण भगाय छजी सजात, घन सोहान, घंटजन्तु, नादृगन्त, रागडही -हागडी, दुंदुली यवान्ते ॥श्रीन्निगाआभोतागोन खोस जंस सोहायो। हांल तिहां भोती साल, गुएरा रसास, न्गभयास, शुलध्यास, धर्म करत, हुनुभचरत, धनवंत रान्ते॥श्रीन्निनाभावंग देशमें शिजर स्थायी हल निहां जहत गंग Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orth Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३७८ । निष्ट संशाहरतगमलभणंगबहोतरंग,सुजणभंगमति रान्तीग्निगापाजतश्यनानभंदिरडीहाल तिहांउटतउभी हरतनम,ब्योति परभ,जढतधर्म,गानउरत,ध्यानघरत,मवियस पिसुजरान्तेपश्रीग्निगाहा ति सारसजीभेरेवासभा,निर भरिभायगामति भानंह,ये ध// री,हसीउंडषणायामागासरसस्वलावरी ,श्यीघरनया रायथावलीशुगु जडी, निहाथभायाजागाशासुरनीया अनुलवरसलरी,जीडाजवरायोपिानंह भिलपती,भन वंछित |पायोभानमाला तिा 17 ॥मेरीज सुपीपणमयरे,जटागडालीघेवहन्नातेरोसं-| गतन्योनन्नयशाजगापिलराहैतेरासनही भेशरामजभेरहीन जसायशाजयगाभेली तेरीसायसुंगी,पीण मिनज्युरहवा यशाजगाजडे रहे घरेजडे रहे तंषुछोडपत्योभसवारजना मलयोनहरतडेशे,तमन्नतनलागीवारशाजनाभ्याउई जान ध्याऽई भाई,धीर भेनघशयशालगाया दुनियांसुनभेरीसन नी,पीया जिनुंजिनुंनरहायशराजगापीण भेरा पीजीमेड भेड जिनुभवायगाणगाजहुटिनो यहुनेहुजन्यो है,घटन घय तघटन्नयशामगाजीडयोपंजीपडयोभालोणघ्यजस्तथि तलायरेजगापणा तिा १ ॥ोणार नावेरे, दुनीया सोनशेणगालुही जाता मानलशंसा,पीसें पछतावेशाइनिजामतलबडी सजभिलीहे सो अर्थ,जहोतही रंशजनावेशापुनियाअपनाभरथनटेनेसोती,प समें पीरजापेरेरापुनिगानालणडीजालसा,भन्न भाउ Jain ducationa International For Personal and Private Use Only . www.jainelibrary. Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३७८ ) हेजावेश दुनिगानिनेन्नन्याति ने आपपीछान्या, जेजजरीदुःजपा वेरे॥दुनिगाहंस सयांनेोऽसांर्धशु, अहेडूं चित्तनसावेशादुनिगादुप साधा ॥रागङनडी।डीस भारंग भत ब्लयरे, नर सूरज पंछी । सना डाभनी तनातार नहीं है, ये परजत दुःज हायरे ॥ नरवाशाङाभभ हाल लील जुरा है, सजजस्तुसेत छिनायरे ॥ नरणाशाजायज ताडेते इस बैठे, रावए। जैसे रायरेशनर ||और जनेऊ सूंटे स पेडें, गिएराती डौनगीनायरेशानरणानालूघरनीडे धर्मध्याशुरै, भा रगहीयो जतायरेशानरणाया छति॥ ॥जेज्वाला श्रीवीतराग,जीलुं भनेअंर्ध नगमेशा भेडा गंगान्नय गोहावरी न्नयोर्ध नाहे प्राए। लेतो भुने अर्ध नगमेरेश शेर्घ श्रीजासी रही डीहासी, डीर्घ, भंडे त्यागाजी लुंगाामहिषवधे डोर्घ भंगसिहालें, मेर्घ हुएो छाणाजीलुंगामंत्र लगी जेधे पशुने मा रे, वीधीयारे पागा जीन्नुंगाशालूमि तगोओोर्घ लारवीतारे, ओोर्घज नावे जाणाजीलुंगानरिहंत विएाने जबरने पूने, हृध्यभांजाएगी राणाजीलुंगाआवीरतांने वधन विराधि, ताडे लंपनी त्यागाजी लुंगाचीरनिएांहने पूतांचारे, शेडर जेसे झगाजीलुंगानालीने बिन हेवना होषी, वधन वहेवैराणाजीलुंगाहियवहेने जागभपा जें, भुक्तिनो चाहे भाग॥राजीलूंगा त Zetha श्र ॥ अथ लाती ॥ लातें पीठीने माता भुजई न्नेवे ॥ने देशी साथी रेसीएगोरनोस्वामी, साधाभांसायो॥अथ स्थीर निस्यार्थ हेवा, निन वरजेन्यो ।साणाशाडेवल डायना पानेयो, पीडछे डाथो॥जम रथवाने ने छोतो, ऋषलने रायो सागाशीघ्यरतन प्रभुशुं जेडांते, भलीने भायो॥नाली भरहेवानंहनें बंधी, नयङमसान्नयो॥सावा Jai Educationa International For Personal and Private Use Only ॥३॥ Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) ॥पनातीपनगोरेमज्ञानी लयो,पिहाएंवायुरापासनल मुंडोरखभांभालदर्शनपायुगन्नाधामोहनी निसारे भेषी,सभडे तसाच्युराज्ञानोप्य विभारणग्यो,गगनगाब्ल्युान्ननाशाणधा यमनुले अंतरयाभीतेहनुभाजुपरीडेचसज्ञानलट्युबे ठेवल गायुगलगाडा तिरा - रागनीसजननी सूतग्निलडी, जूजजनी है| भूरत निलडीए निरजतनयनथतिलये भेरे, भिटगपष्डमें मूढता भनीजनापाअंगेअनोपभअंगीयांमओपेनगभाभी तीनशवनतना जगाशाप्रलुभहेरननरपरपारी,तनमनस जहीडोरारीधनडीएमगाआजहर्निशजाएवढे शिरसुश्पति, भन भोहन अश्वसेनसुतनडीमगाणध्यरतन प्रलपासशं जेश्वर,भानलीयो मिन्मतसटिनी राजगापा पति - ॥पारसनाथमाघार पत्नु मेरे पारसनाथजाघाशाजान लव परलय पंछितपूरेशिव पध्छो घताराप्रलुगाशावाभानंहना गसुजघया पायोलपपाशाउहेनशाभलाशापूरो भेरेमन जीवनी उरोसाशाप्रमुगाशा ति। - F॥रागराभासीयारसनारसबागोभा भेण्यागावेहप रानबाडो पारनपावत,पाडे रटतहेतुलशोभागापाध्यान सुसा रहेसाहेजभेश,सम्पान्नपल्पागोभागाशालयोस्वपम पविचारत,शोउसंतापसषलागोपभाईनाशानायनिग्नन्नपन्न पते,रोभरोभ मुस्तागोभागाचा तिरा ॥रागसारंगापित्त पाहतसेवा परननही,परननही नियया Jain bucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.on Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (31 ननायित्तणाविश्वसेनमपिराल नंदन,शांतिनाथसुजननी चित्तगापानमनगर हस्तिनापुरन्नो,संछनरेजाहरननायित्ता श्रीशअधिकाश धनुषप्रभाऐगयाऽयनपश्ननीएपित्तनाशायं शाललाजवर्ष स्थिति,शोलासंनभघरननडीपिगारेचसज्ञानमनं तशुएागर, औरतितारनतश्ननडीपपिगागातुभजिनमोरध्वनही|| ध्याण,भेमपने मनपरननडीयिहरजयंपनुशिरसुजय, लीति भिधयो भरननडीएपिगाररातिए रागवेषाणसनापघा भरवीभातापलले गोरजेसारे एभरतहुरजत हैयडसे, हसी उंठ लगायमिनाशनहीं नूषतप्रलुपारणे, नाउिभागहीये हीडोलीगावतां,भनभतिसुजपावे। मगशाणारजेखनहूंचखेवरभतउशवगेडाडांडीयकलभरखें। माछे जेलजनावभनागारमहलमा डोट होडते भायजापजोलावेष मेवाभीहापश्चानख्यो, मारोगोलाराम गानामावलीमात्नुभन्दा जरीनेतोज्हीनन्नवगाजलयाई चित्तवसीन्नेतांतृप्तिनपावाम गापार - राणवेलागतातेंप्रलु भेश भंतेश,जासाणिन्मतगारी॥पीता जनीअणन्निलशुन्युभीनने वारीतेंगाशालोपत्नयोजघ्योरखीभी टणश्यनीगरी पधेनुलगाये वापिडशीपंवारीतेंगाशाद्वारे जानाढे रहे,सेवनरनारीपरिशनहीने घसरुनर्णतुमजलिहारीण नेगामापरीपारी महसभे, वानव घतारी मेहेरअरीभोहेटीलय, सभडित सुजसरीपतेगानामति भीडीसीहीजणे,सूरततुभप्याय अयि हे उचीपनो,तुभयराजाघारीतेन्या पति जी | uटेजतााल्गत श्यनासुपनायसन्नरटेजोरोनहिमपना पअभिनयासोनडीधारावयासजन्नत संसारापानीरा टा। पितासेंगरसेंधूरापन्यतापासीनरन्नतानिगानी,मन्नूतुंचा - Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (१२) तभनिभानीरानूसोनरहेजतनशोशन्गतभेलचनांथोरााल्पता एशासन्नसुतघरपरिवारा,सजेणशरोग हैन्याशानिलम्जनन नवेगा,नहिओ अमावेशागतागासघामतन्नएमा हाल गावोग्निरान्शुनेहाउंटेयान्न्मडीधारा,अहेन्दुरायभोहिताशा तान ॥अथानातीपसिंहासए पद्मासन जैडेनानीरायडेसाडे।। घरेशिर पाभरचीलेव दुलीवाशासिंहागापातीनलोऽ त्या गडीयो है शोथे थलारभाराहावभॐ महसरीखायानोजतज्ञा नजन्नासिंहागाशानरपतिसुरपतिने मुनिपति, प्रगभेनेहनापार्यरे एमननशोला भेरेपिलानिएंटी, पर्यटगुणारासिंहगारा 'यातनाथी भाटी हेरा,निरंग्नयारसेंपणानेहेजाभट्टी| खरसुंदरीजनाच,तायें उत्ताहांसीगोरेगोरे अंगशुलाबी, भो जियाोयुगडीशंसीण्यातनगापासोना पायाजसावो,सण ही जाजमनेलापीलीभट्टीसपेतमट्टीधाराध्विसोसण्यातना ॥शानिसि हिनतनसंवारत लण पेहेरत भतभरणासाराजानान पीनारयनापयनानंगलशेगेणासाण्यातनगाडानाभनिरंग्न सायातेरा,शमा पिंड हुभारापर्यतुभयरन शरन है, ताशेता रणहाशयातनमाना रातिए ॥अथलपूर्णपटेशामलातीनित्यप्रत्येंनाभनप नशतना|| नाथनुनम रेटिनांपापन्नवेएमालसुनोथींघभाजाप|| डा,चतुर येतनपरोशनन्नगानित्याविषयमनिषापनीन्नरत णारी भानभायालरे जंजुडेगारसलस्योरायमांजिंदुसुज मोसुभा, जुलरेनंतुतुंमुष्टमुनित्यगाशानिजिलजना मांडभांजिलगतिन्नेयने रविशशीप प्रतिपथालेपथिरनहीं। Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrardig Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥७॥ ( 33 ) गगनतारा भेऽध्रुविना,शखऋतुमसनीसीहालेप नित्याप न्मन्नेवनपणे,जासषीलाजायद्यपिन्गतमांगरनायोगपूर्वनी पछिभनयणतांडीगनिरजीहरजीरयो भयभायोपनित्यगाना माथुन्सनिधिणणा,अंजुजोत्नीशिंदुयजियें रिश्तथाषेण इतणावाश्यतुंअंनरेगहेखामसवे मापसलयोनरइन्न। विरानित्यगापारपर चेतनपरोस्नलाधणे,पीपलपत्रपरेन्यूरो हावापिंडज्नह्मांड परब्रह्मनी सिध्यिभागमात्मनहोउन गाण नित्यारामष्ट महासिध्यिनवनिधिमाशावरहे,तेहुनेव्याने सुरी नु लगानेभाजुभ्यभेघनीशीननेछेसरसाउपियुणे ज्ञानभांडरोप्ने ॥शंफरवसेरे जैसासभेगानेदेशीरान घरमपायोडोहिलो,सेयो भनषायालेनगालयभन धीरगडे विपे,लभियोअधिगयारोड पुण्यसंयोणतेंणपन्योनरमायालेनगाशीर सलभुजसंपघट पाईनहुचाशान्निगुणसंपत्ति पाईयो, पुर्डलसंसाशातैनगाशास जयस्वारथओसगो,तेशनहीं ओयापतेरासगाधर्म है, नी गन्नेयान पति। ॥राणवसंताभेरोभननसडीयोरे,ग्निरायाध्यान्ननुरेउछुडाभएाडी नो,मंत्रयंबहिनषायाभेरोगाशा नविधीहोभलु प तिहारो अवणेसुरा तांसुजथायाभेरोगाशामनभेटीगेपत्नु पनिहारो,थुरहिषलरमा याभेरोनाड्याताईंज्ञानणयोत पहपायो,पनो पित्तहरन्नयाभेरोगाचा SIT ॥ जय शांतिग्नि स्तवन॥ ॥पीछीजानी शीशांतिनाथायानिधिराारसीयामपिर भात भलाराारसीयाला शिवसहेसीशेसाहेजोपारेखोलपणेगारी योरारसीयाराजलयान घताशारसीयालाशिवगाशापांयभो यकी Jall ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. I Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३४४ ) नेशोसमोशारसीयातीर्थडेर लगवान ॥ रसीयाळ होय पहोङलवें लोगव्यांरे ॥ रसीया ॥ श्नतुष्य हे पुएय निघन ॥ रसीयाला शिवनाशा पोनें तीर्थपतिथयारे ॥ रसीया । पुत्रछे गए।घर नस रसीयान्नापिन्य धन्य नेहुना वंशनेरे ॥ रसीया। अवियल ब्लेड भेजासारसीयाळाशिवगान्गाङ्गुरन्गवास होरे ॥ रसीया ॥ डेवल उभसानो तर सीयाला चार ग्जनंत पहलोगवेरे ॥ रसीया लागें साही अनंता रसीयाला शिवनानायक्षगड प्रभु संघनारे॥ रसीयाविधनउरे विसराल श्सीयालाहीपविनय विशन्ग्नेरे॥ रसीया ॥ प्रगटेभं गल भास ॥ रसीयाळा शिवणाया त ॥ अथ ऋषलनिस्तवन ॥ ॥शेत्रुन्मनो वासी प्यारी लागे ॥ भोशराळा ॥शेबुंगा जेएोरेदुं गरियें लगी लगी मेरी, पीपर शीजर जीराने ॥भोरानाशेबुंगाथा घेणे गिरियें साधु जनंता सीधा, हेतां पारन जावे ॥ भोश नाशेभुंगा आशाडाने झुंडल भुकुट जिराने, जांहे जान्नुजंध छाने ॥भोरानाशेत्रुंगा यौभुज जिंज अनुपम जिराने, अहलुत हीठे दुःज लांने ॥ भोरानाशे लुंगानाजाना पहन जोर ग्नश्णन्न, प्रेशर तिसङ्ग जिराने ॥मोराणाशेत्रुंगापा। ज्ञानविभस प्रलु अपनी सेवङ, हलव पारणीताशे भोराणाशेबुंगा॥ ॥र्धिता ॥ श्नथ सुभति न्नि तथा शांतिनिन स्तवन ॥ ॥ लवितुमेवंधेरे सूरिसर गछराया ॥ जे देशी ॥ लवितभेवंही रेसुमतिने शांति निनंहारासंजपुराना जे हेरामां, जे होये सूरन यहा पालविनाशालाग्य लसे लेट्यालयलंग्न, लवनी लाव लागी रादुसभ आरेग्नेड़ महोध्य, ने प्रनुशंसय सागी ॥ालविणाशाउंदैन वरएातनुसुंदर सोहे, वहन अनुपमनीओ॥ सुरनरडोड भल्या खुरडोडी, भुज हे Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३४५ ) जरा निनलालविणाआधार तलने पथि ललने, पटशुं समताडीबेंगपंचमी गति डारएा परमेसर, घ्याने रंग रमीनें ॥ालविणानामं गला जयिशनंहनमहीटा, पंथभी गतिना नेता। चार निजेपालवियाननने, सङ्गस महासुज हेतालविगाचापिथिमी निनवर पश्चिमी चक्री, शीसभा श्रीनिन हा सुमतिस गरधरांजन सेवा, रामन पेगुएारंघालविणा॥ हतिया ॥ जय महावीरस्तवन ॥ ताहारे वयो भनडुं वध्युरे, गिखाशुए। हरियानाहारे पर ऐो पित्तहुं लेसुंरे, मीठा डामीया॥जे जांएगी ॥ साम्राजथडीप एा अघिडी, प्रलु महाश भीडी ताहारी वाणी ।। सांभसतां संतोषन वे, अमृतरसनी जाएगीरे ॥ गिरवाणाभावयन नाहीं सांलसवाने, प्र लुगा नाश यर्धने रहीयें॥ भुजडानोते भटडोन्लेतां, दूरी दूरी लाभो नर्घयेागिवानाशाऋष्धिवंता जुहुरान तलने, प्रलुगाने तुनचयए नारसीया । सघसीवात तगी रस छांडी, जावी सुन पश्एोवसीयारे शिरखाणासुरनरमुनिवर नगभनलाची, प्रलु महाराग्रंथेने एजाएगी॥श्रीनिनवीर तएगी सुएगी बाएगी, जून्या जडुलवित्राणीरे शिश्वाणानात्रए। लुवनने पावन अश्खा, प्रलुगा निरभल ने निरी डीघ्यरत्न उहे लवनसतखा, सही नावा संवरएगीरे ॥ गिरवानाचा ॥ अथ शत्रुन्य स्तवन ॥ पनर्धयें नर्धयें शत्रुनेरे याखी, खेतो भुने वाटडी लागेछेवा दीर्घणीबाटें जाव्यारे न्नएए, प्रलुभहारा पूश्व नवारान गाशा एीबाटे छत्ररी पाले, तेतो सही नश्लव जन्नुवासे ॥ बीडेडीউछएगी रे जेहड़ी, घेएगीवाटे निर्मलथाशे हेहडी ॥निनाशाभर हेपी भानोरेल यो वाली भाहारी नेवारनी जसन्नयो। शत्रुन्न शिजरेंरे सोहे, प्रलुभ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryg Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (१९) हारो बित्नुवनना भनभोहेलगाडाब्लूमोन्नूलो भुजनोरेभटोला जीणोछे भेहनाभंगनोलटोलेशेनेनेरेयुगतें,भानपतेहनन्न शे मुगगनगाचाहनालीनेरे भीडडा,हिराईंडरेछेनेहल टीठप्प णत्याहे मेहनेरे पूल्ने,डीठोटेचन पूनानगापा पतिएप ॥ अथ पायभंगलप्रारंन्नः ।। एपहेतुंने भंगलतसहोलेपमेशीपहेतुं भंशतभनघरो, श्रीमरिहंतनुंभेगशेडी ल्याएनआरएनाभलगरंतनुंगाघानी याउभनेक्षयरी,उवषीने थयानानिहां पियरेनिनराबला तिहां सपिलयगयानाशाप्नीन्नुभंगसशे सिध्यनुले शिवपुरगया सामनरमभर नि:संउपयु,उरभरहितथयानाभातमगुए ने नित्यत्नोगकेशिवसुजनेउरोमेतहनुं ध्यानसभरारी, लपपलपितरोगशाचील्लुजेभंगलभारो,भापारन पहत एंजेपनशासनभाहेशोलताहीपऽसभलागायुगप्रधानस मगुएरोऽरी,शोहतालुवितलेभातहने नित्यनित्यवांस्तांउ भला सपिगमगायोयुभंगलहवेसुजड पाउपहतगुंभापायची शशुरोउरी मनोहसमताभांरभेषगुंभापथ्थरसभानने शिष्य ने,नवपटसब उरेमातेहुनुलननउरतांथपापरननेहरे जायाभुनिपर्नुरोपांच भंगखभनरसीमापांयसमिति उरीशोलतांज्युपतिबएयअनिलसीमासंयमळवतेछचता,घन भध्या हेमानेहवामुनिळनेवांस्तांउर्मपण हेमापाने पांये भंग भोटांशिवसुजघयतामाश्यप थितामाणिसार जिासर्वभगमनायाजाघरभजोच्छवासभेगाध्थे,भनउरी निर्भखंभेगमातभधर्मनोनीपत्रे शिवभुजत्नखंभासिध्यान यसने गिरनारळ,सभेत शिजश्न रोजगमानुभशपटपंथने, नित्यनभीमनभोजापंचतीर्थनैनना,लवोषितारणांगण Jai Educationa International For Personal and Private Use Only Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3४७ , पंयमंशलोहन्नपीयें,लवरजवारणांगणापंचतीरथनमः तांथपाएपंयमसहेपियभीगतितसनीपने पंयभंगपउ जगभरच्यनेलावशंभंगल,हरजघरीने उरेमाजिमापिनयन सनाभथी,शुलगुए तेवरेनोटा पतिरा ॥ जथऋषत्लनिन स्तवन ।। सिध्धनी शोलापुंशीइंगमेशीलतलहेसुगोभा बडी प्रशट्यानवे निघाननित्य नित्यदेतांनोसंनाहवेनूमी पु नाभानशालनीशोलाहुंशीहुँचामेमांमएचटारो गोडी सागरें,चसीयो नयर अनूपशाचारब्यानरे भानछे,या सोन्मेवाने यूपशाषनाशापहेलोपानोभेटछ,गंगराध्यन सानो एजीन्ने नानोमेटछ,गंगशरतनसभानास्पारावीन्नेर मनोमेटछे,शंगश भागभयनएगातेहभाभध्यसिंहासए,भाड रिप्रभाएरोषनागापूरपरिशिनीसंज्यासुगो पशथीयांवीशहुन्न|| राणीपरेंगएतांधारे डिशा,पशथीयांशीहुन्नरशाऋष० पाशिरपरत्रएछन्ग्लहले,तेहुथी बिलुयनशयशातीनमुच ननोरे पासा,उचज्ञान सहायशऋषणादावीशजवीश शसुर पति,वसीहोयपिंटनेसूरशाहोयरन्लेडीशलाजडा,तुमसुता पनहन्नूरशाऋषणायाभरन्नेडायोवीशछ,लाभंडत बसत शाशानेगनेरे पुलीस परवरसंतापगाटाजारगुएरो अनुहथी नशोरक्षपीडाररोभेघसभाएीरेद्देशना,अमृतन पाएीनयकारशाषनाकाप्रातिहारनाथी,तुभसुतहीपेक्षेप शाथासोन्मेवाने भावडी,गयवरजंघेमसवारशाऋषगापणारी वानरे सालसी,न्नेवाहर्षनभायशा हर्षनाजांसुथीशटीयां, पडला तेपूर पलायशाषनातागयवरजंघेथीजीयां निश्पभ पुत्र घरामारीघोनहीं भायनेभाय भनजेसपारशाऋषणापत्र Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3४८ उहनांछोडूने भावडी,जेतोछेचीतरागरागीपरेलायनालापतांच जपान्यामहालागशाषनागनवर भुन्तें गया,जंतघडडे यसीमेहाशे पुत्रनेभापडी,आणीअघिसनेहाऋषणाच्या ऋषलनीशोलानेवरणवीसभतितपुर भोन्नरशासिध्यागिरिभा। म्यसाललो,संघनेन्यनयारशाऋषापासंचतमढार में शीयें,भागशरभाससोडायरेगहीपविनय उविरायने, भंशलभान खसवायगाऋषगापदा ति। - ॥ जयवीरनिन स्तवन ।। भाव सहेलीने थाहचे वेषी,श्रीनिनन्नेवाईयेशासजीवीर विरानेगाप्रातसमयप्रनुपएभीने,भनयंछित इखलहीथेरे एसजीनामस्ता भुकुटनीषवटटी{अनेकुंडलउपरेशानी गजाहेमान्नुअंघजाहिरमा सोहीये,हैयडे हारतेसखडेशासजीगा पशाहाथ नजेरीन सोवनडेरी,पमासनप्रलुसोहीयेरोसगाणां गीयंशीजंगसुरंगीबिलुचन भनझुंभोहीयेशासगाजिए जि. एभागलगला निरजुनिन भुजन्नेवासरिनुशासगासुंर भूय तमोहनगारी, निरनीयडे हरशासानातिनपटपंडनभुनभन भघुउररभराउरेरसलीनासगाऊपजिलुशुंत्री तखडी भिनललीने भीनोरेसनापाविशवानंहननगन्नयन यिनि शीतलचाएीसगारेशरथननरीरे ज्योती,पूलेनेलपि पाएीरोगसगादासुरतर सुरभगिउर मुनगडीया भगवी घर मार्थासगाशल सागरवायठप्रत्नसेवेत्तम संपटपारेरास ॥७॥ ॥ अथानिनप्रतिभा दर्शन इस स्तवन । यहेरेन्नपुंलिभांघरतां,योथतएं खयाहोशणीन तागमन प्रारंले,मभइसणभाहोशापामनुपूलाल पीछोप्रा Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - પા (30) पी,माणमनर्थे छोरोशमतखामने होण्युपुमालमते पर थेरापक्षोपासपंथने अर्धे भासोपयासटीनेशाप्रलुगाशाछ भासी रिसणष पोहोता,वश्सी सद्दार यढंतेरोनिभनियें शत घएं इस लाज्यू सहसवरसमश्यतेशाप्रलुगाउामनंतगणुश्लथुणतांज हीये सताएं इस डानशाभहसगणु खमंगविलेपन लज घj. भाषायेंछानेशाप्रत्नुलाचालावनालापतांवानिशीतें,अनंताएं सआयुशाणध्यरतनवायभषोले,लगवंतेभित्लाप्युशागा ॥ अथ पंचतीर्थ-स्तवन । चाहिनेभाभिमाहिनिनेस पुंडरपुर गिरिसए गारगाशयएजसभोसत्यापूरव पूचनवाएंचारआमाहिम पणथलोमाहिमेसाहिनिनंहन्नांशुएचजाणुंनेहनाभनरंश मानववधनव,पायपूने तेहनालाजन्योराशी पूर्व पोटा,मायनेहा मुंलणीयोसोयशनयस्वाभी रिसहपाभी,ध्यान घचहुंभागीय पाडालाहीमेटीहोमोटर भंडगोभीहोजेभीडो सभी यसभानगोशांतिभेशांतिनिनेसरशोखभोगे सोहे मेसोहे सो वनवानगीहोगाणथपोधीनोहरभंडएदुरितजंडए हीरो पापियूरावंतांसंरसयलनासे,पूज्योछिनपूरमासुर उरियभायाशरणमाया,पारेवोनेऐशजीओपप्पतालरोघ्याउरो, घन भारगानीयोगशाळालागिश्नोभेगिरीमोगटगिरनारनो जेल्ससिरनस सिरनेमभारास सविनयरानसतिसोने शिपची शिवावीतयोभसारगशिश्नोगाणथलो गिरनारगि मोडुंगरहेजी,हैये हरजीहे सजीनवगंगनवेरीनेभडेरी, शिशपूलनवषजीनिएरोपित्तभीही ध्याहीही,राणीरान्नुस पर हरीसंसारटातीशीलपाखी,वोंभुस्तिवधूवरीगाढापानमें नयुभेन नधुंधलशपमेनशुंभेरशुभेसालले Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryana Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3५० ) हाथशासंघभत्योसंघभत्योसासाभटोमे पूनया पूनवापारस-|| नायगालशुभेगाथपोरालरावलोगनाथन्नएी भन्नभागी मासनाभहभान भोडीहाथन्नेडी,गायशुगुणपासनाएढंढोलब भडे घूघर घम,रंगडीरासनाप्रलुसेवउरतांध्यानपरतां सुन मापेचासनापनाढालासायोमेसायोमेलिनसायोरनोने, बिलुवन त्रिलुवन भंडएवीरगाधीरपणे धीरपणेनेऐतपतन प्युं गेसोचनसोवनवान शरीरासायोगाणथसोसायोर स्वामी समसायो, योपट भतायितुंर्शिताप्रलुभाशपूरे पापा यूरेनसन्देशीचरनपाशशीसूर भंऽसनिश्याडस, हैये हार सोहाभयोगन्निरानभानयालजी,पनोणतटघणोपरा ढालामुनि भुनिभेसावएयसभथलणेने पयपंथभे भे रिसभानापंथभेपयोतीरथनेस्तवेने,तसपरतसघरन्य वे निधान मुनिमेगादा गति॥ । - - ॥ जयशंजेश्वरनिन स्तवन ॥ रागप्रलातीसारउरसार ३२ स्वाभीशंजेश्वरा, विश्ववि ज्यात डांतभावानगतनानाय भुनहायनसीउरी,मानजि भशनभांवारलावोगसागावाहृष्य मुन रंगो शत्रुजलंग |पोट परभिष्ट भोहेतुंही सायो गजल जिनमतउरे विपतिसभे जिएलरेनविरहेतासमलिवाषप्रयोगसागाशायावाररान पराभडेशवरणे,नभलागीनरानियोती स्वामी शंजेश्वरा परएनलपाभीने,याध्वनीनशन्नयशेतीसागाउामान दिन रानीघेडिशुभासभे,नगमहारानसेवउपनोतासुजुष्यि भयें रखेत घेखतहरे,वीरांडेंरिपुरंरोतासागानास नन्मना पूरीडाभना,ध्यानथी भासप्सघयवीत्याविटस उरहरी निऽटनयणांनो,तोमभेशत्रुनृपतिकुंछत्यासागापा Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 341 ) अल भुमशनशीतजावसन प्रभसुजासनररोणपणासुशु एनरसांनरेचीसरे नहीं उापासलतुंसरासजाणासागाराम ततुंतानतुंलानतुंवतुं,चदुनिया में पूननवाहातोश्रीशुलवी रनगलतउंडोउरेनाथलनेउनयणें निहालोएमाणातिए ॥ अथवीतरागस्तवन । परागविहागाभनभांबावन्नेरेनाथ,हुंथयोभानसनाथ पमेमांडपीनयनिनेसनिरंननो,लंनोसपिजराशपरंन्नो सपिलपियित्तनो,भन्नोपापनोपाशामिनासाहिब्रह्मजनुप तुंमज्वह्मघापूशालवल्लभसविलालण्यातूंही विनंहसा नशा भनाशाचीतरागलावनाभावरी निहांसोंभुग्नेचानिहां खणेतुभपहभपनी सेवनारेहेन्ने भेटेवाभगाउायद्यपितुभहीमा तुप जली,नशानेभउहेवायापए तेभाव्याभुन भने,तेसले ननीननवायाभगागाभन भनावपाविएमाहुभिजपथीघूटाया एभनयंछितनाथगं, पालवडोननसायाभरापाहणाखनो होयचाउरो,नेरहेछ निनरानगान्नन्नुऊरावे°हीये, शिरवानेगरि | जनियानगमगायाज्ञानविभषगुएराधीषको सपिलविभननाल्पव रातोमक्षयसुजसीलाहीमोनिमहोयेसुनसनभावामगाणा - ॥ अथ भालएमाश्रीशंजेश्वरनिनस्तवन ।। एमोहन भावगीले,तेरे चंगे पंगेस,तेरेन्नईन्नूठेला तेरेन्नेरजनेनसूख,तेरे भूतही अभूल,तेरेपछजिसे सूखा मोहन भालएीजेनापामाछे सखेभलिभायाभोनगाणं पोरोोपतोसुभानीगीपतो भुनदेवाभोनगापार्श्वनाथयो पूलयसुभानीडा,सुमनाएंीपपभोहनगशाभली टोली भित्त सुभानीडायजेसी पढायाभोहनगापूसरहंधीयूसरीरासुगान Jl Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3५२ ) खीन्नरजनायाभोहनगाभार्थगेयंगे यूटडेसुगाजांतेलीयें जूप ||एभोनगासाहुंदो डूंटरोगसुगाचातरी घरीथूपाभोहन गागाभी शेभन भोही रयोगसुगा लीलयाजाभोहनगाशंजेश्वर इंीसा हजागाजूनीजनीजूजामोहन गापाध्यएंटीजंगी। सुगाभानीलीयोमहारानाभोहनगारशनापजावयासुन परोड सुधारणानाभोहन गादा पनि ॥जय पूनस्तवन । गोहीजणारजघाऽ,पाछे पूलनुंगगोडीगाहीसछेप्टेरानु पनगवल्सनमुनामछेनेहुनुभुनेशनतेनुंहेजागापराछेपून मुंगपाने भागेतेमापुंतुनने,मेहेलतुंभननीगांगापागाक्षाने उन्नयेते भुननजभाये, मेहुनुहेत साशुंछेभहारे हाडापएनाशा भाव्योछुन्नेचा पावन होगा भरडी भोहनीचाडयापागातसुरंगाम नजहुरंगा, मेंतोषीपांछे भोघेपाडापएगा आपास लिनेसरभनुपर भेसरहने रेशरनीउभागापागातुनभुन साहेषज्छे भावे महाराभननी होसपोहोत्याऽरापएगाचानसापोसमांडोनसाडे, दुर्जय भोहुनीघाडापणुगाणध्यरतन हेहुंघास तेहनो,महारा: भनीडासलगढपएगापा तिरा ॥ अथ शांतिनिन स्तवन ।। अनुडे नेमशुंडीपुंशाशीएपीशांति तिनेसरडीहोरेमा हाराभनमालागे भीमेशामान भुजघुमेहुनुन्नेतारे, महारांनयए। थयापनोतरेपानेननर भांडीमेनेब्नेशेरेन्तेतोलवनीलापहजोन सेवामहरूपन्नेऽनेन्नोरे,तेहुने सुरनरस वजारेशान नो साहेजसथानोरे, भुनेसाशोभे शुंतानोशाभेतो शिवसुंधरी नीरसीयोरे,महारानयएा भांहेंचसीयोरेगा तो भगपए मेह Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ( 343 ) |मंडीधुरे,वे सघडुंगरनसीधुशास्तोलयननंतरन्मभीरे,निरंना नभेषनाभीशाकापणुंशुओहनेवणापुरेनोळपनोलवनल |एंगघणुंने मेहने भतशेरे,तेतोभारासमांथीटलशेशापामना डॉलेणे महशुभाडयारे,तेणेऋधिवंतांघरछांडयाशाभागेनेने हरीपाश्योरेन्तेणे शिवसुनजरतस्वाश्योगाडामाशिउने गेहुन नाथायरे,तेरो संसारभनिरहेपायाशुराहनाने घ{गाशे नेतो भाजर निशुण्याशेजा तो भांडीमेशुभायारे, मुनेन गभेजाननीयाशाणीष्टयरत्न मुनिप्रेमजोरे, ओ नावेमे हनेतोरेगा ति। ॥ जय पार्श्वग्नि स्तवन । ॥गरणानी शीघ्रत सुंदरपासनीरेखो,न्नेन्नेभूरतमोहन खामोरा साहेनारे इंजषीहारीताइरीरेलोनणताउनगलव नारेलोलाजघरनणवेताभोरागागाभएीयालीअनुमोजडी|| रिलो,मुजपूनभनोपंद्याभोगानयएलरीनेनिहासतारेतो,जीपने जपिडभानंधाभोगाशातिराउन्नेतांताहरेरेसो घुश्नरभोहेनर नाशाभोगाडेशरभाभांगीणनीरेखोउंसुओभतहासाभोगाआप्ने डाहरीयालागाभभारेलो,नेनेपासनोभाभसोन्नाभोगालीड लंबनाबिनलेटतारेषोनासे उभजडोशाभोगाचाभननीअंतरभेषी, नेरेसोर्शनयोनिरानाभोगाइरन्नेडीनेवीनवेरेखो,ध्यरतन | गीलाताभोरागापा ईति। ॥ जय सिध्ययक्रनुंस्तवन ॥ ॥निरडीचरणकुछ रहीशीश्रीसिध्ययक्रमाशपियेंनिभपाभो होलपिठोऽिऽल्याएगाश्रीश्रीपासतएी परें, सुनपामो होषही निर्भवनागाशानरपाप्यानपशेसमायोनेयित्तेहो| Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 34 ) आणीबहुलावाविधिभाराधनसाययो,निभनणमाहोहोयेन्स नोनभायानपणाशाडेशरथप्नसुभशुपूलनेहोणवेणीधूप आइंद्रभारने भरणन्नतपीननाघोजीने एनधी पडेगानवगायन माशो पैत्रशुष्ठलपक्षेनवचिसहोतपडीने नेहगासहन सोनागा सुसंपघ,सोवनसभहीनपतसरानवामानवलव शउनेउन रो,निभपाभोहो नित्यनवसालोगशापार वरससाणतथा निनशा सनहोभे भोहोटोयोगडेगानपणापाश्रीविभवसान्निध्यउरेय डेसरीहोहो तास सहायडेनीग्निशासनसोहियें, भेउरताहो अवियलसुनथायडेगा नयनादामंत्रतंत्रमणि औषधि वशश्श्या हो शिवरभएीशानहात्रिनुपन तितासभोपडी,होयेतेनरहोउ | निय उपिरान नवगाणा तिा ॥ जथऋषलानिन स्तवन ।।। स्नेही संतमगिरि सेवोपशीराश्रीऋषलवरसोपचान| सी,पूरवनीप्रीतप्राशी,श्रेयांसजोसेशाजासीराणायालचीनतिम |वधारो,माहारे भंटरीय पधारोपणावालगातानेयांऽणीयसेती ससुनती दोहोरो नाथलन रामोनोहोरोगधरिशन सभापो शेरो राजावागाशाप्रलुयेंतवभांडीपसपी,माहारसेवानीगति असषी प्रशीतवपुर्णति वसतीजावागाडाजन्नुभासीत्रीवैशाजी, पंयायिथतेसुरसाजीवजेतोघनतएीणतिघजीजांचागाह युशाहिपरवजेन्नयो,माजात्रीन्नामेवजागो,सोरेगष भागोगाजावागावासहसपरसेंडेवलपायो, भेडलाजपूश्वभरन न्यायो,पछी परमभहोध्यपायोजावानादामेमणध्यवरणवा नया, पूलेश्रीवलनापाया,लिणे माहिधर्मपायाजान वालणाणा ति। Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar larg Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । ( ३५५ । . ॥ अथणोडीग्नि स्तवन ।।.. सजीभाहीसेधीपाखी,महारे मनभरिमाच्या चाली भिलुपीतेंवाया पालीशा झारमानंध्ययो,लाग्यमभारांन्नग्यारे || जोडीग्निवर भष्यापाप्रमुअनुत्लवमापोसुजडी,महारीलपनी/ मांगेलूजी महारांपापन्नये सरवेणजडीबारगाशाप्रलुन्गन तुनेभो, भहारे सुरतरजग्योजारणे, सईयानपात्रसभनारणेमा लगाडापलुगुणसरसाई सेखडी,नएउटपतइनीवेसडी,अंजाम घरगभगविजेसडीनाग्गामाप्रलुपारसभहारसडेशना,चिंता मणि भापोसाना,हारे प्रश्नुतुंहीबातातुंही धीरघातापमानवाचार सुरेशभविग्यहे गावाला,सुन्नएनेमापोसुविशाला,गोडीनामे होवे भंगलभाषाभागा ईतिए - - - - ॥ जय श्रीशीततारिनस्तवन । पत्लुशीतषनाथलात,आग पूरए भेणखजीलेट्योला वघगानोरीसुरत निभयित्राभ,भुनभनाभांहेसिजीलेट्योगाला ज्ञानपणघाडीगेहुलोगाउभनीनांकनानेथ्योगापश्योहयतुं वीतरागमोहुतणो भभालनालेट्योगाशाहजनयणे देवभनेऊो संपटोलोनियोगालेट्योगार्थ शगीडोरीसासतिणेमुन् पित्तनविथोलियोलेश्योगाआडीघा गेडीगमे मोहरानना रान ल्यमांगलेट्योगायाभी सेक्नोसंबंध,पणुओनलस्योडाभांग लेट्योगाचा निर्षिभष्योतुंनाथ, सस्शुणे संपूरीयोलेट्योन महारा मननातुंभहारान मान मनोरथपूरीयोलेट्योगपाल वायोनि थोराशीलाजाने रस्यारी शालेट्योगायोध्ययभे हिल्याभवगाहमवतारणहुदाउरीशालेट्योगापूरव एयपसाय,शासनपाभ्योकुँताहेगालेट्योगामुडगभनथथुतुमन साथ ध्यरतन माहेगनेट्योगाणा पति - - Educationa international - For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig. Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 34 ) ॥ अथशांतिनिनस्तवन॥ ॥गरणानीशीजपिरानध्नबंधनारेसोडलिवलयाई निघनारेलोमाराघोजानंहमारे सो, भपडोभायाशंभारे सोपाहुंनो भलुने पूनवानीसस्योरेपो, भुनेघश्नोधंधोवीसश्योरे सोपभुजउँनेपाताहेरेखो,राला भोहीरयुंभन माहेरेरेसोशाताई पीनेवारन रेखो,मुनेवीसम्युपश्च संसाररेषोताहारी भरना डीने घडीरेकोमाहारीजानहैयानीणधीरेसोगामुनेतुनशुपाणी मोहनीरेलो,मुनेननभेसंगतरेहुनीरेषोभुनेघडीघडीतुंसांभरेरेसो, वतीची सात्यानपिचीसरेरेतोयनाशी भएणीजातीतुन भाजी रखो,तेतोन्नोऽभलनी पांजडीरेपोभस्त भार सोहाभएोरेलोभूनेन्नेवानो अपलेघपोरेसोपाषाहे जान्नुसंघहिरजारेखोग जानेउंडपमारिनारेसोहारहीयेभनि मोतीरेखो,तेतोलपियए नाभन भोहतोरेलोगटायरंगी मांगीपनारेषोऽअशी शोनाडु नेहनीपोखपणरपति डूटरोरेषोत्यहाशययणमभारसा टोरेजोगाोपभाषाघूपभारतीरेखो पुनरोशपूरेंचारतीरेन लगताथैताथैतानभारेखो,तुनेगायेसुरनरशानभारेलोगटानेसे चडीखेजपोरेखो,तोसुनन्रे साहामुंटेजचोरेलोराणध्यरतन हेमा न्थीरेखो,महारेशप सख्यां निराग्थीरेखोरानाति ॥ जयपार्श्वनाथ स्तवन ॥ ॥शशमशास्मश्यामातनयं भानसलग्याभातनयाभान एरणमूभित्तयाघसरक्ष, विधुतबिनित्वर निजितविपक्षपस्मस |प्यारक्षित विग्यसर्प,शमहाभहशुशासितापशिथिली-| तर्प,सुशुएउजऊ पारावारा स्मरणाशाउभतिभहीतलघर सीरं,उसिमलघूपी एएसभीशालेयोवनसिंथन शुपिनी,हरितय लसभयारशरीशास्मरगागालव्यनिनाक्षियोरीयसीलानंधि in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७५७ । |तभएनसुशारंगरपितन्निपार्श्वसुणीतंलग्तुभहोत्यपध्भुपनीतंयस्मरणाच्या प्रति ॥ अथासिघ्यायकलनुंस्तवन । ॥मलनेखानी देशीसजेवानीन्नेजवाटडीशामसाजेसान भहारीजसीजसीरेन्नयेपाटलीशामलगानगी घेबररीभार सीवामगावाप्रेमघरीने परजीयेंशामगातरत्नावें हुरजीये। रामानेनन्थी निरनीयशासगाशानवपहने भनमें घरो। एमाणाशिवसुंधरी महेनेंचरोशामगाप्रपक्षिणायें देश रोशान गापहेले पमरिहंतनाशामगाएगायोलगवंतनाराम एउभपूरोनेभसंतनागराजनानाजीने परेंसिध्यशोलतारामन एमालुवन नहींशोलतारोजगातु रोणपरनहींओपतारे एमगारावीने पहुँसुजपाभीयशाजनानाथारन सीसनाभी शामगानष्ट दुनियाभीयशामगादाचोथे पणैवला यनरामनासभरे संपत्तियायनेरोजगापुजघोहगसहुन्नयन नशामा जापंप/पहसुनंबरोशामगासाघुससहीये परे |पमगालवसहसेहेनेतरोशामगाटासभडितसरजीसुंधरी राजगानटपटने भूपरिशासनानेहेमें शिवसुंधरीवरीशामगा एकाज्ञानचारित्रनेतपनोरेगाअगाथीहलुवनभांजपनोशाम पनवपरिनानहींनपनोशागारागानवपहनिश्चेलपीयें जगाशिवसुंघरीसुजभागीयेरेमनाशुलवीरविन्यनीवारी।। ॥ अथ श्रीवासुपून्यनिनस्तवन । ॥सोबास्वस्तिश्री परिरलनिर्लरसुजव्याघूतसपिध्या शियभरावषीनतपट निःशेषविद्यास्पघात्मतानांससेछितान घटना, पल्प चिलुआतंत्रीतीर्थ लवल्लभहरं श्रीवासुपूत Wan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarylar Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (3५८ ) न्यंस्तुभानयनगीशहराामेशासालसभीहित पूरण, उपियूश्यामाचल उभषात पनयन्यविश्वपनिापाभान म हीघरलंग्न,ग्नननिरंन्नाधीशाग्यनाशाजन्म भहन विनाशन,सविभासन,दुरित पडसतृणुपत्रानयगाडाल वध्वशमन,नवांजुशरणप्रजानगनुपम परलागानयगाना न्मभरए निवारण,सुजाराने,नवग्यतारए तरंडाग्य राधाक्रम सन्तसुरेश्वर,परभेश्वरमुनिहटयांप्रहंसाल्या पपामोतिभिर हरहिनउरणारशेणसागरवरगंलीशाग्यप पशानीसनसिनहसलोपन तगशोयनापिन्ति ससवयनीय पन्यगायाभुज सुजभारित हिमागपूतराठोडनेरिया हान्यायाधैर्ये विन्तिसुरलूघरासभरसघरोगगनभि वानाजपनयनामापावितयंपा परिसर,ननुषावरने,परसुप न्यतनुनगानयगाथाश्थरए प्रगतेभयि,उपाभयमाहिम होयभीशास्यगापशाउलशाातियंगएिनांनरत्नपरणालो, न्मसेवालुषी स्वाभीसूर्यपुशवतंसउनिल श्रीवासुपूज्यस्तुत सद्यसङरणाऽटाक्षऽपिडा,भार प्रसारभयित्वाभोहभपास्य भंगलभसंतासघशाश्वताला पति ॥ जयपट महामु, स्तवन । घहा। स्याहाशुध्योदृषिध्यिवरिनयंहापरमपंथ परभेष्टीभांडतासुपरणसुजउंत्रिशुएगोचरनाभने,नुवर्ण शानभोतेहाथयालोोत्तरसत्तथी,ते सर्वे निनोहाशापंचवरन एमरिहा पिलुपयल्याएऽध्येयाषटभहाई स्तवनारयुपए। भीमनंतशुएगेयाराडा ढाल पहेलीण्डपूर होवेभतिजल्लोशानदेशीात्रभासें शुष्पिक्षमारे प्रथममा संयोगानिहां सिध्यचकनी सेवनारे, Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३५७) अध्यातभडीपयोगरे।ालविडापर्व अठ्ठाई जाराधामनपंछित सुषसाधोरे गालणापर्वणाशा ने जांएगी। पंच परमेष्टीबिडासना रे, वीत्तमयी गुएराउत॥शाश्वता पहसिष्य पकनेरे, वहतां पुण्यभ हुतरेपालविनाशालोचन उरए। युगल भुजेरे, नासिडाम, निलाड तासु शिरनालिहहिरे, लमूह मध्ये ध्यान डाहरे शालविणाशाखाल जन स्थानऽ उह्मांरे, ज्ञानीथें हेहु भन्नशाते हुभां विगत विषय पएोरे, - चित्तमांश्ऽ आधाररे ॥लविणा मानष्टम्भसहस इरिडारे, नवप घ्थापोलाव जाहिर यंत्ररथी उरीरे, घाशे जनंत जनुलावशालवि पाशुहि सातमथडीरे, जील अठ्ठार्घ भंडाए॥जशें तेंतासीशगुएरोएरीरे, जसीना जोसाहिङ घ्यानरे॥ालविणााडीत्त राध्ययन टीडा उहेरे को होयशाश्वती यात्रा उश्ता हेवनंहीश्वरेंरे, नरनिन ठाम सुपाचरे ॥लविगाजा ढालजीळासिध्ययक पध्वंहो । जे देशी । याषाढ शोभा सानी अठ्ठार्ध, निहांजलिग्रह अधिडाधाकृष्ण कुमारपाल परें पान सो,लवघ्था चित्त सार्घशात्राएगी, अठ्ठार्ध महोत्सव डरियें ॥ सचित्त जाल परिहरियेंरे । त्राएगीगाथा जांएगी। हिसिगभन तलेव र्षाालें, लक्षालक्ष विवेआग्जधति वस्तु पए। विश्तियें जहुईस, वं ज्यूल सुविवेऽरेशा प्राणीणाशानेने हेहग्रहीने भूम्या, तेहथी ने हिंसा थाय ॥ पापार्षएाग्नविरति योगें, नवें दुर्भ जंपायरेशमाएनाउ साह्यङ हेहनालवने गतिभां, वसीयातस होवे दुर्भ। शन्नरांठनेडिरिया सरजी, लगवती अंगनोभर्भरे॥प्राणीगणानाथभासी जाव श्यड डाडीस्सग्गना, पंथशत भानेठीसासा ॥ छतपनी आषीया डरतां, विरति धर्म बीन्नसारे प्राणीणापा ढालत्रीलान्निरयएगील घ्शहिशि निर्भलता घरे हे शी॥डात्तिङशुहिभांल, धर्भवासर अड घारीयें ॥ तिभवली शशुए क, पर्व अठ्ठार्ध संलारीयें॥ त्रएा अठ्ठार्धक, चौमासीत्रएाडारणीग Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarg Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३५० ) लविलवनांक पा तङ सर्व निवारी॥१पट आनिवारएणी पातउत एसीजेन्नी, श्जवधिज्ञाने सुरवरया निाय धारना र हर्षित, बहे निन नि अनुधरा ॥ जनार्घ महोत्सव रएासभयें, शाश्वतानिन हेजीयें ॥ सविसन्नथाग्ने हेवहेवी, घंटानाद विशेषीयें ॥शावलीस श्पतिन्छ, डीघोषणा सुर सोङभांगानी पन्नवेल, परिजन सर्वश्जशोऽ मांद्वीप नाहमेल, नंदीश्वर सविग्भावियापशाश्वति पडिभाल, प्रण भेवधावे लाविया आलूट झालाविया प्रएाभे वधावे प्रलुने, हुषण हुले नायता ॥जत्रीश विधिनां उरीय नाटिङ, डीडी सुरपति भायता॥ हाथब्लेडी भानभोडी, जंगलावद्विजावती॥जपछरारंलाखतीन थला, नरिहागुएाजासावती ॥ना भए। अठ्ठार्धभांत पाय उष्या शिड न्नितएगा।तथा जासयल, जावन निनना जिंजघएगा।तस स्तवनाल, सद्दलूत अर्थबजाएातां । हमें पोहोचेल, पछीग्निना मसंलापतांचा ॥ ढास पोथी ॥ माहिनिएांह भयाउरो ॥ श्ने देशी । पर्व पन्नूस एामांसहा, रजभारि पडही चन्नवेरे ॥ संघ लस्तिन्य लावथी, सामी वत्सल शुल हावेरे ॥शामहोघ्य पर्व महिमानिधि ॥ने मांडणीशा साभीवत्सल श्येऽएा पासें, जेज्ञ धर्म समुदायरे ॥ जुपितुसायेंतासी यें, तुष्य साल रेल थायरे ॥मड़ीणाशा जीहार्घ यमशनऋषि, तिम कुशे जाएगा सत्यरे । भिच्छामि दुम्ड हेर्धने, द्विरी सेवे पापवत्तशा महोणाआते ज्या भाया मृषावाही, जावश्यङ निर्युम्ति मांहेशायैस परवाडी डील यें, पूल बिडास बीच्छाहें रे । महीना नाछती चार नायें, महा महोत्सव रथे हेबारे ॥ वालिगोभीय्यरे, प्रलु शासनना जे भेपारे । भहोणाच ।। ढास पांयमी ॥ जरशिङ मुनिवर पाप्याशोधरी॥जेहेशी अहभनुं तप वार्षिक पर्वभांशस्य रहित अविशेष्यथे । रङसापड लुना धर्मनुं, छारो में होय शुध्यरे ॥ तपने सेवी रे डंता विरतिना Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibran org Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३९१ ) पानेशांशीटेशोवर्षेरे नामथी,नारीतेनोसडाभेराप पापरहितहोय नोकरसीयडी, सहसते पोरसीगभेरेगतपनेगाशाय पतोवघतारेतपश्याथडी,शशुगोपालजीहारशाशलाजोडी वर्षमुंभाइभे,पुरित भटे निरधारशातपने गागापंथाशवर्षसुधीत प्यालजमणा भायातपनविशुध्धशामसंज्यत्नवलभ्यामेच थनथी पमनाभेवारे सिध्धशातपणानामाहारनीरिहतारेसम्य तपयुज्नूमोजल्यंतर तत्वशात्नवाघिसेतुरेश्भहमतपतएी, नागडेतु इस पत्तिशातपणापा रातिए ___ढालहीतायाभी सीभंघराचिनतिराभेदेशीपाक्षिऽपडिङ भषा विषे,मेहन्नरशुनाशासासणसासणसणतणा,मा हरीत ने भनागपत्नुतुभशासनमतिलjामांयीप दुगषजयीसयम उद्या,पल्यपणुभाषी हुन्नरशानवत्लापल्या नापर्णग्रया, सासभांसुरमायुसाररोगप्रमुगाशाश्मोगएीशलाज नेत्रेसही सहस्सजसें सतसहशापयोपमध्वमुंभाणj नवजार गोस्सननिहाप्रलुगामा शहलाजने पानीसा,सहस्सज संशब्नयोगाभेतापल्यनुसुरभारीगँखोगस्सअस्सियभानरे राप्रमुगाचाघेनुथरापरेलवना, मयखछे भाइप्रदेशशातेह परेंस व निर्भलाउरे, पर्वमहाजीपटेशप्रलुगापा . हालसातभीएसीलावंतकुभरललोमेशीसोभाहेनन जूप्रत्ये,ज्ञानाधिर्भअनंतशाविनीताअर्थमडावीरलताभ र थी सिध्यांतराविनीताप्रलुभागभलसोविश्वभारानेमांडपीप पाषटलाजत्रएशेत्रीया,मेशुपसाहहुन्नरशाविनापीस्तादीश नागमतणी, संज्यानगाधारशापिगाप्रलुगाशामथ्याभियडेवसर पि, अमटीच्यवहारशाविनाणलयप्राशसूत्रनो सांप्रतजहुपीपन गागाविणापलुगावापुण्यक्षेत्रमा सिध्यगिरि भवभाहेनवार विनाशुटसध्यानजेध्यानमां,उत्पसूत्रतिभसारशविगापलुगाच Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.90 Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( 3१२ । रीरवर्णबछेनेहभाश्रीपर्यंतसुसेवशापिसछुतस्पसुणीमुना शियित विधिततजेवाविनाप्रलुगापा 1. पढालभाभीतपशूरंगपाग्योमेशीनेसहससंघ तिनृपेरे,ध्यस्यानप्रासापाभनने मोशाध्वीशसहसनवाड स्यारे, निनायुनिवासामनने भोगापून्ने पूले महोयपश्च भहोन छच भोटेशानेमांडणीमसंज्यलरतना पाटवीरे,महाधना अभीरेसिध्यगिरि शिवपुरीवस्यारे, मनराभरशुलगभाभनगा लगपरधान पूरघणीरेवयरस्वाभीगएघारशानिनपति भित्रपास नरे,न्नयासतमाशाभगप्यावीशलाजलसेनेरे,माच्या रिहिमवंतसिरिवी हाथ सीयारे,महाभलगुगवंताभगाच्या पछे निनाशीने पुशोपियारे सुलिक्षानगरीभोलारशासुशत मत पच्छेहीमोरे,शासन शोलामपार भगापा । ढासनपभीलरतनृपनावशुभाशीरापातिहासमा उपाभीयेंगे, सिध्यप्रलुनागुरामाहाहर्षधरीसेवीयज्ञान नपारित्रनारे,भाउमायारना पाहगाहर्षगावोसेवोपर्व महंत पहर्षनाशामेऽएापचयएभाता सिध्याछामे,प्लुध्धिगुणा मििकराहर्षगागणीसंपहाडसंपाने,भाभीगतिहीने पुष्टि पहर्षगाशामाहरभजडोषने,भविषभपरभाधाहर्षगाप रिहरिमाइगरएनल मेमामालाविञ्चांघाहर्षगानाशुर घि सिंटेशभामेनजर शासुसतानाहुर्षगाहीरल गुइनारयणाथी लिभारिपडइपितानाहर्षनानासेनसूरितपगछभएीमे,तिष, उमानंभुर्णधार्षगारान्यभानऋयिषहरे,सौनान्यलक्ष्मीसुरिं यहर्षा से सेवो पर्व भहिंद्यापूनित पदमरविंधापुएयपर्वसु जिहाप्रगटे परमानंघाउद्देनेभलक्ष्मीसूरिहार्षपचाउतशा भपारसलुनोपसायपाभी,नभीमाशुएउद्यानविलव |साधो नित्यभाराघोप्रातमधर्भीभागसंपतन्नितिशयर - in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrailorg Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .. । - शशि थैत्रीपून घ्याया। सौलागसूरिशिष्यवक्ष्मीसरि,बहुसंघ मंगल पायाणा पतिए ॥ अथ सिध्याइंडिजनुंस्तवन । हीरिससर पाय नभी,पाभी सुअर पसायापसिध्यता पाशुएगाथया,भुन भनहर्षनभायापातीर्थभांडेंने मसिध्यगिरि घमाहेअरिहंतापमासिध्यपहभोटऋषलनोवंशइंतपय नेहनावंशभा पाटवी,जाला भोक्षभांलयाअथवाअनुत्तरपहला हिमेलवेंतेहउहायाला । ढास पहेलीपत्रलुपासनुभुजडुब्नेतरामेशीप्रीऋषला लडेवलपाभ्या,सुरनरमाची शिरनाम्यागनिन्न मुहूर्तेशिवपाल हीयो भरटेच्यायें भाशयहियोपामाप्त्यिनसमभुजनेराय ने पत्नवंशी उहेचायाधीसाज त्रिमंडनास्वाभी,पाभ्याशिवतसनमुंशिश्नाभी शापछी पारने मेउलीपन्न,सरवारथ सिध्यनिष्पन्न यौहलाजपाटशिवनयापछीसरवाश्य रथायाठायौहलाज नेअंतरेंगेभ, निहालगेंसुरउरन्ने प्रेभातेभेडेमज्यातान याय पछी यौहलाज शिवनयागापछी पाटनेसरवारथे,वषी| यौहलाजाशिवनथ्योभतेजेजेमसंज्याता,भत्रणुत्रए वि ज्यातापपायार पारश्नसंज्याताम्हीयें,भन्नव पथ्याऐसहीयो। निन रत्नत्रयीनालोगी,थयापातीतजयोगीदा पढासजीलाविवाहानीरामपंथविदेशीएसरवाश्य सिध्य,यौहलाजवेपाटापछीशिवोऽन्नये,नहींत्रीलनिहांबाट पाभशिवाजसज्यानाथायापछीयौहलाजसुराजेशि यभान्नयाशाभजेउरतां,मसंख्याताथायात्याटिन यावत् होयपंथाश शिवनेहाडाभपयाशपयाशयायमसंख्या तानीराशीपोलोउलास्टर उचल ज्ञानप्राशी रागाहवे पारसाज - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary 119 Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - शेय,भोक्षतथासुरथायाभत्रए पारसाजणलयेंसरजाथायाप पभिलाजमसंख्याता,सुर निश्यारामसेज्यारासुरशष्ठेन्नएो,मन तरसुरभेलांज्यादा ढासत्रीलालस्तनृपलावशंम्भेशीय शिवेंशेयच ताजेत्रए शिवयारसुरथायाणित्तमपंशमेहनोभे,पए शिवजट रथायानभो सिध्यलारशुंभशाचघते मीलयजे,भोक्ष सञ्चाश्य वाथायजसज्यातामे,निलंलगेरहे नित्यभेवानभो |एशाहवेमेडशिवत्रएटेवता,पएशिवसशसुरतामाउरोजे वाचतानवमसंज्यातायभानभोगाडापछी शिवया रहेवनाने,शात शिवशवाउरोत्रएवापताजेमसंज्याताहोये शेयवानभोगनाइये पिषभोत्तरपीछेने,सुगोसट्रपतभेता सामाडीनेउपाटलेमे,थापनाउरियेंजासानभोगापाहेडसण परन्नएीयेंजे, त्रिगासोगरात्रीशसाशाजनुक्रमें भांडीयेंजेन थीजेपजाहिाशानभोगादादुपएएनवतेर सत्तरचीश पटमडनाशाचौरजहावीशवतीजे,छवीशपयवीशसाशान भोगाणाशतेवीशचपीने सडतालीशसीतेशासीतोत्तर गगने,सीत्याशी डोतेशानभोगाटाछाश जोगगोतेरल खाने,थोपीशचंतालीशरावतीसत्तभूडीयेंगे,तिभवतीलेसोन छब्बीशानभोगाजाभलेल्याथीभेत्तरेंगे, भोक्षसरवारया नयामनुक्रमेंषीलयनेनिनगुएलुस्ताथायरानमोगा। | ढालयोथीरामेत्रीशानी देशीभउरतारे त्रएसिध्ये पांयचतामएसिध्यरेषारविनयनेसेवता भन्नवतरे,सना गत्तरत्रएसुस्थयाराजोगात्रीशरे,पाटणेत्तमाशिवभांगयात्रु टआशया शिवभांजेमभांडो,जीगएत्रीशीरपघाउलेखो पूर्वनी परें व शिवभारणसघशाभलपोरोमंतभायेह वेशतेषुडियारे, प्रथममाणलभांना वेगपहेसेडिडायरे,प्रथा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartha Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ३९५ ) भसंभासिध्यारीजीडीपरे,प्रथममंसुरभांघात्रुटार चशेसुरमानेमनुक्रमें धारोशुईपासें रहीपमानितस्वाभीतातन्न वत्तापने निहालगेंहीशामसज्यानीरे,डोडीलाजभडिशाप सिध्यने चलीरेसरवारय मडिगाभप्ररएरे,सिध्यसिमां उह्युएनटिसूत्रनीरे वृत्तिभांपराभलघुशत्रुटामसमुत्तिमा गुइपासें,पाभीमर्थनोमांजीयोस्वपरने प्रकाशहेनें, स्तवमरीयित्त राजीयोडाशाश्वतसुजरे,ज्ञानर्शनमारभाइरी लयभारे,सि ध्यययातेनवीलभानेहनुसुमरे,सुनधीऽहियेडेटामोपभन पिएरे शृंउहीघजूंगेरखाप्टाजेटहुंचनरममा निरममा नसन्योतिशटयणासिय पश्भसमृधि पाम्या,लवणपाधि सान्या | ॥ठालपांचभीपरागधन्याश्रीगायागायारे सिध्यसरून पीगायासिध्यतयागुएस्तवनाउनतां,मानजंगनभायान|| विहे नविशेहेनेहे, त्रएयत्नुवनपथशयाशा सिगाशसिध्यतएर स्तवनाउरतांभामापही सिध्यसुजपायाएसमप्रितवंतनीध्याय माहे मुनिवरपएनसघ्यायागाभे सिगाशाचसज्ञानीक्षणक्षए। निरजे,तेसुनभुनभनलाथायोसुजमुझने परभातभ,पुराना लातीत ठहरायाशा सिगाठाजिनाविनयरिनशन पसायें शुरण तमसुजषयासंवतसतमाशयण,एरजसोललशया शामें सिगाचा विनयधर्भसूरीसर राने,सूरतयोभागया शिष्यणत्तमगुडे रागावो पग्नविनयानिनशयारेग सिन्यपण ॥ जय प्रलातेगावानां पहो । ॥ नत्र ॥ ॥ प्रथमलैरव रागनां पहो॥.. ॥ चीतशगनाभसभरावीगाजर उर्भमोहपूरउरोन Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ૮ ૩૬૬) स्वाभिरेगावीणाशाभात ग्ज‍ पिता बंधु, सन्ननौन अभरे ॥हर्शन रेज्ञान पैरए, धार आहुलभरेगावीणाशारागद्वेष तोर क्रोध, भान अॅनडाभरेगासने छांडडार भाया, पावै शिवपाभरेगावीणाआलन से लगवंत संत, शरा पढे भामरे ॥ भुनि विनय डीर्त्तिगावे, पावे सुरडामरे गावीणाना ॥ अथ द्वितीय पहं ॥ नव पर ध्यान घरोरे ॥लविनन, नव पहध्यान घरो॥भनव न्यायास्रोङतें, बिङया दूरङरोरेशनवणाशामंत्रनडी जश्यंत्रघ एोरे, घएासन विसरोरे ॥जरिहंताहि नवपः न पडे, पुएयनंडार लरोरे ॥नवणाशानव निधि रिद्ध सिध्धि भंगलभाला, संपहसहि नवरोरेशासालसंह घ्याडी जसिहारी, सुरतईजीन जरोरे ॥ नवना ॥ श्जथ तृतीय पहं ॥ रामएाभुं निनदेव सहा, पैरा उभल तेरे। प्रएाभुं निनहेवनाना भसीया विघ्नन्नत, जानंदृ होत भेरे ॥ प्राणाशाऋषल जन्तिश्री संलव, जलिनंघ्न निनरेश महाना सुभति पद्मश्रीसुपास, ह प्रलुतेरेगाप्रएराणाशापुष्पदंत शीतल श्रेयांस गुन गहेरे । मएना वासुपूज्य विभलग्जनंत, धर्मनगजीनेरे॥ प्राणनाशाशनिकुंथुन रहुभल्सी, मुनिसुव्रत मेरे॥ प्रणानभिनेभी पार्श्वनाथ, वीर धीरर हेरेरा प्राणानासभरत निन नाम सार, घुटत लवईरेशानान्न हवरायननभ पाय, धरए। उभल पैरे । प्राणाया घा ॥ अथ यतुर्थ परं ॥ ॥ ज्ञानतो वधार्ध शन्ननालिडे हरजाररे॥मानतोवधा शलगाभरहेवा जेटोन्नयो, ऋषलकुमार रे ॥खानतोनाशाश्त्रेां Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #391 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३९७ ) डपी राजन्नेच्या भोछावे,भुजजोसेनयार रोपननननना | ||घंटपाध्याउरेघोंगरराभानतोशामापी भिलभंगणगाये, त्यावेभोतीभालाधन यस्यीपायेंलागे प्रमुग्लयोपिरंगपरेरी जानतोगाजानालिशनधनघचेवरसेनजंडधारणाभन रपुर पाटएध्ये,ध्ये भाएलंडारशामानतोगानाहाथीध्येसा थीचे, वेस्थतुजारशाहीर पीरपीतांजरचेचेसबसिएगा शामानतोगापातिनलोड हिनउर प्रगट्यो घरघर भंगण मालाडेवपउभदापनिरंतन माहीश्वरध्यापभागा ॥ अथ पंचमप। पप्रातलयोसमरध्व, एयजसनतायुत ऐनवसर न्ने पिछे पिछताताप्रातलयोगापागाशीषहोयरह्योहा || दुसलनरत्नवमहारामालसयोंपुष्टतेरे, धर्म यूशतरेगपात लियोनाशाष्टमंत्रसलार,संजरहिये धारयनिनइंब्यारल्यो, स्खलावरिष्यमानगपातलयोगासापुत्राधिपूरचार चित्तशृंगीता रनारानिशीनिवार भैसेंध्यान मूसातशामातत्नयोगात्तापुर एडुगन्ना चयिषभनइंपिछापानतुंवश भाग तेरो ज्योतजातशाप्रातलयोगाचाषालजरजवालोय,भेटश नाहीं ओयाशेनहार सोहोय,महेउंसपिठातापातलयोगाएप नगतरामप्रलुनाम,पोतुभविसार सभासले सिद्धहोतपूल्य, दिलणतातपातलयोगाणातिए ॥ अथषष्ठ पदं ॥ मुनरासाहिजभुनरासाहिल,साहेषभुनराभेरावाटेअप साहिजसुविधिग्नेिश्वरप्यारा, यरए पजा९प्रलुतेशामुनगा। शिरथानपर्युभं0सयढासेहरावाघटजन्नकुंभारणीने | - in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibradorg Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३५८ ) ॐ प्रक्षिएा रेरारे ॥ मुनराणाशापयशब्देवाने वलीं, नृत्यम्म निगहिरारे ॥Îपसंहगुएागावत हरजित, एस निरंजन तेरारेश भुनाउ ॥ अथ सप्तम पहं ॥ ॥ तुही निरंजन तुही निरंजन, तुही निरंजन मेरारे ॥जे जांएगी॥ तुही निरंजन घष्ट हे मेरा, हुई डीपासन तेरारे ॥ समरे ध्यान मंगलगा 1, भावत अंग में लहेरारे ॥ तुहीनाशादेवी हेवास्छन् कुंपणी तुं मेरारेशलिंग तीनशे ज्यास भय्यो हे, सज भटिना ठेहरारेतुंगा हुम्भ तुमारो सिर पर धारें, जैसे इलाशेहरारे ॥ रूपथंह हरशनही - नें, दूर नहुवे लवरारे ॥ तुहीनाओ छति॥ ॥ अथ अष्टम पहं ॥ ॥ सोऽथौहडे पार डीनारे, पूरा ज्ञह्मावाशा हे सोडवाटेशा पिस्तामीश सञयोग्नङी शिक्षा, स्वेटिङरल छीन्याशा हे।सोनाशा निर्भस न्योत विराने साहिज, ज्ञान ध्यान पराशा हे ।सोनाशापं यवएडी धन्न इंडे, ज्या उहूं जनजतभाशा है । सोगाआपोशा छेर उरे तेरी सेवा, जिनभत जंहा जाशा है।लोणागनाथ निरंन ननाम तुभारा, खोरनडी ज्या खाशा हे । सो गाया रूपहलण वानसें विनति, परए। उभसा हाशा हे । सो ना५॥ ॥ ॥ जथनवम पहं ॥ ॥ पावापुर महावीर निनेश्वर, चासो वहन नवांगपाणाटेमाहिसरं नन प्रलु हर्शन हेजी, मनमें ज्ञानंहपावांचा परम पुरुष पुरषोत्तम प जी, पातऊदूरपसावांपावाणाशान्दार्ष घोघे पहेरी घोतीयां, वषिभुजगेश जनावां डेशर घोसी लरीय ज्योली, विधिशुं जंगीयां स्था चांपावाणाशासत्तरत्नेह पूल जति सुंदर, रहें सुमृत भावांच Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.o Page #393 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (३९१ ) नथाषनरीभुगताइस,विनयशंपलुनेवघापांपपावागाउपसंतीच्या रगसुनसधारए,ध्यान जोनिशघ्यावाश्रीनिनयंघसघना नयहारी,प्रलुपरणे चित्तपावापावागाना तिा । - - - -- ॥ अथ शभपई ॥ ॥तुभन्नुराचार निरंजनप्यारे लन्तन प्रतिपालारानहांना संलीड परी लज्तनशुध्यतीनीतताला तुमगाशाननहीन सहीननज्यो नरपनिवे ध्याताभहिभावधारी पारणिताच्यो,ए। रिडेशी यंडाला तुमगाशाभेघभारमराईभाश,घेय धना लस्शायणाजयभंतो मेनारिनतास्यो, चंडोशीयालापतुभ पाणि डोणि शारएशन्न ढंढरागनसुभाषानुगन्नुश भने लन्तन तारे, स्पयंगावेज्यालानुभगाका पतिा ॥ जयजेशप॥ पणहोनेभोराभानभशभनिनभुजन्नेवानयशशिमोगादे जानिनन्छनुंधर्शनछे अतिशेहिकुंतेड्यभसोहिमुन्नपोशावारया रभानवलपमेयो, नवी मुलीसटागोरोणिहोनापाचारविसनो चिरडोभटोरेजीने भतशयोगापिएशीन्नतांवारनपाडायाघटछेजयोगाणहोगाशाहीरोहाथमभूषभायो, भूढॉर्छ भतग|| ज्योगासहिन सत्यापासनिनशंशलहुडीलरमन्यो। जोगाशाजनंतशुणेलरीजोमेनिनवर पूरवपुएयें पायो जेनेरेणीहिसभेभानंरतुंसघसवायोशापीठोगाच्याभनभा निता महाराभातमारने सुटतभाईरेगषानजध्याग्निपंहष हीने वर तुंसिध्यवघाणहोगापार तिता Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #394 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (७७०) ॥ जय द्वादृश पहं ॥ , ।। इतेरो भुज हेतुं,नालिन्लूडे नंघाडी छ तेरो भुजगानालिनूनंहा, प्रलु नगत्देवंधानैसें मेरे उहिन र्भ हे ईहाडीगाथा लगीनें महारान कुमार, सुर नर ठाढे द्वारा तेरो भुजन्नेवत थडोर नेसे संघातेरोगाशारननीडो तिभिर गयो, ग्नईएाद्योत लयोग हीनें भोई हरस, मिटत दुःखेज हंघापीठना पाठांतरे॥ ङिरए। प्रणरलर्छ, हलयोभंााठी तेरीगाउ आउर प्रलुपीपगार, भिटत उरभविहार दूर उशेनाथ, जनाथ डेरा हा नानाने लवि पूल रे, तिएाहिंडुं शिव चरे॥स्वर्ग लुयंग सोङ, दुरत जानंा ॥ीणापण टोडर निनश्युं नियम, तुमहिंशुं सागो प्रेम ॥तुभारी हि ध्यान धरन, लागी निनयँहा ॥ीठ तेरोणाझा छिति॥ ॥ जथत्रयोदृश पहं ॥ ॥ पीठत प्रलातनाभ, निनलडो गार्धयें। बीउत पलातनाभणाटे आनालिकडेनंह, परएा चित्तलार्धों ॥ ग्जानंडे हन्न, पून्तिसुरिहं रंधा जैसे निनरान छोड, सोरहून घ्या॥हत लातना आशानयरी अयोध्या हाभ, भाता भरैदेवानामासिंछनरषलन्नडे, चरणां सुहार्ध में गठित मलातनाशापयिशें धनुष्य भान, हीपत नङवाना थोराशी पूर्व सक्ष, आयु थित पार्छोंगडीहत मलातनाओ जाहिनाथ जाहिहेब, सुरनर सारे सेवा हेवनडे हेच प्रलु, सजेसुज हार्धयें । जित प्रलातगान्नामलुडे पाधरविंध, पूनत हुरजधंधाभि टो दुःजहंह, सुज संपा वषार्धोंडीत प्रभातणाचा पर्छति ॥ अथचतुर्दृश पहं ॥ ॥ वामानंदनपारिन्ने, में जाधीन तुभाश वाभानंहनगाटे आनीसम्भल निभुतन छविछानत, वाणी सभृतधारापालोधनवि For Personal and Private Use Only Jan Educationa International Page #395 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । - - - - ( 3७१ ) |भत विभतपुष्परिभवानकजनुशरावाभानंहनगाशपिसावन तीघरणे सुपूनित,संघ्ननाशमाशाऽस्थरनाऐरन्नूचंहिता सजसंतन सुजाशापामानंहनगाशाशुएमनेसंयुम्त पिरान्त लहेनसुरगुश्पाराशीयाजोगनासे, भिटेही पातारा एवाभान नगागानेऊन्नध्यानघरे हिसाहिणायूटेर्भनंन्नराए निरन्नेही शुल्मउतरेयो शिवसुजलंगरापाभानंदनगाना ॥जय पंयशप ॥पीरप्रनु बित्नुवनणपगारी,न्नणी शरएभमायेहापावा पुरीप्रनुशनपार्थ, पुजसनपूरगभाये हेरापीरुपाचल पायपावापुरमाये सभवसरा विश्याजे सिंघचतुर्विधस्था पनर शिवपुरपंथीयानेहेरावीरुणाशामहिमामंडन पिरपित तनिनवर, बहुतनशुनपत्रिलोडोहे महिभाअनुतन सुरनरभितनशणामहेशवीरगाडापावापुर प्रनुपरभ योभाशी उरी सजरभजपामेरामभूत धरायउनलुशनऽपि हुलसानेहेराचीरशाशिष्यनिभाउस्याएसुपाच्छशासनपन निशुएगानेहेरावीणापा पनि ॥ अथषोडश पहुं ।। ॥प्रातलयोनाप्यारे,घर्भभार्गलागाटेगापुटषुद्धिन भक्रोध,लोलमोहत्यागरेप्रातलयोगाशापांपशुपयोऽ पायहीशुतछोडापांयहिशेरोशेड,पांचहीमुपागशापातन शापन्नरेशुंत्रीतजोय,तेरेशंत्यागहोयासत्तरेशजीनलोय, सातनशुलागाभागाशानपशुतुभनेहरो,हाशहिलमांही पये एलतडे लंडारलरो पाचोशिष भागापातलयोगाच्या पति - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarberg Page #396 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७२ ॥ अथ सप्तश प॥ भासरातुभाशसे,जतेहंजेरारामासरागाटेगा। वडीसें,मुळेनामतेशानीपार्श्वनाथ प्रलुकुंपतहेसवेरा सासराणाशाभकोपलोनभानमाडेनू घेरा जैसीडिरपा निमें से भेडाहरेशामासानाशातुंभेशसाहुं,घडं तेराराननराय सेवाडीलये निवेशासाशाईति। ॥ जय अशाश पहा.... ॥बंई निनटेवपार्च,पविध घवघ्यावंगावंडेहं निनटेवगा टेगावापारस्यांपुर्यायस्थ,न्नतंनभपिशाताजयसेननननंह नयंतिविलितउतिभन्नसावंडेहंगामाउभासुरमविधी रहतांत उ ताराामग्निहटल्यांगिनी मणिल्यांतनभस्तन सागावं हंगाशारागाहिरिसुभारनियर,संचित पुरल्याशारत्न त्रयांजरलूपयाहृष्यं शविध धर्मसुपासाहेगारासभेत थप पर्वत शिजसं मुनिशतंशुराभासंगनगन मसिहागीरियस्यान्न तानं निनपावं गवंडेगाना ॥ जय जेडोनविंशति पर। ॥तुमानिनंहनगतपतिनायक,सान भेरीराजीतुभगाटेश भशुरध्वयिात्यागाग्निचर पर साजीसमतिपटमेरे हिस पश्यो,लियो परयारसपाजीएतुमनापानगतलत निडलगया निनवर भएीमानीगलव्यख्यतारण शरए शीजसूत्रलाजी। तुभाशानिनधासमेवेहवाल,डे भुजही नहिंभाजीपारनप डिपाविषसरे में किया सपनाजीगतुभगाउपाति॥ Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #397 -------------------------------------------------------------------------- ________________ m - ( 33 ॥ जयाविंशतिप॥ पूनुं परणारपिंहनामिनंहडेशंपन्न चरणारविघाटेसावं भरासाई भेषरतेशापून्नुचरणारपिटनानिशानरनिटेनि येते नावे पापनेरापसेवत परणारपिंड महोतगापूनुंगाश शेरिलानमंहत नजनगणनेशातीनलोऽच्यापी,परतापहेन घनेरापपूलुगाशानेध्यापरभहिरजीने खापोभत रेरास्वाभिम रघसमेहटीने मुन्तिरापपूलुगाचा पति। ॥ जयजेविंशतितमपटं। ॥नयन्यऋषलप्यानिधिहभईसरन तिहारीएनयनाटेड पनगर घूसेवेभंडपसोहेलूभंडनसुनारीपुरित पिएंऽनलवड जलंननश्यामवरन द्युतिधारीमानयतपयनरनतरतनभय नोरन तिनही छषिभतिन्यारीशभाल्योतिअगाभाधीपता निरजतमति विघानयनाशानालिनपति सभेरशिजरसना मात्रिलुवनयशविस्तारीभवानंहननगननवंनतुन महि भाजनपारीपनयगागाभागेपतितमनेऽध्यारे,अजहभाग Qिचारीतारनतरनामिश्राजोतो,विनतिष्योसंलारीरानयुगाच्या उंचनदृषअगनिभाये समजपाचेन्यारीपसोलाहे उरन्ने उलयोलवतुभयरनांजलिहारीमानयनापा पतिए । ॥जय विखावत राग ॥ ॥ तत्र प्रथम पदं ॥ ॥ीरेसिडायस्लेख्या भन भन अघिडोभाहोगटेगानी खलवपूनउरी,लीनेलपतपोलाहो॥श्रीरेगापाभाभियभूरा तऋपलनी, निपानिराभालवनशयोउनभय राज्योलय तन्नाभाश्रीरेगाशानेभिपिनावीश निनाव्यासिद्धजेना Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraria Page #398 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3७४ ) न्नपी शेश्रृंत सभतीर्थनहिंजोसेसीभंघरवापीराधारेगावापू वनपाएं सभोसस्या स्वामित्रपलनिवाराभपांऽवसौयांग्या पाभ्यापरभानंधापीरेनानापूरवपुष्यपसाण,पुंडरिकगिरि पाया|तिविनयहरजेंडरी विभलायसशुराणायाधीरेधपण - । ॥ जय द्वितीयप। ॥प्रथम निएंडन्नुहारिय, मनशुध्यपरिणाभाटेगापूने प्रणभे लापशुपंछित श्वपाभप्रथभनागनगनायऽनगपरगोन्नुगर्भ साहिलिएंघान्नुशवाघरभानिवारीमो सेवेसुश्नरइंद्यापथभगा। नालिनघ्नन्नएीमें बित्नुवनभुजारीभटेवाओसडितो,असो ति विहारीप्रथभगागाभन भोहन महाशनशुंभेसी विनति डीन लवसंउट प्रत्लु भेटिय,तनी भदिर उशाप्रथभगानासंघसस मानंदृशुंभनयंछितमाश्यांरात्रिश्राशुध्यारीतेश्भो,जयार ब्लुड्य|| स्याप्रथभगापामढारसें प्रशसभे,भाषाढ़ेगायोगावटिशभीमा लुवांख्यिायित्तथयोसवायोगप्रथमगादालावनगरभेनेटिया, तीरथडे स्वाभीसाघुउहत निनरानकुंवादुशिश्नाभीप्रथभगाणा __॥ जयतृतीयप । ॥जान शालभंगलभिआन परमाशंघाटेगापरभपुनीते जनभलयो,पेजे प्रथभनिएंशाभाननापाटेि पडसअज्ञानडेनगी ज्योतिषशाअंतरयामी भेलज्यो,भातम भविशशामानवाशा तुर्तासुजसंगो,चंछित सघनाभोर होर शयेनहीं नेतुम रातापमानणाशासनाहिसनंतकुंलवलयतेंन्याशाभूर जिलावन्नएरोनहीं,संतनहूप्याशाजाननाचा परभातम प्रतिजिंजन सीनिनभूरतिन्ननोते पूनता निनरान,अनुलवरसभानोगमा नसउसगापा पति। Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #399 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३७५ , ॥ जय चतुर्थपई॥ ॥प्रलुलन्नेतुभताउनाभघरायो,तोतास्यो भोही यहीयप नयाणप्यार साहिल भेरीमरननेही पत्नुशासोओनच यापुनातु लहानमान्ने प्रत्नछतुभभोहि पिसारो तोपडे होयरहीमोमगाशाभोसें पतितशुषाभहन्नूरी, अवरन पूलेबहिन यातुमहीपतितपोध्यारनतारन,अपनो जिरीनिवहियानगागप |सुविधि निनेश्वर माहिषनैसें, भरन हालुंडरियगहरनपंसेच सीखन्न,जांहग्रहे निस्तरिया मलुगागातिए ॥ अथ पंथम पर। ॥जानणध्यघरसंपध,पूल्योऋपलनिएंशापटपटसंपध|| संपरै,नित्य होयनानंघामानापापातसभयनालिनंपाणि नयन्नूहाशाअष्टरिध्यनपनि धसही हादर होयचारोब्जानगाशा प्रिनुलानामशुंपुजटले,नासे सजवणानन्मलोंभानंभे, भन्न पंछित लोगाभानगागारिध्वजनंतीपाभीयेशुष्यभनतपतपता स्वर्णभुगतिपाभेसही मीनिनवरनपतावामानाचा तिा ॥ ॥ जयषष्ठ प॥ ॥रेलयातिनधर्भडीलय घरमनाचारभारााटेगाधनशीयप|| तपलावना,नगमें मेटलोसायरेलवनपावरसविसनेपारणेला श्वरसुजगाररस बहोराचीजो,श्रीश्रेयांसउभाशारेलवगार एपिंपाजारणघाडिया,पालएी घट्युनीयासतियसुलानशपाया। शीलेंसुरगिरिधीशरेलवनाशातपउरीअथाशोषवी,मरसनीर समाहाशाचीरलिएंडेवजागीलो,धन धन्नोजएशाशारेलवणा पगाजनित्यलावनालावतो,घरतो निश्वसध्यानालस्त जारीसा लवन ,पाभ्यो डेवलज्ञानारेलपणापाबैन धर्मसुरतीसमोनेहा Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar larg Page #400 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३७९ ) नी शीतल छाया समय सुंदर उहे सेवतां, भुगति तां इंसथायारेन nst ॥ श्जथसप्तमपदं ॥ ॥ मेरेर्घतनो चाहियें, नित्य दर्शन पाणीपटे आधिरएाम्भससे वाड, चरो यित्त ला॥ मेरेणाशामन पंडनडे महेलमें, भलु पासव सांनिपटनकडे हुर्घ रहुँ, मेरो लव रभाीं॥ मेरेगाशा जंतंरयामी जेतुं, अंतरिङ गुन गाडीं॥ आनंद उहे प्रलुपासल, भेंतो जवर न घ्यावीं । मेरे घेत नाथा ।धन ॥ जय अष्टभपहं ॥ ॥ पित्तसेवा मलु परएाडी, उरले सुजाणा टेड जोधजिननि र्भत हूबे, भभता भिटन्नणायित्तनाशादेशाशनाभंहोहरी पही, निन लगति सहार्ध, गावत शुए। निनरानडे, सुर पहवी पाणायित्तनाशा शासनपति नित्य सभरियें, वीरल चरहाई॥श्रीनिनसालउद्देसहा, गुएा भरि गहुराणा चित्तनाआर्धति॥ ॥ अथ नवभ पहं ॥ ॥ हम प्रलुनिन ताहुरो, भुन नाम सुहावै॥रेशरात हिवसभो हिरह्यो, मन भधुर हावे॥हमणाशानश परिमल नग भहुमहे, ङ्गिभ हीनभलावे ॥भोला गुएा भारंहना, सुरनरसहु जावे ॥ पभणार शुष्प भनें सेवा सारतां, बांछित इस पावे ॥श्रीनिनसालसूरीस मलुनागुएा गावे ॥ पभणाना सार्धति ॥ अथ हशम पहं ॥ ॥ इहारे अज्ञानीलबहूं, शुरै ज्ञान जतावे ॥ हारेनटेशाज्ज हुन विषधर विषलने, उश दूध पिलावे ॥ हारेणाशाबीजर जिननी Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #401 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३७७ ) पते, म्हा जीवन नवे ॥शसल छार न छांडहिं, म्हागंग नहावे॥उहारेना डाली जीन कुभाएासां, रंग दूलेन श्रावै ॥ श्रीनिनरानीं उहा, वाडोस हिन भिटाने ।उहारे • || आर्धति॥ ॥ अथग्जेाध्श पहं ॥ ॥ भेरे साहिज तुमहिं हो, प्रनुपास निएİघाटे आजिनभतगा रगरीज हुँ, में तेरा जंघ ॥ मेरेनाशा में चोर डीं पाहुरी, नजतुमहिं संघायिकवाङ परे हुर्ध रहुं, नज तुमहि हिएांधा भेरेनाशा एयसा यश्नजतुमलये, सुरसरिता अभंा ॥ मेरेगा आमधुर परें हुं रए। नएयो, नजतुं श्रविंधलक्ति डरें जगपति पेरें, नजतुमहिं गोविं घाभेरेणानामहिर डरो हाहापास,टापोलवा ।वाय नशङ हे सांतुं, आपी परमानंदा ॥ मेरे॥॥॥॥ ॥ अथ प्रथम पहं ॥ ॥ राग जलैयो विसावसाश्रीनिन नाम जाधार, लविन्नग्ना श्रीनिवासे आएगी || आगम भक्त संसारीधितें, जैन जीतारे पाशालविन्नगाशाडोटिन्न्मडे पापउरतहे, पाल सेत खेडचारा शिष्य सिध्यतेरे परनशुंलागी, जानंद होत जपाशालविनाशापशु तेधन्य धन्य ते पक्षी, ससरे अवताशानाम विना भानव लवदेव सबलडुबे है छाशालविगाणानाम समान खोर नहिं नगमें, डहुत पु द्वार पुझर राद्योनंत नाम तिहु पर ननमें, स्वर्ग भुक्ति हाताशालविनान ॥ अथ द्वितीय पहं ॥ ॥ ज्ञान हुम श्रीतिन हरशन पांयो, ज्ञान हम श्री नाटे झाडासच्ज नाहितपुंसज उष्मष, सो सजदूर भायो॥श्राननशाचरएास सलये श्रावत प्रलुपें, शीस ससनभी पायो॥सोयनलये हमारे Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #402 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७७८ ) जानंह,एरजजंगनभायोगभानगाशायारसनास तलपलु सभरनउरत इरसतनतवसायोपहियससलयो प्रलुपितवत, हरजयंहगुनगायोगामानगाजा पति ॥ जय रागृखलित । ॥प्रथम पडावधामानरत्नबहे,हाशपुरभेघर घरभंगलवार पटेगासमुद्रविनय शिवाध्वी घरनेभलीमोमवताशावधागा सुरनरसहितनरें निहांडगटे,णयरतनयन्याशासपी भिलि| थोऽपुशवत नायनतारावधानाशाघर घरयंर भालजंघना सनपुर घरहाशावढतवघा हीराभाणि सोवननर लरथार एचपागाजामनुततुनिरजतन्ननौं,सरसनन्मजयताशाउ हतलयेणापयिरंलवी,नेहापानापाशावधानाच॥ ॥ ॥जय द्वितीयप ॥ ॥तेरे रशनाने हाने,हुंभायो महाराना तेरेगाटेातुभएणी नाणेभिलिनलाश शेटिनांतदुनिसानेगानेरेगापयतिहारे रशते धर्म भशटलये,नशुलर्भसजलानगान लवनहोत्रलुतुभहीं, सेवाने सुजशनेगातेरेशातिए ॥ जयराणशूनरी ॥ ॥प्रथमपासनित निनऔध्यान,उरभनमनितानिनोन ध्यानाटेगारिष्यसिध्यभानभंशसाहोतोडल्याएरागार नडीननभनगरीनाभजवन्या,पितानितशत्रुनाभाभातपिनया। चीनंहनालन्दाम प्रधान रानाशाचार्श परम्याशणपर, घनु पिनसुननुभानएलक्षणहुत्तर पूरवायु,न्यनवानाउरुगाडा शुगुमनंतणघर भहिमाशंछन गन सुप्रधानाहरजपंप्रल Jai ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.com Page #403 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३७८७ ) लडे एनडौं, उहत नाचत ज्ञान रागाचा राईदिए । ॥ जय प्रथमपटं ॥ ॥राणजिनासाघुचपरासीभपर सभोसरनालगतईत त्यस्तगावतीसंगितरीत,भावती देवनागरीसीभंघरुपारेड गागडही गागडीघूभधीनातागडहीतागडही महीनातननननन थेतुरंगासन भुन जाव्यारी सी घरगशापभपभशभृहंगचा हंजणपरंगरानेभुजजन्नवतरंगयिंगारंगो निधानरीयासी भघर गाजरतनाट विषपत्तीस प्रमुछे मार्शनभेशीशाणुनावि | सणसेतमोहन, भुजगेर्णयानी एसीभंघरनाचाहतभासदेवः | बलनभननभतेरीसेवातुभहिवतबहेबालवसभुरणताररीस ॥ अथ द्वितीयप। ॥न भुज ज्योत्री निनतेशेलवे भुजडेज्योश्रीनिनगाटे एरोभरोभशीतसशुनप्रशट्यो,ताप भिट्योसजमेरोगनवेगासन विननघुनननैनसबरंननननदृष्टभनेरोजघरपोलता सणसुंरीपऽन्योतिणनेरोलगाशारपिशशी भाएितेभन घिडविराने,तेन प्रतापपणेरो मस्तिहासमरस उरत हेलपल वतुभपाययेशेगलगा। रातिए ॥ जयतृतीयप ॥ ॥रागजटागौतभनाभरपोपरमातें रखीयरंगरो निरप तेंगशौगाशालोननमिष्टाभिषेजहुलाने,पुत्रभिलेसुचिनीतसुन्नत गौनाशापापे रतिनगविण्यातें, सभयमुनगौतमगुएराणा तेगौतमगाडा तिरा Jalducationa International . For Personal and Private Use Only www.jainelibraryal Page #404 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) ॥जय तुर्थ प॥ ॥तारणतरणहावतो न जापतरेहभडिंताशातारएन एटेडानेमनाथप्रलुतुमारीडीत,ताहियोतुभमर्थ जियारोगतारपान एतापहिलेतार तुम उहलावतानाडे पीछे तरएणयारोसोतुभ जापतरे पहिलेही मनहुँतोप्रलु भोहिनसंलाशे पतारएनाशाहीन घ्याणणयित युहिथीहरीनसहित शिवभांहि सिधारोपणयित हातुमजै शिवभ, भनभाउरत पुछारो रातापायातुभतोन गनायडशिवलायऊोजोओगीनगवारो।पहिली पारउरोगरी जनभापहुंतें सजपीछे पारोपतानाबालेडीनीसोनाछीडीनी,जनमुनगी विनति अवधारोपयरगअहितुंभहितारोगे,सेव उजायोशरण तिहारोतारणगापा राईतिरा - - ॥ जथ प्रथम प॥ ॥रागगकिंगजजोयोरेगिवारतेंसारो नियुहीजोयोप जोयोरे शिवारमाटेगासामायिऊ पूलनहिडीनी,रेनगई मनछाररे पनिशलरसोयोपाजोगाजालपणेऊधुशाननीनो,यौवनवनि ताबाररेगसुनसेन सोयोपरसोगारहलयोतृष्णाजति पर ना सजघरोजलारशाशुलजार नजोयोगासोगायोग एतेगासुरजपरियाव भेरे आयोमाप विचाराविषध पनघोयोगासोगापिगायोगातेगा पति ॥जथप्रथम पह। ॥राशविलासाागनउपपस्योरी हमारेभा,नंगनव्य रेगापिराधि सुनसंपति घया, श्रीशांतिनाथ भिल्योरीहभाल यापूचा पंनभृशमहलेसी, भांहेषरासलिष्योगापूजतश्रीन शांतिनाथडी प्रतिभा भाषणजदेगरस्योरीहभागाशाशरगरा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarls Page #405 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 3८१ ) ज्योट्टपारीसाहिज,न्युपारेवोपख्योगासमयसुंघरउहेतुभारी|| पाते,शिवसुंधरीशं भिष्योरीहभागामाता C ॥जय द्वितीय पदं । ॥सान ऋषलघरभावे,रेजोभाणाभानगाटेगा प भनोन |हर लघनघ्न सही भनलावडेजोगापण्डे भुताखथा खपिशापाडेर्छ भणिभागल्यावगाड्ययस्थपाय बहुऽन्या, प्रिलुवेशवधावेजोगाशाश्रीश्रेयांसभर धनेश्वर,क्षुरन सबहोशणत्तभान भघिऽमभृतश्वासाठीर्तिशुनगावेग ___॥अथवृतीय पहं॥ ॥निरजजान जपायो मेरेनिनलनिरजगारेडमासुभति नाथ भुजहीशोला,हेजतयित्तीमाद्योगभेरेगापाभेपनपनिडे नंहमानंघ,भात सुभंशलानयोगसंछनीयजयोध्यानगरी, नऊचरणयुतिछायोमेरेगाशापनुष्यतीनशतभान विरानत, नसपिहुंनणणायोगशालीशवाजपूचजशनोभायुप्रभाए। जतायोगाभेरेगामापंचभनिनपयभगतिगाभि-परभपुषलयच्या योगरजयात्रै चित्त तुभामिन, जोरध्वनहीं भायोमेरेगामा ॥ अथ प्रथम पठं ॥ ॥राणभेघमल्हारज्ञानघनाघन छायोरी मेरे घट,ज्ञान घनाघनणयोगाटेडगाशुध्यस्वलाववाषाभिषमाये,सूरन भोड़ छिपायोरीभेरेगाशाजनघोर घयगरनत है,लभभाताप|| भिटायोरीभेरेगाशाक्षमालूभिभेजीनसभडितो.शिवपहजेत निपायोगाभेरेगाडायलावसरोवर हीपे भोरसुमनहरजाप योगाभेरेगानालयप्रदेशपहिराणनही पीछे चैतनपीवघरनी । - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarbig Page #406 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3८२ ) सायोरीभेरे पायानतसुभतिउहे सजियनकुंथुपयिसभोन ||मनलायोरी गाभेरेगा ईतिता . ॥ अथ द्वितीय पह॥ ॥हे सोचितमतिलारीरे,भनतुंगसोयितगाटेगापू वऽश्मनगस्थितिजांधी,मोतीटरतनरारीगरेभनतुंगापासन ||रशनही तीनजसडी,विधन्यारीहीन्यारी रेभनतुंगाशावलज्ञानविषेप्रतिलासी,भोसोडूचे है सारीशारेभनतुंगामाशोथति येपिहुंघटनहे, पनत दुषघ्याशारेभनतुंगामाथि तापितासभानवजागी,जुद्दउहत है डायरेभनतुंगापा ॥ ॥ जयतृतीयप ॥ ॥सहिली म्हारीमा श्रावएत्री,सजी गानाशीहोल्ल होनियंघम्हामुंडीसविध पारणताशाहोळगावाटेगाभोहनीन सपूरबहतहे वही रह्योभलाघाशाहोलगाशाशशद्देषनेसेंलमय परत हेमज्योधेनुंभळासाहोलाआोर सरनं भोई हुय नहीसे, प्रलोस्वरूप निहारगाहोलगाया पति ॥जथयतुर्थ पर। ॥शन हीन्नेलपास, निन महाराशनगाटेडयातुभध रशन अनुलवन्नगे,उरभ मानत है त्रासानिगावाज यो नयाभालडेनन,परणट पुण्यप्राशानिगाशारजयंसेवज ममजही पूरभनोरथ माशानिगाडा तिरा ॥जयपंथभप ॥ ॥रतुंलगन्न भनवा भेरा, रेनुंपणन्न मनवा भेशाटेगापिष| Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #407 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( 33 ) यसंगमत लागणावरे,प्रत्लु विननगनहितेरागातुंगतात्मवत्नवा भेउछूपेनन पायो, नवनसतटहें चेरावातुंगाशाराणाधिोष निवारणगरपाशुश्चयन पेतसजेशशातुंगामानंघनत्र मुपासशंजेश्वर, तुभ साहिलो भेरागतुंगा पति ॥जयषष्ठ प॥ ॥परन सरनपजीभ प्रलुथरनसरनपडभननुगा टेशाससिवित्नाव अलावन्नूर निर्भण सुभनिरीभगवान लवलपचास पस्योर्शनामिन,लभ्योयथा चक्रीएभिथ्यालावन संन भावी तुभरायित्तघरीरामगाशारसनरस्त रहतानि| शिवासरमागीलतिजासघरहोहटे प्रलु भेरे,चीनचेसंघहरी| ॥ अथ सप्तमपटं॥ ॥सभडित श्रावणमापोरी,भेरे घरसभडितमाटेडावीती|| उहत मिथ्यात श्रीष्मपारस सहन सुहायोशाजषभेरेगावाज नुलवामिनी भऽनपाणी,भोरसुभन एरजायोएजोल्यो विभलविउपपभोसुभती सोहागपीलायोमगाशालूल घूसडेभू से सूठत,सभरसनसनरल्यायोरीगलूघर निशोऽयुनना हेर, निन निश्चे घरपायोरीणाजगागा पता ॥ अथ प्रथमपटं। ॥रागरामडली होछमितेरीसुहावनसाणी,होणजितेरी। टेडशारन्मनगरवागारशीलेपनामवसेनसनगीहोगा एपिंतामणि चिंतासजन्यूरो, जयवंतीवडत्नागीहोछाशा|| ||हत हरजन्यंहसुणी भेरे प्रत्गुळतुभलेटेलयलागीहोछाउ, Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #408 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७८४ ) ॥ जय हितीयप ।। ॥नेभिसाथारीचारडीहोशएिशन्मूलन्नेबेजीयजडीप होगानेगासजन्नवाभिलव्याहनभाये,न्नन चरात लपीजनी हानेगावातोरणमाये भंगलगायेसजसजियन भतिजध रीहोरानगशालटेनेभाणिग्नार सिधार्प, घसजभरपष्टयय ए परीहोरानेभिगाय निा ॥ जय प्रथभपह॥ ॥रागमाशावरीमानजजरखेभेरीरे,तुभजिनहीनानाथ प्यानिधिाउौनगारेगालमन कियोसंसार चतुर्णतिभेट्योत्नवाई शशातुगापानवलपडेप्रलुतुभनणनायकराजीथरननतेरीतु नशाणध्यमाशरोपडीतेरो,शरणग्रहिमेंतेरीपतुमगाउपप्प ॥जय द्वितीय पर॥ ॥मान में प्योरी भुजयहाभाग्भ ज्योरी भुजयंघय टेडाश्रीसुपार्थनिनेश्वरलऊजत चित्तभानंघामानणापा नन्मजनारशी पृथ्विभाता पितापनिष्ठनरिंघसंछन स्वस्तिोशत धनुष्यताउंथन वरणहीपंतारामान गायवीशलाजपूपस्थि तिन्नही उपचागएिंधाअनुतरूपमनुपम महिमा पनि तपसुहागाभानगाबाचवज्ञान अनंतशुएसागरुशिष्य तिभर रंधायरएभतडी सेवाया,हजयंप्रलुजंहामाना। ॥४॥ ॥ अथ प्रथम प ॥राणसारंगााज्योशनीमाहारानडो,ज्योरशनश्री माहारानटेडाविऽसित उमल शासननायभुजशोलतगरीण निवानराज्योगाशारागीभंगसगावेच्यावतधर्मनिहान Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #409 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (३८५ ओपज्योगाशातीनलुयन मनसेवरे नित,सुनशरडोभहारान गाज्योगामआसरकुलपतिनालिनरेश्वर,नंघ्न भरटेन्याभायो पटेण्योगामाग्रीनिनयंप्रलुभाहिनिनेश्वर, सरसहिवसलन योभानोपज्योगापा तिरा ॥ जय द्वितीयप ॥ राजविहारी नवपहच्यानडी,ध्यानहीध्यानडीध्यानडीएलपि हारीगाटेगौतभपूछतीनिनलाषित,वयनसुधारसपानही एलगतानवपरसेंतीनवभेस्वर्श पावत हि विभानडीएजना शान्नको महिनावासलहभई,बैसीनसोघाडीपजगाउापा वेपस्वप मनसों, हेहीऽयनवानडी जगाच्याओध्यानणय नजमावत, पन्तलहिरी ज्ञानशा जगापासमतिन्योति पुलिभाहे,जैसीलोभलानीलगागानिनपा ज्ञान पिनोई प्रसंगे,लति उरोलगवानडी जगाणा ता ॥ जय तृतीयपट । पसिनम्रने नेभि निजी जमिनमोंगटेसायातेप रभ परभसुजवाहिये विडथाभटेदुःजइंटडी राजगिशाशोलाउ होइहालोहिये, हीनयासजयीपणाविनाशायातें लोऽस्या रोभायो, मूरतमानसीराजसिगा पति ॥ अथ चतुर्थ पटं ॥ भडे अपने भौनसौं, भोजपने भोनसौंपटेगाधि|| नाडे महिभान नशत), मोपजिगारो औनसौंगभगातागये| जितायनरमजार परमारथपंथपौनसौंगमषनंतरगतिल भारी,पश्येराघारैनसोंगभगाशाप्रगटीसुधापानडी महिमा al Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg Page #410 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ ॥ (3८९) भनही नहीं पाशेयौनसोंगनिननसुहावेभोर शरस रवि साहि बडेखोनसोंगभगाउगारहे भघाय पायसुनसंपत्तिओनिसें निम्न लवनसौं सहेजलायसी संगति रोप्लेंभापागमनसोंगहन ॥ अथ प्रथम पटं ॥ गन्याश्रीगन्नपीथांडीप्रीत नलुल,न्नपीयांशीप्रीतम पटेगानेतन्योनवलकोपसमें भेटेजी विपरीतानगीगार घषीमो पशुभनसेंन्नूहो भन्ननीनवनीतपरयेनेभनवष| सोनारी,शेजावेगांव चित्तानणी थांडीगाशा रायता ॥ अथ द्वितीय पर॥ हारे भेरे मित्त नियित होतुं सोचेगाहरेगाटेार्टीज यसराय परिरभोहभगन भतहोवेशाहारेगावाटीयौर तातहे निशदिन,लोषपनामतहोवेशातलजसमापन्नगलेला धिर्भरतभतजोवेहारेगाशानिम्स निगोह मोक्षयसवेरा इपिषमछान्नेवेशाधानतगरजगइरपुरारे,तुं सावधान ज्युन होवेशाहारे भेरेगा। पतिा ॥ अथ तृतीयप ॥ जैसी निनजानी भेरे लावंहागनेसीगाटेगानणतपति उ भुजतें निसीहे,प्रगट हे नगसारंजाजैसीपालव्यन| शेषररोजंधेरो,तारुंउरत निवारंहराजेएजैसीगाशालवसुंडया उसरऐ जायोताहिउरत प्रतिपारंगजैसीगावाटेवनधी सुनिउरन्नुशन्नेरीताईंशीशनभंजेगसीना पति - Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.brg Page #411 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3८७ ) ॥ जथयम पहं॥ रागजमाययीभान रेघावानेछ भाग्रेवघान पटेगानालिशय भव्याडे घर,नेने शुष्मसुहावेशासानाय तीनसोउनाथन्मलयोहेच दुलि निवानेछगाजानवाशप सुश्वनिता भिलगायवघामानभंगतरानेछाजानगाडा ॥ अथाहितीयपष्ट । तेश नाहऽचीतान भागनिजे, तेरानाइनाटेसायांतोतारी भतिटणि दुनिता रानभारागागाधर्मपिसारखयो विषयनसें जभृततलविषसेता पनभारानाशाजानघटेवसेचेभनलावेरया रीतागरीतापनभारागाआजजघन्नसंयमन्→परो, त सुरहोगे नियिंतारानभाशमा पति - ॥ जयतृतीयप ॥ ही प्रत्लुप्याराभारीशुध्यन्नेलाहोगाटेगादृष्ट उभी खजपित भोई,सुजसंपारसहिन्योपहोप्रलुगावा धन हीनजंघुतुभही, निरिट निवारउरीन्नेलाहोपलुगाशायन वित्यही भश्न मेहिहेननर भहेरअरीन्नेलाहोप्रलुगा ।। ॥ जयप्रथमपटं ॥ राशनान्नेगारंनोभारगवांगेरेगनेशानाटेडगाया ढि गिरनार शिरो मतला, हरणेघरमतन्नोंरेशान्लेशागापप नागडी धारडीसी वियतनापिजभसुडोनामशालेगाश्या सुचयनञ्चपनसोडेसुनसनिन्भनदृढ उरिराजोरेगन्नेगा। ण्डविषयरससंयमसेवो,हिरहिरमतमलियाषोशान्नेगागाजा तभराभउरीपनेवशासभतारसनेयाजोगान्नेगापा । - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #412 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (३८८ ) ॥ अथ द्वितीय पई ॥ चांडेगढ शेर याहे यानेनगाशंभीमेशापांगुढगाटेड पपांडोहि भारगवांडोहि रान्नवांडोहि कटा झुंडोशापांडे गाशाम|| नोटवासणपशभमाशेवानी,मायाभिषेमेडोशापांडेगार राध्यानगोवाछूटेरोटर्भत्रूटे, ज्ञान घराघनघोशावांडेगााथी सुषिधिनिनेघरकुमशेतो,जांधभंगाणं भाईयोपांडेगाना ॥जयतृतीयप ॥ . तेंसजनगगजायारी,सुरागणीभायापतेसमग टेडगादुर विश्वास डियानिनतेरा सोभूरज पिछतायारीरासुराल गपाते नडियाउ खयतें,तोजीभननभघायाडिनुहुंसें नहिंप्रीतनिला,पैतल जोर सोनायारीसुएगाशाजापान नटिजायजीनल्युं भूढ भतिसषयायागरिभानंघधरम |हरषीनाभंतनर पोहोचायारी सुणगायाभूधर विस्तछप तसजहीकुंनोनगहिरिपायानेशगनीगार निसहूं में शिशनभायारी सुएगाना ति। ॥जथयतर्थ पह॥ यै भुनिशेशभिटावेहोतपघरपैमुनि रोगभिटावाटेगा छोडिरानवसेवनभांहि मातभन्नेशलगावशित्रुभित्रजराज | रोजे, रागद्वेषनहिंख्यावातपघरापासजळवांडीऽईयाोड रुपरणगारेषतावेशपांच महाव्रत पयसुभतिघर,तिनगुप्ति चित्तच्यावतपधरणाशापर्वत शिखर चढे ग्रीष्मऋतुमातम | ध्यानलगावेगविभातापपणे सुधिसितिनी जेन पावेशन पघरगागावर्षातश्तसहभाछडांस संताचा सीता खनहीतरन्नवे, गढे उभजतावेपतपघाचाराविधिसंया - - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #413 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) भधर्मजताचे,तीनरतनगुणघ्यावेतभापतरें जीरनडूंतारे,च ||सरभ शुएराणाचातपपररूपा रानिा - ॥जथ पयभपह। रातोसुंभेरोलवतश्योरेजतऋषलाभाशातोसुंगाटेउ। गवंशाचा ननमाविमोनालिनंहननणसाशालमतन लभत चतुर्गति लटयो,भजभोहि पारणतारातोसुंगापुण्य अध्यारशन पायो, विषपुजशेगापिडाशातीनषोउभे महि भातेरामाउरेनयातोसुंगाशातारउन्नएी स्वामी सररोजायो भेरो भोहीउर्मननशासक्लूषणजीहीमन हैन नभ भएनिवारणतोसुंगा पर्णता ॥ अथषष्ठ पठं ॥ एनएंशस्वित्नावपराहो,सनेएंधोहिगटेगानि नहरशन जिन छीन नहंसा मेसी मणिये अपराहगासगप गवाहोत जूशीनजभूरतलस्तनलरनशहोगसगाशा जनहिनवसपवित्रलया, पानसउसनराहोगसगा। ॥ जयप्रथम प॥ रागनट्टाधन्याहिनभानो परमानंहलयो, धरना स्वामिडोडिनोगधन्यगावापून पूनहोणत्नाव जीरभंघरो होयडेतीननिनलावचिनोराघन्यगाशाध्यानड्डीवार निरजरें भसज,अभड़े वान घाटीनोगधन्यगाराभउहे मुनिरी सिहभलुडे निउर सुननभेमतुलसुनमाहिलीनी पन्यनि मानोगाया पति Jl Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibratorg Page #414 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) ॥ अथ द्वितीयप। तेरेहि घरबार जनतोकुंजायो,प्रन्नुतेरेहि धरणार टेडगन्यापननिवेश्तभोर होर भोसुअगरतमलवामनाया पशायर्ड हुंभेरेघनाहिंन्यायउहे चारप्रष्ठाशानेशउपायहेत तिनहूं मेरे नाहिं विजशामलगाशा हुंथिन मूर्तिमेनडपी) रहो तुभनिरघाशानगतरामतुभनिनोन भैसो, न्नसों न रहुं पुडाशामजगाउापातिए ॥ जयप्रथम पर्छ । . परागअायोगजन्यो भारे याघडिभे रंगाजन्योहमान पटेशात्त्वाश्थडी यस्या पार्थसाधीओ संगाजन्योनापानी निन परण भिसे सुजघई, एजीभिष्यो सजभंगाजन्योगार एजैसी विघलवलवभिषियो, धर्मप्रसाघमलंगाजन्योगाउप - - ॥जयप्रथम पर ।। परागल्याएपसेरे निशान शरऋडिपार्छ परसेरे निरान्नाटेगाभेशेलरो विधनपूरणयो, पूर्व पुन एयणघ्यलयोनिनतुभाशेखियो,जानघुनणणार-|| सेगापापूनत शिवपावतमागमयुंध्यावत शांतिडे घर न्नवत है ऋयिषयषागारसेगाशा ॥अथ हितीयप। सजपुस्जदालोगे महापौर,समापुजालोगेगाटेगा सन्धिपात्रौतभगएराघरसो, सोहेपासवलशासजमा पायिय एभंशुढे भेरे यंपायोउहेतुभटुउघीरासजगाशाव्रत बाह्मएराईहीनो तेमन जाधोपीशासजगाउासोलागापि| Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #415 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८७८१ भलउड़े नित्यनित्यभराभुंतारतार लवतीरयसभामा ___॥अथ तृतीयप ॥ एयापुङ्गवा ज्या विसवासा,या पुराज्यापिसवान सासुपनेहासाशाथागाटेअयिभतार बिल्ली जैसा,पानीणि विपतासापयाहिशगनउरना,नंगबहोयगावासायानान्मू तिन धनन्नूहन्नेजननूहे घरवासाण्यानाशाभानंहघनले सनहीन्नूके साथा शिवपुरवासा गया पति। ॥ अथ चतुर्थपई॥ पायो ससहिर पियन हिचानहेगनायोगटेगपाणि के गेट पचनडे अंशुरेशचान भंडारा होमागाशापांयमीयों पत्रेवीशतर,नगरीहूं उत्तहेरानाभागाशाप्रन्नपुरसुनीतवनयो, पेतनरायसुन्ननगाभागागाग्यानो नजयनरसलेहाथभेलालभान है।भागनारपयंडहे नाथ निरंजन, समताभानशुभान है।जागापा पति। ॥ जयपंथम पर भेतो गिरनारगढलेटएन्नणंगी। तो गिरनारगाटे हमवसर भन्नुयोगपियात्यो,हअवसर नपाणशीएभंगा सपासजीयनसंगमहारसपियरेपरननायित्तपणाशीभेगात्रा हुत हुमलुभोक्षसिध्याये,जनहिडेगुनगाणंशीरा गाउाप ॥ अथषष्ठ पर भाभेरोभनतेशेनंहहु उंचनवएं उभरा हललांछन, जितनैनाराभाई मेरोगाशापंचरण मनहरणवरएताभ|| - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #416 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । । ( 3८२ ) हभपायघारतनगडितउंचन घूघरवा,ररामराजारामारी पशाहलतलसतभुताइस भाषा,पीतवसन पगाभानशुसे भानशिजरतें गंगालाव उभागाउपधन विशवाटेलाप शानिहारो,तुं पिल्लुवन शिरेंगतीनलुपन नायडतेरे गए। जीयादि।भागागाभीवर्यभान निनंही भूरत पिनहेज्यांना सगारजयप्रनु वान पिसोडित,सरयेशन सशाभागापा ॥जय सप्तमपटं ॥ सभन सभनल्याज्ञान विचार,सभनसभनयटेडया लतें पायुंछता पथुिखज्जहन्नशाने पसभेसजन्नुशल ताणीतरगयेलवपारसभनगाशाज्ञानउजान लरलरमा रिंभमत वालेयाशा पूर्याउहे नाथनिरंग्नमापजेसि रघरासभनाशा पति। । ॥ जय जप ॥ पभोयसें नारोशडीनध्यात,भोयसेंगाटेगाताशेती तारो नित्यतुभतारो, चिनतरपेईलीयोसंभालाभोगापायन उहाउंयनज्यो,भलिन उंयनरन्नलाभोगाशामक्रोधों वपटरह्यो नित्य, भाया भोऽनंग्नलाभोगाभोयपापीहंपप वनउरवी,जातीनपाला भोगाचा मल्सिनाथपत्नु भोड्न नीभूरत पथंड रक्षपाल एभोयगापण ॥ जय नवम प॥ एमोरनशुंरंगन्यारान्याश तुभशूरंगशरी हेमोगाटेड एतुंभनमोहन नाथभारामजतो प्रीततुभारी हेमोगालेणी होयडेशनाये, भोटी मुशारी हगणोरषज्छेसृष्णानहि - Jaleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig Page #417 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ७८७ मारी,पर घरत्नभननीजारीहाजोगाशानंगभजावेनावन्नवेन जातानभिलावेहेमजारामसरिजानलल्या,गई लेजण लवेहोगाआयति होयीनहिलंती,पंथलूतनहिं भात्या | हापणकुंजू नाही,त्नेजसहिडे हात्यारागोगाचावेप दीवालए अहलावे,जलशानहिं पायागामात्मतत्त्वोमर्थनन एयो, शेगटनन्म शुभायाहाणोनापानंगसन्नजेलस्मयटाये,न रावधारीशारापरलवमाशानहीं भारी, रिसातैसाहेप योगाऽशलपिताजजोखारोगाच्या हिताजमेंटेज्याहेजारी गपूरी थलाये, ज्यागाजादेपोगाणानिनथनाभहे सपनाया,णन पीतल साहारगखे हीरनाशपेश्यामजन्नुन गश्यसरिसागजोगाटापयंरंगभगनलयानाथानि ग्निप्यारागानन्मभराशनहींयाड्यरए सरएतिहारा रेप - ॥ जय शभ पर। पशनरो पढाणरे सेहरो पढाणारे महाराऋषलनिएंघ्नेपन गनगाधिपायजेसीगुलाजल्यागरेन्नईन्नुई भासती विYथा जगाभाराघूखेवानिएंघ्नागारोगाशाजगरियननक्षत,नैवे यल्यागाधूपहीपश्ससुगंधपुन्यपाणिरेगनशेगावाजष्टत व्यजारिनाथलावेलागरापलासपूशेभाशशुएगाणशाशन ॥ जयप्रथम पट। रागारोगोडीगार्यों मनरंगागोडीगानंगाटेगाने उध्याने भेडतानें,उरहारोसंगागोडीगापायात्राजीने ममता पीने,नीररहेरिगंगारोगसो हुसेशनासे,मालसनावेजंगा गोडीगाशापोढतांप्रलुनाभसीने,मागीभनणरंगामलयते हुने घमारे उपनहुये चित्तत्नंगागोडीगाड तिा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #418 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - ( 47 ) ॥ जथाहितीयप ॥ पशुजनंतअपारप्रनुतेरेशुरागाटेगासहसरसनाजी रत सुरनर तोहीनपावे पाशाप्रलु पाउन मंजराशिनेताश,भे रिशिरिओलाशापरभ सागरपरिभाषा,उरतजैन पियाराप्रल पालतिएलरलेशलायो सुविधिनिन सुजनशासमयमा राहत भई स्वाभीतुभाशेभाषाशामनुग्गडा गति ॥जयतृतीयपहुं॥ उरो जैसीजक्षीश पत्नु भोय,उरोजेसीजक्षीशाटेगाहरा रहार भेनाहिलटपुंनभुंडिशीयनशीशामलगाशाशुष्यजात भसागरी,घटीरागनेरीशाभोहपातजस्तछिन रमेज्ञा नजघीशाप्रलुगाशाजायेन्नयेपाससाहिजनगतपतिनग शाशुरापिसासजीभाशपूरो रोमापसरीशाप्रलुगागा ॥ ॥ अथ चतुर्थप९ ॥ एसोसासोचेसास, सोसासोसासाटेगास जएीपर गोसएडी, होतन्युं महासागसोनापानलरी सीघरीवाईचीय पियाशानिहांलवनराजवेडी जैन हेमाश सोनाशाश्याए हिनणसास भीसाउत गयराभ ल्यासानामस्थिर लिनशन तामें खेहुं स्थिरनसवासासोगा ॥ जयपंयभप ।। पैतन येतनासंलार,चेतन पेतनासनाशाटेडापार्यप्रलुन पित्तधाराायेगामेमांडणी वसउससोषीतनिडे,वीतरागार यारानगपति निनरान विननगनौर जैन माघाशायेगाशाय ||नसुनिनशन नपा अवासुंशुगधाशानयनसुंपत्लु उपनिरजी, - ॥७॥ - JERSEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #419 -------------------------------------------------------------------------- ________________ me - (८५) निनस्परियाराधेिशापरनिमंघन पापसंयनलरतमानमा लारारापञ्तज्युलवूनसघिलहरी,उरभन्नसमतारार्थितना आप पिस्थिविषयपुर्नया सभापरिहाशापरभा निश्पाघिड निर्भया सुशुण संपघसाशाचेतनायजेपित्तनाशप निनपह,परभा पघाताराप्रशटे युलिनलन्तिन्नेरो भतिवितासणितशाचेतनगापाए ॥जयषष्ठ प॥ गलनभननालिननयरन,लनभननानिगाटेापतित पाया नदुःजलनन,सुजसुस्तरनालनापासुजसंपतिस्वर्णपति, यक्रजति उरनारोशमोगाविनेगलयदुःजाहराणुएगएघ रनाननगाशाग्निलने सोगयेशिवपुर,भेटिननमभरणाविरघ घ्याण पाण सम्बनितारणतरणालनगामा पतिए __॥ अथम सप्तमपदं॥ सभन सोय पियार,रेलयसभन सोपवियाटेगानस्ति पिनालगवंतदुर्सल, हुतनशन पुष्पसारेळयापाटि पासागरतीनु,पांच पपीशोभाशापर,तेरे तीन गोहेर थोडश परेलयगाशालांजसत्तरेसुनजढारे, पाय पंन्न भारावते रो पत्योभजडे, तलाउहाशारेलयगागाभकोघलोनभाया। इस्योनागनीनाशापासप्रनुडी विनालप्ति,यस्योोगउराशारे ॥ अथ मष्टम प॥ भनरेतुंड भायानस,भनरे तुंछोड भायागाटेगात्नभरण उजशायजेडेन्राडेरजाताभनगाजालजांधी शिवाशि परजयेडेनोआखायेत येतन जानते हैं घी/ घरीयालाभन पशामात तातरल्लातत्नाभिनीवरछी सेवालारानसंगनयले - - ॥ Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #420 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (3८९) त्नी स्वाभिनाभसंलापभनगाडतिरा ॥जथनवभ पहं॥ ओएनेभिभाशाणभेएनेभिभाशाटेगाछप्पन छोडि मध्व भीषणाये सजन्नवाशिरशावात सनसनियनसुंउले टीस तसनताराराणगापाहायमें भिंडोणगंए,अयानलसाराए तोरणशुरथडे प्रत्लुन्नयपढेगरनाराएगाशाध्यानघरपमा |सनेल, उरमध्यिासजन्नशाछिन वसुभळते शनिभती लरथारााएगागा ति। ॥ जय शमप। पानगशील हेपरपान नगर्भशीपहनाटेगाचातुर यतुर |विचार हेजोलपओणनभानालगायशीलें सीतामाग्निलंता तलछमन जाएगाशीलतल मलया पिशुपी मापऐजनिभाना नगभंगाशाशीलशेठ सुदर्शन पाल्यो,सुएतसभ्यञ्चज्ञानासूमि डोसिंघासएडीनो, आपलयोक्षभावानानणगानाशीलनेनर पाखेलिन, यवतमभरविभानाहरणीति मसलचिननाशी सुजानिधानानगभंगा तिण ..॥ जयप्रथम प॥ पारागनैनैवंतीय मानतोहमारेला चीरप्रलुभानेभा मानतोहमारेगाटेगाथनाजडीवार,पित्तशुज्रेवियाशान तधिरहिये हरजलराये।भाभानगपाजान मेरी माशा ती,जपीभेरे रंगरपाविशीभातभऽसी, प्रलुपात्रपामेहेयभा मानगाशाघन्यतिनमान मेरो,गयोसाडेरोगसुस्तष कुततेरो,लगवान खिलानेभामानासिध्यार्थशयन . . - - In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrador Page #421 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३७७) नंह, शोलित शरह घाउहे निनयह पित्तज्ञानं वधाने हेवभागान ॥ अथ द्वितीय पहं ॥ ।।हेरी मार्च ऋषलगी मेरे मन लगति जसीरी ॥ भार्घणाटेशा प्रथम नवनपति प्रथम नरेशर, प्रथम योगीसर प्रथम नतिरी भा ऋषलनाशा प्रथम लिक्षानर प्रथम तीर्थडेर, प्रथम डेवलज्ञानी लुनंग पतिरी ॥ भार्धऋषलणाशा श्री विमलायस साहेज भंडा, म एभित समय सुंदर बीएससीरी ॥ भार्य ऋषलगा। र्धित॥ ॥ ॥ जथतृतीयपहं ॥ मेरे नैनां तेरे नैन हेजी सुज पाये हो । भाई मेरेगा रेझानेतो प्रनुशांतिनाथ सज संघ शांति डरो, रोग सोग दूरें हुरो, शांतिपर तायो है ॥ भार्ध मेरेणाशा या नगड़े हेच नेते, जनता जनेतीसेतें, मन वय अया उरडें वीतराग घ्यायो है। भाई भेरेणाशानजमें थरन लेट्या, पाप पंऊ दूर भेट्या, पुएयडी पूरन पार्छ, सजल हिवस गायो हे પંમાઈશામાં ॥ अथ यतुर्थ पधावृद्धावस्थाविषयः ॥ एग्जायोरे जुढापोवथरी, सुधी जुहि विसरानी ॥ भार्ध नायो रेशाननडी शक्ति डीटी, पास अर्ध अटपटी, हेह सटी, लूजघटी, नैनउरे पाएगी ॥ हे मार्धनाशाहांतनडी पंक्ति त्रूटी, हाडनजी संध्या छूटी, डाया मेरी लूटी, डिंधुन्नतांन पिछाएगी । हे माणा शाजास नेव रेश्यो, रोगने शरीर घेरयो, पुत्र लीन जावे तेडी, मोरनडीहनिउड़ाहे मार्च आयोगाआलूघर समन हुवे, प्रलुडुं लभेगेडजे, जेह गति होयणी तेरी, तज उहातुं डरेगी। हे भाई आयोगामा Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #422 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ३७८ ) ।। जय प्रथम पहं ॥ ॥ राग जिहागानैिन धर्म पालोरे प्राणी, तल जाणस अलिभान नैनगाटेमा छड्डायडी नथए।ा उरखो, घ्शविध धर्म संलापो॥नैिनगा शाजावीश परीसह लावना जारह, धार उषाय टालो ॥नैनगाशा मनवय डाय त्रिकाल पूजन डर, नैन धर्म अन्नवाल नैननाआन गतरामजी खेही विनति, जावागमन निवारो ॥ नैनणाना ॥ ॥ अथ द्दितीयपहं ॥ सरन तेरी जायोमें प्रलुलं, तुम तारङ नाम घरायोपासना ||टेशाजधम पीप्पारन जिरह तिहारो, हमहूं भत विसरायो॥स रननाशाभों पतितनहूं पावन रहो, पराग्रहुं पित्त पायो॥स रनगाशानगत पीहर्षितें पारडील यें, हरजयंहणुनगायो।सरगाउ ॥ जथतृतीयपहं ॥ शीयललविद्याशेरेन्ननी, शीयस घरमङो भूसा शीगाटेड शीयस शेड सुदर्शन पाल्यो, शूसी लर्धरे विभान ॥शीयसनाथा सती सीतानें शीस प्रलावें, जग्निझीर लयो पाएगी ।शीयसनांश सती खुलहाशीपञजंडे, नसलर भासणी ताएगी । शीयसनाआ शीस तन्यो संापति रावएा, पहुतो नरड निसाएगी ॥शीयाना गंग हेतुभशीस लन्ने लवि, पावी शिवपुर हानी । शीयसनापा ।। जयचतुर्थपदं ।। जैसा ध्यान घरचा लेगी, ऐसा ध्यानगारेआनगन पो बीहाथडुसावै, नासारष्ट जाऐगालेगी गाशा जाहिरतन भसीन साहीसे, जंतरंग जीन्नरा हे। विषय दुषाय त्याण घर धीरन, उर्भन संगग्जच्या रेलेगीणाशासुधा तृषाहि परीसह वरलनात्म Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #423 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (30) मिलत्यागानगतरामषजध्यानसाधूओनमोनभोगिय्याया। ॥जय पंयम पर । - परतुंड्याभानलयाभेश, तुंग्यागाटेलापरवस्तुनालने अनलगातुंउह्यानपापियनियमात तातसुततनधन, न ते राशेनसणारेतुंगाशाभोहलोलजिपलभरद्योतुंओतुम्ने नि त्यतिगापरेतुंगाशामजतुंयेतगयोन तुम,साहिजना नभ ज्ञान नगागरेतुंगानगा रातिय ॥ जय पष्ठ प॥ निशुनलयोरेयसी,लभरा डिनगुनगटेशापंजन तेरीगणीभुजतेशपीला, सनसनीवासीपलभशाशासन जउषियनोस्सतुभसीनो सोज्यु लय निराशीलभरागार जेलियनश्सनहिथाज्यो,मजतुंलयोहेणघसालमा राणाशाजानंघन प्रलुतुभारे मिसनलय उरवतृप्युशसीयन । uru ॥ जयप्रथम पटे। रामगोडी सालसभे निनबंधेलविग्न, सांउसमे निनयं घण्टेजाभेरतलबपुजछानचिन्नसांरगा प्रथमतीर्थर श्रीभाटिलिनेश्वर,सभरत होतानंधात्मचिनापारधीप भागेहीवानरत पापोहोलिविनाशापनासन उनीध्यान | गायत धूपसुगंधोरामविनमगारलनतिरेभारतिवाप न्ततालमृगोगलपिन्नगागाउ निनधाससमलयाजपा नोटत पापनिहोरालयितनगाषा ईति। - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #424 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (१००) ॥जय द्वितीयप प्रनुतेरो पजन्योआणे निशेषानुगाटेगापांयभरना डिपाटपटंबर,पेयजएयोउसजीगमलगाताभिस्त भुइर अने यडस,हारहिये सिरदीप्रत्लुगाशासभडित निर्मलहोत सऽस ननजिश निनलओएमलुगासमवसरए पियस्वामी विशनि त साहिमतीनदुनीरामलुगाचासमयसुंघरहे अप्रनुलेटे, सखनन्मताहिकप्रलुगापा तिा ॥जयतृतीयप। राजाभिषे हे पीपणारी,श्रीरउमगाटेगा साधनिरंतर सामनंतर, संवरलूपएघारी श्रीगायनायजरोणरन निनडे,सभगुरभेसमधारीपमहिलभसाएभरगमरवन,न्नेरि पुभित्रसुजारी श्रीनाशासभ्यज्ञान प्रघाने पावन पणितप पापापनाशुध्यन्यसपसभरनों पारिहे हारीगायेगी गान्नेरिन्नुपरलूपर विनये,नित्यमनिढोडभारीपलाया अध्यनर्शन पाणं वाहिनीपतिहारीश्रीगाय प ॥ अथ चतुर्थ पट॥ गोरी पिनमवारा डिमोडीगोरीगाटेगातोरणाय यखेरथोरी,प्रीतपषम्भे तोरीगणोरीगशामष्टलवाडीप्रीतहमा रीनवभेलपज्युंजरी गोरीगाशातुभपियानाहइपीऽनन्नणी होओएगति भेरीगोगाठालानयंपियारानूपापिनये, पढप र उरन्नेरी गोरी पतिण ॥ जयप्रथम प पराशमशान धर्भनहिंडीना,पोनर हिपाशानेनगा In Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibradlorg Page #425 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ००१ । टेडायोराशी शरनर टेहपार्छ युहीमतेरा पिताहोरातैनामापाचे घस्यवशनहिंडीता,मनचथतनहिलना होगरीन गाशातामक्रोध |भषोलभोउंगुरक्षेचयन पतिताहानागापूरएनमाथि धनंहलो,मारी उभरसरीता होगनगाना गातिय ॥ अथ द्वितीय पटं ॥ पनिपटही उछिन छोर,हेरी शिवानीनंध्नानिगाटेडयापा रायडायगये गिरनारे, भेरीन जेमोरााहेरी निगाछप्पन गेडियाध्य हरिहलघर,मुढे उरत निहोशानिनो योउछूनहि भान्यो, मैसें नेभि निहोरााहेरी निगाशा पराजहोत भनायरही तुभा निभघनहर गिर भोशाविनयडीनि उहे धन्य धन्यरान्नुस,ध्या निघस्यो घनघोर गहेरी निगा रानिया ॥जयतृतीयप ।। नेमभिखेतोजानांडीनियापोप्याशानेभभिगादेशा तुभारी जिलभनगारी,प्रेमप्याला पीला वोगाने गाएमा उती तुमहोत्नभशाहिर हिरवासनाषीलयायोगानेगाशा | हुँचश्तीतुभो भेला, उजहुँतो भिलगाडीलयाचोएनना ||गारान्सनेमभिल भुति सिघाले पत्यं पीलयेंगचोगप नेभाभिगाच्या तिरा - - ॥ अथ तुर्थप ॥ घूखेचा नशरमांदिपलॉनिनेश्वर,गल्लूलोलिटडेथे घूसेवागाटेापूरव पश्चिमोत्तर इक्षिणऔर स्थानांजिटडे छगापूगातारणसभाग्रहामन्यचा, चिंतामणि अर्ध पर गधूनाशाउलियुशन्योति भऽपिराने,नवग्सतारणतटरेप - - - in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary arg Page #426 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Tul (१०२ , एघूलेगाशामत्यक्षदेच परभगुर पायो,ऋपलासशुरारटडेछाप मथपंथमपटं॥ चोहितलायाभैरासा,पासप्रलुनिनण्यावोगाटे पतनभनभेरीतजहीणखस्यो,लय भानपायाचोटिल एजनियांभेरीपत्नुनिरजत,ताताथर्शतान मिलायापोलार |परन्डीप्रलुवहन उर, ज्ञानसार गुराणायायोटिलगाया ॥जय षष्ठ पर ।। ज्यालााणेटिशीननन्मासाध्भपर,ज्याभरीणां चएछोगाटेगाहदेसभरण र निवरस तातेनवरेजहरणांवर छोगापालन पुनियांभालजन्नना,गाइितहोय भतरहणांवेग णेनाशामानंहशमसेवड्युंम्पे,भोदुन न्युरणांचीगाठा ॥ अथ प्रथमपदं ।। पराशगलोराहोपल बिहारी,तारीतोषजन्यारीराहो पलगाटेजाभस्त मुकुट अनूप पिरा, उंडलाडी छजन्यारीहोर पिलापानानिराया भरध्वीडेनंहन, तुंमल्नुपरणपगारीणहोस् पिन शारेशर भेंगरावरंगिलो,छूटी छै सटारी होमपत्नगाउ पघनुष्यपाचशेभान विराने, उंयनप्रनसुघारीहोरपननाच्या पिलासीमाशापूरो, प्रत्नुपरणालिहारी होपलगाया ॥अथ द्वितीय पहं भनित्यज्डुवाडभायामनित्यबागाटेगारिनन्छ पिसरायामनित्यगामन्यचलन्यातेंभूरजवीतशगनाईंच्या याराजनित्यनापानरलय पायलन्ने डिन भलुईथुहिग्नभणमा - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlorg Page #427 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यानित्यगशाभन्दुतगयोनछुत्नया, भोसरयु विजतायाजनित्यगापार्षति ॥अथ तृतीयप।।। शिनरपररातवीसरियंहाशिजरगाजळ पूलितदेवनार घाशिगाटेगावीश ग्नेिश्वर भुस्तिगये है अवरमनेऽ भुनिहाशिक पार्शनजहुरजजिरवावे,पाचे परभानहाशिनरगाशासिद्धक्षे|| बन्नेनरपंह,सोलहेसुषमुनिहाशिजरुणागारम भरपाई भेटता हे भन्नु पावत शिवसुनरंधाशिजणानासंचत मढारशेगडाचन रिसेगडे याशिजगापाभागशिरशुहिभाभप्रनुलेट्या,भि गयेसणदुजा शिजरगादादुर्गति पूरशेप्रनुभोरी,मेही सरल उहाशिजणाशासऽसलूपए भटारडी, मावसहित रिनंहाशिजताना ति। ॥ अथ यतुर्थ पदं विधनंटनेरोहि ज्ञान विचाराविहानंहगारेशानयतत्व पट व्यपधारयानो ने पियाराविना साध्या धर्महीहत्यमें घिरडे, ग्निचरनाभ संत्नाशयघननाशाात सध्यान भति पर,तिनवेश विधशायिधनंहगाआघर्भसुसपहोणणिन तभानो ध्यानरपार पिनंहगाचासभतिव्रतडील्हा जेसीतुंलबोधि पारणिताशाविनंहगापापंडितहरसुजन मक उरत है,तेरो निशिश पियाशायिहानंहनादा राति ॥ जयपंथम पटं। चीतगई भारी रेन पाणिग,चीतगसारी रेनाटेडद्येय घडिडो तऽडोरहियो,पूररोनी सजनाप्राणिजगापान्नेछु - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #428 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४०० ) उरणांहोयसोरसे, मेहु अवसरनहीनेनाप्राणिडानाशार्श नज्ञान परएपित्त घरसे,न्युंपावे सुजयेन। प्राण्डिानारामा तभान डियोड्छु चाई,सुनसरडावेन पाण्डिागाचा - . ॥ अथ प्रथमपदं ॥ राशसोरहानामिनंहनशंपशीषवनालिननशंगटेबाप तनेभयोर थडची, हलस्तान्युपधपुर भोर भटहार वरजत,ना ससरपरसुरालगीगाहान्नयोतनघनन्नयोन्जन,पाएनयोनड्यु एडभेरेलाडित पत्नुडी रहोब्युरीयुगालगीनाशाऔर वमने |सेवे,उछुनपायोऽयुज्ञानछोरे गांडडोडुनिउरत उजिनन्याला गीगाउाभाततातनेल्लातलाभिनी,संगअपने थुनरमेण पधान होशे, उहतलूघरयुषणीगाच्या इति। - ॥अथ द्वितीय पहं।। __रेलवोनसयानपीना, तुंपुष्टापडेशलीनागरुपाटेड एतुंथैनन हन्डन्नु विपाराजाभलया जति हीना रुपानेरेशु रामेज्ञानाधिदर्शन, भूरत हीतेंप्रवीनारारियइरस रसगंध वरणभे,छिनछुपछि नछीनारेगाशास्वपर पिड पियार चिन नाशा, घरघरमणशीनाम्गतराम पलुसमरसयांने,मा लहुंउछुनउभीना रेलयका पति। ॥अथनृतीयप । । नहि मेसोग्नमवारंवार, नहि मेसोगाटेगासंतसंगति जित्तमनरत्नवापावभावाशानहिंगाायिरनपहचंतसि हणेतर,उरि ग्निपूरनसाशाश्रवने सुनीणपटेशलहियें, रसना पढतनवाशानहिंगशामस्त: ग्नि पडेनभयेउं चक्षुत्रनुवंटन - Jaizducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #429 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (४०५ ) निहाशापय परभशुरध्यान निमित्तम भाक्रम परणपडाशान हिंगामासीसमग्री निलल्य धर्भध्याशिरवाशानन्मस सवैहीनवपउरी,लपिसमष्तिभंगीशानहिंगाचा पनि ॥ अथ यतुर्थ पर ॥ जोरीमेवनडोनेभिमाशाजोगाटेशासभुश्वविन्यन नगन,न्नदुसन्यिायाजोगापाशिशभुटमान नेइंडसागर भोतियनोहार राजोगाशावसन अनुपमसुंधरा नित,नानालांनि न्युहायाजोगाजापूरणलाथवडोरान्नूपरे|| पायो यहलरताशाजोगाचा ति। ॥ अथ पंथम पटं ॥ थारोणपटेश मानेरोलागेछेलाथारोणपरेशाटेगा ज्ञान ल्याउन नौशुन भेटन, संशय रहेनहिं पेशामानेगापभोहा विषमल्वर पूर उपराउँसभडित सुजवेशाभानेगावापर्यह नित्यमेह थाहत, लन्ति पढावन हेताभानेगाना पति ॥ अथ प्रथम प॥ रागवतीभाई भेरेग्निल\प्रीतउरीप्रीतीन पटेबाश्रीनभिनाथरिनहालसें,सागिषगनजीभानाशामा, तापिता विल्यनरपतिसुत,मिथुपान्नमपुरी गापरवीश धनुषप्रन भागनद्युती,सेवत परणहरीभानाशाशहुन्नरचरसोना यु,भहिमान्यता होष मढार रहित हितकार,साघी शिवन गरीराभाठागारज में थरएभसयित्तहीनो,तबही विपत्तट सीहरजयामानंहपहपायो,भनडीमाशइसीभाईनान्ना Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #430 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ अथप्रयम् पदं ॥ राशनंगसोनेनां सरसलथालिनदर्शन पायोमें भाग नगवारोभरोभमानंदृत्नयो भेरेमशुल गयेलागा नांगा पशासभननगयो भोहिलटत,सयोन भेडोना नांग310 शमसत्रनुभागत,सोडशिजोराना नांगाना पण ॥ अथ प्रथम पर ।। परागीपाडीगोडीपासग्नेिम्वर,तुभ साहेलमंत रयाभी राजाहेजान्नुजंघलेरणा विराने,उंडपडीजिहेन्यापागा |नीसवरण प्रत्नुभोहनगारी,सूरती नजविहारीपागा पशाईंढन ढुंढतप्रलुल में पाया, पूरणपवीजजपावापागाउगा| गयेणचे गिरिपर पत्नुलजिराने,यितुं पासेंज्ञानीध्यानीरापागाला नाय निरंग्ननामतुभारं, पयह पच्ची पाणापागापा पनि ॥अथ पर । पाषोशनीयंनन्नये,नामिलनशायावोगाटेशभभा तारिखता भूडीभूडी,मन परियभानहायापोगासाहेशद्देशन यात्रामाचे,पूने ऋषलगिएघायायोगशाच इंदुनि तिहांचाने वाने,गाने शुहिरे सभंघाचायोगासायेत येतसजससुणहेत,वंधे विभव निघायापोगाना ति॥ ॥जयप । तुभारे शहेजनही, हरजोर मांउभायाहौयिरन नजलेटियाहीतशंसास पात्नभायाहापानिनुभहेर तुभडी नी, नीमुंशशाल सात्या रातारी ड्यातेरी,तुभारा निहलाया हाशाल धन्यलपहेल्गभेतुभारारंणालिनाया हैएउरी निनजंघ Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #431 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ||शीतेरी मापन शुद्धीना हैरालासोपणमाहितुंचा,मापनपेन आपन्नन्यागाचरीतपतेल रत्नही उरभावंशलान्याहालात नुहुभगरिजोई, नहिं शोरशरना हैरासही भोहिन्नगुडे पैरो,नया ||श्यप्रतिपालपुरनाहापासहीतुभसेंन है शेण,सासनगढुंडडेज्या हाउभगन्नेर हुरनेई सुलरतुंही विशेज्या हैरारा राति ॥ अथ प्रथमपदं ॥ परागट्याग दूरियडी यस्मजोस,निनागभशुभनल गाभाराध निन्ननंहग्णभेमोरनांसगानाटेडशापरभाएं विधर स्थाचाशुंपणाभतलजणशीराछोयगा,चिपाइन्युलगा पदमावास्यवाघरोंछनपतिजशानिन धर्मसोनभित्र, थोरसव हे ध्यानाशा परतित नालछतोय,वैसे इंसनेमा घरीलेजमिन वियेऊमापापहंगाटूडागारंजो सोणे साइन्नलसुंपणाासमदृष्टि न्ने विचारशी, तो मुन्तिम भगाइन याताअनाघिसा, मिथ्यात्वसुंनगाग्निासन्नेछन नोपाये सिधुलोजगाउमापति । ॥ अथ द्वितीय पहुं । गाभह भोहडीसराप जशजहोरया,जताहेजेहीसा जना हिताजज्या ज्या भागाधरियावलत्यापूरसहीर,महीरणी, शिखन्नेगमतगश्नन्ने धातो,या डोनहे भन्नेमहाशा सिडीयस्मजोस,लस्मउर्भडीउमानपन्नपएसजीयजस। नगरलीडरोभहनाशामगार भनडुब्नेडितोडि,मातभासन्नए शुरणानडे प्रसाइलूसलभस्तन्ने महगामा राति - Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #432 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४०८ ) ।। श्जथ प्रथमपदं ।। ।। राग घरी ।। तेरे घर में हें सवाह, जागांनन्न ।तेरे घर मेंο आज्ञान गुसाज चारित्र पंजेसी, विनय वेस शुलसाराथिश्याचं पा महङ रह्यो है, भरवा मोड़ निवार ॥ जागांना शाशय चेसिसो धंध सोहे, जातमशेष सुधार राज्यारी क्षमाङ्गी नहां तहां सोहे, सिंथत ग्न मृतवाशा जागांणाशाजारे व्रत तपवृक्ष इस्यो है, घ्श लक्षएा सगि डाशाधन्य पुश्षवे जाग निहारे, अविवस से विद्याशा जागांना ॥ अथ द्वितीय पहं ॥ वाहिनी रज्छु सोय, तैरे भनभेगावाहिनणारे आविरा नडीयो चेपारी, निएग में रोग हाल दिया लारी ॥ चाहिननाशाजोछि पूल न्युवा जेले, जाजर जान्छ हारी जिनमें ।। डर से पालनेडी तै यारी, जेड हिन डेरा हीयगा जनमें गवाहिनणाशान्नूठे नेना पीसत चांही, जिसके सोने सिडी थांही ॥ जेहिन पवन धसेगा जांघी, ना हुए वित्त सगावे घनमें ॥ डिसडी जीजी हिसडी जांही वाहिनगा भट्टीमें भट्टी भीस जाएगी, न्युं पाएगी में पाएगी ॥ भूरज सेंती भूरज भ जिया, नेम ज्ञानीशुं ज्ञानी ।वाहिनना चाहत हरजसुगोलपिमा एसी, मे पह हे निश्वाएगी ।लवनड़ी उछु जाशा नाहिं, शिरपर डाल निशाणी ॥वाहिनणाय त ॥ अथ प्रथम पहं ॥ राग देशजभोली मोह्योरी भाई, पास निएां भुज भडे मोयोगाटेआवरत भंडए। भूरत बांही, सोया हुहे सरडे मोह्यो आशा मस्त भुगट छानें होय डुंडल, जान्नू जंपडे पटडे ॥भोयोगाशा संगी संगी जन्ज जनी है, उरङसजी पटडे । भोली गाआश्येताधि बस में जेसे गभाया, चेतो भनमें जरडे । भोह्योगांना निनवरछां Educationa International For Personal and Private Use Only Page #433 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४०০ ) डिग्जवरनहूं ध्याये, तेतो लूता लखे भोलोणायामेनुहर्शन जे ज्वार उरीने, पात सघणां परडे । भोयोगाशा थंह हे प्रलु परए उभणयुग, भुन भन लभशे जरडे भोगणा ॥ जय द्वितीय पहं ॥ ॥ हांरेन्वा चतुर सुन्ना, नव पहले शुए। गाय रे शाळवाणाटेश नवपर महिभाडे नग भोटी, गएाधर पारन पाथरे पाळवाणाशा लेग्जपने जातम सुजयाहे, तो जेड ध्यान लगाय रे ।लवानाशा नम निडार्थित दूर हुश्एा हूं, सुंदर शुष्य ठीपाथरे पाळवाणाआर्धनो पुष्ट आसंजन डरतां, जनर अमर सुज थायरे ॥ाळवाणानानेनि नलजे आगामी सोसज, नवपद संग पसायरे ॥किंवाणाचा ॥ अथ तृतीय पहं ॥ ।। ञ्ज्या तारीई उरं पिया नेभल, तें जाता बह्म धारी ॥ होज्याभेगाशा समुहविन्यसन्न्म सियो है, सजलवन हितडारीप मेगाशा उंडन तोड लयी हे वैरागी, राब्नुस तें तारी ॥ भेंगा आल तिहास उहे जे विनति, लव लभतां निस्तारी ॥ भेंगाना । ॥ ॥ अथचतुर्थ पहं ॥ ॥सगन्नहोलव निनधरएगा सेंती, जगलना शुलभारण में यावतारे, जूरोनद्देशेडोया। ग्भृत जातांलवडांरे, भूवोन सुनियो श्रेय जगणाशासन युग स्वारथडो सगोरे, ताहारो सगों नडोयाताहरो साथी धर्मछेरे, निशा कुरडेन्लेया जगणाशाघन शे पून्नडशेरे, जवर शेषीपवास ॥शील पासो शुध्य लावरे, नि भपाभो शिवपुरवासा सगणाआसाधूनङी विनति उशेरे,लवडशेडीपणाशावीतरागनी लक्तिशुं रे, छीतरन्नवो पेले पाशासना Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #434 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१०) एचाभाराघ्यो ग्निवरे,शुश्डे पाणो पायाध्या धर्मध्यध शेरेजेटीनीनवषजतायाएषगगापा ॥ अथ पंयम पठं ॥ ॥मानापैथालोसहियां सिहायष शिरियासुए जनीगिरिनोभहिभा,साहिरिनंहजेभलांजीनस्ताहिजन रपतिने भागण,शसिौसाजीशाभारगाणागिरिचरी यशवमनंतो,साघुअनंता सिद्धान्मभश्एनांदुजोजने, मभूट्यअक्षयगुएराषीधारेपानगाशाएगिरिसन्मुजपण सालस्तां,मातमशुध्यस्वला-गोडिलवनांपातडीघामेज पखडभेन्नाभागाठाशातुं तीरथश्रीशेने,न्नेता लागेभी छातीनलुचनमें रागिरितोजीलुओनधीइंशा भागाचा निरंन्नथुनेहधरीने डोडे सोपंगरस्यांगजलुतमाहिरिने पर निरनी, प्रेमसुधारसपीस्यांशाभागापापुष्पसुगंधी पयत्री हार सुगंधीयुंथी।पहेराची प्रलुपहिये, शिवभारशनीस्थी। मागादा गहिरस्परें ग्निवरगुएगातां,यात्रानयागुंजीयोभनण मतीलभतीनियलभता,लवसायस्थीतरीयेशाजागाणापूर्वनवा घुचारप्रथभनिन, रायएएजेभायापते तीरथशुललाइरसी, रिये निर्भसयामागाटालानाध्यमे गिरियोसहियें,उहे। भडेचणनाएीश्रीग्निपंहसघहितवत्सण,प्रेमघरोपित्तमाएर, આ પાન ॥ अथ प्रथम पटं ॥ ॥राशलावतासनस्वारथ भित्रओनाहीतुभारोप साहेजनाभसंनारिय,तातें होत निसताशासनगाशार्थतनहुँसभा नहि,याहतपन धानजहीसूरनमाथभे,तजही जंधायास पशाताता शिक्षाओयला,तैसा संसारााग्निरंग धन्यते पुषहे, लिन Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #435 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૧૧ ) आप संलारा ॥ सजणाआ एर्धीता ॥ अथ प्रथमपहं ॥ ।। राग उष्याएा । छजीतेरी सुहावन सागी, छजी तेरीगाटेशाघ र्शन हेप्यो पास डुंचरडो, लाग्य हशा जजन्नगी ॥ छ्जीणाशाखानं मंगल सुज संपूरन, लव लव लाव' लागी ॥छजीगाशाशंजेश्वर प्रलु पास चिंतामणि, पासगोडी गुएाराणी पछजीगाआ चिंता धूरए मंगल पूरएा, पास जयवंती सागी ॥छजीणानामयाङरो प्रलु पारसभगसी, भया भुक्ति जन भागी छजी ॥ र्धति॥ ॥ अथ स्तवन ॥ ॥ राग मलाती एन्नगेशी निन लम्त उहावे, सोपे सो संसारी हे त्रस लवडी हुत्या नङरे, यावर उईएगा अरी हे।ान्नगाशा थापाभो सो महत्तनसेवे, थोरी भारी वारी हे । पंथनी साजें पाएीग्रहएाउर ता. जवर स्त्रिया ज्ञह्मचारी हे ॥ न्नगाशास्नान प्रमितत्सन्निडीसे वा, परिग्रह संख्या धारी हे ।। रूपचंह समङितडे सछन, ताएं पंहना ह भारी हे।लगेगा। छति॥ ॥ अथ लाती ॥ ॥ जैसे सेरजिथ डौन हिवान हेवो । जैसेगा पानीडे ओट पच नडे अंगरे, हश हरखानेडी भंडाए। हेषो । मैसेनाशा पांयेंही भेबीश तस्कर, नगरी उरत हेरान हेवो ॥ भैसे गाशा अन्न पोडार सुनीतजन्न ज्यो, जडे येतनराय सुण्यान हेवी।। जैसे गाआनाथ निरंग्नलक्ति तेरी, हाथभां सास उजान हेयो। जैसे नाना रूपचंद म्हेतेहुनेवारी पेषो दुसमन मान शुभान हेवो ॥ जैसे॥ ॥ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #436 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (११२ , रागस्याएनगीजनलवप्रीत सोहागनानगीगाटेर घरिशनजीपासरिएओलण्याशाभोरीन्गी जनुलवा एनंतरीउप्रन्नुपातलिनेवर,पासणोडीबहेपाशीरामनुलवना पशाभस्त मुगटाने सोहे उंडण,जान्नुपछजीराणीजनुन लवनाशापय परिशन धीरेंलयलयलावलांशीपभानुगाच ॥ अथवनाती ॥ नगेसोनिनलत हावाशीमापेज्यातजेपताधू सा,आपे धर्मधारीशामेमांडणीतंजुतोजसमानणनाया, भीनगवेगाधरी गायत्रसूरहोयपरी थराशमङ्लुतमाळ हा शहामापेपपाण्डे पंमेघवषनायाजाल उडिन शरीहानि नईसारपडीघरमावे सोनाजेसारीशाजापेनाशाछ पन् नरहथवावे,सोपासान्णसाराशायेतनामेघवनभावे,तजमग अपीजालमापेगाशानिनडे शिरपर भोरछप होवे,चारोगन नीजारीशापयं उसभर उरजेपो,मजतोलततभारीगामा ॥४॥ ॥ अथ श्रीयंप्रलग्निस्तवन ।।.. ॥रागडेयरोतयागोडीभरी रोपे मारे भुने भुग वाशी जराडेरे सजीभुनेजरारे,थंप्रल मुजयंहासजीवा एजीपशभरसनोउंहासजीगासवे सुरनरशासनीगाशतषिभ खदुःजासजीनाणसुभानिगोनजिभोगसजीनामार अतिहि विशेषासगापुढचीभाग नजिमोसमातेशवाजीनो सासगाशावनसपति जतिघएहिवासमाहीहोनहीयधशासब जीती परिहीन्द विहाासणागति सब्बीपराधाशासासुरतिरिनिरयनिवासमांगासनाभनुगमनासाथासगाजप लता प्रति लासभासणाचतुरन यढीमोथासणाचामेन - - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #437 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( 13 ) भनेञ्थतन्नपिया सगारिशन विएराग्निवासगाभागभयी| भतिन्नाणियोसगारी निरभलसेवासगापानिरभव साघुलग निसहीसगायोगभयहोयासगाडिरियामपंथ निभसहीप सगाईवजयाउन्नेयासमा प्रेमक्सरग्निवासगाभो नीयक्षयन्नयासनाभितपूरणसुरतरासगामानंधन प्रल |पायएसजीपणा तिता - ॥ अथ श्रीनेभनिग्न स्तवन ।। ॥घरेमापोनेनेभवरणागियारे, घरेभावोने श्यामवरण गियावाने मांगीताशुहीयेतेभोहोरलूपनेरे, तो भोहाधु तभारा पनेशाधणापावापाना भुजनांते भीडावेएछरे,वापान नीजिडलीभांयेणारेपणाशाचालोयित्ततपोते पोरछेरो भारा शबन्डानीओरछेगापगाउावाहाले पशुपपर उगाज रीरे,वाहावेलवघ्या भनभां घरीशाधनाचावाहापोतोरएथी| पाणवठ्यारे वाहालागढ गिरनारे यत्यारोपणापागाहान सागढ गिरनारनापाटभांरे,मुनेनेभन्न भल्याछेचाटभागाधना हवाइपथरंगें भिट्यारे,महाराभनना भनोरथमविश्ष्यारोपण ॥ अथश्रीयुगभंघर निन स्तवन ॥ ॥श्रीयुगभंघरवीनरेवीनतडीअवधाररे घ्यापरायाने परपरिणतिरंगथीरे,भुग्नेनाथजीशाररे घ्यालराथाश्रीगाधान शाहरुनोग्यतारे में सीधी भारायरे घ्यालरायापएतुल्स रिजोलुखहीरे साथीचातपायरेट्यालशयात्रीगाशायद्यपिन भूषवलावभारे, परर्तृव विनायरे घ्यालशयामस्तिधने म हारोरे,नेरुनोतथ्यमलावरे ध्यातरायानीगाडयापर परिणाभित्ता शारेखहे पररगयोगरे यालशया पेतनता परगटथरे,रायी - Jai Educationa. International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #438 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १४ ) पुगललोगरेघ्यालशयात्रीगानामशुष्यनिमित्ततोगडयछेरे,चीप र्यशक्तिविहीनरेध्यालरायातुंतोचार्यज्ञानथोरे,सुजननंतेन्सीन रियासरायाश्रीमापातिरोंगरण निश्ययस्योरे, मुत्रनिल्परि एतिलोगरेप्यासरायातुन सेवाथीनीपतेरे,लानेलवलयशोगरे। यापरायाश्रीगायशुष्यश्भएभानंतारे, ध्रुब निस्संगवनावरे च्यावरायाससप्रटेशमभूर्ततारे,ध्याता सिध्योपावरे घ्यापराय एश्रीगाणासभ्यतत्वणपश्योरे,सुणतांतत्वरणायरेट्याला शयाश्रयाज्ञानेने ग्रह्योरे,तेहिन अर्यशयरेध्यासरायाश्रीन पटानातभगतंभातभरभेरे निन् घरभंगलथायरे घ्यापराया पर्य श्यीउरताथयेरे,गरउ सविनहलायरे घ्यालशयात्रीगा एकात्राएशराजाधारछोरे,प्रल लव्यसहायरे घ्यापराया। चपंपहनीपनेरेनिनपउन सुपसायरेट्यावरायाश्रीगाया - ॥जयश्रीऋषलानिन स्तवन ॥ ॥राणभाशाउरभ परीक्षाराभरपयोशाम्भेशीष मानिने पर प्रतिभभाएरोरे,जोरनथारे उतारीन्योसाहेजसंग नपरिहरेरे,लांगेसाहिजनताऋषलगायाप्रीतसगाईरेग्गभां सउरेरे,प्रीतसगाईनडीयाभीतसगारे निरपापिहीरे सोपारि धनजोयापलगाशाउरोख्तारणाराष्टलक्षणारेरेभषसुं| उतने घायामेभेलोनविऽहियसलवेरे, भेषोगमनायाष लागारोपतिरंग्न भतिघणुंतपरेरे,पतिरंग्नतनतापाने पतिरंग्न नपिपित्तपत्चुरे रंन्न धातु भिषापारीलगानाडो अहेवीलारे जसजसषजतपीरे,सजपूरेभन भासाघेपरहि तनेखीखानविघटेरे,षीषाधेष विषासाऋषलगायाचित्तप्रसन्न रेपूनन षड्युरे,पून मजडितहाइपट रहितथानमभर पगारे,भानंघन परेहारपलगाएप गातिए Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #439 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - ( १५ ) ॥ अथ श्रीजनितानिनस्तवन । ॥जोगतिविनीशामेशीज्ञानादिगुणसंपारे तुम नंतभपाशातेसांनसतापनीरे रयितेणेपारणताशाजनित तिनतारनेरे,तारनेहीनध्यातासगामेमांडपीनेशराने हनोरे,सामग्रीसंयोगाभिलताननीपतेरे,उतिणेप्रयोगात्रय मनाशर्यसिध्धिावसुरे,सहिआरएसंयोणानिन पारउप्रल |भिल्यारे,होय निभित्तहलोगाजामाजनालगतउसरीलहेरेनि नपासिंघानिहालातिभालुलन्तेलविलहेरे भातभराप्तिसला खानामगाजारए पह उत्तपिएरोरे,उरीमारोपजलेशानिन पहन रथी प्रलुथडीरे, उरेभनेउसीभेडापालगामेचा परभातभालु रि, परभानंहस्वपास्याध्या सत्तारसीरे,अभलभऽ अनूपा पामगाभारोपितसुजलभरल्योरे,लास्योभयाजाधासमां मनिलाजीपरे, साधनसाध्याणानगापाहतास्वामित्वतारे,व्यापरलोक्तानापासरगतासरन शारे,सरसग्रह्युनिग्ला वाटामाबालासनरभएतारेशनाटिङपरिणाभासलथया सत्तारसीरेनिनवर परिसरापामायाणगानिऐ निर्यामउभार गोरे,वैयगोपभाधार परेवयंसुजसागररे,लायघरभहातार પાએ ॥अथश्रीसिडायस स्तवन । ॥पापोसजी सिद्धार्थतन, चालीसजी विभदायसन्न ध्यपडे गिरिवर हेजीसुजलहीये, पालीतारोन रहीयोथिान लोगाशाउने गिरियात्रायेंने जावे,डेलवत्रीने सिद्धिन्नये,रेमा राभर पध्वी पावसाचाप्लोगाशाउन्नत्रानवाएंगीथे,उनबार साजनरागएीयें, उन्नवसागर सहेनेतरियोथायोगाउडेछ जहभाया उसीयें, मोहरानसामे घसीये,वेगेशियपुरमांचा सीयोथालोगाचाडेसर्वतीरथनो छेजेशन्न,सूरमुडमां - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #440 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१६ ग्यतान्न,डेरोगीमानरहोयतेसान्नापासोगापाउंडेशरचंड नघसीगोती,डे उस्तूरीजरासलेली, पून्ने सर्पभषीटोलीया जोगाएराडे पूलनेलापनालापो,डेचसज्ञानयुगलपायो,उन्ने होये शिवपुरमांन्नयोगथापोगाणाजदार होतेरावर्षे, महापटिपी थमीने विसें, उलेथ्याशीमारिसरणगाथाषोगाटानेही तमपटनीसेवा, डेहेने भुने वाघिया,उशिवपीषणभीने सुना मेवाथालोगाणातिए - - ॥अथ श्रीगौतमस्तवन ॥ ॥नर चतुरसुन्नए परनारीशंपीतज्जुनहीं डीलगने शीरामलूति ताहाराराने डेहेतां हर्षनभायाहेगुएरीयासु|| रवधूउरन्नेडीगुएगानामेमाऽएाने शंडरविरंथिनीन्लेडी वणीभोरतीघरने विछोडी,तेंन्निसाथ प्रीतन्नेशामा विघ्नामर्थसुणीसायाचीरना पैसाथयान्नया,गेम्सचीजेंनरन यायामगाशापरिग्रहनवविधनात्याशी,तुभयीनगर शानगी,धर्मध्यान सध्याननाराणी गावामनुन्नेगाथा रनाजहुन्नए,तेणें निर्भणप्रजणतुन्नाए अमृतरससमभीजीचा ए मगामागभनृपनेरभवाडी,गगति विचटें तेहपडीते रिभणी तुग्ने नहीनी हेरगापासतिन्नमरणाशाल्यारेणी लापडसघणीत्यारेलांगी, उधर्मलत नोजतवाणीराहे सणारा ॥जयासिघ्यायपस्तवन । ॥सिध्याथलगिरिलेट्यारे, धन्यलाग्यहभाशाविभला थत शिरिनेट्यारे, धन्यलाश्यहमाशाने गिरिचरनो भहिभाभी टो,उहेतांनाघेपाशारायएजसभोसस्यास्वाभी,पूवनवाएं। पारशापगााभूतनाय श्रीजाहिरिनेचर, थौमुजप्रतिभाया । al Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraforg ।। Page #441 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - (४१७ । शामष्टरव्यशुंपून लायें, सभडित भूषभाधारशाधनाशालाचलपित्तशुंपलुगुएगाचे,मापणाग्नमसपास्ययात्राउरील पिग्नशुललावें, निरय तिर्थयाति वात्याराधनागापूरहे| शांतरथीकुंभाव्यो,श्रवणसुधी गुणाताराएपनितीध्यारणानि रस्तुभारं,जेतीरथल्पसाराशाचगानासंवतजदारण्याशीने भासभाषा,चहिमामलोभवाशाप्रलुछाडेपरणे प्रतापडे संघ में,जेभरतन लुप्याशशाघापा पतिप ॥ अथनेमलनासातेवार तिज्यते ।। ॥सजीनमीयतेनेमरिनरायगढ गिरनारेशाशशीरान्नु पन्नू वाट सातेवारें।पासनीमाहित्ये मरिहंतामभघरमा चोभाराश्यामसजुगानेभीलभांलापोशाशासणीसोभेते शुलासिएणार,सग्यि मंगेशभाशगळवनाग्निराय,रभीर। गेशशासजीभंगतशुलहिनजारभंगलथारोगाभाशेनवलप उरोने स्वामीसंलारोगामासणीनुतेपरेवोनाथ,जुधि नारीयारातिभेडसहस्रनेभाह, पक्षणेलरियाशापासणी शुशिरवाशुगवंत,शिवाचीनाशातभेसभुश्चपिल्यतयंछने भनगीनाशादासणीशुक्र सहसावन्न, पालोसल्बग्नीशामाहा रे प्रगटथयोरेपलातवीतीग्नीशाणासजीसनीयेतेसंयभष घ,प्रीतधारीवाजेपोहोतामुन्तिभचार,नरनेनारीशाटा। भूषयमनरंगमास्यावशेगारे खोब्बल पाखेशील,नवोधि तरसेरेएका पतिए - ॥ अथनेभिग्नि स्तवन । शानापुरीयेंरेनेडोनाजीये, निशुपापरेनेडोनाज चियामभरोशे माजडीयामांनीर लरीयेलारिगुणागाप्रेम - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar og Page #442 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १८) निरवहिवाहाप्रेमीग्ननो,अविधात्युनविणलरीथेलानिशुपार|| तान्नध्वन्ननसलने यदुपति तोरणभावीनेभरियेलानिश गानाशासंयभनारीचाहेडीधीप्यारी,रान्नुलभूडीनरहरीयेला। निशुगागागाभमनजलानीसाहामुंनिरजो,विरहग्सपिथी भितरीयेलानिशुणागागायौवनवयडिभी निर्णभिय,लोड पाल्थीपएंऽरियेलानिशुगावापाटीपरंन्न प्रलुशीषभांघ रीथे, निराटिन अपरार्थ भरीयेलानिशुगाणादायतुरथमच सरशुंयूमो,अमृतसुजरंगेंचरीयेलगानिशुणागाजा ईति। ॥जथ घर्भग्निनुं स्तवन । ॥भजीयेंरेनेहेडोमीयरे,सुशुपाशुनेहेडोभेमरी याहारे यित्तभटायुप्रनुनी पाठरीय, भलवसायरसुजयी | तरियेंशानिनलशुनेहेडीजेभडीयोपामेमांडएगीजेनेभा जेनेजंडी,त्रएनोसंगते परिहरियसुगाचारल्याशिरयो टउरीने,पांपनीसेवाअनुसरीथे।सुगापछसतभनवच|| शनेछंडी,मेशसिमांघीयशासुगाजारनोभार उरी महोनिस,तेरथीभनभांघ[ऽरियरेसुगागापाथमानव शतेरने,जांधीनाजीथेनरहरीयेसुगासत्तावीशनोसंग रीनें, पंथचीशनी पीतेंडरीयेंगासुगाचाजनीशतेत्रीशयोराशी | जोगएीश,टापीथारथीनपिरीमेशासुगासडतादीशथीरें। हीयें, मेडावन मनभालरीशासुगापावीशने वीजावीशजां घिी,त्रेचीशथी निशस्निपरीयासुगाध प्रलुशुंस्नेहरता, अमृतसुजरंगेवरीयरे सुगादरा तिा ॥ जय श्रीमहावीर ग्नि स्तवन । ॥सिध्यारथनारेनंनवीन,विनतडीअपघालवभंडप Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #443 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १८ । |भांरेनाटऊ नाथीमो,हवे मुरपारणताराासिपात्रगरतन भुग जालोतातल,निभानावे संतापााधानमंतारे प्रत्लुलसुरडिसी, आपो पध्वीरेमापासिध्यागाशचिराधगुडेरे मेरउंपाविमो सुरभोड्युरेभानामष्टउर्भनरे ब्ण्डोलतिभोटीधुंबरमीशन सिध्यानाशाशासननायशिवसुजय, विशलाईजेरतन्न गसिध्यारथनोरेवंशीपाविमो,प्रनुल तुझे धन्य धन्यासिध्या एच्यावायडशेजरीतिविग्यगुरपाभीतासपसायाधर्भनणारे नियोगीशना, विनय पिल्यगुरागाथासिध्यानापति - ॥जथलीडलंग्नाग्निस्तवन । · ॥माजडीयेंरे भेभान शचुंग्यटीहोगामेदेशीपाभीपन लुलनापाय,भाएनसोपुंशासानषीताहारांचथराउनेशेपुराण नभनभनारेशउरतां,वाहाला तोभाराध्याजन्यवाशा शुश्तयाणपशेलागो,पाधीनहींतुन सेवागाभागुनसोपुशासन पशामेमांगीन ज्थीरनोवेरोनन्नएयो,पाहावा तोअथ थीर समनोख्यावाविवेऽतपी तोवातनन्नएी,विषमभृतउरीघो प्याराभानाशासभडितनोलवलेशनसभन्यो,वाहासातो मिथ्या भतभा जूनोपापतए पंयें परवरियो, विषयें उरीने विणतोशामा, पारोड पूवषे पुएयसंयोगें,चाहाषाहुँतोमान्डुसें अवतरियो ॥शालीउलंन्नमुरसाहेनभलीयो, ताररुपोतेंतरियोगभागा। टक्षाविसमें विगतनन्नगी चाहालातेणें तुन्थीरयोकुंभलगोरे राणघ्यरतनउहे मान्यीताहारी,हवेधमणि चषणोगाभागापा ॥अथ शत्रुग्यस्तवन ॥ ॥शचुनगढनावासीर मुन्शेभानन्लेशासेपनीसुणीचा तरेभनभांभागनेशप्रलुभाशीहडे तुभद्देपर, भार भुनेणोपनो हु Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra borg Page #444 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४३० ) रजग्नपाशाशासाहेलीयानी सेवारे लवदुःज लांगसेरे ॥ने आएगी श्नेऽश्रनष्ञभारीरे हिसभां धारन्तेरे, थोरासी सजरेशरे, दुरगति वारमेरेशा मलु भुने दुरगति पडतो राज, हरिशन बहेतुरे राजा सागार होलत सवार्धरे सोरड हेशनीरे, जसिहारी हुन्नबीरे, मलुताद्वाराचेश नीरेशमिलु भाहारा रेडुं तमारं रूप, न्येतां भोझारे सुरनरलूपासा आतीरथ नहीं मेरे शत्रुंन्न सारजुरे, प्रवधन पेजीनेरे, मीघुताहारै पारजुंरे ऋषलने नेर्धनेर्घ हुरजेने हु, त्रिलुवन सीसापाभेनेहा सामानासहार्ध कुंभारे प्रलुताहारी सेवनारे, लावलांगोनेभांडवनारे ॥ प्रलु महारा पूरो भनना डझेड, भेभ म्हेपीयु रतनम्रब्लेड “સાબાપા ॥ अथ श्री पार्श्वग्निस्तवन ॥ ॥ जाजडीयें खमे जान शत्रुंनय ही हो रे ।। ग्ने देशी।तारी भूरतिनुं नहीं भूसरे, लागे भुने प्यारी शाताहारी आजड़ीयें मनमोह्युंरे, लजं सिहारीरे ॥ जांएगी |भालुवननुं तत्त्व सहीने, वाहाला माहाराता तुंनी पायोरेन्सघसो निराजीने न्नेतां, ताहारी लेंडेंमेघनमाज्योरे तानाशात्रिभुवन तिसङ सभोवड ताहारी, वाहाला भाहारा सुरतसुंदर ही सेरेमेडी उंदर्प समरूप निहाली, सुरनरनां मन ही सेरेगाताना शान्योति सरूपी लुंनिएो निरज्यो, वाणातेने नगभे जीने ज्यांहींरेग निहांलेये तिहां पूरा सघसे, हेजे तुन्नेत्यांहीं रे गाताना आतुन्भुज न्नेवानी रढ सागी, वाणातेने नगमे घरनो धंधोरे ॥ श्रासनंन्नससहुअसणां भेसी, वाणानुनशुंभांडे प्रतिषेधोशाताणानालवसायरमां हे लूसा लभतां वाणानुपासनो पाभ्यो आरोरे ॥ जीयरतनउड़े जाहें साड़ी, सेवा पार बीतारोरे ॥ताना त ॥ जथडेसरीयाळनुं स्तवन ॥ ।। तभे अन्नएया सभेलएशीतारे, भेगरजीना रागभांतुमें Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryo. Page #445 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१२१ ) मातभशभणे स्वाभीरे, महाश भनडाना विसरामीशातुभे मुक्ति ||पहाराभी,शामलीया याहालाचसो भुवित्तमांशपातुभेश्य सजनतमसंगीरे,तभेचेरायो सप्नंगीशतभेसिध्यसपनि |संगीपशामगाशासुनंसुभंगलाउंतरे,तमेसगलयनोउयोभन रातिभेलगतिवत्सललगवंताशानाशातारानाभथीनवनिधि था। यरे,नारान्नपथी सचिजन्नयशातारासभर सविसुनथाया। शाभवाच्यात भाशापूरोसरीरे,तभेपूर न्यासविचैरीशापा भीऋधिभतुलजसरीशागापामवंतीशथीभायारे,वंश नलागौप्रगटाया।ानगत भूरिभरणायाशागाराला गोशघेयचीररे,सेवारेसुरनर धीरशावालवसायरतीराया राणाहीसंघडेरीसंघनाभरे,राग्नगरमांछेतसघामातुभ सेवाने परिणाभपशागाटासंघठने यात्रायेंआयारे,तुमघरिश |नेमानंथपायाशाउरी निर्भस भनवन्यायाशागामासतनंघ नगछियरसेरे,भघुवटिपऽवेत्तृशुध्विसेंगउरीयात्राअघि सुजणखसेपशानागाप्रलुवन पाने निरणीरे,नंतर मातम ने परजीराइपविन्याउहेभनहरजीशागापा पति ॥ - ॥ अथ सीभंघरग्नि स्तवन ॥ ॥साहेमामनितारिएंन्नुहारियाशीरासाहिजश्री सीभघर साहेषा,साहेजतुभप्रलुयाधिवपसनमुजन्नूमीने महारा साहिणा,साहेजभनशुयई तुमसेवएमेचार भषोने महाश साहिजाानेशांउपासाहिजसुजाजवातोभहारेअति घणी, साहिलओएमाशपउँनाथासाहेबडेवलज्ञानी लुन्ने भो,साहिजतोथा रेसनाथानेचारगाशासाहिन लस्तक्षेत्रभाकुंभवतस्यो, साहिजसोडुंभेटहुंपुन्यासाहिणज्ञा नीविरह पयोमाउरो,साहिजज्ञानरयोजतिन्यूनामेञ्चारण Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarre Page #446 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४२२ राउ साहेज हशदृष्टांते हो हिलो, साहेज डीनम दुख सांभाणासाहि जपाभ्यो पाहारिणयो, नेभरलें बीडाड्यो जागा अंम्वारणाना साहेज षड्रस लोन्ग्न जहुयां, साहेज नृप्तिन पाभ्यो जगाशासा हेज हुंरे अनाहि लूसमां, साहेजरन्ग्स्यो घणो संसाशाश्नेश्वार पासाहेज सन्न्न मुटुंज भेष्या घएगां, साहेज तेहने दुःजें दु:जीथाय साहेजलव भेज्ने उर्भन्नून्नूजां, साहेज तेहुथी दुर्गतिन्नयानेज्वा २०॥शासाहेज धन भेलवा घस भस्यो, साहिज तृष्णानोनाव्यो पाशासाहेज सोलें सर पर बहुअरी, नन्नयोपुएयने पापच्यापाशाने वारणानासाहेजनेभशुध्याशुष्य वस्तु छे, साहेज रवि उरेतेहु प्राशा साहेज तेभरे ज्ञानी भले धडे, नेतो खापे समतिवास ॥राजेस्वारा साहेज मेघवरसे छे पाउमां, साहेज वरसे छे गाभोगामसाहिज ाभकुठाम ब्लुजेनहीं, साहिज मेहुवां महोटानां गभनेउचारणा साहिज पस्यो लरतने छेडले, साहिजतुभेवस्या महाविहेतु भोन्नरा साहिज दूर रही डरें वहना, लव समुहषीताशे पाशाने वाश्णावणासाहिष्जतुभ पासें हेव घएावसे, खेडभोऽसन्ने महाशया साहेज भुजनी संहेशी सांललो, तो सहेलें सरे भुत अनाजे ११ साहेज हुतुमपानी भोन्डी, साहिज हुतुभ हासनी घसासाहिजज्ञा नविभलसूरि भेभलएो, भने राजो तमारी पासाङवारणा१शा ॥ अथ ब्लूंजजडा सभोसरए। स्तवन ॥ ॥ त्रिशसानंदन पंहीये रे, सहीयें ज्ञानंद अंधा मनोहरन्लूंज ब्लूंजजडा ब्लूजी रह्यारे, श्रीवीर तएंगे हरजा शाभनोनासभोसर विरान्तारे, सेवितसुरनर द्यामनीनाशाभावी लेग्नदृष्टिङरेरे, - ड्रेस लरेन्लनु भानाभनोगामणि रयएगें लूतल रथैरे, व्यंतरनारा लनाभनोगाशाऽनङ डोशीसां रूपाणढेरे, स्थै लुवनपति सा मनोगारतनङनङगढ ज्योतिषीरे, भणि रत्ने सुर ईसा मनोगाउ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #447 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४२३ ) लीति पृथुस तेत्रीश धनूरे, भेड कर अंगुल खाधामनोगारत्तेनेरसें धनुखांतरे, वीथी पएासें धनु शाभनोगाच्या पावडी नाशसह सहसरे, पंच पंथ परिभाए।।मनोगानेऽऽर पीहु वीच पोरे, प्रत रपयास धनुभान मनोगापार्थिवी जात्रा तोरणारे, नीलरत नभय रंगाामनोणा भन्हें भणिभय पीडिमरे, लूंई थी जढी गाडी तुंगााभनोगाशाहीर्घ पृथुस जशें धनुरे, न्नितनु भानेीं थमनोव साथैत्य सहित जशोडतरे, न्निथी जारगुए। डींचामनोगाजथिवी हिसें यणी सिंहासने रे, भाई धीभर छत्र जाशामनोगाधर्मचक्र स्पेटि उरननुंरे, सहसन्नेयएा ध्वन्याशाभनोगावछंही घेशान हूएरोरे, प्रनुचीसाभाठाभाभिनोगा श्री उपेहीये हेसनारे, लामंडल - जलिराम ॥भनोगापासुनि पैमानिङ साधवीरे, रहे अग्नि जलाम आशाभनोगाल्योतिषी लुवनपति व्यंतरारे, नैऋतोनसना रिशाभनोगावणावायु दूरोने देवतारे, सुएरो निनवरनी वाएगी भ नोगावैभानिङ श्रावङ श्राविारे, रहे ईशान ठूलो सुन्नए । मनोगा१शा पपीहेपीय ने साघवीरे, पीली सुएरो बीपदेशाभनोगातिर्यय सहु जीनें गढेरे, भीने वाहन विशेषामनो ना१शावृत्ताारें पडी बावडीरे वीरंसी आठवाव्या मनोगा प्रथम पनरसें धनु जांतरेंरे, जीने सहस धनु लावा मनोग १ ॥ २५ए। लीतगढ जांतरे, रत्तं धनु शत छच्चीशाभनोगार्थवीरस भए। सहुसनुंरे, भिसाजहीयेनग घीशाभनोणाश्नातुंजर पभुहु तिहां पोसीयारे, धूपघटाभगम मनोगाद्वारे मंगल ध्वन पूतसी रे, दुंदुलियाने ताभाभनोना१पा हिव्य ध्वनीसमने सहुरे, भीडी योग्न विस्तार शामनोगासुएातांस मता सकुलवनेरे, नहीं विशेध सगा ॥मनोगा१५॥ तीस जतिशथ विरान्तारे, घोषरहित लगवंत । भनोणा श्रीतशचिन्थ गुरेशिष्यनेरे, निन पर सेवा जंत॥मनोगा।छति ।। ।। !! Jair ducationa International For Personal and Private Use Only Page #448 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥ अथ पंडितपयल त ॥ ॥ श्रीग्निप्रतिमा स्थापन स्तवन । | ॥ तेनिग्यारेभावशेषजेशीपनवारेनगरमांलेटीयें। निनवर ग्यतारीपरमानंहमहारसी, भूरति भनोहारीनारायण रविंसनीपोंसडी, इंनि भनभातेसहुमान सस्तथ,प्रणभन्न गनाऐंगानगाशार्शन हीरे टेपमुजन्नमेगायिनंसुषणप लेसमतारसपूरेगनालाग्निभुशग्निवर सभी,शिवसाधनला जीपाश्रीभरिहंत अविलंजन, पूरएता घजीवनगाथापणसं चिरनिलम्तिनुंससरिjतोट्युराहेतुसुन निःशेषपएमाग |मभांजोल्युनगापातुंशीयानगरीने आपउँलिन पत्नीधी,ल गवर्षभांसज पुजती, पूनविधिषीधीरानगाराषलत अघि जरमांववाणवांगेपिहरताग्निपुर पून्ना, अधिकार प्रसं गगनगाणालगवर्ष जंगेसाघुलानिनप्रतिभावाभावश्यड भांपूरना,अनुमोहिमानंहीरानगागालतपयन्नासूत्रमा,नवः यजाएयांमहानिशीथे पूनभाइसमलुतन्नएयागनगाला लगवानुयोगदारमा नियुक्तिप्रभागीयते भांपून चैत्यन नी,विधि सर्वचजाएगनगाणसंपाविमो अभे अयुं,ग्निमा गनमतांगसंपत्ताएंगय्यरथुप्रतिभासंस्तवतांगनापामा पश्यपंथांगीमां, पुस्तऽथयुंपेहेjाले अधिकार तिहालज्या,चि घिपूर्वञ्चहिनानगाशाअन्यसूत्रसजतांथनलज्यूंते विगते गते भाटेशंगडिसी, निनपूललगानगामापुस्ताढ लिये त्यांतसवयनसोला यूपी में पूनही,सीशंगघोलानग एनानामनिक्षेपोपीयरे,न भतांनाएंनाभथापनापुगलगी,शाभाटेनबंधानगापापिनयवैयावरय घनमें, हिंसानविसे जामति हिंसाघजवी, अंपूनवेगानगाहाभागभम सद्यापिना,आगमणथापतेतपजप उरताथांनविलयलय Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #449 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२५ अपानगाणाशेऽपिहार सोहाभयो, माटीवर स्वाभीसोपून्ने लिपिन्ना,पूरण सुजाभी नगरवापशाहरिगीतछंधान मुहितारए,विधनवारए,तरएतारणगुण्डरीन्निरागप डिभानभरपूग्न,सूत्रसांजेमारी शुयियानवाघे,शुध्यसान ||घे,समावेश सहुहरीपश्रीधीपयंत पसायलांजी, टेवय हितधरी - ॥१५॥ ॥ जथलीडलंन्न स्तवन ॥ ॥चावारे वाभानंहनस्वाभी, लीडलंग्नशानीडलंग्नरेत्या भी भहारा, नेहवाल,पापजंडएगापापणापासंगीरथीसा रहनी,सुडयनशासुमनासुकरण संरयूरग,जलग्न शापुरजगाशासान्निध्यारीसाहेजमेरो,मरिगंग्नशामरिणा न्यायसागर उहे हाथन्नेडी,उई.नगागागा तिा ॥ ॥ अथ श्रीऋषलस्तवन ॥ ॥रागजलाती ऋषत्नध्वभानुप्यारारे,ऋषलल भानुप्या। शशानानीलूप भरटेचीओनंहन,लपिडलव हितसराशाषनगाण प्रथमतीर्थरप्रयमग्नेिसर, प्रथम यतिव्रतधाशशाउसरीया भान प्याराऋषलगाशाभोतीलालउहेअपननसें अपनापनमस्घात्या २॥१॥3॥ ॥रागमभानो शीण हमारी,तोसभन्नयहुँप्याशा | भानोगाभेटेआवाजयोराशीलवसायरश्रितो, मनजान्न हिधारीशभानोगाशापाये धनयौवन भतवाषी,रंगरंगीपीनारीरे एभानोगाचारविसहोस भय्योहे, हारवेशोन्युंन्नुभारीशामा नोगाशाघनयाउरत्तीरथव्रतघर, उत्प्रत्लुलसेंयारीशरारूप हिनाथ निरंग्न,हेलातन हितारीशभानोगामा रातिए maran - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #450 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - (१२९ ॥ अथ सहायाधिकार प्रारंलः ॥ ॥ अथवण्डारानी सज्जाय ॥ ॥ नस्लपनयर सोहाभएंगबाजाराशापामीने उरलेच्या पाशाग्नहो भोरानायउशासत्तावनसंवरतपीएचगापोडीलररेषा घशामगाणाशुलपरिणाम विचित्रतावनाउरियाणांजाभूता जगामोक्षनारनवालयीवनाउर चित्तमनुसएमगाशाकोप घवानलमोसगावगाभान विषभागिरिशन्गाजगामोलंघन हसरेंड शवनासावधानउरेअनामगाठावंशन्नसभायातपीरावानविन रिने विशशभामगाजाही मनोरथलटतपीरावणापूरणनुनहींगभग मनाचाराणपोयगोरगावगावाटभांऽशेहेरानामगाविपिन घवीर्य णत्वासथीवगातेहपुरेडायानगापालेभसपि वि धन विधारीनेावनापहोंयने शिवपुरवासामगाजयणपशमने| लायनाचनापोलस्यागुगराशाजगाताजायलावेंतेथ पवनालालहोशेतेभपाशाभणाणत्तभवपुग्ने जेभशापनाप मनभेवारंवाराामगाणा पति। ॥ अथ सोघागरनी सजाय ॥ । सानो खावोनेशनभोघांमुलनांभोतीरामे देशी ।। ॥सुणसोहागरणे,सिडीजात हमेशातें सोगर पूरपिटे शी,सोपा उरनहुंभायाभोसमभायेभालभपाया, रतनपुरीभांडर यासुन्तातिनुं लापहुंएर समठाया,ग्निसें बहोतनश्यागपां| बुधवा-पाणाया, मेहुंचोडी बिहायासुपाशाननउर भात पिहरणां युनाइटेनयुंधश्नांपोनुंगानाल पूरउरना,दीप गन्योतें शिश्नांसुगागाजोरनिपती भेडेपमें रहनांना हतानांरासहेरसें घस्तिहिं उरना,नसें पित्तभिषानांरासुगाना Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #451 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४२७ ) न्ग्नहुर तन्ग्नां ग्निवर लग्नां, सन्ना तिनमुंहसार्धगानवसर हार गलेमें रोजनां, न्ग्जनां सजङी ङरार्धणासुनापाशिरपर भुगट चभर ढोलार्ध, अभ घर रंग धागा श्रीशुलवीर विनय घरन्नर्घ, होतस नाजी सावार्धतिया ॥ अथ नापस्वलावनी सहाय ॥ ।। ग्नापस्वलावभांरे,ग्नजधू सहा भगन में रहना ॥निगत बहे उश्माधीना, जयरिन्न उछुजन सीना ॥माणाशा तुं नहीं डेरा डोर्ध नहीं तेरा, ज्या हरे मेरा मेरा । तेरा हे सो तेरी पास, जवर सजे जनेशा जाणाशाचषु विनाशीतुं अविनाशी, अज हे निमुं चिला सीवपु संघन्ज दूर निङ्गासी, तज तुम शिवडावासी ॥ नागाआश गनेरीसा होय जवीसा, जे तुभदुः जङा हीसान्जि तुम डीनडुंदूरङ रीसा, तज तुभनगडा ईसानागाच्या परडी नासा सहा निरासा, जेहेन्गन्नपासाातिडाटनडुं डरो जल्यासा, सही सहा सुजवासााखानाचा उजहींड डाल उजड़ीङपाल, उजहीं हुआ अपना लाजहींउ नगमेंडीर्त्तिगाल, सज पुछ्ङ्गसङी जालनावादाशु व्यतीपयोग ने समताघारी, ज्ञान ध्यान मनोहारी॥उर्भसं दूरनि वारी, छपपरे शिवनारी ॥ जागाणा ॥र्धतिय ॥ अथ सहन्ननंहीनी सहाय ॥ ॥ जील जसरए। लावना। जे देशी । सेहेन्ननंहीरे जात भा, सूतो अंधे निश्चिंत रेशा मोह तथा रशीया लभे, न्नण लगभतिवंतरे, सूंटे नगतनांतरे, नाजी वांङ जत्यंतरे, नरडावास उवंतरे, शेर्घ विरसा जीगरंत रे । सेनाशा राग द्वेष परिएातिलक, भायाङ पट रायरे ।डाश कुसम परे लवडी, शेडट ननभ गभायरे, माथेलय नभ राय रे, श्यो भन गर्व घरायरे, सहु खेङ मारगन्लयरे, ओ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.p Page #452 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४२८ ) एगनग अभर उहायरे ॥ सेगाशारावासरिजारे रान्वी, नागा थाल्या चिएा घाणरे । घ्श माथां रखा रडवड्यां, पांच हीग्जे शिरडागरे, हेवणयासवि लागरे, न रह्यो माननो छागरे, हरि हायें हरिनागरे, लेने लायोनारागरे ॥सेगाआडे याख्या अर्ध थालशे, जेता पासएराहार रेशभारण वहेतोरे नित्य प्रत्यें, नेता सग्न हुन्नर रे, देश विदेशसघार रे, तेनर भेएगें संसार रे, न्नतांनभ हरजाररे, न न्नुवेवार हुबार रेशसे नारायण पुरी द्वारिगं, जलती भेली निराशरे शारीता रएामांते ब्जेङसा, नाहा हेव जाडाशरे, डिहांतर छाया ग्नावासरे, न्सन्सडरी गयो सासरे, जसल-ह सरोवर पासरे, सुट्टी पांडव शिववासरे शासेगा याशिल गाळने जोसता, ऊरता हुम्भ हेरान रे ॥ पोढ्या अग्निमां ग्जेङसा, डायाराज सभानरे, प्बह्म हत्तनरङ प्रयाएारे, भेऋष्पिष्ञथि र निहानरे, नेतुं पीपल पानरे, म घरो ब्लू शुभानरे ॥ सेगाशावालेस रविनाभेङघडी, नवि सोहातुं लगाररे ॥ते विना जनभारो वही गयो । नहीं अगल सभाधार रे, नहीं डोर्घ श्रेर्धनो संसार रे, स्वारथीयो परिचाररे, भाता भरैहेवी सार रे, पोहोतां भोक्ष भोश्राररे ॥ सेाणामातपिता सुत जांघवा, अघिमेराग विधार रेशानारी जसारीरे वित्तभांचं छे विषय गभामरे, न्नुवो सूरिडांताने नारदे, विज हेती लरताररे, नृपति न धर्म आधार रे, सन्नन नेहु निचार रे । सेनायाहसी हसी हेतारेतासीयो, शय्या कुसुमनी साररे ॥ते नर अंतें भाटी थया, सोन्थएो घरजा ररे, घडता पात्र कुंभार रे, जेहुपुंन्नएणीग्नसाररे, छोड्यो विषय विज ररे, धन्य तेहनोजवताररे ॥ सेायथावयासुत शिववस्था, चषीने साथी कुमार रेशधिङ् घिड् विषयारे कवने, सर्व वैराग्य रसासरे, मेहेन सी मोहु मंनल रे, घर रमेडेक्स जाल रे, धन्य ऊरउंडू लूपास रे शासेना आफ्ना श्री शुलविन्य सुगुर बही, धर्मरथए। घरो छेङरेशवीरपथन रस शेलडी, वाजे पतुर विवेङरे, नगभेते नर लेङरे, घरता धर्मनीटे उरे, लवन्ग्स तरिया जनेऽरे । सेनाशा ॥र्धतिया Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #453 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ॥ जय येतनशिलाभरानी सञ्चाय॥ येतनमनछुयेतीय ज्ञाननयनणघाडीसमतासहरूप एनन्ने, तन्ने भभतानारीपणापायापुनीयांहेषागिरी,नेसीजा लगरजालसायाडिसीनाथरे,न्युंकुलटानारायेगाशाभाया तरणयापरे,नरहे थिरकाशाननत हे सिग्नी ,पएस्त जिगारी, गयेगागाभेरी भेरीतुंग्याउरे, उरेडएशुयारीपटे नेडा पखाड़ में न्यूपनगंधीयागायेगामापरभातममपियतलने पिंधनं आगरी रानयउहे नियतसघाउरोसजन्नसुजडारीरापाति ___॥ जय भामजोपनीसहाय ॥ ॥ होसुणुभातभाभत,पऽभोपहर भाभायानसाधना शन्यनेजन पशभा,सुतसुता घरमार शामहोप हाथीपोजना रिमोपरिवारााभायान्नसशाहोगाशाचतुलनपहरियकारा मान्ने जतिमत्ताकरमजसनिस्टभावे,गमितन्नवेसा तामायागाहोगाशापुहवीनेछनपरें उरे,मेश्नोउरेडशातेपणा गया हाथ घसता, ही सर्व मजंडाभागहोगागानेतजतजेसी भउस्ता पेहेरीनवसारागापापसेहेरापरतटेढा, भरीगयाभोश एभागहोगागाभुजतंजोखने मपरशता,उरतनवनयजेसरोणतेहन रनलपुएयघाउरत परघरटेलाभागहोगापामन सघालावं तथेतना सेव शुश्पटपमा पउहे अत्यधर्भरणी,पाभेशाचतस साभायागाहोणारा पति - - । - son ॥ अथ सालसयगानीसम्झाय ॥ ॥साललसथगासायीसुगायु, पूरव पुण्येंतुंपाभ्योरेला नरनिगोहमालमतांनरलयतें निःसडेभवान्योरेलागासांगत रैनधर्मग्यवंतोरणमा पारी धर्मनसाच्योरेमाणामेघघटासरिना - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #454 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ७० नागा साटे,गलघरमांजांध्योरेलागासांगाशाउत्पक्षबहाडे अपी,घंतुरो घेर घारेरेलागापितामणि यिनित पूरणुते, अशणा राजारेरेलाणासांगागाभेभन्नएीनयानविधी-नरनारीनरल वनेरेलाणाजोसजीशुध्यधनेसाघोनेभान्योभुनिभननेरेलाई सांगागाने पिलाव परलावभांललय,रभएस्वलावभाउरीयरे लाणाणत्तमपटपमने जवसंजी,लवियगलवल्सतरियरेलाप સાવા ॥अथ राषिलोग्ननी सहाय॥ ॥पुएयसंन्नेगेनरलवतापो,साघोमातभानाविषयार सन्नयो विषसरिजो, मलाणे निनरापरेशाएरात्रिलोन्नपारे नागभवाएीसापीन्नएी,समस्तिशुरासहीनागीरे भागीरान विनाशामेमांडपीराजलक्ष्यमावीशभांश्यपीलोग्नोषज्या परवानाातेधारएरातेंभतम्मन्नेगाब्वेहडेशानभागाशा शानस्नाननायुपने लोनन,भेटसांशतें नहीनेगमेश्यांसूरनी साजें, नीतिवयनसभलरेशापागाभागत्तम पशुपंजीपएरातें, राखेनोन्नयगोतुभेतोभानीनाभ घरायो,उभसंतोषनागो शाभागानाभाजीनूडीजेपीमावडो,लोग्नमांन्नेमावाद नसोरवभन पिसतानेवारोगणपावेगाभागापाछन्नुलवळच हत्याग्रता,पातलेहीपायुभेउतसाच शेऽतांतेटसुपूषणसुश रजतागापागादासोत्तरलवसरशेड्यासम, मेजव देतां पापानासोत्तरलवघधधानिभ,चपिल संतापापागा एमाशोनेयुम्भालीशलवलों, कुचणिननाने घेषाभेड संघियंता,तेहगो पापनोपोषशापागाटयामेऽशोभेडावनलव सोंधघांशंसंअपाशाभेचारशीलजंज्यायोजनर्थनो विस्तारशापागाजामेशोनवा'लवलग जंडयां,शीयसपि|| षयसंजंघाशविलोग्ने तेवो, उर्भनिहापितजंघात्रागाना Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #455 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४७१ ) रात्रिलोन्ग्नमां शेष घएगा छे, श्यो उहीयें विस्तार ॥ डेवली डेहतांपार नपावे, पूरव डोडी महाररे ॥ माना११॥ रातें नित्य श्रोविहार करीने, शु ल परिणाम घरीनें ॥ भासें भासें पास जभानो, साल जेएो विधे जीने रेप्राणा१शा भुनिवसतानी नेह शिजाभएा, ने पालेनरनारी ॥ सुर नरसुजविससीनें होवे, भोक्ष तएगा अधिकारी रे ॥ माना१॥ ऐति ॥ जथ भेजन अस्थिरनी सञ्ञाय ॥ ॥ राग मनाती ॥न्जनीयांनी भोलं शेलं, लय नगाशं हेती रेश घडी घडी घडीयालांवाने, तोही न लगे तेथी रे ॥ गाशानराराक्ष सीन्मेरडरे छे, ईसावे इतेती रे॥ ग्भावी जवघें पीशंडे नहीं, सजपतिने से तीरेाणाशा भाषें जेठो भोन उरे छे, जांतें न्येये जेती रेशान भरो लभ रोनाएगी सेशे, गोरागोलासेंती रेशन्येगा आनिनशन्नने शरन्नखो, मेरासोडीन नेथीरे ॥ पुनियामां दूने हीसे नहीं, खाजरत्तरशोते थीरे शान्तेनानाहंत पड्याने डीसी थयो, अन सयुं नहीं डेधीरे गाडीय रत्न उद्देश्नापें सभन्ने, उहीयें वातो तीरे ॥ गाया। रार्धति॥ ॥ जथ निहावार साय ॥ ॥ निंहा भन्ने डोर्धनी पारडीरे, निंहानां जोल्यांमहापापरे ॥ चथर विरोध वाधे घणोरे, निहाङरनां न गएंगे भाय जाप रेशनिंगशा दूर जयंती अंरेजी तुलें रे, पगमां जलती हे जो सहु ङोयरे ॥ परनाम सभां घोयां तूणडांरे, उही उभवीन्सां होयरे ॥निंगशास्त्राप संलासो सहुप्रो आपणोरे, निंहानी भूडी पडी टेवरे ॥ थोडे घएो अवशुड़ों सहुलक्यारे, मेहनां नसीयां युग्ने डेहेनां नेवरे ॥ निंगा आनिंहा उरेतेथाये नारङ्गीरे, तपनपडीपुंसहुन्नयरे । निहारो तो करन्ने जापशी रे, नेम छुटम्जारो थायशानिंगानाथुए ग्रहले सहुडी नगोरे, नेहमांहेजो विधाररेकृष्णपरें सुज पाभशोरे, समय सुंदर सुजार रेशनिंगपा Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.omd Page #456 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ३२) ॥ अथशीयसविषे पुश्पने शिजाभएनी सजाय ॥ थालासुरासुराउंतारे,शीजसोहाभणी पीत परनारीतपणथलोपरनारीसाथ प्रीतपिणडा, होडिएपरेन मिलयाणघवेयीभापती,णिनगरोडेभलीलयाशछडीछूटो उहे संपट,सोडभाहे खालयात विषयजंपए रजेवागे,सगाभांउमा गालयसापालाप्रीतिउतारे,पेहेलांनीहीलयरनेओलणे रिभनशुं धूलयगणनालये भनझुंजूरी परा,न्नेगमचोछन् हींगशतनिविलपंतांन्नये भवटा भरघुसही गनिननारिथीसंतो पनवख्यो,परनारिथीहोहानेनरेलाएतृप्तिनवतीतो,मेग पाटेशंहशाशायालाभृगतृष्याथीरे,तृष्णानविटावेलुपीच्या रे,तेलननीसराणिगाननीसरे पाएीवलोचतां,लवलेश मांजए। नोवषीराजूड़ताजापडलरीमांगते,तस्यावातनसानसीरामन ररभतां परतणी,संतोषनवख्यो घडीपित्त थटपरीणप्यार लागे, नयरोंनाचे निशागाचालावोजोधोरे रंगपतंगनोगतेवो पटन शेरे,परस्त्रीसंगनोणिगापरनारीसाथे प्रेमपिणडारजेतुंम्भोण शानिथाररंगसुरंगो, पछीनहीं रहे निशाने घणासाथेने हमांडे,छांडतेहथुप्रीतडीएमेमन्नगीभभउरनाहता,परनारिसा थें प्रीतडीनाथावाने पतिवाहामोरे,येपापिएीपरथुप्रे || रिशयसापिणी गणगासापिगी सरजीए निरजी,रजेशीयलया जथाभांजने भटके जंगलटके,ध्वधनवनेछताभे भांहें शादी जति रसाती,वाएगी भीगीशेतीसानषीरेलोलारजेलूलोला गन्ने विषवेसडीपाथालासंगनिवारोरे,परशभातगोशोऽन डी-रे,भन भिषयातगोजगाशोऽशाने रोशेगट,टेजयुपराधे हिला क्षएभेडिये सरासेरीयें लभतांनपासोहिलुगणप्यास ने निःश्चासावे,जंगलांनेभनलभावलीशमिनी ट्रेजीह पान डे, मन्नीडुनविगभरापालानयेउताभीरे, भन\उसभर - Jaif ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarya Page #457 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (133 ) जन्मत्त पनेरे,मपस पसल सवाणिनासवे असतपसलन्नयो,भो एघेसो भनरडे महामानवेनऽग्निन्नपी,भरएवाश्त्रेपडेगमेशा अवस्था जमरी, उतशयाने हा नेमयित्तन्नएीतने प्राणी,पार ते सुजसहेगापालापरनारीनारे,परालयसालपोतारीने रेलायते निर्मलोणगानिलायेंनाहुसभन्ने, परवपूरस परि रोगचिांपीमोडीपकलीमसेनें, शिलाहेडलसांनषोएरापयांरापाशेमस्तरऽवडयांग्रंथेऽह्मांगतेभyल्पनिकुन्जपुरपाभ्यो, मपन्शयमाहेसबाटायापाशीजवसवणारे,भाराससोही योपिएमालरोंरे,ज्यमनमोहीयाणिनामोहीयें सुरनरअरे से पा,विषमभीयसंपराउसरी सिंहशीयालथाने,जनसमति शीतलशासापथाम्ने खभाला,सष्ठीघरपायीलरोगपरनारीप रिहरी,शीयल भन घरी, भुत्तिचघूहेला नरेजा थालााते भाटे रेवासभवीनापाखाणीने रे, मधुर वयो यचुंगणगायन एभाईभानीयें, परनारथीरहोवेशलामपवाह भाये पढे भोप, नरहें यय रोहिलापन्य धन्यतेनरनारीनेल्गशीयसपाले कुल तिलो,ते पानशेयशगत भांडी, भुयसभडीसो पगारतिय ॥ अथ शीयसविषेनारीने शिनाभएनी सजाय ॥ पाषामेऽमनोपभ, शिजाभएजसमलखेलेरे,स ||घलीसुंघीणथलोपसुंधरीसेहेने दृष्यहेने,परसेनविजेसीयें| पयित्तयडी पूठी लागभूमी परभंघिरनपिपेसीयराजदुघेरहीडीना रिनिर्जन, शास्त्रे पए तबीउहीनेभप्रेतदृष्टं पऽयुत्लोन,मन |तेलुगतुं नहीं माथाला परशुंभेरे,सीयनजोलीयाशंता हिजाडीरे,गुह्यनजोलीयणगारारघरनु परनीमागे, उहोने | ममताशीयोवसीवातले विपरीतलासे,तेहथी रेनाशीयामा रसवारामने अगोयर,जेसांनचिन्नध्यासहसातारेंगमा - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org D - Page #458 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४३४ ) रतां, सहेनें शील गमावियें॥शायासनट चिट नरशंरे, नयानले डीयें ॥भारणन्नतांरे, आधुं खोढीयें ॥ गामधुं ते मोढी चातर तां, घन रेडां शोलीयें ॥ सासू जने भानान्एयापिए, पलम्पासन योलीयें ॥सुजदुःज सरन्युं पाभीयें परा, दुसाधार न भूडीयें परव शवसतां प्राएातन्तां, शीयस्थी नविधूडीयें ॥आयलव्यसनी सा येरे, पातनडीन्छयें हाथ हाथेरे, ताली नसील यें ॥ गातालीनबी तेंनन्य नहीलें, चंचल चालन थालीयें ॥ ग्रनेऊ विषय जुड़ें वस्तु देह नी, हाथे पएानविष्ठातीयें । मेटि उंदर्प रूप सुंदर, पुश्ष पेजीनभोन हियें।ातृएाजसांतोसे गएणी नेहने, इश्यि साभुंनन्नेर्धयें॥नायासा पुरष पीयारोरे, वसि नवजाएगीयें ॥ दृष्यते पितारे, सरजोन्नएगीय गान्लएपीयें पीयु विए। पुरष, सघता सहोहर सभ बडे।पतित्रता नो धर्म नेतां, नावे शेर्घ तडोवडें । हुरूप कुष्टी दूजडोने, दुष्ट दुर्जन निर्गुणो ॥भरतार पामी लाभिनी, ते धेरथी अधिओ गुएगी ॥माधा लाजभर कुमारें रे, तल सुर सुंदरी ॥ पवनंन्ग्येरे, जंग्ना परिहरी ीणापरिहरी सीता रामेंवनमां, नसें हमयंती वसी ॥ महा सतीभा थेष्ट पडयां पएा, शीयसथी ते नवि धली । उसोटीनी परें उसीन नेतां, अंतशुं विहडे नहीं॥ तन मन वचनें शीयस राजे, सतीतेन्नगो सही याला रूप हे जाडी रे, पुरषन पाडीयें ॥व्यास घर्धनेरे, मन नजगाडीयें ॥ बीणाभन न जगाडियें पर पुरषनुं, लेगन्नेतांनविभसे उस माथे पढे हूडां, सगां सहु दूरेंटसे॥जए सरल्योडीच्याट थाये, प्राए। तिहांलागी रहे ।। हि सोङ पाने खापहा, परसोड पीडा जहुसहेा। राजापासारामने रूपेरे, शूर्पनजा भोही । अन्न सीधुरे, मने घन्त जोगीगार्धन्त जोर्घ हेज जलया, शेड सुदर्शन नविधत्यो गलरतारखागंल पडीलोंडी, अपवाह सघसे पीछत्यो ॥जमनी जुध्धेंग मिनी ने, वायूस चाह्यो घगापाशीयलथी यूडी नहीं, दृष्टांत जेभ तालगायत शीयस मलावेंरे, न्नुवोशोले सतीत्रिलुव Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #459 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४३५ ) नमांहेरे, नेड़ धर्ध छती ॥ीणा सती यर्धने शीयल राज्य उत्पनाड़ी घी नहीं। नाम तेहनां नगतन्नएो, विश्वमांडीणी रही। विविध स्लें डित लूषएा, रूप सुंदरि डिन्नरी ॥ जेड शीयस विए। शोले नहीं, ते सत्य गाने सुंदरी ॥ना पास ॥शीयस मनावेंरे, सह सेवाङरेशानव वाडें रे, नेह निर्भस घरे॥णिणाघरे निर्मल शीयल बीन्स, तासङीर्त्तिञ सहसे। भनड़ामना सवि सिध्धि पामे, अष्टलय दूरें टले ॥ धन्यधन्य तेन्नगो घरा, नेशीयस पोषं आहरे ॥ आनंहना ते जोद्य पामे, पीह य महानस विस्तरे॥१॥ा रार्धतिय ॥ अथ घोजीडानी समाय ॥ ॥ धोजीडा तुं धोने भननुं धोतीयुंरे, राजे राजतो भेष सगार रेश जेएोरे भेसें न्ग मेसो उश्योरे, विएाघोयुंनराजे सगार रेघोगा शान्निशासन सरोवर सोहाभरे, समडित नएसी रेडी पास रेशा ना हिउधार जारएणांरे, भांही नव तत्त्व उभस विशासरे शाधोनाशातिहांडीसे मुनिवर हंसला रे, पीये छे तपनपनीर रे । शम हमजाहेंनेशिलरे, तिड़ां जाते आप धीर रे ।। घोगाथा तपचने तपतऽङ्गेद्वरीरे, न्नसवने नव तत्त्व वाडरे ॥छांटा बीडाडे पाप जढारनारे, सेभ जीन्स होशेततास रे॥घोगाना आसोयए। सानूडी सूघीउरेरे, रजेजा चे भायाशेवासरे । निश्चें पवित्रपए राजने रे, पछें खापएगीनीभी संलालरेगा घोणापारजे भूम्तो भनभोऽसुरे, यस मेसीने संतरे समय सुंदरनी शीजडी रे, सुजडी अमृतवेसरे॥ धोना । र्धतिय ॥ जयत्नरतयत्रीनी सजाय ॥ ।। मनहीमें वैरागी नरतन्छ, मनहीमें वैरागी । सहस जत्रीशभु कुटजंघराज्य, सेवा उरे पडलागी ॥ श्रोश सहस जंतेषीरी लडे, तो हिनहुवा अनुरागी ॥लगाशा साज पोराशी तुरंगमन्नने, छन्नुऐड For Personal and Private Use Only Ja Educationa International Page #460 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४३९ ) हे पाणी ॥साज पोराशी गन रथ सोहीयें, सुरता धर्मशुंलागी लगा शायार ङरोड भए। जन्नन डीपडे, सूएरा घ्श साज भए। लागे ॥निन डगोडुस दूने, जेड डोड हस सागी ।लगा आसहस जत्रीश देश चडला गी, लये सरवडे त्यागी ॥ छन्नुं डोड गामडे अधिपति, तोहे नहुनास राणी लगानानवनिधिश्तन योगडा जाने, भन चिंता सज लांगी। इनड डीरत भुनिवर चंहत है, हेन्ने मुक्ति में भागी ॥ लगाया छति॥ ॥ जय जाहुजसलनी सञ्नाय ॥ ॥ जहेनी जोसे हो, जॉहुजस सांसो का डा ईडा रंगनिधाना गयवर थढिया हो, डेवल प्रेम हुवेन्नएयुंन्नएयुं पुरष प्रधान॥जना तुन सभ डीपशम लगभां हुए। गोल, जडस निरंन्ग्नहेबालाईल रतेसर बाड़ासा चीनवेल, तुण्ड अरे सुरनर सेव॥जंगशालश्वरसा सो हो, वनभांचेडीयो कानिहां घणां पाएगीनां पूशा अरमर वरसे हो! मेहुली घागय्या पुएय मंशा जगाआप हिसी चींट्यो हो, वेसडी में पकाने वाहस छायो सुशाश्री जाहिनायें हो, भने भोडप्यांन्तुभ प्रतिजोधन नूरााजनानावर संवेगरसें हो, भुनिल श्याला पाभ्युं पाभ्युं डेवल नाए। ॥भाए भुनि नस नामें हो, हुरज्यो घनाहिन हिन पढतो छेवानाजगाचा ति ॥ अथ ढंढरा ऋषिलनी सञ्झाय ॥ ॥ ढंढए। ऋषिन्लने वहएगा।हुंचारी खास । बीसृष्टी भएाणाश्रेश कुंवारी साला अलिग्रह सीधो नाउरो ॥ कुंवारीणासन्धे सेशुं नाहार शाहुंवारी लाल रंगाशाहिन प्रतिलवे गोथरी । हुंगान मलेशुध्यमा हार रेहुंगान सीमे भूस असूरतो ॥ गापीनर बोगात रेशाहुंगा ढंगाशहर पूछे श्रीनेभने।हुंगा भुनिवर सहसम्भढाररे ॥ डुंगाीकृष्टो डोएा हमें गहुंगामुन्ने हो कृपास रे । हुंगाढंगा आढंढए। जघिओघ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #461 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( 3 ) जीनोाहुंगाश्रीभुजनेभनिएंडराइंगहाणभायोगांचाहुंगाएं न्यन्नध्यसपशाहुंगाढंगाचागतीमारे भुनियर भट्याराहुंगायां | नरेशशाहुंगायिही भिथ्यात्वीरेजीनागााव्योलाव विशे| पशाईगाढंगापाभावोभभघरसाघुलााहुंगाप्यो भोङछेशुध्यरे ||राहुंगाऋषिक सेनापीयााहुंगाप्रनुलपासपिशुध्यवराहुंगाढंगार पमुतसष्येभोछभिल्याहुंगापूछे छेउहो पाताहुंगालव्धिनहींच सताहरी राहुंगाश्रीपति लष्यनिहालगाउँगाढंगाणातो भुननेची नहीं हुंगायाख्यो परहए गन्गाहुंगाट निलाई नमनाउंगा धूरे उर्भसभागाउँगाढंगागाभाची सूचीलापनाराईंगापान्योउपल्या नागाशाहुंगाढंढएऋषिभुगतेंगयाराहुंगाउहेलिनहर्षसुन्नणाराहुना .. ॥ अथ अभंतालनी सळाय ॥ ॥ श्रीअभिताभुनिवरन्नूडी, उरणीरीजविहारीराजटवर्षन संभलीनो चीरचपनचित्तधारीवाश्रीगापापिनयनृपति श्री चीनन,पोलासपुरजवतारीवगामंगजण्यार पढेशुगार,वि|| विघत्रिविध विहारीयश्रीगाशातपयुएश्यासंघच्छरभाजि उरअयजध्यारीचामलुभादृशे चिपुषापम परें,ज्रीमणसरा अतिलारीगानीगागाचसपाय भुस्तिगये मुनिपर, उसंडनिया रीवाजहार भऽता तिहि गिरिडीनीथापनासारीयात्रीगाचा वायजममृतधर्मसुशुरडे,सुपसायें सुविधारीवेराशिष्यक्षमाउल्या राहरजघर,णुएगावेजतिन्यारी एग्रीगापा पति पर - ३०॥७॥ - । पलनीसळाय॥ - हुंचारीपासाप्मावती पूडेंजपनोगाउँगाउभेंडीयो शालगाईन् । पाउडूनेचंपाराहुंगापहिलो प्रत्येऽष्णुघशाहुंगाणिश्वानप Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarirg Page #462 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - गुरागावतां राहुंगासमस्तिथायेशुध्यराहुंगाशाषाधीवांशनीमा शाहुंगाथयोउंचनपुर रायशाहुंगाजापशुसंग्रामभांडीजोराइंग साघवीषीमोसभनयशाहुंगाजारपल अजीजी हुंगाप्रतिष्णो धपाभ्योनरेशरााहुंगाणत्तम संन्भमाध्स्योउंगाटेचतापोवेशरे गहुंगाना जपाय भुगतेंगयाहुंगाउऋषिशयरेहुंगास्या भयसुंर उहे साघुनाडुंगा प्रणभ्यां पातउन्नयाहुंगा पा एति ॥ अथ भनोरभासतीनी सजाय ॥ ॥ मोहनगारी भनोरमा,शेडसुदर्शन नारीरोगशीलप्रत्नावें शासनसूरी,थर्मन्ससान्निध्यारीशाभोगाधिवाहननृपनीमि या,भलयाधीमेप्रसंगोप्यो थपापति उद्देशूपीरोपएपंड। भोगाशातेनि सुपीने मनोरमा,उरेशणस्सण घरीध्यानापन तीशीलने निकुंतोषधोशासनभामाभोगासाक्षी सिंहान सनथ,शासनची हुन्नूरशासंग्भग्रहीथयांउचली,पती शेयस नूररोराभोगानाज्ञानविभलशुएशीलथी,शासनशोलपढावेरे सुरनरसपितसडिर, शिवसुंधरीते पापेशाभोगापा राति ॥ अक्रोधनी सन्याय ॥ ॥उडुपांतछेकोधनां,ज्ञानीमजोतारीशतपोरसन्न पीयें, हलाहलतोलगायाकोक्रोड पूरवत,संनभइसन्नयाप क्रोधसहित तपने उरे तेतोपेजेनथायराऊयाशासाघुघणोतपी योहतो, घरतोभन वैरागाशिष्यनाकोपथीथयो,यंडोशीयोना गाउनाउ जागणडे ने घरथठी ते पहेसुंघरजानसनोब्लेश न्ननविभषे,तोपासेंनुपरन्नखाऊगायाकोधतएी गतिभेची, उहे उचलनाशी पहाएरेने हेतनी,नसबन्ने भन्नएीराज्याप राणध्यरतन उहेकोधने, अढनेगलेसाही आया उन्ने निरभ| - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartirg Page #463 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४ ) सी, पीपशम रस नाही ॥म्णा ॥ छति क्रोधनी सञ्जाया। ॥ अथ माननी सळाय ॥ ।। रेलव भान न डीलयें, भानें विनय नग्नावेरे ॥ चिनय चिना विद्यानहीं, तो डिभ समङित पावेरे ॥ रेणाशासमंडित विए। पारित्र नहीं, चारित्र पिएानहीं भुक्तिरे ॥ भुक्तिनां सुजछे शाश्वतां, ते डेभस हियेंब्लुक्तिरे शरेणाशा विनय वडी संसारमां, गुएामां ग्ञधिकारीरे॥ मानें गुएान्नये गली, प्राणी लेने विधारीरे ॥रेगाआ मान डब्ले रावणें, ते तो रामें भारयोरे ॥ दुर्योधन गरचेंउरी, जंतें सविहारयोरे रेणाना शुडां साम्डां सारिजो, दुःजहायी जे जोटोरे पाणीघ्यरन उहे मानने, हेले हेशवटी रे ॥ रेणाया र्धतिया ॥ अथ भायानी साय ॥ ॥ समन्तिनुं भूसन्नएणीयें, सत्य वयन साक्षात सायामां समङित बसेल, मायामां मिथ्यात्वरे ॥ प्राणी भडरीश माया सणार आशा भेजांडणी ॥भुजभीडो ब्लूहो भनें, ड्रूड उपटनोरे डोटाल तोलल उरेल. पित्तमांहे ताडे पोटरे ॥ प्राणाशा आप गरनें जाघो पडेल, पान घरे विश्वास ॥भिनशुंराजे आंांतरोल, जे भायानोपा सरे॥प्राणाआनेहशुंजांघे प्रीतडील, तेड़शुं रहे प्रतिलाभेस नछंडे भन तगोल, जे भायानुं भूसरे ॥ माना जातपडीधुं मायाउरीन्छ, भित्रशुं राज्योरे लेघाभल्सी निनेश्वरन्नएान्ने, तो पाभ्या स्त्रीचेहरेशा भागाचा अदृयरत्नङहे सांलसोल, मेसो भायानी जुड भुक्ति पुरीन्नवातएगोल, जे भारगछे शुद्ध रे । माणासार्धनिय ॥ अथ सोलनी सञ्ञाय ॥ तुमें सक्षएान्नेन्ने सोलनांरे, सोलेंनन पामे क्षालनाशासो in Educationa International For Personal and Private Use Only Page #464 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - (rre) लेंडाह्याभनोख्याउरेरे,सोलें दुर्घटपंथसंपरेवरातुमालातन्ने सोलतेहनाज लाभणारे,वसीपायेनभीनेउजाभणांशाषोले ||मरन्नधनरहे हनी रे तु संगत भेषोतेहनीरानुगाशासोनेपर महेषी रणभांभरेरेषोत्नेजपतेनीयुंजापरेशापोत्ने पापली पणसांबरेरेखोलेजन उरतांनोसरेशातुगालातोत्ने भन नरहे निर्म९रेमोन्ने सगपएनासे वेगखंगालोलेंनरहे प्रीतिने पापडुरेशोत्ने धनभेषेजहु भेऽहुंशानुगानापोत्ने पुत्र प्रत्ये पिनाहऐरेषोने हत्यापातउनपिगणेशातेतो धभतणेषोलेंडरीरे राणपरभपिपरथायेतेभरीरातुनपान्नेतां षोत्ननोथोलाहिसे नहीं, मेघुसूत्रसिध्याउ सहाराषोल्ने यकी सत्नुभनाभेन्न मोरे,तेतोसमुभाहजी भुवोशातुगाडाजेभन्नगीने खोल नेछंडन्नेरे मेऽधर्भशुंभमताभंडन्नेउविजयरल लांजे मुद्या रिचयूँखोलतले तेहने सहतुगाणा तिा - - - ॥ जय श्रीश्राव उरणीनी सहाय ॥ थोपागाश्रावतुंबडे परत्नात,थार घडीले पाछपीरा ताभनभा सभरे श्रीनवहार, नेमपाभेलपसायर पाशापाउचए वञ्चएरधर्म,ञ्चएमभारंछे खडभाउचाममारोछेच्यवन सायाधुचितरने भनभायपशासाभाथिङ सेने मन शुद्ध पर्भनी| हिडे घरनेषुद्दापडिडभएरेरयएीतपाताभाषो जाप रासायाशस्तैउरे पथ्यमाए सूधिपाटे निननीभागालए निगराने स्तवन सळलायलिए हुंति निस्तारोथायराययितारे।। नित्य पणनीभ,पाघ्याल्चतांसीभाहरेन्ननुहारे देव,र व्यत्नापथी उरते सेवापापोशाशुश्चंदनेन्मयासुपोचलाएम घायित्तसायानि पराभुतीमाहार, साधुने टेले सुचियाशापुराण साभिवत्सलरले घांसगपएभोहोटुंसाभित{रादुनीयाहीन Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarying Page #465 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १ ) याधीनने हेज, उरने ताप्तध्यासुपिशेषाणाघरअनुसारें रेनेशान, भोहोटाशुंभउरे भनिभानाशुश्ने भुजलेने भाजजी धर्भन भूरीश नडे घडीमायापारशुध्यरेव्यापार,मोणधिनी परिहारण मलरने उनीही साजाननशुंडथनभलांजापाननंताय उही जत्रीश,जलक्ष्यजारिशे विश्वावीशातेलक्षएनपिजीनेछि मेरयां दूणां इसमतानिभातगारापिलोग्ननाघेष,न्नणी नेरने संतोषासालसाजूलोहनेगली,मधुधापडीमतवेयोच पीपावली भाशवेरंगण पासषराधणांड्यांछेतासापा पागले जेजेवार,नगुणलपीतांषमपाशाब्यागीनाई रयत्न, पातछंडी उरने पुण्याणणाघरा लोग्नेयवाच रने निभ पापनहोयागाएतनी परेवावरनेनीर, नएसनार भघोशथीशानलवतसूधुपालने जतिपारसपताटायगा। चाज्यां.पन्नरे उर्भाधन,पापतगी परहरने जापाठीशंभो तेजनरथ, मिथ्या भेषभलरने पिंडापासभडितशुध्या राजन,जोसवियारीनेलांजगापांय तिथि भाउरे गारंल,पायो शीयततन्ने भनटलपातेलतकघृत पने घहिणघागंमत | भेतोसहीणित्तमहाजरयो वित्त, परोपणार अशेशुमचित्ताप राजाविस परिभरने योरिहार, थारे भाहारतएो परिहारण विसतणांभाषोभे पाप.निमलाने सघवासंतापाएपटासंध्या येनावश्य सापिये, ग्निपर पराशरणलपलवचारेशरणारी दृढ होय,सागारीभरासाषेसोयएमा उरे भनोरथ मनोहया तीरथशधूने नयवासभेतशिजर भाष्यूगिरनार,लेटीशकुंघन्य पन्यभवताशारणाश्रापऽनीउरएीछे नेहा नेहथी थाय लवनो। छेहरामा उर्भपडे पातलां,पापतपाछूटेमामलापशावरिलहियो जभर विभान,जनुक्र पाभे शिवपुरधामाउहे निनहर्षघऐससने धरणी पुणहरपीछे नेहाशा पनि - Jarducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryan Page #466 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( १२) ॥ जथ साभाथिनाजबीशोषनीसम्माय॥ ॥योपाणाशुलश्यरऐनाभीशीश,सामायिनाघेषण त्रीशाऽहिशेंत्यांभननाशोषपुशभनटेजी घरतोरोषासाभाथि अपिपेरें रे,अर्थ पियार नहँडे घशामनणद्देशछ यशधयोन उरे विनयचडेशतपोशालयभारोचिंतेच्यापार,श्ससंशयनी मा गांसाशाएवे वचनना होष निवार,पयनजोउरे टुंगशाशाली उंचीन्न घरीघाउ, भुजेवीउरतोचढवाजाभाचोन्नोजोलेशाला मोहरीहुतरावेजावाचाउरे पियानेहास्यभपार,शोषपय नना चारपायाशंपूषएजार, थपक्षासननेचे दिशि पाशापासाययजमउरे संघात,जालसभोडेणहातापणसांजेजेसेनवनीत गिरास्येथालोनीतायाभेलणतारेजररोजगाय, पाणीपर ढावे पायाभतिजीघा भेषेभंगढांडे तेभवतीअंगणपंगाणा निहायें रसासनिर्गभे,उनहाउंटउतरलभेगमेजबीशे शेषनि वार,सामायिड उरलेनरनाशायासमताध्यान घराणनली,डेशरी थोरकुचो उचलीश्रीशुलवीरवपिन पासती,स्वर्गसुलसारेवती ॥ अथ श्रीवीरविग्यल त । ॥ हित शिक्षाछत्रीशी प्रारंलः ॥ ॥सालखरेतुंसन्नी भोपादेशीएसाललन्ने सन्न्ननरनारी, हिनशिजाभरासारीलारीशरेतांशिजाभएलाग्यशापरवारी पासुगन्ने साग्नशालोऽपिरच्या निवासासुगानगतवव्यवहाराण सुगा मांडणीभूरजजालानन्यऽव्यसनी गरिने वालीनाइलाए ने संसारसासुजवंछो,थोरनीसंगतिवारोणसुगाशावेश्यासार एगगनउरिने,नीय°नेहनऽरिभेलाजंपएभावेघरधनन्नवे, लपितने परिहरिनासुगाडाअभविनापरघरनपिसालें। गायन हीरेंडगाजविणासायणाथनलरि,मुटुंब सहन सलग L Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #467 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४४३ ) सुनानादुशमनशुं परनारी साधें, तल में बात जेडांते भाता जे हेनशुंभाश्णन्नतां वात नङरियों शर्तें ॥ सुनापारान्न रमणी घरनो सोनी, विश्वासेंनपि रहिश्जेंलाभाता पिताशुरैविए। जिन्नने, गुन्नी वातनहिनें ॥सुगाशाजन्नएयाशुं गामन नजेिं, आडतणेनविच शीग्जेंला हाथी घोडागाडी नतां, दुर्ननथीदूर जसिजें॥ासुनागारम तउरतांरीशनड रिमें, लयभारण नवि नर्धभेलाजेनएावात उरे नि हांछानी, तिहां बीला नविरहिष्जें ॥ सुना हुंअशविएा बातनङरियों छाषिएा नविन भिजेंन्धन विद्यानो मह परिहरिजें, नमतांसा येंनभिनें ॥सुगाला सूरजन्नेगी रान्न पंडित, हांसि डी नवि हसिनें हाथी वाघ सर्प नर वढतां हेजीने दूरे जसि ॥ सुनाना चा हांसिनरीजें, डेउरी नवि लभिभेला परो नम्रीखें घरवेशीने,लु गटडे नवि रभिग्नं॥सुनापशालएतां गएतां नासस तलतें, सजन चातनऽरिग्न्का परहस्तं परहेश दुडाने, आपनामन घरियास ॥शानामुं भांडे आाणस छंडी, हेबाहार न थर्ध में उष्ट लयाहिङ थाना वरन्तु, हेशावर न रहीजें ॥ सुना आधनवंतोनवेश भसिन | ता, पणशुं पण घसि घोपेलानापिङ घर नई शिर मुंडावे, पाणिभांभुजन्मेरे॥सुगावच्या नावा घनए। सुंदर न उरे, जेडी तरणा तोडेकाल में चित्राभए नागो सुग्ने, तेने सक्षभी छोडे।ा सुनाया भाता परो शिश नभावी, जापनेउरीजें समाभोळा हेच शुश्ने विधिग्नें वांधी, उरे संसारनां प्रभो॥सुना१९॥ने हाथे माथु नवि जशियों, अननविजोत रिभेला पीलांउंडे हाथ न छीनें, सामे पूरे नवि तरिखें ॥सुनाते सतभाडु दूरें तलों, भएरागस नस नवि पीने का उसवंती सतीने शि जाभएा, हुवे नर लेगी हीनें ॥ सुना१॥ ससरो सासु ने नेहाएगी. नए ही विनय भ भूडोला शाए|पएो शेरी संधरतां, धतुरा यास मधूमे सुगावजानीय साहेसी संग नडीनें, परमंहिर नवि लभिजेंन्शरात्रिप डेघेरजार ननर्धों, सहुने न्ग्भाडी नभिनें ॥ सुनारणाघोजा भाला Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #468 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (rrr) ने कुंलारएा, योगए। संगन उरिखेंका। सेहनें डोधी खाल पैढावे, मेव शानें परिशें ॥सुनाश्शा निन लरतार गयो देशावर, तवशएगणारनघ रिजेंछानभवानाति वर्थे नविन्नर्धों, दुर्नन हेजीडरिखें ॥सुनाश्शाप रसेरी गश्मो गावाने, भेसे जेसेननीजें लानावएा घोवएानहीडीना रे, न्नतां निर्लन थर्धने॥सुनार आपण पडते पणे पाल यासीनें, हुनर कुसीजीनेंलास्मान सुवस्त्रें रसोई करीने, हान सुपायें हीनें ॥सुनार शोउतएगां लघु जासङ हेजी, म घरो जेह हिया में छा तेहनी सुजशीत लग्नाशीसे, पुत्रतएगा इस पामे॥सुनारपाजार वरश जासङसुरपडि मा, मेजेसरिजांङहिमेंळालस्तिङरे सुजलीला पाने, जेहम्रे दु:ज सहिग्नेंासुगाश्झानर नारी जेहुनें शिजाभएा, भुज सबरी नवि हसि में लानाति सगानां परथंडीने, खेडसडानविवसिखें॥सुगारणाव मनपुरीने चिंताआसे, नजसे आसन जेसीविहिशे दृक्षिएाहि शश्नंधारे, जोय्युं पशुओं पेशी॥सुगाश्वाखएान्नएये ऋतुवंती पानें पेट जलरए बेसाला भाजशें लोन्ननविडरिग्ों, जेनएाजेसीले सांपासुनारणााग्मतिशय बीनुं जारें जाएं, शाऽ घणुं नविजाबुला मौन पो डीडी गएावरल, नभवा वेसा नाहाबुं ॥ सुनाउनाधानच जाएगी वजोडी न जावु, तड्डे जेसी नन्भर्चुला भांहापासें रात त लने, नरगां पाएगीन पी॥ सुनाउशाउं भूल अलक्षने जोलो, वा सी विहस ते वर्लेक ।न्नूह तन्ने परनिंदा हिंसा, जे बसी नरलव सर ॥सुनाउशाव्रत पय्यैज्जाए। घरी गुरे हाथे, तीरथ यात्रा उरीकों लपुएयजीयन्ने भोटो प्रगटे, तो संघवि पर घरीनें ॥सुनाउआभारगमां भनभोङसुंराजी, जहु विघ संघ न्ग्भाडोलाासुरलोडें जसघलां पाने, पए नहीं जेवो हाहाडी ॥ सुनाउनातीरथ तारएाशि वसुजडारएा, सिध्यान्यस गिरनारें का मलुलग्तिगुएाश्रेो लवन् स, तरीजें भेङ नवतारें ॥ सुना उपलोडिङसोङोत्तर हितशिक्षा, छत्रीशी में जोसीला पंडित श्रीशुलपीरविन्ग्यभुज, वांएगी मोहन वेखी सुनाउ Jan Educationa International For Personal and Private Use Only Page #469 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४४५ ) ॥ अथ जाहुजणलनी सञ्ञाय ॥ ॥ शन्ग्तएगारे ष्नति बॉलीया, लश्त जाहुजन झूमेरे।।मुंडी जी पाडीरे भारवा, जाहुजण प्रति जूझेरे । वीश भारा गन्थडी पीतरी, गन्ध डेडेवजन होयरे ॥ वीराणाशाऋषल हेव निहां भोडसे, जाहुजजलनी पासेंरे ॥ जंघव गनथडी जैतरो, ज्याली सुंदरी जेम लाभेरेगाचीणाशा सोच उरीने पारित्र सीखो, वणी भाव्यं जलिभानरेशलघुजंधवांन दुनहीं, डाडीस्सग्गरह्या शुलघ्यानरेगावी गाआवरस दिवसाडीरस रह्या, शिततापथी शूाएगारे | पंजीडे भाणा घालीग्जा, वेलडी जेंवींग एणारे गावीणान्नासाधवीनां वथन सुएगी उरी, श्रमज्यो चित्त भोजर हयगय रथ सहु परिहश्या, वणी जाग्यो जहंार रे गावीणापावैिराणें मनपाणीयुं, भूञ्ज्यु निन जलिभानरे॥ पारे पीपाड्यो वांध्वा, पीपन्युं ते जेवण ज्ञानरे॥वीणाशापो होता ने देवणी परजहा, जाहुजण भुनिरा खेरेशाजन्नराभर पथ्वी सर्छ, समयसुंदर वहे पाथरे गावीणाणा ऋषिनी सळ्ळाय ॥ ॥ अथ प्रसन्न ।। प्रभुं तुभारापाय, प्रसन्न यह प्रएाभुं तुमारा पायारान् छो डी रणीयाभएरे, नी जयिर संसारावैरागें भनवाणीयुंरे, सीघो संभलाशा महाभुंगाशा समशाने डाडीस्सग्ग रहीरे, पगडीपर पण चढाय ॥ जाडु जेबींची उरीरे सूरन सामी दृष्टि लगाया। प्रएाभुंगा दुर्भुज दूतवचनसुणीरे, शेप चढ्यो तताणा भनशुं संग्राम भांडीय रे, लव पज्यो नंन्नणाप्रनागमेलिङप्रश्न पूछे तसे रे, स्वामी जेहनीओओ एागति यायाालगवंत उहे हुवडां भरेतो, सातमी नरडेंन्नया प्रणानाक्ष एाग्नेजांतरे पुछीयुंरे, सर्वारथ सिष्य विभानाबाने हेवडी दुंदुलीरे,ऋषिपाभ्या ठेवण ज्ञानानायाप्रिसन्न हऋषिभुङतें गयारे, श्रीम हावीरना शिष्या रूपविन्य उहे धन्य धन्य, ही हाजे प्रत्यक्षामिणाना Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #470 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (re ॥जयशाषितृतीयाध्ययन स्वाध्यायप्रारंलः।। ॥पये महाव्रतपातीगनेशीपमाघाउभीमाहारनली निशिलोन्ननपिउरीयारान्यपिंऽने शय्यातरनो, पिचली परिहरि येंगशामुनिवर मेभाशअनुसरीयें,लेभलवल्लनिधितरियन निगामेमांडपीसाभोमाएयोमाहारनसीरें, नित्यपिउनविभपा रिया शीर्षच्छाभेमपूछीमापे,तेनविभंगीडीयेंगाभुगाशाउंछ भूषसजीनप्रमुजवी, खवाहिक सचित्तावर्जियेतेभवतीनपि || राणीने तेहसन्निध निमित्ताभुगाडाणाहणुं पीडीपरिहरियें, स्मा नहानविडीयगंध विखेपन नविभायरीयें,जंगउसुभनरिधन रीयेंडेगामुगाचारहस्यनुलाननविवावरीय, परिहरियवतीमा लरणाशयाउारण छनन घरीय,घरेनवानही थिरएाभुगाचा घतएनउरेपानघरे, जेनपि निपातेल भोपडीयेनगंडसी नडीरें, टीने नव धूपडेगामुगारामांची पर्वणनविणेसीलें। नवीग्रोवायएगृहस्थगेहेनपिसीने, पिए आरएसमुघयडेगामुन एणावभन विरेचनरोणपिडित्साजिग्निभारंलनविहीगाशोगहां सर प्रभुजले क्रीडातेपएसपि चर्ल गाभुगटापांच यिनि यशभापीने, पंथाभय पथ्यानीगापंपसमितित्रएशुप्ति परीने, छडायरक्षाते डीभुगामाणिना भातापनापीनेशीमा शीत सहीयेंगशांतघतथई परिसह सहेवा थिरवरसालेरही डे एभुगापयामपुकार उणीजहु उस्तां, परतालावासी उरभ जपाचीईजा, शिवरभएी सुविलासी गाभुगापाशवैशाखिड बीने अध्ययने,लांज्योहमायारावालविनयशुइयरए पसाये, वृध्धिपिल्यव्यारा भुगापशा पति - - ॥ अथ शिजाभएनीसजाय ॥ ॥ पून्न ध्वशुरै सेवा उरणा उपट परचन परिहरणापाणे-|| J Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraridg Page #471 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शियणभुज सायरियरएांतीजेतेपर मेनेच्या रातारा धनुषा पिंचसयर्णधीजया,खाजयोराशी पूरवायापप्रथमदेवानाभण घरांगातोमेगाशाभथुरानगरीनभी पिनराया,णिपनीनजना भीनन्नयाथिडी जतातगंगरोष नजपए तोग्नेगाशावैराशी श्रीनंष्णुभारा, भतिजोपही आहे नाश । मेडी नपाएंधन परिहरणाातोश्वानाशालिलालोणीसुभाणा,रोतलपत्री शेजाणापश्रेणिऽभाजे घरभपित्त घरातोमेगापाशा लरानलयेभलिभानी,सभोसर पोहोतो भााज्ञानीपसुपति जसंभारणांगतोमेगाराथूणिमोश्या घररहीमा, सो जिअरपुर पुरि उहीजापओश्याप्रतिजोषीरसंग यसएप नोजेगाणासुभार अगस्सावन उरए,सोभनससरेजन निशिरलरएापन्यांसगजेड परभसुजवरणातोमेगाटात्री श्रेयांसभर रातारा,ऐऋषलपहुंघमाहाशाहोजे पंथधि व्यपछीघरलरपातोमेगाकाविल्यशेड विन्याघरराएी, || मुंशियणपक्षजतिसारीपनप्रतिजोधीसंबभजाएरएतोन जेआगाजने सेशयोलगपति शियणनजंऽसीतासतीपटेना तपुष्ट अग्निब्णलरणांगतोमेगावामपणे पहाडीयागुभानए सनत भार पक्रवर्ती जरीन्नएयाएटेजततुरतजंगरोगलरणांप तोभेगापशाभढार सहसभां भोरासती, नेमप्रशंसाभोयनतिमी ज्यूरश्सडेचणसुजवरणातोमेगापासूत्र सिध्यांतसुगोरे ला,निघवातन्नेरे पराणाग्नि महिभालवोरपितरातोप्ने राजाजनडे सजही पार इनाया तिनुशंभीतीपातऽन्नयााउ हत साधारएपचित्त घरएपंतोजेापा पति शिजाभा एनीसलाय समाप्त ।। a Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #472 -------------------------------------------------------------------------- ________________ croes ॥ भय वसंत, शगज्याल, द्रुपद, टपाधभाष, ॥ ॥ जाहिर होरीभांगवातां पहोनो समुदाय ॥ ॥राणघभाषाजापोऋषलभषसे,गरोखापशुपाल भुडीलराजावोगामुडीलर पिसतीलराजावोगायुभायुजा निभजिर जगन्ना शरडी भटडीलराजाचोरापारतन डित शिरत्रजिरारेजंगील्डावडीलराजावोगाशाजाधि जान सतुभारोतारतीमोअपनोडराजावोगा । रागशणामहोहोहोरी को सजीनेभोव्याहभनायप नहोगाभलयोरे अज भोरपीघरोलरहोगुखासनहीनेरी महोगापायन भाटलरेडेशरसे, भृशभामंजरगोरीएमजप लरीलरीहोउन पियारी,गल्गाभिनी भितीगोरीजहोगा। इयतलतालभृगलये ध्वनि, रागरंगपित्त पोशाभघुजनसेंभि लीग्वातजावसज,खतनवरसहोरानहोगाआडेशरत्नरीज जोजपीलपत,छरछे सेखसोलोरी एनंगायेंहींओरवान्नूलावती, उरग्रही उंचनडोरीराजहोगागागावत शशसजेभिलगोपीजनभू सडे हसतमुहभोरीनंगीमांजारिणरोरधिजावती, पिनतिरत उरन्नेरीरामहोगापाय्युिटडीचे एसे उड़ेंडरो,रान्नुसच्याहछिन सोरीमानं प्रलुतुभचित्तलाने,भुशतीरभए नेशामगार ॥राधभाषावाऋतुजेलनडीमणमा,चनरापिस ताजपन्नजामतिषि'लताओधील डिसरप,जोलतजोष अनंतापारिवातिभाजिनरहुंहो,अहो मेरोजसनराला गोछेनेभशुनेह, विरहीवेनयुसहोमेजांजगीताजंजसो वन उतडी से, सेजलपतासाजतन्नाभीमनषिततोग नपिउसित,न्नेहोये प्रीतम पासाडिसेरणाशाभयवसभीरमजीरभरगन्नानंतर भगर घनसाशाजतन्नपभृशमकुंभ उशर घोषी,यापिनुलस्तारा डिसेगागालोग्नलाग्न Jai Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #473 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (४४७ ) लूषएानेन्न, जंग्न भग्न श्रीशाजपिन्नीं ॥ ज्याहु दुई सान्नभ नरंजन, घरे नही नएगहीडो वीडि से डरनामा लोली टोली होसी जेसन, जपने नाहुडे साथ । जसनीं ॥मती रान्नुस रेवत गिरि, संयम सर्व प्रिया हाथ ।। ङिसे अरणायाशिव मंदिरमें पासोडीनो नेमशन्नुस भली होया जसन्नीं॥ीित्तमसागर साहिज सेवे, नवनिपिऋध्पि सिध्धि होय । डिसेङनाशा ॥ राग धभास ॥ डोप्यो उभः प्रलुने हेजी, वर्षाविह्नर्विन्नेशाजन सन्नींग घोर घरा घनवीनह्योरे, जोसेछे हादुर भोशाशासजजे से होरी पासलथी हो । अहो मेरे ससनारे, वाभानी नंदन लेटीयें हो जे जांएगी।डारे जीरेवाहर मतवारे, परसे भूसल घाशाजसन्नी नीर चढ्यो भनु नासातांर्घ, रहेछे प्रलु निरघाशाग्नज जेसेनवाशा ततक्षएा घरोह नासन टुं प्यो, पेज्या जवधियें प्रलुसाशा जलिन्न ॥ धरणेंद्र पद्मावती प्रलुने नभीने, भांड्यं नृत्य रसालानिजजेसेनाआर्थंग मृदंग मधुर ध्वनिवान्त, नाचत ष्जभरनां वृंधाजसि न्नीं॥ लम्ति उरे सूरियाल हेवनन्युं, भेटे छे उश्मना धाजजजे सेनानालाल गुलाल जजिर पीडावत, गावतगीत घभाताजसि नीं ॥ततथे ततयेर्ध पडावत, जोसत नव नवज्याला जज जेसे गापा भहिन त्रिऽऽमन्तवन्नएयो, डोप्यो घरएगें हराया जसिन्नीं ।। ग्नपराध जभावा द्वारएा हूं, भावी नभ्यौमलुपायान जजेसेगाशनभी मलुल हूं घरें सज पौहोते, उत्यो स्वाभीविहाशा जसिन्नीं ॥ क्षेपड श्रेणी पेढी शुल येतन, पाये डेवल पहसाशाज जजेसे गाजा समेत शिजर प्रलुन शिव पोहोते, अक्षय स्थिति व्याजाघ । जसिन्नीं॥ पंडित घनविनय सुपसायें, सुज हेन्नेगी तभने निराजाध ॥ जज जेसे वाटला ॥ राग वसंत घभाल ।। नेभल व्याहु मनावन हो, यसी सज दृष्णङ्गी नाशाजविन्नीं॥ चिहुंहिंरीि घेरे नेभङ्गेहो, जोसे तिहांश Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #474 -------------------------------------------------------------------------- ________________ INDIAN - ( ५०) घानाशापाजजजेसेहोरीनेभलसेंहो जहोभेरेषसनाजोले तिना हराघानाशाजनक्षेगामेमांडपीपयुवायुना पंटन भृशम डेशर,लास शुखासमाजिशाजविनणगालर पीयारीशुखानडी] हो,शंटेनलुने सविनाशामजनेसेनाशाराघासत्यत्नाभाउ सवि|| नारी, परगोरागभाशाजतिन्नणरामललेषीने मोहनगारी,लोग चोलोशरसावाजलेगाशावयनसुशीने भुजथीनजोखे,न भान्यो भान्योउहेनाशाजसिन्नजणिग्रसेन घरच्याहरनड्रंथापा खिन्नवपरिवाशाभणजेगानामांऽसतुंगललेरीनरी,गाने मंजरनाघालसिलाढोसनगारांनोजतगडगडते,न्नरोउरे| सभरने साहायजजेसेपरेवंतश्य भलुतोरणमा पशुन हिजी तिएवाशाजासिन्नजलयधनहेर्छन्तुने,स्थवापी पाट्यो शिश्नाशाजजेलेगामापुंडेथी रान्नुत सिधाये,पाये शिवपहसार एजतिन्मणापीछेथीभमुल शिवपोहोते, गौतमपंचारंवाशाम जखेगाजा | ॥रागहोपासल रजार,यखोजेहोशमलुशुनजि रतनतासपजावना पीनानाशायगाणघासीनताडेसरछिर तिलरीसमतापियशारीथिनापासुसपोणच्यानसुरंगा, जडतमजीरशुसासायगात्नापन मुंहीलरीलरी डीनत, घरसन मंजरतासायाशासभितिस पयरंगीगीदुपाडारोछतियानी जीथाथिनाट्य थोडे मध्यमयामो,शुपति मरगन्नीयायन पशाचसतीलाहरजजढायो,जानतमनुलवयंशामिनाहवि पिनेहऔन्नेरसगानो,शिवरभएीमुरंगायनाचगावाभालोनं नभेरो,भातमोजाधाराधिनाचाय विभतडोरामहे भोहि, पंछित पूरनहाशापणापा ॥पोनेभनन्नोभोरी पीर पीरमार्थपाईलाई, नेमन नगेगातोरणाथी रथरेची थाल्या, हाल्यो पिडारो हीरहीर भर - Jair ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary old Page #475 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (४५१ ) रररररराानेभनाताहिजनी भृगलोयगीरे,प्रेमनोभात्योभुने तीरतीर जररररररशानेभगाशाजांशुन्रती घरणी टपोरे,न्न|| रोभशाढो नीरनीर बरश्रयानेभगागाशिवराउनेभशन्न सरे,उर्भपीना शज्याथीरथीर यररररररसानेमनाना | रागहोगाजेषतनेमभार, मैसेश्यामसनेपोखतन गणिरिवरगढ गिरनारभनोहर, सहसावन सुजातानसेनापशाच याप्रभुजयाय भितीभाने, मंतेर परिवाशासेगाशासभा यपसंत प्रगटलयोसुंघर, पिडसितकुसुभमपाशाजैसेगागात यसउपयरत भघुर पुनी, लभरश्तणूनशानेसेगावानख क्रीडारी निन घरजावत,सजन्नध्यासिएगाराजैसेगापामपि उशुलालमनिरपोडावत,गावतणीतणघशा सेनाशाजेसत नेभाभर हिसनंतर,लावन संत चियाशा जैसेनामाजभूत सभानि नपभनुपम,प्रगट्यो शिवसुजभाशाभैसेपाटाशुध्यजिभाइ ल्याए परभ पहीनो निन पिजशासेनाका ॥होरीहोरी जेलोरेलपिऽभन थिर राहोरीजेसोरेन ॥सुभति सुरंगशुखालभंगायो, मजीरीजवोन्मेरी लरलरगाहो| रोजेकपाध्यानण्यानइतालजन्नवोशुएगावोपत्नु हितघरडे होरीनाशाजनुलवभतरसेखभंगाचो,चासहिसोसिभहभहजे गहोरीया कोपभानरन घूलीडायो, ब्ल्युंतेंशज्यासजसथन रडेहोरीया राणहोरी चानतरंगधार्थनगर ,जानतरंगजघार्ण पनयन्यारथयो निनशासन, वीरनिनंही दुहानगरभंगा सजसजीयन भिषी भंगलणावे,मोतीयानो थोडपूराणानगर | एशारेशर यंहनसभणाची, अनुनी अंशीयां श्याणीनगरभेगा पानसागर उहे प्रलुलनीसेवा, हिनानि पूनसवाणानगर भेगानातिय Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar19 . Page #476 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४५२. ) ॥रागमहारााभहारापीयानीचातरे, कुंडेने पूछुनेने पूछ। तोपूरजनावासनहींरेखासासनहीं घूतारापोऽशाहुंडेने घापुर भोरजपैयारेजोसे,ओयलरेसासाशेयलशम्सुगावेराहु उिनेगापारभर भर भेहुलारेवरसे,जुंपरेवालाjट पडे रंगन थोखराकुंडेने गाशामाजोरे भोश्योने उडी थ्यो, नाच्योरेखासा आव्यो भासवसंतरेगहुंउनेगााउरोरेगावखनीषणी भेषु असहसारेषासासहसाचनमानयशाकुंडेनेगचानेमलने मनेटसुंरेडेन्ले,राएीशन्नुपरेशगी राख्नुस धाननजाय। हुंडेनेगापाप विषुधनो भोहनपलऐ, नमरेखासानभन्न निभतारो घसाइंडेनेगा प्रति | टपोगासांतुलपाजेशंजेश्वरप्यागासांचा महिमा वंत महंत भहीत,लस्तरछपलबत्नेनहाशासांगाशाची नध्याष ध्यानिधितुभलो चरनभर पमघाताशासांनाए मध्य पछी शनिवारी,व्यतारएडुसीयाणवताशासान पासणध्वनमें तुभही प्रलादी, सष्ठपवरण है भीडशा सांगाचाहीने अभूतपासाहिज,रंगडहे सुधरेग्नहाराण सांगापा ईतिए ॥टपोनहींन्ननपुंछ तीनहीनन होनानानानानेन लाभेतो नहींननदुराने मांडपी जातोरण र यसेशुनेन गारी उँगनजात छोऽन्नत,सोत साहोनानालापाएन प्यारे हमसेन्यारे,ज्युरहोलणासीनोभोसें साय हो, सगनभेन रिशुंगहोनानागाशातुभरही शिरजजियांपर,तिमें छुपा तुमसें मेरी पणनपणी,भशन में रहुराहोनानागागाभावोसग्न भेरेडेरे, पिरहमान नभृत संशरंगमंशाणभंगर्भ र राहो नानागा॥ ति॥ ॥घुनाशासत्तरभाश्रीपुंयुग्नेिसर,छण पध्छन यकीसारण - .. .. .. Jalt ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #477 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४५३ ) ससना नेऊ साजने जाए सहस वर, लाभिनीनो लरताशाशासोला जीन्नियर साहे जो हो । हो मेरे सखना। मलुल परभ घ्यास सोल गीगाश्श्रेष्ञांगी। नवनिधानन्सहीपतारे, पीघ्रयएा अलिराभा रागरंग रस मांहें लीनो, साहेज भुत भहिरजाना सोलागीनाशाछनु कोड पायङ प्रलु जागें, शोस सहस यक्षन्नए] ॥ जत्रीश सहसरान्न शि रनाभे, पटमंड प्रलु तएगी जाए। सोलागी ना। पैक्रीता सुमलोगी रे, पछीसीघो संयभलाशाडेवस सही शिव मंदिर पोहोता, अंति विग्य न्यासा सोलागी गाना छत ॥ वसंत॥भुटपर वारीयां जो, पारीयांजो वारीयांजोवारीयांजोप मुकुगाडाने डुंडस शिर भुकुट जिराने, जान्नुजंघडी छजिन्यारीयांजो भुव राशाथूजा श्रूश्मायंहनजोर श्जरणन्न, देशरपुष्प चढावीयां मोभुनाशा वामानंदन त्रिना वंदन, सुरतडी जसिहारीयांजो॥भुगाआन्यायसान गरमलु पास पसायें, द्यो हरिशन दुःजटारीयांजो भुनाना ॥ ज्यास॥चाएगी निनवर तएगी, लागे भोहे प्यारी । पाएगीगा माया सजन्नूही लर्छ, तनभनवारी ॥वाएगीगान्नने होल्युन्ननेनै न, धर्म सुजडारी ।वाएगीणाशा भभताडे संग थडी, लवणयोहारी गवाएगीना जजतो सरन जायो, जिरेह सुन्यो लारी गवाएगीणाशा तेरो ज्यान तेरो ध्यान, भूडुंन विसारी ॥वाएगीगा मायापुरीताशे भोपें, हिलपर धारी ॥वाएगीनाआर्धति ॥ नयन निहारी पीया, प्रीतडी संलारी ॥नयनना जैसे भोपेल यो सांर्धयां, जघजिप छारी॥नियनगाशाघरें नित जावो प्यारा, युगला छारी पानयनगा निपट न डीनें भैसी, बीहासी में वारी॥ नथननाशाग्जटङरश्लोक मेरो, भन तोसें लारी ॥ नयनगारटन उरत पीया, गर्छ निंह सारी ॥नियन गाआश्जड लव संगरंग, जैसेंही जोडारी नयनगाटुनोउछुडीनो भानुं, भुक्ति धूतारी नभनगा नासार नछोरंतो री, डुंगी ज्जत घारी॥नियनणाभेलीतोच For Personal and Private Use Only Ja Educationa International Page #478 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - (०५४ ) मुंगीपीया,शिवपुरखारीमानयनगापासपयंप,नने नरनारीमानयनमा प्रहरीडी घणं,वाओनाभसंलारी नयगार! ॥रागधभाषाशगजेसतह पजागभेसो,महारान्नय क्रवर्तीशांतिपशगजेषतगाहरिसंधी भडीपातनको,भेषाण |जाएंगन्नशाजपिन्नजानारी भलिसहजनाचे, ओरडोरलभ रनंघाशणजेवतमाशाखाललभंघिरभे सुंघर, उरतेउसीजन सोलाजविन्नगासलेलशुपाजयुवाशुलीनोलीनोज गरंगरोखाशगजेषताशाभासती भोगरतडीहो,न्नछुनुर्ण नसूखाजतिन्नामेसोवसंतन्युंजी रह्योहे, निहां जे तिहां पसराशगजेसत जगातजभूतिङज्यात जेषत, विषति तसुजनिशहिसाजलिनापंथभोयक्रधरशोसभो निनवर, लवनलग्णहीसाशगजेसतगाताशिवसुज यरिनसन छिपायेज्ञानणानंताजतिन्नासावएयघन्यषजभीप्रलगाये मनलाभेशांतिलगवंताशगजेततगापातिए | ॥राशवसंताचासोसजी सिध्यायसनईये रंगलरजे लीयें होरीसिंथो सिंदरेंनयनसभारी,पहेरएवरणा पोलीया लोगापालेभेनापासवग्रहीने,मटरजांघेजाजीराजेड | मेथुउरेरेभराडा,एसीसी येतासीयालोगाशायितुशरेना रीयंगजन्नवे,जन्नये सालीरामेशुध्यरसंत भासापे,निना गुराणीतरसातीयालोगागाभेऽभजीरशुसासजीडावेलावेल रत्नर न्नेरीमाथुिवा पुवापनमोर जगन्न,छांटतडेशरघोदीयातोगाचावसंतऋतु शत्रुन गिरिपसयो,यो शराभासा पविष्णुघनो भोहन पलोग्नभन्नभतारो घसायालोगापरा । ॥ पारगतीगुलाजही जागांसनडीमेडारन्य भागाभागापामुजरेजन्यो मेहताजसरिजो, छातीजनीसी|| गयीसीडेगाभानाशाहजान महाभृशोधन, तन घेया Jall Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #479 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ( ५५ । रजसोनेरीगाभागागारिनो पिया परदेशगभनीनो,ननात्रीन यान्नेजन भभातीभागाचाणिलीडार छत्तीयांपरन्नुरही, लिंगीयांभे नेवनन्नेररेरी मागापातनोगुभाननीयों होप्यारी,जोपडे घूघट हेजनहरीराभान हे शुभानी घेरुरी मागादति पोागिरि रायभारीघनारे, ग्निराहुभारीयंना शालयपुजवारण शिवसुनजरण,जतलयनहीं नाशाणि निगापानालिराया भरचीडोनन,प्रए ऋषलाग्निनारा गिरिगाशानिशिवासर मनुध्यानतभारो,निभातलियना रागिरिकायतुर कुशलउहेशरण तुभारो, सिध्यगिरिजर्भनि हिनागिरिमा न्निगाना ॥शघभावासातपांच सजीयनडीटोली,भिषि भलिजेष् तशगासिन्नणगारेवतगिरि नेभिसर गुन,गावत नवनवराणा एजतिन्नणाशिवाटेचीनंन भनवशोहोपायुमा युभार्थना भृशभडेशर,खासगुलालमणिशाजतिन्नालरलरडोरीसर जीटोरी,यो नेभिस शिशाजतिन्नाशिवागाशा गंमृधं गजीपांग भघुरघुनी,तापसात पिसाप्ताजसिन्नाटोसहर भालेरीनरी,वाती चेयरसालाजतिन्नाशिवागागायिंपड उितडीपाऽसन्न, सुरतरबृधाजसिन्नणंगनीलीभाषडयो पत्नु, पिय पियोभन्थहुंचानपिन्नीशियानाचाततये ततथे पहावत,गावतगीतधभालाजपिन्नानृत्य सूरियालचनन्युमभंगसलरीथालाजतिन्नाशिवान एपाराविधनह्मयारियशिरोमणिनाचीशमो निनाज खिन्नणापुएयप्रधान ध्यान नित्य घरता,सुभति सागर विनय घाजतिन्नाशिवाणादा ___॥शगागगरी लगतसीरलारी,गगरीणताररेचनभाली। - Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibretorg Page #480 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५९ ) नशीपलुसुरतलगेभोहेप्यारी,नगरीटेजाउरेनिनवारीराज्ञान जनही र गलन ,जेलत समताप्यानगरीगानाशांनसुधार समुडतहीने,ळसतलु भनोहारीमानणाशामजय जड अलेपनि राने,मनुलवलहेसुपियारी नगागाधर्भध्यानी शैलीसाघी,शु| इसध्यान भनधारीगनगावालाजपीस्तालीशलेग्नभाने, चौरा ल्सेंन्यारीरानगापानाथ निरंग्ननगरी स्वाभी,प्रलु भलियो हि तभरीनगा रामविजुध सुन्मए प्रलुल,भापोजनुलवा नगरीगाणा ईतिए होरीनरेनतुंउभति कुलजयी नारी,ताहाराभवशुए बहुसाटेणी,लागे मुल्ने जारीराकुंतुलनेअहिथेननेडुतुनोथे धूतारीपनगाशातेंभुर भोह भाभपायो,वहीगतेवारीचे नेतुंपासें भावेतोगटुंसातें भारी रानाशासोत्नागिएी सुडसिपी सारी,सभतासुंघरनारीपतेतीछे भन मोहनणारी,लागेमुग्नेप्यारी पन्नगागाहवेतो तें साथें जांधी, पूरपरीतियेंयारीतेसाथें भन भान्युं भाई भूडीतुन पिसारी पन्नगाचानिएरोनोमुग्ने सुपासग्नि तरीयोपलुसलारीवाय विभलनोराभउतेतो,उरसे परएतारीनगापा तिला | ॥राणघमाता भजनमें घूम भयी रंगहोरीभघुजनभेगा ॥शदेश यात्राभावे,पूलरपेपलुरन्नेडी। भघुगावागावतराग धभालसुणावत,थै थैनायित भलिगोरीगाभघुगाशातालसाल गजन्नवे,रएनएघुघरी रमन्नेरी भघुगागाशरथनघसीप नगोरी,लरीय टोरी रंगोरीभगानापियारीलरेतवनवन नारी,जाजिर गुलाल वसलरीलरीन्नेरी मयुगापााग्निशुएगप चत हीरध्वधावत, भेरी भलुसुंगीरी भगाया सभेतशिनर तीरथहोरीजेसत,पायोर्शनअनुलोरी।। भघुगाणा ॥रागपभाषाकोसोपास दिनेसरडी, रेजोलोगाभस्तजा - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar 1.99 Page #481 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुकुट सोहे मनमोहनानंगीयांसोई उसरसी राजोगापावित्नुपना न्योतिमजंडिततनश्याभघासीपतघरी जोगाउन जायचायन्युंजाल,लतमरी अपने घरवाने जोगाशाजालप एभेजलुत ज्ञानशुंउपाधी विषधरी गानेजोगाभाहरन भइससजसजपायो, श्रेणी पिढीजैसी शिवपुरानेजोगाउआमा नाचाभा और निलन्नयोरापीअश्वसेन नरेसरडारेजोगाजा दिग्नि मेरे भन्नु पारससी या शिवपुरी परेजोगाच्या ॥रपोसिलरहरिशन पाणरे, भत्नुहोईपजन्योहेराहिला एपमानंहन हरित जंहन, परशुभलजलनणगाप्रलुशेगापिया पानीलभला सोमलवाने,सेवन में चित्तवाणशापत्नुरोगाधिता लगाशायुन युनालियां यंपनी, हाथशुभाषजनाणशाप्रमुगा घिलगाउाश्रीभुनिसुव्रत सुव्रत सेविनाथसमानहाणीशानुगा | हिलनाचान्यायसागर प्रलु सुव्रत सेवा, नियतले हिसलाणा पित्लुरोगामिनापा होरी महारा साभलीभानीवातरे,कुंडेने पृथुमहाराणा लेने पृथुतेपूर जनावे,पीया जिनरयोनन्नयराहुंगापातोरणमा मेयरथी,पशुञांनो सुपीय पोडारशाहुंगाशाजांजा भो साडेशुरे डूल्यां,भायो भासणसंतशाहुंगाजापुर भोरजपैयारे नोखेडीयतशम्सुणावेगाईगाचारभर नरभर भेहुलोजरसे,पडे रंगशेखगराहुंगापाखज्योसंदेशोमीयाभिलवेो, जराणमा नन्नयगाहुंगाहारियडशलक्ष्य शिष्यभनंप, वटसल च्यान घरंतशाहुंगाणाति। | हरीशांतिलरमार, चापोजेसीयहोशांतिला भासवसंतलपिङ परिणामी,शेरे तुमें शिरहाणामालागाशाजात मज्ञान रजन, निपाधिसहाराायापोगाशाशुश्वयना मृत कोडिलजोसे,सनहिनइंसुजासाचालोणाशाग्नेगाष्टउचर - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarig Page #482 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१५८ ) पिन पराशें,शातां भलिगुन्नशाथाप्लोगाचाणपशभलालशुपालन नुपभ,समता शुल घनसाशाचालोगापाव्यत्नाव पून पियर री,ग्रहीये विविध प्रकारााथासोनाहाग्निगुगज्ञान मृग मनोहर तालमेअंत पियाशाचालोगाणाननुलव अध्यातभवरचीएा,शु लायितनाएगाथायोगागाध्यानतेललेखसुरंगा,रोक्नु सुप्रभाशयापासोनाकयाशिवपघभयोलखीलांते प्रलुसें भि-| सीताशाथायोगामार्णय विषसें होरीसंतेरिनरहेज्य ल्यायालोगासा ॥शशधभातानयरीचागारसीन्नपीथेहो,जयसेन पिछाजपन्नणावामानंहनबंधीयेंछो,पासासुरतर उद्याशापर मेसर नित्यशुएगायो,महोभेरेललनांरेगावत शिवसुजपा ध्ये होजेजांडपीपइणिघर संछन नपउनळसजल घना घनसाशाणसन्नणासंभ सततीनशुंहो,सविउहेतुंघन्य धन्याशापरमेसरगावस सतमेमाण® हो,सीपासभेतण रिसाजसन्नाशोलसहसमुनितुभतणाहो,साहुणी सहसा मात्रीशाजापरभेसगाधरण पमावती हो,प्रलुशासन र जिवालाजतन्मणगारोगशोगसंज्टटसेहोनाभरपंतांन्पभाषा एगापरभेसरुगापासजाशपूरोजजमेरी,जरअवघाशा जपन्नणाश्रीनयविन्य विष्नुपपदृसेवी, सहेलबरलताशा पापरभेसरणा तिा | ॥ज्यालाापीर चिनापायीडोगसुगावे,एसुगावे ओए। जनावेगचीमाग्न पीरणये शिवमंदिर,तज भेरोसांसोओए। भिरावे भिटाचेगीगावातुमापिना यणविह संघमसाला पिसिन नगएरावेशनावीगाशाहेगौतभगणुधरतुभचिरहें, स्निय रनिरन्नन्नवेशबीनाशाभोडेसाथषज्युनय, पित्तभप राप घरा घरावराचीगानाम परमात पियारी अपनी,लायशुला - - - Jain bucationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.oll Page #483 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - (१५ ) वभिलावे भिषाचवीनापासमवसरण जेठेतनतपर,भो ए इरभावे भावेवीगाहावीर चीरसवते वीरभक्षर, अंतरति मिर हरावेहरादेवीगागाईलूति अनुलवडीसीला,ज्ञानविभत गुएरागावेहोणावाचीगाटासससुरासुरहर्षित होवे,न्नुहार र एउँमावेहोभावेशवीगालातिए . । राणाशाप पहेलगामति लिएस्सुंयारीरे, भोहे टीसमें प्यारी एमगातुरभुनसुंघरहेजीसुजउरतनधन भनउवारी भननितर महोनिशिषयलाशी,हीतुभे शिवसुनहारीशमोहेगा गसशेवर उभसजी रवि विशेअभपुषसघारीअनुलवना तमधुश्मरंगी,ताडे तुमणपणारीवाभोहेगाशाजशनिलजील्यु दिविलासी,भीनमहत्तयारी भोरजपयाजारिघरटनामा निग्रहो भनसारीरेभोनागाशर जर्यित मंगसुरंगा, गविशा सभनीयारी एभेरीलगतिलली परेप्यारी गतिहेमज तिहारी रे मोहेगानाभहिर उरी मेरे मन निंतर,माय भिसेमविकासून रिणघ्यशुईथरए पसाय, उपापिणतिहारीगाभोहेगापा पहजीन्तुंगभेरे हील पासणस्यो है,न्युंथातुल्सघाशा मेगाब्युशहंस भानस मंदिर ,नसीरयोभान संसाशाभेगा। गर भनरेवा मधुपन्योंभालती,ल्यों ओडिस सहाशाभेगा भुध न्यायथंनन्यों लोणी,न्यों भरविहिनकाशाभेगाडागिरित नया टीसन्युशंभर, उभखाडे हिसागिरधाराभेगाचात्युंभेरे मन तुंही तुंही,तुरसभरनईसारााभेनापाब्यब्यातहीवार पर बिलवनग्नसहजासमेगाहरापासथिताभनत्लान साहि ज,संघ ससन्यास भेगाणा पत्रीन्दुराजनहेभोयेनेभशुमानी,हारे पीयासाभ भानीराजनहेगारान्नुसभ सजीयशंजोसे गांजथी पूर/ हो होसयानी हेजगाशाजनुपभनागसोलागहमारो,पायोनेभा Jan Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar larg Page #484 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पीयाहिलण्यानी जगाशातीनात्नुपनऽनपर वाई, पश्मनंत महाशुनजानीराजगाउापडेजाजतिन्नतीण भन, तेरे चरण शंखपटाएीराजगायाजमृत निग्लर विहायनभाये,जानंघ रंगसघसुजानीजगापा होरी धीपर्यही सिध्यागिरिलो घरिशनरखे,संघनत्रान संघनत्राश्नसें पापमुटतासिध्यगामेमांगीपोटीअनंताने गिरि सिध्यानाकुंशीशनभयएसंघनाशारिजलग्नेिश्वरलोधि शन, शुध्यमानम पाचन रखेगसंघाशा पत्याउहेनाथ निरंन्ग न,लवलवपुरेजहरसे संपगाला मोहे अपने रंगशुभरंगरे,मेरे साहेज,भेरेसाहेज माधि लिण्यामोहेगानेमांडपीरंगतुंही रंगतुंहीहे,संगमरंगभो हेरंगभोहेगाशाज्ञानशन पारिवरंगहे,बाजीथयण घरे एभोहेगाशारंग अनाधिशाभिघ्यातओ, सोमणनकुंतला भोहेगागाउहतनुधराससभडितपावे, मापसभाना उरा भोगान्गा तिता ॥मेशेयेतनजेसहोरीरे,जेसीहोरीभार जरन्नेर रही एमेरो एभनउरभोर प्रेमरपाणी उगासरघोसीनातायाभी/ मतपजभेवासभरसमभरस विभणटोरीमेसीनाशाशुडे जपनवारी भररंगजन्तरेऽज्ञान ज्टोरीएनेसीगाडाघन|| सुभता संजीयनसें, परए रहोगुगन्नुशन्नेरीमेसीनाता ॥धनसार उसराहु घोणी,प्रलु प्रतिभा पून्लेनरी उनऽयोगी एपनगासरसगुलाजभालतीरीज्रीमाणाजाभूपीपलुगापा धूपे घूपीसुगंधीभाणा,प्रलुवो भणी टोणीप्रलुगाशारीश्री विणपासमभुजी गातांनाणी लोणीरामलुगाशाउसर रंगसेल रीपीयारी, अजीरशुखापडीलोणीराभलुगानाशरीर छ रोस्निगुए पडते,पारेवानलाणसीरामलुगापाहे परभयंत॥ JaMEducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarlig Page #485 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - पासल जागे शिवसुजभागोंजयजोलीपलुगाहा ____॥अनंताजनंत प्रत्लुलनी चाणी,भाशातना तारे प्राणी अनंतागाश्रीशीतणाग्निशीतणचयनें,लाप घ्यायित्त भागी। अनंतापाने लव बघश्चनेजावे,थ खोलवसेभन्नापीमा नंतागाशासागरशेह परेंदुःज पाभी,थर्छ नारडीमेशूपाएगीरानन नागाडावरच्यने विधिर्भवघारे,ते निथरे शिवशएम नंतागागाघरभयंह उरन्डीरागें,तारन्ने डेवणनागी। अनंता अनंताचा ति। मेरोभनोजसपुरतीनो, अनंतमत्नुलने अभएमीनो गभेरोगारो घोषीत वहुंछोडी, ग्निव चयनेहुँलीनोमनंतव्य शालबोधपि पार पभाडेतायें नामानिर्याभहीनोगासनंतनाशापा भी शानगरए साहिम,अतिनगरगनेखीनताननंतमाशा भन्लेणीशुएगणी रसीवेण,थयो शिवनाथनगीनोगासनंतगान उहे घरभयं मनुशुराणातां,नहोय परमाधीनोगमनंतगापा चीरसायसाशी भने भाया,प्रनुशासननीछे शीतणछाया गचीरणाकोधी औशि प्रतिषोध पाभ्यो, प्रलुवपर्ने सुरसुज पाया पप्रलुगाशा नवलवने गिनवर पहडीयो,मुनि भेघने ज्ञानजताया प्रलुगाशाचेप्नो संशय वेगेनिवारी, उस्यागौतमनेगछराया प्रलुगागासैसेशी उश्रीशिवपोहोता,न्योनमें न्योतभिवाया पप्रमुगामा घरभयंप्रलुनागुरागानां, ग्णश पहचन्नथारा प्रलुगापा ति॥ ॥भनभोहन पासप्रनुणपणारी,तभेसालणोभभारी भनगासह भडनोभाहाभहणाली,जीयोनाणने हरिअवतारीभन्दा पात्रीशवरस घरवासें वसीने, वेशथयाव्रतधारी भनगाशा| नपतपीपुलर शुष्स घ्याने, घनघाती उर्भ निवारी भनगामा. चणज्ञान प्रलल पाभी,तास्यांजहुनर नारीवामनगाच्यावरससीते Jalleducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #486 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९२ ) र संन्भपाणी,परएयाशिववधूप्यारीभनगापाउहे घरभन्यं शं| जेश्वर साहिज, सेवाहीने तुभारी भनगादा | ॥रेजोछच सुरपति सार,म्य ननेथयोमानंहजपारण रेगायैतरचहियोथेसुरसुनछोडी,चाभागुजेंसीयोभवताराग नभ्या पोसशभनीरातें,नाभीयो पास कुभाशानगगालोग उर्भनोणघ्यगन्नएी,परण्यामलावतीनारायणगापोष भासनी व| हिमग्यारसें,निल थयाभएगाशाग्याशापारयो प्रथम धनध रडीघो,शिवसुजद्दीघोश्रीवाशान्गनायैत्रपहियोथेंडेवणपान्या, यूरीने घन घातीयाशायनागाजलिखाप्यनी देशनाद्वीपी,तेहे श्रीगराधारानगगाप्रावण शुहिनाभबिसें,प्रत्नुपोहोता भुडित भोलाशान्गाचातेप्रलुलनी प्रतिभा पून्ने,सभरी पीडीने सवाशाबगगाउहे धर्भयह शिवसुजीरें, वाभाडेचीना भतार पग्णनापतिता । ॥शुलूसेरेलवतुंशाणो, प्रन्नुमति विना नही भुति भयो एशुंगााणअनामिनतेलभतां,षयोनश्लव भयोगगोप्रिलु पाव सुचनियमांनंतर, सुरगिरी सरसव धगोपन्मुगाशा तेभारे वजीन्नछंडी, प्रलुपश्या चित्तमायोप्रियुगायापहभत्र लुने पून्तां पाभे,सन्नेणीगुरा हायोगमलुगागाधर्म उप्रलु निश्न यडीरें, भल्गभाल छपाणोपलुगापा ॥रागवसंतासिध्यगिरि सेवोललेला,राध्याने नत्र यशुयथावे सिध्धनापूवनवाएंचारमेरो गिरि,ऋषलरिएंघ भावेशनातान्तिनाथ प्रीशांति ग्नेिश्वर,योभासुंरहीन विशनाशापुंडरिपांडवलती भयासी,णिवयातीउर्भहहावे शाशानभीवनभीसुउपरिवार यह शिजर भोक्षसघाचगान शनाचामेमा हांसिध्यारजनंताघरभयंह गिरिगुरागा वारशाचा तिरा Jail ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryang Page #487 -------------------------------------------------------------------------- ________________ c: - ॥घेरायो भनडाना थोर, निपटनथामोनाथ उठोशाघेला पद्माक्षी पशुवयनेछांऽची, नघटे पीयुयोशानिपटनाशासना जनशलजसंतभांजीषी,नभशलभे यिोनिपटगाशासो णसरागारअरीसजजाणा,वसंतजेले गेर शानिपटनाग्रेजे सदकुडे मांजागणेणारीनायेभोशानिपरगागाअवसरन्न एथई भतयूडो,शंउहिजें घगोलीसोशानिपटगापावये छोटी रएरो भोटीरान्नुषहजे प्रलुनोन्नेशानिपटगारातोपए पर्भय शन्नुतराणी,प्रलु पिएसभरेनगोशानिपटगाणातिए प्रलु ज्ञान जनंतोहीजें,जटमच्यगुणतेहथीतजामला एमआज भीपीनेणघाउभेटले,समयजसंज्यहीजगजिटगापा जेरुशुखसुपीपी प्रदेशातेप्रति समयेन्नेग्रहीनजिटगा पशाभवसर्पिणीमसंज्यतोथामे,सुगतां भनगहगहीगजट एडाअनंत प्रशीजंघलेमेऊ,भाशप्रशेरहीपटनागाति परमायुधीहसनंता,गुगना हाए सहीजटगापाभन निघेय पदारथ सुगतां,शंशयनरहेलविरुध्नजटगादशाज्ञानर तनाउश्याप्रमुनी,माएमजंडशिरवहीजेंगाजरगागाउ घर भपिंप्रलु शुएगातां, अष्टभडं ही गजटगाटा 1 ॥साजेशी पूनरहश्याचे तेनाराघणासुरवधूगावर जेगीगाभुनिवर वपने पन्नोभण, प्रलुप्रतीभाने पटायेगतेनान सापून मला सुश्पट पाभी,धभत्तनृपपरपावतेनानाशाते हिन्ला निपटने जांधी,सुरभुजसही प्रलुथावतेनागागा तेमशुललावधरीलवीपूनेनेभलवलयरेनवातेनानाचा उहे घरभयंडेसरीयाने ध्याता, शिवउभणाघेरभावतेनालापा | ॥रप्रनुलसेंवासरे,भोरीषागी वगनवा पायंधानालागी लगनवाणेीनछूटे,ग्लाघर पाएगशाभोरीनशनशीया णतपलावनालाये,नैन परमप्रतिपाणशाभोरीगाशाहायडया - - aaparamanandurano - - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only Page #488 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (re मारतहे, पंतशेठ'जुशायरे भोरीगाठा वसंतभाशालीन संशजेहुं होरी,सजी भोरोज्थरीसायो जीनगातोरणे भाजेथलेश्यशी,पशुपर घोषशयोएसजीना मिष्टलवंतर नेहसंलारी,नवभेनेहनभायोसनीनाशायु पिलपति गई प्रलपासें,संग्भयित्तायोसजीनाशानेभरान्नुसोभे भु त्तिभंरिभे,घेलयं जपायोसजीगा। | ॥ीनसंगसुंभे होरीरे, मेरोपीयुज्ञह्मयारीजीनगासमु| विल्याशिवाचीओनंटन, पंय महाव्रतधारीशाभेशेगावाजाप यि गिरनारेणपर,पाछणशन्नुलनारीशाभेरोगाशासंसावनी इं गनमें तीनोडेचणडर्भ निवाशरेगाभेरोगाराउहे नेभीप्रलुने भशब्नुसधेने,पाभ्याभुति भोहनगारी रेभेशेगागाति ॥नेम निरंन्नध्यामोरे,जनतपीनोगानेमनातोरणमाजे यतेश्यझेरी,पशुवन पर चित्तषीनोशाजन गापासेसावनी उंग्णसनमें पंच महाव्रतसीनोशाजन गाशासमुह | विल्याशिवाटेचीडोनंहन, निरभणनेभनगीनोरेशानन गाठशानेम शन्नुसहोभे भुक्ति संघाच्या,पयन्शलीनोरेजन गाथा | | ॥जैसीजीपंतु पारे,उछु उरले उन्ना जैसी गाहिंसा पोरीन्नुह परत्रिया,परघर तृष्या धारीशघटन्नयशाना सीगाउछुगाशासातवसनतुंसेवतोसे,नुवा भयरणयोरीशा घनछीने पतन्नामैसीनाउछुगाशाचघरमशुइलन्ति घरोनि त्य,पून घने सवाशाजुधियाई भेउरन्ना जैसीगाउछुगाप ज्ञानतेंन्ननतभेनिनसायानिशि हिनलब्रसेप्राणीशालय सिंधुभेतनाजैसीगाउछुगानातिए नवनेभ उभाररे,यालोजेसीहोरी नवनासरजीसाहेपी सजभिलारसी,सोणेसलसएगणाराथायोगा ||मेरो मनपीयातुभशंशय्यो,लैसो समनारराथिलोगाशातोश्य Jain ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary. Page #489 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - (१९५ । ऐसाथ शर पीछे,भजणाडोनभाधारशाचासोगासात तुवसंत भूषी जहुरंगी,और पीउछुनारगाथातोपाअपनारे पीयाजोखायो,शशुनडे हिनधारशा पासोगापाताल भृगजां श्वान्त, मोरजान्त षटतासशाचासोगादशिष्टगीतसं गीतशं यित,नापिततायेईपरगाथाखोगाणाणउतशुखादा सातलमेणाहस,रंगलरले शिरारगाथायोगाटयानेज्वार लुळ घेरभावो,भानोघपी मनोहार शायावोगानासेसायनन संन्भलीनो,पोहोता भुति भोटारगाथासोनागारिशन साररत्न सुजारी, ज्ञानसत्रणमाघारगाथाखोगापा | ॥रंगभयो निहाररे, थालोजेपीहोरीपासलडेर जाराथायोगाशणनडे निधारगाथाखोगारंगगानाउन पीएनज्योणीसर घोरी, पून्ने विविध प्रहारशाचायोगापा दृष्यागो धूप घरत,परिभणजहले अपारगाथावोगाशासा सशुसासमबीर पीडापत,पासल रबारशाचासोनागालरी| पियारीगुसापडी छिरो, वाभाडेची उभाराथानोगामाता सभृगराउणाने,त्नेरीलुंगणरएअरशाचायोगापासण सजीयन मिली धूवार सुनावत,गावतभंगणसारगाथायोगाप रत्नसागर प्रलुत्लावनालावे, भुलेजोलेनयाराथायोगाशा | ॥भघुजनमें,जैसी घूम भयाणाभघुमनभेंगाटेगाहेशन शडेन्नवाजाचे,पून स्पीउन्नेरीगासीनाशाशावतराणधुपए रसुनावत,थैथै नायितशोरीशासीगाशातालसालभृष्ण जन्नवत,रएनए घुघरीरएशोरीशा जैसीनालासरथंटन घनघसी घोरी,लरीज्रीरंगरोरीगाजैसीगानापियारी लरलर रडारी, मनीरगुतालडीष्ठोरीशासीगापाग्नि शुनगावतहरजजढावत,भारीप्रत्लुलसेंनरन्नेरीजैसीगा पदासमेतशिजर तीरथहोरीजेपत,पावत रिशन भनुलपन्ने - Jah Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #490 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - रीशासीगाणा तिरा | ॥रागारीनेभल सेंउहीमोभोरी,उहीयोभोरीरे,शामरे ॥से हीमो भोरी।शागातोरणानेडीनेलरभाने,शेडयम लिमानीगरि रिसालागणेऽयवेगापशुवनडे शिरघेषपढायो। तोडीप्रीतपूरानी। घ्यानहीडीसभेभाएीशाभरेसेंगा। थूडपडीसो मुहसें हीमोसीनाजनीनेशोधानीपहेरिणामा हलवोंडी प्रीतजंघाएगी, नवभेयखेड्युंछोडी। शामतेरीसु रतनाजीराशाभरेसेंगाशाभान्नेरीन्नुशभे पुरखेहसाणी,रान्नुता शुखीजानीहेरिणामाजिनति सुनसभरपाटीने, रंगविल्या सुजघनी।। जापागभननिवारी शामरेसेंगाडा सैयां भेने शीजीनीयोरी,शाभरेसेंहीनोभोरीपशाभरेसें समन्नध्व भिलवसंतजेसेजेसजेस्तगिरिघरगोशारिरिगाडग रेगुलाल भुडीलरलरले भनिरसीलीहेन्शासैयांगावाससरोहमा रो समुहपिल्धलशासुशिवाटेची लोरीहेरिणापीयु हुभाशेनेभन गीनोशंसर घनघोरासैयांगाशाउहत घरहनेभनेरानुनी खासजीरभनपुंछोराइरिगारमनासेमरी शिवशत साधी, जा पजिवाघेरीसैयांगाडा शाभरोसुजघर्ष,न्नडी छजीजस्नीनन्नणाशामरोगाप्रीम यसेन वामानंहनजी,डीरति बिलुवनणणारिगासभेताशिजरणि रिभंडरा लुडो,जारशहरमाणाध्य भेरोमनिर्णयमाणात शाभरोगापामागहमारे सुरतप्रध्यो भागभानपाणारे रिगातीनसोडओनायड निरज्यो,प्रगटी पूरवपुष्याणासरणभेरोन नमहाशाशामरोगाशामलोसरसशजिन पामेलपलवल टयो भेलागाहेरिणामजप्रलपरणें चित्तलागो,जालशुन गापमनुसंशषशनसशाणाशाभरोगाडा पासल अजसरातुभारो,तुभारोरे पास मजशरणुतु - - । Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarling Page #491 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९ ४६७ ) भाशे ॥ घ्शलव बेरी ङभः उहोरी, साग्ने जनारशी नयी । हेरिहेर सा सामाजेगानगर सोङ सज वंदन थाले, गया वणी पार्श्वकुभानीराम जेतपशीपेंन्नरी॥पासलगाशा पंचाग्नि रीन्नेग साधत, वाघतल वन्ग्ण लारी ।। हेरिगाउभर उहे होए। अरए। वंहन, नाग निङाणा डारी ।। जराजाष्ट जिहारी ॥ पासलगाशापनंग पर नणतो हेजीसेवड, भुजसे हीयो नवहारी ॥ हरिणापास प्रलुन्कनुं हरिशन हेजी, हरिशन पायोशीअरी ॥थयो घरनी घर पति लारी ॥ पासलगाआसोअंतिम वयने जहुन्तने, ही घन जीने व्रतभारी ॥ हेरि गावड हेडें निशि अपीस्सग्ण घारी, इभग्ययो मेघ भाणी ॥उरे डीपसर्ग जपारी ॥ पास लगाना चिहुं हिशें घोर घनाघन गाने, पाने वाढी नपारी॥हेरिणा भुशणधारी वरसएा लागी, नाशा लगे जाव्यंवारी ॥नाये घरणीवर नारी ॥पासलगाया पद्मावती मेल्नु शिर पर धारी, रेएगी टोपডरे विसतारी ॥ हेरिणीपसर्ग हरी प्रलुग्भागे नाटङ, नाचे पद्मावती नारी जाने यंग तास सतारी ॥ पासलणाशा ध्यानानसें प्रलु अश्भजा सी, सहे हरिशन ज्ञान बीहारी ।उहे आनंद दुशण पहपाने, उरम प्रकृति सजगारी ॥वस्था शिववधू सरकारी । पासला जात ॥ न्निरान सहाय्यारी, न्निरान्गाने भांडणी॥शिवशंडरनगृहीश यिहानंह, न्ज्योति स्वरूप बीहारी । हेरि हेरि खासान्योगास जनिरंन्ग्न पीतराग तुभ, सण नंतु हितारी ॥ प्रलु तु रेणा घारी शन्निरान्नाशाग्जनंत गुणागर साहेज निग्नक, शासनडे शिरहारी हेरिगासुरनर मुनिन्ग्न ध्यान घरत नित्य, वीर प्रत्लु डीपगारील गीतभणएाधारी ॥ निनराननाशा जोगएणीस पथि माघशुहि पंचमी, सोमवार सुजारी । हेरिणान्जी जंदर संघ मिलत जहु, जोछवहु वो बीहारी॥थापना सर्व मनुहारी पन्निराननाआनाव सहित हरेपू नग्नपंधन, न्युं पामे लवपारी ॥ हेरिना हिलवऋष्पि वृष्पियशडीर ति, हिन हिनस्नपिङवधारी॥विनय उहे निन सुजारी॥ न्निराननाच Ja Educationa International For Personal and Private Use Only Page #492 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । - - भत निरजोनारीपीयारी,ललाहोभत निरजोनारीपीयारीटेड एचेहपुरान हिताजहत,न्नऐलोगशाणाहेरिहेरिसालान्नऐ० परान्नांडे हुरमतन्नवेशोभाहे लघुताणाहोनेशीततुभारीगमन तगाकाअण ढोखेपनिडीशोला निगडत जोजियारीरिगान पनपचनपुएयसपश्पी ,सुघरत उसेंजुभारीजोयगेणखटी) प्यारी भतमाशापरनारीतनसत्याशियसलन,लवध्यापिघा माहेरगासतगुरसंगशुनीननसेवा विनयउहे सुजीएसुनो अमरल भारी मतगातातिए | भोपुंजेसोलेषतायो,ज्ञानतोनजहुंपायो भोगाने तादीन सिमुन्ननत,वेठीनश्य पायोइरिहेरिसावाये पपए प्रलुभुजसें भस्य सुन्योन्नसोध्नस्थडेशयो।ज्ञानगापा जोहीमरथमोहीअक्षरभे,पए उपहुँनपायोइरिगाउवणज्ञानपिनासबहीडो,न्नु सायगायोज्ञानगाशासनतिभा सिनहीजे,शंशय तिभिर हरायोरिणााथन्नेऽप्रलुलमान में विनयशुं शीशनभायोगज्ञानागातिर | सरोवर तीरे घूम भयाई,गोपीसजण्याहभनावनमार्ण पसरोवरणास्थापीमासनेनेभलुहूउहे घेरीपालवशाहीगोपी पानातुभारोहवरतेहने,जबीशसहसंखुणाणागोपीनाशापरयोतुभे मेऊनारी उन्याने संसारभुजाणागोपीनागालरपियन परीसर रंगणंटे,शुपालसें घरतीछाणागोपीगागाछुटशोले महवेसांउडे भाज्या,भान्याविनाहेलोन्नणागोपीनापापिया ह भान्योभेमसहुरेहेती, भाडीने पीपी चापागोपीगगहारा निल साथै उनी सगाई,गिरिधरेन्नन यताणागोपीगाशातोरण थीरथपाछोवाणी,संभषेपथयाअभाणागोपीनागाचणपा भी शिवपुर पोहोता,घरभयंपूने शुशुशाणागोपीनाफा वसंतामनरेजसंतऋतुभाई,थयोशेचंन्नत्रा - Jail ducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibraryay Page #493 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( १९८१ ) उरनामनरेगात्मरपियशी प्रलुभुजाणे,मनीर शुषापण शाययोगापाउसरी भटडी पत्नुपर,प्रेमसुशणपाध्शाया लोगशाताल भृगजान्नेलागे,जानतरंगजपाशायापोगा एडयासजसजीयन भिलभंगलणावे,मधुर स्वरसेंजोसाशाथान सोगानाजेडेनालीनंहनलागेताथाजेखभयाशचिवोगाप एडहे भुणल प्रलु रिजलविनेश्वर,यरणउभणसुजराणायवोगाव ॥सजीरी तोन्नतीगीगढगिरनार,ल्यांभेशस्वाभीनेयोगन पीया तोगाभाई भोरी भरत जी मुरावे, तोरेईनेडीमन नाहीं गन्यांगाणागिरपरनगंणीने महाव्रत सेणगी, पूश्वरम रजपाजंगीपाल्यांगाशात मुटुंजपोहोगिरिणपरीक्षा लेनेॐ नणंगीन्यांगाशारतनयंसिरल मेहे, भेरोभावागमन निवारील्यांगाच्या ति॥ | ज्युंजेषेरंगहोरी हो चेतनायुंजेखेएभेशांशीराभपनाभीतर्छयुंनऊहीयो, भिती हेभभतारीज्युंगाापाभरणे संजेलोतु प्रीतम,यपरभघोरीज्युंगाशाभोहजेपारन जेसावेतन,तोतुभेजेसोझेशाज्युंगागाच्यजसंत घेटिनो जेसन जापत पुरशत छोडीज्युंगानासेहेनजसंतघरमायोमा पिने, भति उभरी जीछोरी एज्युंगापाज्ञानशुलावभोर घ्यानमा जीरशूरसजसउडोरीगड्युंगाहाज्ञानणयोत प्रलुवीरन साहीमोसमतुभमविपणन्नेरी युगाणा महारारतोरेभंहिरभंजरसे रंगहारेहोत्रीयिंताभन पास प्रिललगातोरे भरिभेगाटेाज्ञानगुलाल मजीर अरगन्न, सुभता। नीरसें थंशाहारे होगाचा अनुलवलेहेर सीपबाडी,निनि पिढते रंगाहारे होगाशाणिपशभवाशाभगमनुपमा शुलध्यान ||नडे संशाहारे होगागा अभयाउहे चिंताभन चित्त घर,तुम || मपिहऽ रंगाहारे होगाच्या in Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibra org Page #494 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ॥यसभपजेसे होरीजेपीमायतनामांणी महानउंचनेकुम्भहीनोहे, जिन विवाह भतछोडीनोथिवनाशायनया टोडेसर घोरी,भारे पियारीरंगरोणीमाथिलगाशामेऽभुज भाछ शामसुंधर,भारेगुलालमन्नेरीभोथितगाजाभान्यो विवाह शगारीमेसोशनसुन्यो राधागोरीगायतमानापयंह हेणयसेनहीजेटी,राणीरान्नुलसें विवाहुन्नेरीलायसवापारा । - गाभेतीतोरी पनभारएंगीशमायोजसंतजेसुंडोशा में तोगारेवत शिरि भतन्नमो भेरे भोहन,भेतो गंगी शाभदुहारे राभायोगाशापूवनेहसोलयोभेरेभोहन लाभनीथे जीधीधारी शाभायोगाशान्ती भासने शुंसंनभसीनो,ज्ञानयोत सघर्ष शाभायोगाशा गातिए | नेभलमेरथ तोरणसें हिरामो,पशुवन पोअर सुनायोगनेम लगारंगभेहेलसेंटेजेरान्नुस,सजीयनपुंजतलायोगहोंसहभेरी भनमें रेहेग,शाभ पीयारीसायोनेभलपोडीपायडीये नवने,शाभपीयानभनायोएपिऊघिसंसारन्तकुं, जैसो मिथिशयोनेभलगाशासेसावननई संनभसीनी,जलया। रीव्रतपाप्यो नेभरानुसोमे भुप्ति मेहेलमेंहरजयंहशुनगा। योपनेमलगागाति | रागसोहेपीपीयाजिनारे सेंजेसुंहोरी,सेजेसुंहो। रीडेसेजेसुंहोरी पीयागायनेहोशीलभेध्यानागीभेतोजांज लरंग्णपाणीपीया जातोरएसें रथरेश्यो हेगडयुहमा पथन्लेडरशी मिनती,सुनीमोमबहभापीयानाशा मानेभयान के त्योहे, भेन्नएयोहेब्रह्मयारी गपशुपापोडार नीउरणार,न्न पढ्यो गिरनारी पीयागागागृहउँछोडीउरभ भरोडी,पीयापाछेरे उंचारीसेसावननई संन्भषीनो,भोहरा यहुं छोडीपीयानाचाराम्भिती निगशोउभिसनउँग्निमाणे Ja Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary Page #495 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (१७१ । घशानेभरान्नुहोजेमुग्नेंसघाउल्यागपत्नईन्नेडीएपीया जिनारेगापा पति वसंतजेहागारान्नुस सुंघरनार,शामसंगजेषतहोरी। रान्नुतनाग्यानडोणडतशुलास,शीसीसर घोरीपतपनपसंनभन लरी पियारी,भकोषकुंतोरीरे भाषाशनुसनापनक्षेमजी भगाय डेरे,लापशुयलर मोरीय महाव्रतयंनछांट्यो मन रगनसभरसघोरीरेभाणारान्नुसगाराााविधिरभीजेंशगन शाभशुंभन सुघहोणायितुरशणतेरोलपलवसेवऊ, चंदु उरन्नेरीरे भाणारान्नुसगागातिए ___॥वसंतानोगाभावनरेभाहोरी भावनगाभेमांडणी पभुजी रानुसजेमजोसे,वाचोभनायोपडजराजाच नगापाशगन निरनहींहे, ज्या सोचततुंलयाभनलारीराज यांपडहाहान्ने उहावे,थंडोनी भुज भटडीतुंभीरीभावनगाशा सलसएगार सणगाणिनिता,अजिरगुवाललीमोजरन्नेरीप नेभीश्वरशुंजेसजेखतहे,तालभृगजांबन्नेमाजावनगाडा हेसभुरिग्योथेरो, रेयसेनही छोरी रंगाहेमभृतपर धीने,अवियणरहोमान्नुणन्नुशन्नेरी भावनगानाति॥ | । परन वसंताशेरीजेसावतानमा,नेभीश्वर संगेलेल्या ध्याहोरीगारेवतगिरि पर भेभिलेसज,सहसपत्रीशजतेन गरीयांहोरीगाओ संगपियारीपीओ भजिरशुसास सेंझोरीलरम्याराहोरीगाशानेभञ्चर सुंजेसतहोरी,च्याभिषाचत ताललरैयांगोरीगागाभौन रह्माननुपात पियारी परणोप रनारीलपेयांगहोरीगाचातोश्रोभा पशुवाछोडा,राज्नुपनारी// जियार औरैयांहोरी गापाभुति घुतारीशोऽहमारी,नसेंज्यु मेरो चित्तलयोहोरीगागासेसायन नई संभलीनो,शुश्यन ध्यानसेंडेचसपैयांगोरीगाणानेभरान्नुस धेनुं मुन्ति सघागे,|| - Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarprg Page #496 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ૨૭૨) रूप म्हे हम सेत जसैयां ॥ होरीनायातिए वसंत घनाशरी ।। भेउ सभे घनशामजी सुंदरी, नेमसेंच्या हुडी होडन्युं जांघी ॥भेज्नायूवेडोजीथ इसेसी रेसो, गुखासड़ीमेह अजिरडी गांधी ॥भेज्नाशा सोधेडो नीर सीजे सज जाता, गाती धमास नैन रस साधी ।। भेङनाशात्रीयाडो जेल हेजी भुसा ने, मान्यो ज्याह अंतरडी साधी । जेङना आज्याहुहूं छोड यसे गि रनारी, समाधी गेहु चरएा आराधी ॥ नानाश्भ धूर सीजे शिव सीसा, ज्ञान डीद्योतङलागुए। जाषी ॥ जेङनापा ॥ हेरी बाभासुत ध्यान घरो, भोरी भाई, श्ररए। रंग जेसे होरी वाभासुतणावैर संभारी श्जसुरतव नायो, घन गरनत जरशत घोरी वाभागाशापवन लत चेपणा अति श्रभडत, कुंडल हादुर पीङमो नीर जढत प्रलु ध्यान पढत हे, उछीन उरभ सांम्स तोरी एवाभा आशा धरणी घर पती चंदन निम्श्यो, साथ सीजे जिनिता लोरी॥आ जे मलुझे शरण ग्रह्यो है, असुर गयो निन्न भह छोरी ॥वाभागाआ लम्ति उश्त सुर जहु निनवरही, तास गृहंगयांग जोरी ॥ जेड गावत जेऊ जीए। जन्नवत, भेङनायत मधुपरे गोरीगानाजजघातीक्ष यज्ञान पीद्योतगुन, पीससित सुर सज उरन्नेरी ।लक्ति लावनाट डल सभक्ति, पायो नि अनुभव न्नेरी ॥ वामानाचा ति सुमति सहा सुजा हो जेसन मार्च होरी, जेसन जार्धप्या परी जेलन जागा सुभतिणापूएानिंद सुजहपीयु संगें, सज सजीय न मिला हो। जेसन गाशा निनगुन जागमें सहुन जसंते, भोन भयी मनलाई हो जेसन गाशा ध्यान समाधि लवन में जेठे, रसलर जे से गोसार्थ हो । जेसनगाआ प्रलु खाना शिर छत्र जिराने, दुहुनय यभर ढरार्ध हो । जेसन गानामागम जीन संगीतें जहुराम, जा न्त विविध जन्म हो । जेसन गापशांत सुधारस प्याले पीवन,आनंद सीस नभाई हो ।जेसनगाझाया विघपीयु प्यारी भिलि Jain Educationa International For Personal and Private Use Only -- Page #497 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जेसत,सुनसजसंतति पाहणजेलनाणालानयंप्रलुपासप सायें,शिवसुजहरजजधाहोजेसनाटा वसंतघभाषाथिलोयेतनानिनसेंजेसहोरी,सजीरीजेती// जे भासवसंताचियोगासभतिशुध्यवसंतऋतुप्रशी,ध्याला जनरायाजतिन्नाविनथाEिऊजहुगुएराशुंभनोहन नियमाधि उलभरपुंन्नयाचिवोगावासजरंगरंगसुरंगशुखाचे,लरीलरीजो रीसुरंगाजमिनधासमता पियारीसुजारी,पशभरसडे| सरप्रसंगाचसोनाशाशुष्टसध्यानभनीर समुन्न्यसायिधि शीमो छिरावाजमिन्नणाशुध्यनयाभउधेरीजें हो घेरत ग्निपुंशुललावायियोगागाभनुलयाली घेरतीभेत्रलु ३शुचा शिवपटेताजपिन्नजायाधम भुनिसेवप्रलुळसें,हिनहिनन सवीसुजताचसोगाचा ईति। ॥हरिसलनासघणी भणीरे सरोवर तीर मुडाशाखलना। ज्याएभनावनगरगरे,घेरितीनोनेभभाराजसजेसी रंगिन सीमेमरहे होमेमांडणीति रहित भागिनसोहे, विएश्यप णनो भेहाललनारग्नी दिनानेभयानहीपे,तेभनारी पिनाना रंगेहानपजेसीगाशाचार चतुष्पल्सभणे चार श्ण कुसने | जियाशालनागोरी परणो देवर मेवी,पंशनदुसिएगा। असोतीवाशालालगुलामग्निपरडारे,उरी उसरनोरंगावर नापायुवापघ्नने मोरमश-,त्नीनो प्रललनोभंगाजलजेन सौगाजाहजहनीयंगजन्नवेओउरेवीगानाधासखना पराशरसंतमलापेरंगे,जिससमनससामाजसजेवीगापात वरपक्षपणानिधीने,उभणाग्रही निनाथालसनाराहाय नाव विषासहेजावे,पएनपिग्गनाथामसजेतीगाना घरभयंछनेभनेशन्नुलीमनंगने शाषनाशिाणन गरणने पाभी,चशीयानई शिवपूशामलजेपीगाणा Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrartig Page #498 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - ॥वसंतभाशागोपीगोपालन होरी,नेभसंगजेखननामा गोपीगाहणघरशिरिघरहेरेगीपनओव्याहभनावोन्नेरीनेभरी पाराघारभिएीने सत्यलाभा,भिसीसनसनियनोरीप नेमनाशायुवायुवापंटनमोरमरगलसरगागरघोरीराने भगाडानजीर गुलासडी घूम भयोलरपियधरीछोरीरानेभर चालान भृशयेणाऽणाने,जिय जियताप्लटडोशानेभए पालर पियारीनेमभुजपरगारे शिरपरगागर ढोरीनेभा पासेगमेनेभप्रलु भुनसेनजोले भाल्योच्याए उरनेशाने भगागासगनतीनोसणभूरतस्यागडे, शब्नुलरूपरंगगो रीनेभगातातिए जनुलपयित्तभिलायोभोऽशामसुंधरवरभेशशाजा नुनयनाशीयणगपीयासंगरमुंगी एमागी तेराशाज्ञा नशुपालप्रेमपीथारी,सुथी अध्यारंगलेशगाननुलवणार पिया मिथ्यातनिवार धरंगी , संपरचेशनलेशशायिघनघोसी होरीसत,जानेहोयलबरेशगमनुलवनाशा ॥ जयपंचतीरथनी जारती॥ ॥पेहेली भारतीप्रथमारिएांध,शबुन्यभंडएऋपलनिराधाश्रीसिध्याथम तीर्थेभाज्या,पूरवनवाएंलपिड मनलाव्या गजास्तीतीने श्रीग्निपरीपासरीभारतीशांति रिवंश तिउरेलु शिवभारगडीपारेवोरिऐशरयेशज्योचितपाभीने धर्मास्योगामागाशातीसरीभारती श्रीनेभनाथाशन्नुलनारीन तारी निन्दाथसहसपुरषशुसंयमदीपोरीनिजातभा नसीयोमानाडाथोथीभारतीयितुंगतिवारी पारसनाथलपि हितगरीगोडीपासशंजेश्वरोपासालविग्ननीपूरेभनमास नागाहापायभीभारतीश्रीमहावीरााभेर परेंगिभरयापीरा। । Jain Educationa International For Personal and private Use Only www.jainelibrary. I Page #499 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ९.४७५ ) साढाजार वरस तपतपीया । भ जपावीनें शिवपुश्वसियाना पाणिपरे मलुलनी भारती उश्शे ॥शुल परिणामें शिवपुर बरसे ॥ णिपरे निनलनी भारती गावे ॥शुल परिणामें शिवपुर नवे ॥ जागा उरब्लेडी सेवा खेभ जोसे। नहीं डोर्घ मारा निनलने तोले । खानामा छिन ॥ अथ मंगलिङ टीपड ॥ ।। हीवोरे हीवो भंगसिङघीवो ॥ जारती बीताशेने जडु यिरं लवो ॥ हीना सोहा भए घर पर्व हिवासी । संजर जेसे नजलाजासीराहीना हे पास लएगे घेणें हेव जन्तुश्नासी ॥लावें लगतें विघ्ननिचारी ॥ हीना हेपास लएो छऐंगें उसी असें ।। जारती बीतारी शल भर पायेंगाहीगातम घर भंगसिङ जम घर मंगलिया चतुर्विध संघ घर मंगलिङहीवो ॥ हीना घिति॥ ॥ अथ मोटी जारती ॥ ॥ पेहेलीरे भारती प्रथम निएगंध ।शत्रुन्न मंडए। ऋषलनिां धान्यन्य भारती आहिनिहंडी । दूसरी भारती भरहेवीनंहा गन्नुगसारे घरम निवारऊधान्यगाथा तीसरी भारती त्रिलुंबन भोहे । रत्न सिंघासन भारा पलुलने सोहे ॥नना पोथी भारती नि त्यनवी पून्नाहेव ऋषल हेव श्जवर नहिंदूलाननाशापांचभी जार ती प्रलुकने लावे ॥ प्रलुलना गुए। सेवड भिजावे ॥नगाआआरती डीनें मनुशांति निएहंडी ॥ भृगसंछनडी में लीं जसिहारी॥न्यन्य आरती शांति तुमारी ।। विश्वसेन संयश हेवीडोनंघाशांति निएांध भुज पूनम धंधाान्यगाना भारती डीनें प्रत्लु नेम निांडीज संछनडी में लीं जसिहारी ॥ जागा समुह विनय शिवा हेवीडो नंहा नेभनिएभुज पूनमधंधा खाणाचाभारती डीने प्रलुपासन रांडी ॥सिंह संछनडी में लीं जतिहारी ॥ जाणाश्नश्वसेनचाभा हेवीडो नंदा ॥पास निएां भुजपूनम यंहा नवा शाजारती डीनेंभ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only Page #500 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । - हावीर गिएडीसिंहवंछनडी भेनगंजलिहारीपनगासिध्यारथा राया त्रिशलाचीनंघावीररिए भुजपूनमयंधानगागाभा श्तीजीने प्रलु योवीश निएंडीगायोचीसगिएंडी भन्नण जसिह शायोवीसे रिभुजपूनमयधामगाटयाउन्नेडीसेपऊमा जोखा नहींडोभाहाराप्रलुलनेतोपागाणारातिय ॥ अथ शांतिग्निनी भारती ॥ .. ॥ज्यनयभारतीशांतितुभारी,तोरायराइभली भेनगं जविहारीमानयगापा विश्वसेनअपिशलनंह,शांतिनाथ भुज पूनमपंधानयनाशाचालीश धनुष्यसोवनभयजया,भृगसंष नप्रनुपरए सुहायान्यनाडायक्रवर्ती प्रलुपांयभाशोहे,शोष भाग्निचर न्यसहभोल्यगागाभंगलभारतीतोरीने, न्मन्मनोसाट्रोलीगाग्यनापारनेडीसेवएगाकेसोन रनारीमभर पापाज्यपातिए ॥अथ श्रीजाहिरिनमारती।। ॥सपछराउरतीभारती निभागेगारे ग्निमागेरेनि नागाहारे भेतोभपिपलसुजांभागहरेनालीनंटन पास पभपछराउतीभारती निजागोमाताये नाटउ नापतीपा यभारिय चरणेनरअमाहारे सोवन घूघरी घभडे एहारे खेती डीजालानाशातालभृष्टंगनेवांशलीऽश्वेगा एरेडागावंतीस्वरजीयाहारे मधुर सुरासुरनयांगां। लेतीमुजड़ें निहाषामनासाघन्य भरध्वाभातने प्रलुब्नयाहां रितोरी उंथनवरणीयाराहारे भेंतोपूरव पुएथे पायाहारे टेण्या तोरो रेशमगाचापागलपन परभेश्वर प्रलुप्यारोहारे प्रल |सेवकुंडूंतारोहरेलयोलयनांदुजांचाहारे तुझे धीन याताजगापासेवन्नएीमापयो चित्त घरन्गाहारे भोरीमा पासपतीएरलाहारे मुनिभाए। सुजीमो रन्नेवारेनए// . . - Jarducationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary org Page #501 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ( ४७७ ) पोतानो जाल अगाधाति ॥ अथ निग्ननव अंग पूलना होहा ॥ ॥ न्ग्स लरिसंपुष्ट पत्रमां, युगसिङ नर पूनंतऋषल पराजं गुडो, हाथ लवन्ग्स अंत ॥शान्ननु जसें अवीस्सग्ग रह्या. विधस्या देश विदेश । जडां जडां डेवल सयुं, पून्लेन्ननु नरेश शालोअंतिङचधनें उरी, परश्या चरशी घन ॥ उरझंडे मलु पून्ना, पूले लविजहुभाना भानगयुं होय अंशथी, हेजीवीर्यजनंतालुन्नजते लवन्स तस्या, पूने जंध महंत ॥नासिष्यशिषागुएजेन्सी, सोमंतें लगवंतावसि यातेणें अश्एा लवि, शिरशिजा पूनंत ॥पातीर्थडर पर पुएयथी, ति हुश्नएान्न सेयंता त्रिलुपन तिसङ सभा प्रलु, लास तिस नयवंत शाशोस पहोर प्रलुदेशना, उंचिवर वर्त्तुसामधुरध्वनि सुरनरसु ऐो, तेणेंगसे तिसङ अभूस ॥हृघ्यम्भल डीपशम जसे, जास्या राणने शेषराहीम हे वन जंडने, हृध्य तिसङ संतोषागारलत्रयीशु एजेन्सी, सम्स सुगुए। विशराभानालिङभलनी पूनना, उरत विश्वस धाम ॥लाडीपट्टेशङ नव तत्त्वना, तेएो नव मंगनियांघा पूले जहुविध रागथी, उहे शुलवीर शिंघाषणा ॥ ॥ जय श्रीपार्श्वनाथनी भारती ॥ ॥ भारती डीनें पास डुंबरडी, नन्म भरए। लय हर निनवरी नयरी बारसी नन्म उहावे, वामा भात प्रलुहुरावे ॥ नानाशाचौ चनचन इस लोगि एणाचे. नारि प्रलावती सती परएणाचे ॥डाथ निरो ग लोग विससावे, पुरिसाहाणी जिरह धरावे ॥ जाणाशाज्ञान चिसो डी ङभङ हुरावे, गहुन हुनथी इएगी निम्सावे ।। सेवङ भुजनवद्वारस एगावे, घरएाराय पध्वी निपन्नवे ॥जाना शाक्रोधी उमर हुतपलय सावे, निन दर्शनसें सुरगति पावे। लोग संयोग वियोग जनावे, संय भश्री मातम परएणावे ॥ नागानाध्यान सहेरियां ङाणीस्सगला वे, स्वाभिङ्गं वडस्य तव गवे ॥ मेघभासिन्सपर परसावे, न्जनासा Jan Educationà International For Personal and Private Use Only www.jainelibrarorg Page #502 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिनुरेनरन्तावावगागापातव घरऐशसनपावे,पद्मावतीसा|| थित्यमापनायजरघसिरएीकुंघरावे,नईमपराधी ध्वऽशवे एमागासा शरणसहि सहित पाये, शणिपतिनाटपिपिपिर याप्रलयरऐनभीणेसघावे,तीघर घनघातिहरायेग भागाणासाअरेंउचलपुणपावे,धर्भही ग्निनाभजपावेगल्लू तप्तपिचरी भोक्ष सिघावे,जगुरखघुगुएराप्रलुनिपन्नवगाभागादा मारतिशतडीमारतिगावे,प्रोतावतारतिशतशवभनभो-|| |हन प्रलुपास उहावे, त्रीशुलवीर ते शीशनभाषेणभागाक ॥ प्रस्तापिऊोहातथा थोपार्छ । ॥सुजणपन्योन्जाभिटगयो,अवरो सुनीप्रलुनाभरारोम रोभमानंहलयो,जप्रशस्योराणप्यानापाप्रनुलनामा उप्याराहे वणी शोनाभात्यानासणसंगहुंउस्याएहे,भ नुतऽस्यान त्यानाउल्याए उस्याएसजउँयहीने, ल्याएन चाहत होयाउल्याएतजहीन्नगीने,न्ने प्रमुढलन्ति होयाआघन घनराणघनाशरी, घन घनभाग्नो हीनापनपन नभाता त्रिशलाची,बेगेन्नयोश्रीमहावीशाच्यावसंतभायोले सणी,सोवनडुंपणीभेगाापारसनाथपून,पांथो अंशुणीने पापासोरहटेशनवी संययो, न पढ्योगढ शिश्नाशानेऐशत्रु न्नेलेट्योनहीं,तेनोभेणेगयोभयताशादासारंगणितत्याजागा में, सिभिसहेजनन्नयहाथ पसछानडी,भासनडे घरबयाणागोरीगोडीतेपे,सहसोहेलो होयापुजलंने हाणि हहरे,चेरीनणंने डोयाटयागोडी पूछेगोडहूं ओएलसेरो शासं पतहोयतोघरललो, नही तोललो परदेशामरगलराजाला रे घटानसी घनघोराारूपधारे पश्एपें,भंगणगावेभोशागाभे हुतातुंलतेभावीनी,घश्तीभेडीमोसएगाशातीला यरका पेहे Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.com Page #503 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रना, मोदएनवरंगघाटायंपातुन्भेतीनशुनारूपरंगभोरजा सापयतुल्में मेऽभवशुनलयो, लभरनभावे पासपशावाडीन थिपोभोरीनो,सोपन उपपीभेणापासग्नेिश्वर पूलने, पांथोओ गणीभेएगाछापोउरेषाणभे, जेडे श्रीग्निशगान्तारानि पियंम्भा,त्युंसो माहारागागापपोतो परज्योनही,घोडीयो शाललाधुसागीरह्यो, ननोडीयोहन्नूरपालेजनलवनमा सपनामाविषण रह्योनमेयान्ने घडीगई प्रनुलग्नमें तोल चनमरणसोयापदयात्मा ग्निवर पूल,लावें होने घनालालापनालाचतां,लावे डेचण ज्ञान पणापुएपरिणती होयलली, || पुए सुशुरागरीष्ठापुए भासिय विघनटणे,पुए भणेते ऽष्टात पपूतीमा आवऽनेनभुवीरे प्रशंश्योनेहाधेडासागजारमा,नि स्थलतिरेहापास्यास्वामीनासगपएस ,मवरनसगपणजोय गलतिशेस्वाभीतपी, सभडितनिर्भणहोयाणालयानिन पर पूल,पूलनाणहोयाशननभे परन्ननभे,नेनीमाएनषोन पेशेयाशासिध्यपकनाशुएघणा,ऽहेतांनभाये पापंछित पूरे जहरे,पंवारंवाराशाशेधूल नहीनाहीने,मुजणांधी| जोशाघवन्नुशारिपूलभ,भारीभनसंतोषालयापारसनाथ उनाभसें,सनसंरभिटन्नथए भनशुष्य सेवाउरेताघरसण्डी सुहायपश्चाज सजडोप्रलुलने,सुजभेलनेनीयान्नमा जिभेप्रलुईलनेतोजायउँहोयाश्याज्ञान सभोसेघनन ही समता सभोनही सुनावत सभमाशा नही,पोलसभोनही पुजाराशेधुंन्न सरिजागिरिचशा रिजलसरिजादेवाणौतम सरिजागराधर,पुएखही हेवाजाप्रलुस्वरूप चित्तलावता प्रसन्न थयुंभुनभन्नातुभसरिजीसतानही प्रलुतुंगभांपन्न पश्वासनमपाणेसिध्यनमी,शियणनजंडेशातीयतसशिन विशति वेशणी, सशतशगन इषाकारलगवंत होनोजजे Jal Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrar Page #504 -------------------------------------------------------------------------- ________________ / (180 छिनांपाशुपायाजाविहारी भेरेशुद्धतणी,नेणेअरिहंत ध्वजता यानाधरिशनपुरवलज्ञानशुग, पावित्रतपशु विद्याशाननी विपहनेसेवता,पाभीने नवपारापापन रिसदेसर अस्पतरघन|| यसरी विधानसपसायेंभुराइयां,भनवंछित ततजेवउशप मलियाविधनसविषीपशभे,नपतां निनोचीशानमतानिन गुश्पयउभणारणभावपेनगीशाउणेपारीजरिहंत प्रत्नु सिथ्यलन्नेलगवंताभाधारणवलायतेभ, साघुसणशुएवं ताउचायणप्रगटेगणनिधियें,नगर रानभांथायाविषम तथ परिणभे,पूरय पुएयपसायापापघवानणणघरहोया ||सर्प होयमभावापुएयवंत प्राणीलहे,पण पारिधि रसा जाउाभन भनोरथ छोडतेशञ्यिानहोयपाएीमें सेंघी| भिलेखूजा गिभेन याउणाएंसोथालेहंसगति,नेतोजीलपी शानशोथाले इंसगति,उभनऽरियरीशाउटाअभएसुप तशरधन,लभर लिजारी लोयागोष्टननेनर नष्टने थिर यस योते शेडयामापुग्न भैवी पुशील तिय च्याधिरी विषसंचाई उवेश्याग्रनहिलसा,भरणत पंचागाठतां अतिहिलो नसतांभनिदुजाभान्शमलाणिती शयांसघसा सुज्जप पच्चास्त्रीभाषे संपत्तिवणी, पुत्रशरीरें सोयाभाडीन्नयोनहि भि खेलोडलियोथलन्नेयाच्शावेश्यावैरीभनिख,अभी उटा साजेतानहोय आपणां 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