________________
( 33 )
परणारापरडी आासतें परबस लये हो, आासा हासीउरीजयिन याबीरे॥परम महोध्थ पर पाडीगे, अहुनिश अरिहंतडे नगारे
પાપા
॥ श्जय 'पलाती।पंच परमेश्वरा, परम जलवेसरा विश्ववाले सरा, विश्वव्यापी लम्ति वत्सस प्रलु, लडत न्नध्परी ॥भुतिपहने वरेऽर्भअपी॥पथगाशावृषल मंडित प्रलु, ऋषल निनावंहीयेंनालिभरहेपीनो,नंदनीगे॥ालरतने प्यालीना तान लुवनांतरें मोहुभ मन्गो भुक्ति टीडी ॥ पयगाशाशांति पहजापवा, शांतिपथापवाजि लुत अंत मनुशांति सायो॥भृगांउपाशपत सेनथी पीपरी, जगतप तिथयोन्यनन्नयो॥पना आनेभि जावीशभोशंज संछननभो
2n
समुद्रविन्यां गन्ने अनंग कती ॥रान उन्या तक साधु भारण लला । नाति जेणें डरीन्गवहीती॥पयनानापास निजरान अश्वसेन मुली पनो, न्ननीवाभातएगो नेह लयो।सान जेटपुरे अन साध्यो सवे लीडलंन्ग्नप्रलुहायो ।पथगापाचीर महावीर सर्ववीर शिरो भणि, रएावर मोहलट भान भोडी ॥ भुक्तिगढ ग्रासीखो, नाती पासी जोगनाथ नित्य वंहीयें हाथ लेडी ॥ पंयनाशाभातने तात अव हात जे हेवना, शाभने गोत्र प्रलुनाम सुएतां ॥ वीध्य वायम्बहे, बीदृष पह पाभीयें गालावें लगवंतनी डीर्त्ति लएगतां ॥ पंथणाणार्धति॥
॥ जथ प्रलाति॥श्रीपासडे परन नित्य नमो लवि प्राणीरे, नि नेनिन हरस हिजायडे हिनी, नाग नागनी डुं सुरशन धानीरेशापागा न्दुवंशीडी निनेनशनिवारी, जन्म अमर रेलडी हे हानीरे॥हृघ्या भलभेन्ने नित्य घ्यावे, सोर्ध संसारमें सुग्यानीरे॥पाणाशातापर दुर अतिझे नहीं लेशे, पाभा सुतडी हे निहां मेहेर जानीरे ॥षीय मनुसं नरलभी, अज भुनशे सीतें मानीरे ॥ पानाआधी
Ja Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org