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पायाने हयगय रथ पढ्या धतुरनर, जेड आगसीलयाथैिवाच जिद्यभमानी संघतणी परें, न्ग हीडे हाहूतो ॥ उयम जसीतेसहेससरेल, सुजलर से सूतोरेरायेिगासाठींहर छोडें डीघोडीयम, इथंडीयो उश्होले ॥ मांहे घणा विसनोत्लूज्यो, नागरह्यो दुःज डोसेरे शाथैनाशचि वरकुरी भूजतस भुजयां, ध्येि जापएगो देहाभाग सहीवन नागपधाश्या उर्भभर्भन्नूनो नेहा येनायार्धति उर्भविवाहं मृत्य ॥ ढास पांचमी ॥
॥ हवेणीद्यभवाही लएंगेजे, जे श्यारे असमर्थतो॥सम्स पहार थसाधवा जे, जेीद्यम समरथ तो। वीद्यम उरतांभानवीने, शुंनन पिसीले अन्तो ॥ शमें रथएपायर तरीजे, सीधुं संग रान तो ॥शाउममनियत ते अनुसरेको, नेहमां शक्तिन होय तो । हेबील वाघ भुजें पंजीयां ग्ने, पिठी पेसंतान्नेय तो । आविएाडीद्यमभिनिङलेखे, तिल मांहेथी तेल तो ॥णिद्यमथी डींथी पढेजे, ब्लूखो जेडेंहिथ वेल तोचा बीयमङरतां भेडसमे भे, नेह नवि सीने अन तो ॥ ते ङ्गिरिबीद्यभथी हुये से, नेनविभावे चान्तोद्यमपुरी खोया विनाग्ने, नवि रंधाये ज ब्नतो॥भावी नपडेडोसीग्नो जे, भुजमां पजे तन्न तोर्भपूत जिद्यमपिताश्ने, श्रीद्यभेंडीपां दुर्मतो ॥जीद्यमयी दूरे टखें से, ब्लूखोउर्भनोभर्मती॥णदृढप्रहारी हत्या उरीग्ने, डीघां पापश्चनंत तोषिद्यभयी षटभासभांजे, जाप थया अरिहंत तो टीपेटीपे सर लरेने, अंकुरे अंडरे पास तो । गिरिजेहवागढ नीपने भे, अद्यमशक्ति निहाल तोताषीद्यमयीन्ग्स जिंदुनी से, उरे पाजाएाभां डाम तोणिद्यभथी विद्यालएोग्ने, पीद्यभन्नेडे हाम तो ॥१०॥ ॥ छति अद्यभविवाहंगा ॥ ढास छठ्ठी ॥
[[जे] छंडी डिड़ां राजी ॥ जे देशी ।। श्ने पांये नयवाहरतां श्रीग्नियरो आवे | अमिय सरस न्निवासी सुगीनें, नानंद अंगनमा वेरे ॥प्राणीणासमति मतिभन जाएणो, नय भेडांत मताशी रे प्राणी॥
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