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विए। नासरे आतिएो भुज्ञ भन निनगुएा घुसी, पामे सुनस विलास निजवर नामणादशा
ढास जारमी॥ तेतरीया लाई तेतरीया ।। ग्ने देशी ।। पुष्जरप छिम मैरावते हुये, जतीत थोवीशी चजाएंन्जजम्पबृंहथोथानिन नभीयें, छठ्ठा कुटिलम्ललासातमा श्री वर्धमान निनेश्वर, योवीशीवर्तमानळानेश्वीशमा श्रीनंही देश निन, ते समरे शुलघ्यानेल शशानोगएशीशमा श्री धरमयंक निन, अढारमा श्रीविवेडीलाहवेन नागत पोपीशीमां, संलाई शुलटेडीला श्री सापक्ष योधानिनछठ्ठा, श्री विसोभ प्रएामीनेंन्लासातमा श्री भारएय निन घ्याता, जन्मनो सा हो सीनेंलाशाश्री विनय प्रत्ल सूरीश्वर राजे, हिन हिन जपिङनगी शेला जंल नयरमां रही योमासु, संवत सतर छत्रीशेंळाहीढसो उत्याशिष्ठने गुएायुं, ते में पूरए डीघुला दुःज धूरए । हीवासी हीच - सें, मनवंछित इस सीधुका आश्री उस्याए। विनय वर वायऊ, बाहीम नागन सिंहोळा तास शिष्य श्री साल विनय जुघ, पंडित भांहि सि होन्णातास शिष्य श्री नित विनय जुघ, श्रीनय विनय सौलागीला वार्थ नस विनयें तस शिष्यें, थुएशीया निन चडलागीलानाजेगु एगो ने उंडे उश्शे, ते शिवरभएगी वरशेष्ाा तरशे लव हरशेसविपा तऊ, निन श्नातम बीघरशे लाजार ढाल ने नित्यसमरशे, डीयिता न जपिरशळासुमृत सहोघ्य सुन्स महोघ्य, सीसा ने यादृश्शेल
राज्सश । श्ने जार ढास रसास जारहु, लावना तरी भंनरीवर जार अंग विवेङ पल्लव, जारव्रतशोला हरी ॥ जेम जारतपविधसार साधन, ध्यान निनथुए। अनुसरी ॥ श्रीनयविनय जुघन्परए। सेवड, नसविनय नय श्री सही। शा ॥छति श्री मौन खेडाहशीना गुए। यानुं जार ढासनुं स्तवन संपूर्ण
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