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निगाशाने मीसर उने मोडल्या | सागारी सीधो संयभलाशानि नेमशब्लुख डेवल सर्छ । साना पोहोता मुक्ति मोन्नशान्निगाणापी श्री पेहेसां भुङतें गयां ॥सानाशलभती नेएगी वासान्निगा उपयहरंगें भस्थाासागा प्रलुपीतारो लवपाशान्निगाला ति
॥ जय श्री महावीर स्वाभिना सत्तावीस लवनुं ॥ ॥ स्तवन प्रारलः ॥
नोहा । विभव उभसहल सोयगां, हीसेवहन प्रसन्नानाहर जाणिवीर निन, वांही उरं स्तवन्न शाश्रीशुई तो पसाठीसें, स्तवसुं चीर निघालय सत्तावीसवरएायुं, सुएान्ने सहुजाएं घाशासालल तां सुज बीपने, समस्ति निरभल होया उरता दिननी शंकुथा, ससहि हाडो सोय आ
ढाल पहेली ॥ देशी ढासनी ॥ महाविधेड़ पश्चिमन्नयुं, नयसारना मेंबजाएंगानयरतएगो छेमेरागो, नटवीजयोसपराएगो शान्भवावे साग्ने नगी, लगति रसवंति आएगी ॥ ह्त्तनी वासना यावी, तपसी ब्लूवे ते लावी राशाभारण लूल्याते हेव, भुनी घ्याव्यातत जेवनहार हीयो पाय साणी, ऋषीनी लुष तृषासवि लागी ॥आ धरमसुएयोभनरंगे, समडेत पाम्योखे धंगे ॥ऋषीने यासंतान्नएगी, हीथडे बीसर आएगी नाभारण हेजाड्यो चहेती, पाछीवसी जो खेभ हेतो ॥पहले लवें घ रभन पायें, अंते हेव शुरैने घ्यावें ॥चापंच परमेष्टीनो घ्यान, सौधर्म पाभ्यो वैमान ॥ नाडीषु जेङ पस्योपम, सुज लोगवी जनोपभा लव जीने त्रीने जायो, लरतडुसें सुतलयो॥जोच्छ्व भंगली डीघु नामते भरीसंय हीघु॥णावाधे सुरतरे सरिजो, साहिन्निहेजीने हरज्यो ॥ ग्नही कसे हेशना हीधी, लावें दीक्षाग्ने बीघी ॥याज्ञान लएयो। सुविशेष, विहान उरे देश विदेशााहीक्षा हेही सेननये, जसगोस्वा भीथी विथरे॥॥महाव्रत लार खेभहोटो, हुपए। पुन्यार्धयें छोटो
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