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राग उयाए।साजी॥लते थे प्रभु भीसनडुं । जियभे घेरयो. ज्ञानाने उंथन पूल डामिनी ।सें होय उल्यान ।शा *तास सुराणा डायडुंब्लेडन माया ॥ समन मनाभेङ्गंलेडत माया॥टेआखेड हिन चेतन पीठडे यससी ॥ पडी रहेगी तेरी आयातसम नगाशाधन उन उंथेन वाडी हवेली | साज रोड उमाया।ज्या सेनाया ज्या सेन्नयगा । सोर्घ जात नहीं पाया । सभन नाशाहांसे आया मं हान्नवेशा॥नाहु लश्भ लुसाया । उल्याए। विभण मलु ऋषल स्मर राथी । रिध्धि जनंती पाया। समन्ना
छत
राग उल्याए । ग्यान जिधार तथा ग्यान जियार, सभन सभ नळयाग्यान जियाशाने मांडणी ॥ जे ंत्या तो पांये ंत्यारापां यो पांच हन्नशाश्ने पलङमें सजन्युगलंत्या ठिीतर गये लव पार समननाशायानो जान लर लर भारे ॥ जडे मतवाणाश्याम ॥पि यह म्हेनाथ निरंनन ।नापही खाप सरहाशासमननाशा पार्धति
राग उष्याणान्नगी अनुभव प्रीत सोहागनलगीणाटेशा हरिशन हेजी पास निएांडी ॥ लाग्य घ्शा मोरी लगी ॥ अनुलका ॥शानंतरिङ प्रलुपास निनेश्वशापासगोडी सहे लागी।।ग्ननुलव आशाभस्तङ मुकुटडाने सोहे कुंडणा जान्नु जंघडी छजीन्यारी॥अनु लव आपसंह हरिशन हीनें गालव लव लावह लांगी॥अनुलक
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नंगसानो टपो॥ अनुलव न्योतिरे नगी छे, ही रहे हमारे शालवा अनुलवन्त्योति रेनगी छोटेझाडुमता मुष्टिसखन डाहाङरनी॥सु मता हमारी सभी छे । ही रहेगा मोहु मिथ्यातडी टेङनभाणाल पपरणीत न्युंपणी छगा ही रहेगाशा यिहानंद जैसे निनडे लग्नसे आजपण अजाघ सगी छे । ही रहेगा आ र्धति॥
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