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विषय व्याख्यान ३९ अरिहंतादिक की अतरंग भक्तिरूप चतुर्थ भूषण एक स्त्री का दृष्टान्त जीर्ण श्रेष्ठी का दृष्टान्त व्याख्यान ४० तीर्थसेवारूप पांचवा दृष्टान्त तुंबडी का दृष्टान्त त्रिविक्रम का दृष्टान्त व्याख्यान ४१ समकित के प्रथम लक्षण शम का स्वरूप कुरगडु मुनि की कथा व्याख्यान ४२ दूसरा संवेग नामक लक्षण अनाथी मुनि की कथा व्याख्यान ४३ तीसरा निर्वेद नामक लक्षण का स्वरूप हरिवाहन राजा की कथा .. ... व्याख्यान ४४ अनुकम्पा के स्वरूप घण्ङकोशिक की कथा ... ....
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