________________ सिद्ध-सारस्वत मङ्गल आशीर्वाद भगवान् महावीर की दिव्यदेशना को जन-जन तक प्रसारित करने में गणाधरों, आचार्यों, मुनियों से लेकर विद्वत् परम्परा का योगदान रहा है। इसी परम्परा में वर्तमान विद्वद्वरेण्य सिद्ध-सारस्वत प्रो. सुदर्शन लाल जैन का भी एक नाम है। अ.भा.दि.जैन विद्वत् परिषद् के महामन्त्री रह चुके विद्वत् प्रवर का ज्ञानावरणीय कर्म का भी अच्छा छयोपशम है। आपने श्रुताराधना में महनीय श्रम किया है। आधुनिक विद्याओं के भी मनीषी हैं। संस्कृत-प्राकृत आदि भाषाओं का अच्छा ज्ञान है। राष्ट्रपति से भी पुरस्कृत हैं। वीतराग वाणी ट्रस्ट द्वारा सम्पादित किये जा रहे अभिनन्दन ग्रन्थ का समर्पण एक सराहनीय कार्य है। इसके लिये प्रतिष्ठाप्रज्ञ पं. विमल कुमार सोरया और उनकी टीम को आशीर्वाद है। प्रो. जैन सरस्वती की आराधना के साथ भगवान् महावीर की दिव्यदेशना का सम्यक् रहस्य समाज के समक्ष प्रस्तुत करें तथा मोक्षपथ के अनुगामी बनें। यही आशीष है। प.पू. पट्टाचार्य श्री 108 अनेकान्तसागर जी महाराज