________________ सिद्ध-सारस्वत मङ्गल आशीर्वाद जैन सिद्धान्त अनेकान्तवाद और स्याद्वाद में दृढ आस्था रखने वाले सिद्ध-सारस्वत प्रो. सुदर्शन लाल जैन जैनधर्म की पताका को देश-विदेश में फहराने की इच्छा रखते हैं। इसीलिए आप जैन सिद्धान्तों का अन्य दर्शनों के साथ तथा आधुनिक वैज्ञानिक सिद्धान्तों के साथ तुलनात्मक चिन्तन करके जैन सिद्धान्तों की महत्ता बतलाना चाहते हैं। आपके वैदुष्य से प्रभावित होकर जैन समाज तथा जैनेतर समाज ने कई बार आपका अभिनन्दन किया है। महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणवमुखर्जी ने भी आपको पुरस्कृत करके विद्वज्जगत् का मान बढ़ाया है। वीतरागवाणी ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा यह अभिनन्दन उसकी कड़ी का एक हिस्सा है। प्रो. जैन विद्वान् होने के साथ अनुसन्धानप्रिय, सरल तथा विवेकी हैं। अत: मेरा मंगल आशीर्वाद है कि आप श्रेय (मुक्ति का मार्ग) और प्रेय (सांसारिक मार्ग) इन दो मार्गों में से श्रेयमार्ग के अनुगामी बनकर पूर्ण सिद्ध-सारस्वत बनें। सराकोद्धारक प.पू. आचार्य 108 श्री ज्ञानसागर जी महाराज