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(१०) (६) छ प्रदेशीमें १५ मांगा यथा १-३-७-८-९-१०॥ ११-१२-१३-१४-१६-२३-२४-२५-२६-जिसमें । भांगा पूर्ववत, पाठमो ००० चौदहमो : ०० : उगणीस .:: छवीसमो ....
(७) सात प्रदेशीमें १७ भांगा जिसमें १५ पूर्ववत् २०-२ वीसमो ००० इकोसमो०. .
(८) पाठ प्रदेशी, १८ भांगा जिसमें १७ पूर्वा बाईसमो .
(९) नवै प्रदेशीसे अनंतप्रदेशी स्कन्ध तक पूर्ववत् ३८ भांगा समझना.
पूर्वके २६ भांगा में से १८ भांगा काममें आते है और शेष ८ भांगा २-४-५-६-१५-१६-१७-१८ यह भार मांगा काममें नहीं पाते; केवल परूपणारूप ही हैं। ___ इस भांगोको कंटस्थ कर फिर गीतार्थ के पास खूब अच्छी तरहसे समझोगे तो द्रव्यानुयोगमें रमणता करते हुवे अनंत कोंकी निर्जरा करोगे किं बहुना. सेवं भंते सेवं भंते तमेव सच्चम् ।
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पिना.