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(१६) परिषदा-परिषदा तीन प्रकारकी है ( १ ) अभितरखास शला विचार करने योग वडेआदरसे बोलानेपर जिनमे जावे, (२) मध्यम - सामान्य विचार करने योग बोलानेपर वे परन्तु विगर भेज जावे, (३) बाह्य - उन्होंको हूकम दिया जाय की अमुक कार्य करो विगर बुलायों आना जाना अर्थात परया के हाजर होना ही पडता है.
| चन्द्र बलेन्द्र द्रक्षण नवेन्द्र उत्तर नवेन्द्र
देव भिंतर | २४०००
स्थिति २॥ पल्यों
ܕܪ
मध्यम
"
- स्थिति
.
बाह्य
स्थिति
"
देवी भिंतर ३५० " स्थिति
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$1.
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मध्यम
स्थिति
२८०००
२ पल्यों
वाह्य
स्थिति
३२०००
१ ॥ पल्यों
१ ॥ पल्यों
३००
१ प०
२५०
० ॥ प०
२०००० | ६००००
३॥ पल्यों १ पल्यों
५००००
०|| साधि
२४००० | ७००००
६००००
३ पल्यों |०|| साधि | ० | ५०
७००००
० || ५० न्यू
२२५
० ॥ प०
२००
२८००० ८००००
२॥ पल्यों ० ॥ प०
१७५
४५०
२ ॥ प०
४००
२ प०
३५०
१ ॥ प०
० ॥ प० न्यू
१५०
० प० सा० ० || न्यून
१२५
१७५
० 1 प०
० साधिक