________________
३५
(१८) सामानीकद्वार-एकेक इन्द्र के च्यार च्यार हजार सामानीक देव है. ___(१६) आत्मरक्षक-एकेक इन्द्र के शोला शोला हजार आत्मरक्षक देव है.
(२०) परिषदा-एकेक इन्द्र के तीन तीन परिषदो हे अभिंतर परिषदा के ८००० देव, मध्यम के १०००० बाह्य की १२००० देव है और देवी तीनों परिषदा मे १००-१००
(२१) अनिकाद्वार-एकेक इन्द्र के सात सात अनिका प्रत्यक अनिका के ५८०००० देवता है पूर्ववत्.
(२२) देवी-एकेक इन्द्र के च्यार च्यार अग्र महेषि देवीयों है एकेक के च्यार च्यार हजार देवीका परिवार है प्रत्यक देवी च्यार च्यार हजार रूप वैक्रयकर शक्ती है ४००० १६००० ६४०००००० कुल देवी है।
(२३) गति-सर्वसे मंद गति चन्द्रकी, उन्होंसे । शीघ्र गति सूर्यकी, उन्हों से शीघ्र गति ग्रहकी, उन्होसे शीघ्र गति नक्षत्र कि, उन्होंसे शीघ्र गति तारोंकी है, अर्थात् सर्वसे मन्द गति चन्द्रकी ओर शीघ्रगति तारोंकी है।
(२४) ऋद्धि-सर्व से स्वन्पऋद्धि तारोंकी, उन्होसे महाऋद्धि नक्षत्र कि, उन्होंसे महाऋद्धि ग्रहकी, उन्हीसे महा