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१५४ हो नहीं शके वास्ते अनवस्थित पाला भी भरा हूवा रहे इसी माफीक च्यारो पाला भरा हुवा है अब जो पीछे द्विप समुद्रमें सरसवके दाना डाला था उन्ही सर्व दोनोंको एकत्र कर एक रासी बनावे उन्ही रासीके अन्दर पूर्व भरे हुवे च्यारों पालोंके सरसव दाने मीला देवे उन्ही रासीके अन्दरसे एक दाना निकलकर शेष रासी है वह उत्कृष्ट संख्याते है अर्थात् दोय दानोंको जघन्य संख्याते कहते है और पूर्व जो बनलाये हवे तीन पालोंसे द्विप समुद्रमें सरसबके दाने ओर च्यार पाले भरे हुवे दानोंकों मीलाके एक रासी करे तीन दानोंसे लगाके उन्ही रासीमें दो दाना कम हो वहांतक मध्यम संख्याते होते है ओर रासीमें एक दाना कम होना उन्हीकों उत्कृष्ट संख्याते कहे जाते है और वह रहा हवा एक दाना रासीमें मीलादे अर्थात् समपुरण रासीकों जघन्य प्रत्येक प्रसंख्याते केहते है अर्थात् पेहला डाले हुवे द्विप समुद्रके सर्व सरसव एकत्र करके भरे हुवे च्यारों पालोंके सरसव भी साथमें मीलाके सबकी एक रासी बनादे उन्ही रासीकों जघन्य प्रत्येक असंख्याते कहेते है ओर उन्ही रासीसे सरसवका एक दांना निकाल लेवे तब शेष रासीकों उत्कृष्ट संख्याते केहते है अगर दो दाना रासीसे निकाल लेवे तब शेष रासीकों मध्यम संख्याते कहते है।