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प्रत्येक जघन्य असंख्यातेकि जो रासी है उन्हीकों रासी अभ्यास करे यथा - कोई आचार्योंका मत्त है कि जितना दाना रासीमें है उन्हीकों उतना गुणा करना जेसे कल्पनाकि रासीमें १०० दाना हो तो सोकों सोगुणा करनेसे १०००० होता है। दुसरा आचार्यों का मत है कि रासीमें जितने दाने है उन्हीकों उतनीवार गुणा करना जेसे रासीमें १० दानोंकि कल्पना कि जाय ।
१-१-१-१-१-११-१-१-१
१०-१०-१०-१०-१० -१०-१०-१०-१०-१०
( १ ) १०० प्रथम दशकों दशगुणा करतों. ( २ ) १००० सोकों दशगुणा. (३) १०००० हजारकों दशगुणा. (४) १००००० दशहजारको दशगुणा (५) १०००००० लचको दशगुणा (६) १००००००० पूर्वकों दशगुणा
(७) १००००००००
(८) १००००००००० (६) १००००००००००
(१०) १००००००००००० 15 - 19 यह तो कम्पनाकि रसी इ परन्तु जो जघन्य प्रत्येका
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