Book Title: Shighra Bodh Part 11 To 15
Author(s): Gyansundar
Publisher: Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala

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Page 452
________________ (७४) (उ) हे रोहा। दोनों सास्वते पदार्थ है । जेसे द्विप समुद्रसे लेके कल तक के प्रश्न लोकान्तके साथ किये है इसी माफीक अलौकान्त के साथ भी संयोम लमाः देना । जैसे लोकान्त और अलौकान्त के साथ प्रश्नोत्तर बतलाये हैं इसो माफोक द्विपके साथ निचेके सर्व संयोग जोड देना फोर हिपको छोड समुद्र के साथ सर्व संयोग कर देना फीर समुद्रको छोड भरतादि क्षेत्रके साथ सर्व निचेके चोलोका संयोग कर देना यावत् सर्व पर्यायसे कालके -साथ संयोग कर देना। - इसी प्रश्नों के उत्तर द्वारा इश्वरवादी नों लोक इश्वर बनाया कहते है अर्थात सर्व पदार्थ इश्वरने बनाया है इसका निराकार किया है। क्योंकि ईश्वर कीसी पदार्थका कर्ता नही है कारण ईश्वर कर्म रहित सचिदानंद अमूर्ति अरूपी स्वगुण मोक्ता है उनकों तो किसी प्रकारका कार्य करना रहा ही नहीं है और ऐसा मो कुंभकारकि माफीक जगत कार्य करता रहे तो उनमें ईश्वरत्व प्राप्ती मानना भी मिय्यात्वका कारण है कारण नगतके घटपटादि पदार्थ सर्व सास्वत है और कतम वस्तु जो बनाते है वह कोवाड़े जीव ही बनाते हैं और ईश्वर तो कर्म रहीत है वास्ते ईश्वर नाव कर्ता नहीं है । जीव स्वयं कर्मों अनुस्वार शुभाशुभ फलका मोशन है और जब तप संयमसे शुभाशुभ कर्मोकों नास करेगा तब ईया कप हो जाना। . .......... ..! हा मीने इन्ही प्रश्नोंका उत्तर सुनके आनय भावी पामेलामवाय का ध्यान रखा हुए

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