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(४४) प्रश्न-ज्ञानादि सर्व गुण संपन्न होनेसे क्या फल होत है ?
(उ) ज्ञानादि सर्वगुण संपन्न होनेसे फिर दुसरी दफे संसारमें जन्म मरण न करे अर्थात शरीरी मानसी दुःखोंका अन्न कर मोक्षमें जावे । ___ (४५) प्रश्न- राग द्वेष रहित (वीतराग) होनेसे क्या फल होता है। . (उ०) राग द्वेष रहित होनेसे धन धान्य पुत्र कलत्र शरीर आदि पर मस्नेह दूर हो जाता है तब शब्द रूप गन्ध रस स्पर्श इन्होंके अच्छे होने पर राग नहीं बुरे होने पर द्वेष नहीं उत्पन्न होते हैं अर्थात् अच्छा और बुरे निद्या और स्तुतिसर्व पर शमभाव हो जाते है । ..
(४६) प्रश्न-क्षमा करने से जीवों को क्या फल होता हैं।
(उ) क्षमा करनेसे जीवोंके परिसह रूप जो महान् शत्रु है उन्हीको क्षमा रूपी कवच (शस्त्र से पराजय कर देता है पराजय करनेसे स्वपर आत्मावोंका शीघ्र कल्याण होता है । शान्ति करनेके रिये यह एक परम औषधी है।
(४७) प्रश्न-निर्लोभता रखनेसे क्या फल होता है। ... (उ) निर्लोभता रखनेसे अकिंचन भाव होता है इन्होंसे जो नीवोंके आकाश प्रदेशकि माफोक अनंती तृष्णा लग रही है उन्हों को शांत कर देता है।
(४८) प्रश्न मईव (कोमलता) गुण प्राप्त होनेसे क्या फल होता है।