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और दुसरा दाना डालकं पृच्छा करे तो जघन्य प्रत्येक अनन्ते होता है उन्ही रासीको और भी पूर्ववत् त्रीवर्ग करके दो दाना निकालनेसे मध्यम प्रत्येक अनन्ते होता है एक दाना मीलादेनासे उत्कृष्ट प्रत्येक अनन्ते होते है और दूसरा दाना मीलादेनेमे जघन्ययुका अनन्ते होते है ( इतने अभव्य जीव है )
जघन्य युक्ता अनन्ते को त्रीवर्ग-पूर्ववन् तीनवार वर्ग करके जो गमी आवे उन्ही रासीसे दो दाना निकालके शेष गमीकी पृच्छा करे तो वह रामी पांचमा मध्यम युक्ता अनन्ता होता है एक दाना डालके पृच्छा करे तो जघन्य अनन्त अनन्ता होता है ।
जवन्य अनन्त अनन्त को और भी तीनवार वर्ग करे तो भी उन्कट अनन्त अनन्न न हो उन्ही रामीकं अन्दर ६ बाल और भी मीलावे यथा--
। मिद्धोंक सब जीव ( अनन्त है ) - निगोदकं जीव : म मादर निगाट ) ... वनाम्पनिक जीव । प्रत्येक और साधारण ) : । भूत भविष्य वतमान कालका समय :: परमाणु बादि सब पर स्कन्ध ६) लोकालोक के याकामा देश