________________
७२
चौतीस तमस गुफा ३४ खंडप्रभागुफा ३४ राजधानी ३४ नगरीयों ३४ कृतमाली देव ३४ नटमाली देव ३४ ऋषभकुट ३४ गंगानदी ३४ सिन्धुनदी यह सर्व पदार्थ सास्वता है शेष नाम देखो जम्बुद्विप प्रज्ञाप्ती से इति.
(E) द्रहद्वार - जम्बुद्विपके अन्दर शोला द्रह है यथा पद्मद्रह, महापद्मद्रह, तीगीच्छद्रह, केशरीद्रह, महापुडरिकद्रह, पुडरिकद्रह, यह छे द्रह छे वर्षधर पर्वतोंके उपर है और पांच द्र देवकरू युगल क्षेत्रके अन्दर है निषेडद्रह, देवकुरूद्रह, सूर्य, सूलसह, विद्युत्प्रभद्रह तथा पांच द्रह उत्तरकूरू युगल क्षेत्र के अन्दर है निलवन्तद्रह, उत्तरकुरूद्रह, चन्द्रद्रह एरवरत द्रह मालवन्तद्रह एवं सर्व १६ द्रह जम्बुद्विपके अन्दर है ।
( १ ) पद्मद्रह - चुलहेमवन्त पर्वत २०५२ - १२ पहूल है जिन्होंका मध्य भागमे पद्मद्रह है वह पूर्व पश्चम एक हजार जोजनको, लम्बो और उत्तर दक्षिण में ५०० जोजनको चोडो दश जोजनको उढो परिपूर्ण निर्मल पाणीसे भरा हूवा है वह अनेक कमलों कर अच्छा शोभनिक है । कमलोंका विवरण |
द्रके मध्य भागमे श्रीदेवीका वढा कमल हैं उन्ही के चौतर्फ भंडारी देवोंका १०८ कमल है, च्यार कमल मेहत्तरीक देवीयोंका है, सात कमल श्रीदेवीके अनिका के अधिपति देवोंका