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(६७) (४) तेजस शरीर-आहारकी पाचनक्रिया करे (५) कार्मण शरीर-कोका खजाना रूप । '
इन पांचो शरीरोंका स्वामी कौन है ? नारकी देवतामें सीन शरीर हैं-वैक्रय, तेजस, कार्मण । तथा पृथ्वी० अप० तेउ. वनस्पति बेइन्द्रिय० तेइन्द्रिय चौरिन्द्रिय० इन्ही सात बोलोमें भौवारिक० तेजस० कार्मण तीन शरीर पावे तथा वायुकाय और विर्यच पांचेन्द्रियमें शरीर चार पावे-औदारिक० वैक्रय० तेजस कार्मण और मनुष्यमें शरीर पांचों पावे, औदारिक० वैक्रय० माहारिक० तेजस • कार्मण इति ।
प्रत्येक शरीरके दो दो भेद होते है (१) बन्धेलक-वर्तमान में बन्धा हुवे हैं (२) मुक्केलक-भूतकानमें बान्ध बान्ध कर घोर भाये थे वह । . (१) भौदारिक शरीरके दो भेद है (१) बन्धेलक (२) मुलक, जिसमें बंधेलक औदारिक शरीर असंख्यात है अर्थात् वर्तमानमें सर्व जीवापेक्षा औदारिक शरीर असंख्याते है 'यह प्रत्येक समय एकेक औदारिक शरीर गीना जावे तो गीनते २.असंख्याती अवसर्पिणी उत्सर्पिणी पुरण हो जाय और क्षेत्रसे एकेक औदारिक शरीरको एकेकाकाश पर रखा जाये तो असंम्याते लोक पूरण हो जा इतना प्रौदारिक शरीरका बन्धेनक है
नोट-जीव दो प्रकारके है (१) प्रत्येक शरीरी (२) भाषारख शरीरी, जिसमें प्रत्येक शरीरी जीव असंख्यात है वह असंख्याते शरीरके बंधक है और साधारण शरीरवाले जीव