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[६७] एक नारकीका नेरियाने भूतकालमें केवली समुद्घात नहीं करी भविष्यमें करेगा तो एक एवं यावत १४ दंडक कहना परन्तु मनुष्यमें मूतकालमें करी हो तो १ भविष्यमें करेगा तो भी एक ही करेगा । इति सामान्य सूत्र ।
(४) घणा जीवोंकी अपेक्षा २४ दंडक। " घणा नारकी भूतकालमें वेदनी समु० अनन्ती करी और भविध्यमें भी अनन्ती करेगा एवं यावत् २४ दंडक कहना और इसी. तरह कषाय, मर्णान्तिक, वैक्रिय, तेमस समु. भी समझ लेना। ...घणा नारकी भूतकालमें आहारिक समुद्धात असंख्याती और भविष्यमें असंख्याती करेगा एवं वनस्पति, मनुष्य छोड़के शेष २१ दंडक समझना | वनास्पतिमें भूत भविष्य अनन्ती तथा मनुष्य में मूत भविष्यमें स्यात् संख्याति स्यात् असंख्याति । केवली समु० नरकादि २२ दंडक भूतकालमें करी नहीं भविष्यमें असंख्याति एवं वनास्पति भू० नहीं भवि० अनन्ती एवं मनुष्य भूतमें जो * करी हो तो १-२-२ उ० प्रत्यक सौ भविष्यमें स्यात् संख्याती स्यात असंख्याती।
(२) चौवीस दंडक पपरकी अपेक्षा।
एक एक नारकी भूतकालमें नारकीपणे वेदनी समु० कितनी करी ? अनन्ती, भविष्यमें कोई करेगा कोई न करेगा जो करेगा बह स्याते १-२-३ यावत संख्याती, असंख्याती स्यात् अनन्ती
नारकी नारकीपने भविष्यमें 1-२-3 कहा है सो विचारने योग्य .है टीकाकार संख्यावी असंख्याती कहते है कारण १०००० वर्षसे कम स्थिति नहीं है और प्रचुर वेदना वेदते है। .