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पतिक का तक्षशिला ताम्रपत्र (21 ई०) 1. 78वें वर्ष में महाराज महान् भोग (Mauses) के पनेम (यवनों के
विशेष) माह के पांचवें दिन-इस पूर्वोक्त (दिन) क्षहर 2. चुख्स देश के क्षत्रप, जिसका नाम लियक कुसुलक है, उसका पुत्र पतिक
तक्षशिला नगर में है। (जिसके) उत्तर में प्राच्य (पूर्वी) देश (क्षेत्र) का नाम
क्षेम है। इस 3. देश में भगवान् शाक्यमुनि के अप्रतिष्ठापित देहावशेष को पतिक प्रतिष्ठापित
करवा रहा है। तथा सारे बुद्धों की पूजा के लिये संघाराम भी (बनवा रहा है)। माता-पिता की अर्चना करते हुए क्षत्रप के (तथा) पुत्र सहित पत्नी की आयु एवं बल की परिवृद्धि के लिए, सारे भाइयों तथा सम्बन्धियों एवं बन्धुओं की अर्चना करते हुए महादानपति पतिक संघाराम में नवनिर्माण के लिये नियुक्त उपाध्याय रोहिणीमिश्र के द्वारा
(प्रतिष्ठा करवाता है)। 6. पतिक के लिये क्षत्रप लियक (ने यह फलक पहुंचाया)।
1. एपि० इ० 21, पृ. 259
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