Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan
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प्राचीन भारतीय अभिलेख
वीरनारायण, 223, 229 वेदसविल्विका, 241 वेदि श्री, 42 वेंगि, 211, 225, 227 वेसानिका, 241 वैङ्गी, 90
शक-मुरुण्ड, 91 श्वभ्र, 66 शक्तिश्री, 42 शक,71 शृङ्गारमञ्जरीकथा, 5 शम, 48 शमपुत्र, 48 शरभङ्ग, 101 शरभराज, 135 शर्वस्वामी, 226 शाक्यमुनि, 30, 31 शाकल, 91 शातकर्णि, 42 शान्तिश्री, 80 शारदा लिपि, 4 शाल्याङ्कन, 90 शाव,99 शाहबाजगढ़ी, 4 शाहीकिर, 264 शिबी, 229 शिमुकसातवाहन, 42 शिलुक, 184 शिवताण्डव,5 शिवार्य, 83 शीलचन्द्र, 201 शुकनं शुष्णयामि, 231
शुभतुङ्गवल्लभ, 223 शूर्पारक, 58 शूद्रक,5 शंकरगण, 283 श्रविष्ठायन, 83 श्रीइशनवर्मा, 164, 190 श्रीकृष्णगुप्त, 189 श्रीकृष्णादेवी, 194 श्रीकर्कराज, 209, 210 श्रीकुन्द, 317 श्रीकुमारगुप्त, 119, 190 श्रीखारखेल, 36 श्रीगुप्त, 92, 94, 119 श्रीगौड़, 214 श्रीदिवाकरसेन, 105 श्रीघटोत्कच, 92, 94, 105, 119 श्रीचन्द्रगुप्त, 92, 94, 95, 101, 105,
119 श्रीजगत्तुंग, 230 श्रीदामोदरगुप्त, 190 श्रीदेद्ददेवी, 238 श्रीदेवगुप्त, 67 श्रीधंग, 264 श्रीनरवर्धन, 167 श्रीनाग, 214 श्रीनारायणवर्मा, 242 श्रीनिवास, 285 श्रीप्रभावती, 105 श्रीप्रवरसेन, 83 श्रीपुलुमावि, 70, 71, 74 श्रीफलभिषुक, 241 श्रीभोगभट, 243 श्रीमती अप्सरोदेवी, 167
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