Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan

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Page 358
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 362 प्राचीन भारतीय अभिलेख रोहणगिरि, 317 रोहिणीमिश्र, 45 रोहितवाटी, 241 रोहिल, 183 रट्टमार्तण्डदेव, 228 रणराग, 174 रविकीर्ति, 147, 178 रविशांति, 164 राज्यपाल, 90 राज्यवर्धन, 140, 168 राजपुत्र देवट कृतालि, 240 राजशेखर, 286 राजाभोज, 5 राणकशूलपाणि, 399 रामचन्द्र, 182 रामटेक, 105 रामतीर्थ, 58 रामनगर, 90, 168 रामभद्र, 249 रामायण, 2,5 रामेश्वर, 297 रायल एशियाटिक,6 राष्ट्रकूट, 229 । रावण,5 राहुलावाद, 20 राहिल, 260 रिस्थल,9 रुद्रदामन, 67 रुद्रदामा, 64 रुद्रदास, 9 रुद्रदेव, 90 रुद्रसेन, 90, 105 रुद्रार्य, 83 रुद्रशम्भु, 282 रुहेलखण्ड रेवत्यार्य, 84 रेवा, 284 लघुविम, 213 लज्जा , 48 लर्धयानिका, 241 लयणगिरि, 213 लवणनगर, 286 लक्ष्मण, 182, 281, 283 लक्षवर्म, 264 लाट, 177, 279, 296, 297 लाट देश, 127, 242 लिच्छवी, 92, 94, 105, 119 लियक,45 लियक कुसुलक, 45 लुम्बिनि, 28 लुम्बिनीदेवी रुम्मिनदेई, 28 लेखपंचिाशिका,7 लैटिन, 1 लोकप्रकाश, 7 लोणियवंश, 194 लंका, 5 लंदन, 3 व व्याघ्रतटी, 240 व्याघ्रराज, 90 व्याध, 316 व्यास, 106 वक्क, 184 वकन, 55 वज्रट, 209 For Private And Personal Use Only

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