Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
360
प्राचीन भारतीय अभिलेख
भीम, 297 भुलुन्द, 9 भूअकूप, 184 भैमरथी, 176 भोगभट, 183 भोज, 16, 183, 239, 297 भोजदेव, 290, 291 भोजदेवस्य,7, 251, 278 भोजप्रबंध,5 भोट, 264
बेटद्वारका, 3 बंगदेश, 249 बंगला, 4 भगवतप्रकाश, 139 भगवतशरणजी, 9 भगवती सूत्र, 6 भगवद्दोष, 148 भृगुकच्छ (भडौंच), 58 भगवद्दोष, 141 भट्ट, 230 भट्टारक,9 भट्टि , 184 भट्टिकदेवराज, 184 भण्डिकुल, 248 भतृदेवार्य, 83 भर्तृहरि, 5 भद्रपाल, 47 भद्रपुष्कर, 94 भद्रयानी,71 भद्रा, 183 भद्रानीक भिक्षु-निकाय, 74 भद्रायक निकाय, 74 भद्रस्वामी, 168 भद्रिलार्य, 83 भरतपुर, 91 भागभद्र, 8,33 भानपुरा, 8 भानु, 169 भानुगुप्त, 135 भारवी, 178 भालन्दायन, 83 भिल्लादित्य, 184 भिक्षुसंघ,71
मइट, 230 मर्कट सागर, 168 मग, 16 मगध, 38, 226 मण्डोर, 183 मत्स्य, 71, 239, 249 मतिल, 90 मथुरा, 58 मथुराक्षेत्र, 91 मद्र, 239 मदनचन्द्र, 316 मध्यप्रदेश, 91 मधुकारिका, 53 मन्दास, 309 मृच्छकटिक,6 मण्टराज, 90 मण्डपिका, 284 मत्तमयूरनाथ मद्रक,91 मधु, 56 मन्दसौर, 8,9 मनुस्मृति, 84
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370