Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan

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Page 369
________________ Kuo əsn jeuosjed puy əleaud 104 डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित जन्म : 2 नवम्बर, 1943 चन्दोड़िया, धार, मध्य प्रदेश शिक्षा : हिन्दी, संस्कृत तथा प्राचीन इतिहास में एम. ए.,पी-एच.डी. । डॉ. राजपुरोहित भारतीय विद्वत्परंपरा के अनन्य साधक, सर्जक और अनुसंधाता। साहित्य, संस्कृति और इतिहास के विलक्षण अध्येता। संस्कृत, हिन्दी, मालवी में सतत लेखन। प्रकाशित कृतियाँ : भारतीय कला और संस्कृति, भारतीय अभिलेख और इतिहास, राजा भोज, भारत के प्राचीन राजवंश (तीन भाग)- पं. विश्वेश्वरनाथ रेउकृत का संपादन, राजा भोज का रचनाविश्व (पुरस्कृत), प्रतिभा भोजराजस्य (पुरस्कृत), भोजराज (पुरस्कृत), कालिदास, कालिदास का वागर्थ, उज्जयिनी और महाकाल, विद्योत्तमा (उपन्यास), वीणावासवदत्ता (हिन्दी रूपान्तर), पद्यप्राभृतक (हिन्दी रूपान्तर), सेज को सरोज (मालवी रूपान्तर), हलकारो बादल (मेघदूत का मालवी रूपान्तर), मालवी लोकगीत (सम्पादन-अनुवाद), लगभग चार पाँच शोधपत्रों के साथ ही संस्कृत, हिन्दी, मालवी में विभिन्न रचनाएँ प्रकाशित। पुरस्कार : मध्य प्रदेश संस्कृत अकादेमी के भोज पुरस्कार (1984, 1990), म. प्र. उच्चशिक्षा अनुदान आयोग द्वारा डा. राधाकृष्णन सम्मान (1990, 1992), म. प्र. साहित्य परिषद् का बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' पुरस्कार (1988), म. प्र. राज्यपाल द्वारा भोज सम्मान से अलंकृत (1993)। सम्प्रति : उज्जैन के सांदीपनि महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग में आचार्य और अध्यक्ष। संपर्क : बिलोटीपुरा, उज्जैन-456006 Jipuewueko unsjebessejley uus ekjeyov bio yumeqoy 'MMM eipueyeueupery user neuew pus

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