Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan

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Page 355
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra शब्दानुक्रमणिका पित्रार्य, 83 पीठापुरम, 90, 315 पीठी, 315 पीरू, 1 पुण्ड्रवर्धन, 90, 240 पुण्यराज, 5 पुण्यवर्मा, 225 पुर्तगाली, 58 पुलकेशी, 176, 177, 178 पुलकेशी (द्वितीय), 175 पुलकेशी (प्रथम), 174 पुलिंदों, 16 पुष्कर, 76 पुष्यगुप्त, 65 पुष्यमित्र, 46 पूर्वी, 91 पूकीय वंश, 80 पूर्णना, 94 पूर्णेन्द्रसेन, 200 पूर्वी बिहार, 38 पेरिस, 3 पेल्लापेल्ली, 183 पैप्पलादि, 83 पैष्टपुर, 90 qust, 281 पौषपुरिक, 56 फल्गुदेव, 46 फ्लीट, 6 फिन्नी लिपि, 1 फीनिशियन, 1 बृहद् विंगक, 213 फ ब www. kobatirth.org बङ्गीय, 168 बङ्गदेश, 317 बडनगर, 92 धुमती, 199 बन्धुवर्मा, 130 बरार, 71 बरेली, 90, 168 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बल, 52 बलवर्मा, 90 बलिप्रबन्ध, 249 बृहस्पति, 309 बृहस्पतिमित्र, 38 बर्मा, 8 ब्रह्मागिरि, 7 बाउक, 182, 184, 185 बाघ, 9 बालचन्द्र, 168 बालादित्य, 199, 201, 251 बाहलिक, 49, 97 ब्राह्मदेव, 242 ब्राह्मी, 2, 3, 4, 8 बिन्दुसरोवर, 140 बिल्व, 241 बिल्वङ्गअर्धस्रोतिका, 241 बिलवणक, 105 बीजपूरक, 240 बुज्जुकावसथ, 141 बुद्ध, 10 बुधगुप्त, 133 बुद्धमित्रा, 52 बुद्धार्य, 83 बुलन्दशहर, 90 बूलर, 6, 40 For Private And Personal Use Only 359

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