Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan
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शब्दानुक्रमणिका
355
गोपाल, 238 गोपालदेव, 240 गोपिप्पली, 241 गोराषक, 232 गोलसहडगमि, 230 गोवर्धन, 58,61,74 गोवादित्भट्ट, 230 गोविन्द, 116, 149, 153, 176, 229,
230,316 गोविन्दराज, 209, 211 गोष्ठपाली, 281 गोस्वामी, 95 गौडौ, 184, 279 गौतमीपुत्र, 70 गौतमीबालश्री, 71 गौतमीपुत्र शातकार्णी, 8 गौहाटी, 90 गंगा, 176, 211 गगिनिका, 241 गंजाम, 90
चन्द्रात्रेय, 259 चनालस्वामी, 106 चष्टन, 64 चातुर्दिश (सर्वदेशीय),61 चारुदत्त, 6 चिखलपद्र, 61 चिब्बरनाला, 8 चीनि लिपि, 1 चुख्स, 45 चूडाशिव, 282 चेदि, 8,36,261, 265, 283, 283, 297 चोड़, 12, 16 चोल, 178, 209, 296 चौल, 226 चौलुक्य, 280 चंद्राभी, 47
छत्रशिलक, 47 छिंछा, 290
घाघ्रदेव, 290
चक्रदास, 106 चक्रपालित, 115, 116 चक्रायुध, 225, 239, 249 चकोर, 71 चन्द्रक, 184 चन्द्रगुप्त, 99, 225 चन्दम्प, 96, 316 चन्द्रवर्मा, 90 चन्द्राचार्य, 5 चन्द्रार्य, 83
ज्येष्ठार्य, 83 जगतुंग, 226 जज्जिका, 183 जम्बूयानिका, 240 जयगण, 265 जयदामा, 64 जयभट्टिस्वामी, 94 जयवर्धन, 139 जयशक्ति, 260 जयसिंह वल्लभ, 174 जयसोम, 76 जालन्धर, 90 जावा, 91
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