Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
354
प्राचीन भारतीय अभिलेख
खण्डमुण्डमुख, 241 खर, 53 खरपटिक,91 खरपल्लान, 52 खरासलेर, 55 खरोष्ठी, 1, 3, 6,8 खसों, 261 खारवेल, 8, 38, 39 खेटकमण्डप, 223 खैलपाटक, 281 खोट्टिगदेव, 296 खोह, 90 खोहताम्रपत्र
कुलैप, 67 कुस्थलपुर, 90 केदार, 297 केयूरवर्ष (युवराजदेव प्रथम), 279, 281 केरल, 178, 209, 226,द 278, 296 केरलपुत्र, 12 केसवगहिय, 230 कैलास, 296 कोंकण, 66,71, 176 कोंकणविजय, 290 कोकलदेव (प्रथम), 277 कोटूर, 90 कोठिया, 241 कोणदेवी, 193 कोतकुल, 89 कोथूर, 90 कोलकाता, 6 कोशलों, 261 कोशिक, 83 कोसलेश, 278 कौत्स गोत्र, 99 कौरल, 90 कौलिय निकाय, 61 कौलेर, 90 कौशल, 225 कौशिकी, 46 कौसल,90 कंचुका, 261 क्षहरात, 71 क्षेम, 45 क्षेमेन्द्र, 7 क्षेत्र, 71
गढ़परज, 90 गणपति, 89 गणपति नाग, 90 गन्धकुटी विहार, 52 गन्धार, 239 गागिनिका, 240 गिरिनगर (जूनागढ़), 64 ग्रीक, 1,71 गुर्जर, 177, 226, 297 गुजरात, 6,94 गुणधवल, 232 गुप्तकालीन, 4 गुप्तनाथ, 152 गुप्तवंशज, 229 गूजरो, 261 गोदावरी, 71, 90, 177 गोपगिरि (ग्वालियर), 265 गोपराज, 135
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370