Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan

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Page 352
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 356 प्राचीन भारतीय अभिलेख जीमूतकेतु, 229 जीवनन्दी, 48 जूनागढ़, 65 जेजन्दायिका, 241 जोखा, 3 जोन्स विलियन,6 जोलक, 241 जोहियाबाज, 91 तेलंगाना, 5 तोग्गल, 297 तोरमाण, 140, 155, 156 त्रिपिटक, 52 त्रिपुरी, 297 त्रिरश्मि, 58,72 त्रिरश्मिपर्वत, 72 त्रिविक्रम, 230 त्रैकूट,5 झोट, 184 थाईलैण्ड,8 थीर, 285 डवाक, 90 डहल, 225 डिमित (दिमित) 38 डी.सी. सरकार तनसुलिय, 37 तमिलादि, 4 पाटक, 242 तक्षशिला, 45, 49 तक्षशिलावासी, 33 तात, 183 तातट, 243 ताप्ती, 58 तापी, 58 ताम्रपर्णी, 12, 16 ति मिर देश, 38 तिलकभट्ट, 92 तिवारीजीशिवीरेन्द्र,9 तुर्किस्तान, 8 तुरमय, 16 तुरुष्क, 249,297 तुषास्रूफ, 65 दट्टिका, 242 दत्तदेवी, 119 दत्तों, 90 दद्द, 183 दधीचि, 229 दन्तिदुर्गराज, 209 दमन, 58, 90 दमोह,91 दशपुर (मन्दसौर), 58, 127, 130, 141 दक्ष, 148, 148 दक्षिण, 1 दक्षिण अनाम (चप्पा), 8 दक्षिणकौसल, 90 द्वारका, 4. दावडिगहिय, 230 दाहनुका, 58 दीनिक,61 दुर्गभट, 213 दुबे सीताराम,3 द्रुमवर्द्धन, 139 For Private And Personal Use Only

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