Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan

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Page 349
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्दानुक्रमणिका 353 कृष्णराज, 210 कृष्णानदी, 37, 71 कृष्णावसथ, 141 कृष्णेश्वर, 184 क्वीप, 1 कक्कुप, 248 कर्कराट्, 223 कच्छ, 66 कच्छुका, 263 कर्णाट, 279, 296, 297 कर्तृपुर, 90 कतुरिया, 90 कदम्ब, 174, 175, 282 कदापिंडन, 105 कनिंघम,6 कनिष्क, 52, 56 कपूराहार, 61 कम्बोज, 16 कम्बोडीया, 8 करतारपुर, 90 करवेण्वा, 58 करिणकजद्ध, 265 कल्लुवी, 231 कलचुरि, 8 कलाइरेय, 194 कलिंग, 15, 36,225, 226, 248, 279 कलिंग जिन, 33 कश्मीर, 261, 279 कशपुर, 194 काक,91 काकनादबोट, 91, 101 कांचि, 90 काञ्ची नगरी, 178, 209, 211 कांजिवरम्, 90 काटयायन, 2 काठियावाद, 66,71 काणद्वीपिका, 241 कादम्बरी देवमन्दरी, 240 कान्यकुब्ज, 239 कामन्दकीय नीतिसार, 176 कामरूप, 90 कापिञ्जल, 83 कालञ्जर, 263, 265 कालिका, 241 कालिदास, 5,8, 178 कावेरी, 178 काहल, 224 क्रिमिला, 94 किरात, 249 क्रीट द्वीप, 1 कीर्तिनारायण, 225 कीर्तिवर्मा, 174, 175 कीर, 239 कुकुर, 66, 71 कुटील लिपि,4 कुत्तलुर, 90 कुबेर, 90 कुबेरनागा, 105 कुमायूं, 90 कुमारगुप्त, 129 कुमारदेवी, 92, 94, 105, 119, 315, 316,317 कुमार वर्मा, 9 कुमारशांति, 164 कुमार शैलेन्द्र, 3 कुरु, 239 For Private And Personal Use Only

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