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हर्ष का बांसखेड़ा ताम्रपत्र
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यहां दूतक (दूत अथवा राजदूत), महाप्रमातार (गिरदावल अथवा भूप्रबन्क के समान भूमि-अधिकारी), महासामन्त श्री स्कन्दगुप्त (के हस्ताक्षर)।
महाक्षपटल (लेखा अथवा रेकार्ड) विभाग के अधिकारी महासामन्त 15. महाराज भानु के आदेश से इस (ताम्रपत्र को) 16. ईश्वर ने उत्कीर्ण किया। इति संवत् 22 17. कार्तिक व दि (कृष्ण) 11 18. मेरे, महाराजाधिराज श्री हर्ष के अपने हाथ से (दानपत्र दिया गया)।
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