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प्राचीन भारतीय अभिलेख
9. करें और रत्नगृह में दीपक जलता रहे। तथा मेरी दी हुई आधी रकम से पांच
भिक्षु भोजन करे और रत्नगृह में 10. दीपक जले। सो इस प्रारम्भ (की हुयी परम्परा) को जो तोड़ेगा उसे गो तथा
ब्रह्म हत्या लगे और वह पांच 11. आनन्तर्य या पाप से युक्त हो। संवत् 93 भाद्रपद (का) चौथा दिन।
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