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धनदेव का अयोध्या शिलालेख'
एपि० इ० 20, पृ० 54
प्राचीन भारतीय अभिलेख
जिला फैजाबाद (उ०प्र०)
भाषा-संस्कृत
लिपि - ब्राह्मी, लगभग पहली शती
कोसलाधिपेन द्विरश्वमेधयाजिनः सेनापतेः पुष्यमित्रस्य षष्ठेन कोसिकी पुत्रेण धन( देवेन) धर्मराज्ञः पितुः फल्गुदेवस्य केतनं कारितम् ।
दो अश्वमेध के कर्ता सेनापति पुष्यमित्र से ( पीढ़ी में, छठे कौशिकी के पुत्र, कोसल के अधिपति धन (देव/द/क/ नन्दी/भूति / मित्र / दत्त / दास) . . धर्मराज ने (अपने ) पिता फल्गुदेव का केतन ( ध्वजस्तम्भ या छायास्तम्भ )
बनवाया।
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