________________
मैंने अपनी सम्पूर्ण शक्ति का प्रयोग किया । वह हाय-तौबा करता हुआ, 'मैं मरा, मैं मस' चिल्लाने लगा। यह शब्द सुनकर कहीं से सात-आठ लोग आये और इसे पकड़ा। वे लोग मशालें लिये थे। प्रकाश में तो स्पष्ट हो गया कि यही वह आदमी है। लोगों के आते ही यह डरता-काँपता खड़ा हो गया। सिर तक उठा नहीं सका। ऐसा एक कीड़ा गाँव में आ गया तो बस शीलवती स्त्रियों अकेली घूम-फिर भी न सकेंगी। भगवान् दयामय है, मेरा शील बच गया।"
"तो यह तुम्हारो सीधी शिकायत है?" "हाँ, मालिक।" अपराधी की ओर मुड़कर हरिहरनायक ने पूछा, "बोलो, अब क्या बोलते हो।" "यह गढ़ी हुई कहानी है, मैंने इसका मुंह तक नहीं देखा है।" "यह तुम पर द्वेष क्यों करेगी?"
"मुझे क्या मालूम। इन सबने षड्यन्त्र रचकर यह मनगढन्त कहानी कही होगी।"
"तो तुम्हें कहाँ, किसने और कब बाँधकर रखा?"
"पता नहीं कौन, कोई सात-आठ लोग मशाल लेकर आये, गाँव के उत्तर की ओर के मण्डप में बाँध दिया। क्यों, पता नहीं। अब इन्साफ के खिलाफ मुझे बन्दी बनाकर पंचायत बैठाने के लिए बनायी कहानी सुनाकर इस पापिन को यहाँ खड़ा कर दिया। इन लोगों ने ऐसी कहानी सुनाने का पाठ पढ़ाया होगा।"
"किसी को इस तरह पापिन नहीं कहना चाहिए।"
"अगर वह भलीमानस होती तो ऐसी कोई घटना घटी भी होती तो भी कभी नहीं कहती। चोर का गवाह चोर । उस समय जो आयी थी वह दूसरी ही थी। अब वह छिपकर रह गयी है। उसका नाम प्रकट हो जाए तो किसी बहुत बड़े आदमी को शरम से सर झुकाना पड़ेगा। इसलिए यह कहानी सच भी मान लें तो कहना पड़ेगा कि यह कोई भाड़े की औरत कहानी सुनाने के लिए पकड़ लायी गयी है। वह कहाँ, यह कहाँ ? वह सर्वालंकार-भूषिता कुलीन और सम्भ्रान्त परिवार की स्त्री थी। यह तो हेगड़े के घर की नौकरानी है। यह कोई दूसरी है, इससे इसके बयान की धज्जी उड़ा सकता हूं।"
"अब, गालब्बे ने जो कहा वह अगर साबित हो गया तो तुम्हारी क्या दशा होगी, जानते हो?" . "मुझे मालूम है कि वे लोग झूठ को सच साबित नहीं कर सकते।"
"बहुत अच्छा। गालब्बे, यह तुम्हारी शिकायत को इनकार करता है। कहता है कि तुम तब वहाँ नहीं थीं। बताता है, तुम्हारा सारा बयान एक गढ़ी हुई कहानी है। अब तुम क्या कहोगी?'' ___ "जिन्होंने इसे बाँध रखा उन सबने वहाँ पुझको देखा है। उनसे पूछ सकते हैं।"
2.) :: घट्टमहादेवी शान्तला