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१।-३२-सना सोनी यो समय ।
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लिया जासी जो रुपया नहीं देसी उसका जातमें लावणा लैण बंद रहसी ॥ ..., २ अलाणाके समस्त जैनियोंने गांव गोलवालोंके मुताबिक कायदे मुकर्रर करके लिखत कि
या जो कोई लिखत मुआफिक बर्ताव नहीं राखसी उससे रूपया ११) सवा मिंदरजीको केसरके लिये डंड लिया जायगा जितने दिन रू. १।) नहीं देगा उतने दिन तक .
जातिके खाणे पीणेकी पंचायती रस्म बंद रहेगी ॥ पोष बद ६ सं. १९६३॥ ३ ओटवाडा वालोंनभि गांव अलाणा वालोंके मुताबिक कायदे बुरी रीतिके छोडने व तक
सीर मुकर्रर करके लिखत किया मिती पोस वद ८ संमत १९६३ ॥ ४ खुडलगांववालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथसे खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करनेका लिखत किया । ५ आयणा वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत कर दिया ॥ ६ सायला वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत कर दिया । ७ चोराउ वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत किया ॥ ८ मेगलवा वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना ____ बंद करके लिखत किया ॥ ९ सीराणां वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत किया ॥ १० जीवाणा वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना गैर जातिकों देना
बंद करके लिखत किया ॥ ११ मुराणा वालोंनेभी रजस्वला के हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना ।
बंद करके लिखत किया ॥ १२ दादाल वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
___ बंद करके लिखत कर दिया. १३ देता वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत कर दिया ॥ १४ पाथेडी वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
, बंद करके लिग्वत किया ॥ .