Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 381
________________ १६७] કોન્ફરન્સના ઠરાવને થતા અમલ. [336 પીલવાઈ ગામે શ્રી બીજાપુર વિશા શ્રીમાળી સતાવીશીનું પંચ ભેગું થયું હતું. ત્યાં પણ કન્યાવિક્રય તથા જ્ઞાનની મહત્તા અને પાયદા વિષે ભાષણ આપ્યું હતું. ધારા કમીટીને ધારો કરવાને નાતે તેથી જણાવ્યું હતું. થરા, પાલણપુરમાં–શ્રાવણ વદ ૯ ના રોજ પાઠશાળામાં મેળાવડો થયે હતે. મી. પી. એન. શાહે પાઠશાળાને એક વર્ષને તમામ ખર્ચ આપવા કબૂલ કર્યું હતું. प्रतापगढ---यहां ता० १९।९।०७ को स्थान गुमानजीके मन्दिरमें मान्यवर महता अर्जुनसिंहजी साहबके प्रमुखपणेमें एक बडी सभा होगई. विषय कुरिती निर्णय था, सभामें उपस्थित स्त्री पुरुषों की संख्या १५०० थी. श्रीमान् शेठ लक्ष्मीचन्दजीसाहाब घीया प्राबीन्शीयल सेक्रेटरी श्री जैन श्वेताम्बर कान्फरन्सने कामिल २॥ घंटेतक वक्तृतादी. बाललग्न वृद्धविवाहादि कुरितीयोंका कई श्लोक दृष्टान्तादिकेसाथ अच्छी तरह भाषण दिया. अपवित्र मोरिश चिनीकेभी दुषण बतलाये गये... ___उक्त शेठं साहबके भाषणके पश्चात रातडिया झमकलालनेभी श्रीवेंक्टेश्वरादि पत्रोंकी 'सम्मतीले विदेशी भ्रष्टचिनीनिषेधक विषयमें विवेचना की. सभामंडपमें श्री जैन श्वेताम्बर कान्फरन्सके उत्पादक मिष्टर गुलाबचन्दजीसहाब ढढ्ढा, एम् . ए.का चित्र अपुर्व शोभा दे रहाथा. धनराजजी कांसटीया लिखते है:-पनवाडका मंदिर में जीर्णोध्धार करानेका शेठ दावमलजी खजानचीने कबूल कीया. जहाजपुरके मंदिर में जीर्णोध्धारके लीये १५० रु. गाममेंसे और रु. ५० शेठ दानमलजीकी पाससें लेनेकी गोठवण हुइ. फलोधी-मारवाडसें जैन मित्रमंडळका सेक्रेटरी लिखता है के भ्रष्ट चिनी, केशर, या मुंबती, कलमे पीसा हुवा मैदा इस्तमाल नही कतइ बंदोबस्त करवा दीया गया है. कोन्फरन्सना ठरावोनो थतो अमल. मारवाड परगने जसवंतपुराके गांवोंमें शुमार कुनंदा व्यास जसराजने ठहराव पास कराया और पंचोंकी सही ली जिस्की तफसील नीचे लिखे माफिक. १ ब्यावमें आतिशबाजी ( दारुखाना ) छोडना नहीं तथा बंदूका नहीं छोडनी. २ ब्यावमें पातरियां ( ताइफा ) नहीं नचावणी. ३ पुरुष ४५ पांतालीस बर्ष बाद ब्याव नहीं करना.

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