Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference

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Page 419
________________ १६०७]. कोन्फरन्सना ठरावोनी घेतो अमल. [ ३७३ कोन्फरन्सना ठरावोनो थतो अमल. परगना जसवंत पुरामें शुमार कुन्दा ब्यास जसराजनें ठहराव नीचे लिखे मुजब पास कराया और पंचोंकी सही ली(१) व्याव में बारूद (आतीसबाजी) छोड़ना नहीं. (२) व्यावमें पातरीया (ताईफा) नाचणी नहीं. . (३) ४० वर्ष उपर पुरुषका विवाह करना नहीं. (४) केशर ढढा छाप सिबाय भगवानके चढाना नहीं और न खान पान में लावां नहीं. (५) मोरस खांड तथा मोरस खांडकी मिसरी –मिठाई खाणी नहीं. (६) एक स्त्री मोजूद होवैतो दूसरी स्त्री परणनी नहीं माकूल सबब ओलादको हो तो ____ पंचाकी इजाजतसे परेणे. . (७) व्यावमें सीरै बाजार ( चोहरा ) में नाचणों नहीं. (८) रजिस्वला स्त्री घरमें ४ दीन तक काम करणो नहीं: . (९) पनियारा ऊपर सरवो राखकर दुसरी लोटामें लेकर पानी पीवै. (१०) खेती करनी नहीं और दूसरोंसे कसनी नहीं. (११) होलियोंके दिनोंमे बुरा शब्द गाना नहीं तथा पत्थर धूल फेंकना नहीं.. (१२) व्यावमें ओरत बेजागाल गाणी नहीं (१३) तीलाकी घाणी करानी नहीं-तिल बदेले तेल लेणा नहीं (१४) धोबीका हातका पानी पीना नहीं, (१५) रातको बासी पल्लायाने छाती कुटना नहीं. .. (१६) अपनी जात सिवाय कांसीका बरतनमें खाणों नहीं न चीलम लेणी देणी. (१७) कसाइ जात न बणजणों नहीं चमडाको व्योपार करणों नहीं (१८) नीच जातके सामिल कुएमें पानी भरना नहीं.. (१९) पर्युषणामें ५ दिन व्यापार करणो नहीं ८ दिनतक हल याने खेती करणीं नहीं. (२०) गायके साथमें जो बच्चा बेचै तो उसको उम्रभर बादीन करनेकी कोलसे देव-तथा मोटा नारक्या होजायवै तो उस्कोभी बादीन कराये बंदी रखें(२१) रातका भोजन यां चों तिथीया करनी नहीं. (२२) औरतां ऊबा देवडा लेवे नही पटली देवै. (२३) कुतां नै मीठाई तथा मात्र तीसरे रोजको नाकणी मृतक होवे जब .. (२४) महाजन सिंवाय दूसरा घरका लावणा लेणा नहीं, (२५) हलवाई नीच जातके घरपर काम करनेको जावै नहीं तशा कडाई वर्तन देखें नहीं.

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