Book Title: Jain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Author(s): Gulabchand Dhadda
Publisher: Jain Shwetambar Conference
View full book text
________________
१८०७ ]
પરદેશી ખાંડમાં રહેલી ભ્રષ્ટતા.
[ २०१
देखादेखी करवामां नमुनेदार प्राणी छे. अने तेथीज जो आवी परदेशी खांड थोडाओ के अमुक कोम के अमुक मंडळ पण वापरवी बंध करशे तो तेनी असर बीजाओपर जरूर थवानी एमां कांई संदेह छेज नहीं. अने एम वधतां वधतां ए भ्रष्ट खांड आपणा देशमांथी परिणामे नावुद थशे. हवे आ खांडने हमेशनो देशटो आपवानुं काम जेटली उत्तम रीते अने जेटली मक्कमपणे जैन कोम करी शकशे तेटली बीजी कोइ कोम करी शकशे नहीं एवी आशा रही शके. साधारण रीते जैनो श्रीमान कहेवाय छे अने जैनोनी जीवदया द्रष्टांतिक गणाय छे अने परदेशी खांडमां जीवहत्यानो अवकाश सिद्ध थतो जाय छे वीगेरे कारणोथी जैनोज परदेशी खांडनो एके अवाजे तिरस्कार करी अन्य कोमोमां उत्तम दाखलो बेसाडी तेओने चानक आपवा मोखरे आवशे एम धारी आ अनुकुळ वखते अमोए परदेशी खांड बंध करवा विषेनो अमारो अवाज उठाव्यो छे अने अमे आशा राखीए छीए के आवता पर्युषण पहेली आ बाबतनो जैन संघ छेवटनो फडचो करी देई बहारनी दुनियाने जणावशे के जैनो जीवदयाना शिरसट्टे पण हिमायती छे तथा जे देशनी भूमिओ तेओने धारण कर्या छे ते भूमिने न कामी भारे मारनार नथी पण तेनी उन्नतिना काममां मददगार थई बीजाओने तेओनी फरजनुं भान करावबाबांळा छे. जैनो हालमां जाग्या छे अने साहित्यना तथा तीर्थनी पवित्रता जाळववाना काममां नडनारी अडचणो दूर करवाना कामो पाछळ मंडया छे ए माटे जैन आगेवानाने तथा जैन बीरादरोने धन्यवाद घटे छे, पण अमारे कहेतुं जोइए के परदेशी खांडनो सवाल के जे सवाल " अहिंसा परमो धर्मः आडे आवे छे, अने तेने आपणोज टेको सवाल ने जैन सवालज शा माटे न गणवो जैन सृष्टिमां ठामोठाम आ सवाले जागृति आणी छे बहार पडवो जोइए त्यांथी बहार पडतो नथी अने जो त्यांथी बहार छे के जैन बंधुओ तेने वधावी लोधा विना कदी रहे पण नहीं. तात्पर्य के आपणा आहेर मंडळो, सभाओ तथा आपणी महान कोन्फरन्स जो आ परदेशी खांड नहींज वापरवानो प्रयास करवानुं माथे ले तो तेनी असर जुदीज थवा पामे. परदेशी खांडनो सवाल अमे बहुज अगत्यनो गणीए छीए अने तेम करवाना अमारा कारणो अमे हुंकमां उपर दर्शाव्या छे, तोपण आ ठेकाणे अमारे पुनः कहेतुं जोइए छीए के ए परदेशी खांडना वपराशथी आपणी शारीरिक, धार्मिक अने आर्थिक अवनति थाय छे
ना महान् सिध्धांतनी
आपवा जेवुं
निर्लज कृत्य करीए छीए ते
जोइए ए अमे
समजी
शकता नथी. जोके
तोपण
ज्यांथी आ सवाल
पडेतों अमोने खात्री
,,

Page Navigation
1 ... 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428