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रेनोस २८.
. [ सोमष्ट कन्या विक्रय जो यहांपर छै. २ हजारतो एक आमरूल है परंतु १५०००)
तककी नौबत पहुंची है. ईन महाशयोंने थोडीसी संख्यापर ईस ठरावको पाम _ किया जो के बिलकुल बंदके सदृशही है, आशाहै कि आयंदे बिलकुल बंद
हो जायगा. , . (३) चिलम पीनेकी जो प्रथा आजकल बहु तायतसे है अभक्ष सेवन वाली कौमोंके
सामिल नहीं पीना. (४) शादी नुकताके समय जो भोजन रांधा जाता है वह दूसरे दिन तीसरे दिन
तक बापरते हैं सो बासीका बिल्कुल त्यागही कीया गया. (५) लडकियोंकी शादी विवाहके समय जो पंचाउ लागां लेतेथे जो के यह विषय
कन्या बिक्रयको उत्तेजन देने वालाथा बंध कीया गया. . (६) बिवाहके समय याचकोंको त्याग बांधते हैं और वह पैसा फीर श्रावक लोग
बापरतेथे सो बंध कीया गया. ' (७) मरने समय रात्रीको रूदन करना नहीं, बासी पला यानी पिछली रात्रीको स्त्रीयां
रोती हैं शोक अधिक रखना नहीं, यह सब कितेई बंध कीया गया.. (८) मंदिर खातों और पंचाउ खातोंका हिसाब जुदा रखना और मंदिरका हिसाब
ठीक रखना और कान्फरन्सकी तर्फसे ईन्सपेकटर तसदीक करनेको आवे तो बता देना. परदेसी मेदा, मैणबती, साबण, परोंकी टोपियां, मोरस खांड और परदेशी केसर
बंध ढढा छाप केसर बापरनेका ठहराव कीया.. (१०) रजस्वला स्त्री गृह कार्यमें प्रवृ-त न होवे ४ दिवस तक एकांत स्थलमें रहै. (११) मरने पर दुख बंटानेके लिये (जीसको मोकाण कहते हैं) ज ते हैं और घी
खीचड़ी खाकर आनंद मनाते हैं सैंकडोका धुंवाडा उडाते हैं सो बंध कीया गया. (१२) कीतनीक स्त्रीयां जो व्याखान समयमें उपस्थिती विवाह आदि हर बातमें अप
शब्द गीत गालको नापसंद कीया. (१३) विवाह में आतशबाजी, गणिकाका नाच बंध कीया गया.. (१४) वृद्ध लग्न और बाल लग्न पर उपयोग करना. (१५) मरनेपर ओसर कीया जाताहै सो बंध किया गया, उसकी अवेजमें मीठाईकी
- हांति फेरनी..