Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 02
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मचित्तभूमिदेस 124 भच्चीकरहवे समिदी Mala. 15(1) (comm. अचित्ते हरितकायत्रसकायादिविविक्ते पभंकरा Thans. 4.175(273) चंदस्स णं भंते ! जोतिसिंदस्स चत्तारि अम्गमदग्धे दग्धसमे स्थण्डिले p.20) हिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-चंदप्पभा दोसिणाभा अचिमाली पभंकरा Viy. अञ्चित्तभूमिदेस (a-ccitta-bhumi-desa<a-citta-bhumi- 10.5. 27 (10.90); सूरस्स वि सूरप्पभा मायवाभा अचिमाली पभंकरा Viy. desa) m. a place without living beings, J8. अञ्चित्तभूमिदेसे 10. 5. 28 (10.90): चत्तारि भग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तं जहा -सूरप्पमा पडिलेहित्ता विसज्जेज्जो Mils. 3225) आयवाभा अचिमाली पर्भकरा Jivabhi.3 1026 Jambuddi. 7. 183%3D अच्चिद (accida <arcita) adj. (ppp.) [1. -4 honoured, 2the capital of the queen of the lord ot firat देवलोक situated Worshipped, S. (विदूषक) भेरवाणंदो उण एदाणं संजोअअरो अच्चिदो to the west of the रतिकर mountain, AMR. तत्थ णं से "रतिकरमहग्घिदो अKapMAK. 1.34. 33; (विचक्षणा) ताए वि एकेण दलसंपुडेण पन्वते .- सकस्स देविंदस्स अग्गमहिमीणं ... चत्तारि रायहाणीओ पन्नत्ताओ, भअबदी गोरी जेव अच्चिदा KapMan. 2. 6. 25. तं जहा-समणा, सोमणसा, अच्चिमाली, मणोरमा Thapa.4.346(307); अचिदण (accidāna<arcitvāna-arcayitvā) ger. having Jivabhi. 3.920. honoured or worshipped, JS. उसहादिजिणवराणं णामणिरुति गुणाणु- मच्चिय (acciya <arcita) adj. ppp) [Algo अञ्चिअ] 1 कित्तिं च । काऊण अचिदूण य तिसुद्धिपणमो थवो णेमो MOIS. 24(1) worshipped, AMR. से गं तत्थ अचियवंदियपूश्यसकारियसम्माणिए दिब्वे मचिदियस्थ (accindiyattha<arci-indriyārtha) m. the सच्चे समोवाए सन्निहियपाडिहरे यावि भवेजा Viy. 12.8.202) (12.155); objest of Benge-Organs in the form of fire, JM. (संसारंभोहिमज्झे) साणं तत्थ अधियवंदियपूश्य जाव लाउल्लोइयमहिया यावि भविस्स Viy. दुदंतचिदियस्थोत्थवियसरिसयाहुत्तपस्थाणवक्के CaupCa. 330.9. 14.8.19 (14.103); सेणिएणं रण्णा अच्चिय-दिय-इय-नाणिय-सकारियअच्चिप्पभ (acci-ppabha<arci-prabha) adj. (a heavenly सम्माणिया समाणा पतेयं-पत्तेयं पुवन्नत्थेमु भद्दासणेसु निसीयं ति Nayi. abode) lastrous like tire, AMg. अस्थि णं भंते विमाणाई अचीणि 1.1.275 को देव-दाणव-नरिदगगऽचियस्म धम्मस्स सारमुवलम्भ करे पमाय ? अचियावत्ताई ... अञ्चिप्पभाई ...? हंता अस्थि Jivabhi. 3.175. Av. 49; 50; JM. मुत्ताहल कुसुमपयरच्चियसमरभूमिमाओ Samarika. [अचिप्पभा (acci-ppabha<arci-prabha) I. name of s 60.9; सो थिय मुरासुरचिय-चलणो तुम्हं पि होउ गुरू KumaPra. goddess, AMg. Naya. 8 ? AMgD.] 297. 12; M. पडिमा-गम-णिअ-गअणुप्पलचिअंहोइ थग-नटुं GASaSa. 150; - अनिमालि (acci-mali<arci-malin) m. I the sun, AMg. सवेमणे संविरहे वि देअरे सलाजरामं दिअञ्चियजअं SHKav. 1. 30; Apa. अद्धचंदसंठाणसंठिने अच्चिमालिभासरासिवण्णाभे RayPa. 124%3; एत्थ णं देहि बोहि पउमच्चिय अविचल सुरहिं णमंसिय PANACS.(P.) 17.24.113B बंभलोए ... अन्चिमालिभासरासिप्पमे Pannav. 2.55(202); एत्थं णं... 2 valued, JM. कलमोयणो उ पयसा उक्कोसो हाणि कोद्दबुन्भज्जी। तत्थवि अद्धचंदसंठाणसंठिता अच्चिमालीभासरासिप्पभा Pannav. 2.58(205); मिउतुप्पतरय जत्थ व जं अच्चियं दोसु OghNiBha. 307; जं वत्थं जम्मि 259(206); सोहम्मे णामं कप्पे - अचिमालिभासरासिवण्णाभे Pannav. देसम्मि दुलहं अच्चियं व जं जत्थ । तं खेत्तजुयं कसिणं KappBha. 3934%B 2. 50(197); जहा निसंते तवणऽचिमाली पभासई केवलभारहं तु Dasave. खेत्तमो जं जत्थ खेते अच्चियं मज्झिमं जहणं वा NisCu. 1. 41.21. 9.1.14, 2ngine of a sage, JM. एवं पुच्छिएण चारणेण भणिो मच्चियब्ध (acciyavva<arcayitavya) adj. to be worराया - अचिमाली रायरिसी मम धम्मभाया ततो ते कहे मि-न shipped, JM. (मही) कुसुमेहि अच्चियब्वा PaumCa.(V.) 13. 5. ताव ते पब्वज्जाकालो VagnHI. 125.6%; पुवं चेव अच्चिमालिणा मुणिणा अच्चियावत्त (acciy-avatta <acir-avarta) n. [also अच्चिवरो आइट्ठो Erz. 20. 12; Apa. परिसाहिउ आसि सिरिमच्चि- रावत्त] a kind of heavenly abode, AMg. अत्थि णं भंते विमाणाई मालिनामिण मुणिदिण SAPKuCa. 602.5 3 the minister of s अच्चीणि अश्चियावत्ताई (V.1. अचिरावत्ताई)...१ हंता अस्थि Jivsbhi. 2.175. विद्याधर JM. उज्जाणे णिक्खित्तो, पणया य नामाणि साधेऊण पवणवेगऽच्चि- सचिलेस्स (acci-lessa<arci-lesya) m. a kind of celestial मालिणो अम्हे त्ति Vasudi. 122.29; सुणह देव-राइणो संदेसेणं abode (having the eolonr of a flame), AMg. अस्थि णं भंते विमाणाई सचिवेहिं पवणवेगऽचिमालीहि आणित त्थ VasuHI. 123.5; 4 चारण अच्चोणि अच्चियावत्ताई ... अचिलेस्साई ...?ता अस्थि Jivābhi. 3.175. (Merrant) of विद्याधर, JM. ततो अमरिसेणं ... अधिमाली-नंद-सुनंदा अञ्चिवण्ण (acci-vanna<arci-varna) m. [also अचिवन्न ] भयतो चारणा इत्थ पसत्थज्झाणोवगया लयाघरे चिट्ठति VasuHI. 124.9 akind of heavenly abode (having the colour of a flame), Sname of a chapter of the second श्रुतस्कन्ध of ज्ञाताधर्मकथा, AMg. AMg. अत्थि णं भंते विमाणाई अचोणि अचियावत्ताई.... अञ्चिवण्णाई...? सत्तमस्स बग्गस्स चत्तारि अन्झयणा पण्णत्ता, तं जहा-सूरप्पभा, आयवा, हंता अस्थि Jivabhi. 3. 175. अचिमाली, पभंकरा Nayi. 2.7.25 6. kind of heavenly abode अच्चिसहस्समालि (acci-sahassa-māli < arci-sahasraof लोकान्तिक gods situated in the midst of कृष्णराजी, AMg. अट्ट malin) adj. possessing a garland of thousand rays, AMg. कोनिय विमाणा पन्नत्ता. तं जहा - अच्ची ... अञ्चिमाली ... अग्गिचामे नगिदे ... मणोरमे अच्चिसहस्समाली (say.1.6.13 v.I. Cu. 146.7) TRADR8.625: Viy. 6. 5. 32 (6.106); जे देवा अच्चि अच्चिमालि ... अश्चिसिंग (acci-singa<arci-Srnga) m. a kind of eelesविमाणं देवत्ताए. उववण्णा, तेसि गं देवाणं उक्कोसेणं अट्ठ सागरोवमाई ठिई tis abode (having a flaming pinnaele), AMg. अस्थि णं मंते पण्णत्ता Samav. 8. 15; adj. having a garland of rays, AMg. विमाणाई अञ्चीणि अचियावत्ताई ... अञ्चिसिंगाई ...? हंता अस्थि JIvabbi. (नगिंदे) मणोरमे जोयइ अच्चिमाली Shy. 1.6.13(364) 3.175 [ Sig. takes अच्चिसिंगार for अच्चिसिंग] अधिमालिप्पभ (accimali-ppabha <arcimāli-prabha) अचिसिट्र (acci-sittha<arci-sista)...kind of heavenly adj. lostrous like the sun, AMg. ते गं विमाणा ... अचिमालिप्पभा abode, AML. अस्थि णं भंते विमाणाई अचीणि अचियावत्ताई ... अच्चिसिट्राई भासरासिवण्णाभा SamavPra. 150; दीहाउया इडिमंता - अहुणोववन्न- अचिडाई Jivabhi. 3.175. संकासा भुज्जो अश्चिमालिप्पभा (देवा) Utt. 5.27. बच्चीकर- (acci-kara-<arci-kr-) v. to praise, to wor अचिमाली (accimali<arcimali=arcimalini) 1. 1 shiet ship, to flatter, AMg. जे भिक्खू रायं अच्चीकरेति, अचीकरेंतं बा queen of the sun or the moon, AMg. चंदस्स गं जोति सिंदस्स साइजति Nis. 4.2; जे भिक्खू रण्णारक्खियं अच्चीकरेइ, अच्चीकरेंत वा चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-चंदप्पभा दोसिणाभा अच्चिमाली साइजति Nis. 4. 47. For Private and Personal Use Only

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