Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 02 Author(s): A M Ghatage Publisher: Bhandarkar Oriental Research InstitutePage 90
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org असहिय buddi. p. 59.7; JS दस पाणा पज्जत्ती भट्टसहस्सा य लक्खणा भणिया BodP&. 38; 2 eight thousand, JS. अट्ठसहस्स घणूणं विसया दुगुणा असणि त्ति GomS&. (J.) 168. अट्टसहिय (attha sahiya carthasahita) opensessing meaning, AMg. इंदियाणं अट्ठसहिया तहेब पुच्छा Pannav. 29.21 ( 1932) असामय (attha - Sāmaiya <asta sāmayika) adj. [v.] for अट्ठपमइय ] lasting for eight moments, AMg केवलसमुग्धाए अट्ठसामइए पण्णत्ते Uvav. 144 [Ldn.] 189 अड्डाए p. 4a..11); इंताणं सम्मुहं जाणं, गच्छंताणं अणुब्वए कारण अट्टहासो विणओ ओवयारिओ MasudPa. 76; जिणपूआ अट्ठा होइ VijKevCa. 1. 41. wfag (attha-siddha-guna < asta-siddha-guna) adj. having the eight qualities of a siddha ( liberated soul), Apr. असिद्धगुण जोश्यभर जो Jass. 3.17.15. अट्टसिद्धि (attha-siddhi asta-siddhi) 1. eight supernatural attainments, JM. गुरुपसाया उ अट्ठसिद्धीओ । गुरुमत्तीए 'विज्जासाफलं होर नियमेणं GurTaVi. 1.2. अट्ठसिर (attha-sira<asta-Siras) adj. having eight corners, AMg. एके पुढविसिलापट्टए... णिद्वेषणे अट्ठसिरे आयंसयतलोवमे Uvav.10. अट्ठसीइ (attha-sii<astasiti ) nu eighty-eight, JM. पढमस्स तिविण लक्खा ... लक्खोवरि अडनउई तेणउई अट्ठसीई य Pavaro. 364 ( comm. अष्टाशीतिश्च श्रीअभिनंदनस्य श्रावकाः) et. अट्टासीइ. अट्ठसुवण्ण (attha-suvanna asta- suvarna ) adj. measuring eight suvarnas (a measure of weight), AMg. चउरंगुलपमाणमेत्तं अट्टसुवणं च विसरणं ( कागणिरयणं) Jambudar. 3.95. ... अट्ठसेण (attha-sena ) [ interior reading of stthisena] name of a branch of the Vatea gotra. ef. अट्ठिसेण. अट्ठसोवणिय (attha-sovanniya <asta-sauvarnika) adj. having the measure of eight suvarnas (a measure of weight), AMg. एगभेगस्स णं रण्णो चाउरंत चक्कवट्टिस्स अट्ठसोवण्णिए कागणिरयणे .. अधिकरणसंठिए पत्ते Thāna. 8.61(633) ; अटुकण्णियं अट्ठसोवणियं कागणिरयणं परासर Jambudar. 3.94; 3. 158. अट्ठहत्तर (attha-hattara <asta-saptata ) u. I seventy - eight, AMg. इमीसे रयणप्पभाष पुढवीए ... मज्झे अट्ठहत्तरे जोयणसतसहस्से Pannav. 2. 21 (168) 2.30 ( 177 ); 2.31 (178) ; 2 seventy-eighth JM इद्द पउमचरिए साएयपुरीवण्णणं नाम अट्ठहत्तरं पव्वं समत्तं PaumCa. (V.) 78.56. graft (attha-hattari < asta-saptati). [ho ge रिय] seventy-eight, Amg. उत्तरायणनियट्टे णं सूरिए पढमाओ मंडलाओ एगुणवत्तालीम मंडले अट्ठहत्तरं एगसट्टिमाए दिवसखेत्तस्स निव्वुत्ता णं चारं चरs Samav 78.3; जया णं भंते । सूरिए सब्बन्भंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं भंते । तावकखेत्ते केवइयं आयामेणं पण्णत्ते १ - गोयमा ! अट्ठहत्तरं जोयणसहस्साई Jambudds. 7.32; 7.34. अट्ठहा (attha hā asta-dhā) adv. in eight types of eight varities, AMg. अट्ठा कज्जमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति Viy 12.4.8 ( 12.75 ); अट्टहा कज्जमाणे एगयओ सत्त परमाणुपोग्गला भवंति viy. 12.4.9 (12.76) ; 12.4.10 (12.77); फासओ परिणया जे उ अट्टहा ते पकित्तिया (खंधा य परमाणुणो ) Utt. 36. 20; दसहा उ भवणवासी अट्टहा वणचारिणो Utt. 36. 205; महोरगा य गंधब्बा अट्टहा वाणमंतरा Utt. 36. 207; JM. दंसणमिह मोक्खंगं परमं एयस्स अट्टहायारो । णिस्संकादी भणितो PañeĀ. 9.2; सम्मसणजुत्तो सइ सामत्ये पभावगो होइ । सो पुण इत्थ विसिट्ठो निदिट्ठो अट्ठहा सुत्ते SamSat. (H) 31; अन्नाणतिगं नाणाणि पंच इइ अट्ठहा उ सागारो PañiSami. (C) 1.5 ( 00mm अष्टधैव साकार: -सहाकारेण वर्त्तत इति साकारः वस्तुस्वरूपावधारणरूपो विशेषज्ञानमिति यावत् Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अहिय ( arthahiya astadhika) ady [i] अहि] with the addition of eight, Alg. चत्ताला पणतीसा तीसा उणतीमा बीस अट्ठहिया हो उच्चत्तं । जिण चक्कवट्टि -केसव चउत्थघरयम्मि निधिट्ठ Tittho. 366; JM अट्ठहियसएण जविऊण RitSamu. 153; जावं भट्ठहिअसयं कुणे RitaSamu. 171; इह चउरो गिहिलिंगे दसऽन्नलिंगे सयं व अट्ठहियं । भट्ठ efi chyd kumfa Pesaro. 477. अट्ठहियस्य (atthahiya-saya – astādhika-Sata) adj. [also अटूहीयसय ] hundred and eight, JM इगवण्णगोमएणं अट्ठहियसएण जविऊण RitSamu. 153 बत्तीसाई सिज्झंति अविश्यं जाव अट्ठहीयसयं PavSaro. 12. अट्ठा (atthā <arthāt / artham) adv. [alternation between a long vowel and a short vowel with Anusvåra, with Gen. or in epd.] for the sake of, AMg साहारणट्ठा (0.7. आहारणटुं ) जे केr गिलाणम्मि उवट्टिए। पभू न कुणइ किच्चं Dass. 9.25; अन्नस्स अट्ठा Utt. 12.9; न लवेज्ज पुट्ठो सावज्जं न निरटुं न मम्मयं । अप्पणट्ठा परट्ठा वा Utt. 1. 25; एगो चिट्ठेज्ज भत्तट्ठा Utt. 1.33; संसारमावन्न परस्स अट्ठा Utt. 4.4; भिक्खट्ठा भइज्जम्मि जन्नवाडे उवडिओ Utt. 12.3; तं भुंजभू अम्ह अणुगट्ठा Utt. 12.35; संसारचक्कस्स विमोक्खणट्ठा Utt. 14.4; न जीवियट्ठा पजहामि भोए Utt. 14.32; कस्स अट्ठा इमे पाणा Utt. 22.16; विजयधोसस्स जन्नमि भिक्खमट्ठा उबट्ठिए Utt. 25.5; सव्वदुक्ख नहीणट्ठा पक्कमंति महेसिणो Utt. 28.36; JM ताओ य से अणुकंपणट्ठा भुत्तसेसमाहारं पखिवंति VasuHi. 10.2; तइया य मणी दिब्वो समप्पिओ जीवरक्खट्ठा SurSuCa. 9.9. अट्ठा (atthā <astā ? ) / a group of hair, AMg सयमेव चउहि अट्ठाहिं लोयं करेr Jambuddi. 2.65; JM. उप्पाडियाओ कुडिल-तरंगभंगुराओ मायारूवाओ तिणि केसाण अट्ठाओ KuvMaKa. 209.12; तमो 'इच्छामो' त्ति भणिऊण नमोक्कारपुव्वयं अतुट्टाओ गुरुणा गहियाओ तिण्णि अट्ठाओ SamaraKa. 182.11; इच्छामो त्ति भणित्ता मंगलगं कड्रिऊण तिक्खुत्तो गिव्हर गुरु उवउत्तो अट्ठा से तिन्नि अच्छिन्ना PaüVa. 1. 139 (comm. अष्टाः स्तोककेशग्रहणरूपाः p. 24.4) [ अट्ठा (atthā<āsthā ? ) / PSM at Sūy. 2.1 लद्धट्ठा ( comm. पुष्करिणी... अथवा आस्थातं आस्था प्रतिष्ठा p. 272a. 7 ) ] अट्ठाइस (arthaisa <agavimia) me. [nlee बाईस ] twentyeight, PrāPainga 1.64; 1.86 (?); Pischel. 442. अट्ठाए (atthāe <arthāya) adv. [Dat. of a-ending noun or Gen. of a-ending noun, mostly in epd.] for the sake of, AMg. परस्स अट्ठाए कुराई कम्माई बाले पकुब्वमाणे āyar. 1.2.3.5; 1.2.42; अहं खलु तब अट्ठाए सत्ताणि समारम्भ āyar 18 2 21; संकुचिए पसारए, कायसाहारणट्ठाए Ayar. 1. 88.15 वेयणवेयावच्चे ईरियट्ठाए ब संजमट्टाए Thana 6.41 (500); आतंके उवसग्गे तितिक्खए बंभचेरगुतीए । पाणिदयातवहेउं सरीवुच्छेयणट्ठाए Thāna. 6. 42 (500) ; इमं च णं सोमिले माहणे सामिषेयस्स अट्ठाए बारवईओ नयरीओ बहिया Antag. 56: भवियजणविबोइणट्ठाए ApuOg. 5694; अट्ठाए वा अगट्ठाए भूयगामं विहिंस Utt. 5. 8; पुब्वकम्मखयद्वाए इमं देहं समुद्धरे Utt. 6. 13; कस्सट्ठाए व माहणे Utt. 18. 21; भत्तपाणस्स अट्ठार Utt. 19. 80; तेर्सि विमोक्खणट्ठाए इमं वयणमब्बत्री Utt. 25. 10; छत्तस्स य धारणट्ठाए Dasave. 3.4; भिक्खुभावस्स अट्ठाए दोचं पि ओग्गहे अणुन्नवेयव्वे सिया Br Kapp. 3.32; नो naye निग्गंथाणं निग्गंथिं अप्पगो अट्ठाए पव्वावेत्तए Vava. 7.6; भिक्खु - भावस्स अट्ठाए दोखं पि ओग्गहे vava. 4. 21; जे भिक्खु अप्पणो एकस्स For Private and Personal Use Only ...Page Navigation
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