Book Title: Dictionary of Prakrit for Jain Literature Vol 01 Fasc 02
Author(s): A M Ghatage
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मच्छरसातंदुल 131 अच्छरि 1.463 अच्छरसा जइ एवं तिलुत्तमा णिम्मिया सुरगणेहि Dhutt. 3. 36%3 J8. चमरा DhamPar. 63.11; छपणवइ सहस अंतेउरराणी(?णि) तमु हवाई दिवं भगे अच्छरसाओ अवसस्स सग्गवासं च । पजहंतस्स BhaA rA. 1600; णिज्जियअच्छराणी(णि) CandappaC.(Y.) 4.17.9; अच्छरकोडाकोडीहि .जीविअ-पत्तच्छरस सिर परिअरि अ-जसं । अिंभइ समरं StuBh. 13. 47. जुत्तु (णियलच्छि रिद्धि) Candapraca.(Y.) 1.17.4. मच्छरसातंदुल ( accharasa-tandula < accharasa-tan- अच्छरा (acchara= capputika) 1. Desr. [of. अक्षर a mensure dula) . [ also अच्छरसातंदुल] Exrellent white rice, AMg. of time equal to one fifth of Kasthil, APTE ] snapping of fingers, अच्छेहि सण्हेहि रययामएहि अच्छरसादुलेहि अट्ठमंगले आलिहर RayPa. AMg, से एगाओ समणं वा माहणं वा दिस्सा ... अदुवा णं अच्छराए 291; Jivabhi. 3.457%3 Jambuddi. 3.123; 5.58... अप्फालेत्त। भवति Say. 2.2.31(710) (Cu. अच्छ। णाम चप्पुटिका); ___ अच्छरा (acchara<apsaras) 1. one of the ehief qurens et. अच्छराणिवाय. of Eaka, AMB. स्कस्स देविदस्स चउपहमग्गहिसणं चत्तारि रायहाणीओ अच्छराकाअ (acchara-kamua<apsarah-kamuka) adj. पत्ताओ, तंह -ता भूतवसा गोथूभा सुदंरुणा ... अमलाए, अच्छराए I lover of the heavenly damsel, 5. (देवी) एत्थ इमिणा एव्व उवाअणेण. णवमिताए रोहिणीए Thana 4.247(307) (eomm. राजधान्य क्रमेण अच्छराकामु पेक्खामि ViKramo.2.19.29. कृष्णादीनद्रीन कमेण p. 23314); सकरस देविदस्स अट्ठग्ग-हि- अच्छराकोडी (acchara-kodi<apsarah-koti) I. erore(s) सीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - पउमा ... अंजू अमला अच्छ। ... रोहिणी of heaveuly darnsels, AMg. कहिं णं ताओ अणेगाओ अच्छराकोडीओ। -TANA.27(612); रुकर स ... देविदस्स देवरपणो ... अट्ठ अग्गम हिसीओ अज्ज हणामि Viy. 3.2.28 (3.112); ef. अच्छरकोडि. पण्यत्र ओ. हा-पउमा ... अमला अच्छरा Viy. 10.5.31 (10.92) अच्छराणिवाय (acchara-nivaya capputika-nipata) m. अच्छरा (acchara<apsaras) 1. [Hem.(Gr.) 1.20; 2 21; [also अच्छरानिवाय] snapping of fingers (as a measure of time), MAR(Gr.) 10. 11: 4. 1935 Lakm1.(Gr.) 1.1. 34] n beavenly AMg, केवलकप्पं बुद्धीव दीवं तिहि अच्छरानिवाएहि तिरुत्तखत्तो अणपरिdannel, a nympb, (also their elars), AMg. असुरकुमारा देवा ... ताहि यट्टित्ताणं हब्बमागच्छेज्जा Viy.6.5.5 (6.75); 6.10.1 (6.173): Jivabhi. अच्छा हि सद्धि दिव्वाइं भोगभोगाइ मुंजमाणा विहारत्तए ? ... अह गं ताओ 3.86; Pannav. 36.61 (2169); Uvav. 136. मच्छराओ नो आढायंति नो परियाति Viy. 3.2.13 (3.93,; तं च पुण अच्छालावण्ण (acchara-lavarna<apsaro-lavanya).. निसर्वात सुरगणा रुअच्छरा मोहमोहियमती Panta. 4.3; तत्थ णं जे ते beauty of a heavenly damsel, S. (राजा) बअस्स ... तदो अ... कायपरियारगा देवा तसिणं इच्छामण समुप्पज्जइ इच्छामो गं अच्छर हिं सद्धिं अच्छरालावण्णदसणेण मुणिगणाणं माणसविक्खोहं ... करेंती SinMan. कायपरियारणं करेए Pannav. 34. 19 (205212}); लए तेहि देहि एवं 1.17.7. मणसीक.प समाणे खिप्पामेव ताओ अच्छराओ ओरालाई स्गि राई ... रूवाई अच्छरि (acchari<apsaras) i. a heavenly damsel, nymph, विउव्वति । annav. 34. 20 (2052[2]); 34.24 (2052 [21); देवत्तणम्मि Apt. कि देवि का वि गंधब्वि एह कि अच्छरि वरलावण्णदेह SugDasKa. बहुसो रणसरसणाओ गुरुनियंबाओ। मुक्काओ अच्छराओ, मा रज्जसु 2.2.21. असुइनानीसु Aurat ace. 2.6; भवणवइ-वाणमंतर-जोइस-वमाणियाह मिंद-सईद- अच्छरिअ (accharia<ascarya) n. [also अच्छरिय] [Hem. अच्छरा-सकिन्नर ... | गं जगस्स विज्जाहरस्स तग्गयमणस्स ण दरुणा (Gr.) 1.73; 1.58; 2.66; 2.67; Varu.(Gr.) 11.30; PAILANA. 451] चेव ... उप्पाइयमहंतमाणसचमक्कारे MahaNis. 3.11.8; JM. ऊ अच्छ। मह wonder, astonishment, AMg. एवं गुणगणसक्कास कुणइ सक्को वि किमिह सही, थूरे निक्किट्ठ कलहसील अरे Kunala.(B.) 4.13; अब्दो दुहा वि अच्छरियं VITha. 36%3 JM. कि तुमए ... तत्थ ... अच्छरियं दिटुं Samara Ka. लाहो रणंगणे सूरवीरपुरिसाण। जइ मरइ अच्छराओ, अह जीवइ तो सिरी 68.1; इय जं तत्थ ण दीसइ तं पत्थि जयम्मि किचि अच्छरियं KuvMiKa. लहइ KuvMAKA. 51.19; अच्छति अच्छराओ समच्छराउ ब्व छन्नाओ 8.15; अच्छेरनिरीहाण वि अच्छरिअंकिंव न करेइ KumiCa.. H.) 1.41; KamsPra. 365.30; रम्मविमाणं विभवं गीयं वजं च अच्छरान 3.24; अन्नं च तम्मि देसे गुणाण भवणम्मि एयमच्छरियं SurSuCa. 1.53% NaPakKa. 1.365%; आगया वरच्छर व्व सब्बंग-भूसण-धरा Erz. 64 26%3 कह न कुणइ अच्छरिअं पसन्नचंदस्स सरियं VivMafi. 463 M. णिचं धण-दारM. 'गअण-णिव अ-भिण्ण-घण-भेसि-अच्छरेहि SetaBa. 7.45; अत्थमिआई रहस्स-रक्खणे सविणो वि अच्छरिअं GaudVa.k635 लीलावइ', भणियं अज्जे महिहराण समच्छरेहिं परिमलिआइ वणगएहि समच्छरेहिं SetuBa. 7.62; एयं म्ह अच्छरियं LIla. T16 (मनोरमा, अच्छरिय ते वि जियंति ते वि पहसंति णितच्छरो वि रामाणुलंधिओ निव्विसो वि विसमइओ समुद्दो Lila. 16; ते वि कीलंति MalliMak. 3.18; . (उर्वशी) अहवा चंदादो अमिअंति महणुत्तिण्णाहि व अच्छराहिं परिवालिया लच्छी Lila. 7627 थुब्बतो गंधव्वच्छ- किमेत्थ अच्छरिअं Vikramo. 1.9; (राजा) कहिं पि विसए अच्छरियं दटुं राहिं सिद्धंगणाहिं गिज्जतो Lila. 1289. दीहाउणो का उण अच्छरा अST- इच्छामि KapMai. 1.24.3; (पारिपार्श्वक) किं वि(? पि) अच्छरिअं सुणादु Rav. 9.71; (सूत्रधार)रूवेण जा अच्छरा kamMan.1.03 S. (अनसूया) 'भावो CandLe. 1.5.35 Apa. पेक्खेवि उववणे अवयरिउ जाउ महंतउ देवेहि मेणआ णाम अच्छरा पेसिदा णिअमविग्धकारिणी Sak. 11. 12(1); अच्छरिउ PanmCa.tS.) 3.9.1; पट्टणु जणजणियच्छरिउ Bhavika. 5.11; (दुख) परोप्परदिण्णहत्थआलं च पहसिआओ अच्छराओ BAIRam.15.10; 103.1; 260.103; भडु सुंदनि अवरुवि अच्छरिउ NayCa.(P.) 6.7.4: 8.863 Apa. तोसियामरच्छराई उत्थरंति साहणाई RitNeCa. 3. 6.4; बेणि तं अच्छरिउ नियवि सुविहोयहिं उठ्ठिउ कोलाहलु किउ लोयहि JambiSaCa. वि अच्छरच्छिविच्छोहणियच्छियबद्धमच्छरा MahaPu.(P.) 52.23.1; सुअ 3.6.11; जं दिट्ठउ कि पि मणोहरउ अच्छरिउ वणम्मि मर्मतएण KarCa. अभयमहाएवी सउण्ण अच्छर णावइ णायकण्ण सा जोब्वणरूढ णिएवि ताउ 4.3.11; अच्छरिउ महंतउ एउ पुणु जुत्तु विवज्जइ जंगुणि वि DhamPar. JABCa. 1.25, 10; अम्हई अच्छराउ तुहुँ सुरवइ सउहयलं विमाणयं । किं 3.6.10; जं किउ रिउवहुमुहु कसणभाउ तं निएवि ण कहाँ अच्छरिउ जाउ सग्गसिरे कुडिलं विसाणयं JasCa. 4.3.1; चलिउ जयलच्छीदिण्णसोहु पेक्खे- VaddhaCa. 1 5.10; जिणबिंबु ... अइरवण्णु अच्छरियजणेरउ Chakkammu. पिणु मणि अच्छरहु खोहु NayCa.(P.) 1.9.9; पच्छए तासु महिसि णं अच्छर 5.2.6; अच्छरियहेउ पयडियगुणेहिं CandappaCa.(Y.) 9.5.7. विभम नाम JambasaCa. 10. 15. 35 मीणइ सइ पउलोमी अच्छर सच अच्छरिअं (acchariam<ascaryam) intj. on! wonder ! वि तुह विभवे णिम्मच्छर SudCa.(N.) 7.9.7, अच्छराउ किर सुरणरमोहहि [also अच्छरीअं, अच्छरियं] JM. भो भो पिच्छ पिच्छ अच्छरियं ईसा SadCa.(N.) 8.21.2; मुंजेवि भोग सहुँ अच्छराहि PaumCa.(8.) 2213 रूवपसंया होऊण केरिसं भवत्थं पत्तो JinadaAkhya. II. 61.33%3 8. (तापसी) सबल वि तिय णं मणहर अच्छर DhamPar. 1.11.4; अच्छरकरचलियसिय- अच्छरी! अच्छरीमं Sak. 94.24(7); (नटी) अच्छरिअं अच्छरिमं के For Private and Personal Use Only

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