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अकय]
(४७)
[अकरंडय
उत्पन होने वाला भय; सात प्रकार के भयों मराम लक्षण पाणु; असक्ष. बुरे लक्षण में से एक प्रकार का भय. imaginary वाला; कुलक्षणी. a man possessed fear; one of the seven kinds of of ominous signs or marks. राय. fear. ठा० ५, १; सम० ७; भग० ७, १; । २७६;-संभोग. पुं० (-सम्भोग)- रेख प्रव. १२३४;
(धर्भ सघर्भनी) सम्भोग-प्राप्ति. न किया अकय. त्रि. (प्रकृत) - रेगुं. बिना हुआ ( धर्माधर्म का ) सम्भोग-प्राप्ति. किया हुआ. Unperformed. पण्ह०२,१; experiencing the results of (२) साधुने उद्देशाने न मनावे. साधु के action not done. विशे० ३२३१;उद्देश्य से न बनाया हुआ. not specially सुय. पुं० ( -श्रुत ) सीतार्थ prepared for ascetics. "अकयमका- शास्त्रवेत्ता नहि. अगीतार्थ; शास्त्रज्ञान रहित. रियमसंकप्पियमणाहुयं " भग. ७,१ one not acquainted with the क. प० २, ५०; पंचा० १२, ४१; Sastras or scriptures. वव० ४, ६;
-भागम. पुं०(-भागम) मताभ्यागमन; अकयराणु. त्रि. ( अकृतज्ञ-कृतमुपकारं पर ન કરેલ પાપ વગેરેના ફળની પ્રાપ્તિ; सम्बन्धिनं न जानातीत्यकृतज्ञः) तनारेशाने न्यायशा सिर मेष. बिना किये हुए नहिना२. कृतन; किये हुए उपकार को पाप आदि के फल की प्राप्ति; न्यायशास्त्र भूलजाने वाला. Ungrateful. नाया० ६; का माना हुश्रा एक प्रसिद्ध दोष. experi- ठा० ४, ४; encing the fruits of sins etc. अकयएणुया. स्त्री० (अकृतज्ञता ) तनता; without committing them; A २६॥ ७५४२ने नलिवु ते. कृतघ्नता; well-known fallacy in Nyāya or किये हुए उपकार को भूल जाना. Ingratilogic.विशे०१५;१७;-करण.न०(करण) tude. “ चउहि ठाणेहिं संते गुणे णासेज्जा
४२वायोग्य आमनुं ४२ ते. न करने योग्य तंजहा कोहेणं पडिणिवेसेणं अकयएणुयाए काम को करना. performance of an मिच्छताहिणिवेसेणं " ठा० ४,४; improper action. भत्त० ७६; | अकयत्थ. त्रि० (अकृतार्थ) मतार्थ-तार्थ
-पायछित्त. त्रि. (-प्रायश्चित्त) नशे नहि नि. अकृतार्थ; निष्फल. Unप्रायथित नया धुते. जिसने प्रायश्चित्त न successful; unhappy. राय० २७६; किया हो वह.one who has not aton- नाया०१२; ed for his sins. निसी० १०, १४;, अकरंडय. त्रि० (अकरण्डक-अविद्यमानं मांस
-पुण्य त्रि.(-पुण्य) पुश्यथी २डित होय लतयाऽनुपलच्यमाणं करण्डकं पृष्ठवंशाતે; જેણે પુણ્ય કર્યું નથી તે; અકૃતપુણ્ય. स्थिकं यस्य देहस्याऽसावकरराडकः) ना जो पुण्य से रहित हो वह; जिसने पुण्य नहीं વાંસાનાં હાડકાં માંસથી ભર્યા હોવાથી બહાર किया हो वह अकृतपुण्य. one who भात नथी ते (शरी२). जिस शरीर के has not earned religious merit रीढ़ ( पृष्ठवंश) की हड़ी मांस से भरी हुई होने by holy actions."अकयपुरणजणमणो- से बाहिर नहीं दिखाई देती हो. A body of रहाविव पितिज्ञमाणी" नाया० २; १; १२; / which the spinal cord is not १९; निर.1,9-सक्ख ण. त्रि.(-लक्षण) | visible owing to excess of flesh.
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