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अभंतर ]
(३३६ )
[ अभं-मि-तरग
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practices, reverence etc. sita स्थान. residence in the interior अभंतरिए तवे पं० त० पायच्छित्तं विणो parts. नाया० ८-संवुका. श्री. वेयावचं सम्झायो उमाणं विउस्सग्गो ' (-शम्बूका-अभ्यन्तरान्मध्यभागात् शम्बूका ठा. ६; परह. २, ५; ओव०--परिसा. शंखवृत्तगत्या भिक्षमाणस्य बहिनिस्सरणे स्त्री०(-परिषत् ) मनी सना; समिति भवन्ती गोचरभूमिरभ्यन्तरशम्बूका ) सामना નામે દેવેંદ્રની આંતરિક સભા; મિત્રમંડલી. અંદરથી શંખના આવર્તનની માફક ગોચરી अन्तरंग सभाः देवेन्द्र की समिति नामक કરતાં બહાર નીકળવું તે, અથવા બહારથી आन्तरिक सभा; मित्रमण्डली. inner circle તેવી રીતે ગોચરી કરતાં અંદર આવવું તે; of friends; a private assembly मेयरीनो ये ४२. गाँव के भीतर से शंख of Devendra styled Sanniti. के आवर्त के समान गोचरी करते हुए बाहिर जं० प० ५, ११६; नाया. ८; १४, राय० निकलना, अथवा बाहिर से उसी प्रकार गोचरी -पाणीय. त्रि० (-पानीय-अभ्यन्तरे पानी- करते हुए भीतर श्राना; गोचरी का एक भेद. यं यस्य तत्तथा )नी अं२ पाणी छे सेवा coming out of or going into यो२५४सी आदि स्या. जिसके भीतर पानी | a town after begging alms or है ऐसा चोरपल्ली आदि स्थान. (places | to beg alıns, in a zigzag courso like Chorapalli ) containing | like the lines in a conch. JTO &; water in the interior. नाया. १८; ) -सगडशिया. बी. (-शकटोद्धिका ) --पुक्ख र. पुं० (-पुष्कर) ५०४२४१५ અંગુઠા બે ભેગા અને પેનીને પહોળી કરી
२ मा५. पुष्कर द्वीप का भीतरी हिस्सा. } કાઉસગ્ગ કરવો તે; કાઉસગ્નને એક सू. ५० ८;-पुक्ख रद्ध. न०(-पुष्करार्द्ध) होप.दोनों पैरों के अंगूठे एकत्रित करके और एड़ी મનુષોત્તર પર્વતની અંદર પુષ્કરદ્વીપને ! को चौड़ा करके कायोत्सर्ग करना; कायोत्सर्ग અર્ધ ભાગ; અઢી દીપ અંતર્ગત પુષ્કરાદ્ધ દ્વીપ. ! का एक दोष. a fault in the perforमानुषोत्तर पर्वत के भीतरवाले पुष्करद्वीप mance of Kāusagga viz. का श्राधा भाग; अढाई द्वीपान्तर्गत पुष्कराद्ध joining the toes together and द्वीप. half of Puskaradvipa in
extending apart the heels, the interior of the mountain प्रव० २५६ Manusottara. भग० ८, २; जीवा० | अब्भ-भि-तरप्र. त्रि. (माभ्यन्तर-क) ३;-पुष्फफल.त्रि०(-पुष्पफल-अभ्यन्तरा- सं२y; सांतरि५. भीतर का; आन्तरिक. णि अभ्यन्तरभागवर्तीनि पुष्पाणि फलानि च Internal ; interior. ओव०१८; जं. येषां ते तया)ना सस,पत्र दास होवाथा ५०
७२ मातुं वृक्ष. जिस वृक्ष के फूल अभं-भि-तरओ. अ. (अभ्यन्तरतस् ) फल पत्तों से ढंके होने के कारण नहीं। २ मान; मध्ये. मध्य में; बीच में. In दिखते ऐसा वृक्ष. (trees) with fruits the midst ; in the interior. and flowers hidden by foliage. नाया० १3 राय-वास.पुं० (-वास) संहरा निवास; अभं-भि-तरग. त्रि. ( प्राभ्यन्तरक ) मांतरि निवासस्थानः आन्तरिक निवास- गत मास; 10 माणुस; मंत्रीप्रति
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