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अयण ]
ધ્યાય, પડિલેહણુ આદિ જે કામ હોય તે વખ તેજ તે કામ કરનાર; વખતસર કામ કરનાર. स्वाध्याय, पडिलेहन आदि जो काम जिस समय का हो वह काम उसी समय पर करने बाला; समय पर काम करने वाला. Punctual in the performance of religious and other actions.
आया ० १, २, ५, ८७;
( ३८४ )
अण. पुं० ( श्रयन ) सूर्य हरने भांउलेथी બ્હાર જાય કે મ્હારને માંડલેથી અંદરને માંડલે આવી એક આવૃત્તિ પુરી કરે તેટલા વખત; ત્રણ ઋતુ અથવા છ માસ પ્રમાણે એક અયન થાય છે, એક વર્ષમાં એ અયન થાય. પેથી આષાઢ સુધી ઉત્તરાયણ અને આષાઢથી પાપसुधी दक्षिणायन सूर्य की अन्तरंग या बाह्य मंडल की एक पूरी आवृत्ति में जो समय व्यतीत हो वह एक वर्ष में दो श्रयन होते हैं. एक दक्षिणायन दूसरा उत्तरायण. पौष मास से आषाढ तक उत्तरायण होता है और श्राषाढ से पौष तक दक्षिणायन. यह अयन का समय सूर्य की गति पर अवलंबित है. The duration of time required for the sun to make a complete revolution from outer to the inner orbit or vice versa. जीवा ० ३, ४, जं० प०२, १८; अणुओ० ११५; ओव० १७; सू० प० ठा० २, ४, भग०५, १, ६, ७ २५, ५; विशे० २०७१ श्रध० नि० २८२; ( २ ) से नाभनुं
शास्त्र इस नाम का एक शास्त्र. 2 science of this name. प्रोव० ३५; अयण न० ( श्रुतन - श्रत्सातत्यगमने, भावेवुञ, श्रतनमनादिकालात्सातत्यभवनप्रवृत्तम् ) अનાદિ કાળથી નિરંતર ઉત્પન્ન થવામાં પ્રવર્તેલું. अनादि काल से निरंतर उत्पन्न होने में जो प्रवृत्त हो वह. Being eternally and ceaselessly produced.'अत्ताणमयण
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[ श्रयल
महवा सावज्जमई य जोगंति' विशे०३५७८; अयण. न० ( श्रदन ) अन्न; पोरा. खुराक; अन्न. Food; food stuff प्रव० १३३; यत्त. त्रि० ( प्रयत्न ) या विनानु; यतना रहित यस्नाचार रहित. Without inspec tion in the matter of living beings. दसा० ६, ४;
काल
श्रयर. पुं० न० ( अतर ) सागरेपिभरूप अ परिभाषविशेष. सागरोपम प्रमाण विभाग. A period of time measured by or equal to a Sagaropama. " तीसहिं श्रयरेहिं रयरहिश्रो " प्रव० ४० १; १०४७; विशे० ३३३५; श्रयल. पुं० ( अचल ) अंधा पुत्रટ્ટા દશા, કે જે નેમિનાથ પ્રભુ પાસે દીક્ષા લઇ, ખાર વરસની પ્રવ્રજ્યા પાળી, શત્રુંજય ઉપર
भासने संथारे। री, सि६ क्या. अन्धककृष्ण का पुत्र - छठा दशार्ह, जो कि नेमिनाथ प्रभु के पास से दीक्षा लेकर, बारह वर्ष तक प्रव्रज्या का पालन करके, शत्रुंजय पर्वत पर एक मास का संधारा कर, सिद्धगति को प्राप्त हुआ. The sixth Dasarha, son of Andhakavrisni. He took Dikṣā from Neminatha, observed asceticism for twelve years, practised Santhara for one month on mount Satrunjaya and became a Siddha. अं० १, ६; (२) अंत सूत्रना पहेला वर्गना 'छठ्ठा अध्ययननुं नाम अंतगंड सूत्र के पहिले वर्ग के छठे अध्याय का नाम name of the sixth chapter of the first section of Antagada Sūtra. अंत• १, ६; ( ३ ) त्रि० निश्वय; स्थिर निश्चल; स्थिर. steady; motionless. जं० प० ३, ५२; भग० १, १, कप्प० २, १५; ५, १०३; ( ४ ) प्रथम जागहेतुं नाम प्रथम
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