Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

View full book text
Previous | Next

Page 500
________________ अवयासंऊण ] (४२०) [ नवरकंका अवयासेऊण. सं० कृ० अ० (* अवकाश्य- नक्षत्रो. पश्चिम की ओर रहकर चंद्र के साथ मालिंग्य ) सालिंगन ने. आलिंगन देकर. संयोग करने वाला नक्षत्र.constellations Having embraced. तंडु. causing a conjunction with the moon, remaining in her west. अवर. त्रि० (अपर ) अन्य; मीnj. अन्य; | " पुस्साइयाणं सत्त णक्खत्ता अवरदारिया दूसरा. Another; other. पिं.नि. पण्णत्ता, तंजहा-पुस्सो असिलेसा मघा पुग्वा २१५, ४१५; नाया० १; भग० ३, ७; सू० फग्गुणी उत्तरफग्गुणी हत्थो चित्ता"ठा० ४, प०१८प्रव० ५२७,विशे० ३४६; चं०प०३; ४;-दाहिण. पुं० (-दक्षिण ) पश्चिम अने (२) पछीनु; पार्नु. पीछे का; आखिर का. क्षिय पथ्येने प्रश; नैऋत्य मु. पश्चिम following; next. सूय० २, ६, २; (3) और दक्षिण के बीच का प्रदेश; नैऋत्य कोन. पश्रिम हिशा. पश्चिम दिशा. the west; the region between the west the western direction. सम० १४; and the south i. e. the south(४) ५२ नहि ते; पोते. जो दूसरा न हो west. पंचा० २, १९;-पभोगज. त्रि. वह; स्वयं; खुद. self. विशे० ३३५२; (-प्रयोगज) स्वाभावि; माजना प्रयोग -उत्तर. पुं० (-उत्तर) उत्त२ अने पश्चिम व्यापारी अपन्न यस नाह. स्वाभाविक; दिशा वव्येने प्रश; वायव्य प्रदेश, उत्तर और प्राकृतिक; अकृत्रिम. natural; naturally पश्चिम दिशा के बीच का प्रदेश; वायव्य प्रदेश, produced. विशे० ३३५२;-मम्मवेthe region between the north हित्त. म० (-मर्मवेधित्व ) मीना मर्म and the west; the north-west. વિંધાય નહિ એવું બોલવું તે; સત્ય વચનનો राय०६४;जं०प०४,७३,५,११६:-उत्तरा. २. मे अतिशय. मर्मभेदी वचन न बोलना; स्त्री० (-उत्तरा) वायव्य मुणे; पश्चिम मने सत्य वचन का २० वाँ अतिशय. inoffenउत्त२५च्येनी विशा. वायव्य कोण; पश्चिम sive speech; speech not woundऔर उत्तर के बीच की विदिशा. the ing the feelings of others; the north-west. प्रव० ६६०-रह. पुं. twentieth Atiśaya of truth(-प्रह) सिनो पासो लाम. दिन का ful speech. सम• ३५–मय. त्रि. पिछला पहर-पिछला हिस्सा. the latter (-मत) पीना मत. दूसरे का मत. part of the day. "पुग्वावरगह another's opinion or judg. कालसमयंसि" निसी० १६, ७, ८; ठा. ment. विशे० ६८४;-राय. पुं० (-रात्र) ४, २; अणुजो० २५; पिं. नि. २२५; पाशी रात. पिछली रात. the latter प्रव० ५६८; -दक्षिणा स्त्री० (-दक्षिणा) part of a night. 'पुग्वावररायं जयमाये' નૈઋત્ય ખુણે, પશ્ચિમ અને દક્ષિણ વચ્ચેની आया. १, ५, ३, १५३; विदिशा. नैऋत्य कोण. the inter- अवरकंका. स्त्री. (अपरकका) घात . mediate point of the compass ડના ભરતક્ષેત્રની પદમોત્તર રાજાની રાજcalled the south-west. प्रव. ધાની, જ્યાં દ્રપદીનું હરણ થયું હતું. જ્ઞાતા ७६०; -दारिय. न० (-द्वारिक) पश्चिम ધર્મ કથાના ૧૬મા અધ્યયનમાં તેને વિસ્તાર त२५ २६ी यंदनी साथे मेग लेनार | छे. धातकी खंडान्तर्गत भरतक्षेत्र के पनोत्तर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591